कोटकपूरा। पंजाब नगर निकाय चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भाजपा ने अंदरुनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जिसके तहत भाजपा का गढ़ माने जाने वाले कोटकपूरा में कई बड़े नेताओं को पार्टी से निकाला गया है। वहीं एक बड़े नेता ने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अब पार्टी वर्करों और कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है कि कब किस पर गाज गिर जाए।
मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब भाजपा के कार्यकारिणी सदस्य शाम सुंदर जाडला ने इस्तीफा दे दिया है। पंजाब प्रधान अश्विनी शर्मा को भेजे गए इस्तीफे में जाडला ने कहा है कि कृषि कानूनों के कारण पंजाब में किसानों की कमर टूट गई है। पंजाब पहले ही कृषि पर आधारित राज्य है और पंजाब ने जरूरत पड़ने पर देश को पूरा सहयोग दिया है।
जाडला ने लिखा कि वह कई बार प्रदेश अध्यक्ष से मिले और कानूनों को रद्द करने की मांग की लेकिन उनकी बात को दरकिनार किया गया। अब क्योंकि नगर निकाय चुनाव में भाजपा औंधे मुंह गिरी है इसलिए वह किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफे दे रहे हैं। उन्होंने पार्टी की सदस्य्ता से भी इस्तीफा दे दिया है।
दूसरी ओर, फरीदकोट जिले के कोटकपूरा में पार्टी प्रदेश सचिव और जिला इकाई की प्रधान सुनीता गर्ग ने उन नेताओं पर कार्रवाई की है, जो पार्टी प्रत्याशियों की जगह दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों की मदद कर रहे थे। इसी तरह से शिअद जिला प्रधान मनतार सिंह बराड़ ने भी कोटकपूरा में वार्ड 14 में स्थानीय पार्टी नेता मुकेश गर्ग को पार्टी से निकाल दिया है।
बता दें कि कोटकपूरा को भाजपा के गढ़ के रूप में देखा और माना जाता रहा है। यहां पार्टी के एक-दो नहीं बल्कि कई बड़े चेहरे हैं। 5 से ज्यादा पूर्व जिला प्रधान इस शहर में रहते हैं। कई नेता पार्टी की स्टेट कमेटी की विभिन्न इकाइयों का हिस्सा हैं। इसे देखते हुए ही पार्टी ने 29 सदस्यीय कोटकपूरा नगर कौंसिल में 24 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे लेकिन इनमें से एक भी प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल नहीं हुआ।
कई प्रत्याशी तो 15 वोटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। लगभग सभी जिलों में भाजपा के उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जबकि कांग्रेस ने हर जिले में बेहद शानदार प्रदर्शन किया और कृषि सुधार कानून की मुखालफत इसका सबसे बड़ा कारण है।