- इलैक्ट्रोहोमोपैथिक फाउंडेशन पंजाब विंग के बठिंडा में आयोजित होने वाले समागम में मान्यता के मुद्दे पर गर्म दिखे ईएच डॉक्टर्स।
- केक काट मनाई इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा के जनक डा. काउन्ट सीजर मैटी की 212 वीं जयंती। दीप प्रजवलित कर डॉक्टर मैटी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
बठिंडा: इलेक्ट्रोहोम्योपैथी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के नेशनल प्रेसीडेंट, डॉक्टर पी. एस पाण्डेय ने कहा है कि इलेक्ट्रोहोमियोपैथी सहित दुनिया भर में अल्टरनेटिव मेडिसिन सिस्टम की मांग बढ़ रही है। चिकित्सा जगत में पांचवीं पद्धति आज अपने वजूद के लिए लड़ रही है। 11 जनवरी को केंद्र सरकार ने इस बाबत दिल्ली में मीटिंग बुलाई है, जिस पर देश भर में काम कर रहे तकरीबन पांच लाख ईएच डॉक्टर्स में उम्मीद की किरण जगी है। ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रोहोम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया (जेबीईएचपीसीआई) ने अपने डॉक्यूमेंट सबमिट कर दिए हैं। डाक्टर पाण्डेय ने कहा कि अगर बैठक में सार्थक परिणाम नहीं निकले तो इलेक्ट्रोहोम्योपैथी फाउंडेशन विश्व स्तर पर इस मुद्दे को लेकर जाएगी। ईएच डॉक्टर्स आंदोलन को तेज़ करेंगे।
इलैक्ट्रोहोमोपैथिक फाउंडेशन पंजाब विंग के बठिंडा में आयोजित समागम में ईएच डॉक्टर्स अति उत्साहित दिखे। इस दौरान फाउंडेशन के पंजाब प्रमुख डॉ. प्रो. हरविंदर सिंह, महासचिव डॉ. वरिंदर कौर, मध्य प्रदेश प्रमुख डॉक्टर दिनेशचंद्र श्रीवास्तव, डॉ एम.एस हुसैन, नेशनल एडवाइजर आदि ने केक काट कर इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के जनक डा. काउन्ट सीजर मैटी की 212 वीं जयंती मनाई। इस दौरान दीप प्रजवलित कर डॉक्टर मैटी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
भारत सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, स्वास्थ्य और अनुसंधान विभाग के सचिव डी. आर. मीणा की ओर से इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को एलोपैथी, आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी के बाद पांचवीं पद्धति के रूप में मान्यता देने बाबत दिल्ली में ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रोहोम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के साथ मीटिंग बुलाई गई है। ज्वाइंट बॉडी ईएच के संयोजक डॉक्टर के. डी. तिवारी को लेटर भी जारी किया गया है।
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी फाउंडेशन (ईएचएफ) के अध्यक्ष डॉ. पी. एस. पांडेय ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में चिकित्सा पद्धति की सुविधा और मनुष्य जीवन के लिए चिकित्सा पद्धति की आवश्यकता धीरे धीरे बढ़ती जा रही हैं। हमारे देश में वर्तमान में एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, और यूनानी ये चार चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित हैं।
इतने बड़े देश की हमारी जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा चिकित्सा से वंचित हैं। जरूरत इस बात की है कि सरकार इलेक्ट्रोहोम्योपैथी जो पेड़ पौधों पर आधारित सस्ती से सस्ती चिकित्सा पद्धति है अपने देश मे लागू करे। जिससे जन साधारण भी बिना बाधा के लाभ उठा सके। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी फाउन्डेशन के कार्यक्रम में महासचिव डॉक्टर वरिंदर कौर, उप प्रधान प्रो. दविदर सरोवा, बठिंडा प्रधान डॉक्टर धर्मिंद्र पाल, ज्वाइंट सेक्रटरी डॉ हरदीप सिंह, प्रेस सेक्टरी डॉ. परमिंदर सिंह, खजांची डॉ. राजिंदर सिंह, मीडिया कॉर्डिनेटर डॉ. रितेश श्रीवास्तव, एग्जीयूटिव मेंबर्स डॉ. जसवीर सिंह, डॉ. स्वामी नाथ, डॉ. राजीव कौर, डॉ. दर्शन सिंह, प्रो. मोनिका आदि खास तौर पर मौजूद थे।
फोटो/ बठिंडा में इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन पंजाब की ओर से डॉ. काउंट सीजर मैटी के जन्मदिन पर केक काटते फाउंडेशन के ऑल इंडिया प्रधान डाक्टर पी एस पाण्डेय, पंजाब प्रमुख डॉ. प्रो. हरविंदर सिंह, महासचिव डॉ. वरिंदर कौर, डॉ. दिनेश सी. श्रीवास्तव, डॉ. एम एफ हुसैन आदि : इस दौरान दीप प्रजवलित कर पुष्प अर्पित किए गए।