Tuesday, May 11, 2021

बठिंडा में 29 वेंटिलेटर सरकार के और पैसा बना रहे प्राइवेट अस्पताल, पूर्व अकाली विधायक सिंगला ने कैप्टन सरकार को घेरा पूछा सरकारी मशीनरी प्राइवेट अस्पतालों को क्यों दी

 

- सिविल सर्जन बठिंडा की प्रतिक्रिया कोरोना महामारी व्यापार का समर्थन करती है, वित्त मंत्री का वायरल वीडियो भी गवाही भर रहा है- सरुप सिंगला

प्राइवेट अस्पताल सरकारी मशीनरी इस्तेमाल करने के बावजूद कोविड मरीजों के उपचार  के लिए वसूल रहे 10 से 20 लाख, मामले की सरकार उच्च स्तरीय जांच करवाएं

बठिंडा: शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला, सेक्रेटरी जनरल ट्रेड विंग ने पंजाब में निजी अस्पतालों में सरकारी वेंटिलेटर के प्रावधान के बारे में केंद्र सरकार द्वारा किए गए प्रमुख खुलासे के लिए कैप्टन सरकार का घेराव किया है।  पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के इस्तीफे की मांग की और उन्हें निजी अस्पतालों में सरकारी वेंटिलेटर प्रदान करने और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। सरुप सिंगला ने कहा कि पंजाब के लोग सरकारी अस्पतालों में कोरोना महामारी से मर रहे हैं।  वही कैप्टन सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों को वेंटिलेटर, लेवल 3 बेड और ऑक्सीजन प्रदान करने के बजाय अस्पतालों में व्यापार करके शर्म की सीमा पार कर दी हैं। इसमें विधायक और सरकार के मंत्री भी शामिल हैं।  उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने और स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि सरकारी अस्पतालों में सरकारी वेंटिलेटर क्यों दिए गए हैं, जब सरकारी अस्पतालों में कोरोना महामारी से मरने वालों के लिए ये सरकारी वेंटिलेटर एक वरदान माना जाता था? इन सरकारी वेंटीलेटर को निजी अस्पतालों को देने का सरकारी आदेश किसने दिया? 

विधायक ने आरोप लगाया कि कैप्टन सरकार ने कोरोना महामारी के दिनों में मरने के लिए पंजाब के लोगों को छोड़ दिया था और खुद के लिए हाथ उठाकर पैसा बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे।  लेकिन शिरोमणि अकाली दल इस कठिन समय में पंजाब के लोगों के साथ खड़ा है।  उन्होंने आरोप लगाया कि एक दिन पहले पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह स्पष्ट रूप से कह रहे थे कि अगर किसी कोरोना पीड़ित को वेंटिलेटर बेड या ऑक्सीजन की जरूरत है, तो उनसे संपर्क किया जा सकता है, जिनको हम प्रदान करेंगे हर सुविधा।  

पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री का बयान यह साबित करने के लिए था। वित्त मंत्री को सरकारी अस्पताल में सरकारी वेंटीलेटर ऑक्सीजन और लेवल 3 के बेड उपलब्ध कराने चाहिए, जहां लोगों को बड़ी राहत मिले, लेकिन वित्त मंत्री का बयान इससे कहीं विपरीत है। जो घोटाला हुआ है व चल रहा है इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने इस घोटाले की स्थिति को स्पष्ट नहीं किया तो यह साबित होगा कि महामारी के काले दिनों में सरकार लोगों का हाथ पकड़ने के बजाय व्यापार को प्राथमिकता दे रही थी।  सरकार ने बठिंडा जिले के लिए 29 वेंटिलेटर निजी अस्पतालों को सौंप दिए हैं, जिसे सिविल सर्जन तेजवंत सिंह ने माना है और तर्क दिया था कि सरकारी और निजी अस्पताल एक साथ काम कर रहे थे।  अब सवाल यह उठता है कि सरकारी वेंटिलेटर निजी अस्पतालों को क्यों दिए गए हैं। 

क्या निजी अस्पताल इस युग में मुफ्त इलाज मुहैया कराएंगे या खुद सरकारी वेंटिलेटर पर कमाई कर रहे हैं। वर्तमान में मरीजों का 20 लाख रुपए तक का बिल बनाया जा रहा है जबकि सरकार व स्थानीय मंत्री मामले में चुप्पी साधकर बैठे हैं। अस्पतालों में सरेआम मरीजों की लूट की जा रही है जिस पर प्रशासन व सरकार को तत्काल सख्त कदम उठाने चाहिए। 

फोटो -पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मामले की जानकारी देते। 


Bathinda-7 हजार से अधिक लावारिस पशु सड़कों पर, 19 केस अदालतों में, प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में और भुगतना पड़ रहा है जनता को


बठिंडा. पिछले 10 वर्षों के अन्दर शहर में बेसहारा पशुओं के कारण सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है वही हजारो लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इसके बावजूद जिला व निगम प्रशासन इस गंभीर समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लावारिस पशुओं से कारण कोई दुर्घटना न हो इसकी पूर्ण रूप जिम्मेवारी बठिंडा प्रशासन की हैं। प्रशासन इस समस्या के हल के लिए हर साल चार करोड़ रुपए का काउ टैक्स लोगों से वसूल कर रही है। इसके बावजूद  प्रशासन के ढीले रुख के कारण खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। बठिंडा शहर की सड़कों और गलियों में पशु झुण्ड बनाकर घूमते है व आने जाने वालों लोगों पर एकाएक हमला कर देते हैं जबकि शहर में ट्रैफिक समस्या को डामाडोल करने में भी इनका अहम योगदान रहता है। इस समस्या से ग्रस्त दर्जनों लोगों ने नगर निगम बठिंडा के खिलाफ अलग-अलग अदालतों में केस फाइल कर रखे हैं। एक मामले में तो निगम को इस मामले में सख्त चेतावनी भी लोक अदालत की तरफ से मिल चुकी है।

दूसरी तरफ लोगों से हर साल करोड़ों का काउ टैक्स वसूलने के बावजूद नगर निगम बठिंडा के पास बेसहारा व मरे हुए पशुओं को उठाने का कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं है। घायल पशुयों के इलाज करने का कोई पुख्ता प्रबन्ध नहीं हैं और घायल व् बीमार पशुयों को अस्पताल लेकर जाने के लिये के लिये कोई एम्बुलेंस नहीं है। इस बाबत आरटीआई एक्टिविस्ट व ग्राहक जागों के सचिव संजीव गोयल ने नगर निगम से सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी। इसमें कई हैरानीजनक तथ्य व निगम की लापरवाही सामने आई है। बेसहारा पशुओं के कारण ए दिन हो रही दुर्घटनाओं में अब तक दर्जनों लोगों की जान पिछले कुछ साल में जा चुकी है जबकि पिछले दस साल में यह तादाद तीन सौ के पार और हजारों ही गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।

नगर निगम बठिंडा के काऊ-सेस शाखा के सुपरडेंट-कम-जन सूचना अधिकारी के द्वारा पत्र नंबर 173 के माध्यम से दी गई सूचना के अनुसार साल 2010 के बाद नगर निगम बठिंडा के खिलाफ पशुओं के कारण घायल व मृत लोगों के परिजनों की तरफ से विभिन्न अदालतों में 19 केस किए हैं। जिनमें से 9 केस पर्मानेंट लोक अदालत में 1 केस सिविल जज (सीनियर डिवीज़न) अदालत में  और 8 केस व एक पी.आई.एल. पंजाब एण्ड हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल हैं जिनमें अदालत की तरफ से सुनवाई चल रही है।

लोकल (बठिंडा) अदालतों में चलते कोर्ट केस :-

       नंबर   केस आई.डी.   याचिकाकर्ता का नाम   अदालत का नाम       फैसले की स्थिति


  • 1.  250/16         निशा रानी        परमानेंट लोक अदालत           पेंडिंग
  • 2.  600/14          हरजिंदर सिंह     परमानेंट लोक अदालत    निगम को पालना हेतु अनुदेश
  • 3.  181/18          अमरजीत सिंह   परमानेंट लोक अदालत          पेंडिंग
  • 4. 34/19             इंद्रपाल सिंह     परमानेंट लोक अदालत             पेंडिंग
  • 5.  18/19            हरमनप्रीत सिंह     परमानेंट लोक अदालत         पेंडिंग
  • 6.  154/19           रानी कौर        परमानेंट लोक अदालत                पेंडिंग
  • 7. 730/19           मुनीश कुमार     सिविल जज (सीनियर डिवीज़न)  पेंडिंग
  • 8.   42/20         धर्म नाथ         परमानेंट लोक अदालत                   पेंडिंग
  • 9.    47/20       सोनिया गिरधर       परमानेंट लोक अदालत            पेंडिंग
  • 10. 5/21         जसविंदर सिंह        परमानेंट लोक अदालत               पेंडिंग
पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट में चलते कोर्ट केस :-
       लड़ी नंबर  केस आई.डी.   याचिकाकर्ता का नाम    अदालत का नाम      फैसले की स्थिति
  • 1. CWP-31157-2019        अंजली                   पंजाब हाईकोर्ट             पेंडिंग
  • 2. CWP-22214-2019       परमजीत सिंह         पंजाब हाईकोर्ट              पेंडिंग                        
  • 3.  CWP-12463-2019      नीलम रानी व् अन्या  पंजाब हाईकोर्ट             पेंडिंग 
  • 4. CWP-6941-2019        परमजीत कुमार         पंजाब हाईकोर्ट             निपटान         
  • 5. CWP-21591-2018      जसमेल कौर             पंजाब हाईकोर्ट               पेंडिंग
  • 6. CWP-16196-2018       सुखविंदर               पंजाब हाईकोर्ट                 पेंडिंग                      
  • 7. CWP-19104-2018   इसके मोशन पर कोर्ट         पंजाब हाईकोर्ट          पेंडिंग   
  • 8. CWP-17331-2010       विजय                पंजाब हाईकोर्ट                   निपटान                 
  • 9. CWP-PIL-23-2018    बठिंडा एसो.आफ एनजीओ      पंजाब हाईकोर्ट     पेंडिंग


 


 

Bathinda- जिले में 31 कोरोना पोजटिव मरीजों की मौत, अस्पतालों में बैड की स्थिति को लेकर प्रशासन ने किया लिंक जारी


बठिंडा.
जिला बठिंडा में मंगलवार को 31 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई जिसके 28 लोगों का सहारा जनसेवा बठिंडा की कोरोना वारियर्स टीम व तीन का नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वर्करों ने विभिन्न शमशान घाटों में संस्कार करवाया है। जिले में करोना महामारी के बढ़ रहे प्रकोप के मद्देनजर ज़िला प्रशाशन की तरफ से जिले में कोविड मरीज़ों का इलाज कर रहे अस्पतालों में बैंडों की समर्थता और स्थिति के बारे जानकारी हासिल करने के लिए http://covid.punjabgovbti.in लिंक जारी किया है। डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने बताया कि इस लिंक से हर जिला निवासी जिले के अंदरूनी कोविड मामलों सम्बन्धित मरीज़ों का इलाज कर रहे अस्पतालों में स्तर 2 और स्तर 3 की क्षमता वाले बैंडों की ताज़ा स्थिति बारे जानकारी हासिल कर सकेगा। जिला प्रसाशन की तरफ से बनाई गई विशेष टीम की तरफ से इस लिंक पर हर दो घंटों बाद अस्पतालों में कोविड मरीज सम्बन्धित स्तर 2 और स्तर 3 की क्षमता वाले बैंडों की स्थिति की जानकारी अपडेट की जाएगी। 

वही सहारा जन सेवा के विजय गोयल, पंकज सिंगला, गौरव कुमार, गौतम, हरबंस सिंह, टेक चंद, जग्गा सहारा, विजय कुमार विक्की, राजेंद्र कुमार, सुमीत ढींगरा, संदीप गोयल, कमल गर्ग, अर्जुन कुमार, सिमर गिल, संदीप गिल, मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार, शिवम राजपूत, तिलकराज, सूरजभान गुनी, दीपक गोयल, मोनू कुमार, हरदीप सिंह, नितीश सैन, गुरबिंदर बिंदी, विकास शर्मा ने कुल 28 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार स्थानीय शमशान भूमि दाना मंडी और बठिंडा के आस पास के क्षेत्रों में टीम ने पीपीई किटे पहन कर पूर्ण सम्मान के साथ परिजनों की उपस्थिति में किया।

कोरोना मृतकों की सूचि

  • 1.अजीत सिंह पुत्र टानी राम 53 वर्ष निवासी बठिंडा जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
  • 2 मनजीत सिंह पुत्र जसविंद्र सिंह 54 वर्ष निवासी बल्लूआना जो पंजाब कैंसर अस्पताल में दाखिल था
  • 3 जसवीर कौर पत्नी दर्शन सिंह 65 वर्ष निवासी मेहराज जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
  • 4 राम प्रवेश पुत्र महाराजा दीन 63 वर्ष निवासी बठिंडा जो आदेश अस्पताल में दाखिल था
  • 5 पुष्पा देवी पत्नी जीवन कुमार 60 वर्ष निवासी कोटफत्ता जो सिविल अस्पताल बठिंडा में दाखिल था
  • 6 राजेश कुमार पुत्र प्रकाश चंद 39 वर्ष निवासी भुच्चो मंडी जो रविंद्र अस्पताल बठिंडा में दाखिल थी
  • 7 जसपाल सिंह पुत्र जरनैल सिंह 43 वर्ष निवार मौड़ मंडी जो बाम्बे गेस्टरो अस्पताल में दाखिल था
  • 8 तरसेम सिंह 48 वर्ष निवासी बठिंडा जो बाम्बे गेस्टरों अस्पताल में दाखिल था
  • 9 राज सिंह पुत्र खूखरदास 57 वर्ष निवासी तलवंडी साबो जो बाम्बे गेस्टरो अस्पताल में दाखिल था
  • 10 शिमला देवी पत्नी किशन लाल 65 वर्ष निवासी तलवंडी साबो जो एडवांस कैंसर केयर अस्तपाल में दाखिल थी
  • 11 बलजीत कौर पत्नी चमकौर सिंह 76 वर्ष निवासी सुशांत सिटी बठिंडा जो छावड़ा अस्पताल में दाखिल थी
  • 12 परमजीत सिंह पुत्र करनैल सिंह 54 वर्ष निवासी जस्सी पौंवाली जो बांसल कैंसर अस्पताल में दाखिल था
  • 13 विनोद शर्मा 48 वर्ष निवासी बठिंडा जो आदेश मेडिकल अस्पताल में दाखिल था
  • 14 पवन कुमार पुत्र हरी राम 59 वर्ष निवासी बठिंडा जो छावड़ा अस्पताल में दाखिल था
  • 15 गुरजीत कौर पत्नी बलविंदर सिंह 45 वर्ष निवासी भोखड़ा जो सत्यम हार्ट अस्पताल में दाखिल थी
  • 16 महिंद्र कुमार पुत्र प्रकाश चंद 72 वर्ष निवासी बठिंडा जो सिविल अस्पताल में दाखिल थी
  • 17 तेज कौर पत्नी नाजर सिंह 70 वर्ष निवासी मेहराज जो राजेंद्र अस्पताल पटियाला में दाखिल थी
  • 18 दुर्गा देवी पत्नी ज्वाला सिंह 75 वर्ष निवासी रामपुरा फूल जो एम्स अस्पताल बठिंडा में दाखिल
  • थी
  • 19 सिकंदर सिंह पुत्र हरी सिंह 60 वर्ष निवासी बुर्ज सेमा जो फरीदकोट मेडिकल कालेज में दाखिल था
  • 20 डा. आरके शर्मा 69 वर्ष निवासी बठिंडा जो मेडीसिटी अस्पताल में दाखिल था
  • 21 विगमर झा पुत्र बच्चा झा निवासी ढिल्लो कालोनी जो सिविल अस्पताल बठिंडा में दाखिल था
  • 22 जयश्रीराम पुत्र रघु राये राम 62 वर्ष निवासी एनएफएल कालोनी जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
  • 23 गुरमीत सिंह पुत्र काका सिंह निवासी गुरू गोबिंद सिंह नगर जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
  • 24 निर्मल सिंह वर्मा आयु 50 वर्ष निवासी दिल्ली जो मेडविन अस्पताल में दाखिल था
  • 25 धनपती देवी पत्नी सूरज लाल 75 वर्ष निवासी अमरपुरा बस्ती जो घर में ही एंकातवास थी
  • 26 लक्ष्मण सिंह पुत्र भोपा राम 89 साल निवासी जंता नगर जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
  •  
  • 27 प्रकाश गुप्ता पति दगदीश गुप्ता 72 वर्ष निवासी माडल टाउन जो घर में ही एंकातवास था
  • 28 सुखमंदर सिंह पुत्र जलोर सिंह 75 वर्ष निवासी सीरियां वाला जो लाईफ लाईन अस्पताल में दाखिल था
  • 29. बठिंडा नार्थ एस्टेट निवासी कोरोना पोजटिव मरीज सतपाल सिंह (60 वर्ष) पुत्र जगदीश रॉय की हालत खराब हो जाने पर परिवारिक सदस्य अस्पताल में दाखिल करवाने के लिए निकले लेकिन अस्पताल के बाहर ही एम्बुलेंस में पीड़ित ने दम तोड़ दिया। 
  • 30. पंचकूला अस्पताल में दाखिल बठिंडा निवासी रजिंदर कुमार (58 वर्ष) पुत्र सुखदेव बांसल की मौत हो जाने पर समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर बठिंडा के वालंटियर अशोक निर्मल, अंकित, राकेश जिंदल ने मृतक का अंतिम संस्कार दाना मंडी स्थित श्मशान भूमि में पीपीई किट्स पहनकर कर दिया।
  • 31. हरबंस नगर निवासी सुखदर्शन कुमार (61 वर्ष) पुत्र बंत राम की घर पर मौत हो गई। परिवार के कुछ सदस्य पोजटिव थे व सुखदर्शन कुमार भी बीमार था लेकिन टैस्ट रिपोर्ट आने से पहले उनकी मौत हो गई। समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के वालंटियर राजविंदर धालीवाल, गौतम शर्मा, जनेश जैन ने मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स पहनकर किया।


केद्र सरकार ने कोरोना महामारी के कारण मर चुके व अस्पतालों में दाख़िल अभिभावकों के बच्चों को संभालने के दिए आदेश -सरकार ने जिला बाल सुरक्षा यूनिट और चाइल्ड लाईन 1098 को सौंपी जिम्मेवारी, प्रशासन देंगा हरसंभव सहयोग


बठिंडा:
विश्व भर में कोरोना महामारी के दूसरे दौर में मौतों की बढ़ रही संख्या के बाद सरकार ने कोरोना के कारण मर चुके या अस्पतालों में दाखिल अभिभावकों के बच्चों को संभालने के आदेश जारी किए हैं। सामाजिक सुरक्षा और स्त्री और बाल विकास विभाग, भारत सरकार ने इस काम की जिम्मेदारी हर प्रदेश के अंदर जिला स्तर पर तैनात जिला बाल सुरक्षा अफसर, चाइल्ड लाईन 1098 को सौंपी है। जो जरूरतमंद बच्चों की शिनाख्त करेगी व ऐसे बच्चों की सूचना मिलते ही खुद मौके पर पहुंच कर बच्चों को सबंधित थाने से पुलिस रिपोर्ट प्राप्त कर जनरल मेडीकल, कोरोना टैस्ट और प्राथमिक इलाज के उपरांत बाल भलाई कमेटी के संमुख पेश कर सरकार से मान्यता प्राप्त बाल घर पहुंचाने के लिए पाबंद होंगे।

 इस संबंधी जानकारी देते जिला बाल सुरक्षा अफसर रवनीत कौर सिद्धू ने बताया कि बाल घरों के प्रबंधकों को भी अपने अदारों में लड़के और लड़कियों के लिए एकांतवास केंद्र स्थापित करने के लिए कहा गया है। अससे नए आने वाले बच्चों की बाल घरों में पहले रहते बच्चों की अपेक्षा कुछ दिनों के लिए दूरी बनाई जा सके। जानकारी अनुसार हाल ही में बच्चों से संबंधित अलग-अलग विभागों के आधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के उपरांत सामाजिक सुरक्षा और स्त्री और बाल विकास विभाग भारत सरकार के निर्देशों के अधीन संयुक्त सचिव भारत सरकार की तरफ से जारी पत्र अनुसार कोरोना महामारी की लपेट में आकर मरने वाले लोगों के बच्चे एक तरह के साथ बेसहारा हो रहे हैं, जिनको संभालने वाले कोई नहीं है। कोरोना के कारण अपने माता पिता खो चुके बच्चे कोई सहारा न मिलने के कारण दूसरे परिवारों पर निर्भर हो रहे हैं। सरकार की तरफ से शक जाहिर किया जा रहा है कि ऐसे हालात का सामना कर रहे बच्चों का गलत हाथों या ग़ैर -कानूनी गोद में जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। बच्चों का इस तरह गैर-कानूनी अज्ञात लोगों के हाथों में जाने से भविष्य में बुरे नतीजे आएगें। विभाग ने सख़्त चेतावनी दी है कि माँ बाप की मौत के उपरांत कोई भी वारिश या रिश्तेदार किसी भी बच्चे को अपने स्तर पर किसी के पास गोद नहीं दे सकेगा, जो कि सजा योग्य अपराध होगा। बाल भलाई समिति के द्वारा बाल घरों व सरकार के पोर्टल और आने वाले बच्चों को गोद लेने के लिए लोग केंद्र सरकार की वैबसाईट पर लागइन करके अपनी सारी जानकारी देने का पाबंद होगा।

जिला बाल सुरक्षा अफसर ने बताया कि कुछ दिनों से वट्सअप के द्वारा भी मेसेज आ रहे हैं कि बच्चों के माता -पिता की मौत हो चुकी है और उन को गोद देना है जो कि गैर-कानूनी है और अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी मिलती है जो कि अनाथ हो चुके हैं या उन को संभालने वाला कोई नहीं है और उनकी उम्र 0 से 18 साल है तो वह जिला बाल सुरक्षा दफ़्तर के फोन नंबर 0164 -2214480,  बाल भलाई कमेटी के फोन नं. 0164 -2212240  या 1098 पर काल करके जानकारी दे सकते हैं।


बठिंडा की केंद्रीय जेल में बंद गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया


                                                                 फाइल फोटो

बठिंडा. बठिंडा की केंद्रीय जेल में बंद खुखार गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों को इलाज के लिए मंगलवार को शहर के सिविल हस्पताल में लाया गया। सख़्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच पुलिस की तीन गाडियां गैंगस्टर को लेकर बठिंडा के सिविल अस्पताल पहुंची। सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने सेखों का पूरा चैकअप किया और दवाएं दीं। गैंगस्टर सेखों पिछले कुछ दिनों से बुखार और पीठ के दर्द से पीडित बताया जा रहा है। केंद्रीय जेल में स्थित अस्पताल में उसका इलाज किया गया था परन्तु वह पूरी तरह ठीक न होने के कारण वहां के डाक्टर ने उसे सिविल हस्पताल के लिए रैफर किया था। अस्पताल के डाक्टरों ने बताया कि सेखों को मामूली बुख़ार की शिकायत थी जबकि दर्द होने संबंधी उसे हड्डियों के डाक्टर से चैकअप करवाया गया है। सेखों के सिविल हस्पताल आने के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे।  डाक्टरों ने सेखों को इलाज के बाद फिर केंद्रीय जेल में तबदील कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गैंगस्टर रंमी मछाना और नवदीप चट्ठा को भी पुलिस इलाज के लिए सिविल हस्पताल ले कर आई थी।

 16 अप्रैल 2015 को बठिंडा सेंट्रल जेल में बंद गैंगस्टर कुलबीर सिंह नरुआना के साथ मारपीट करने व उस जानलेवा हमला करने के आरोप के अलावा कई अन्य आपराधिक मामले गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों पर दर्ज है। बठिंडा के थाना सिविल लाइन बठिंडा पुलिस ने 16 अप्रैल 2015 को केंद्रीय जेल में बंद गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों, उसका साथी गुरप्रीत लैबर सलेमपुरी व रमनदीप सिंह उर्फ सन्नी की बठिंडा जेल में बंद गैंगस्टर कुलबीर सिंह नरुआना के साथ हिंसक झड़प करने व गोली चलाने के मामले में मामला दर्ज किया था। इस मामले में सेखों सहित 8 व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। सेखो पर बठिंडा के अलावा पटियाला व मोहाली के साथ फिरोजपुर में भी कई मामले दर्ज है। नाभ जेल ब्रेकिंग में भी इसका नाम आया था। 

10 बोतल अवैध शराब की तस्करी करने वाला एक आरोपी गिरफ्तार 

बठिंडा. मौड़ पुलिस ने 10 बोतल अवैध शराब के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। मौड़ पुलिस थाना के सहायक थानेदार चरणजीत सिंह ने बताया कि सुखदीप सिंह वासी जोधपुर पाखर को 10 बोतल अवैध शराब के साथ गांव जोधपुर पाखर के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया। 

पुराने झगड़े को लेकर हुए विवाद में दो लोगों ने एक व्यक्ति से की मारपीट, मामला दर्ज 

बठिंडा. नंदगढ़ पुलिस ने पुराने झगड़े को लेकर एक व्यक्ति से मारपीट करने वाले दो लोगों को नामजद किया है। नंदगढ़ पुलिस के पास सिमरजीत सिंह वासी चक्क अतर सिंह वाला ने शिकायत दी कि गुरचरण सिंह वासी चक्क अतर सिंह वाला, जसविंदर सिंह वासी कालझरानी के सथ पुराने झगड़े को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद में उक्त दोनों ने गांव चक्क अतर सिंह वाला में उसे रोककर मारपीट कीव जान से मारने की धमकिया दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। 

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बठिंडा के अजीत रोड गली नंबर 7 को माईक्रो कंटेनमैंट जोन से हटाया, पहले कोरोना पोजटिव मरीज मिलने के कारण लगाई गई थी पाबंदी: जिला मजिस्ट्रेट

बठिंडा: जिला मैजिस्ट्रेट-कम-डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर अजीत रोड गली नं: 7 को माईक्रो कन्नटेनमेंट जोन घोषित किया गया था जिसके चलते उक्त गली में लोगों के आवागमन पर रोक लगाई गई थी। परन्तु सेहत विभाग की तरफ से मिली जानकारी अनुसार इस क्षेत्र में अब कोई भी नया कोविड केस सामने नहीं आया है। इसे ध्यान में रखते अब अजीत रोड गली नंबर 7 के मकान नं: 21161 से मकान नं: 21170 तक के एरीया को माईक्रो कंटेनमैंट जोन से हटाया गया है। जिला मैजिस्ट्रेट की तरफ से जारी हुक्मों अनुसार अजीत रोड  गली नंबर सात के उपरोक्त एरीया में अब आम दिनों की तरह स्थिति बहाल होगी।

कोविड -19 पर फतेह हासिल करने के लिए कोविड टीकाकरन लाजिमी, लेबर डिपार्टमेंट के मजदूर करवाएं वैकसीनेशन: डी.सी

सेहत विभाग रोडमर्रा का शड्यूल बनाकर करे लोगों की सैंपलिंग और वैक्सीनेशन


बठिंडा: जिले के डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन की तरफ से कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए प्रतिदिन समीक्षा बैठक की जा रही है। इस दौरान कोविड-19 से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा करते आधिकारियों को जरुरी दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं। मंगलवार को आयोजित बैठक में आधिकारियों को आदेश दिए कि सैंपलिंग और वैक्सीनेशन में किसी तरह की कोई समस्या पेश न आने दी जाए। इस मौके डिप्टी कमिश्नर ने संबंधित कोरोना सैल के इंचार्ज को हिदायते करते कहा कि प्रतिदिन का शड्यूल बना कर सैंपलिंग और वैक्सीनेशन की जाए और घरों में एकांतवास पॉजिटिव व्यक्तियों की लगातार निगरानी रखी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी पर फतेह हासिल करने के लिए कोविड टीकाकरण लाजिमी है जिससे जिला निवासियों को कोरोना महामारी से सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने आम लोगों को भी अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण हों या कोरोना पीडित व्यक्ति के संपर्क में आए होने तो वह तुरंत नज़दीक की सेहत संस्था में जा कर अपनी जांच करवाएं। बैठक में डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि प्रदेश सरकार की हिदायतों के अनुसार तीसरे चरण के अंतर्गत मुफ्त कोरोना टीकाकरण मुहिम 18 से 44 साल की उम्र वर्ग के निर्माण कार्य में लगे कामगारों का मुफ़्त टीकाकरन शुरू किया गया है, जो कि लेबर डिपार्टमेट में रजिस्टर्ड हैं। उन्होंने लेबर विभाग के आधिकारियों को आदेश देते कहा कि वह जिले में रजिस्टर्ड लगभग 8500 कामगारों की वैक्सीनेशन में तेजी लाने और किसी भी रजिस्टर्ड कामगार को कोविड वैक्सीनेशन से वंचित न रहने दे। इस मौके अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर राजदीप सिंह बराड़, सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों, डा. यादविन्दर सिंह, सहायक कमिश्नर शिकायत गुरबीर सिंह कोहली, सहायक कमिश्नर जनरल कंवलजीत सिंह, बबनदीप सिंह और सहायक लेबर कमिश्नर बलविन्दर सिंह के इलावा करोना सैलों के इंचार्ज विशेष तौर पर उपस्थित थे।


24 घंटों के दौरान 3448 लोगों के लिए सैंपल और 1379 व्यक्तियों ने लगवाई करोना वैक्सीन: डिप्टी कमिश्नर

बठिंडा: डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने बताया कि जिला प्रशाशन की तरफ से विशेष प्रयासों के तहत कोरोना के प्रभाव को रोकने के लिए सेहत विभाग के सहयोग के साथ अलग-अलग टीमें से तरफ से सरकारी दफ़्तरों, सेवा और सुविधा केन्द्रों, तहसील कंप्लैक्स में कोरोना वैक्सीनेशन और सैंपलिंग कैंप लगाए जा रहे हैं। इन कैंपों की लड़ी के अंतर्गत बीते 24 घंटों के दौरान 3448 सैंपल लिए गए और 1379 लोगों की वैक्सीनेशन करवाई गई। डिप्टी कमिश्नर ने बीते 24 घंटों के दौरान सेहत विभाग की टीमों की तरफ से की गई सैंपलिंग बारे जानकारी देते बताया कि 591 अलग-अलग पुलिस नाकों, 315 अलग -अलग दफ़्तरों में आने वाले व्यक्तियों, 544 सरकारी आधिकारियों और कर्मचारियों, 1370 सेहत विभाग और 628 प्राईवेट अस्पतालों की तरफ से सैंपल लिए गए।    

इसी तरह जिले के अंदर की गई वैकसीनेशन के बारे जानकारी देते डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि 1379 सरकारी अस्पतालों और सेहत केन्द्रों में लगाए गए अलग-अलग कैंपों के दौरान वैकसीनेशन की गई। उन्होंने लोगों को अपील करते कहा कि वह सरकार की तरफ से समय-समय पर जारी हिदायतें की पालना करे । सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी अफवाहों से गुरेज करे। मुंह पर हमेशा मास्क और बार -बार साफ़ पानी और सैनीटाईज़र के साथ हाथ साफ़ करते रहे। इस महामारी से सिर्फ परहेज़ के साथ ही छुटकारा पाया जा सकता है।




बठिंडा के गांव बलुआना के पूर्व सरपंच ने तत्कालीन पंचायत सचिव के साथ मिलीभगत कर किया लाखों का घपला -नियमों को ताक पर रखकर जमीने लीज पर दी, शौचालय बनाने के फंड में किया घपला तो छप्पर को मिट्टी से भरा


-पुलिस ने मामले की जांच व कानूनी सलाह के बाद दो आरोपियों पर किया केस दर्ज 

बठिंडा. जिले के गांव में पूर्व सरपंच व तत्कालीन पंचायत सचिव ने मिलीभगत कर लाखों रुपए का घपला किया वही नियमों को ताक पर रखकर प्रस्ताव पारित कर करोड़ों की जमीन पर अवैध तौर पर कब्जा करवाया। मामले में मोहाली स्थित डायरेक्टर पंचायत विभाग को लिखित शिकायत के बाद जांच शुरू की गई जिसमें लगाए गए आरोपों को सही पाए जाने पर पूर्व सरपंच व पूर्व पंचायत सचिव के खिलाफ सदर बठिंडा पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें दोनों आरोपी फरार बताए जा रहे हैं जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जानकारी अनुसार डायरेक्टर पंचायत विभाग पंजाब की तरफ से करवाई गई जांच पड़ताल व मामले में पुलिस की तरफ से ली गई कानूनी सलाह के बाद सामने आया कि बलुआना गांव के पूर्व सरपंच ने सभी नियमों व कायदों को ताक पर रखकर काम किया व सरकारी खजाने को जमकर चपत लगाई। 

वही अपने चेहतों को पंचायती व वक्फबोर्ड की जमीन नियमों के विपरित बांटी। डायरेक्टर के निर्देश पर जांच जिला ब्लाक पंचायत अफसर की तरफ से की गई। शिकायतकर्ता जरनैल सिंह वासी बलुआना की शिकायत व अधिकारियों की तरफ से की जांच में खुलासा हुआ कि गांव के सार्वजनिक छप्पर जहां पानी इकट्ठा किया जा रहा था उसे तत्कालीन पंचायत सचिव बलबीर सिंह व पूर्व सरपंच गुरमेल सिंह ने मिट्टी डालकर भर दिया व उस पर अवैध कब्जा करवा दिया। वही गांव की 6 एकड़ जमीन जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है में बिना सरकारी आदेश के लोगों को रुडी लगाने के लिए प्रदान कर दी व इसमें मिलने वाली राशि अपनी जेब में डालते रहे। वही गांव में स्टेट बैंक आफ पटियाला की तरफ से मेन बाजार में खाली की गई इमारत को बिना किसी मुनियादी व अखबारी विज्ञापन के गैरकानूनी ढंग से इस्तेमाल की जा रही थी जहां पूर्व सरपंच ने सिमेंट की दुकान खोल रखी थी व इसका कोआ किराया पंचायत के पास जमा नहीं करवाया जा रहा था।

वही गुरुद्वारा साहिब ग्राम पंचायत की 10 दुकाने जो मेन बाजार में थी उसमें 9 दुकाने किराये पर दे रखी है जिसमें पांच दुकानों को नियमानुसार बोली नहीं की गई व न ही सरकारी खजाने में इन दुकानों का किराया जमा करवाया गया। घपलों का सिलसिला यही नहीं थमा बल्कि पंचायती जमीन में चेहतों को अवैध कब्जा दिया जबकि गांव में गरीब लोगों के लिए शौचालय बनाने की आई राशि में भी बड़े स्तर पर घपला किया गया। इसमें कई स्थानों में तो कागजों में शौचालय बने लेकिन जमीनी स्तर पर कही भी काम न कर मिला पैसा अपनी जेबों में डाल लिया गया। गांव के छप्पर की जमीन में मिट्टी भर गुरुद्वारा साहिब को कब्जा दिया गया वही रेलवे क्रांसिग पर पड़ी जमीन पर भी अवैध तौर पर निर्माण कर कब्जा करवा दिया गया। 

गांव के रजवाहा के साथ चुघे खुर्द रोड पर जमीन की बोली न लगाकर उसे अपने चेहतों को बाट दी गई। जांच में गांव में लगे वाटर वर्कर व उसके बिलों में भी लाखों का घपला सामने आया इसमें जाली बिल बनाकर लोगों से वसूली की गई व राशि सरकारी खजाने में देने की बजाय अपनी जेबों में डाल ली गई। इस तरह से जांच में सामने आया कि वाटर वर्कस के जाली बिलों में 10 लाख 93 हजार 609 रुपए, दुकानों के किराये में 1 लाख 88 हजार 436 रुपए व 6 एकड़ जमीन की लीज के दो लाख 17 हजार 637 रुपए का घपला किया गया। मामले में शिकायतकर्ता की तरफ से साल 2016 से लगातार शिकायत की जा रही थी लेकिन इसमें पांच साल तक किसी तरह की कारर्वाई नहीं की जा रही थी। अब पंजाब पंचायत विभाग की पहल पर मामले की जांच करवाकर व कानूनी सलाह लेकर दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की हिदायत की गई। 

पुलिस का कहना है कि जमीनों को गलत ढंग से लीज में देने, बिलों की अवैध वसूली, दुकानों के किराये में घपला व जमीन पर अवैध कब्जा करवाकर उसमें वसूली करने के गैरकानूनी काम अब तक सामने आ चुके हैं व इसमें पुलिस ने आरंभिक जांच पूरी कर ली है। पूर्व सरपंच व पूर्व पंचायत सचिव ने मिलीभगत कर पंचायत में गलत प्रस्ताव पारित करवाए व इसमें अंतिम फैसला लेने का अधिकार गैरकानूनी ढंग से अपने पास रखा व मनमाने ढंग से सरकारी खजाने को चपत लगाई है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापामारी कर रही है।        

 

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