Monday, February 28, 2022

समाज को डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों को स्वीकार कर गतिविधियों में शामिल करना चाहिए- डॉ श्रेष्ठा अग्रवाल


बठिंडा। संजीवनी फेटल मेडिसिन एंड जेनेटिक क्लिनिक को बस स्टेंड के पास पावर हाउस रोड स्ट्रीट लाइट के पास जीटी रोड में अपने नए परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया। अपने नए भवन के शुभारंभ समारोह में एसईएमसी की ओनर और फेटल मेडिसिन कंसल्टेंट श्रेष्ठा अग्रवाल ने डाउन सिंड्रोम स्पोर्ट ग्रुप. लॉन्च करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सिंड्रोम सहायता ग्रुप डाउन सिंड्रोम के निदान में सहायता करती है और ऐसे कई गर्भावस्था के दौरान अन्य जन्म दोष और आनुवंशिक रोग के बारे में बच्चे के जन्म से पूर्व ही जानकारी देती है। बच्चा होने से पहले पति-पत्नी यह जानने के लिए उससे संपर्क करते हैं कि क्या उनका अजन्मा बच्चा ऐसे किसी आनुवंशिक दोष से प्रभावित तो नहीं है। कई लोगों की काउंसलिंग के दौरान अपने करियर में ऐसे जोड़े जिनके पहले से ही डाउन सिंड्रोम से प्रभावित बच्चे हैं, उन्होंने महसूस किया कि ऐसे बच्चों का जीवन कठिन होता है क्योंकि समाज ऐसे बच्चों को स्वीकार नहीं करता है  और पश्चिमी दुनिया के विपरीत हमारे यहां इस तरह की समूह स्तर पर व्यवस्था नहीं है कि  जिसमें हम उन्हें स्पोर्ट कर सके। डाउन सिंड्रोम मानसिक मंदता का सबसे आम कारण है। !800 जीवित जन्मों में से लगभग 1 को यह प्रभावित करता है। डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों और वयस्कों में कम बुद्धि होती है। कुछ बच्चे थेरेपिस्ट की थोड़ी सी मदद से समाज में यथोचित समायोजन कर सकते हैं, कुछ नौकरी भी कर सकते हैं। जो लोग अधिक गंभीर रूप से प्रभावित हैं वे समूह में शामिल हो सकते हैं और अपनी समस्या साझा कर इसमें उबरने में सहायता हासिल कर सकते हैं। इस ग्रुप में डॉक्टर, व्यावसायिक चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ व्यक्तिगत मुद्दे पर चर्चा कर हल निकाला जाता है। 


श्रीमती अंजना सिंगला एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो कई वर्षों से हमेशा ऐसे कारणों के लिए काम कर रही हैं। लॉन्च इवेंट में बोलते हुए उन्होंने कहा, उन्होंने अपने पड़ोस और करीबी रिश्तेदारों में बहुतों को देखा है जिसमें कई परिवार में ऐसे प्रभावित बच्चे हैं और हमेशा सोचते हैं कि उनकी परिस्थितियाँ कितनी चुनौतीपूर्ण हैं। खासकर इन बच्चों की परवरिश करते हुए सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही ग्रुप में चीना जैन  इस समूह से जुड़ी एक प्रसिद्ध व्यावसायिक चिकित्सक हैं। उसके पास ऐसे बच्चों को स्पीच थेरेपी, संवेदी-मोटर समन्वय और कई परामर्श देने का अनुभव व अन्य तकनीकें है। वह नियमित रूप से अपनी सेवाएं देती रहेंगी। वही सुमन पराशर, समूह से जुड़ी एक विशेष शिक्षिका हैं। वह बच्चों को पढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि थोड़े धैर्य और स्नेह से आप इनकी मदद कर सकते हैं जिससे बच्चे बेहतर जीवन जीते हैं।



Bathinda/ राजस्थान से ट्रक में 6.97 क्विंटल भुक्की लाकर पंजाब में तस्करी करने वाले तीन लोगों को तलवंडी साबों पुलिस ने किया गिरफ्तार


बठिंडा. जिला पुलिस ने 6 क्विंटल 97 किलोग्राम भुक्की से भरा एक ट्रक जब्त कर तीन लोगों को नामजद कर गिरफ्तार किया है। आरोपी नशा राजस्थान के भाव जिले से तस्करी कर पंजाब के विभिन्न जिलों में बेचने का धंधा करते थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ पहले भी विभिन्न थानों में नशा तस्करी के केस दर्ज है। पुलिस तीनों को अदालत में पेश कर रिमांड हासिल कर रही है जिसमें नशे की तस्करी आगे किन लोगों को की जानी थी इसके संबंध में खुलासा हो सकेगा। तलवंडी साबों के डीएसपी जसमीत सिंह ने बताया कि एसएसपी अमनीत कौंडल के निर्देश पर नशा तस्करों के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसी कड़ी में एसपी इन्वेस्टीगेशन तरुण रत्न के आदेश पर मानसा जिले के नारकोटिक्स सेल के एसआई जगरूप सिंह तलवंडी साबों दाना मंडी में नाकाबंदी कर वाहनों की जांच कर रहे थे। दाना मंडी के पास ही एक ट्रक पीबी-13 डबल्यू-9899 खड़ा था व उसमें करीब तीन व्यक्ति सवार थे। वह ट्रक में रखी बोरियों को प्लास्टिक की चादर से छिपाने की कोशिश कर रहे थे व पुलिस को देखकर घबरा गए। पुलिस ने शक होने पर तीनों को हिरासत में लेकर ट्रक की जांच की। इसमें विभिन्न बोरियों में भुक्की चूरा पोस्त भरा हुआ मिला। इसका कुल वजन छह क्विंटल 97 किलो मिला। पुलिस ने तीनों आरोपी जगमीत सिंह उर्फ बच्चा सिंह वासी मौड़ रोड रामपुरा फूल, तरसेम सिंह वासी नजदीक सिद्धू धर्मशाला रामपुरा फूल और जसबीर सिंह उर्फ सीरा सिंह वी मौड़ रोड नजदीक बीडीपीओ ब्लाक रामपुरा दफ्तर को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ नसा निरोधक एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह यह भूक्की चुरा पोस्त राजस्थान के जिला भाव से लाए थे। डीएसपी तलवंडी साबो जसमीत सिंह ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ पहले भी अलग-अलग थानों में नश निरोधक एक्ट के अंतर्गत मुकदमे दर्ज हैं। जिनको सोमवार को अदालत में पेश करके रिमांड हासिल किया गया और इनसे गहराई के साथ पूछताछ की जा रही है। 

फोटो सहित-बीटीडी-9- भुक्की से भरे ट्रक को जब्त कर तीन आरोपियों को हिरासत में लेती पुलिस। 


बठिडा में 54 किलोग्राम भुक्की बरामदगी के केस में जिला अदालत ने पुलिस अधिकारियों को किया तलब


बठिंडा.
जिला पुलिस की तरफ से 29 मई 2021 को बठिंडा में एक व्यक्ति को 54 किलोग्राम भुक्की चूरा पोस्त के साथ गिरफ्तार करने के मामले में जिला अदालत ने जिला पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसमें पुलिस अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा देने के लिए 17 मार्च 2022 को पेश होने के लिए कहा गया है। अदालत में गुरप्रीत सिंह मन्ना ने अपने वकील के मार्फत याचिका दायर की थी कि डीएसपी सिटी टू बठिंडा ने कोर्ट में दाखिल हलफनामा में कहा है कि उसे अजीत नगर की गली के पास एक कार में अपने सहयोगियों के साथ 54 किलोग्राम भुक्की के साथ गिरफ्तार किया गया था व मौके पर 500 रुपए की नगदी भी बरामद की थी। याचिका दायर करने वाले व्यक्ति के वकील गगनदीप सिंह निक्का का कोर्ट में कहना था कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी गौरकानूनी है व उसे प्रताड़ित करने के लिए एनडीपीएस का केस दायर किया है। उनका कहना था कि पुलिस की तरफ से आरोपी को अजीत नगर गली नंबर 21-1 में 29 मई 2021 को रात 10 बजकर 5 मिनट में गिरफ्तार करने की बात कही है। इस दौरान मोबाइल फोन की काल डिटेल निकालने पर खुलासा होता है कि याचिकाकर्ता उस समय गोनियाना मंडी में था। वही पुलिस की तरफ से दर्ज रिकार्ड व छापामारी करने वाली पुलिस टीम की उपस्थिति भी आपस में मेल नहीं खा रही है। इस दौरान 29 मई 2021 को रात 10:00 बजे अश्विनी सिंह पीपीएस, इंस्पेक्टर रविंदर सिंह, एसआई परमिंदर सिंह,एसआई अमृतपाल सिंह, एसआई करमजीत सिंह,एचसी जसवंत सिंह,एससीटी यदविंदर सिंह,एससीटी गुरमीत सिंह, कांस्टेबल गगनदीप सिंह,सीनियर सिपाही यादविंदर सिंह, एसआई कुलवंत सिंह, एसआई बलदेव सिंह,एचसी जरनैल सिंह के काल रिकार्ड की डिटेल भी निकाली गई। कोर्ट ने इस मामले में अब एसएसपी बठिंडा को व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर इस मामले की पूर्ण जानकारी देने के लिए कहा है। वही याचिका दायर करने वाले वयक्ति के वकील की तरफ से थाना सिविल लाइन पुलिस से घटना वाले दिन की थाने की सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी मांगी थी लेकिन पुलिस ने कहा है कि उक्त रिकार्ड डीलीट हो चुका है। इसमें 28 मई 2021 से 10 जून 2021 की अवधि का रिकार्ड मांगा गया था।


लोगों को बाजारों में फंसाते थे अपने जाल में, छेड़खानी का केस दर्ज करवाने की धमकी दे वसूलते थे पैसे -ब्लैकमेल कर पैसे वसूलने वाले गिरोह क पांच लोगों को किया नामजद, दो महिला सहित चार गिरफ्तार


बठिंडा
. जिला पुलिस ने लोगों को ब्लैकमेल कर राशि वसूलने व झूठे केस में फंसाने की धमकी देने वाले एक गिरोह के पांच लोगों को नामजद कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली पुलिस के पास कुलदीप सिंह वासी माडल टाउन बठिंडा ने शिकायत दी कि शहर में लोगों को ब्लैकमेल करने व सीआईए स्टाफ में झूठा केस दर्ज करवाने की बात कर पैसे वसूलने वाला एक गिरोह सक्रिय है। उसने बताया कि 26 फरवरी 2022 को वह किसी काम से धोबी बाजार बठिंडा में गया था। वहां उसे दो महिलाएं सुखदीप कौर, रमनदीप कौर वासी परसराम नगर मिली। उक्त महिलाओं ने उसे रोककर बात करना शुरू कर दी। इसके बाद वह वहां से निकलकर पट्टा मार्किट रेलवे स्टेशन के नजदीक चला गया। इस दौरान उक्त दोनों महिलाओं के साथ विजय कुमार वासी नई बस्ती बठिंडा, हरजीत सिंह वासी गुरु तेग बहादुर नगर बठिंडा, अमित सैनी वासी जोगी नगर बठिंडा भी पट्टा मार्किट के पास पहुंच गए। उक्त लोगों ने उसे वहां रोक लिया व इसमें एक व्यक्ति ने कहना शुरू कर दिया कि जिस महिला से वह बात कर रहा था उसमें एक उसकी पत्नी है। उसने उस पर झूठे इल्जाम लगाने शुरू कर दिए व पुलिस सीआईए स्टाफ में उसे लेकर जाने के लिए कहने लगे। इसमें आरोपी लोगों ने उससे 10 हजार रुपए देने के लिए कहा। एकाएक उक्त लोगों की तरफ से उसे घेरकर झूठे केस में फंसाने की बात से वह घबरा गया व उसने जेब में रखे करीब तीन हजार रुपए उन्हें दे दिए लेकिन वह बाकि राशि एटीएम से निकालकर देने की बात करने लगे। जब उसने एटीएम नहीं होने की बात कही तो उन्होंने उसकी स्कूटरी छीन ली व कहा कि बाकि पैसे देने के बाद ही उसे वापिस मिलेगी। इस घटना के बाद उसने मामले की शिकायत कोतवाली पुलिस के पास की। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी शुरू कर दी। इसमें विजय कुमार, हरजीत सिंह, सुखदीप कौर, रमनदीप कौर को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन आरोपी अमित सैनी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापामारी कर रही है। 


शहर में गंदगी देखते ही स्वच्छता एप में करे फोटो अपलोड़ कुछ समय बाद ही पहुंच जाएंगे सफाई सेवक - ऐसा नहीं करने पर केंद्र सरकार करेगी कार्रवाई, सर्वेक्षण में कटेंगे नंबर


बठिंडा.
पिछले साल स्वच्छता अभियान में पिछड़े के बाद बठिंडा नगर निगम इस बार किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहता है। इसी कड़ी में नगर निगम केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन को गंभीरता से ले रहा है व उसे व्यवहार में लागू करने के लिए जुट गया है। पहले लोगों को शिकायतें रही कि कई इलाकों में शिकायत करने के बावजूद गंदगी नहीं उठाई जाती है। लेकिन अगर अब आपके घर के आसपास गंदगी है या कई दिनों से सफाई नहीं हुई है तो आपको अपने मोबाइल पर एक फोटो खिचनी है और स्वच्छ भारत अभियान 2022 के तहत जारी किए स्वच्छता एप पर अपलोड करनी है। फोटो अपलोड होने के कुछ समय बाद ही शिकायत हल होगी। मोबाइल एप स्वच्छता के जरिए स्वच्छ अभियान को सफल बनाने की मुहिम आगे बढ़ाई गई है। एप की विशेषता यह है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र से गंदगी या जलभराव की फोटो खींचकर शिकायत दर्ज करवा सकता है। जीपीएस सिस्टम से जुड़ा होने की वजह से लोकेशन इसमें खुद पता चल जाएगी और इसका एसएमएस इलाके के सफाई कर्मचारियों के प्रभारी के मोबाइल पर जाएगा। मैसेज मिलते ही प्रभारी को सफाई करवाकर रिपोर्ट देनी होगी। सफाई होने पर इसकी सूचना निगम कमिश्नर के ई-मेल पर जाएगी। उच्चाधिकारियों के मुताबिक, स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है। गूगल प्लेस्टोर और एप्पल प्ले स्टोर में जाकर स्वच्छता ऐप को डाउनलोड करना होगा। इसमें अपना मोबाइल नंबर भरकर ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन करने के बाद यह काम करने लग जाएगा। जिसमें सार्वजनिक शौचालय की सफाई व्यवस्था, ओवरफ्लो गंदगी से भरे वाहन, ओवरफ्लो सीवरेज, सड़क पर मरे हुए जानवर, डस्टबिन की गार्बेज डंप की सफाई ना होने, सफाई कर्मचारी टाइम पर न आना, पब्लिक टॉयलेट में बिजली ना होना, वाटर सप्लाई ना होना, पब्लिक टॉयलेट साफ ना होना, मेन हॉल में गंदगी होना, खुले में कूड़े को आग लगाना, खुले में शौच आदि की समस्या के अलग-अलग कैटेगरी बनी हुई है। किसी एक कैटागरी को क्लिक करके गूगल लोकेशन ऑन करके यह अपने आप ही लोकेशन ट्रेस कर लेगा। इसके बाद सही पता देने के लिए अलग से पता भर सकते हैं और फोटो खींचकर मौके पर अपलोड की जा सकती है। इसके बाद एक रजिस्ट्रेशन नंबर आएगा, जो आगे प्रोसेस में आएगा और इसकी 24 घंटे में सुनवाई होगी। इस एप के जरिए सुझाव व आयोजन भी अपलोड कर सकते हैं जैसे गलियों में दीवारों पर डिजाइनिंग आदि करनी, वॉल पेंटिंग करनी, पब्लिक टॉयलेट को साफ करना या आसपास में पौधे लगाने जैसी एक्टिविटी पर क्लिक करके, वहां पर फोटो अपलोड की जा सकती है। निगम अधिकारियों का माना है कि सभी लोग अगर यह एप डाउनलोड करके रखेंगे और इसका उपयोग करेंगे तो इससे शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार होगा और स्वच्छ भारत अभियान में बठिंडा को अच्छा रैंक हासिल होगा। केंद्र स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफाई पर शहरों में कंपीटिशन करा रहा है। इसमें पब्लिक का फीडबैक लेने के लिए केंद्र ने यह एप लॉन्च कर शहरों को जोड़ा है। यह एप केंद्र के कंट्रोल में होगा तो शहर की जमीनी सच्चाई के बारे में जानकारी मिलेगी।



Friday, February 25, 2022

बठिंडा में गली मुहल्ले में खुली इमीग्रेशन कंपनियों की लूट- विदेश जाने के इच्छुक युवाओं को फर्जी वीजा देकर लाखों रुपए ठगे, अब नहीं हो रही आरोपियों पर पुलिस कारर्वाई


लोगों ने लगाया आरोप-चुनाव से पहले थाना सिविल लाइन में दी थी शिकायत, राजनीतिक संरक्षण व  पुलिस मिलीभगत से नही हो रही कंपनी संचालकों पर कारर्वाई

बठिंडा, 25 फरवरी(जोशी). विदेश जाकर नौकरी करने के इच्छुक युवाओं के साथ बठिंडा की दो इमीग्रेशन कंपनियों ने लाखों रुपए लेकर फर्जी वीजा दे दिए और जब तक लोग वीजा की जांच करवा पाते उससे पहले दोनों इमीग्रेशन कंपनियों के दफ्तर बंद हो गए और मुलाजिमों का नंबर बंद आ रहा है। जिले में बिना किसी लाइसेंस व मंजूरी के चल रहे इमीग्रेशन कंपनियों को राजनीतिक व प्रशासकीय संरक्षण मिले होने के चलते लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसी तरह के मामले में बठिंडा में एक कंपनी ने दर्जनों लोगों से लाखों रुपए ठग लिए जिसमें अब पुलिस भी किसी तरह की कारर्वाई नहीं कर रही है। जानकारी के अनुसार चिल्ड्रन पार्क सिंह में एकत्रित हुए दो दर्जन के करीब युवाओं ने पुलिस के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए कहा कि शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ितों सलीम मोहम्मद, लाल चंद, राजवीर सिंह, यासीन मोहम्मद, सिकंदर दीन, सुखचैन सिंह ने बताया कि वो सभी बेराेजगार हैं। उन्होंने सोशल मीडिया में दो इमीग्रेशन कंपनियों की एड देखी थी जिससे संपर्क करने के बाद वो बठिंडा के 100 फीट रोड पर स्थित कोस्मो अस्पताल के सामने स्थित इमीग्रेशन कंपनी के दफ्तर पहुंचे। यहां प्रत्येक से 60 हजार से लेकर 80 हजार रुपए ले गए जब कि 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति मेडिकल का लिया गया जो एमजे अस्पताल से करवाया गया। सभी को पैसे लेकर वीजा दे दिया गया और 10 दिन बुलाया गया, जब वो पिछले दिनों आए तो दोनों इमीग्रेशन कंपनियों के दफ्तर बंद थे। उनकी डीलिंग स्नेहा नामक एक युवती से हुई थी। जिसको सभी ने पैसे जमा करवाए और कई लोगों ने एक बैंक खाते में पैसे जमा करवाए। लेकिन उक्त सभी लोगोंके नंबर बंद आ रहे हैं। उन्होंने 18फरवरी को थाना सिविल लाइन में शिाकयत दी थी तब एसएचओ जसविंदर सिंह थे। उन्होंने कहा था कि चुनाव केबाद ही कार्रवाईहोगी लेकिन अभी तक काेई कार्रवाई नही की।

फोटो सहित- बठिंडा में जालसाजी के शिकार लोग शिकायत देने जाते। 



पंजाब में कुछ अस्पतालों की मनमानी वसूली व सरकार की तरफ से घपलेबाजों पर सख्त कारर्वाई नहीं करने से सेहत बीमा योजना बंद-डा. वितुल कुमार गुप्ता


-देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना के बंद होने के बाद माहिरों ने जताई चिंता, सरकार से खामियों को सुधारने का आग्रह

बठिंडा, 25 फरवरी(जोशी). पंजाब में सबसे बड़ी बीमा योजना आज शुक्रवार से बंद होने जा रही है। प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से योजना में फर्जी बिल व बिना कारण के टेस्ट करने जैसे आरोपों के बीच सरकार ने इस योजना को पंजाब में बंद करने का फैसला लिया था व अब इस योजना के विकल्प में नई बीमा योजना प्रस्तावित है। फिलहाल इस योजना के बंद होने के बाद स्वास्थ्य और मानवाधिकार कार्यकर्ता डा. वितुल कुमार गुप्ता ने कड़ा प्रतिक्रम जताया है। वही अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पहले ही दो मुख्य कारणों से ऐसी बीमा योजनाओं की आसन्न विफलता के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहली बीमा योजनाएं तर्कहीन चिकित्सा विज्ञान के साथ अधिक मेडिकल जांच को बढ़ावा देती हैं। अस्पताल हमेशा इस कोशिश में रहते हैं कि उपचार की लागत में वृद्धि हो जिससे खर्च होने वाली मूल राशि से प्रीमियम बढ़े। इसका सीधा असर बीमा कंपनी पर पड़ता है व उसे आर्थिक नुकसान होता है। दूसरा, पंजाब में कुछ निजी अस्पतालों की तरफ से आयुष्मान भारत के तहत मनमानी कर सरकार व बीमा कंपनियों से घोखाधड़ी की गई। मरीजों के कार्ड में मनमाने पैसे कंपनियों से वसूले। इसे लेकर बड़े पैमाने पर मीडिया द्वारा बार-बार इस मुद्दे को उजागर करने के बावजूद सरकार की तरफ से इनके खिलाफ किसी तरह की सख्त कारर्वाई नहीं की गई बल्कि कुछ निजी अस्पतालों को बिना किसी कड़ी सजा के डी-लिस्टिंग कर दिया। जबकि सार्वजनिक धन में धोखाधड़ी के लिए उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई वही वसूले गए करोड़ों रुपए की वसूली के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया। इससे सीधे तौर पर कुछ निजी अस्पतालों को धोखाधड़ी में लिप्त होने के लिए प्रोत्साहित किया गया। माहिरों का कहना है कि यही दो महत्वपूर्ण कारण इस प्रतिष्ठित गरीब अनुकूल स्वास्थ्य बीमा योजना के पतन का कारण बनते हैं। डा. वितुल कुमार गुप्ता ने कहा कि इसके अलावा, मुझे दृढ़ता से लगता है कि इन बीमा योजनाओं का उपयोग सरकार द्वारा सार्वजनिक धन को निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए एक माध्यम के रूप में किया जा रहा है, जो 'जेब से बाहर' व्यय को कम करने में बुरी तरह विफल रहा है। इसलिए किफायती, न्यायसंगत और सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रदान करने का एकमात्र समाधान सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को मजबूत बनाने से है जो बाहरी और इनडोर दोनों उपचार प्रदान करते हैं, न कि बीमा योजनाओं द्वारा। भारत को मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत है न कि निजी बीमा योजनाओं की। सरकार को अगली किसी प्रस्तावित बीमा योजना को बनाने व लागू करने के लिए इसकी तरफ ध्यान देने व पहले व्याप्त कमियों को सुधारने की जरूरत है। 




कोविड-19 टीकाकरण शिविरों के प्रभाव को लेकर पहले अध्ययन में से एक को प्रतिष्ठित जर्नल, 'जर्नल ऑफ क्लिनिकल डायग्नोसिस' में प्रकाशन के लिए स्वीकार किया

बठिंडा, 24 फरवरी(जोशी). बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक टीकाकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्य के प्रयासों को बढ़ाने के लिए सामाजिक तौर पर प्रयास कर लोगों को प्रोत्साहित कर कोविड-19 टीकाकरण शिविरों के प्रभाव को लेकर पहले अध्ययन में से एक को प्रतिष्ठित जर्नल, 'जर्नल ऑफ क्लिनिकल डायग्नोसिस' में प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया है। "बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक टीकाकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शिविरों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (मालवा शाखा) की तरफ से एक पहल की गई थी, इसे प्रोफेसर डॉ वितुल कुमार गुप्ता, स्वास्थ्य और मानवाधिकार कार्यकर्ता और अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (मालवा शाखा) व गैर सरकारी संगठन नौजवान वेलफेयर सोसाइटी और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ मीनाक्षी सिंगला के सहयोग से पूरा किया गया था। 

डा. किशोरी राम अस्पताल और मधुमेह देखभाल केंद्र, बठिंडा में 14 जून 2021 से 22 जून 2021 तक गैर-प्रोत्साहन मुक्त कोविड-19 टीकाकरण कैंप आयोजित किए गए थे। इस दौरान सभी लोगों को केवल जागरूकता और शिक्षा प्रदान की गई और टीकाकरण के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं दिया गया था। गैर-प्रोत्साहन शिविरों के समापन के बाद, 24 जून 2021 से 4 जुलाई 2021 तक प्रोत्साहन टीकाकरण शिविर आयोजित किए गए। जिसमें टीकाकरण कराने वाले सभी लोगों को 'लक्की ड्रा कूपन  की पेशकश की गई थी कि कैंप के समापन पर 1.25 लाख रुपये के 15 पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। अंतिम दिन प्रोत्साहन शिविरों पर लक्की ड्रा विजेताओं को पुरस्कार मिले। गैर-प्रोत्साहन शिविरों के दौरान 1406 टीकाकरण और प्रोत्साहन शिविरों के दौरान 2705 टीकाकरण सहित कुल 4111 टीकाकरण किए गए थे। इसमें गैर-प्रोत्साहन शिविरों की तुलना में प्रोत्साहन शिविरों के दौरान ज्यादा लोगों ने टीकाकरण करवाया। कैंप में 1114 लोगों ने पहली खुराक, 292 लोगों ने दूसरी खुराक का टीका लगवाया वही दूसरे कैंपों में 2334 लोगों ने पहली खुराक, 371 ने दूसरी खुराक के टीकाकरण प्रोत्साहन टीकाकरण शिविरों के करवाया। डॉ. वितुल ने कहा कि वर्तमान अध्ययन  के बाद उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए टीकाकरण अभियानों का विकल्प बनाना चाहिए। वर्तमान अध्ययन के निष्कर्ष नीति निर्माताओं को प्रभावी टीकाकरण नीतियों को विकसित करने, टीकाकरण कार्यक्रमों को लागू करने, टीकों की हिचकिचाहट को दूर करने और टीकाकरण में सार्वजनिक रुचि पैदा करने में मदद करेंगे और टीकाकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। भारत के पहले अध्ययन में सह-लेखक डॉ मेघना गुप्ता, डॉ नवजोत कौर, डॉ प्रणव सिंगला और डॉ मीनाक्षी सिंगला ने अहम भूमिका निभाई।



फर्जी टीचरों की भर्ती कर किया जा रहा था गुमराह, हाईकोर्ट ने आदेश मेडिकल कालेज के खिलाफ दिए जांच के आदेश -डा. वितुल गुप्ता ने दायर की थी जनहित याचिका, मेडिकल छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने के लगाए थे आरोप

 

बठिंडा, 25 फरवरी(जोशी). पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमिशन और पंजाब स्टेट मेडिकल काउंसिल को आदेश इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंस व रिसर्च सेंटर बठिंडा में जाली अध्यापकों की भर्ती करने के मामले की जांच करवाने व इस बाबत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की हिदायत दी है। आदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, बठिंडा में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के खिलाफ बठिंडा के प्रो. डॉ. वितुल कुमार गुप्ता की तरफ से दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति अरुण पल्ली की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए है। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि आदेश संस्थान कम से कम 12 गोस्ट टीचर्स की फर्जी नियुक्त कर रहा था और इस तरह एमबीबीएस के छात्रों के कैरियर के साथ खिलवाड़ किया गया। 

यही नहीं एम.डी. बेसिक के गोस्ट टीचर अपने छात्रों को आदेश संस्थान में पढ़ाने की बजाय अपना पूरा समय और ऊर्जा अपने नीजि अस्पतालों में लगा रहे थे। याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के साथ-साथ पंजाब मेडिकल काउंसिल, मोहाली को विभिन्न दस्तावेज व सबूत इस बाबत प्रस्तुत किए थे। जिसमें उक्त संस्थानों से मामले की जांच करने की अपील की गई थी। उक्त आरोपों के समर्थन में याचिकाकर्ता ने अक्टूबर, 2021 में उनके द्वारा की गई कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग का हवाला भी दिया था, जिसमें विभिन्न विभागों व ओपीडी में कार्यरत कर्मचारी स्पष्ट रूप से उन शिक्षकों के बारे में स्वीकार कर रहे थे कि वह कभी भी संस्थान में नहीं आए। याचिकाकर्ता ने आदेश संस्थान द्वारा अपनाई जा रही कुछ अनैतिक प्रथाओं के बारे में आरोप लगाया था, जिसमें काउंसिल की तरफ से किए जाने वाले निरीक्षण के दौरान किराए के मरीज लाने, डमी फाइलें तैयार करनी, बढ़े हुए इनडोर को दिखाने के लिए प्रतिदिन जाली रिकार्ड तैयार करना, एमआरआई/सीटी स्कैन केंद्र पर खुले तौर पर कटौती और कमीशन का भुगतान, एआईएमएसआर रजिस्टर में गांवों में फर्जी जन्म दर्ज करने, शहर में स्थानीय प्रेस और होर्डिंग्स में बड़े विज्ञापन जारी कर गुमराह करना, मेडिकल छात्रों और फैकल्टी को पंजाब मेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त सीएमई में भाग लेने से रोकना जैसी अनियमियतता लंबे समय से की जा रही थी। याचिकाकर्ता के वकील को एचसी अरोड़ा को सुनने के बाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, पंजाब राज्य चिकित्सा परिषद, मोहाली को याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गई शिकायत पर गौर करने और उचित कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए उक्त जनहित याचिका का निस्तारण किया। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग,पंजाब राज्य चिकित्सा परिषद को एक और अभ्यावेदन प्रस्तुत करने की अनुमति भी दी है, जिसपर उक्त प्रतिवादियों द्वारा विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले आदेश अस्पताल में आयुष्मान भारत जन आरोग्य बीमा योजना का गलत इस्तेमाल कर सरकार से कथित धोखाधड़ी करने के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मेडिकल इंस्टीच्यूट को नोटिस जारी किया गया था। इसमें प्रसिद्ध डाक्टर वितुल कुमार गुप्ता ने हाइकोर्ट के में एचसी अरोड़ा के माध्यम से याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया कि सेहत बीमा योजना में फर्जी मरीजों के नाम दर्ज कर फर्जीवाड़ा चलाया जा रहा है व सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाई जा रही है। इस याचिका में हाइकोर्ट ने पंजाब सरकार के साथ पंजाब विजीलेंस ब्यूरो को भी नोटिस जारी कर जबावतलबी की थी।




Tuesday, February 22, 2022

गुप्ता अस्पताल बठिंडा ने सत्या देवी को दी नई जिंदगी, कई साल से घुटनो की तकलीफ़ से चलने फिरने में थी असमर्थ


बठिंडा.
बठिंडा के पावर हाउस रोड स्थित गुप्ता अस्पताल क्रिटिकल स्थिति में पहुंचे मरीजों के उपचार के लिए पहचाने जाते हैं। पिछले दिनों उन्होंने एक ऐसे मरीज को नई जिंदगी देने का काम किया जो पिछले कई साल से चलने फिरने में लाचार हो रही थी। 52 साल के मरीज सत्या देवी निवासी बरनाला को अपने बेटे मोहित कुमार के साथ गुप्ता हॉस्पिटल आई। वह गठिया रोग से ग्रस्त थीं। बहुत से डॉक्टरों से इलाज़ कराने के बाद जब उनकी तकलीफ कम ना हुई तो उन्हें उनके बेटे गुप्ता हॉस्पिटल लेकर आए। यहां पंजाब के प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन में नाम बना चुके डाक्टर मोहित गुप्ता ने मरीज़ को अच्छी तरह चेक कर उनको 

टी.के.आर  ट्रीटमेंट के लिए कहा। इस ट्रीटमेंट में मरीजों के दोनों घुटने बदले जाते हैं।

डा. मोहित गुप्ता इस तरह की तकनीक से काफी आपरेशन पहले कर चुके हैं। इसके चलते उन्होंने मरीज का सफल आपरेशन कर उन्हें फिर से पैरों में खड़े होने के काबिल बना दिया। डा. मोहित गुप्ता ने बताया कि बदलते लाईफ स्टाइल की वजह से मनुष्य आज किसी न किसी कारण से घुटनों के दर्द से परेशान हैं। इसकी वजह घुटनों में किसी प्रकार की चोट, मोटापा या ओस्टियोआथ्राइटिस होता है। जिनका बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) अधिक यानि मोटापा अधिक हैं, उनमें घुटनों के दर्द की शिकायत ज्यादा रहती है। जब दर्द बहुत ही ज्यादा हो जाता है तो घुटने का बदलना ही उपाय रह जाता है। डा. मोहित गुप्ता ने बताया कि घुटनों में आथ्राईटिस होने से कई बार विकलांगता की स्थिति तक आ जाती है। जैसे जैसे घुटने जवाब देने लगते हैं, चलना फिरना, उठना बैठना, यहां तक कि बिस्तर से उठ पाना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में नी रिप्लेसमेंट यानी घुटनों को बदलना एक विकल्प के तौर पर मौजूद है। 

-कब पडती हैं जरूरत

डा. मोहित गुप्ता ने बताया कि यदि एक्सरे में आपको घुटना या उसके अंदर के भाग अधिक विकारग्रस्त होते दिख रहे हों या आप घुटनों से लाचार महसूस कर रहे हों, जैसे बेपनाह दर्द, उठने बैठने में तकलीफ, चलने में दिक्कत, घुटने में कड़ापन, सूजन, लाल होना, तो घुटने बदलना जरूरी हो जाता है। हर वर्ष पूरे विश्व में लगभग साढे छह लाख लोग अपना घुटना बदलवाते हैं। वैसे घुटना बदलवाने की उम्र 65 से 70 की उपयुक्त मानी गई है लेकिन यह व्यक्तिगत तौर पर भिन्न भी हो सकती है।




Thursday, February 17, 2022

Bathinda-डीसी ने जारी किए आदेश, कल शाम छह बजे बंद होगा चुनाव प्रचार


बठिडा:
पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 के मद्देनजर जिला निर्वाचन अधिकरारी विनीत कुमार ने धारा-144 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्वाचन क्षेत्र के गैर-मतदाता राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को 18 फरवरी शाम छह बजे से पहले चुनाव प्रचार बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 (सीआरपीसी) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

जारी आदेश के अनुसार 20 फरवरी 2022 को होने वाले चुनाव के लिए चुनाव प्रचार 18 फरवरी को शाम छह बजे के बाद बंद कर दिया जाएगा। अभियान की समाप्ति के बाद निर्वाचन क्षेत्र के अंदर कोई भी अभियान नहीं चलाया जा सकता है और निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से कोई भी गैर-मतदाता निर्वाचन क्षेत्र में उपस्थित नहीं होना चाहिए। अभियान की अवधि समाप्त होने के बाद भी उनकी निरंतर उपस्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए माहौल खराब कर सकती है। यह आदेश 10 मार्च 2022 तक प्रभावी रहेगा।

वहीं जिला चुनाव अधिकारी विनीत कुमार ने जिला बठिडा की सीमा के भीतर 14 मार्च 2022 तक ड्रोन कैमरों का संचालन/उड़ान प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में अभियान से संबंधित पोस्टर/बैनर लगाना प्रतिबंधित रहेगा। 100 मीटर के दायरे में शोर या दंगा करना भी सख्त वर्जित है। किसी भी निजी वाहन को मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे में ले जाना और मतदान केंद्र में टैट लगाना प्रतिबंधित है। 18 फरवरी शाम छह बजे से 20 फरवरी, 2022 को मतदान समाप्त होने और 10 मार्च, 2022 को मतगणना के दिन जिले में ड्राई डे घोषित किया गया है।

जीतमोहिन्दर सिद्ध और गुरबाज सिद्ध ने किया चुनावी जनसभाओं को संबोधित, कांग्रेस ने विकास के नाम पर सिर्फ लड़ाई की,आप के वादे झूठे


 

रामा मंडी,16 फरवरी(असीजा). हल्का तलवंडी साबो से शिरोमणि अकाली नेता के उम्मीदवार और पूर्व विधायक जीतमोहिन्दर सिंह सिद्ध और उनके सुपुत्र गुरबाज सिद्ध ने तूफानी चुनाव प्रचार किया और हल्के के विभिन्न गांवों में डोर टू डोर कंपैन के साथ साथ गांवों में रामा शहर में चुनावी सभाओं को संबोधित किया।अपनी चुनावी सभाओं के दौरान उन्होंने नजदीकी गांव तरखनवाला,फत्तू टाहनी, कच्चा वास और अंगूरों वाले बाग में चुनावी सभा को संबोधित किया।इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।अपनी चुनावी सभाओं के दौरान संबोधित करते हुए जीतमोहिन्दर सिद्ध और गुरबाज सिद्ध ने आम आदमी को और कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में कांग्रेस के सरकार बनने के बाद यदि किसी चीज़ में बढ़ोतरी हुई तो वह बेरोजगारी, गुंडागर्दी और अपराध हैं।उन्होंने कहा कि 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगवाई में कांग्रेस पार्टी बड़े बड़े वादे करके सत्ता में आई थी लेकिन साढ़े चार सालों तक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत पूरी कैबिनट सोती रही और बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ठीकरा फोड़ कर उन्हें पद से हटा दिया गया।उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी शाब्दिक हमला किया और कहा कि आम आदमी पार्टी के द्वारा पंजाब की जनता को झूठे वादे करके गुमराह किया जा रहा है जबकि जो वादे उनके द्वारा पंजाब की जनता से किए जा रहे हैं उनमें से एक भी काम वह दिल्ली में नहीं कर पाए।उन्होंने कहा कि हल्के से आम आदमी पार्टी की मौजूदा विधायक के द्वारा पिछले चुनावों में जीत के बाद हल्के के लोगों की कोई सुध नहीं ली गई और अब फिर से वह वोटें ऐंठने के लिए लोगों के बीच घूम रहीं हैं।उन्होंने कहा कि अकाली दल की सरकार के समय को पंजाब के लिए स्वर्णिम काल बताया।उन्होंने मतदाताओं से शिरोमणि अकाली दल बसपा गठबंधन को वोट डालने की अपील की।इस मौके पर सतवीर सिंह असीजा अध्यक्ष शिरोमणि अकाली शहरी,हरजिंदर सिंह खोसा, सुखवंत सिंह काला,बलजीत सिंह बिन्नी,पप्पू धालीवाल, इवनीत असीजा, रविन्द्र सिंह भुल्लर के इसका बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

कैप्शन.चुनावी सभा को संबोधित करते गुरबाज सिद्ध।


Wednesday, February 16, 2022

Punjab Assembly Election 2022: पंजाब में आंतरिक सर्वेक्षण ने उड़ाई कांग्रेस नेताओं की नींद, रणनीति बदलने पर मजबूर हुई पार्टी

 


कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी AAP पर जुबानी हमला करते हुए उसे BJP की B टीम बताया, जो एक आकस्मिक टिप्पणी की जगह सोची समझी रणनीति प्रतीत होती है.

 

चंडीगढ़/: आगामी 20 फरवरी को होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) के लिए कांग्रेस को आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) के बाद अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मत है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) काफी मजबूत दावेदार के रूप में चुनौती पेश कर रही है.

जालंधर में 14 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर राहुल गांधी रहे. जबकि, कांग्रेस नेताओं ने अपनी सभाओं में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को निशाने पर रखा और सवाल ​किया कि उन्होंने दिल्ली की जनता के लिए क्या काम किए किए हैं, खासकर कोरोना महामारी के दौरान.कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी AAP पर जुबानी हमला करते हुए उसे BJP की B टीम बताया, जो एक आकस्मिक टिप्पणी की जगह सोची समझी रणनीति प्रतीत होती है. कांग्रेस नेताओं खासकर प्रियंका और राहुल गांधी द्वारा आम आदमी पार्टी पर तीखे शाब्दिक प्रहार की शुरुआत पंजाब चुनाव के बारे में आंतरिक सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद हुई है.

राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी की संभावनाओं के बारे में जानकारी हासिल की थी. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राहुल गांधी को बताया कि आम आदमी पार्टी इस बार काफी मजबूत दावेदारी पेश कर रही है.

हालांकि, तब सुनील जाखड़ की बात को कांग्रेस द्वारा बहुत गंभीरता ने नहीं लिया गया. लेकिन पार्टी की ओर से पंजाब चुनाव को लेकर कराए गए आंतरिक मूल्यांकन में जो बात निकलकर सामने आई है, उसने कांग्रेस नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है. राज्य में बदलाव की आवाज तेज और मुखर है. चन्नी के नेतृत्व में कांग्रेस पंजाब की जनता को यह संदेश देना चाहती है कि यह एक नई पार्टी है, कैप्टन अमरिंदर सिंह वाली कांग्रेस से बिल्कुल जुदा है.

 

इंडियन युवा कांग्रेस (Indian Youth Congress) के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी (Srinivas BV) इन दिनों पंजाब में डेरा डाले हुए हैं. उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह अपनी टीम के जरिए पंजाब के लोगों तक यह बात जोर-शोर से पहुंचाएं कि कोरोना की जानलेवा दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में यदि किसी ने जनता की मदद की तो वह कांग्रेस पार्टी थी न कि आम आदमी पार्टी. राहुल गांधी ने भी जालंधर में अपनी जनसभा के दौरान इस मुद्दे का जिक्र किया था.

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इसके अलावा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित भी चंडीगढ़ में मौजूद हैं और आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. वह समाचार चैनलों पर पंजाब चुनाव को लेकर लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं और कांग्रेस पार्टी का पक्ष रख रहे हैं. आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने वाली अल्का लांबा को भी पंजाब में चुनाव प्रचार के लिए भेजा गया है.

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कांग्रेस ने पंजाब चुनाव के लिए अपनी रणनीति में परिवर्तन करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को ”आम आदमी का मुख्यमंत्री” बताना शुरू किया है. इसके सपोर्ट में चुनावी नारे गढ़े गए हैं, सीएम चन्नी के लोगों के साथ ताश के पत्ते फेंटने से लेकर सड़क किनारे किसी छोटे ढाबे में ट्रक ड्राइवर्स के साथ भोजन करने और अपनी सुरक्षा छोड़कर भीड़ के बीच पहुंच जाने का वीडियो वायरल किया जा रहा है. कांग्रेस मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को ”आम आदमी” के रूप में पेश कर रही है, जिसके लिए पंजाब को वोट करना चाहिए.लेकिन एक ऐसा राज्य जिसने बीते 5 साल में चुनावी वादों को असफल होते देखा है, सड़कों पर कुछ लोगों ने  कहा, “हमने सब देख लिया है, अब हमें बदलाव की जरूरत है. हमें किसी और की जरूरत है.” रूपनगर के एक किसान ने कहा, “चन्नी अलग है. शायद वह बदलाव ला सकता है.” दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल अपनी जनसभाओं में AAP को एक ऐसी पार्टी के रूप में पेश कर रहे हैं जो पंजाब में बदलाव ला सकती है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में कांग्रेस पंजाब में इलेक्शन नरेटिव बदलने की भरसक कोशिश कर रही है.

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