Wednesday, July 14, 2010

शहीदे आजम व उसकी छवि

जब दिल्ली में बैठे हुक्मरान कहते हैं कि शहीदे आजम भगत सिंह हिंसक सोच के व्यक्ति थे, तो भगत सिंह को चाहने वाले, उनको आदर्श मानने वाले लोग दिल्ली के शासकों कोसने लगते हैं, लेकिन क्या यह सत्य नहीं कि शहीदेआजम की छवि को उनके चाहने वाले ही बिगाड़ रहे हैं।

अभी कल की ही बात है, एक स्कूटर की स्पिटनी वाली जगह पर लगे एक टूल बॉक्स पर भगत सिंह की तस्वीर देखी, जो भगत सिंह के हिंसक होने का सबूत दे रही थी। यह तस्वीर हिन्दी फिल्म अभिनेता सन्नी दिओल के माफिक हाथ में पिस्टल थामे भगत सिंह को प्रदर्शित कर रही थी। इस तस्वीर में भगत सिंह को निशाना साधते हुए दिखाया गया, जबकि इससे पहले शहर में ऐसी तमाम तस्वीरें आपने देखी होंगी, जिसमें भगत सिंह एक अधखुले दरवाजे में पिस्टल लिए खड़ा है, जो शहीदे आजम की उदारवादी सोच पर सवालिया निशान लगती है। जब महात्मा गांधी जैसी शख्सियत भगत सिंह जैसे देश भगत पर उंगली उठाती है तो कुछ सामाजिक तत्व हिंसक हो उठते हैं, तलवारें खींच लेते हैं, लेकिन उनकी निगाह में यह तस्वीर क्यों नहीं आती, जो भगत सिंह की छवि को उग्र साबित करने के लिए शहर में आम वाहनों पर लगी देखी जा सकती हैं।

यहां तक मुझे याद है, या मेरा अल्प ज्ञान कहता है, शायद भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर केवल सांडरस को उड़ाया था, वो भी शहीद लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए, इसके अलावा किसी और हत्याकांड में भगत सिंह का नाम नहीं आया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर फिर भगत सिंह की ऐसी ही छवि क्यों बनाई जा रही है, जो नौजवानों को हिंसक रास्ते की ओर चलने का इशारा कर रही हो। ऐसी तस्वीरें क्यों नहीं बाजार में उतारी जाती, जिसमें भगत सिंह को कोई किताब पढ़ते हुए दिखाया जाए। उसको एक लक्ष्य को हासिल करने वाले उस नौजवान के रूप में पेश किया जाए, जो अपने देश को गोरों से मुक्त करवाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा चुका है। भगत सिंह ने हिंसक एक बार की थी, लेकिन उसका ज्यादातर जीवन किताबें पढ़ने में गुजरा है। भगत सिंह किताबें पढ़ने का इतना बड़ा दीवाना था कि वो किताब यहां देखता वहीं से किताब कुछ समय के लिए पढ़ने हेतु ले जाता था। जब भगत सिंह को फांसी लगने वाली थी, तब भी वो किसी रूसी लेखक की किताब पढ़ने में व्यस्त थे, भगत सिंह की जीवनी लिखने वाले ज्यादातर लेखकों का यही कहना है।

फिर भी न जाने क्यों पंजाब में भगत सिंह की उग्र व हिंसक सोच वाली तस्वीरों को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। पंजाब अपने बहादुर सूरवीरों व मेहमाननिवाजी के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है, लेकिन कुछ कथित उग्र सोच के लोगों के कारण पंजाब की साफ सुथरी छवि को ठेस लगी है, हैरत की बात तो यह कि बाहरी दुश्मनों को छठी का दूध याद करवाने वाला पंजाब अपने ही मुल्क में ब्लैकलिस्टड है, जिसके बारे में यहां के गृहमंत्री को भी पता नहीं।

हमारी राज्य सरकार, पानी की रॉल्यटी को लेकर पड़ोसी राज्यों से तू तू मैं मैं कर रही है, लेकिन वो भी उस पानी के लिए जो कुदरत की देन है, जिसमें पंजाब सरकार का कुछ भी योगदान नहीं, ताकि आने वाले चुनावों में लोगों को एक बार फिर से मूर्ख बनाया जाए कि हमारा पानी के मुद्दे पर संघर्ष जारी है। यह सरकार पंजाब को खुशहाल, बेरोजगारी व भुखमरी मुक्त राज्य क्यों नहीं बनाने की तरफ ध्यान दे रही, कल तक बिहार को सबसे निकम्मा राज्य गिना जाता था, लेकिन वहां हो रहा विकास बिहार की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर सुधार रहा है, मगर पंजाब सरकार राज्य पर लगे ब्लैकलिस्टड के धब्बे को हटाने के लिए यत्न नहीं कर रही, यह धब्बा भगत सिंह पर लगे हिंसक सोच के व्यक्तित्व के धब्बे जैसा है, जिसको सुधारना हमारे बस में है। जितना क्रांतिकारी साहित्य भगत सिंह ने पढ़ा था, उतने के बारे में तो उनके प्रशंसकों ने सुना भी नहीं होगा। शर्म से सिर झुक जाता है, जब भगत सिंह की हिंसक तस्वीर देखता हूं, जिसमें उसके हाथ में पिस्टल थमाया होता है। चित्रकारों व अन्य ग्राफिक की दुनिया से जुड़े लोगों से निवेदन है कि भगत सिंह की उस तस्वीर की समीक्षा कर देखे व उस तस्वीर को गौर से देखें, जिसमें वो लाहौर जेल के प्रांगण में एक खटिया पर बैठा है, एक सादे कपड़ों में बैठे हवलदार को कुछ बता रहा है, क्या उसके चेहरे पर कहीं हिंसा का नामोनिशान नजर आता है। अगर भगत सिंह हिंसक सोच का होता तो दिल्ली की असंबली में बम्ब फेंककर वो धुआं नहीं फैलाता, बल्कि लाशों के ढेर लगाता, लेकिन भगत सिंह का एक ही मकसद था, देश की आजादी, सोए हुए लोगों को जगाना, लेकिन मुझे लगता है कि सोए हुए लोगों को जगाना समझ में आता है, लेकिन उन लोगों को जगाना मुश्किल है, जो सोने का बहाना कर रहे हैं, उस कबूतर की तरह जो बिल्ली को देखकर आंखें बंद कर लेते है, और सोचता है कि बिल्ली चली गई। भगत सिंह जैसे शहीदों ने देश को गोरों से तो आजाद करवा दिया, लेकिन गुलाम होने की फिदरत से आजाद नहीं करवा सके। भगत सिंह जैसे सूरवीरों ने अपनी कुर्बानी राष्ट्र के लिए दी, ना कि किसी क्षेत्र, भाषा व एक विशेष वर्ग के लिए, लेकिन सीमित सोच के लोग, उनको अपना कहकर उनका दायरा सीमित कर देते हैं, जबकि भगत सिंह जैसे लोग यूनीवर्सल होते हैं। भगत सिंह की बिगड़ती छवि को बचाने के लिए वो संस्थाएं आगे आएं, जो भगत सिंह पर होने वाली टिप्पणी को लेकर मारने काटने पर उतारू हो जाती हैं।

स्वच्छ जल के लिए १२८०.३० करोड़ का प्रोजेक्ट : पुरी

नितिन/राकेश
बठिंडा। राज्य के  गांवों में दूषित पानी के  कारण बढ़ रही बीमारियों से निपटने के  लिए राज्य सरकार की ओर से १२८०.३० करोड़ की लागत वाला पंजाब ग्रामीण जल सप्लाई व सेनिटेशन प्रोजेक्ट स्थापित कर राज्य के गांवों में पीने वाला साफ व सुरक्षित पानी मुहैया करवाया जाएगा, जो विश्व बैंक की वित्त सहायता से चलाया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट को कामयाब करने के  लिए जल सप्लाई व सेनिटेशन विभाग के जिला प्रोग्राम प्रबंधन सेल, बठिंडा की ओर से विगत दिवस मेहता रिसोर्ट मौड़ मंडी में ब्लॉक मौड़ के  १२ गांवों के  पंच-सरपंचों व ब्लॉक समिति सदस्य के  लिए पंचायती राज्य संस्थाओं के शक्तिकरण सबंधी ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाया गया।
इस प्रोग्राम में ब्लॉक समिति मौड़ के चेयरमैन बलजिंदर सिंह पुरी बतौर विशेष मेहमान पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने पंचायतों को आगे आने व गांवों को साफ पानी मुहैया करवाने के  लिए जल सप्लाई की इस योजना को अपनाने व सफलतापूर्वक ढंग से चलाने को ही पंचायती राज्य की शक्तिकरण की एक मिसाल देकर प्रेरित किया।
इस मौके पर प्रोग्राम प्रबंधन सेल बठिंडा की ओर से अमनदीप सिंह, उप मंडल इंजीनियर, कुञ्लदीप गांधी, राजदीप सिंह बराड़, राजेंद्र सिंह व गुरइकबाल सिंह, गुरविंदर सिंह मान व बीडीपीओ गुरतेज सिंह उपस्थि थे।

महानगरी में नहीं सुधर रही है सड़कों की स्थिति, हादसों की भरमार

-करोड़ों खर्च करने पर भी नहीं हो सका है सड़कों की दशा में सुधार
-हर साल बढ़ रहा है सड़कों पर ट्रैफिक, नहीं हो रहा है सड़कों का विस्तार  
बठिंडा। महानगर बठिंडा में दो सोसायटी ऐसी है जो सड़क हादसों में घायल लोगों को तत्काल चकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाती है। इसमें सहारा जन सेवा और नौजवान वैलफेयर सोसायटी प्रमुख है। इन दोनों संस्थानों की तरफ से अस्पतालों में पहुंचाने वाले मरीजों की बात करे तो प्रतिदिन १२ से १३ लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं इसमें कई लोग मर भी जाते हैं। हर साल बठिंडा जिले में ही छह सौ के करीब लोग हादसों में अपाहिज होते हैं तो सौ के करीब मौत के मुंह में चले जाते हैं। इन हादसों के लिए ट्रैफिक अव्यवस्था के साथ हमारी डामाडोल सड़के काफी हद तक जिम्मेवार है। हमारी सड़कें  देश की आजादी के  बाद क्या कुछ हुआ है और क्या हो रहा है, उसका सही आईना हैं।
मकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट द्वारा अप्रैल में जारी की गई रिपोर्ट के  अनुसार, लगभग आठ करोड़ लोग शहरों की मलिन बस्तियों में रहते हैं। ये वे लोग हैं, जो रोजी-रोटी के  लिए शहरों में आए हैं। इनके  लिए न चमकती-दमकती मोटरगाडिय़ां हैं और न एयरकंञ्डीशंड लो-फ्लोर बसें। ये पैदल, साइकिल और यदा-कदा मोटर बाइक पर दिखते हैं। सडक़ों पर  इनके  लिए सुरक्षित पृथक लेन राज्य के अधितक महामार्गो में भी नहीं हैं। जहां हैं भी, वहां पाकिग    और सामान बेचने के  लिए उन पर व्यापारियों या रेहड़ी चालकों ने कब्जा कर रखा है। पुलिस को हफ्ते से मतलब है, उनकी सुरक्षा से नहीं। ऐसे में उक्त लोग सड़कों पर आवागमन करने के लिए मजबूर होते हैं व यदाकदा हादसों का शिकार हो जाते हैं। वर्तमान में अगर हादसे के शिकार लोगों की तादाद देखे तो इसी तरह के लोग बड़ी गाडि़यों का शिकार होते हैं। सार्वजनिक परिवहन में लगातार गिरावट आ रही है। वर्ष १९९४ में यातायात में सार्वजनिक परिवहन का हिस्सा ४० प्रतिशत था, जो अभी ३० प्रतिशत हो गया है, परंतु निजी गाड़ियों की संチया लगातार  बढ़ती जा रही है। नए-नए मॉडल रोज आ रहे हैं, जो आकार की दृष्टि से पहले की अपेक्षा काफी बडे़ हैं। भीड़भाड़ के  समय १९९४ की अपेक्षा आज सडक़ पर ५० प्रतिशत अधिक गाड़ियां आ गई हैं। वर्ष २०२० आते-आते आज की तुलना में तिगुनी गाड़ियां सडक़ों पर दिखेंगी। दूसरी तरफ सड़कों का आकार व स्थिति वही चालिस साल पहले वाली बनी हुई है। इससे हादसे को बढ़ते है साथ ही यातायात जाम होने की समस्या निरंतर बनी रहती है।
समाज के  एक छोटे से तबके  को राष्ट्रीय आय का अधिकांश प्राप्त हो रहा है। इसी का परिणाम है कि महंगाई के  दिनों में भी कारों की खरीदारी धड़ल्ले से बढ़ रही है। पिछले वर्ष मई में देश भर में १,१३,८१० गाड़ियां बिकीं, जबकि इस साल मई में १,१४,४८१ गाड़ियों की बिक्रञ्ी हुई। बठिंडा में ही हर साल सैकड़ों नए वाहन सड़कों पर उतर रहे हैं। एशिया में भारत मोटर वाहनों का तीसरा  बड़ा बाजार बन गया है। नव धनाढ्य परिवारों में औसतन दो से तीन मोटर गाडिय़ां हैं। पार्किंग को लेकर आए दिन गली-मुहल्लों के साथ बाजारों में हिंसक झड़पें होने लगी हैं। गाड़ीवालों की मनोवृति भी अलग-सी है। सड़कों पर अंधाधुंध गाडिय़ां चलाना आम बात है। पांच लाख रुपये की गाड़ी वाला पांच कौड़ी वाले आदमी की परवाह नहीं करता है और सामने आने पर गाड़ी भी नहीं रोक ता है। परिवहन के  कायदे-कानूनों को ये नवधनाढ्य धता बताते हैं। रसूख और पैसे वाले इन लोगों का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। ऐसे में, सडक़ों की हालत में बहुत सुधार संभव नहीं है, भले ही सरकार जितने भी पैसे लगाए और इरादे करे। भ्रष्टाचार का दैत्य भारी बाधा है। सड़कों में कानून की अवहेलना कर शराब पीकर वाहन चलाना आम बात है वही इस बाबत बने कडे़ नियमों की पालना भी लोग नहीं करते हैं। इन धनाढ़य लोगों को अगर पुलिस कभी गलती से हाथ डाल लेती है तो पैसे दिखाकर आसानी से निकल जाते हैं। जब कानून पैसे के दम पर जेब में रखा जा सकता है तो फिर नियमों को मानने व उनकी पालना करने की जरूरत नहीं होती है, ऐसे में अगर उक्त लोग किसी गली मुहल्ले में किसी के बच्चे को कुचल दे या फिर मजदूर को फेट मार दे तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
ऐसी मानसिकता से ग्रस्त हो चुके समाज में ट्रैफिक नियमों को लागू करना डेढ़ी खीर से कम नहीं है। इसके इलावा महानगरों में ट्रकों व कारों की संख्या में भारी वृद्धि के साथ अप्रशिक्षित चालकों की भरमार हो रही है। परिवहन विभाग में भी तय नियम को तोड़कर किसी को भी लाइसेंस जारी कर दिया जाता है अब कार व ट्रक के कुछ फक्सन आते हो और गाड़ी दौड़ती है तो वह सुगमता से ड्राइवर की डिग्री ले लेता है इसके बाद वह सड़क में कुछ भी करने का लाइसेंस भी हासिल कर लेता है? वर्तमान में सड़क हादसों को रोकने के लिए सड़क प्रबंधन को बेहतर बनाने के साथ ट्रैफिक नियमों की सख्ती से पालना करवाना जरूरी है । हमारे यहां इसका अभाव है। नशे में धुत्त चालकों की संख्या व उनसे होने वाले हादसे बढ़ रहे हैं, अब पुलिस चाहे जो दावे करे। 

विशाल मैगामार्ट ने दी ३० छात्रों को पैलेसमेंट


-बाबा फरीद संस्थान में आयोजित किया गया विशाल कैंप   
बठिंडा। बाबा फरीद ग्रुप आप इंस्टीच्यूशन की तरफ से साल २०१० पलेसमेंट को समर्पित नारे को हकीकत में बदलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के अधीन संस्था में मैगा जाब फेयर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें ३८ कंपनियों ने हिस्सा लिया व इसके बाद लगातार विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों की प्लेसमेंट ड्रइव का आयोजन करवाया जा रहा है। इस कड़ी के तहत  ११ जुलाई को संस्था में विशाल मैगा मार्ट ग्रुप की तरफ से एक प्लेसमेंट ड्राइव  करवाई गई। जिक्रयोग्य है कि विशाल मैगामार्ट कंपनी देश की प्रसिद्ध कंपनी है जिसके बठिंडा सहित देश के लगभग सभी बडे़ शहरों में स्टोर खोल रखे हैं। 
संस्था में आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव में बाबा फरीद संस्था के साथ इस क्षेत्र की दूसरी संस्थाओं के छात्रों ने भी हिस्सा लिया। इस कैंप का मुख्य लक्ष्य संस्था के छात्रों के इलावा मालवा के विभिन्न क्षेत्रों में बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करना है। इस प्लेसमेंट ड्राइव में सौ से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। विशाल मैगामार्ट कंपनी के जयवीर सिंह ने संस्था की तरफ से किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की व छात्रों की योग्यता पर भी संतुष्टी जताई। इस कैंप में तीस छात्रों का चुनाव बतौर स्टोर मैनेजर के तौर पर की गई जो देश के विभिन्न हिस्सों में काम करेंगे। इसमें छात्रों की योग्यता के आधार पर उन्हें दो लाश से साढे़ तीन लाख रुपये का वार्षिक पैकेज दिया जाएगा। बाबा फरीद संस्थान के प्रबंधकीय निर्देशक गुरमीत सिंह धालीवाल ने चुने गए छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संस्था इस तरह के प्रयास आगे भी जारी रखेगी जिससे शिक्षा हासिल कर रोजगार की तलाश करने वाले सौकड़ों छात्रों को लाभ मिलेगा। 


Tuesday, July 13, 2010

दुकान से नौ लाख का माल चोरी

-पुलिस कर रही है घटना की जांच
बठिंडा। चोर गिरोह के सदस्यों ने चोरी की वारदात को अंजाम देते हुए स्थानीय अमरीक सिंह रोड़ पर स्थित एक सेनटरी हार्ड वेयर की दुकान में घात लगाकर लाखों रुपये का सामान गायब कर दिया। अज्ञात लोगों ने वारदात को अंजाम देने से पहले दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ डाला। भारी मात्रा में सामान चुरा ले गये। चोरी हुए माल की कीमत नौ लाख बताई जाती है। घटना स्थल पर पहुंची पुलिस व डॉग स्कावड ने घटना की जांच शुरूञ् कर दी है। जानकारी अनुसार पुलिस को दिये बयानों में अमरीक सिंह रोड़ पर स्थित राज कुञ्मार एंड सन्स केञ् मालिक राज कुञ्मार ने बताया कि उसकेञ् सेंनटरी हार्ड वेयर की दुकान है। वह रोजाना की तरह सोमवार को अपनी दुकान बंद करकेञ् गया था। मंगलवार को जब उन्होंने दुकान का शट्टर खोला तो अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा था, भारी मात्रा में सामान गायब था। दुकान मालिक ने बताया कि उनकी दुकान केञ् पीछे एक खाली प्लाट लगता है। जहां से अज्ञात लोग उनकी दुकान में पीछे केञ् रास्ते दाखिल होकर वारदात को अंजाम दे गये। अज्ञात लोगों ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैञ्मरों को तोडऩे केञ् बाद चोरी की वारदात को अंजाम दिया। चोरी हुए सामान की कीमत ऽ लाख रुपये बताई जा रही है। मौकेञ् पर पहुंची पुलिस ने वारदात वाली जगह का निरीक्षण किया, दुकान मालिक केञ् बयानों केञ् आधार पर अज्ञात लोगों केञ् खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस घटना की गहनता से जांच कर रही है।


लोगों को मिलावटी देसी घी बेचते दो काबू

बठिंडा। सिविल लाइन पुलिस ने स्थानीय चंदसर बस्ती में लोगों को मिलावटी देसी घी बेचने वाले दो व्यक्तियों को काबू किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा ४२० के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी राजू व शाम निवासी चंदसर बस्ती इलाके के भोले-भाले लोगों को देसी घी में डालडा घी की मिलावट करके बेचते हैं। पुलिस ने मौके पर दोनों आरोपियों को काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया है।


तेजधार हथियारों से वृद्ध की हत्या
बठिंडा। जिले के गांव कोठागुरु में अज्ञात व्यक्तिञ् ने तेजधार हथियारों से एक वृद्ध की हत्या कर दी। पुलिस ने मृतक के भाई के बयानों केञ् आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार दयालपुरा पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में नछार सिंह निवासी कोठागुरु ने बताया कि उसका भाई बलवीर सिंह उससे झगड़ा कर अलग मकान में रहता है। सोमवार रात्रि किसी अज्ञात व्यक्ति ने तेजधार हथियारों से उसके भाई की हत्या कर दी। आरोपी वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा ३०२ के तहत मामला दर्ज कर लिया है।


घर से हजारों की नकदी व सामान चोरी
बठिंडा। भुच्चो मंडी के एक घर में घुसकर अज्ञात व्यक्ति हजारों की नकदी, सोना, मोबाइल फोन चुरा ले गये। पुलिस ने घर केञ् मालिक के बयानों के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा ४५७,३८० के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार नथाना पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में पवन कुमार ने बताया कि सोमवार की रात्रि कोई अज्ञात व्यक्ति उसके घर में घुसकर १५००० की नकदी, एक चांदी की राखी, दो सोने के टोपस, एक मोबाइल फोन चुरा ले गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

लेखक राम सरूप अणखी की पुस्तक हड्डी बैठा पिंड रीलीज

बठिंडा। आज टीचर्स होम में पंजाबी के प्रसिद्ध लेखक स्वर्गीय रामस्वरूप अनखी द्वारा लिखित पुस्तक ''हड्डीं बैठे पिंड'' इंकमटैक्स कमिश्नर स.हरजीत सिंह सोही ने रिलीज की जिनका साथ प्रसिद्ध मार्कसवादी  आलोचक सुरजीत गिल, जगमोहन कौशल तथा स्वर्गीय अनखी के सुपुत्र प्रोफेसर क्रांतिपाल तथा प्रसिद्ध गीत लेखक अमरदीप गिल ने दिया। पुस्तक और इसके लेखक स्वर्गीय रामस्वरूप अनखी के जीवन बारे अपने विचार श्रोताओं से सांझे करते हुए मुख्य मेहमान स.हरजीत सिंह सोही ने कहा कि स्वर्गीय अनखी का पंजाबी साहित्य में स्थान अंग्रेजी के नावलकार हार्डी के स्तर का है जिन्होंने अपने लेखों में समय, स्थान तथा आसपास का बाखूबी चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में मालवा के जिन गांवों का जिक्र अपनी एक विलक्षण शैली में अनखी ने किया है ऐसा वृतांत पाठक को अंत तक अपने साथ बांधे रखता है ऐसा समान बहुत कम लेखकों के हिस्से आता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी मालवा क्षेत्र के जन-जीवन बारे कोई बात चलेगी या कोई खोज की जायेगी तो रामस्वरूप अनखी का नाम बार-बार सामने आता रहेगा। यह पुस्तक लोक गीत प्रकाशन ने प्रोड्डैकर क्रांतिपाल के प्रयत्न से तैयार की है।

एमपी ड्राइवर के बेटों पर लगाया परेशान करने का आरोप

-एसएसपी ने दिए मामले की जांच करने के आदेश  
बठिंडा। परसराम नगर वासी तरसेम सिंह पुत्र रणधीर सिंह ने एसएसपी को दी शिकायत में आरोप लगाया कि फरीदकोट के सांसद के एक ड्राइवर का बेटा करमजीत सिंह और अवतार सिंह उन्हें बिना कारण परेशान करते हैं। इसमें सांसद का ड्राइवर सोहन सिंह पंजाब पुलिस में कर्मी है। उक्त लोग बिना कारण उन्हें परेशान करने के लिए पुलिस के पास झूठी शिकायते दर्ज करवा देते हैं जिसमें पुलिस भी उन्हें परेशान करती है। तरसेम सिंह का कहना है कि वह मार्किंटिग करता है, इस दौरान उक्त लोग उसे रास्ते में रोककर जान से मारने की धमकी देते हैं जब भी वह उनका विरोध करता है तो उसे झूठे मामले में फंसाकर थाने में अवैध तौर पर बंद करवा देते हैं। यह सिलसिला पिछले लंबे समय से चल रहा है लेकिन पुलिस उन्हें इंसाफ नहीं दे रही है। पिछले चार साल से उक्त लोग उसे व उसके परिजनों को परेशान कर रहा है। उन्होंने एसएसपी बठिंडा से उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने व उन्हें इंसाफ दिलवाने की मांग की है। शिकायत पर एसएसपी सुखचैन सिंह ने थाना कनाल चौकी को जांच के अदेश दिए है।      

दो कार चालकों ने दो बच्चियों को कुचला, एक की मौत

-कार चालक हादसे को अंजाम देकर मौके से फरार 
बठिंडा। बाबा दीप सिंह नगर में एक कार चालक ने छह साल के बच्चे को कुचल दिया, जिससे उसकी कुछ समय बाद मौत हो गई। जानकारी अनुसार बाबा दीप सिंह नगर में दैनिक मजदूरी करने वाले छोटू लाल अपनी पत्नी उर्मिला और छह साल के बेटे जसवीर सिंह को लेकर राशन कार्ड की फोटो बनाने के लिए जा रहे थे। इसमें बच्चा साइकिल पर सवार था जबकि अभिभावक पैदल जा रहे थे। इसी दौरान एक तेज गति कार चालक ने बच्चे को टक्करमार कर घायल कर दिया। आसपास के लोगों के इकट्ठे होने के बाद कार चालक बच्चे को उसके परिजनों के साथ सिविल अस्पताल ले गए, लेकिन कुछ समय बाद बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद आरोपी कार चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। इसकी जानकारी स्थानीय वर्धमान चौकी को दी गई। इसमें जांच पड़ताल की जा रही है। सामाचार लिखे जाने तक आरोपी के खिलाफ किसी तरह का मामला दर्ज नहीं किया जा सका था। मृतक बच्चे के पिता छोटू लाल ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले में समझौता करने के दबाब डाल रही है जबकि आरोपी की पहचान होने के बावजूद उसके खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है। 
एक अन्य मामले में बीबी वाला चौक पर एक १२ साल की बच्ची को कार चालक ने टक्कर मारकर घायल कर दिया। इस दौरान वह सड़क के किनारे बने फटुपाथ पर बैठी थी। घायल लड़की की एक लात टूट गई। उसकी पहचान मोना रानी वासी टीचर कालोनी केञ् तौर पर हुई है। उसके पिता दैनिक मजदूरी कर परिवार का पालन कर रहा था। सहारा जन सेवा के कार्यकर्ताओं ने लड़की को अस्पताल में दाखिल करवाकर उपचार शुरू करवाया।  

नशा तस्करी का भांडाफोड़ होने के भय में कर दी हत्या

 -कंडक्टर को जहरीली चीज खिलाकर नहर में फैका
-दो माह बाद हत्या के केस से उठा पूरा रहस्य, आरोपी फरार 
बठिंडा। दो माह पहले जस्सी बागवाली में मिले शव का रहस्य आखिरकार खुलकर सामने आ गया। इस मामले में नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले ड्राइवर ने अपने कंडक्टर की मात्र इसलिए हत्या कर दी कि उसका राज वह पुलिस को बताने जा रहा था। फिलहाल दो माह तक केस की जांच पड़ताल करने के बाद पुलिस ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ हत्या का केस दायर कर उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
जानकारी अनुसार गुरचरण सिंह वासी भुच्चो कलां ट्रक ड्राइवरी का काम करता था। वह पंजाब से व्यापारियों का सामान लेकर गुजरात व राजस्थान  ले जाता था। इसी दौरान उसने राजस्थान से अफीम व भु्‌की ट्रक में सामान के साथ लादकर लाने का काम शुरू कर दिया। ड्राइवर गुरचरण के साथ देश सिंह वासी तुंगवाली कंडक्टर का काम करता था। पहले तो देश सिंह को उसके धंधे के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं थी लेकिन दो माह पहले उसे इसकी भनक लग गई। इसमें उसने गुरचरण सिंह से उक्त धंधा बंद करने को कहा, जब वह नहीं माना तो उसने इसकी जानकारी ट्रक मालिक व पुलिस को देने की चेतावनी दे दी। इसी बात से रंजिश में आए गुरचरण सिंह ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची। इसके लिए १४ मई को गुरचरण सिंह ने देश सिंह को अपने साथ गुजरात जाने के लिए कहा। रास्ते में १५ मई २०१० को देश सिंह को जहरीली दवा पिलाकर बेहोश कर दिया व उसे जस्सी बागवाली नहर में फैक दिया। एक दिन बाद उसका शव नहर से सहारा जन सेवा ने बरामद किया था। मामले में पुलिस शक के आधार पर केस की जांच में जुट गई लेकिन उसकी हत्या का खुलासा नहीं हो पा रहा था जबकि ड्राइवर गुरचरण सिंह भी पुलिस को गुमराह करता रहा। पुलिस ने कंडक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीली चीज खिलाने की पुष्टी के बाद ड्राइवर के खिलाफ पुख्ता सबूत हासिल कर लिए। इस केस में ड्राइवर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जबकि पुलिस की एक टीम का गठन कर उसे गिरफ्तार करने के लिए छापामारी की जा रही है।      

मानसून की पहली मुसलाधार बरसात से ही सहम गया सीवर

-सीवरेज बोर्ड के दावे कई क्षेत्रों में हो गए खोखले, लोगों को झेलनी पड़ी परेशानी
-सीवरेज व्यवस्था के सुधार को लेकर किए जा चुके हैं करोड़ों रुपया खर्च
बठिंडा। मानसून की पहली बरसात से ही बदहाल सीवर सहम उठा। आषाढ़ माह में महज दो घंटे हुई बारिश की बौछार से शहर में  ड्डैञ्ले सीवर लाइन की सांस अटक गई। श्रावण की झड़ी अभी बाकी है। खैर मनाइए कि तीन माह से सूखी धरती की गोद ने पानी गिरते ही इसे सोख लिया। नहीं तो शहर 'पानी-पानी' हो जाता। करीब ४० दिनों से चल रहे डीसिल्टिंग अभियान ने निगम की लाज बचा ली। अलबत्ता निकम्मे सीवरेज बोर्ड की कलई खुल गई। करोड़ों रुपये के  प्रोजेक्ट को हाथ में लेकर बैठा सीवरेज बोर्ड इसे लेकर खेल खेलने में मस्त है, जबकि सुखवीर बादल के सपनों की महानगरी बदहाल सीवर से पस्त है। लोकसभा चुनावों में उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल ने दावा किया था कि बठिंडा की सड़कों को चंडीगढ़ की तर्ज पर सीवरेज प्रणाली से ऐसा बनाया जाएगा जिसमें पानी की एक बूंद भी खड़ी नहीं हो सकेगी। 
राज्य में जहां पिछले एक सप्ताह से बरसाती पानी के कहर ढां रखा है वही बठिंडा में इस दौरान पानी की एक बूंद भी नहीं पड़ी थी लेकिन सोमवार को एकाएक पानी बरसा लेकिन कुछ समय बाद ही सड़कों में पानी भर गया। बाहरी क्षेत्र में कीचड़ व गंदगी की भरमार ने लोगों को नाक में कपडे़ रखने के लिए मजबूर कर दिया। यह आलम बठिंडा वासियों के साथ पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि पिछले दो दशक से नगर कौंसिल व बाद में बनी नगर निगम के अधिकारी करोड़ों रुपये के प्रोजेक्टों पर हर साल काम करते हैं। शहर की सीवरेज लाईनों को साफ करने के साथ नए सिरे से बनाने के कागजी दावे जोर शोर से होते हैं लेकिन स्थिति वहीं पुरानी रहती है। हाल में नगर निगम महानगर में सीवरेज सफाई के लिए आधुनिक मशीनों की खरीद का दावा कर रहा है। प्रेसर मशीनों से सीवरेज के अंदर जमी गाद व पालीथीन तक के कागज कुछ समय में ही बाहर होंगे व इसमें नगर निगम को कर्मचारियों की भारी भरकम फौज भी नहीं रखनी पडे़गी। बरसात से पहले नगर निगम के साथ सीवरेज बोर्ड की बैठकों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के  अलावा सीवर के  अपग्रेडेशन पर भी सीवरेज बोर्ड ने खूब सिरखपाई की। बरसाती पानी केञ् निकासी को लेकर प्रोजेक्ट बनाने को अब और तब शुरू  करने का वादा किया गया, लेकिन बात अभी भी कागजों में सीमित है। 

सड़कों का हुआ भारी नुकसान

दूसरी तरफ पंजाब के  कई स्थानों पर आई बरसात और बाढ़ के  कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा शहरों व गांवों में बनाई गई लिंक और प्लान सडक़ों का भी नुकसान होने की संभावना है। सरकार से आदेश मिलने के  बाद लोक निर्माण के  अधिकारी होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाने में लगे हैं। लेकिन लिंक सडक़ों पर पानी खड़ा होने के  चलते विभाग को नुकसान का आकलन करने में काफी परेशानी हो रही है। बताया जाता है कि इससे विभाग द्वारा बनाई गई करोड़ों रुपये की सड़कें  पानी की भेंट चढ़ गई।
बरसात के  चलते पंजाब के  कई स्थानों पर बाढ़ आ गई। जिस कारण लोगों व सरकार का काफी नुकसान हुआ है। इस दौरान लोक निर्माण विभाग  द्वारा बनाई गई सडक़ों पर भी असर पड़ा है। इसके  चलते सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग के  अधिकारियों को खराब होने वाली सडक़ों के  बारे में जानकारी जुटाने को आदेश दिया गया है। जानकारों के  मुताबिक बरनाला, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, संगरूञ्र , रोपड़ , मोहाली, मानसा, लुधियाना जिलों में बाढ़ व बरसात के  पानी को लेकर खराब होने वाली सडक़ों का डाटा तैयार करने में अधिकारी जुट गए है। 

बारिश से खेतों को मिली संजीवनी

काफी दिनों से धोखा दे रहा मानसून क्षेत्र पर आखिरकार मेहरबान हो गया है। क्षेत्र में शुरू  हुई रिमझिम बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं आम लोगों ने भी गर्मी व उमस से काफी राहत महसूस की। गौरतलब है कि मालवा के कई क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही थी। मानसून में बिना बारिश लोगों की परेशानी बढ़ रही थी। बारिश न होने से मानसून का भटकना था। पटियाला, बरनाला, समराला में भारी बारिश से मानसून का दबाव क्षेत्र बदल गया था। अब बठिंडा क्षेत्र में बारिश हुई तो संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बारिश देखने को मिलेगी। बिना बारिश किसान कुञ्छ ज्यादा ही विचलित थे। बरसात न होने से किसानों की धान की फसल सूख रही थी। भूजल स्तर भी गिरता जा रहा था। किसानों को बिजली के  अलावा डीजल इंजन का इस्तेमाल कर अपनी फसल को पानी मुहैया करवाना पड़ रहा था। इंद्रदेव प्रसन्न हुए और क्षेत्र में बारिश हुई। बारिश से जहां पारा करीब ४० डिग्री रहा था। बारिश न होने से ३० डिग्री तापमान हो गया। तापमान गिरने से बिजली की खपत में भी कमी आई है। बारिश का दौर मंगलवार की सुबह तक जारी रहा। विभिन्न इलाकों में बारिश अलग-अलग गति से हुई। 

Monday, July 12, 2010

जतिंदर शर्मा ने इमानदारी का दिया परिचय

मिशाल---इमानदारी अभी भी जिंदा हैः रेलवे जक्शन बठिंडा में ड्राइवर के तौर पर कायर्रत जतिंदर शर्मा ने इमानदारी के परिचय देते हुए एक व्यक्ति के उपयोगी दस्तावेज व २१ हजार रुपये के करीब ड्राफ्ट वापिस किए। उक्त सामान उन्हें रेलवे स्टेशन बठिंडा में गिरा मिला था। इन दस्तावेजों में लिखे फोन नंबर पर संपर्क साधकर उन्हें सूचित किया व गुम दस्तावेज वापिस किए। जतिंदर शर्मा डेरा सच्चा सौदा सिरसा के श्रद्धालु और ग्रीन बिग्रेड के सक्रिय सदस्य भी है। 

अबैकस से बढ़ेगी बच्चों में समझने की क्षमता

-रामां मंडी में शार्प ब्रेनस सेंटर की शुरूञ्आत हुई 
रामां मंडी(बठिंडा)। बच्चों के दिमाग को तेज व तीव्र विकसित करने के लिए अबैकस शिक्षा पद्धति प्रदान कर रही चैलेंजर्स अबेकस एजुकेशन चंडीगढ़ ने रामां मंडी की एसएसडी धर्मशाला में एक समागम आयोजित कर शार्प ब्रेनस सेंटर का शुभारंभ किया। समागम के  मुख्य मेहमान स्टार प्लस कानवेंट स्कूल  चेयरमैन श्री विजय लहरी थे।
चैलेंजर्स ग्रुप  संजीव कुञ्मार ने इस मौ पर बताया कि अबैकस एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जिससे एक छोटा सा बच्चा पल भर में इतनी बड़ी बड़ी गणनाएं कर लेता है जो बड़े बड़े व्यक्ति कैलकुलेटर के माध्यम से भी नहीं कर सकते। इस शिक्षा प्रणाली का दूसरी कक्षा से लेकर नौंवी कक्षा तक के विद्यार्थी लाभ उठा सकते है। इस पद्धति से न केवल बच्चे का दिमाग विकसित होता है बल्कि सोचने-समझने व सही लिखने की क्षमता का विकास भी होता है। 
शार्प ब्रेनस के डायरेक्टर रंजीव गोयल ने अब रामां मंडी व आस पास के क्षेत्र के बच्चों को अबैकस शिक्षा के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बच्चे स्थानीय शहर में ही मेंटल मैथ से जोड, घटाव, गुणा व विभाजन आदि के र्फामूले आसानी से सीख सकेंगे। 
समागम के दौरान रामपुरा फूल से आए विद्यार्थी दिवांश गर्ग, खुशी गर्ग, पीयषू गोयल, मुस्कान गर्ग एवं भुच्चो मंडी से ईशिता गर्ग, विपुल गर्ग, अंकिता गर्ग, ध्रुव सिंगला, अनुपम मित्तल व दीपांशू मित्तल ने लाइव डेमो के दौरान बड़ी बड़ी केल्कुलेशनों को सैंकडों में हल कर सभी लोगों को अचंभित कर दिया। मुख्य मेहमान श्री विजय लहरी ने सभी बच्चों को पुरस्कार भेंट कर सम्मानित भी किया। इस मौके अन्य के अतिरिक्त समाज सेवी सुरेश कांसल, एडवोकेट सुवेग गर्ग, कमल बांसल, तरुण कुञ्मार, जवहार लाल, जगननाथ सिंगला आदि भी मौजूद थे। 



वन विभाग सुस्त, वन माफिया हुआ चुस्त

-रातों रात काट दिए जाते हैं कीमती पेड़, नहीं कसा जा रहा शिकंजा
बठिंडा। एक तरफ जहां नन्हीं छांव मुहिम के  अंतर्गत सांसद हरसिमरत कौर बादल पौधों को प्रसाद के  रूञ्प में वितरित कर चारों ओर हरियाली लाने की सपने देते जा रही हैं। वहीं वन मंत्री तीक्ष्ण सूद ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए जाने की बात कहते हैं। वर्तमान में बरसात के सीजन में राज्य भर में लाखों पौधे लगाने के लिए अभियान छेड़ने का दावा किया जा रहा है पर वृक्षों की अंधाधुंध कटाई जारी है। रात को चोरी हो रहे कीमती पेड़ उक्त  मुहिमों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। वन माफिया लगातार वृक्ष काटने में लगा है, और वन विभाग आंखें बंद कर बैठा है। इससे पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है वही पहले से कम हो रहे रकबे का प्रतिशत भी घटता जा रहा है। वन विभाग ने कुछ समय पहले सभी आरा संचालकों की बैठक कर उनके लाइसेंस बनाने का अभियान शुरू किया था व इसमें कई आरा संचालकों को चेतावनी भी दी गई थी कि वह इस तरह की तस्करी करने वालों को संरक्षम प्रदान करने से बाज आए, लेकिन इसके बावजूद इस धंधे को बेलगाम संरक्षण मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि वन माफिया द्वारा लगातार कटाई जारी है। जबकि संबंधित विभाग मूक दर्शक बन कर सब कुछ देख रहा है। कई स्थानों पर तो वाइल्ड लाइफ द्वारा लगाई गई कंटीली तार भी चुरा ली गई है। बठिंडा के  आस-पास पड़ते गांव बीडबहिमण, बीड़तलाब, भुच्चों कलां, भूस मंडी, गोनियाना रोड  के  आसपास वन विभाग की जमीन पूरी तरह से माफियां के शिकंजे में है, जिसमें रातो रात दर्जनों पेड़ काटकर बेच दिए जाते हैं व इसकी कानों का किसी को खबर तक नहीं हो पाती है। कई मामले तो ऐसे हैं जिसमें पहले बने खेतों में प्लांट काटने के बाद रास्ता देने के लिए वन विभाग की जमीन से सैकड़ों पेड काटकर बेच दिए गए है। विभाग ने कई व्यक्तियों पर लकड़ी काटने के जुर्म में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया था लेकिन यहां वृक्षों को चुराने वालों को नहीं रोका जा सका है। गांव निवासियों का कहना है कि नन्हीं छांव मुहिम तभी साकार होगी जब विभाग के  अधिकारी अपनी जिम्मेवारी समझेंगे। 

स्कूल के इर्दगिर्द घूमने वालों पर कसा जाएगा शिकंजा

 -शिक्षा संस्थानों के बाहर खडे़ होकर करते है लड़कियों से छेड़खानी
-पुलिस विशेष अभियाम शुरू कर गुंडा तत्वों पर लगाम कसेगी   
बठिंडा। महानगर के मध्य ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने के साथ स्कूली छात्राओं से छेड़खानी करने वाले गुंडा तत्वों व वाहन चालकों की अब खैर नहीं है, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस ने अब शहर के  स्कूलों के  इर्दगिर्द छुट्टी के  समय गलत इरादे से घूमने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसने का फैसला लिया है। जानकारी अनुसार महानगर में इन दिनों स्कूलों व कालेजों के इलावा विभिन्न चौकों में आवारगर्दी करने वाले नौजवानों का ताता लगा रहता है। इसमें शिक्षा संस्थान लगने के साथ छुट्टी के समय लड़कियों को छेड़ने व उनपर अभद्र कमेंट कसने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बाबत अभिभावकों की तरफ से पुलिस के पास निरंतर शिकायते आ रही थी। ट्रैफिक पुलिस के लिए उक्त आवारा युवक इस मायने में भी सिरदर्दी खड़ी कर रहे है कि इसमें ज्यादातर बिना नंबर वाले वाहनों, साइलेंसर खोल कर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले मोटरसाइकिलों के अलावा बेहद तेज गति से चलने का काम किया जाता है जिससे ध्वनी प्रदूषण के साथ हादसों की संभावना बनी रहती है। इससे पहले इंटी गुंडा स्टाफ के मार्फत पुलिस इस तरह के तत्वों पर शिकंजा कसने का काम कर रही थी लेकिन कुछ समय से उक्त अभियान रुका पड़ा है जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने आने वाले दिनों में इस अभियान को जारी रखने का फैसला लिया है। इसमें अचानक नाके  लगा कर वाहनों की जांच भी की जाएगी ताकि आम आदमी के  लिए परेशानी बने हुड़दंगबाजों पर शिकंजा कसा जा सके । पुलिस इसमें शहर वासियों से भी सहयोग लेगी। फिलहाल पुलिस की इस मुहिम से आम लोगों को राहत मिलने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था में परेशानी दूर करने में सहयोग मिलेगा।  

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