बठिंडा. जिले में वीरवार को 11 कोरोना मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार किया गया। वही प्रतिदिन की तरह 800 कोरोना पोजटिव मरीजों की पुष्टी हुई। सहारा जनसेवा बठिंडा की कोरोना वारियर्स टीम विजय गोयल, पंकज सिंगला, गौरव कुमार, गौतम, हरबंस सिंह, टेक चंद, जग्गा सहारा, विजय कुमार विक्की, राजेंद्र कुमार, सुमीत ढींगरा, संदीप गोयल, कमल गर्ग, अर्जुन कुमार, सिमर गिल, संदीप गिल, मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार, शिवम राजपूत, तिलकराज, सूरजभान गुनी, दीपक गोयल, मोनू कुमार, हरदीप सिंह, नितीश सैन, गुरबिंदर बिंदी, विकास शर्मा ने कुल 10 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार स्थानीय शमशान भूमि दाना मंडी और बठिंडा के आस पास के क्षेत्रों में टीम ने पीपीई किटे पहन कर पूर्ण सम्मान के साथ परिजनों की उपस्थिति में किया।
कोरोना मृतकों की सूचि
1. सुभामी शिव चेत्नय 62 वर्ष निवासी गोनियाना जो अरूणा मेमोरियल अस्पताल में दाखिल था
2. अशोक कुमार पुत्र देसराज 61 वर्ष निवासी फाजिल्का जो दिल्ली हार्ट अस्ताल में दाखिल था
3. शामा रानी पत्नी सुरिंद्र कुमार 56 वर्ष निवासी आवा बस्ती जो लाईफ लाईन अस्पताल में दाखिल थी
4. ब्लदेव सिंह पुत्र सूड़ सिंह 73 वर्ष निवासी गोनियाना खुर्द जो एमजी अस्पताल में दाखिल था
5. रामदेवी पत्नी लाला राम 60 वर्ष निवासी गिलपत्ती जो सिविल अस्पताल में दाखिल थी
6. गुरजन सिंह पुत्र गुरदीप सिंह 48 वर्ष निवासी बहिमन जस्सा सिंह जो मिल्टरी अस्पताल में दाखिल था
7. सुरजीत सिंह पुत्र इंद्र सिंह आयु 55 वर्ष निवासी बठिंडा जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
8. बलविंदर कौर पत्नी मिटठू सिंह 62 वर्ष निवासी रामपुरा फूल जो फरीदकोट मेडिकल कालेज में दाखिल था
9. जसविंदर सिंह पुत्र अजमेर सिंह 52 वर्ष निवासी चक्क राम सिंह वाला जो सत्यम हार्ट में दाखिल था
10. कोरोना सस्पेक्टड गुरप्रीत सिंह पुत्र जसवंत सिंह निवासी बठिंडा जो घर में ही एंकातवास था
वही नौजवान ने एक मृतक का करवाया अंतिम संस्कार
परसराम नगर गली नंबर 12 में एक व्यक्ति की हालत गंभीर होने पर समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के वालंटियर जनेश जैन, कमल वर्मा, राकेश जिंदल एम्बुलैंसे सहित मौके पर पहुंचे तथा पीड़ित को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां उसका तुरंत कोरोना टैस्ट करते हुए उपचार शुरू किया गया। लेकिन व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। वहीं मृतक कोरोना रिपोर्ट अनुसार पोजटिव पाया गया। मृतक की पहचान अनुराग कुमार (39 वर्ष) पुत्र शरण दास के तौर पर हुई।