नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर इस साल की आखिरी मन की बात की। मोदी ने कहा कि चार दिन बाद साल बीतने वाला है। इस साल कई चुनौतियां और संकट आए, लेकिन हमने नया सामर्थ्य पैदा किया है।
मन की बात की मुख्य बातें
लोगों ने नए साल में नए विचार भेजे
आज 27 दिसंबर है। 4 दिन बाद नए साल की शुरुआत होने जा रही है। अगली मन की बात 2021 में होगी। मेरे सामने आपकी लिखी ढेर सारी चिट्ठियां हैं। आप जो सुझाव भेजते हैं, वह भी हैं। कई लोगों ने फोन पर अपनी बात बताई। ज्यादातर बातों में बीते वर्षों के अनुभव और नए साल के संकल्प हैं। अंजली जी ने लिखा है कि इस बार हम ये नया काम करें कि देश को बधाई दें, शुभकामनाएं दें।
नमो ऐप पर मुंबई के अभिषेक जी ने एक मैसेज पोस्ट किया है। कि 2020 ने जो दिखाया दिया, जो सिखाया, वह कभी सोचा ही नहीं था। ज्यादातर लोगों ने देश के सामर्थ्य की भरपूर तारीफ की है। जब कोरोना के समय लोगों ने ताली-थाली बजाकर हमारे कोरोना वॉरियर्स को सम्मान किया था, उसकी लोगों ने तारीफ की है।
अब आत्मनिर्भरता पर जोर
साथियों देश पर काफी संकट आएं, दुनिया में सप्लाई चैन में बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट का हिम्मत से सामना किया है। दिल्ली के अभिनव को बच्चों को गिफ्ट देने थे। वे झंडेवालान बाजार गए। अभिनव बताते हैं कि वहां दुकानदार यह बोलकर सामान बेच रहे हैं कि ये खिलौने मेड इन इंडिया हैं। लोग भी भारत में बने खिलौनों को पसंद कर रहे हैं। यह बदलाव एक साल में हुआ है। इस पैमाने को अर्थशास्त्री भी नहीं तौल सकते।
स्वदेशी का इस्तेमाल करें
मुझे विशाखापट्टनम से वेंकट मुरलीप्रसाद जी ने एक अलग ही तरह का आइडिया शेयर किया। वे लिखते हैं- मैं आपको 2021 के लिए अपना ABC अटैच कर रहा हूं। मुझे समझ में नहीं आया कि ABC से उनका क्या मतलब है। तब देखा कि वेंकट जी ने चिट्ठी के साथ एक चार्ट भी अटैच कर रखा है। ABC से उनका मतलब है आत्मनिर्भर भारत चार्ट ABC। यह बहुत ही दिलचस्प है।
वेंकट जी ने उन सभी चीजों की पूरी लिस्ट बनाई है, जिन्हें वे रोज इस्तेमाल करते हैं। वेंकट जी ने कहा है कि हम जाने-अनजाने में उन विदेशी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके विकल्प भारत में आसानी से उपलब्ध हैं। अब उन्होंने कसम खाई है कि मैं उसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करूंगा, जिनमें हमारे देशवासियों की मेहनत और पसीना लगा हो।
हमारे प्रोडक्ट्स विश्वस्तरीय हों
वोकल फॉर लोकल ये आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में अब यह सुनिश्चित करने का समय है कि हमारे प्रोडक्ट्स विश्वस्तरीय हों। जो भी ग्लोबल बेस्ट है, वह हम भारत में बनाकर दिखाएं। इसके लिए हमारे उद्यमी साथियों को आगे आना है। स्टार्टअपप्स को भी आगे आना है।
आज शहादत का भी दिन
अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए कई बलिदान दिए गए हैं। 27 दिसंबर को गुरु गोविंद जी के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें, लेकिन उन्होंने कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई। दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन फिर भी वे टस-से-मस नहीं हुए। आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी- माता गुजरी ने भी शहादत दी थी।