सोमवार, 11 जनवरी 2021

बठिंडा के रामा मंडी में पूर्व फौजी ने गोली मारकर की आत्महत्या


बठिंडा/रामा मंडी. रविवार रात मानसिक परेशानी के चलते रिटायर्ड फौजी ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली ।पुलिस से मिली जानकारी अनुसार रिटायर्ड फौजी गुरदेव सिंह पुत्र महिंदर सिंह बंगी कला जो स्थानीय शेरे पंजाब स्कूल के पास रहता था और पिछले काफी लंबे समय से डिप्रेशन का शिकार था जिसका बठिंडा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। कल जब रात को उसने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर निकाली तब उसकी पत्नी ने उससे अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से अपनी छाती में गोली मार ली जिसके चलते मौके पर ही उसकी मौत हो गई । वहीं घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय समाज सेवी संस्था हेल्प लाइन वेलफेयर सोसायटी के प्रधान बौबी लहरी अपने साथियों विक्की पूरबा रिंका मिस्त्री ललित गोयल ओर बौबी सिंगला सहित एंबुलेंस लेकर घटनास्थल पर पहुंचे जिन्होंने सब इंस्पेक्टर गुरपाल सिंह की उपस्थिति में लाश को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल तलवंडी साबो पहुंचाया गया।इस मामले में पुलिस ने मृतक फौजी गुरदेव सिंह के परिजनों के बयानों के आधार पर 174 की कार्रवाई करते हुए लाश को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दी।

बठिंडा बाजाखाना रोड पर संतुलन बिगड़ने से ट्राला पलटा, 2 लोगों की मौके पर मौत 2 गंभीर घायल


बठिंडा.
बठिंडा बाजाखाना रोड पर हररायेपुर के पास एक राख का भरा हुआ ट्राला अचानक संतुलन बिगड़ जाने से उलट गया। ट्राला में सवार चार लोग बुरी तरह से टाले में फस गए। इसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जख्मी लोगों को सहारा जन सेवा के वर्करों ने पहले गोनियाना मंडी सिविल अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने हालत गंभीर होने पर सिविल अस्पताल बठिंडा में रैफर कर दिया। दुर्घटना की सूचना सहारा मुख्यालय में मिलने पर सहारा जनसेवा की लाईफ सेविंग टीम व एम्बुलेंसें मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार व संदीप गोयल मौके पर पहुंचे। थाना नईया वाली पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंची। 



गांव वालों की सहायता से एक घंटे की मश्कत के बाद ट्राले में फंसे घायलों को बाहर निकाला। सहारा टीम ने एम्बुलेंस द्वारा चारों घायलां को गोनियाना अस्पताल में पहुंचाया। जहां डयूटी पर तैनात डाक्टरो ने दो घायलों को मृतक घोषित कर दिया व अन्य दो घायलों को बठिंडा अस्पताल में रैफर कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई के बाद दोनो शवों को सहारा टीम ने बठिंडा अस्पताल की मौर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया। ट्राला पीबी 03 ए.जे 9463 बठिंडा से रोपड़ की ओर जा रहा था। मृतकों की शिनाख्त सुखविंदर सिंह पुत्र मंगा सिंह उम्र 45 साल  निवासी माडल टाउन फेस वन, राम सिंह पुत्र मेजर सिंह उम्र 35 साल निवासी कोटकपूरा के तौर पर हुई व घायलों की पहचान सुखविंदर कौर पत्नी सुखविंदर सिंह उम्र 40 साल माडल टाउन फेस-वन व करणदीप सिंह पुत्र सुखविंदर सिंह उम्र 18 साल के तौर पर हुई।



बठिंडा में तिकोनी चौक में स्विगी डिलीवरी बॉय पर जानलेवा हमला करके बाइक छीनी


बठिंडा.
रविवार की देर रात जीटी रोड पर तिनकोनी के समीप फूड ऑर्डर देने जा रहे स्विगी कंपनी के डिलीवरी ब्वॉय पर हमला कर लूट को अंजाम दिया। इसमें आरोपी हमलावर युवक का वाइक लेकर फरार हो गए। जानकारी अनुसार कोमल मेहता वासी गली नंबर तीन प्रताप नगर स्विगी कंपनी में डिलीवरी ब्याय का काम करता था। गत रविवार की रात वह सामान की डिलीवरी करने के लिए निकला। इसी दौरान जीटी रोड तीनकोनी के पास बाइक सवार दो युवकों ने उसे घेरकर मोबाइल मांगा। जैसे ही स्विगी बॉय बाइक से नीचे उतरने लगा यो बाइक सवार युवकों ने गंडासे से स्विगी बॉय पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने गंडासे से वार किया तो उसका उल्टा हिस्सा उसे लगने के कारण युवक सड़क पर गिर गया। इसके बाद वह जान बचाने के लिए भागने लगा। हमलावर स्विग्गी डिलीवरी ब्वॉय का बाइक लेकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वालंटियर्स ने घायल को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। घायल की पहचान कोमल मेहता पुत्र अशोक मेहता निवासी गली नंबर 3 प्रताप नगर के तौर पर हुई। मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई है जिसमें पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। 

फोटो सहित-बीटीडी-1-हमलावरों की तरफ से घायल किए व्यक्ति का सिविल अस्पताल में उपचार करते।

पंजाब में बिजली आठ फीसद महंगी करने की तैयारी में पावरकाम, लुधियाना के उद्यमियों ने जताया विराेध

 


लुधियाना। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन (पीएसपीसीएल) की ओर से बिजली के दामों में आठ प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने के एलान ने इंडस्ट्री की नींद उड़ा दी है। अगर बिजली के दामों में बढ़ोतरी की जाती है, तो इंडस्ट्री के लिए आने वाले समय में पंजाब में उद्योग चलाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। उद्यमियों ने इस बढ़ोतरी का सख्त विरोध करने की घोषणा की है।

उद्यमियों ने कहा कि पहले ही पंजाब में देशभर में सबसे महंगी बिजली मिल रही है। ऐसे में एक बार फिर कोविड के बाद आठ प्रतिशत दाम बढ़ाकर इंडस्ट्री को बड़ा झटका देने की योजना है। इंडस्ट्री ने इसका सख्त विरोध कर सरकार को कारखानों का चाबियां तक देने की बात कही है। वहीं व्यापारियों ने भी पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के बैनर तले इसको लेकर लड़ीवार संघर्ष और दुकानों के बाहर प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी है।

इंडस्ट्री कोविड के चलते इंडस्ट्री काे नुकसान

यूनाइटेड साइकिल एवं पार्टस मैन्यू्फेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक इस समय इंडस्ट्री कोविड के चलते पहले ही भारी नुकसान में है और कच्चे माल की उपलब्धता न होने के चलते प्रोडक्शन प्रभावित हो रही है। ऐसे में लागत मूल्य बढ़ने से इंडस्ट्री को उत्पादों की बिक्री करना मुश्किल हो रहा है। अब अगर बिजली के दामों में आठ प्रतिशत का इजाफा होता है, तो इंडस्ट्री के लिए बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।

इंडस्ट्री को राहत दे सरकार

फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल आर्गनाइजेशन (फिको) के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि यह समय इंडस्ट्री को राहत देने का है। ऐसे में पांच रुपए बिजली के वायदे को पूरा करना चाहिए। जबकि सरकार आने के बाद कई बार दामों में इजाफा हो चुका है और अब फिर बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। इंडस्ट्री इसका सख्त विरोध करेगी, सरकार को इस बढ़ोतरी की सिफारिश को रद्द करना चाहिए।


बठिंडा के बाबा दीप सिंह नगर में उधार लिए 15 लाख देने के लिए घर बुला हथियारों की नोक पर अश्लील विडियो बना 8.10 लाख वसूले


 -विडियो सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर कर रहे थे पांच लोग सथियों के साथ मिलकर ब्लैकमेल

-पुलिस के पास दर्ज करवई शिकायत के बाद पांच पर केस सभी आरोपी फरार

बठिंडा. एक व्यक्ति ने महिला क 15 लाख रुपए उधार दिए जब उसने पैसे वापिस मांगे तो उसे घर बुलाकर उसके कपड़े जबरदस्ती उतार विडियों बनाकर वायरल करने की धमकी दी जिसमें महिला के साथ पांच ज्ञात व कुछ अज्ञात लोग मिले हुए थे। इसमें 15 लाख देने की बजाय व्यक्ति को ब्लैकमेल करने लगे व उससे 8 लाख 10 हजार रुपए की अतिरिक्त वसूली कर ली। यही नहीं मामला उस समय बढ़ गया जब उसे विडियो वायरल करने की धमकी देकर फिर से पैसों की मांग की जाने लगी। मानसिक तौर पर परेशान व्यक्ति ने मामले की शिकायत कनाल पुलिस के पास की जिसमें पांच आरोपियों व कुछ अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। कनाल पुलिस के पास सुखविंदर सिंह वासी माहीनंगल ने शिकायत दर्ज करवाई कि बाबा दीप सिंह नगर में रहने वाली महिला मंदीप कौर के साथ उसकी जानपहचान थी। इसमें कुछ समय पहले उक्त महिला ने उससे 15 लाख रुपए उधार लिए थे व कुछ समय में देने का वायदा किया था। इस राशि को वापिस लेने के लिए उसने संपर्क किया तो उसे कहा गया कि उसके पास पैसे आ गए है वह उसके घर आकर पैसे ले जाए। वह जब पैसे लेने के लिए बाबा दीप सिंह नगर में गया तो वहां जसविंदर कौर वासी दीप सिंह नगर बठिंडा, मनदीप कौर, सर्वजीत कौर, पंमी कौर, बलदेव सिंह, संदीप सिंह व कुछ अज्ञात लोग हाजिर थे। बाबा दीप सिंह नगर में गली नंबर सात में जसविंदर कौर के घर में दाखिल हआ तो उक्त लोगों ने मिलकर उसे घेर लिया व हथियारों के बल पर उसे अंदर के कमरे में लेकर चले गए। जहां कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया व दो लोगों ने उसके कपड़े उतार दिए व विडियो बनाने लगे। इसके बाद उसे धमकी दी गई कि अगर उसने पैसे मांगे तो वह इस विडियों को सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। वही उक्त लोगों ने धमकी देकर उससे 8 लाख 10 हजार रुपए इस बात के वसूल कर लिए कि वह विडियो को फोन से हटा देंगे। पैसे देने के बाद भी उक्त लोग उसे ब्लैकमेल करने लगे व बलात्कार का झूठा मामला दर्ज करवाने की धमकिया देने लगे। इसके बाद मामले की शिकायत थाना कनाल कालोनी के पास की गई। इसमें पुलिस ने उक्त सभी आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

गौरतलब है कि बठिंडा में पिछले छह माह में लोगों को ब्लैकमेल कर वसूली करने का तीसरा मामला सामने आया है। इसमें पहले एक आरकेस्ट्रा ग्रुप में काम करने वाली महिला ने अपने साथियों के साथ मिलकर जहां आर्मी में तैनात कर्मी को ब्लैकमेल कर लाखों की वसूली की वही एक महिला व उसके कुछ साथियों की तरफ से एक व्यक्ति की अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने से परेशान होकर गांव गुमटी कलां निवासी एक युवक ने जून 2020 में खुदकुशी कर ली। थाना दयालपुरा पुलिस ने मृतक युवक के पिता के बयान पर आरोपित दो महिला समेत सात लोगों पर खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने व ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज किया गया थापुलिस का मानना है कि जिले में कई गिरोह है, जोकि मिलकर काम करते है। थाना दयालपुरा पुलिस को शिकायत देकर गांव गुमटी कलां निवासी निरधड़क सिंह वासी गुमटीकलां ने बताया था कि गांव ढिलवां की रहने वाली महिला वीरपाल कौर ने एक गैंग बना रखा है। इस गैंग में आरोपित गुरविदर सिंह निवासी गांव गुमटी कलां, गांव ढिलवां वीरपाल कौर, प्रवीण कौर, मंजीत सिंह, अमरजीत सिंह निवासी जलाल व दो अन्य लोग शामिल हैं। गिरोह पहले युवकों को फोन कर अपने जाल में फंसाते हैं व बाद में उन्हें लड़कियों से मिलाकर उनकी वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देते हैं। यही नहीं इसमें लोगों से राशि वसूल कर ब्लैकमेल किया जाता था। इस गैंग ने उसके बेटे जसबीर सिंह उम्र 30 साल को अपने चुंगल में फंसा लिया व मिलीभगत कर उससे दोस्ती कर वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इन लोगों से परेशान उसके बेटे जसबीर सिंह ने बीती 28 जून 2020 को कोई जहरीली चीज निगल ली, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर बीती 29 जून को उसकी मौत हो गई।

पटियाला में डीजीपी से पहचान का झांसा देकर भर्ती के नाम पर आठ लाख रुपये ठगे, केस


 पटियाला :
थाना सिविल लाइन के अंतगर्त आते इलाके में एक दंपती ने अपनी डीजीपी से पहचान होने की बात कहते हुए सब इंस्पेक्टर भर्ती कराने का झांसा देकर आठ लाख रुपये ठग लिए। ठगी दो साल पहले हुई थी लेकिन आरोपितों ने पैसा लौटाने के नाम पर टालमटोल करना शुरू कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को शिकायत की। थाना सिविल लाइन पुलिस ने मामले की पड़ताल के बाद अमरजीत सिंह निवासी खुड्डा रोड सनौर की शिकायत पर आरोपित गुरप्रीत सिंह संधू व उसकी पत्नी प्रीति वालिया निवासी अर्बन एस्टेट फेज वन व बलजीत सिंह सैणीमाजरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल तीनों ही फरार हैं।


अमरजीत सिंह के अनुसार आरोपित गुरप्रीत संधू उनके साथ प्रापर्टी के काम को लेकर अक्सर मिलता रहता था। आरोपित ने उससे कहा कि उसकी जान पहचान डीजीपी के साथ है, ऐसे में वह युवकों को पुलिस में भर्ती करवा सकता है। डीजीपी के कोटे में एएसआइ व सब इंस्पेक्टरों की भर्ती करवा रहा है, इसके लिए युवकों का ग्रुप चाहिए। अमरजीत ने कहा कि उनके साले की मौत के बाद उसके बेटे को उन्होंने खुद पाला था, जिस वजह से वह भांजे के भविष्य को लेकर चितित था। ऐसे में उसने सोचा कि भांजा पुलिस में भर्ती हो जाएगा। उसने साल 2018 में आरोपित को आठ लाख रुपये दे दिए। पैसा लेने के बाद आरोपित ने भांजे को नौकरी नहीं दिलाई। जब पैसा लौटाने को कहा तो आरोपित टालमटोल करने लगा। इसी कारण पुलिस को शिकायत कर दी थी। 15 से अधिक लोगों को ठगा


अमरजीत सिंह ने बताया कि आरोपित गुरप्रीत संधू अपने ससुराल वालों की अर्बन एस्टेट स्थित कोठी में रहता था। उसने 15 से अधिक लोगों को नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगा था। इनमें से कुछ लोगों ने केस भी दर्ज करवा दिया था। केस दर्ज होने के बाद ही उन्हें पता चला कि आरोपितों ने एक नहीं कई लोगों के साथ ठगी की है। मामले में गुरप्रीत की पत्नी प्रीति वालिया को पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है, जो बाद में जमानत पर बाहर आ गई थी।


पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के पाेते बोले- कृषि कानून रद हो तो राजोआणा की रिहाई पर नहीं एतराज


लुधियाना/नई दिल्ली।
पंजाब में पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्‍या के दोषी बलवंत सिंह राजोाआणा की रिहाई को लेकर सियासत के बीच लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और उनके चचेरे भाई विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने बड़ा बयान दिया है। बिट्टू और कोटली का कहना है कि अगर केंद्र सरकार तीनों कृषि सुधार कानून रद कर दे तो उनके परिवार को राजोआणा की रिहाई पर एतराज नहीं है। कोटली ने यह भी कहा कि अगर राजोआणा माफी मांग ले तो उन्हें उसकी रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं है।


विधायक कोटली ने कहा, राजोआणा माफी मांग ले तो रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं

बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने शनिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि राजोआणा को रिहा किया जाए। इसके बाद रविवार को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर करते हुए बिट्टू ने कहा है कि उनके दादा बेअंत ¨सह ने हमेशा किसान हितों की बात की। राज्य में आतंकवाद खत्म कर किसानों के हितों की रक्षा को ही तरजीह दी।

बिट्टू ने कहा कि यदि केंद्र की सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले तो कोटली परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सीबीआइ को सारे केस वापस लेने के लिए लिखित में देने को तैयार है। बिट्टू ने कहा कि पंजाब, पंजाबियत और हिंदू व सिख भाईचारे के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं।

इसके साथ ही बिट्टू ने आरोप लगाया कि शिअद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बी टीम है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आह्वान पर बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर इस मामले की 26 जनवरी से पहले रोजाना सुनवाई करने की अपील की गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चार दिसंबर, 2020 को केंद्र सरकार से पूछा था कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को लेकर राष्ट्रपति को प्रस्ताव कब भेजा जाएगा।

चंडीगढ़ की एक अदालत ने 27 जुलाई, 2007 को राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी। जिसे 12 अक्टूबर 2010 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था। जिसके बाद राजोआणा ने इस फैसले के खिलाफ न तो अपील दायर की और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की। इस मामले में जगतार सिंह हवारा को भी मौत की सजा सुनाई गई थी।

गुरमीत सिंह, लखविंदर सिंह और शमशेर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह सहित 17 लोग मारे गए थे।

सुखबीर पर बरसे बिट्टू

बिट्टू ने कहा कि सुखबीर बादल कह रहे हैं कि बलवंत सिंह राजोआणा को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाना चाहिए। लेकिन वह (बिट्टू) पूछना चाहते हैं कि अगर पांच बार मुख्यमंत्री रहे आपके (सुखबीर) पिता की हत्या हुई होती तो क्या आपका बेटा उनके हत्यारोपितों को छुड़वाने या रिहा करवाने के लिए जाता। उधर, विधायक कोटली ने भी कहा कि शिअद ने हमेशा हर मुद्दे का राजनीतिकरण किया है और कभी भी शांति का समर्थक नहीं रहा।


पंजाब में कोरोना अपडेट :जनवरी के 10 दिनों में जिले के 335 मरीज रिकवर, अब तक 95 फीसदी मरीज स्वस्थ

 


चंडीगढ़। 
जनवरी के 10 दिन बीत चुके हैं। लेकिन इन 10 दिनों के दौरान पॉजिटिव आने वाले लोगों से ज्यादा रिकवर होने वाले रहे हैं जो राहत की खबर है। यही नहीं इन 10 दिनों से 5 दिन ऐसे रहे हैं जिनमें लुधियाना के 30 से भी कम संक्रमित रहे हैं। वहीं, छह दिन ऐसे रहे जिनमें लुधियाना के एक भी मरीज की मौत नहीं हुई। रिकवरी रेट भी अच्छा रहा। जिनमें 4 दिन 40 से ज्यादा स्वस्थ हुए।

जनवरी में अब तक लुधियाना में कुल 391 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इनमें लुधियाना के 329 संक्रमित पाए गए। जबकि इन 10 दिनों के दौरान 335 मरीज स्वस्थ हुए हैं। यानि जनवरी के कुल केसों के मुकाबले रिकवरी रेट 85 फीसदी का रहा है। राहत की ये भी खबर है कि अब हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले मरीजों की गिनती में भी गिरावट हो रही है।

लुधियाना में एक्टिव 317 केेस में से 76 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सिविल हॉस्पिटल में जहां लुधियाना के सिर्फ 5 ही मरीज एडमिट हैं। जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में सिर्फ 39 ही मरीज एडमिट हैं। जबकि लुधियाना का एक भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं है। यानि गंभीर स्थिति में कोई मरीज नहीं है।

रविवार को लुधियाना के 33 संक्रमित, 317 एक्टिव केस

रविवार को लुधियाना में कोविड के 40 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 33 लुधियाना, 7 दूसरे जिलों व राज्यों से संबंधित हैं। वहीं, 1 मरीज की मौत हुई जो जालंधर से संबंधित है। 26 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। लुधियाना के अब तक 25102 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। इनमें से 23808 मरीज रिकवर हो चुके हैं। जोकि कुल केसों का 95 फीसदी हिस्सा है। लुधियाना के अब 1.3(317 केस) फीसदी ही एक्टिव केस हैं। इनमें 242 होम आइसोलेशन में हैं। लुधियाना के अब तक 977 मरीजों की मौत हो चुकी है। अन्य जिलों व राज्यों से अब तक 3760 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। इनमें से 37 एक्टिव केस हैं। 460 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है।

86 मरीजों को किया होम क्वारेंटाइन: रविवार को 2306 सैंपल्स लिए गए। इनमें से सरकारी सेंटर्स में 1783 आरटी-पीसीआर, 2 रैपिड एंटीजैन और 1 ट्रूनेट का सैंपल रहा। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में 393 आरटी-पीसीआर सैंपल, 85 रैपिड एंटीजैन और 42 ट्रूनेट के सैंपल रहे। 1514 सैंपल्स की रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं, रविवार को पॉजिटिव आए केेसेस में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क का केवल 1 मरीज, 1 पुलिस कर्मी, ओपीडी के 11 मरीज, आईएलआई के 14 मरीज और 1 ट्रेवलर की रिपोर्ट पॉजिटिव रही। 18 रैपिड रिस्पांस टीमों ने 105 मरीजों की स्क्रीनिंग की। इनमें से 86 को होम क्वारेंटाइन किया गया। 940 एक्टिव होम क्वारेंटाइन केस हैं। 55466 को अब तक होम क्वारेंटाइन किया जा चुका है।

सिटी में सिविल हॉस्पिटल, डीएमसी में बनेगी वैक्सीनेशन साइट: वैक्सीनेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी की तारीख की घोषणा कर दी है। हर जिले में फिलहाल 5 ही सेशन साइट्स रखने के लिए कहा गया है। लेकिन उन सेशन साइट्स में कितनी टीम लगेंगी इसके बारे में फिलहाल क्लियर नहीं किया गया है। एक टीम द्वारा 100 लोगों की वैक्सीन एक दिन में की जा सकती है। एक टीम में कम-कम से 10 हेल्थ केयर वर्कर्स रहेंगे। लुधियाना में सबसे ज्यादा 30 हजार हेल्थ केयर वर्कर हैं। ऐसे में टीमें भी उसी तरह से बनाई जाएंगी ताकि वैक्सीनेशन के लिए ज्यादा समय भी न लगे। सिविल सर्जन डॉ. सुखजीवन कक्कड़ ने बताया कि लुधियाना में 5 साइट्स बनेंगी। इनमें शहर में दो जिनमें सिविल हॉस्पिटल और डीएमसी हॉस्पिटल होगी। एक-एक साइट जगराओं, खन्ना और रायकोट में बनाई जाएगी।​​​​​​​


अगली बैठक में भी समाधान पर सस्पेंस:किसान नेता बोले- हमेें पता है होना कुछ नहीं, सरकार को बेनकाब करने के लिए मीटिंग में जाएंगे


 नई दिल्ली। बीते शुक्रवार किसानों की सरकार के साथ बातचीत एक बार फिर से विफल रही। अब 15 जनवरी को किसान नेता 9वीं बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। लेकिन इस बैठक को लेकर भी किसान नेताओं में कोई उत्साह नहीं है और करीब सभी किसान नेता ये मान रहे हैं कि अगली बैठक भी बेनतीजा ही रहने वाली है।

ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब किसान नेताओं को इन बैठकों से समाधान की कोई उम्मीद ही नहीं है तो वे बैठक में शामिल ही क्यों हो रहे हैं? किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां इस सवाल पर कहते हैं, ‘शहीद भगत सिंह से भी ऐसे ही सवाल पूछे जाते थे कि जब आपको न्यायालय से न्याय मिलने को कोई उम्मीद नहीं है तो आप हर तारीख पर अदालत क्यों जा रहे हैं। तब भगत सिंह का जवाब होता था कि हम अदालत इसलिए जा रहे हैं ताकि पूरे देश की अवाम को अपनी आवाज पहुंचा सके। हम भी इन बैठकों में सिर्फ इसीलिए जा रहे हैं।’

इन बैठकों के बेनतीजा रह जाने के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए उग्राहां कहते हैं, ‘बातचीत हमारे कारण नहीं, बल्कि सरकार के कारण विफल हो रही हैं। हमारी मांग तो बहुत सीधी है कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए, उसके बिना हम वापस नहीं लौटेंगे। सरकार को ये बात हम कई बार बता चुके हैं, लेकिन फिर भी वो हर बार हमें बुलाती है और ये मांग नहीं मानती। वो अगली बार भी ऐसा ही करेंगे, लेकिन हम फिर भी बैठक में शामिल होंगे ताकि सरकार को बेनकाब कर सकें।’

किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां कहते हैं कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए, उसके बिना हम वापस नहीं लौटेंगे।
किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां कहते हैं कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए, उसके बिना हम वापस नहीं लौटेंगे।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी मानते हैं कि सरकार के साथ हो रही इस बातचीत से समाधान नहीं निकालने वाला है और 15 जनवरी को होने वाली वार्ता भी पूरी तरह से विफल होने जा रही है। इसके बावजूद भी बैठक में शामिल होने के बारे में वे कहते हैं, ‘सरकार ने पहले ही इस आंदोलन को बदनाम करने की बहुत कोशिश की है। कभी हमें खालिस्तानी कहा गया, कभी आतंकवादी कहा गया और कभी कहा कि हम नकली किसान हैं। हम अपनी तरफ से सरकार को ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहते कि वो किसानों को बदनाम करे। इसीलिए हम बैठक में आते हैं। ऐसे में सरकार ये नहीं कह सकती है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, पर किसान ही इससे पीछे हट रहे हैं। इसीलिए हम ये जानते हुए भी अगली बैठक में जाएंगे कि उस दिन भी समाधान तो नहीं होने वाला है।’

किसानों की सरकार से बातचीत इसलिए अटक गई है, क्योंकि किसान कानूनों के रद्द होने से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं और सरकार कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार लगातार ये प्रयास कर रही है कि बातचीत के जरिए कोई बीच का रास्ता निकाला जा सके।

किसान नेता हन्नान मुल्ला कहते हैं, ‘ये कानून किसानों की मौत के वारंट हैं। इस पर कोई समझौता या बीच का रास्ता कैसे हो सकता है। मौत का वारंट तो रद्द ही किया जाता है, उसमें संशोधन नहीं होते। हम ये भी जानते हैं कि सरकार भी मानने वाली नहीं है। सरकार ने ये कानून उन लोगों के लिए बनाए हैं, जिनके पैसे से वो चुनाव जीते हैं, जिनके जहाजों में वो चुनावी रैली करते हैं। कानून वापस लेकर वो पूंजीपतियों को नाराज नहीं कर सकते। अगली बैठक में भी सरकार नहीं मानेगी, ये हम जानते हैं। इसलिए अपने संघर्ष को ऐसे आगे बढ़ा रहे हैं कि सबसे बेहतर नतीजों की उम्मीद करो, लेकिन सबसे बुरे नतीजों के लिए तैयार रहो।’

उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत कहते हैं कि सरकार इस आंदोलन को कमजोर करने के लिए ही तारीख पर तारीख दे रही है।
उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत कहते हैं कि सरकार इस आंदोलन को कमजोर करने के लिए ही तारीख पर तारीख दे रही है।

बीते शुक्रवार को हुई बैठक में सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि किसान चाहें तो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं और वहां इन कानूनों को चुनौती दे सकते हैं। इस प्रस्ताव पर अखिल भारतीय किसान सभा के नेता मेजर सिंह कहते हैं, ‘कोर्ट की भूमिका कानूनों की समीक्षा करते हुए यह तय करने की है कि कोई कानून संविधान के दायरे में है या नहीं। हम तो कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती दे ही नहीं रहे तो कोर्ट जाकर क्या करेंगे। कानून बनाना सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, लेकिन वो कानून किसान हितैषी नहीं हैं इसलिए हमारी लड़ाई सरकार से है और जब तक हम ये लड़ाई जीतेंगे नहीं, तब तक सरकार से लड़ते रहेंगे।’

सरकार से हो रही बातचीत को भी इसी लड़ाई का हिस्सा मानते हुए उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत कहते हैं, ‘सरकार इस आंदोलन को कमजोर करने के लिए ही तारीख पर तारीख दे रही है। इनसे होना कुछ नहीं है। बस लोग बिना मुकदमे की तारीख झेल रहे हैं। अगली बैठक में भी यही होगा। सरकार को लगता है कि ऐसा करने से आंदोलन कमजोर होगा और जनता में ये संदेश जाएगा कि सरकार तो बात कर रही है, लेकिन किसान नहीं मान रहे। हम भी इसलिए बैठक से मना नहीं कर रहे, क्योंकि हम जनता को बताना चाहते हैं कि हम तो अपनी मांगों को लेकर बिलकुल स्पष्ट हैं और वो सरकार है, जो मान नहीं रही।'

गतिरोध की यही स्थिति बनी रही तो बातचीत का औचित्य क्या रहेगा और ऐसा कब तक चलेगा? इस सवाल पर राकेश टिकैत कहते हैं, ‘फिलहाल तो यही समझ लीजिए की हम अगली बैठक के बहाने 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड की रेकी कर लेंगे। उस दिन किसान मार्च निकलेगा। तब भी सरकार नहीं मानी तो आंदोलन चलता रहेगा। हम मई 2024 तक ये आंदोलन चलाएंगे, जब तक इस सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं हो जाता।’

रविवार, 10 जनवरी 2021

पेपर लीक की अफवाह के बीच मास्टर कैडर की भर्ती के लिए हुई साइंस की परीक्षा


 बठिडा : शिक्षा विभाग में की जाने वाली टीचरों की भर्ती को लेकर ली जा रही मास्टर कैडर की परीक्षा के तहत रविवार को साइंस विषय की परीक्षा ली गई। शहर के विभिन्न सरकारी व प्राइवेट स्कूल में बनाएं गए केंद्रों में 1178 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी, जबकि 106 परीक्षार्थी गैर हाजिर रहे। इस दौरान स्थानीय कैनाल कालोनी में स्थित सरकारी आदर्श स्कूल में पेपर लीक होने की अफवाह से परीक्षा केंद्र में खलबली मच गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना था कि पेपर लीक होने की जैसी कोई भी घटना नहीं हुई है, वह सिर्फ एक अफवाह ही थी। उनका कहना है कि परीक्षा खत्म होने के साथ ही सभी पेपर अमृतसर के लिए भेज दिए हैं। इसके चलते तय समय पर परीक्षा हुई। इस बार सिर्फ पांच केंद्रों में परीक्षा ली गई। जिसमें कैनाल कालोनी आदर्श स्कूल, माल रोड सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एमएचआर स्कूल, कमला नेहरु गुरु नानक स्कूल, गुरकाशी स्कूल शामिल थे।

पेपर लीक की अफवाह के बीच मास्टर कैडर की भर्ती के लिए हुई साइंस की परीक्षा

पेपर लीक की अफवाह के बीच मास्टर कैडर की भर्ती के लिए हुई साइंस की परीक्षापेपर लीक की अफवाह के बीच मास्टर कैडर की भर्ती के लिए हुई साइंस की परीक्षा

शिक्षा विभाग में की जाने वाली टीचरों की भर्ती को लेकर ली जा रही मास्टर कैडर की परीक्षा के तहत रविवार को साइंस विषय की परीक्षा ली गई। शहर के विभिन्न सरकारी व प्राइवेट स्कूल में बनाएं गए केंद्रों में 1178 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी जबकि 106 परीक्षार्थी गैर हाजिर रहे।

रविवार को सिर्फ एक परीक्षा ली गई थी। बाजार वाले केंद्र जैसे की एसएसडी लड़कों का स्कूल, सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास परीक्षा खत्म होते ही ट्रैफिक जाम हो गया था। हालांकि शनिवार की तरह इस बार जाम काफी लंबा नहीं रहा। हमें कोई जानकारी नहीं है


पेपर लीक होता तो, उस समय ही पूरे राज्य में परीक्षा रद कर दी जाती। परीक्षा के समय पर ही शिक्षा विभाग द्वारा फ्लाइंग की टीमें पहले तैयार कर दी जाती हैं। अगर ऐसा कोई केस होता तो हमारे ध्यान में जरूर आता। इस बारे में हमें कोई जानकारी ही नहीं है।

--इकबाल सिंह बुट्टर, उपजिला शिक्षा अधिकारी 


जालंधर में भाजपा का धरना रोकने जा रहे कांग्रेस नेता हिरासत में लिए, बसों में भरकर ले गई पुलिस


जालंधर।
कंपनी बाग चौक में पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ प्रदेश भाजपा के धरने को कांग्रेस और किसान संगठनों ने रोकने की कोशिश की है। दोनों पक्षों की पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई है। कांग्रेस नेताओं और किसानों ने बैरिकेड्स तोड़कर भाजपा धरना स्थल तक जाने की कोशिश की। जब पुलिस ने रोका तो उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए। धक्का-मुक्की के बीच कई युवा कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस उन्हें बसों में भरकर ले गई है।

जालंधर में यूथ कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लेने के बाद पुलिस उन्हें बसों में भरकर ले गई। पुलिस कांग्रेस युवा जिला प्रधान अंगद दत्ता, रणदीप संधू, चरणजीत सिंह चन्नी, जसकरण सिंह सोही, प्रवीण पहलवान, बाब मल्होत्रा, मनप्रीत लुभाना, राज जयसवाल, सनी संतोखपुरा, राहुल सिंघल, नवीन सेठी, सूरज गगन देओल, करण खत्री, करण पाठक, राघव जैन को पुलिस हिरासत में लेकर धरना स्थल से दूर ले गई है।

कंपनी बाग चौक और आसपास महौल तनावपूर्ण, यातायात बाधित

जालंधर के कंपनी बाग चौक पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। यहां भारी भीड़ के कारण आम ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कंपनी बाग चौक पर भाजपा के धरने से कुछ दूर ही दोनों कांग्रेस और किसान संगठन के सदस्य भी धरना दे रहे हैं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। विरोध प्रदर्शनों के कारण कंपनी बाग चौक और उससे जुड़े मार्गों पर ट्रैफिक बुरी तरह बाधित हो गया है। आम लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।


पंजाब में 70 हजार लोगों ने गलत तरीके से लगवा दी पेंशन, नोटिस के बावजूद नहीं की जा सकी वसूली


चंडीगढ़।
सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि पंजाब में पिछले समय में 70 हजार लोगों ने विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र देकर अवैध ढंग से बुढ़ापा या अन्य सामाजिक पेंशन लगवा ली। नोटिस जारी करने के बाजवूद सरकार इनसे वसूली नहीं कर सकी है। चौधरी ने कहा कि जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें अगर किसी को लगता है कि उनकी पेंशन गलत तरीके से कट गई है तो वह जिला उपायुक्त और जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी की अगुवाई में बनी कमेटी में अपना एतराज जता सकते हैंं।


अरुणा चौधरी चंडीगढ़ में अपने विभाग की उपलब्धियों का लेखा पेश कर रहीं थीं। अरुणा ने कहा कि विभाग में विभिन्न पदों का पुनर्गठन किया जा रहा है। तकनीकी, कानूनी आदि पदों जरूरत के मुताबिक सृजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में दिव्यांगजनों के लिए खाली पदों का बैकलाग भरा जाएगा। अब तक अलग-अलग विभागों में सभी ग्रुपों की 899 बैकलाग पदों में से 686 पद भरे गए हैं। बचे 213 पद भी भरने के निर्देश दिए हैं।

कामकाजी औरतों के लिए 7 हास्टल बनाएगी सरकार

अरुणा चौधरी ने बताया कि कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक निवास प्रदान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग 50 करोड़ रुपये की लागत के साथ सात नए हास्टलों का निर्माण करने जा रहा है। इसमें उनके बच्चों के लिए दिन भर देखरेख की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।

इस फैसले को महिला सशक्तीकरण की तरफ विभाग की बड़ी पहलकदमी बताते हुए अरुणा चौधरी ने बताया कि यह विशेष होस्टल पहले चरण के दौरान जालंधर, पटियाला, मोहाली, मानसा, बरनाला, लुधियाना और अमृतसर में बनाए जाएंगे। इन होस्टल में रिहायश अपने घरों से दूर काम करने वाली महिलाओं को दी जाएगी।


उन्होंने आगे कहा कि मोहाली के हास्टल के लिए जमीन अलाट कर दी गई है। जालंधर में हास्टल के लिए भी फंड जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा मानसा और अमृतसर के होस्टल संबंधी प्रस्ताव मिल गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी बसों में सभी महिलाओं को किराये में 50 प्रतिशत की छूट का फैसला लागू करने में कोविड संकट के कारण देरी हुई है, अब इस फैसले को जल्द लागू कर दिया जाएगा।

ऐसे भी डाक्टर हैं... पत्नी को एडमिट दिखा आयुष्मान भारत योजना में लगा रहा था चपत, अमृतसर में 4 अस्पतालों पर एक्शन


अमृतसर ।
आम लोग डाक्टर को भगवान का दूसरा रूप मानते हैं लेकिन अमृतसर के कुछ निजी अस्पतालों के डाक्टरों ने अपने पेशे को कलंकित कर दिया है। यहां एक्स सर्विसमेन हेल्थ कंट्रीब्यूट्री हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) घोटाले के बाद अब आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। एक अस्पताल चला रहे डाक्टर ने तो हद ही कर दी। उसने पत्नी का ही फर्जी कार्ड बनाकर उसे अस्पताल में एडमिट दिखा सरकार को चूना लगाया। कुल चार निजी अस्पतालों- मीरांकोट स्थित वर्मा अस्पताल, छेहरटा गुरु की वडाली स्थित मनु अरोड़ा अस्पताल, संधू लाइफ केयर व न्यू लाइफ अस्पताल फर्जीवाड़ा करते मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए सभी को इस बीमा योजना से अलग कर दिया है।


मनु अरोड़ा अस्पताल के संचालक ने अपनी पत्नी का फर्जी कार्ड बनवाकर उसे एडमिट किया था। उसकी पत्नी बीमार नहीं थीं। जब टीम यहां जांच करने पहुंची तो रिकार्ड में पूनम अरोड़ा का नाम देखकर मरीज के बारे में पूछा। टीम को बताया गया कि मरीज को एमआरआइ करवाने भेजा है। टीम ने गहनता से जांच की तो स्पष्ट हुआ कि पूनम अरोड़ा तो अस्पताल के संचालक डा. मनु अरोड़ा की पत्नी हैं।

वर्मा अस्पताल में मरीज नहीं था, लेकिन फर्जी तरकी से उसका उपचार चल रहा था। न्यू लाइफ अस्पताल में सर्जन नहीं था। इसके बावजूद रिकार्ड में मरीज का आपरेशन दर्शाया जा रहा था। वहीं, संधू लाइफ केयर अस्पताल में मरे हुए मरीज को आइसीयू में रखकर उपचार दिखाया जा रहा था।


घोटाला करने वालों की मान्यता रद होगीः सिविल सर्जन

डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. गुरमीत कौर ने बताया कि हायर अथारिटी को इस बारे में जानकारी दे दी है। अथारिटी ही इन अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में सक्षम है। फिलहाल, इनकी योजना से जुड़ी मान्यता समाप्त कर दी गई है। अमृतसर में दस सरकारी और 87 निजी अस्पतालों को इस योजना से जोड़ा गया है। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने कहा कि शहर के सभी 87 अस्पतालों की दोबारा जांच करवाई जाएगी। योजना में घोटाला करने वाले अस्पतालों की मान्यता रद होगी।

पिछले साल उजागर हुआ था ईसीएचएस घोटाला


गौरतलब है कि अमृतसर में पिछले वर्ष भी ईसीएचएस घोटाला भी उजागर हुआ था। इसके तहत पूर्व सैनिकों के फर्जी कार्ड तैयार करवाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा था। कई अस्पताल तो मरीज के उपचार के बगैर ही सरकार से क्लेम ले रहे थे। इस मामले में जिला पुलिस ने शहर के 16 डाक्टरों सहित 24 लोगों पर केस दर्ज किया था।

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