बठिंडा: विश्व भर में कोरोना महामारी के दूसरे दौर में मौतों की बढ़ रही संख्या के बाद सरकार ने कोरोना के कारण मर चुके या अस्पतालों में दाखिल अभिभावकों के बच्चों को संभालने के आदेश जारी किए हैं। सामाजिक सुरक्षा और स्त्री और बाल विकास विभाग, भारत सरकार ने इस काम की जिम्मेदारी हर प्रदेश के अंदर जिला स्तर पर तैनात जिला बाल सुरक्षा अफसर, चाइल्ड लाईन 1098 को सौंपी है। जो जरूरतमंद बच्चों की शिनाख्त करेगी व ऐसे बच्चों की सूचना मिलते ही खुद मौके पर पहुंच कर बच्चों को सबंधित थाने से पुलिस रिपोर्ट प्राप्त कर जनरल मेडीकल, कोरोना टैस्ट और प्राथमिक इलाज के उपरांत बाल भलाई कमेटी के संमुख पेश कर सरकार से मान्यता प्राप्त बाल घर पहुंचाने के लिए पाबंद होंगे।
इस संबंधी जानकारी देते जिला बाल सुरक्षा अफसर रवनीत कौर सिद्धू ने बताया कि बाल घरों के प्रबंधकों को भी अपने अदारों में लड़के और लड़कियों के लिए एकांतवास केंद्र स्थापित करने के लिए कहा गया है। अससे नए आने वाले बच्चों की बाल घरों में पहले रहते बच्चों की अपेक्षा कुछ दिनों के लिए दूरी बनाई जा सके। जानकारी अनुसार हाल ही में बच्चों से संबंधित अलग-अलग विभागों के आधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के उपरांत सामाजिक सुरक्षा और स्त्री और बाल विकास विभाग भारत सरकार के निर्देशों के अधीन संयुक्त सचिव भारत सरकार की तरफ से जारी पत्र अनुसार कोरोना महामारी की लपेट में आकर मरने वाले लोगों के बच्चे एक तरह के साथ बेसहारा हो रहे हैं, जिनको संभालने वाले कोई नहीं है। कोरोना के कारण अपने माता पिता खो चुके बच्चे कोई सहारा न मिलने के कारण दूसरे परिवारों पर निर्भर हो रहे हैं। सरकार की तरफ से शक जाहिर किया जा रहा है कि ऐसे हालात का सामना कर रहे बच्चों का गलत हाथों या ग़ैर -कानूनी गोद में जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। बच्चों का इस तरह गैर-कानूनी अज्ञात लोगों के हाथों में जाने से भविष्य में बुरे नतीजे आएगें। विभाग ने सख़्त चेतावनी दी है कि माँ बाप की मौत के उपरांत कोई भी वारिश या रिश्तेदार किसी भी बच्चे को अपने स्तर पर किसी के पास गोद नहीं दे सकेगा, जो कि सजा योग्य अपराध होगा। बाल भलाई समिति के द्वारा बाल घरों व सरकार के पोर्टल और आने वाले बच्चों को गोद लेने के लिए लोग केंद्र सरकार की वैबसाईट पर लागइन करके अपनी सारी जानकारी देने का पाबंद होगा।
जिला बाल सुरक्षा अफसर ने बताया कि कुछ दिनों से वट्सअप के द्वारा भी मेसेज आ रहे हैं कि बच्चों के माता -पिता की मौत हो चुकी है और उन को गोद देना है जो कि गैर-कानूनी है और अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी मिलती है जो कि अनाथ हो चुके हैं या उन को संभालने वाला कोई नहीं है और उनकी उम्र 0 से 18 साल है तो वह जिला बाल सुरक्षा दफ़्तर के फोन नंबर 0164 -2214480, बाल भलाई कमेटी के फोन नं. 0164 -2212240 या 1098 पर काल करके जानकारी दे सकते हैं।
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