लुधियाना. शिक्षामंत्री विजय इंद्र सिंगला के आदेश के बाद वीरवार को 5वीं से 8वीं तक के बच्चे स्कूल पहुंचे। पहले दिन सरकारी स्कूलों में हाजिरी 10 फीसदी रही जबकि ज्यादातर निजी स्कूलों ने स्टूडेंट्स को नहीं बुलाया। निजी स्कूलों ने इतनी जल्दी स्कूल खोलने के शिक्षामंत्री के आदेश को ठीक न मानते हुए पेरेंट्स की इजाजत व पूरी तैयारी के साथ ही 5वीं से 8वीं तक के बच्चों को बुलाने की बात कही। कुछ निजी स्कूल सोमवार से स्कूल खोलने की प्लानिंग कर रहे हैं और कुछ अभी पेरेंट्स की कंसेंट के साथ ही अगले 10 दिनों तक डिसाइड करेंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही 7 व 8 जनवरी को पेरेंट्स टीचर मीटिंग करवाने के आदेश जारी किए गए थे। इसलिए कुछ बच्चे पेरेंट्स के साथ स्कूल पहुंचे तो कुछ स्टूडेंट्स सुबह स्कूल के समय ही पहुंच गए और पेरेंट्स मीटिंग के लिए आए पेरेंट्स के साथ ही चले गए। स्कूल में पेरेंट्स को मौके पर ही डीईओ आफिस की ओर से जारी कंसर्ट लेटर दी गई। जिसे स्कूल आते समय स्टूडेंट्स को साथ में लाना होगा।
वहीं, शिक्षामंत्री विजय इंद्र सिंगला को खुश करने के लिए स्कूलों ने पीटीएम में आए बच्चों को भी अटेंडेंस में जोड़कर दिखा दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिला लुधियाना में पहले दिन 5वीं क्लास में बच्चों की हाजिरी 47.87 फीसदी दिखाई गई है। जबकि भास्कर टीम ने कुछ स्कूलों में दौरा किया तो वहां उपस्थित 10 फीसदी की करीब ही रही।
पसोपेश में अभिभावक-बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं
पेरेंट्स टीचर मीटिंग के दौरान टीचर्स की ओर से पेरेंट्स को डीईओ की ओर से जारी लेटर दी गई। जिसे बच्चों के स्कूल आने की जिम्मेदारी पेरेंट्स की ही होगी। इसे लेकर पेरेंट्स कंफ्यूज हैं कि बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं। गिल गांव से पीएयू स्मार्ट स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग में पहुंचे रोहित ने बताया कि अध्यापकों ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बोला है। बोर्ड की क्लास होने के कारण बच्चे को भेजना पड़ेगा। हैबोवाल के रोहन सिंह ने बताया कि उनके बच्चे 6वीं और 7वीं कक्षा में पढ़ते हैं। टीचर ने पीटीएम में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बोला है और स्कूल आते समय बच्चों को कंसेंट लेटर भरवा कर भेजने के लिए कहा है।
परंतु वह अभी बच्चों को नहीं भेजेंगे। सरकारी प्राइमरी स्कूल सेखेवाल के पेरेंट्स सोनू चौधरी ने बताया कि उनके एक बच्चा 6वीं कक्षा में पढ़ता है। स्कूल ने एक लेटर भरकर बच्चे को स्कूल भेजने के लिए बोला है। परंतु वह बच्चे को अभी स्कूल नहीं भेजेंगे। क्योंकि स्कूलों में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पाएगा और बच्चा अभी छोटा है।
स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, नहीं दिखी सोशल डिस्टेंसिंग
इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से सरकारी स्कूल दो बच्चों के बीच 6 फिट की दूरी को मेनटेन नहीं कर पाए। इस बार एडमिशन भी अधिक की गई है। ऐसे में किसी भी हाल में सरकारी स्कूल सोशल डिस्टेंस को फॉलो नहीं कर पाएंगे जोकि कम हो रही महामारी को बढ़ावा देने का खतरा बना रहेगा।
प्रिंसिपल बोले-अभिभावकों से बात करने के बाद ही लेंगे कोई निर्णय
इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से सरकारी स्कूल दो बच्चों के बीच 6 फिट की दूरी को मेनटेन नहीं कर पाए। इस बार एडमिशन भी अधिक की गई है। ऐसे में किसी भी हाल में सरकारी स्कूल सोशल डिस्टेंस को फॉलो नहीं कर पाएंगे जोकि कम हो रही महामारी को बढ़ावा देने का खतरा बना रहेगा।