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Sunday, January 24, 2021

72ਵੇਂ ਗਣਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਮੌਕੇ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਜ਼ਿਲਾ ਪੱਧਰੀ ਸਮਾਗਮ ਸਬੰਧੀ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਨੇ ਫ਼ੁੱਲ ਡਰੈੱਸ ਰਿਹਰਸਲ ਦਾ ਲਿਆ ਜਾਇਜ਼ਾ


ਬਠਿੰਡਾ:
ਦੇਸ਼ ਦੇ 72ਵੇਂ ਗਣਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਮੌਕੇ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਜ਼ਿਲਾ ਪੱਧਰੀ ਸਮਾਗਮ ਸਬੰਧੀ ਸਰਕਾਰੀ ਰਜਿੰਦਰਾ ਕਾਲਜ ਦੇ ਹਾਕੀ ਸਟੇਡੀਅਮ ’ਚ ਫ਼ੁੱਲ ਡਰੈੱਸ ਰਿਹਰਸਲ ਕਰਵਾਈ ਗਈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਵਜੋਂ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋਏ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਸ਼੍ਰੀ ਬੀ. ਸ੍ਰੀਨਿਵਾਸਨ ਵਲੋਂ ਫੁੱਲ ਡਰੈੱਸ ਰਿਹਰਸਲ ਦਾ ਜਾਇਜ਼ਾ ਲਿਆ ਗਿਆ। ਇਸ ਦੌਰਾਨ ਪਰੇਡ ਕਮਾਂਡਰ ਡੀ.ਐਸ.ਪੀ. ਸ਼੍ਰੀ ਮਨੋਜ ਗੋਰਸੀ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਮਾਰਚ ਪਾਸਟ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਇਸ ਮਾਰਚ ਪਾਸਟ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਲ ਪੰਜਾਬ ਪੁਲਿਸ, ਪੰਜਾਬ ਪੁਲਿਸ ਮਹਿਲਾ ਵਿੰਗ, ਪੰਜਾਬ ਹੋਮ ਗਾਰਡਜ਼, ਐਨ.ਸੀ.ਸੀ., ਸਕਾਊਟਸ ਅਤੇ ਗਾਈਡ ਦੀਆਂ ਟੁਕੜੀਆਂ ਵਲੋਂ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਤੇ ਕੌਮੀ ਤਿਰੰਗੇ ਨੂੰ ਸਲਾਮੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਪੁਲਿਸ ਤੇ ਆਰਮੀ ਬੈਂਡ ਵਲੋਂ ਵੀ ਮਨਮੋਹਿਕ ਧੁੰਨਾਂ ਰਾਹੀਂ ਬੈਂਡ ਦੀ ਸੇਵਾ ਨਿਭਾਈ ਗਈ। ਇਸ ਉਪਰੰਤ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਵੱਲੋਂ ਗਣਤੰਤਰ ਦਿਵਸ ਸਬੰਧੀ ਚੱਲ ਰਹੀਆਂ ਤਿਆਰੀਆਂ ਬਾਰੇ ਰੀਵਿਊ ਮੀਟਿੰਗ ਕੀਤੀ ਗਈ। 


ਇਸ ਮੌਕੇ ਉਨਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ 72ਵੇਂ ਗਣਤੰਤਰ ਦਿਵਸ ਮੌਕੇ ਜ਼ਿਲਾ ਪੱਧਰੀ ਸਮਾਗਮ ਦੌਰਾਨ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਣ ਦੀ ਰਸਮ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਸਮਾਜਿਕ ਨਿਆਂ, ਸਸ਼ਕਤੀਕਰਨ ਅਤੇ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਮੰਤਰੀ, ਪੰਜਾਬ ਸ. ਸਾਧੂ ਸਿੰਘ ਧਰਮਸੋਤ ਨਿਭਾਉਣਗੇ। ਬੈਠਕ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਕਰਦਿਆਂ ਸ਼੍ਰੀ ਬੀ. ਸ੍ਰੀਨਿਵਾਸਨ ਨੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਤੇ ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਡਿਊਟੀ ਪੂਰੀ ਤਨਦੇਹੀ ਨਾਲ ਨਿਭਾਉਣ ਦੀ ਹਦਾਇਤ ਕੀਤੀ। ਉਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਾਰੇ ਇੰਤਜ਼ਾਮ ਸਮੇਂ-ਸਿਰ ਮੁਕੰਮਲ ਕਰ ਲਏ ਜਾਣ ਤਾਂ ਜੋ ਸਮਾਗਮ ਨੂੰ ਸਫ਼ਲਤਾਪੂਰਵਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਨੇਪਰੇ ਚਾੜਿਆ ਜਾ ਸਕੇ। 

ਇਸ ਮੌਕੇ ਐਸ.ਐਸ.ਪੀ. ਸ੍ਰੀ ਭੁਪਿੰਦਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਵਿਰਕ, ਵਧੀਕ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ (ਜਨਰਲ) ਸ਼੍ਰੀ ਰਾਜਦੀਪ ਸਿੰਘ ਬਰਾੜ, ਐਸ.ਪੀ. ਸ਼੍ਰੀ ਮੇਜਰ ਸਿੰਘ, ਐਸ.ਪੀ. ਸ਼੍ਰੀ ਜਸਪਾਲ ਸਿੰਘ, ਸਹਾਇਕ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਸ਼ਿਕਾਇਤਾਂ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰਬੀਰ ਸਿੰਘ ਕੋਹਲੀ, ਸਹਾਇਕ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਜਨਰਲ ਹਰਕੰਵਲਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਤਹਿਸੀਲਦਾਰ ਸ੍ਰੀ ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਰਾੜ, ਜ਼ਿਲਾ ਖੇਡ ਅਫ਼ਸਰ ਸ਼੍ਰੀ ਪਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਿਭਾਗਾਂ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀ ਤੇ ਉਨਾਂ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦੇ ਮੌਜੂਦ ਸਨ।

न्यायपालिका के खिलाफ वीडियो बना इंटरनेट मीडिया में अपलोड करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं : हाई कोर्ट


 
चंडीगढ़। जिला अदालत बुढलाडा (मानसा) के एक कर्मचारी हरमीत सिंह की ओर से जजों और न्यायपालिका के खिलाफ वीडियो बनाकर उसे इंटरनेट मीडिया में अपलोड करने के एक मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि ऐसी गतिविधि को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जा सकता है। हाई कोर्ट ने कर्मचारी के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। जिस पर कर्मचारी ने कहा कि वह इसके लिए दोषी नहीं है और ट्रायल के लिए तैयार है।

जस्टिस जसवंत सिंह एवं जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने कहा कि आरोपित को अपना बचाव करने और अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही आरोप लगाने वालों को भी आरोप साबित करने का अवसर दिया जाएगा। लिहाजा हाई कोर्ट ने इस केस की फाइल हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को भेजते हुए एविडेंस रिकॉर्ड करने के आदेश दिए हैं। वहीं, आरोपित कर्मचारी हरमीत सिंह पर आरोप लगाने वाले पक्ष को चार मार्च को रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के समक्ष पेश होने के आदेश देते हुए मामले की सुनवाई छह जुलाई तक स्थगित कर दी है।

बता दें कि जजों और न्यायपालिका के खिलाफ वीडियो बनाकर उसे इंटरनेट मीडिया में अपलोड करने वाले हरमीत सिंह के खिलाफ मानसा की एक कोर्ट की ओर से हाई कोर्ट को पत्र लिखा गया था जिसके बाद हाई कोर्ट ने संज्ञान लेकर केस शुरू किया था। इस पूरे मामले में हाई कोर्ट को सहयोग देने के लिए नियुक्त कोर्ट मित्र ने भी कहा है कि प्रथम दृष्टया आरोपित कर्मचारी ने इस तरह के वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर सीधे तौर पर न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को आहत करने का प्रयास किया है।

उधर, आरोपित कर्मचारी की ओर से एडवोकेट आरएस बैंस ने कहा कि यू-ट्यूब पर वीडियो अपलोड किए जाने को पब्लिक पब्लिकेशन की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि इसकी पहुंच कुछ लोगों तक ही है। वैसे भी कर्मचारी के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर उसकी चार इंक्रीमेंट रोकी जा चुकी हैं। इंक्रीमेंट रोके जाने के खिलाफ कर्मचारी की अपील अब भी एडमिनिस्ट्रेटिव जज के समक्ष लंबित है।

Tuesday, September 7, 2010

अपनी मुक्ति के लिए भजन कीर्तन व भक्ति में समय लगाना चाहिएः आत्मनंद पुरी जी

बठिंडा। जो आचरण पशु करते है, कमोबेश ऐसा ही आचार व्यवहार मनुष्यों का रहता है। जैसे आहार, निद्रा, मैथुन, और भय प्रेम आदि। मनुष्यों में जगत के रचियता ने सबसे जुदा विशेषता दी है, ज्ञान, जिसको बूते ही मनुष्य योनि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह प्रवचन शिव शक्ति योग मिशन बठिंडा की तरफ से स्थानीय न्यू शक्ति नगर में आयोजित छह दिवसीय धार्मिक सम्‍मेलन में स्वामी आत्मनंद पुरी जी महाराज ने कहें। स्वामी ने बताया कि मानव योनि की श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए पशुओं की भंति आहार, निद्रा, भय व मैथुन आदि में सदैव लिप्त न रहकर अपने कल्याण के लिए प्रयास करने होगे। एक दूजे के काम आना, सुख-दुख सांझा करना और यह सब नसीहत भरी बातें सत्संग व धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से आचरण में समाएंगी। स्वामी ने बताया कि मनुष्य देह बहुत दुर्लभ है जोकि चौरासी लाख योनियों के बाद प्राप्त हुई है। इसे यू ही जाया न करके भगवान प्रप्ति एवं अपनी मुक्ति के लिए भजन कीर्तन व भक्ति में समय लगाना चाहिए। इस दुनिया में आए हो तो सद्कर्म करो, दीन दुखी लाचार व बेसहारा के लिए कुछ करो, अपने लिए तो सभी जीते है पर किसी लाचार व दुखी के काम आओ तो प्रभु का सिमरन करते रहें। भगवान भक्तों को सब कुछ दे सकते हैं पर मन नहीं क्‍योंकि मन तो भक्तों के पास पहले से ही है और अगर भगवान को कुछ अर्पण की इच्छा है तो अपना मन अर्पित करें। जन्मजात पोलियों विकलांगो के आपरेशन व सर्वमुखी पुनार्वास के सेवाभावी कामों में जुटी नारायण सेवा उदयपुर में सहयोग राशि देने वालों को सम्‍मानित किया गया। इस धार्मिक सम्‍मेलन को करवाने के लिए शिव शक्ति योग मिशन के प्रधान  बंटी धुन्नीके व चेयरमैन अमरदीप सिंह जौड़ा, सुरेंद्र देवी, वेदप्रकाश, राज बंसल, विनोद कुमार, एमएल गुप्ता, सुरेंद्र गर्ग, विनोद गोयल, राजिंद्र राजू, रमणीक वालिया, कस्तूरी लाल अग्रवाल आदि ने विशेष सहयोग दे रहे हैं।

Monday, August 30, 2010

आई फ्लू ने महानगर में जमाया डेरा, मरीजों की भरमार

-आंखों की लाली ने डाला लोगों की पाकेट पर बोझ
बठिंडा। बरसात के सीजन में लोग आई फ्लू का शिकार हो रहे हैं। सिविल अस्पताल के आंखों के विभाग की बात करें तो एक दिन में करीब २० से २५ मरीज आंखों की लाली वाले आ रहे हैं। इसमें अधिकतर लोगों ऐसे है जो निम्न वर्ग या फिर आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग से संबंधित होते हैं। करीब दस दिनों में आई फ्लू ने महानगर के साथ पूर जिले में जोर पकड़ रखा है। डाटरों द्वारा मरीजों को जो आई ड्राप्स लिखकर दिए जाते हैं वह इतने महंगे हैं कि आंखों की लाली भगाने के लिए जेब पर अधिक बोझ पड़ रहा है। इसमें एक बार तो तीन दिन का कोर्स लोगों को तीन से चार सौ रुपये पड़ रहा है जबकि इन दिनों आंखों की ड्राप बेचने वाली कंपनियों की जमकर चांदी हो रही है व अस्पतालों में डाटरों से संपर्क साधने वाले गैस्ट्रोल से लेकर आंखों की दवा बेचने वाली दवा प्रतिनिधियों की भरमार है जो नए-नए प्रोडेट डाटरों को दिखाने के साथ उन्हें मरीजों को थमाने के लिए कह रहे हैं।
आंखों में लाली के साथ खारिश होने को आई फ्लू का नाम दिया गया है। आंख को हाथ लगाने के बाद जब यह हाथ किसी से मिलाया जाए तो आई फ्लू फैलता है। एहतियात रखने के बावजूद आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। छोटे बच्चों से लेकर हर उम्र में आई फ्लू ने जिले में हड़कंप मचा रखा है। इसी तरह की स्थिति गली महल्ले के डाटरों के साथ प्राइवेट वालीफाइड डाटरों के पास बनी है जहां प्रतिदिन दर्जनों लोग बीमारी से ग्रस्त पहुंचते हैं।
आंखों के माहिर डाटर अमृत सेठी कहते हैं कि वालीफाई डाटरों से ही आंखों की जांच करवानी चाहिए।  एहतियात के तौर पर आंखों पर ऐनक का प्रयोग करना चाहिए। आंख पर हाथ नहीं लगाना चाहिए। ठंडे पानी से आंखों को साफ  रखना चाहिए। दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधकों का कहना है कि मरीज की सुविधा के लिए हर आई ड्राप्स उपलध हैं। वहीं डाटर द्वारा लिखकर दिए जाने वाले ड्राप्स जनऔषधि स्टोर से कम दाम में मिल जाते हैं।


अब मास्टरों से मार नहीं खाएंगे बच्चे
-आदेशों की अवहेलना करने पर होगी विभागीय कार्रवाई
-सभी प्रबंधकों को पत्र भेजकर आदेश की पालना करवाने को कहा   
बठिंडाा। अब स्कूली बच्चे होम वर्क करें या न करें, झूठे हो या सच्चे, मास्टरों को उनपर डंडा चलाना उनकी नौकरी पर भारी पड़ सकता है। इसकी वजह शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में विद्यार्थियों को शारीरिक या मानसिक सजा देने की मनाही के हुकम जारी कर दिए हैं। विभागीय आदेश जिले के सभी स्कूल मुखियों तक पहुंचा दिया गया है।
गौरतलब है कि बच्चों को कोई शरारत या होम वर्कन करने पर अध्यापकों द्वारा उनको प्रताड़ित करना या सजा देना बीते जमाने की बात होकर रह गई है। डायरेटर शिक्षा विभाग सीनियर सेकेंडरी चंडीगढ़ ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं मंडल शिक्षा अधिकारियों को स्कूली बच्चों को शारीरिक या मानसिक सजा देने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। गत ९ अगस्त २०१० को यह आदेश पत्र संख्या २०/१-२०१० सेकेंडरी शिक्षा(६) में सभी स्कूल मुखियों को भेज उक्त आदेश के सख्ती से पालन के आदेश जारी किए हैं।
उक्त आदेशों की पुष्टि करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विद्यार्थियों को किसी वजह से अध्यापकों द्वारा दी जाने वाली सजा को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने सभी स्कूल मुखियों को सूचित करने के लिए पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि उक्त आदेश जिले के सभी स्कूल मुखियों को सूचना पत्र भेज दिया गया है। उनको हिदायत दी गई है कि सभी स्कूलों में यह यकीनन बनाया जाए कि स्कूल अध्यापकों द्वारा बच्चों को शारीरिक अथवा मानसिक सजा कतई न दी जाए। उन्होने चेतावनी दी है कि यदि कोई इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले अध्यापक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

सावन रूहानी कृपाल मिशन ने यूनाईटेड के सहयोग से रक्तदान कैंप लगाया

बठिंडा। रक्तदान का संदेश घर-घर पहुंचाने के लिये यूनाईटेड वेलफेयर सोसायटी द्वारा चलाई जा रही मुहिम के तहत सावन कृपाल रूहानी मिशन ने भी इस नेक कार्य में हिस्सा डालते हुए संस्था के सहयोग से एक रक्तदान कैंप लगाया गया। कैंप में कई रक्तदानियों ने रक्तदान किया। स्थानीय स्पोर्ट्स स्टेडियम के सामने स्थित सावन कृपाल रूहानी मिशन के सत्संग घर में लगाये गये इस रक्तदान कैंप में सिविल अस्पताल बठिंडा से ब्लड बैंक की टीम रक्त एकत्रित करने के लिये पहुंची। मिशन के प्रधान कृष्ण लाल, मीत प्रधान बलवीर सिंह, सचिव जगदीश डोडा व कैशियर कुलवंत सिंह के प्रयासों से लगाये गये इस कैंप में महिलाओं नें भी बढ़चढ़ कर रक्तदान किया। मिशन के सेवादारों ने विश्वास दिलाया कि वह मानवता की सेवा में मिशन हमेशा आगे रहेगा। रक्तदान कैंप से पहले नरेश पठानिया ने साध संगत को रक्तदान की महानता बताते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। यूनाईटेड सोसायटी के प्रधान विजय भट्ट, जुगल किशोर, राजिंदर सेठी, हरजिंदर जस्सल, जगजीत गिलपात्ती व रीतू ने सावन कृपाल रूहानी मिशन का आभार प्रगट करते हुए अपील की कि भविष्य में भी मिशन इसी तरह नेक कार्य करके मानवता की भलाई में योगदान डालता रहे ताकि रक्तदान लहर को एक लोक लहर बनाई जा सके। रक्तदान करने वालों को जिला रेडक्रास सोसायटी की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कैंप में थर्मल कर्मचारी हैंडीकैपड जसवंत दियोण ने भी रक्तदान किया।

एमसी ने गली की ईंटे उखाड़ने से रोका तो महिला ने की आत्महत्या की कोशिश
बठिंडा। स्थानीय गुरु की नगरी निवासी की एमसी महिला को क्षेत्र में निर्माणाधीन पार्क की इंटे उखाड़ रहे कुछ लोगों को रोकना उस समय महंगा पड़ गया जब उक्त आरोपियों में शामिल एक महिला ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आत्महत्या करने की कोशिश की व एमसी महिला को जान से मारने की धमकियां दी।
कोतवाली पुलिस ने इस मामले में एमसी के बयानों के आधार पर दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार कोतवाली पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में वार्ड नंबर २५ की मौजूदा एमसी राजिंदर कौर ने बताया कि वह अपने वार्ड में बन रहे पार्क की दीवारों को निर्माण करवा रही थी। इस पार्क के साथ स्थित गली नंबर आर-२ की है जो कि मीरां पत्नी परमानंद, सुखमंदर  सिंह के घर के पास से होकर आगे आरओ को जाती है। उक्त आरोपी लोगों को जाने से रोकते हैं। एमसी ने बताया कि वह रविवार को पार्क में चल रहे काम को देखने के लिये गई थी तो उक्त आरोपी मीरा, सुखमंदर सिंह व भुपिंदर कौर गली की ईंटे उखाड़ रहे थे। जब उसने आरोपियों को रोका तो आरोपी भुपिंदर कौर ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आत्महत्या करने की कोशिश की व उसे जान से मारने की धमकियां दी।
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दुकान से एसी व इनवर्टर चोरी
बठिंडाः स्थानीय सौ फीट रोड़ पर स्थित एक दुकान से कोई अज्ञात व्यक्ति एक ए.सी सहित इनवर्टर सहित बैटरी चुरा ले गया। पुलिस ने दुकान मालिक के बयानों के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में विजय कुमार निवासी गणेशा बस्ती ने बताया कि वह सौ फीट रोड़ बठिंडा पर सीमेंट रेता, बजरी व सरिया की दुकान करता है। वह रोजाना की तरह वह दुकान बंद करके गया था। जब सुबह चार बजे वह दुकान पर आया तो उसकी दुकान से कोई अज्ञात व्यक्ति
ताले तोड़कर एक एसी, इनवर्टर सहित बैटरी चुरा ले गया। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू कर दी है।
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वेरका बूथ से हजारों का सामान चोरी
बठिंडाः तहसील कांपलेस में बने वेकरा बूथ से कोई अज्ञात व्यक्ति हजारों का सामान चुरा ले गया। पुलिस ने बूथ संचालक के बयानों के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार सिविल लाइन पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में कृष्ण सिंह ने बताया कि रात्रि कोई अज्ञात व्यक्ति उसके वेरका बूथ की दीवार पर सेंध लगाकर अंदर से देसी घी, पनीर व रुपये के सिक्के चुरा ले गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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साढे़ चार लाख रुपये का जाली ड्राफ्ट देकर कार लेकर अज्ञात फरार
दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
बठिंडाः बीबीवाला रोड़ पर स्थित मैहता मोटर्स के  कर्मचारियों को दो अज्ञात युवक रुपये का नकली ड्राफ्ट देकर कार खरीद ले गये। मेहता मोटर्स के कर्मचारी के बयानों के आधार पर कैंट पुलिस ने दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार कैंट पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में मैई अरोड़ा कर्मचारी मैहता मोटर्स ने बताया कि दो अज्ञात युवक क्लीन सेव मैहता मोटर्स में आए। दोनों युवकों ने इंडीको गाड़ी लेने के लिये बातचीत की व सौदा पक्का हो गया। दोनों युवका सांय को फिर शोरूम में आए और एसबीआई रामपुरा का ड्राफ्ट देकर कार ले गये। जब ड्राफ्ट की जांच की गई तो उक्त ड्राफ्ट नकली पाया गया। पुलिस ने इस मामले में दोनों अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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नशीली गोलियों सहित तीन काबू
बठिंडाः फूल पुलिस ने नशीली गोलियों सहित दो व्यक्तियों को काबू किया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार फूल पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गांव सिधाना पुल के पास आरोपी नशीली दवाइयां लेकर जा रहा है। पुलिस ने मौके पर छापामारी कर आरोपी को काबू कर उसके पास से नशा बरामद किया है  पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसी तरह तलवंडी साबो पुलिस ने नशीली दवाइयों सहित एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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महिला से बलात्कार के आरोप में चार पर मामला दर्ज
बठिंडाः सिटी रामपुरा पुलिस ने महिला से बलात्कार करने के आरोप में चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में रुपिंदर कौर निवासी महराज ने बताया कि आरोपी जसविंदर सिंह उसे डरा धमका कर उससे पहले महराज व बाद में चंडीगढ़ ले जाकर बलात्कार करता रहा। इसमें बाकी आरोपियों ने जसविंदर सिंह की मदद की। पुलिस ने आरोपियों जसविंदर सिंह, रंजीत सिंह, बलजिंदर सिंह व बलविंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
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Saturday, August 28, 2010

तीन सितंबर को करगे सीवरेज बोर्ड अधिकारियों को नजरबंद

-सीवरेज से फैल रही बीमारियों को लेकर लोगों का आक्रोश 
-सरकार से जारी फंड की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग रखी 
बठिंडा। लाईन पार क्षेत्र में लोगों की समस्या के हल के लिए काम कर रही संगर्ष् कमेटी ने अब तीन सितंबर को सिवरव्ज बोर्ड के अधिकारियों का घेराव करने व उन्हें समस्या हल न होने तक दफ्तरों में नजरबंद करने की धमकी दी है। कमेटी के प्रधान विजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि सीवरव्ज बोर्ड के अधिकारी नगर निगम से प्रतिमाह म्क् लाख रुपये व सालाना छह करोड़ का बजट लेने के बावजूद लोगों की समस्याओं को हल करने में पूरी तरह से नाकाम रहे है। 
आज स्थिति यह है कि महानगर में पानी की पाईपों के साथ मिलकर सीवरेज का गंदा पानी मिक्स होकर जा रहा है, जिससे लोगों को कई गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। गली मुहल्लों में सीवरव्ज की सफाई न होने से जहां बरसातों में चार फुट तक पानी भर रहा है वही बिना बरसात के ही दुकानों के साथ घरों के बाहर गंदा पानी जमा रहता है। यही हालत महानगर में बनी वाटर वर्स की टैंकियों का है जहां सीवनरेज विभाग को गार साफ करने की जिम्मेवारी दी गई है लेकिन वर्तमान में शहर की छह पानी की टैंकियों में तीन फुट कर गार जमा है जिसमें कई गंभीर बीमारियां लोगों तक पहुंच रही है। इन टैंकियों में जानवर तक मरे पडे़ हैं लेकिन विभाग का कोई भी कर्मचारी इसकी सफाई करने की हिम्मत नहीं करता है। वर्तमान में नगर निगम की तरफ से प्रतिमाह म्क् लाख रुपया दिया जा रहा है लेकिन यह राशि कहा खर्च हो रही है इसका हिसाब सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को देना पडे़गा।
उन्होंने आशंका जताई कि इस राशि में भारी तादाद में घपलेबाजी हो रही है जिसकी जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि सीवरेज बोर्ड की लापरवाही का नतीजा है कि शहर में डायरिया व मलेरियां जैसी बीमारियां फैल रही है, जिससे अस्पतालों में लोगों का अंबार लगा हुआ है इसके बावजूद विभाग के अधिकारी कुंभकरणी नींद सो रहे हैं। इस बाबत उन्होंने नगर निगम  अधिकारियों को भी शिकायत भेजी थी लेकिन उन्होंने यह कहकर पल्लू झांड लिया कि नगर निगम साल का छह करोड़ रुपया सीवरव्ज बोर्ड को भेजता है, इस राशि की एवज में वह सीवरव्ज की मरम्मत, सफाई और पानी की टैंकियों की गाद निकालने का काम करता है। उत राशि का इस्तेमाल कहां हो रहा है यह जांच का विष्य है। उन्होंने राद्गय के मुख्यमंत्री, स्थानीय निकाय मंत्री व उपमुख्यमंत्री से पूरे मामले की जांच करवाने और लोगों को पेश आ रही समस्याओं को हल करने की मांग की है। सीवरव्ज बोर्ड की लापरवाही के खिलाफ लाईन पार संघर्ष् कमेटी तीन सितंबर को सीवरव्ज बोर्ड अधिकारियों का घेराव सुबह दस बजे से करव्गी। यह घेराव तब तक जारी रहेगा जब तक उपरोत सभी समस्याओं का हल नहीं किया जाता है। इस दौरान किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को दफ्तर से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।  इस दौरान इलाके के हजारों लोग संघर्ष् में साथ देगें। आगामी एक सप्ताह में इस बाबत विशेष् मुहिम चलाई जाएगी।    


Monday, August 16, 2010

मानसा रोड पर बने ओवरब्रिज का उपमुख्यमंत्री ने किया विधिवत उद्घाटन

-तीन साल में फ्लाई रेलवे ओवरब्रिज बनाने का देश भर में बनाया अनोखा रिकार्ड 
-शहरवासियों को मिलेगी भारी भरकम ट्रैफिक समस्या से राहत 
बठिंडा। पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने मानसा रोड स्थित ओवरब्रिज का विधिवत उद्घाटन किया। इस पुल के निर्माण से जहां महानगर में ट्रैफिक की समस्या हल होगी वही रव्लवे फाटकों में घंटो खडे़ होकर इंतजार करने की समस्या से भी निजात मिलेगी। पुल के खुलते ही आसपास के क्षेत्र में विकल्प के तौर पर बनी गली मुहल्ले की सड़कों के आसपास रहने वाले लोगों ने राहत की सास ली है योंकि पुल के निर्माण के कारण बाबा दीप सिंह नगर, डबवाली रोड व दाना मंडी सड़क पर ट्रैफिक की विकराल समस्या पैदा हो रही थी। इस अवसर परसुखवीर बादल ने कहा कि सरकार ने  पिछले तीन वर्षे के दौरान ३२ रव्लवे ओवर ब्रिजों को संपूर्ण करके देश में एक नया इतिहास बनाया है। उन्होंने बताया कि छह महीनों के दौरान छह और रेलवे ओवर ब्रिज संपूर्ण होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जून २०११ तक स पूर्ण किए जाने वाले प्रौजेटों में राष्ट्रीय हाई-वे न बर ६४ का जीर.कपुर से पटियाला तक चौ-मार्गीय करने (४६० करोड़ रुपये), पटियाला से भटिंडा तक सड़क का चौ-मार्गीय करने (१४०० करोड़ रुपये) और राष्ट्रीय हाई-वे नः १ शेरशाह सूरी मार्ग का पानीपत से जालंधर तक ६ मार्गीय करने (२७०० करोड़ रुपये) शामिल है। इसके अतिरक्ति ४७० करोड़ रुपये की लागत से ढिलवां से अमृतसर बाघा बार्डर तक चौ-मार्गीय करने , राष्ट्रीय हाई-वे नः१५ के पठानकोट से अमृतसर तक १०२ कि.मी हिस्से का ऋ०० करोड़ रुपये की लागत से चौ-मार्गीय, राष्ट्रीय हाई-वे नः २१ के कुराली से कीरतपुर साहिब तक ४५ कि.मी हिस्से का ३०ऽ करोड़ रुपये की लागत से चौ मार्गीय और लुधियाना से तलवंडी तक ऽ२ कि.मी सड़क का ४ऋ० करोड़ रुपये की लागत से चौ-मार्गीय करने और कुछ अन्य सड़कीय प्रौजेट हैं जिनसे पंजाब वासियों को इन रूटों पर बढ़ रही यातायात की समस्या से राहत मिलेगी।  स. बादल ने कहा कि राद्गय में विश्र्वस्तरीय स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए अध्यापकों के ३५ हज़ार पदों को भरा गया है। और १४ हज़ार अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने बताया कि राद्गय के विद्यार्थीयों में विभिन्ना क्षेत्रों में रोज़गार की निपुणता पैदा करने के लिए एक विशेष् निपुणता तराश का कार्यक्रम बनाया गया है जिसके तहत आगामी १० वर्षे के दौरान १० लाख नवयुवकों को रोजगार के साधन उपलध करवाए जाएंगे। आम नागरिकों की जिंदगी को और सरल बनाने का वायदा करते हुए स. बादल ने बताया कि विलक्षण प्रशासकीय सुधार जिनमें गैर आवश्यक हलफीया बयान समाप्त करना भूमि रिकार्ड का स पूर्ण क पयूटरीकरण, ई-सेवा केंद्रों में ५७ विभिन्ना शहरी सुविधांए एक छत तले प्रदान करना, प्रत्येक थाना स्तर पर एक पुलिस सुविधा केंद्र की स्थापना और गांवों में ३०२७ ई ग्राम केंद्रों की स्थापना का बड़ा प्रयास शामिल है जिससे जहां भ्रष्टाचार पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। वहीं आम लोगों को उनके घरों के समीप सभी आवश्यक नागरिक सुविधांए उपलध हो जांएगी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री के साथ डीसी गुरकृतकृपाल सिंह, एसएसपी डा. सुखचैन सिंह गिल, शिअद हलका प्रभारी सरूपचंद सिंगला, अकाली नेता चिरंजी लाल गर्ग, जिला प्रेस सचिव डा. ओमप्रकाश शर्मा, शहरी प्रेस सचिन चमकौर सिंह मान, नगर निगम मेयर बलजीत सिंह बीड़बहिमण सहित आला नेता व प्रशासकीय अधिकारी उपस्थित रहे।   
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Wednesday, July 28, 2010

थानों में पुलिस के दलाल फैला रहे हैं भ्रष्ट्राचार रुपी गंदगी

-लोगों को कानून का हौवा दिखाकर वसूल कर लेते हैं मोटी राशि
-कई राजनीतिक दलों केञ् नेता भी इस गौरखधंधे से पीछे नहीं रहे     
बठिंडा। थानों में व्याप्त भ्रष्ट्राचार को वहां आने वाले दलाल और पुलिस के मुखविर ही हवा देते हैं। पुलिस कर्मचारी व थानों में तैनात ड्यूटी अफसर सीधे तौर पर लोगों से पैसे की वसूली करने की बजाय इन दलालों और मुखविरों के सहारे ही पैसे वसूल करते हैं। इसके लिए इन लोगों को बकायदा भ्रष्ट्राचार से इकट्ठा किया पैसे का एक हिस्सा मिलता है। लोगों को कानून का हौवा दिखाकर डराने, लगी धाराओं के बारे में गलत प्रचार करने के साथ आरोपी को बचाने या फिर दूसरे पक्ष के केस को मजबूत करने की एवज में एक मुस्त राशि खर्च करने के लिए उक्त दलाल ही तैयार करते हैं। इसमें बकायदा लोगों को बताया जाता है कि उसकी तरफ से दी जाने वाली राशि का कितना हिस्सा किसके पास जाएगा। वर्तमान में जिले के हर थाने में इस तरह के दलालों की भारी भरमार है जो अपना कामकाज छोड़कर थानों में सुबह-सांय मड़राते दिख जाते हैं। इसमें कई राजनीतिक दलों के नेता तक शामिल है जो अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए थानों में इस तरह का धंधा चला रहे हैं। इसमें कई पूर्व व वर्तमान पार्षदों की एक लंबी सूची शामिल है। थानों में लोगों का सौदा करवाने की एवज में जहां वह वाहवाही लूटते हैं वही दूसरे पक्ष की जेब कांटकर अपनी जेब भी सुगमता से भर लेते हैं। इन लोगों को पुलिस कई केसों में झूठे गवाह के तौर पर भी पेश करती है ताकि जिस पार्टी से पैसा मिला है उसका केस मजबूत किया जा सके। 
गौरतलब है कि पुलिस विभाग के पास कर्मचारियों की भारी कमी है, जिसके चलते उन्हें विभिन्न स्थानों से सूचनाएं इकट्ठी करने के लिए मुखविरो की जरूरत पड़ती है। वर्तमान में जिले भर में इस तरह के मुखविरो की तादाद सैकड़ों में होगी। इनमें अधिकतर लोग ऐसे हैं जो कोई काम कार नहीं करते हैं बल्कि पुलिस को सूचना देकर व इसमें मिलने वाले मेहनताने से वह अपनी रोजी चला लेते हैं। शुरू में पुलिस के लिए उक्त लोग काफी कारगर साबित होते थे लेकिन धीरे-धीरे उक्त मुखविर पुलिस के सहयोगी कम और दलाल ज्यादा बन गए। हर केस में मोटी कमाई करने के लिए लोगों को झूठे केस में फंसना, उन्हें कानून का भय दिखाकर पैसे एठने का काम करने लगे हैं। पुलिस भी इन लोगों के मार्फत होने वाली मोटी कमाई के  चलते इन्हें हर तरह का संरक्षण प्रदान करती है। जिसमें उक्त लोग कई गैरकानूनी कार्य भी करने लगे हैं। जिसमें नशीले पदार्थों की तस्करी करना, थानों में बरामद अफीम, भुक्की में से कुछ हिस्सा निकालकर बेचने का धंधा शामिल है।
इन्हीं लोगों की एक अन्य केटागिरी नेता लोग दलालों की है जो पुलिस के पास केस लोगों का समझौता करवाने की इवज में लाते हैं व मामला दर्ज करवाने के बाद उससे बाहर निकलने के लिए पैसे की मांग करते हैं। समझौता करवाने वाले नेता दोनों पक्षों से पैसों की वसूली तो करता है साथ ही इसमें बड़ा हिस्सा पुलिस को दिलवाता है। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारी थानों में भ्रष्ट्राचार समाप्त करने के दावे करती है वही पुलिस व पब्लिक के बीच की दूरी कम करने की बात कहती है लेकिन उक्त योजना तब तक सफल नहीं हो सकती है जब तक थानों में व्याप्त भ्रष्ट्राचार को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाता है। इसके लिए पहले थानों में दलाली कर रहे इन तत्वों को बाहर निकालना होगा तभी थानों के अंदर का माहौल भी तबदील हो सकेगा। 


पोस्टिक दूध के नाम पर प्रतिदिन दे रहे हैं बच्चे को जहर

-बेड टी में डाले जाने वाले दूध में है कई खतरनाक केञ्मिकल 
-बठिंडा केञ् रोजगार्डन क्षेत्र में बनी है दर्जनों नकली दूध की ड्डैञ्タट्री 
-सुबह तीन से पांच बजे केञ् बीच खरीदते हैं बडे़ दूध उत्पादकों केञ् टैंकर 
बठिंडा। शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए प्रतिदिन सैर करने के बाद चाय का कप पीना दिनचार्य का हिस्सा बन गया है। वही बच्चा जब रोने लगता है तो उसे भी मां बोतल में दूध देकर चुप करवा देती है। इस दौरान हम जाने-अनजाने स्वयं के  साथ अपने लाल को तंदरुस्ती के लिए दिए जाने वाले दूध की जगह केमिकल वाला जहर दे रहे हैं। इस बाबत समय-समय पर नकली दूध की शिकायते मिलती रहती है लेकिन वर्तमान में हैरानी वाली बात यह है कि पैकेट में बंद दूध में कुछ कर्मचारी व वेरका जैसी कंपनियों को दूध बिक्री करने वाले लोग पैसे के लालच में नकली दुध केमिकल युक्त सप्लाई कर रहे हैं। उक्त लोग अगर सौ लीटर दूध कंपनी की प्लांट में देते हैं तो उसमें ४० फीसदी दूध केमिकल से बना होता है। यह दूध असली दूध के साथ मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ा दी जाती है। वर्तमान में रोजगार्डन के नजदीक बनी कालोनियों में इस तरह का नकली दूध धडल्ले से सारी रात जागकर तैयार किया जाता है जिसमें सोड़ा, सोयाबीन, रिफाइड के साथ जहरीली केमिकल मिक्स कर कई टन दूध प्रतिदिन तैयार कर दिया जाता है। इस दूध को सुबह तीन से पांच बजे के बीच कई बड़ी दूध कंपनियों के टैंकर इकट्ठा कर मिल्क प्लांट में सप्लाई कर देते हैं। केमिकल से तैयार दूध जहां गाढ़ा लगता है वही इसमें डाले गए आरारोट जैसे तत्वों से मिलाई भी जम जाती है जिससे लोगों को इसका अभास ही नहीं होता है कि दूध नकली है या फिर असली। रोजगार्डन के साथ लगते रिहायशी इलाकों में चला रहे इस गौरखधंधे की जानकारी सेहत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भलीभांती से हैं इसके बावजूद इन लोगों पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है। इस तरह का दूध तैयार करने वाले लोग बाहरी बस्तियों में अपना अड्डा बनाकर काम करते हैं इसमें लाल सिंह बस्ती, अमरपुरा बस्ती जैसे क्षेत्र में भी इस तरह का दूध तैयार करने वाले दलालों की भरमार है। लोगों के जीवन से सौदा करने वाले इन दलाल के पास जब पंजाब की सच टीम अपनी पहचान बदलकर पहुंची तो उक्त लोगों ने दो टूक शब्दों में कहा कि वह जो दूध तैयार करते हैं वह सीधा बड़ी दूध कंपनियों में प्रतिदिन पहुंचता है। इसमें सेहत विभाग के कुछ कर्मचारी उनसे अपना हिस्सा लेकर जाते हैं जिससे उन पर कोई भी हाथ नहीं डालता है। पुलिस के कुछ कर्मचारी भी उनके पास आते हैं जिसमें उन्होंने सभी का हिस्सा बांध रखा है। ऐसे में उनका धंधा बेरोकटोक चलता है। बड़ी कंञ्पनियों के ढोल जब नकली दूध लेकर जाते हैं तो उन्हें कोई भी नहीं रोकता है और न ही इस दूध का सैंपल भरा जाता है जिससे फंसने की संभावना न के बराबर रहती है। केमिकल से तैयार दूध वह मात्र पांच से सात रुपये लीटर तैयार करके देते हैं। इसमें भी उन्हें काफी कमाई हो जाती है। दूसरी तरफ जब उक्त दूध असली दूध के साथ मिक्स हो जाता है तो इसका दाम २८ रुपये प्रति किलो हो जाता है। इस तरह मिल्क प्लांटो में दूध सप्लाई करने वाले लोगों को भी मोटा मुनाफा हो जाता है। फिलहाल इस गौरखधंधे की तह पर जाए तो कई मामले ऐसे हैं जो मिल्क प्लांट के प्रबंधकों की कारगुजारी पर भी संदेह खड़ा करते हैं। इस तरह का धंधा आज से नहीं बल्कि लंबे समय से चल रहा है, अब सेहत विभाग के अधिकारियों के ध्यान में उक्त जालसाजी कभी क्यों नहीं आई, अगर कभी सैंपल भरे भी होगे तो फेल होने पर इसमें क्या कार्रवाई की गई। दूसरी तरफ दूध प्लांटों में दूध की गुणवत्ता जांच के लिए मशीने लगी है और इसमें कई तकनीकि माहिर जांच भी करते हैं, क्या इन माहिरों के ध्यान में उक्त धंधा सामने नहीं आया। इन तमाम तथ्यों व प्रश्न इस बात का खुलासा करते हैं कि दाल में काला है इसकी जानकारी सभी को है लेकिन पैसे के लेनदेन के चक्कर में कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं की जेब से असली दूध के पैसे झांडकर उन्हें  धडल्ले से जहर पिलाया जा रहा है। इस गंभीर मसले पर सेहत मंत्री लक्ष्मीकांता चावला का कहना है कि वह मामले की जांच के लिए सिविल अस्पताल प्रबंधकों को लिखेगी। यहां बताना जरूरी है कि इस केमिकल युक्त दूध से बच्चों में मानसिक विकार के साथ भूख न लगना, बीमार रहना, आंखों व मुंह के विकार के साथ कैंसर होने तक की संभावना रहती है। अगर इस तरह का दूध रुटीन में पिलाया जा रहा है तो बच्चे की मौत भी संभव है।   

Tuesday, July 27, 2010

वाह रे लक्ष्मी के साथ खेलती कोतवाली पुलिस

-बिना किसी हमले के ही लगा दी धारा ३०७
जितना पैसा जेब में डालोंगे उतना केस बना देगें मजबूत 
-आम आदमी इंसाफ के लिए जाएगा कहां  
हरिदत्त जोशी 
बठिंडा। पंजाब पुलिस लक्ष्मी की खातिर कानून को ठेंगे पर रखकर चलने की आदी हो गई है। अब हालात यह है कि पुलिस पैसे बटोरने के साथ सत्तापक्ष से जुडे़ राजनेताओं को खुश करने के लिए लोगों पर मनमाने ढंग की धाराएं जोड़ने से भी गुरेज नहीं करती है। वर्तमान में थाना कोतवाली पुलिस इसकी चसमदीद गवाह है जहां रात के अंधेरे में जमकर लोगों की जेब कूटने का काम चलता है। जिस पार्टी की तरफ से जितना पैसा वहां तैनात कर्मचारियों की जेब में डाल दिया जाता है उसका केस उतना ही मजबूत कर दिया जाता है चाहे वह जमीनी स्तर पर किसी तरह से भी व्यवहारिक न होता हो। बठिंडा में सोमवार की सुबह घटित एक घटनाक्रञ्म का जिक्र करते हैं इसमें गांधी मार्किट में बनी भगवान चाट भंडार वाली दुकान के असल मालिक पर उसके किरायेदार ने झूठा मामला दुकान में अवैध कब्जा करने की नियत से दर्ज करवाया। तीन लोग अपनी ही जायदाद को देखने के लिए गांधी मार्किञ्ट में गए तो किरायेदार ने शहर के एक अकाली नेता के इशारे पर साजिशन शोर मचा दिया कि उक्त लोग उनकी दुकान पर कब्जा करना चाहते है। 
अब दुकान का मालिक अपनी ही दुकान पर नहीं आ सकता है यह कहां का कानून है। पुलिस को तो पैसे कमाने का साधन चाहिए, अब पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और तीन लोगों को उठाकर ले आई। इसमें दुकान के असल मालिक पर किरायेदार की तरफ से लगाए गए झूठे आरोपों की जांच पड़ताल तक नहीं की गई और अकाली राजनेता ने फोन पर जो धाराएं दर्ज करने के लिए कहा उसे बिना कुछ सोचे समझे दर्ज कर दिया गया। अब सबसे पहले पुलिस की तरफ से लिखी गई धारा ३०७ का जिक्र करते हैं। सामान्य तौर पर उक्त धारा कातिलाना हमला व इरादे कतल में लगाई जाती है। गांधी मार्किट में हुए घटनाक्रम में आसपास के दुकानदार व मौके पर मौजूद गवाह की बात करे तो तीनों लोगों ने किसी पर भी हमला नहीं किया, अगर किया होता को चोट भी लगती, अब पुलिस बताए कि पूरे घटनाक्रम में किस व्यक्ति को चोट लगी है। अगर उक्त लोगों के पास से बंदूक बरामद की गई है तो वह भी लाइसेंसी है और उसमें से एक भी कारतूस नहीं चला है। हां पुलिस अब कोई कारतूस अपने कागजों में चला दिखा दे तो क्या कहना क्योंकि पुलिस इस तरह के नाटकों का मंचन करने में पूरी माहिर है। थाना कोतवाली पुलिस ने राजनेताओं के इशारे व मोटे  पैसों के लालच में मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन अब अपनी तरफ से दर्ज मामले में स्वयं पुलिस फंसती नजर आ रही है। इस मामले में पूरे घटनाक्रञ्म को  देखने पर सुगमता से अंदाजा लगाया जा सकता है पुलिस की तरफ से घटित कहानी मनगढ़त और बिना सिर पैर के है। दुकान मालिक पर धारा ३०७ का केस मात्र इसलिए दर्ज करवा दिया गया कि उनकी जमानत आसानी से न हो सके और इस दौरान दूसरा पक्ष दबाब बनाकर दुकान पर अवैध कब्जा जमा ले, इसमें अगर ४०-५० लाख रुपए की दुकान किसी को बिना कुछ करे मात्र नाटक खेल मिल रही हो तो वह पुलिस की सेवा भी मोटी करेगा। 
अब सोमवार की रात को बठिंडा कोतवाली पुलिस के अंदर घटित एक घटनाक्रम का जिक्र करते हैं इस दौरान पंजाब का सच अखबार की टीम थाने में ही मौजूद थी। गांधी मार्किट के एक व्यापारी अपने साथियों के साथ थाने में आते हैं गेट से लेकर थाने में मौजूद हर महत्वपूर्ण कमरे में बैठे कर्मचारी की जेब गर्म की जा रही है। पुलिस भी अखबार के प्रतिनिधियों के सामने बिना किसी भय के पैसे लेने, गिनने के साथ उसे अपनी जेब में डालने का काम आसानी से कर रहे हैं। थाने में ऐसा प्रतित हो रहा है जैसे वहां तैनात सभी कर्मचारी अपने दिन भर का मेहनताना हासिल कर रहे हो। अब जब मामले की जानकारी आला अधिकारी को दी जाती है तो वह भी तपक कर कहते हैं साहब सब चलता है। अब आप ही सोच सकते हैं कि एक पुलिस थाने में सामान्य व्यक्ति इंसाफ की उम्मीद कैसे कर सकता है। अगर प्रभावित व्यक्ति की जेब में लक्ष्मी की भरमार है तो उसकी हर बात सुनी जाएगी और उसका मान सम्मान भी जमकर होगा, अगर सामान्य व्यक्ति खाली जेब इस कोतवाली के अंदर जाता है तो उसकी बात सुनने वाला कोई भी नहीं होगा। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारियों को इस बाबत पूरे घटनाक्रम की जानकारी लिखित तौर पर देने के साथ पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के जज, पंजाब मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री पंजाब व डीजीपी पंजाब को भी शिकायत भेजकर उपरोक्त मामलों में हस्तक्षेप करने व भ्रष्ट्राचार के दलदल में धसी पुलिस के सामने नग्न होते कानून की रक्षा करने की गुहार लगाई गई है। इसमें शिकायतकर्ता पंजाब का सच अखबार के चीफ इडीटर हरिदत्त जोशी स्वयं बने है।                    

Monday, July 26, 2010

300 की भर्ती के लिए 2722 उम्मीदवार

महिला पुलिस भर्ती कैंप
एमबीए व एमए पास भी अजमा रही हैं भविष्य
बठिंडा : स्थानीय पुलिस लाइन स्थित पंजाब पुलिस पब्लिक स्कूल के खेलकूद परिसर में सात दिवसीय भर्ती शिविर का आज शुभारंभ किया गया। शिविर में आईजी पटियाला व रेंज भर्ती बोर्ड के चेयरमैन पीएस गिल व बठिंडा के एसएसपी सुखचैन सिंह गिल विशेष तौर पर पहुंचे, जिनकी देखरेख में भर्ती रैली का शुभारंभ किया। शिविर के दौरान 300 महिला पुलिस कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार भर्ती के लिए छह जिलों बठिंडा, मानसा, मुक्तसर, मोगा, फिरोजपुर, फरीदकोट से लगभग 2722 लड़कियों ने आवेदन पत्र दाखिल किए। इस भर्ती के लिए उम्मीदवार का 12वीं पास व 5.3 कद होना लाजमी है। रैली में इस बार एमबीए, एमए व अन्य डिग्री प्राप्त लड़कियों ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया, जबकि भर्ती के लिए आवेदन करने वालों को बारहवीं कक्षा पास होना ही अनिवार्य था। इस रैली में ज्यादा पढ़ी लिखी लड़कियों का आना आपने आप में एक चौंकाने वाली बात ही नहीं बल्कि 300 सीटों के लिए इतने ज्यादा उम्मीदवार आना बेरोजगारी को उजागर करता है। भर्ती में ग्रामीण क्षेत्र से ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र से भी लड़कियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

डिप्टी कमिश्नर को सौंपा मांग पत्र
बठिंडा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा शिक्षा के व्यापारीकरण व शिक्षा का स्तर सही रखने के उदेश्य से एक 11 मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री पंजाब के नाम डिप्टी कमिश्नर गुरकृत कृपाल को सौंपा गया। इस मौके पर परिषद के सह मंत्री आशुतोष तिवारी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का बुरा हाल है। जहां देखो शिक्षा को व्यापार बनाया जा रहा है। केजी से लेकर पीजी तक की फीस पर सरकार का कोई भी नियंत्रण नहीं है। इस मौके पर जिला संयोजक प्रतीक शर्मा ने कहा कि परिषद आने वाली 26 अगस्त को 11 मांगों को लेकर मिनी सचिवालय के बाहर विशाल धरना दिया जाएगा। इस मौके पर परिषद के हरियाणा संगठन मंत्री श्रीनिवास शर्मा व पंजाब केग संगठन मंत्री सूरज भारद्वाज व प्रदेश के छात्र नेता उपस्थित रहेंगे।
डिप्टी कमिश्नर को मांग पत्र सौंपने के बाद ऋषि, अमन, उनित, हिमांशु व नितिश आदि ने मांगों के बारे में बताते हुए कहा कि छात्र संघ चुनावों की तुरंत बहाली हो, क्योंकि एससी ने निर्देश दिए हुए हैं कि पंजाब व पूरे देश में लिंग दोह कमेटी की सिफारिशों को मुख्य रखते हुए चुनाव हो। इसके अलावा पंजाब की तीनों यूनिवर्सिटियों का शुल्क एक जितना हो, फीसों में जो अंतर है, उसे खत्म किया जाए।

शांतिमयी हुई खढ़्डों की बोली
बठिंडा : स्थानीय आईटीआई के समीप स्थित उद्योग भवन में डिप्टी कमिश्नर गुरकृत कृपाल सिंह की अध्यक्षता में खढ़्डों नीलामी की गई, जिसमें अलग अलग जिलों से बड़े बड़े ठेकेदार व उद्योगपति पहुंचे। इस मौके पर बठिंडा जिले के दो खढ़्डों की नीलामी 1.70 लाख तक पहुंची, जबकि फरीदकोट के 41 खढ़्डों की नीलामी 1.82 करोड़ तक पहुंची। बठिंडा क्षेत्र से बोली जीतने वाले दविंद्र सिंह ने बताया कि उक्त काम छह महीनों का है, लेकिन हाईकोर्ट से मंजूरी अभी आनी बाकी है। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा एसडीएम बठिंडा, बीडीपीओ व अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

कैदियों की भूख हड़ताल नौवें दिन भी जारी रही

-कई कैदियों की हालत खराब, जेल प्रशासन के सभी प्रयास विफल   
बठिंडा। केंद्रीय जेल बठिंडा में १८ जुलाई से चल रही कैदियों की भूख हड़ताल नौंवे दिन भी जारी रही। इस दौरान कई कैदियों की हालत बिगड़ने से जहां जेल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए है वही जिला प्रशासन की जान भी आफत में आई हुई है। जेल में कितने कैदी गंभीर है इसे लेकर प्रशासन किसी तरह का खुलासा नहीं कर रहा है। इसमें शनिवार की रात एक कैदी की मौत होने के बाद जेल प्रशासन ने रविवार की रात कैदियों को जबरन खाना खिलाने का प्रयास किया लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके। वही जेल प्रशासन ने कैदियों को उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया लेकिन कैदी प्रेक्टिकल तौर पर हर मांग को पूरा करने के बाद ही भूख हड़ताल समाप्त करने पर अड़े़ हुए है। इससे पहले पिछले सप्ताह शुक्रवार को भी कैदियों को प्रशासन ने मनाने का प्रयास किया था व इस दौरान कैदियों ने भूख हड़ताल तोड़ खाना खा लिया लेकिन इसमें जमीनी स्तर पर किसी तरह की कार्रवाई न होने पर कैदियों ने अगले ही दिन फिर से भूख हड़ताल शुरू कर दी।
इसमें शनिवार की रात एक हवालाती गुरसेवक सिंह पुत्र रूप सिंह गांव माड़ी थाना नथाना की शनिवार रात रहस्यमयी हालतों में मौत हो गई थी। इसके बाद जेल में कैदियों ने रविवार को पूरा दिन जमकर हंगामा बरपाया। इस दौरान प्रशासन को स्थिति कंट्रोल करने के लिए भारी मश्कत करनी पड़ी थी। इसमें रविवार की रात प्रशासन ने डाक्टरों का एक पैनल गठित कर भूख हड़ताल पर चल रहे आठ सौ के करीब कैदियों की मेडिकल जांच करवाने का प्रयास भी किया लेकिन सफलता नहीं मिली वही कैदियों को खाना खिलाने के लिए की गई कोशिश भी सफल नहीं हो सकी। गौरतलब है कि  १८ जुलाई को ट्रायल पर चल रहे १२० के करीब कैदियों ने हाईकोर्ट के आदेश पर जमानत की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था लेकिन तीन दिन बाद ही जेल के अन्य नौ सौ के करीब कैदी भी उनके साथ मिल गए। अब कैदी जेल में मूल सुविधा प्रदान करने की मांग कर रहे हैं। कैदियों का कहना है कि जेल में स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा है वही खाना सही ढंग से नहीं मिलता है। जेल में स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है। इन तमाम मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की जा रही है। जेल में कैदियों की मांगों को लेकर दौरा करने वाले एसडीएम केपीएस माही का कहना है कि कैदियों की मांगों को लेकर उन्होंने पूरी जांच की है व इसमें गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इसमें कैदियों को पेश आ रही समस्या को जल्द हल कर दिया जाएगा। 


किराये पर हासिल की दुकान पर ही कब्जा कर बैठा

-मकान मालिक पर दबाब बनाने के लिए झूठी शिकायतों का पुलिंदा
-राजनीतिक दबाब में पुलिस भी दे रही है कब्जा जमाने वाले का साथ  
बठिंडा। गांधी मार्किट में पिछले लंबे समय से दुकान पर कब्जा जमाकर बैठे दुकानदार सीनाजोरी पर उतर आया। यही नहीं भगवान चाट के नाम से मशहूर दुकानदार पिछले लंबे से उक्त दुकान पर किराये पर रह रहा है लेकिन वर्तमान मे जब मकान मालिक ने अपनी हीं दुकान की छत्त पर निर्माण करने के लिए प्रयास किया तो दुकानदार गुंडागर्दी पर उतर आए। उन्होंने न सिर्फ मकान मालिक पर हमला किया बल्कि पुलिस के पास कब्जा जमाने की झूठी शिकायत दर्ज कर दबाब बनाने का प्रयास किया। इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मामले में हैरानी इस बात से होती है कि पुलिस ने भी मामले में पूरी जांच पड़ताल किए बिना ही दुकान मालिक के साथ दो अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया। यही नहीं कोतवाली थाना के प्रभारी बलविंदर प्रेमी इस मामले में किसी तरह के प्रभावी तथ्य के बिना ही आला अधिकारियों के सामने कुछ व्यापारी नेताओं के दबाब में थपथपी लेने का प्रयास करते रहे। 
गौरतलब है कि गांधी मार्किट में भगवान चाट भंडार के नाम से एक दुकान किराये पर हासिल की थी। इसमें मकाम मालिक से कहा गया था कि जब भी उसे जरूरत होगी वह दुकान खाली कर देगा। वर्तमान में काम चलने के बाद भगवान चाट भंडार के मालिक के मन में बेइमानी आ गई व उसने दुकान कब्जा करने की नियत से पुलिस के पास झूठी शिकायते दर्ज करवानी शुरू कर दी। इसमें कमलदीप व बग्गा वर्तमान में दुकान के असल मालिक है। उन्होंने कुछ समय पहले भी भगवान चाट भंडार के मालिक से दुकान खाली करने का आग्रह किया लेकिन उसने दुकान खाली करने की बजाय बठिंडा के एक अकाली नेता के साथ पुलिस पर दबाब बनाना शुरू कर दिया।
यही नहीं तीन दिन पहले दुकान मालिक ने भगवान चाट भंडार को सूचित किया कि वह अपने व्यक्तिगत काम के लिए दफ्तर दुकान के ऊपरी छत्त पर बनाना चाहता है। इस बाबत उसे सूचित भी कर दिया गया कि सोमवार की सुबह वह काम शुरू करेंगे। इसमें भगवान चाट भंडार ने सहमती जता दी लेकिन मन में पाप के चलते एक साजिश के तहत भगवान चाट भंडार के मालिक व उसके नौकरो ने उस समय शोर मचाना शुरू कर दिया जब मालिक अपने साथियों के साथ दुकान के पास पहुंचे। दुकानदार ने मार्किट में शोर मचाया कि दुकान मालिक बंदूक की नोक पर कब्जा करना चाहता है। उसकी बात पर आसपास के दुकानदारों ने भी विश्वास कर लिया। इसके बाद मामला पुलिस कोतवाली के पास पहुंचा। पुलिस ने भी बिना किसी जांच पड़ताल के दुकान मालिक व राजनीतिक दबाब के बीच दोनों दुकान मालिक व उसके साथ खडे़ एक पत्रकार को हिरासत में ले लिया। यहां बताना जरूरी है कि उक्त पत्रकार मनीश कार्की पंजाब का सच अखबार का प्रसार प्रबंधक भी है, जो एक जिम्मेवारी वाला पद है और मौके पर उक्त पूरे घटनाक्रम को देख रहा था। इसमें हैरानी इस बात पर होती है कि पुलिस दावा कर रही है कि पत्रकार भी मामले में शामिल था। एक बार मान भी लेते है कि पत्रकार मौके पर उन लोगों के साथ था तो वहां वह कोई गलत काम नहीं कर रहा था वही अगर किसी मकान व दुकान मालिक की जमीन पर कोई जबरन कब्जा कर रहा है तो उसे रोकना या फिर जायज का पक्ष लेना कोई भी गलत काम नहीं होता है। दूसरी तरफ यह एक पत्रकार का फर्ज भी होता है। अब पुलिस अधिकारी व थाना प्रभारी कानून की पढ़ाई दूसरों को सिखाने लगे और मनमाने ढंग से दूसरों पर दबाब बनाने लगे तो उसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जा सकता है। दूसरी तरफ अगर अब शहर के कुछ व्यापारी व नेता नाजायज कब्जों को जायज ठहराने के लिए एकजुट हो जाए व कानून को छिंके पर टांग दे तो वह कहां तक जायज है। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारियों को भी इस तरह के गंभीर मामलों में सोच समझ कर फैसला लेना होगा ताकि लोगों में कानून व इंसाफ का रुतबा बरकरार रहे। वही कानून और पुलिस अधिकारियों से ऊपर कुछ धार्मिक पंथों के नेता और लोगों की बात सुनने  वाले पुलिस अधिकारीं को भी इस तरह के मसलों को तूल देने से गुरेज करना चाहिए।  

Friday, July 23, 2010

एमसीबीटी प्रमाणपत्र को लेकर छात्रों ने किया रोष प्रदर्शन

-मांगे पूरी न करने पर दिया आंदोलन तेज करने की चेतावनी 
-शिक्षा विभाग पर छात्रों से भेदभाव करने का आरोप लगाया 
बठिंडा। आईटीआई छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर मानसा रोड स्थित आईटीआई चौक परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र परीक्षा प्रक्रिया में व्याप्त खामियों में सुधार करने की मांग कर रहे थे। छात्रों का कहना है कि आईटीआई छात्रों को दाखिला के दौरान एमसीबीटी प्रमाणपत्र जारी करने को कहा गया था लेकिन वर्तमान में एसबीटी प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। इससे छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस भेदभाव को समाप्त करने व सभी छात्रों को एक समान एमसीबीटी प्रमाणपत्र दिया जाए। इन मांगों को लेकर छात्रों ने जिला प्रशासन को भी एक मांगपत्र दिया। इसमें उनकी मांगों को जल्द पूरा न करने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
छात्र यूनियन के उपप्रधान गगनजीत सिंह ने बताया कि आईटीआई के किसी भी कोर्स को लेकर तकनीकि शिक्षा विभाग की तरफ से दो तरह के प्रमाणपत्र दिए जाते हैं। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर कोर्स की मान्यता के लिए एमसीबीटी व प्रदेश स्तर पर मान्यता के लिए एसबीटी प्रमाणपत्र दिया जाता है। इसके लिए कोर्स में दाखिला लेने से पहले छात्रों से बकायदा फार्म में लिखवाया जाता है। वर्तमान में संस्थान के अंदर डेढ़ सौ के करीब छात्र ऐसे हैं जिन्होंने एमसीबीटी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था लेकिन अब उन्हें जो प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं वह प्रदेश स्तर ही मान्य है जिससे छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र नेता बलविंदर सिंह, कुलविंदर जोशी और सुमीत सिंह ने आरोप लगाया कि आईटीआई प्रबंधक शिक्षा में तय नियमों को ताक पर रखकर छात्रों से भेदभाव कर रहे हैं जिसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। इसमें जब स्थानीय प्रबंधकों से बात की जाती है तो वह इसमें राज्य तकनीकि शिक्षा विभाग से बात करने की बात कर पल्लू झांड लेते हैं जबकि छात्रों को किसी तरह का स्थायी हल नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने इसमें पेश आ रही परेशानी को तत्काल हल करने की मांग रखी है।

कनकवाल के पास मिले शव की पहचान हुई
-एक शव को दफनाया तो दो शवो का करवाया गया अंतिम संस्कार  
बठिंडा। चार दिन पहले कनकवाल गांव के खेतों में बरामद की गई एक लाश का पहचान शाहमुहम्मद वासी किशनगंज बिहार के तौर पर हुई है। मृतक बिहार से बठिंडा में लगी तेल रिफायनरी में काम करने के लिए आया था। उक्त व्यक्ति की मौत के पीछे क्या कारण रहे इसका अभी खुलासा नहीं हो सका है। वही मृतक तेल रिफायनरी से कनकवाल खेतों में कैसे पहुंचा इसे लेकर भी मामले की जांच की जा रही है। दूसरी तरफ सहारा जन सेवा ने मृतक के परिजनों को इस बाबत सूचित कर राजधानी क्लाथ हाऊस के अनीश अहमद के सहयोग से दफना दिया। इस अवसर पर मृतक के परिजनों के इलावा अनीश अहमद, अबदुल अली, मौलवी रमजान, सहारा जन सेवा के कार्यकर्ता अशोक गोयल, गुरविंदर बंटी, मनी वर्मा भी उपस्थित रहे। इसके इलावा सहारा जन सेवा ने दो अन्य लावारिस शवों का भी अंतिम संस्कार कर दिया। इसमें फुलोखेरी के पास खेतों से एक अज्ञात शव व रेलगाड़ी के नीचे कटे एक अज्ञात बुजुर्ग का शव शामिल है।


बेटे की याद में लगाया वाटर कूलर 
बठिंडा। एक साल पहले पानी की मोटर बंद करते हुए मौत का ग्रास बने सुखराज सिंह वासी कोटसमीर की याद में उसके पिता गुरदयाल सिंह ने सहारा जन सेवा को ठंडे पानी का वाटर कुलर दान दिया। यह वाटर कुलर सिविल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड के बाहर लगाया गया है। इसका उद्घाटन गुरदयाल सिंह ने अपने करकमलों से किया। इसके लिए सहारा ने उक्त परिवार का धन्यवाद किया।          

बरसाती पानी की निकासी नहीं हुई तो रोक दिया रेल का चक्का

-आभा एक्सप्रेस को डेढ़ घंटे तक रोके रखा २४२ नंबर फाटक के पास
-सौकड़ों यात्रियों को झेलनी पड़ी भारी परेशानी
-दिल्ली मंडल से अनुमति हासिल कर पानी की निकासी शुरू करवाई  
बठिंडा। बरसाती पानी की निकासी न होने से परेशान लाईन पार क्षेत्र के लोगों ने हावड़ा से श्री गंगानगर जाने वाली हावडा एक्सप्रेस रेलगाड़ी फाटक नंबर २४२ में डेढ़ घंटे तक रोककर रखा। इस दौरान तीन सौ के करीब लोगों ने रेल व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का आरोप था कि जिला व रेल प्रशासन बरसात के बाद उनके घर के बाहर खडे़ गंदे पानी की निकासी को लेकर गंभीर नहीं है जिससे लोगों को गंदगी में विचरण करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। डेढ़ घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के कारण गाड़ी में बैठे यात्रियों को भारी परेशानी से जूझना पड़ा वही अपने गतव्य स्थान पर भी वह देरी से पहुंचे। लोगों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन को भारी पुलिस फोर्स मंगवानी पड़ी वही नगर निगम, रेल प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसमें दिल्ली रेल मंडल से फोन पर ही अनुमति हासिल कर गंदे पानी की निकासी को रेल क्षेत्र में करने की अनुमति प्रदान कर काम शुरू करवाया गया, इसके बाद लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त किया। 
जानकारी अनुसार पिछले चार दिन से लगातार हो रही रुक-रुक कर बरसात के कारण अमरपुरा बस्ती, लाल सिंह बस्ती व साथ लगते क्षेत्र में गंदा पानी काफी मात्रा में इकट्ठा हो गया था। इसमें रेल लाईनों के साथ लगते क्षेत्र में ही आपातकाल में मोटरों से गंदा पानी निकासी का प्रबंध रहता है। इस बार रेल पटरी की सुरक्षा को देखते हुए रेल प्रशासन ने पानी अपने क्षेत्र में डालने पर रोक लगा दी। इससे गंदा पानी कई दिनों तक जमा रहने से लोगों को आवागमन करने में परेशानी हो रही थी वही इससे निकलने वाली बदबू से बीमारियां फैलने का अंदेशा बन रहा था। स्थानीय वासी राम कुञ्मार, जगदीश ने बताया कि बरसात के बाद गंदा पानी निकालने के लिए नगर निगम की तरफ से हर बार कोताही बरती जाती है। इस बाबत जब निगम अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका कहना होता है कि रेल प्रशासन जब अनुमति प्रदान करेगा तो पानी साथ लगते छप्पर में छोड़ा जा सकेगा। यही नहीं जब रेल विभाग से बात करते हैं तो वह यह कहकर पल्लू झांड लेता है कि बठिंडा रेलवे स्टेशन अंबाला मंडल के अधीन आता है जबकि रेल लाईन दिल्ली मंडल की है, इसमें अनुमति दिल्ली मंडल के अधिकारी ही प्रदान कर सकते हैं। इसी परेशानी से जूझ रहे लोगों ने वीरवार की सुबह नौ बजे के करीब हावड़ा से श्री गंगानगर की तरफ जा रही उध्यान आभा हावड़ा एक्सप्रेस गाड़ी नंबर ३०७ को लोगों ने रोक लिया। इस दौरान तीन सौ के करीब लोग जिसमें भारी तादाद में महिलाएं भी शामिल थी रेल पटरी पर खड़ी हो गई। उन्होंने रेल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर समस्या हल करवाने की मांग रखी। लोगों ने चेतावनी दी कि जब तक उनके क्षेत्र से बरसाती गंदा पानी निकालने का काम शुरू नहीं होता वह रेलगाड़ी को आगे नहीं जाने देंगे। इसके बाद रेल प्रशासन के सहायक यातायात नरीक्षक शेर सिंह, एईएन एमपी सिंह, नगर निगम कमिश्नर रवि भगत सहित पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह अपनी जिद्द पर अडे़ रहे। इसके बाद रेल विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली मंडल के अधिकारियों से बात कर पानी निकासी के लिए अनुमति मांगी व नगर निगम से पानी रेल क्षेत्र में डालने के लिए कह दिया। नगर निगम अधिकारियों ने मौके पर ही मशीने मंगवाकर पानी की निकासी का काम शुरू कर दिया जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया। इस घटना से श्री गंगानगर की तरफ जाने वाले सैकड़ों लोगों को भारी परेशानी से जूझना पड़ा। देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के चलते पहले ही गाड़ी नियत समय से पांच घंटे देरी से जा रही थी, इसके बाद गाड़ी में बैठे पैसेजर अपने गतव्य स्थान पर साढे़ छह घंटे की देरी से पहुंचे।               


Thursday, July 22, 2010

मानसून ने बढ़ा दिए मंहगाई में सब्जियों के दाम

-उत्तरी भारत में चौथे दिन भी बरसात की रिमझिम जारी
-टमाटर सहित कई सब्जियों के भाव दो गुणा बढे़  
बठिंडा। बढ़ती महंगाई से पहले ही आम आदमी परेशान है और अब मॉनसून आग में घी का काम कर रहा है। जी हां, बारिश की फुहारें भले आपको तपती गर्मी से राहत दे रही हों पर भारी बारिश के  चलते खेतों में पानी भरने और यातायात बाधित होने से सब्जियों खासकर टमाटर की कीमतों में आग लग गई है। सबसे ज्यादा परेशानी पंजाब और हरियाणा में हुई बारिश के  कारण रही है। हरियाणा में सडक़ों पर पानी भरने से कई ट्रक रास्ते में फंसे है। जिससे दिल्ली में सब्जियों की आवक कम हो गई है। भारी बारिश से खेतों मे पानी भर गया है, जिसके  कारण सब्जियों की खेती को नुकसान हुआ है। यही वजह है कि बीते कुछ दिनों में सब्जियों की कीमतों में जोरदार उछाल आया है। कुछ दिनों पहले तक २० रुपए किलो के  भाव बिकने वाला टमाटर अब ४० रुपए किलो के भाव तक बिक रहा है। टमाटर के  अलावा तोरी, लौकी, भिंडी, शिमला मिर्च, प्याज जैसी दूसरी सब्जियों के  दाम में भी तेजी देखी जा रही है और ये सभी सब्जियां २५ से ५० फीसदी तक महंगी हो गई हैं। एक हफ्ते के  भीतर में ही १५ रुपए किलो बिकने वाली भिंडी अब २५ रुपए किलो के  भाव बिक रही है। ३० रुपए किलो के  भाव बिकने वाला शिमला मिर्च ४५ रुपए किलो बिक रहा है। प्याज भी १० रुपए प्रति किलो से बढक़र १५ रुपए प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है। लौकी का भाव १५ रुपए से बढक़र २२ रुपए किलो हो गया है। लेकिन ज्यादा चिंता आने वाले दिनों को लेकर हो रही है। जानकार यह कह रहे हैं कि अगर पंजाब हरियाणा में हालात जल्दी नहीं सुधरे तो आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमत में और इजाफा देखना को मिल सकता है।
मानसून के  दोबारा सक्रिय होने के  बाद लगातार चौथे दिन उत्तर भारत में बारिश हो रही है। बठिंडा में भी वीरवार की सुबह बरसात हुई जबकि पूरा दिन आसमान पर बादल छाए रहे। बारिश से हिमाचल व पंजाब के  कई हिस्सों में यातायात बाधित हुआ है। हिमाचल के  कई हिस्सों में संपर्क मार्गों पर लहासे गिरने से यातायात बाधित हुआ है। दूसरी तरफ बरसात के बाद सब्जियों के दामों में भारी उछाल दर्ज किया गया है। पंजाब में लगातार बारिश जारी है और राज्य की बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। नदी में पानी बढऩे और गाद की वजह से बिजली परियोजनाओं में बिजली उत्पादन रुका पड़ा है। इधर, चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा में रुक रुककर बारिश जारी है। चंडीगढ़ में सुबह से ही आसमान पर छाए बादल दोपहर बाद बरसने शुरू  हो गए है। पंजाब और हरियाणा में भी बिखरे रूप से बारिश हो रही है। बारिश से पंजाब और हरियाणा में किसानों को राहत मिली है। लेकिन पिछले दिनों बाढ़ से प्रभावित इलाकों के  लोगों को फिर बाढ़ की चिंता भी सता रही है। मानसून की इस बारिश से लोगों को गरमी और उमस से भी राहत मिली है। पंजाब में ज्यादातर हिस्सों में वीरवार को दो बजे तक पारा ३० डिग्री से नीचे चल रहा है। मौसम विभाग के  चंडीगढ़ केंद्र के  निदेशक सुरिंद्र पाल के  मुताबिक मानसून के  सक्रिय होने के  साथ ही हिमाचल में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का भी प्रभाव है। इसलिए उत्तर भारत में बारिश हो रही है। उनका कहना है कि अभी अगले एक दो दिनों तक उत्तर भारत में बारिश जारी रहेगी।

बठिंडा महानगरी में जाम हुआ आम, लोग परेशान

-ट्रैफिक लाईटें होने के बावजूद भी जाम की स्थिति विकराल 
बठिंडा। महानगरी में रोजाना लगते भारी जाम आम लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। हालांकि पूरा दिन ट्रैफिक पुलिस धूप व बरसात की परवाह न करते हुए अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद देखी जा सकती है, बावजूद जहां विभिन्न मार्गो पर विशेष कर श्री हनुमान चौक सहित रेलवे स्टेशन के  साथ लगते क्षेत्र पर अकसर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। जाम लगने का मुख्य कारण हालांकि ट्रैफिक लाईटों का बंद होना है वही विभिन्न चौकों में निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज तथा हर वाहन चालक को पहले जाने की जल्दी भी जाम जैसी विकट स्थिति बनते रहने का बड़ा कारण है। बस स्टेंड स्थिति विभिन्न चौक में कभी लाईट गुल होने से ट्रैफिक लाईन बंद रहती है तो कभी तकनीकि खराबी आने से कई दिनों तक ट्रैफिक लाईट नहीं जल पाती है। वर्तमान में हाजीरत्न चौक से डबवाली रोड़ की तरफ जाते रोड़, रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड के चौक, श्री हनुमान चौक के इलावा नहर पुल के पास हर समय जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। जिसमें वाहनों को हार्न बजाते व एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ करते सुगमता से देखा जा सकता है। वैसे शहर की पुरानी बनावट भी रोजाना लगते जाम का एक कारण है। बठिंडा से बाहर जाने के लिए किसी भी हाईवे पर ट्रैफिक की तुलना में जरूरत से कहीं कम चौड़ा राजमार्ग है। शहर के भीतरी इलाकों में तो स्थिति इससे भी बदतर है जिसमें मोहना चौक, किला रोड, धोबी बाजार व किकर बाजार रोड में भारी वाहनों की रोक के बावजूद व्यापारी माल से लदे ट्रक खडे़ कर देते हैं जो पूरी सड़क को रोककर रखते हैं।  डबवाली रोड पर तो हर ३० मिनट बाद रेलवे फाटकों का बंद होना जाम को बढ़ावा दे रहा है। यहां अकसर लगने वाले जाम में वीआईपी ही नहीं, बल्कि मरीजों को ले जाने वाली एंबूलेंस गाडिय़ां भी फंसी देखी जा सकती हैं। इन्हें पहले निकालने के  चक्कर में ट्रैफिक पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ट्रैफिक पुलिस का कहना कि ट्रैफिक पुलिस के  जवान अपनी ड्यूटी पर पूरा दिन मुस्तैद रहते हैं लेकिन सख्ती के बावजूद जल्दी जाने के  चक्कर में वाहन चालक सहयोग नहीं देते। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे ओवरब्रिज तथा बाईपास का निर्माण होने के बाद ही इस समस्या से स्थायी छुटकारा मिल सकेगा।

सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं प्रेस लिखे वाहन

-कई लोगों का तो प्रेस और पत्रकारिता से दूर का भी संबंध नहीं
-अपने फायदे के साथ लोगों पर रौब झाड़ने के लिए करते हैं गलत इस्तेमाल 
बठिंडा। व्यवसायिक फायदा उठाने व लोगों पर रौब झाड़ने के लिए इन दिनों मीडिया के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रेस का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। मोटरसाइकिलों से लेकर कारों में प्रेस लिखकर गाड़ी सड़कों पर आवागमन करती आसानी से दिखाई देते हैं। इसमें ज्यादातर लोग ऐसे है जिनका मीडिया से दूर-दूर तक का कुछ नहीं लेना है लेकिन उन्होंने कार व मोटरसाइकिल में आगे व पीछे बडे़-बडे़ अक्षरों में प्रेस लिखकर लगा रखा है। इसमें कई लोग तो ऐसे है जो मीडिया कर्मी के रिश्तेदार या फिर दोस्तों की श्रेणी या फिर जानपहचान वालों में होते हैं। इस तरह के वाहनों को पुलिस कर्मचारी भी जांच पड़ताल नहीं करते हैं जिससे कई बार उक्त लोग इन वाहनों का इस्तेमाल गैरकानूनी कार्यों के लिए करते हैं। पिछले दिनों प्रेस लिखे कई ऐसे वाहन पुलिस ने पकडे़ हैं जिसमें गैरकानूनी तौर पर दवाईयां या फिर टैक्स चोरी का सामान लादकर लाया जा रहा था। इस मामले में बठिंडा जिले के विभिन्न सामाचार पत्रों के प्रतिनिधि जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की मांग कर चुके हैं लेकिन इसमें आज तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकी है। तीन साल पहले पुलिस प्रशासन ने प्रेस लिखे ऐसे वाहनों की जांच पड़ताल करवाने व इन्हें जब्त करने का अभियान शुरू किया था। इसके तहत सभी अखबारों के प्रतिनिधियों से उनके यहां काम करने वाले लोगों की सूचि मांगी गई थी। इसमें पत्रकार का नाम, पता, फोन नंबर के इलावा इस्तेमाल किए जा रहे वाहन का नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर मांगा गया था। इस मुहिम में प्रशासन की तरफ से जायज पत्रकारों को एक परिचय पत्र जारी किया जाना था। इस परिचय पत्र के धारक ही अपने वाहनों में प्रेस लिख सकते थे लेकिन यह मुहिम भी प्रशासन पूरी नहीं कर सका और उसने फार्म जमाकर आगे किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। फिलहाल प्रशासन की ढिली नीतियों के कारण सड़कों में बेखौफ दौड़ते प्रेस लिखे वाहन लोगों के साथ पुलिस कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। इस मामले में चिंताजनक पहलु यह है कि इस तरह के वाहनों से गौरकानूनी कार्यों के साथ असामाजिक तत्व व देश द्रोही तत्वों को संरक्षण मिल सकता है जो किसी भी समय प्रेस के नाम पर किसी अनहोनी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस तरह के तत्वों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को जल्द सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यहां बताना जरूरी है कि अधितकर वाहन चालक को अपने वाहनों में प्रेस मात्र इसलिए लिखाकर रखते हैं कि किसी चौक व नाके में पुलिस कर्मी उन्हें नहीं रोकेगा व दस्तावेज की मांग नहीं करेगा। इस क्रम में तत्कालीन एसपी सीटी निलाभ किशोर ने एक मुहिम के तहत प्रेस लिखे वाहनों की जांच शुरू की थी तो उसमें पाया गया कि ७० फीसदी लोगों ने अपने वाहनों में प्रेस इसलिए लिखाकर रखा है कि उन्हें कोई पत्रकार जानता है या फिर किसी अखबार व पत्रिका से उन्होंने जानपहचान के आधार पर प्रेस का कार्ड बनवा रखा है जबकि खबरे भेजने या फोटो खीचने जैसे कार्यों से उनका कोई भी लेना देना नहीं होता है। समाज सेवी राकेश नरुला का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अखबार प्रतिनिधियों को भी आगे आना होगा उन्हें ऐसे लोगों को परिचय पत्र जारी करने से गुरेज करना चाहिए जिनका पत्रकारिता से किसी तरह का लेना देना नहीं है व प्रेस लिखकर वह प्रेस का इस्तेमाल करते हैं। वही जिला प्रशासन को भी इस बाबत अखबार प्रतिनिधियों के साथ मिलकर ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे इस तरह के गौरखधंधे पर रोक लगे।

Wednesday, July 21, 2010

बरसाती पानी का कहर दूसरे दिन भी जारी रहा, सिरकी बाजार बंद

-व्यापारियों के साथ आम लोगों को झेलनी पड़ रही है भारी परेशानी
-प्रशासकीय तंत्र भी लोगों को बरसाती पानी से राहत दिलवाने में रहा नाकाम  
बठिंडा। बरसाती पानी का कहर बुधवार को भी जारी रहा। मंगलवार को हुई बरसात से जमा हुआ पानी की अभी निकासी नहीं हो सकी थी कि बुधवार की सुबह दो घंटे व दोपहर एक बजे के बाद हुई तेज बरसात ने पानी का लेबल बढ़ा दिया। बरसाती पानी ने सर्वाधिक कहर सिरकी बाजार में बरपाया जहां बुधवार को भी तीन सौ के करीब दुकाने पूरा दिन बंद रही जबकि इस रास्ते होने वाला आवागम पूरी तरह से प्रभावित होकर रह गया। सिरकी बाजार के आसपास लगते क्षेत्र में भी पानी का कहर जारी रहा जिससे लोग घरों में ही नजरबंद होकर रह गए। 
नगर निगम का सिरकी बाजार डिस्पोजल मंगलवार से ही बंद है जिससे पूरा क्षेत्र चार फुट पानी में डूबा रहा। दूसरी तरफ नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारी बरसाती पानी की निकासी के लिए देर रात तक मश्कत करते रहे लेकिन साधनों की कमी के चलते उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल सकी। इसके इलावा  पुराना थाना रोड़, वीर कालोनी, गुरु नानक पुरा में भी बरसाती पानी की यही स्थिति रही। गुरु नानक पुरा में पुराना थाना के पास स्थित सड़क पर चार फुट पानी भरा रहा जिससे इस रोड पर दर्जनों वाहन बंद होकर सड़क के किनारे खडे़ रहे। इन्हें पानी के बाहर निकालने के लिए लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। पानी के कहर के चलते थाना सदर व सीआईए स्टाफ में दूसरे दिन भी काम प्रभावित होकर रहा, लोग थाने के बाहर व अंदर भरे पानी के कारण थाने में शिकायत दर्ज करवाने नहीं पहुंच सके। वही थाना सदर की जर्जर इमारत के नीचे जान हथेली में रखकर पुलिस कर्मचारी ड्यूटी देते रहे। शहर के सबसे व्यस्त माल रोड में भी स्थिति इसी तरह की रही इसमें माल रोड पर आवागमन करने वाले वाहनों का चक्का जाम होकर रह गया। इस दौरान दुकानदारों को भी भारी दिक्कत पेश आई व व्यवसाय प्रभावित होकर रह गया। इस रोड पर सर्वाधिक परेशानी स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ी। शहर में जाने के लिए अधिकतर स्कूली बच्चे व वाहन चालक इसी रोड का इस्तेमाल करते हैं। इस रोड पर बरसात के दिनों में तीन से चार फुट पानी भर जाता है। दूसरी तरफ नगर निगम की बरसाती पानी की निकासी को लेकर किए जा रहे दावे भी खुलकर सामने आ गए। लोगों की परेशानी के समक्ष बिना साधनों के  सीवरेज बोर्ड के अधिकारी भी बेवस खडे़ नजर आए व उन्होंने दावा किया कि पानी की निकासी के लिए प्रयास कर रहे हैं। परसराम नगर में मुख्य सड़क पर भरा पानी भी लोगों के लिए आफत भरा रहा जबकि जिला प्रशासन के दफ्तरों और रिहायशी इलाके वाले पावर हाऊस रोड पर भी बरसाती पानी की स्थिति यही रही। 
मंगलवार को सांसद हरसिमरत कौर बादल की तरफ से किए गए बठिंडा दौरे केञ् दौरान बरसाती पानी की निकासी केञ् लिए प्रशासकीय अधिकारियों ने सीवरेज बोर्ड व नगर निगम अधिकारियों केञ् साथ बैठकों का दौर शुरु किया व इसकेञ् लिए विभिन्न विभागों की ड्यूटी भी लगा दी गई। इसकेञ् बावजूद कर्मचारियों की भारी कमी केञ् चलते बरसाती पानी को बाहर निकालने केञ् लिए व सीवरेज की सफाई व बंद को खोलने केञ् लिए काम नहीं हो सका। सीवरेज ब्लाक होने के साथ डिस्पोजल भी काम नहीं कर पा रहे हैं जिससे पानी को शहर से बाहर छपरों में डालकर लोगों को राहत देने का काम नहीं हो सका।       


राजनीति में एक दूसरे के पूरक बन रहे हैं पति-पत्नी

-सुखवीर समय आने पर हरसिमरत को देते हैं हरसंभव सहयोग
-एक दूसरे की प्रतिष्ठा बढ़ाने में देते हैं पूरा योगदान    
बठिंडा। राजनीति में जहां एक दूसरे की टांग खीचकर आगे बढ़ने की होड़ रहती है व इसके लिए कुछ भी करने को नेता तैयार रहते हैं वहीं इन दिनों राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल और उनकी पत्नी सांसद हरसिमरत कौर राजनीति की इन तमाम धारणाओं को पूरी तरह से निरस्त कर रहे हैं। पति और पत्नी राजनीतिक क्षेत्र में एक दूसरे से आगे निकलने की बजाय एक दूसरे को प्रमोट करने का काम कर रहे हैं। हरसिमरत कौर जहां उपमुख्यमंत्री पतिदेव की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए दिनरात एक कर काम कर रही है व बादल सरकार की नीतियों को घर-घर तक पहुंचा रही है वही सुखवीर भी समय मिलने पर सांसद पत्नी के सम्मान के लिए हर समय तैयार रहते हैं। एक सप्ताह पहले सुखवीर बादल का बठिंडा दौरा था, इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा कर सुखवीर काफी थक गए थे लेकिन हरसिमरत कौर ने उनसे आग्रह किया कि प्रशासकीय व्यवस्था को लेकर लोगों की शिकायते आ रही है जिसके लिए जरूरी है कि कुछ विभागों की अचानक जांच की जाए। हरसिमरत के आग्रह पर सुखवीर एकाएक इसके लिए तैयार हो गए और उन्होंने एक नहीं तीन विभागों में उनके साथ छापामारी की व प्रशासकीय अधिकारियों को इसके लिए ताड़ना भी की। इसी तरह का पति-पत्नी के बीच तालमेल की एक मिशाल आज बुधवार को उस समय देखने को मिली जब लगातार आठ दिन तक संसदीय क्षेत्र का दौरा करने के बाद सांसद हरसिमरत की तबियत अचानक खराब हो गई। इसमें सुखवीर ने दौरा रद्द करने की बजाय स्वयं उन सभी स्थानों पर जाने का फैसला लिया जहां हरसिमरत ने लोगों की समस्या सुननी थी। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने न सिर्फ  लोगों की समस्या सुनी बल्कि सहजता से प्रशासकीय अधिकारियों को इन समस्याओं के तत्काल हल के लिए आदेश भी दिया। इस दौरान भी लोगों को संबोधित करते हुए सुखवीर ने सांसद हरसिमरत की तरफ से किए जा रहे कार्यों की सराहना की व उन्हें हरसंभव सहयोग देने का आग्रह किया।         


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