-स्थानीय निकास विभाग के डायरेक्टर ने सरकार के आदेशों की तत्काल प्रभाव से पालना करवाने के लिए जारी किए आदेश
बठिंडा (हरिदत्त जोशी). पंजाब में सरकार तबदीली के साथ ही नगर निगम बठिंडा के कामकाज में भी सुधार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत डायरेक्टर स्थानीय निकाय विभाग पंजाब के म्यूनिसिपल सर्विस सैल ने सभी नगर निगम कमिश्नर, नगर कौंसिल के कार्यसाधक अधिकारियों, नगर सुधार ट्रस्ट के कार्यसाधक अधिकारी व चेयरमैनों को पत्र जारी कर कामकाज में तत्काल प्रभाव से सुधार लाने व जारी हिदायतों की सख्ती से पालना करने के लिए कहा है। वही चेतावनी दी है कि अगर कोई अधिकारी व कर्मी अवैध इमारतों को संरक्षण देता है, सरकारी जमीनों से कब्जे नहीं हटाता व बिल्डिंग नक्शा पास करने के लिए तय समय में काम पूरा नहीं करता व नियमों को तोड़ता है व जारी हिदायतों की पालना नहीं करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कारर्वाई अमल में लाई जाएगी। इसमें नियमों की पालना करवाने की जिम्मेवारी निगम कमिश्नर के साथ संबंधित विभाग प्रमुखों की तय की गई है। जारी हिदायतों में सरकार का पूरा ध्यान नगर निगमों व कौंसिलों में बनी अवैध इमारतों के साथ सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों को रोकने पर केंद्रीत है। इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों को समय पर दफ्तर पहुंचने व पब्लिक के काम समय पर करने व उनकी समस्याओं का तत्काल निपटारा करने के आदेश भी दिए है।
विभाग की तरफ से जारी हिदायतों में कहा है कि अधिकारी व कर्मचारी लोगों की समस्याओं का तुरंत निपटारा करे व लोगों के साथ जुड़ीसेवाएं वाटर सप्लाई, सीवरेज कनेक्शन, एनओसी व जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर दे। वही नगर निगम व कौंसिलो में आम लोगों को सर्वाधिक समस्या बिल्डिंग प्लान को लेकर आती है जिसमें शिकायते रहती है कि नगर निगम में नक्शा बास करवाने से लेकर किसी तरह की एनओसी हासिल करने में अधिकारी जानबूझकर देरी करते हैं व काम के बदले में रिश्वत की मांग की जाती है। इस समस्या के हल के लिए सरकार ने बिल्डिग प्लान व सीएलयू के लिए ई नक्शा पोर्टल को दुरुस्त रखने व आम लोगों को किसी तरह की समस्या पेश नहीं आने दे। बिल्डिंग प्लान व सीएलयू के केसों का निपटारा नियमों के तहत तय समय में किया जाए। वही क्लरिफिकेशन व इक्वायरी व इतराज सिर्फ एक बार ही लगाए जाए। अगर किसी भी अधिकारी के पास निर्धारित समय से अधिक समय तक केस पेडिंग रहेगा तो अधिकारी के खिलाफ बनती कारर्वाई की जाएगी। वही सरकार ने सभी निगम व ट्रस्ट अधिकारियों को सख्त हिदायतें जारी की है कि वह अपने क्षेत्र में किसी भी तरह का अवैध निर्माण नहीं होने दे। अगर कही अवैध निर्माण चल रहा है तो उसे तत्काल प्रभाव से रोके व नियमों के तहत अगली कारर्वाई बिना किसी देरी के अमल में लाई जाए। वही आदेश में कहा गया है कि निगमों व ट्रस्टों के क्षेत्र में किसी भी तरह का अवैध निर्माण व अवैध कालोनी का निर्माण होता है तो इसमें सीधे तौर पर निगमों के कमिश्नर, डवल्पमेंट आथार्टी के अधिकारी, ट्रस्टों के चेयरमैन व कार्यसाधक अधिकारी, टाउन प्लान विंग व बिल्डिंग बरांच के अधिकारियों को जिम्मेवार मानकर बनती कारर्वाई की जाएगी।
इसी तरह विकास अथार्टी के अधीन होने वाले किसी भी तरह के विकास कार्यों की फिजिकल वैरिफिकेशन करवाना जरूरी है वही इसमें तस्दीक करना होगा कि एस्टीमेंट के अनुसार काम पूरा हो चुका है व गुणवत्ता व मात्रा को चैंक करवाना जरूरा किया जाए। इसमें फिजिकल वैरिफिकेशन आला अधिकारी की तरफ से करना जरूरी है वही साथ में नियमानुसार रैंडम सैपलिंग करवाना भी जरूरी होगा। वही एक अन्य आदेश में कहा गया है कि नगर निगमों, कौंसिलों, ट्रस्टों व डवल्पमेंट आथार्टी के अधीन आती सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों के खिलाफ नियमों के तहत कानूनी कारर्वाई करे। इसमें पहले से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करके बैठे लोगों को हटाने की कारर्वाई भी बिना किसी देरी के अमल में लाई जाए। गैरतलब है कि बठिंडा नगर निगम के अधीन ही पिछले पांच साल में सैकड़ों अवैध इमारतों का निर्माण किया गया है जबकि चुनाव के दौरान ही शहर के विभिन्न इलाकों में दो सौ से अधिक बड़ी इमारते प्रमुख बाजारों में राजनीतिक संरक्षण में बना दी गई। इन इमारतों के बनवाने में जहां राजनीतिक संरक्षण जिम्मेवार रहा वही नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच के विभिन्न जोन इंचार्जों व अधिकारियों ने जमकर चांदी कूटी व लोगों से वसूली कर इमारतों का निर्माण करवाया। अब सरकार के आदेश के बाद इन इमारतों पर कानूनी कारर्वाई होना तय मानी जा रही है।