बठिंडा.स्वच्छ भारत अभियान के तहत बठिंडा नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपए की सहायता राशि केंद्र सरकार की तरफ से जी जाती है। इसके बावजूद शहर में बने हाईवे के पास, सड़कों के दोनों तरफ और गलियों में कूड़े-कर्कट के ढेर लगे हुए हैं। नगर निगम बठिंडा के अधिकारी कुछ दिन पहले तक सफाई कर्मियों की हड़ताल होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते थे मगर हड़ताल समाप्त हुए भी एक सप्ताह से अधिक का समय हो चुका है। इसके बावजूद बठिंडा शहर की अलग-अलग गलियों, मुहल्लों, सड़कों और फुटपाथों पर गंदगी के ढेर लगे होने से लोगों का अवागमन करना भी मुश्किल हो रहा है वही बरसात के सीजन में गंदगी के कारण बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है। नगर निगम बठिंडा के पास इतने बड़ी मात्रा में टिप्पर, ट्रैक्टर-ट्राली, सफाई सेवक और गार्बेज कलेक्शन वाले कर्मचारी होने के बावजूद भी 100 प्रतिशत गार्बेज कलेक्शन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जबकि नगर निगम कमिश्नर बठिंडा का कहना है कि बठिंडा के विकास के लिये फंड्स की कोई कमी नहीं है।
स्वच्छ भारत अभियान में राज्य में तीन बार पहले नंबर पर आने वाले बठिंडा के स्वच्छ भारत अभियान को फिलहाल इस अव्यवस्था के कारण ग्रहण लग गया है। नोडल अफसरों, सुपरिटेंडेंट, चीफ सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी सुपरवाईज, मेटो और कर्मचारियों की तरफ से शहर की साफ-सफाई की तरफ पूरा ध्यान न देने के कारण बठिंडा शहर में अलग-अलग जगहों पर गंदगी के ढेर लगे रहते हैं और मरे हुए पशु-जानवर आदि भी सड़कों पर ही पड़े रहते हैं। यही नहीं निगम की तरफ से दर्जनों कूड़े-करकट से खाद बनाने के लिये कंपोसिट पिट्स बनवाये गए थे। कुछ महीनें पहले उनमें से ज्यादा कूड़ा कर्कट तो कंपोसिट पिट्स के बाहर ही पड़ा रहता है। गुरु की नगरी के पास तो कुछ महीने पहले बनाया गया कंपोसिट पिट् टूट भी गया है।
वर्तमान में इस गंदगी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेवार नगर निगम बठिंडा के डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन स्कीम हो रही है। घरों से कूड़ा उठाने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। वर्तमान में निगम अधिकारी डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन 100 प्रतिशत करने की बात कर रहे हैं वही दूसरी तरफ गलियों, सड़कों, फुटपाथों, हाईवे आदि पर कूड़े-कर्कट के ढेर इन दावों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उक्त कूड़ा लोगों की तरफ से घरों व दुकानों से इकट्ठा कर यहां फैका गया है। स्वछता एप्प पर भी शिकायत करने पर जान-बुझ कर इधर-उधर की फोटो डाल कर या बिना फोटो डाले ही शिकायत को झूठा रेसॉल्व कर दिया जाता है। कुछ लोगों का कहना है कि हमारे एरिया में तो कूड़े-कर्कट वाला टिपर सप्ताह में एक दिन ही आता है और कही कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है।
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट व सचिव ग्राहक जागो संजीव गोयन ने बताया कि नगर निगम बठिंडा के स्वच्छ भारत अभियान से सम्बंधित नोडल अफसरों, सुपरडेंटों, चीफ सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी सुपरवाईजरों, मेटो और कर्मचारियों को काम के प्रति पूरा ध्यान देना चाहिये जिससे कि लोगों को साफ-सुथरा माहौल मिल सके। बठिंडा शहर में आने वाले और बठिंडा शहर में से गुजरने वाले लोगों के मन में बठिंडा शहर की साफ-सफाई के प्रति एक बेहतर छवि बन सके और इससे प्रेरित हो कर आपने शहर को भी साफ-सुथरा रखने में सहयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि बठिंडा शहर में लगे कूड़े-करकट के ढेरों सम्बन्धी शिकायत स्वच्छ भारत मिशन दिल्ली, प्रोजेक्ट डायरेक्टर स्वच्छ भारत मिशन पंजाब, मुख्यमंत्री पंजाब, लोकल गवर्नमेंट चंडीगढ़, डिप्टी कमिश्नर बठिंडा और कमिश्नर नगर निगम बठिंडा को भेज कर इस ओर ध्यान देने और जल्द से जल्द इस समस्या का हल करने की मांग की है।
फोटो-बठिंडा शहर की प्रमुख सड़कों व हाईवे में लगे गंदगी के ढेर।