Wednesday, June 2, 2021

बठिंडा में 7 कोरोना मरीजों की मौत, 198 नए संक्रमित मिले, कोरोना वायरस में जहां मौत की दर में गिरावट आई वही कोरोना प्रभावित मरीज़ों के ठीक होने की संख्या में विस्तार


बठिंडा:
जिला निवासियों के लिए बड़ी राहत देने वाली ख़बर यह है कि कोरोना वायरस में जहां मौत की दर में गिरावट आई है वही कोरोना प्रभावित मरीज़ों के ठीक होने की संख्या में विस्तार हुआ है। 24 घंटों के दौरान कोरोना के साथ 7 लोगों की मौत हुई जबकि 198 नए केस आए और 252 करोना प्रभावित मरीज़ ठीक होने के उपरांत घर वापिस लौट गए हैं।


डिप्टी कमिशनर बी श्रीनिवासन ने बताया कि जिले के अंदर कोविड -19 के अंतर्गत कुल 335656 सैंपल लिए गए है, जिनमें से 39328 पॉजिटिव केस आए, जिस में से 35969 कोरोना प्रभावित मरीज कोरोना वायरस पर फतेह हासिल कर घर वापस लौट गए। इस समय जिले में कुल 2445 केस एक्टिव हैं और अब तक कोरोना प्रभावित 914 मरीज़ों की मौत हो चुकी है। इस समय 2171 करोना पॉजिटिव घरेलू एकांतवास में हैं।  वही मानवता की सेवा में समर्पित सहारा जनसेवा बठिंडा की कोरोना वारियर्स टीम 7 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार स्थानीय शमशान भूमि दाना मंडी और बठिंडा के आस पास के क्षेत्रों में टीम ने पीपीई किटे पहन कर पूर्ण सम्मान के साथ परिजनों की उपस्थिति में किया।

कोरोना मृतकों की सूचि

1. सुरजीत सिंह पुत्र तारा सिंह आयु 60 वर्ष वासी बठिंडा जो कालड़ा अस्पताल में दाखिल था

2. गुणवंत कौर पत्नी बलवंत सिंह आयु 85 वर्ष वासी पावर हाउस रोड जो आदेश मेडिकल कालेज में दाखिल थी

3. सुरजीत कौर पत्नी नछतर सिंह आयु 60 वर्ष वासी कैलेबांदर जो एम्स अस्पताल में दाखिल थी

4. स्वर्ण सिंह पुत्र महिंदर सिंह आयु 75 वर्ष वासी मेहराज जो एम्स अस्पताल में दाखिल था

5. सुखजीत कौर पत्नी गुरतेज सिंह आयु 60 वर्ष वासी झुंबा जो नवजीवन नर्सिंग होम में दाखिल थी

6. हीरा बहादुर पुत्र भगत राम आयु 67 वर्ष वासी शक्ति बिहार बठिंडा जो इंद्राणी अस्पताल में दाखिल था

7. परमजीत कौर पत्नी नरेंद्रजीत आयु 62 वर्ष वासी दियालपुर मिर्जा जो एम्स अस्पताल में दाखिल थी


भाजपा युवा मोर्चा बठिंडा ने लगाया आरोप-वैक्सीन को लेकर नौजवानों के साथ भेदभाव कर रही पंजाब की कांग्रेस सरकार, 18 से 44 साल के वर्ग के लिए नहीं की जा रही वैक्सीन की व्यवस्था


बठिंडा.
कोरोना महामारी को रोकने के लिए जहां केंद्र सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं वही प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा वैक्सीनेशन नही कर नौजवानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर के नाम भाजपा युवा मोर्चा ने एडीसी राजदीप सिंह बराड़ को मांगपत्र सौंपा। युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सन्दीप अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में कोविड को लेकर हर व्यवस्था में कांग्रेस सरकार फेल हो रही है। वही पंजाब में न तो नशा खत्म किया जा सका और न ही नौजवानो को रोजगार दिया जा सका है। अब बेशर्मी की हद पार करते हुए कांग्रेस द्वारा दिवालियापन दिखाते हुए नौजवानों के लिए वैक्सीन तक का इंतजाम नहीं किया जा रहा है। इसमें कहीं न कहीं बड़ी साजिश की  योजना है। कांग्रेस सरकार कोविड बीमारी को लेकर नौजवानों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रही है। एक मई से शुरू हुई वेक्सीन एक महीना बीत जाने के बाद भी पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू नही की गई। इसके कारण अनेक नौजवान अन्य प्रदेशों में काम पर  नही लौट सके और न ही वापिस विदेश जा सके। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव अशुतोष तिवारी ने कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर कभी भी दस्तक दे सकती है,लेकिन पंजाब सरकार व जिला प्रसाशन इसके लिए बिल्कुल भी गम्भीर नहीं हैं, और न ही इसे निपटने के लिए कोई इंतजाम कर रहे हैं। युवा मोर्चा के महामंत्री संजीव डागर व गगन गोपालिया ने कहा पंजाब सरकार की नालायकी से अगर कोरोना ने नौजवानों को गिरफ्त में ले लिया तो पूरे प्रदेश का भविष्य दांव पर लग सकता है। जिला सचिव एडवोकेट मीनू बेगम व समाजसेवी परमवीर गोयल ने कहा कि प्रदेश सरकार को हठ छोड़कर देश के भविष्य की चिंता करनी चाहिए, ताकि पूरा पंजाब खुशहाल व रोगमुक्त रह सके।

फोटो -एसडीएम को वैक्सीनेशन के संबंध में मांग पत्र सौंपते युवा मोर्चा के पदाधिकारी। 


कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को चार लाख का मुआवजा देने का मैसेज बिना जांच हो रहा वायरल, मामले में पहले ही सुप्रीमकोर्ट में चल रही सुनवाई तो केंद्र सरकार एक साल पहले आदेश जारी कर मुआवजे को लेकर पलट चुकी आदेश


-सुप्रीम कोर्ट में साल 2015 में जारी आदेश को बनाया आधार वही सुप्रीम कोर्ट में 11 जून को होनी है अगली सुवाई 

बठिंडा. इन दिनों सोशल मीडिया पर कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को चार लाख रुपए की सहायता राशि सरकार की तरफ से जारी करने का मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज को देखकर जहां लोग जिला प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं वही मैसेज के साथ दिए फार्म को भरकर दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं। असल में इस मैसेज की सच्चाई जाने बिना लोग पिछले कुछ दिनों से लगातार वट्सएप ग्रुप व फेसबुक में इसे भेज रहे हैं। उक्त मामले में जमीनी सच्चाई जानने पर पता चला कि एक साल पहले देश में कोरोनावायरस संक्रमण के 99 मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने इसे आपदा घोषित किया, लेकिन जिस दिन आपदा घोषित कर पत्र जारी किया उसी दिन महज तीन घंटे बाद ही मौत पर मुआवजे का प्रावधान वापस ले लिया था। आदेश में गृह मंत्रालय ने कोरोनावायरस से किसी की मौत होने पर परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी। राहत कार्यों में शामिल व्यक्तियों को भी मुआवजे के दायरे में रखा गया था। इसके लिए राज्य आपदा राहत कोष से मदद देने की बात कही गई थी। महज 3 घंटे बाद सरकार की तरफ से नया आदेश जारी किया गया, जिसमें कोरोनावायरस को आपदा तो माना गया, लेकिन मृतक के परिवार को मुआवजे देने का कोई जिक्र नहीं था।

वही इस मामले में साल 2015 में केंद्र की तरफ से जारी एक आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है जिसमें कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया गया है व 11 जून को इसमें अगली सुनवाई होनी है। साथ ही कहा कि कोरोना वायरस से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति अपनाई जाए। इसके बाद से लोगों के मन में एक सवाल कौंधने लगा है कि क्या सरकार कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देगी।

क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट कोविड से मरने वालों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने के संबंध में दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाओं में केंद्र तथा राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

यही नहीं केंद्र सरकार ने अधिनियम की धारा 12(3) को ध्यान में रखते हुए 8 अप्रैल, 2015 को भी एक आदेश जारी किया था। इसके तहत राष्ट्रीय आपदा में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। यह मुआवजा राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से दिया जाना है। याचिका में कहा गया कि सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत ही कोरोना वायरस को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है। इसलिए, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 (iii) के तहत प्रत्येक परिवार जिसके सदस्य की आपदा के कारण मृत्यु हुई है, वह चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि का हकदार है।

वही मुआवाजे में रोड़ा बन सकती हैं ये बातें

देश में कोरोना वायरस से तीन लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। इसके बावजूद ज्यादातर मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण लंग्स इन्फेक्शन, हर्ट प्रॉब्लम या फिर कोई अन्य गंभीर बीमारी दिया गया है। ऐसे पीड़ित परिवार मुआवजे के हकदार नहीं हो सकते हैं।

क्या कहती है आईसीएमआर की गाइडलाइंस?

आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) ने पिछले साल कोविड-19 से होने वाली मौतों के संबंध में गाइडलांइस जारी की थी।  गाइडलाइंस के मुताबिक, कोरोना संक्रमित होने के दौरान मरीज को श्वसन संबंधी, हार्ट अटैक जैसी कई अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इन स्थितियों को मृत्यु का अंतर्निहित कारण नहीं माना जाता है क्योंकि ये सीधे तौर पर कोविड-19 के कारण मृत्यु का कारण नहीं बने हैं। आईसीएमआर की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस सिर्फ सलाह है, अनिवार्य नहीं। इसका मतलब है कि इसे लागू करना राज्यों पर निर्भर है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 जून को होगी। 

 क्या होती है राष्ट्रीय आपदा?

आपदा का मतलब है- किसी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से, इंसान या किसी दुर्घटना की वजह से भारी विपत्ति आना। इससे जनहानि या संपत्ति का इतना नुकसान हो कि स्थानीय समुदाय के लिए उससे निपटना असंभव हो। बाढ़, तूफान, चक्रवात, भूकंप, सुनामी को प्राकृतिक आपदा और एटमी, जैविक या रासायनिक आपदाओं को मानव जनित आपदा कहा जाता है। हालांकि, इसे घोषित करने के लिए कोई तय मानक नहीं हैं।

इसके क्या फायदे होते हैं?

आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा घोषित होने पर ऐसी स्थिति एनडीआरएफ को मदद के लिए भेजा जाता है। आपदा राहत कोष के जरिए 75% मदद केंद्र और 25% राज्य सरकार करती हैं। जरूरत होने पर केंद्र के 100% फंडिंग वाले राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक फंडसे अतिरिक्त सहायता दी जाती है। प्रभावित लोगों को कर्ज में रियायत दी जाती है।

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे सरकार के पूर्व में जारी आदेश व फार्म की कापियां-








 

Bathinda-पंजाब पुलिस में 10वीं का जाली प्रमाणपत्र हासिल कर भर्ती हुआ सिपाही, शिकायत के बाद जांच में खुली पोल -एसएसपी के आदेश पर जांच करने के बाद आरोपी पर दर्ज किया केस, नौकरी से भी निकाला


बठिंडा.
पिता की मौत के बाद पंजाब पुलिस में विशेष केस में नौकरी हासिल करने के लिए जाली 10वीं का सार्टिफिकेट पेश करने वाले पुलिस के सिपाही पर सिविल लाइन पुलिस ने केस दर्ज किया है। आरोपी व्यक्ति पिछले लंहे समय से पुलिस में नौकरी भी करता रहा लेकिन किसी जानकार ने इस बाबत विभाग के पास शिकायत कर दी जिसके बाद मामले की जांच की गई तो मामला खुलकर सामने आया। जानकारी अनुसार जिला बठिंडा के गांव जज्जल में रहने वाला सरदूल सिंह पुलिस में एसपीओ के तौर पर भर्ती थे। उनकी मौत के बाद बेटे अमनदीप सिंह ने पुलिस विभाग के पास पिता की बेहतर सर्विस व काम के प्रति निष्ठा का हवाला देते व परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर नौकरी देने का आवेदन किया था। मामले में पुलिस अधिकारियों ने केस को मंजूर कर अमनदीप सिंह को 10वीं के आधार पर सिपाही भर्ती करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा। अमनदीप सिंह ने 10वीं पास नहीं की थी इसके चलते उसने शार्टकट रास्ता अपनाते जाली प्रमाणपत्र तैयार करवाकर पुलिस में जमा करवा दिया व उसे सिपाही के तौर पर नौकरी भी मिल गई। इसी दौरान किसी व्यक्ति ने पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत की थी कि अमनदीप सिंह ने जो प्रमाणपत्र पेश किया है वह जाली है। इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। एसएसपी के आदेश पर मामले की जांच दफ्तर नोट सैना ब्रांच मिनी सचिवालय की तरफ से पूरी की गई जिसमें लगाए गए आरोप सही पाए गए व उक्त सिपाही के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामलों के तहत केस दर्ज कर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। फिलहाल आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। 

चुंगली करने और राजनीतिक रंजिश में दो स्थानों पर मारपीट, 19 लोगों को किया नामजद

बठिंडा. जिले में दो स्थानों में रंजिशन मारपीट करने वाले 19 लोगों को पुलिस ने नामजद किया है। इसमें अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। नथाना पुलिस के पास गुरजीत सिंह वासी भुच्चो मंडी ने शिकायत दी कि रोडा सिंह वासी भुच्चो मंडी उसका रिश्तेदार है। उसका कथित तौर पर किसी महिला से संपर्क था व इस बारे में रोडा सिंह की पत्नी को जानकारी मिल गई थी। इसमें रोड़ा सिंह गुरजीत सिंह पर शक करता था कि उसके संबंधों के बारे में पत्नी को जानकारी दी है। इसी रंजिश में गत दिनों उसने दो साथियों के साथ उसे रास्ते में रोककर मारपीट की व घायल कर फरार हो गए। इसी तरह तलवंडी साबों पुलिस के पास महिंदर सिंह वासी कोरेआना ने शिकायत दी कि उसे पिछले दिनों लोकजन शक्ति पार्टी का स्थानीय प्रधान बनाया गया था। इसके बाद लाड़ी सिंह वासी कोरेआना उससे रंजिश रखने लगा। वह चाहता था कि वह लोक जनशक्ति पार्टी में न जाकर उसकी पार्टी में काम करे। इसी रंजिश  गत दिवस वह करीब 15 लोगों को लेकर उसके घर आया। इस दौरान वह घर पर नहीं था जबकि उसका लड़का व परिवार घर में थे। उक्त लोगों ने पहले उसके लड़के के साथ अभद्र व्यवहार किया व बाद में सभी ने मिलकर मारपीट कर लड़के को घायल कर दिया। पुलिस ने दोनों मामलों में आरोपी को नामजद कर लिया है लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

ट्रांसपोर्ट की आड़ में राजस्थान से कर रहे थे तीन लोग भुक्की की तस्करी, गिरफ्तार 

बठिंडा. तीन लोग ट्रांसपोर्ट के धंधे की आड़ में राजस्थान ने भुक्की व चूरा पोस्त की तस्करी कर रहे थे। सिटी रामपुरा पुलिस ने तीनों आरोपियों को 100 किलोग्राम भुक्की की तस्करी करते ट्रक सहित गिरफ्तार किया है। सिटी रामपुरा पुलिस के सहायक थानेदार हरिंदर सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बठिंडा व रोमाणा अजीत सिंह के रहने वाले कुछ लोग ट्रांसपोर्ट का साजों सामान लाने के नाम पर नशे की तस्करी कर रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने ओवरब्रिज सटैलको फाटक रामपुरा के पास नाका लगाया था। वाहनों की जांच के दौरान एक ट्रक जिसमें तीन लोग जीवन कुमार वासी दशमेश नगर बठिंडा, राज सिंह, कुलदीप सिंह वासी रोमाणा अजीत सिंह सवार थे के साजों सामान को देखा गया। इसमें ट्रांसपोर्ट के सामान के बीच में 100 किलोग्राम भुक्की चूरा पोस्त छिपा रखी थी। पुलिस ने ट्रक को भुक्की सहित अपने कब्जे में ले लिया जबकि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उक्त लोग राजस्थान व एमपी में ट्रांसपोर्ट की लोडिंग के दौरान नशे की खरीद करते थे व उसे आगे पंजाब में बेचते थे। इस धंधे में कई अन्य लोगों के शामिल होने की भी आशंका है जिसकी जांच की जा रही है।   

30 किलो लाहन व अवैध शराब के साथ दो लोग गिरफ्तार, एक को जमानत पर छोड़ा 

बठिंडा. पुलिस ने 30 किलो लाहन व सात बोतल अवैध शराब के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। नथाना पुलिस के सहायक थानेदार सुरजीत सिंह ने बताया कि कृष्ण कुमार वासी माड़ी से गांव में 30 किलो लाहन जब्त की गई है। इसका इस्तेमाल वह अवैध शराब बनाने के लिए करते थे। इसी तरह सदर रामपुरा पुलिस के सहायक थानेदार लखविंदर सिंह ने बताया कि जरनैल सिंह वासी राउके से गांव में घर में तैयार की गई सात बोतल अवैध शराब बरामद की गई। इसमें आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया है। 


खबर एक नजर में देखे

Labels

पुरानी बीमारी से परेशान है तो आज ही शुरू करे सार्थक इलाज

पुरानी बीमारी से परेशान है तो आज ही शुरू करे सार्थक इलाज
हर बीमारी में रामबाण साबित होती है इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा

Followers

संपर्क करे-

Haridutt Joshi. Punjab Ka Sach NEWSPAPER, News website. Shop NO 1 santpura Road Bathinda/9855285033, 01645012033 Punjab Ka Sach www.punjabkasach.com

देश-विदेश-खेल-सेहत-शिक्षा जगत की खबरे पढ़ने के लिए क्लिक करे।

देश-विदेश-खेल-सेहत-शिक्षा जगत की खबरे पढ़ने के लिए क्लिक करे।
हरिदत्त जोशी, मुख्य संपादक, contect-9855285033

हर गंभीर बीमारी में असरदार-इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा

हर गंभीर बीमारी में असरदार-इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा
संपर्क करे-

Amazon पर करे भारी डिस्काउंट के साथ खरीदारी

google.com, pub-3340556720442224, DIRECT, f08c47fec0942fa0
google.com, pub-3340556720442224, DIRECT, f08c47fec0942fa0

Search This Blog

Bathinda Leading NewsPaper

E-Paper Punjab Ka Sach 22 Nov 2024

HOME PAGE