सरकार की नीतियों से परेशान यूनिवर्सिटी संकाय
ने दिया धरना, सरकार
विरुद्ध की नारेबाजी, भेजे
मांग पत्र
बठिंडा, 23 दिसंबर
(जसप्रीत): कम वेतन मिलने व अपनी अन्य मांगों के चलते पंजाब सरकार से नराज़
कर्मचारियों की तरफ से अपने प्रदर्शन जारी रखे जा रहे हैं। उसी दौरान बठिंडा में
महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टैकनिकल यूनिवर्सिटी (एमआरएसपीटीयू),
तथा
बठिंडा स्थित पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के संकाय सदस्यों की तरफ से भी प्रदर्शन किए
जा रहे हैं। एमआरएसपीटीयू अंदर काम करते कच्चे सहायक प्रोफैसरों और डीपीई ने संघरश
शुरू करते यूनिवर्सिटी के बाहर बादल रोड पर अनिश्चित काल के लिए हड़ताल शुरू की है।
इस मौके उपस्थित कच्चे अध्यापकों हरअमृतपाल सिंह, सुखदीप सिंह,
मनदीप
कौर व सुनीता कोतवाल ने बताया कि उनकी तनख़्वाह पंजाब की अन्य यूनिवर्सिटियों के
मुकाबले बहुत कम है। उनका कहना है कि ड्यूटी तनदेही के साथ निभाने के बावजूद भी कम
तनख़्वाह उनका शोषण है। कच्चे अध्यापकों ने माँग उठाई कि लम्बे समय से काम कर रहे
कच्चे अध्यापकों को पक्का किया जाये और सब कच्चे अध्यापक /सहायक प्रफैसरों और
डी.पी.ई. की तनख़्वाह बढ़ा के पक्के सहायक प्रफैसर के बराबर दी जाये। इस बारे माँग
पत्र लम्बे समय से चरनजीत सिंह चन्नी, मुख्य मंत्री पंजाब, बठिंडा
शहरी हलका के नुमायंदे व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, राणा गुरजीत
सिंह, टैकनिकल ऐजूकेशन मंत्री, पंजाब और प्रमुख सचिव टैकनिकल ऐजूकेशन,
पंजाब
को दिया हुआ है, जबकि यूनिवर्सिटी प्रसासन और सरकारी नुमायंदों
के साथ मीटिंग बेनतीजा रही हैं।
लगातार हड़ताल
और रोश मुजाहरे कर रहे हैं, जिससे पंजाब प्रांत के किसानों को
मुहैया करवाया जाता कृषि साहित्य, भूमि परख, बीज और खेती
ज्ञान -विज्ञान के साथ-साथ पेशे के साथ जुड़े खोज, पसार और शिक्षा
कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। गौरतलब है कि पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी
एंड कालजिज टीचर्ज आर्गेनाइजेशन के बुलावे पर पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी
टीचर्ज एसोसिएशन के बैनर तले बठिंडा स्थित क्षेत्रीय खोज केंद्र,
कृषि
विज्ञान केंद्र और फार्म सलाहकार सेवा केंद्र के समूह विज्ञानियों की तरफ से
मुकम्मल हड़ताल की जा रही है। यह प्रदर्शन और धरना पंजाब सरकार की तरफ से
यूनिवर्सिटी और कालेज अध्यापकों के लिए तनख़्वाह स्केल यूनिवर्सिटी ग्रांटस कमीशन
की तरफ से निर्धारित तनख़्वाह सकेल से डीलिंक कर, नये भरती हो रहे
विज्ञानियों के लिए सिर्फ़ प्राथमिक तनख़्वाह, नयी पैंशन सकीम
और नव -नियुक्त विज्ञानियों को पिछले एक साल से तनख़्वाह देने से की जा रही टाल
-मटोल के ख़िलाफ़ दिया जा रहा है। इस मौके धरने को प्रमुख विज्ञानी डा अवतार सिंह, डा
गुरजिन्दर सिंह रोमाना, डा करमजीत सिंह सेखों, डा. गोमती
ग्रोवर, डा प्रितपाल सिंह, डा सर्वपिया सिंह और डा.चेतक बिशनोयी
ने संबोधन किया।
इसी प्रकार से एमआरएसपीटीयू के फैकल्टी व स्टाफ
सदस्यों ने रुके हुए वेतन को जारी करने व छठे पे कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने
संबंधी पंजाब के गवर्नर, पंजाब सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों
को पत्र भेजा है एवं उनके द्वारा यूनिवर्सिटी कैंपस में धरना भी लगाया गया। धरने में रविद्र
कुमार, रजिदर सिंह, संजीव कुमार, रणजीत सिंह,
नीरज
कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को समय पर वेतन देने
में असमर्थ हैं। यूनिवर्सिटी का रेगुलर स्टाफ, कांट्रेक्टर
स्टाफ, कंसोलिडेटर्स स्टाफ व ठेकेदारी अधीन काम कर रहा स्टाफ आर्थिक परेशानी
के दौर से गुजर रहा है। विद्यार्थियों के भविष्य पर भी प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने
मांग की कि पंजाब की बाकी यूनिवर्सिटियों की तर्ज पर महाराजा रणजीत सिंह पंजाब
टेक्निकल यूनिवर्सिटी बठिडा को भी वेतन व अन्य जरूरी खर्चों के लिए सालाना ग्रांट
जारी की जाए।
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के खोज और पसार
विज्ञानी पिछले चार हफ़्तों से अपनी बुनियादी माँगों की पूर्ति के लिए