Wednesday, January 27, 2021

शिव सेना पंजाब ने योगेश बातिश की अगुवाई में कड़ी सुरक्षा के बीच शहर में निकली तिरंगा रैली


बठिंडा.
गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में कडी सुरक्षा के बीच शिव सेना पंजाब की तरफ से तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। शिवसेना  पंजाब के राष्ट्रिय प्रधान  योगेश  बातिश ने बताया की गणतंत्र  दिवस  के  मौके पर शिवसेना पंजाब के द्वारा एक तिरंगा रैली निकली गई। जैसा की पंजाब का माहौल काफी तनावपूर्ण चल रहा है मगर शिवसेना पंजाब ने फिर भी शांतिमय तरीके से तिरंगा रैली का आयोजन किया और बठिंडा पुलिस के द्वारा बहुत ही सख्त सुरक्षा के इंतजाम किये गए ताकि किसी भी तरह की कोई भी शरारती तत्व किसी तरह की अनहोनी घटना को अंजाम न दे सके। कड़ी सुरक्षा के बीच  तिरंगा रैली निकालकर शिवसेना पंजाब के ऑफिस के बाहर तिरंगा झंडा लहराकर झंडे को सलामी दी । साथ ही उन्होंने बताया की पार्टी के सलाहकार सतिंदर कुमार को पहले पुलिस के द्वारा घर में ही नजरबन्द किया गया बाद में कड़ी सुरक्षा के दौरान ऑफिस ले जाया गया। जहां पर उन्होंने तिरंगे झंडे को सलामी दी और रैली में हिस्सा लिया। इस मौके पर उपप्रधान अंकुर गर्ग ने कहा की शिवसेना पंजाब ने कभी भी शांति भंग करने की कोशिस नहीं की। आज भी बड़ी ही शांतिमय तरीके से रैली को निकला गया। शिवसेना पंजाब हमेशा से ही अमनशांति का प्रतीक रही है अगर कोई शरारती अंसर पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिस करेगा उसे बिलकुल भी नही बख्शा जायेगा। इस मौके पर शिवसेना पंजाब से उपप्रधान अंकुर गर्ग , जिला प्रधान विक्रम वर्मा ,सोनू कुमार ,गुलशन लाड्डी,संजीव कुमार (बॉबी जोफन),राहुल मेहता,अजय कुमार ,कुणाल खन्ना ,अंकुश कुमार ,विजय कुमार कृष मेहता जतिन बंसल आदि शिवसैनिक इक्क्ठे हुए और तिरंगे को सलामी दी।

फोटो सहित-शहर में अमन शांति के लिए तिरंगा रैली निकालते शिव सेना पंजाब के पदाधिकारी व वर्कर। 


बठिंडा में सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने निकाला भव्य तिरंगा मार्च, इसका उद्देश्य एकता का संदेश:- संदीप अग्रवाल


बठिंडा। 
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसान आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्वों द्वारा लाल किले में घुसकर फैलाई गई अराजकता व देश की शान तिरंगे झंडे के हुए अपमान के खिलाफ पूरे देश में रोष की लहर है, जिसके चलते बठिंडा के शहर वासियों धार्मिक संगठनों व सामाजिक संगठनों द्वारा तिरंगा मार्च का आयोजन किया गया। तिरंगा मार्च की अगुवाई कर रहे समाज सेवी आशुतोष तिवारी व संदीप अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में हुई घटना बेहद निंदनीय है। इस घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है। लंबी लड़ाई व अनेक कुर्बानियों के बाद भारत देश ने  आजादी का जश्न मनाते हुए लाल किले पर 1947 में तिरंगा फहराया था,जिसे गणतंत्र दिवस पर किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व वह वामपंथी सोच द्वारा सोची-समझी नीति के तहत तिरंगे का अपमान करते हुए कथित व्यक्ति द्वारा झंडे को नीचे फेंका गया। वही देश को शर्मसार किया। उन्होंने कहा कि जिस समय पर पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही थी ठीक उसी समय गणतंत्र दिवस के मौके पर यह घटिया हरकत की गई ।संदीप अग्रवाल ने कहा कि किसानों के भेष में छिपे ऐसे नक्सलवादी असामाजिक तत्व पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर फांसी की सजा देनी चाहिए ताकि दोबारा कोई ऐसी गलती ना कर सके। आशुतोष तिवारी ने कहा कि सरकार की ओर से दिए गए रूट मैप पर चलने की बजाए लाल किले में घुसने वाले लोगों की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त करनी चाहिए। वही हुए नुकसान की भरपाई उनकी संपत्तियों से करनी चाहिए। संदीप अग्रवाल व आशुतोष तिवारी ने कहा कि आज की तिरंगा यात्रा देश विरोधी ताकतों को संदेश देने के लिए है कि कोई भी देशवासी तिरंगे का अपमान सहन नहीं करेगा। इसके लिए हर कोई अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार है।उन्होंने कहा कि आज के इस तिरंगा मार्च में सभी राजनीतिक पार्टियों व संगठनों के लिए खुले तौर पर निमंत्रण था,जिसमें अनेक बड़े व्यापारियों वे लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उक्त समाजसेवियों ने कहा कि कुछ विदेशी व लोकल राजनीतिक पार्टियों की शहर पर इस घटना को अंजाम दिया गया है जिसे कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मौके पर ज्ञान प्रकाश गर्ग,अमित शंटी, पवन सिंगला, नरिंदर मित्तल, उमेश शर्मा,दीपक कलोई,  मीनू बेगम, अश्वनी शुक्ला, सीमा शर्मा, अभिषेक, हरि ओम चौहान, सुखचैन भार्गव, संजीव शर्मा, हरदीप शर्मा, राजीव यादव, राजू, संजीव डागर, कमल, मणिकांत, अनिल गर्ग, जौली जैन, परमिंदर, सुनीता गर्ग, लक्ष्मी, सन्नी ,सुखबीर चौधरी,कृष्ण व अन्य लोग हाजिर थे।

बठिंडा जिले में अब तक 1639 सेहत कर्मियों को लगी कोरोना वैक्सीन, सभी सेहतमंद व किसी को कोई साइड इफेक्ट नहीं


-बुधवार को पांच सेंटरों में लगवाई 240 सेहतकर्मियों ने वैक्सीन

बठिंडा. जिले में बुधवार को 240 कोरोना से लड़ने वाले सेहत कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई। इसमें सर्वाधिक 79-79 कर्मियों को मैक्स अस्पताल व दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट में वैक्सीन लगाई गई जबकि एम्स में 44, रामपुरा फूल हेल्थ सेंटर में 20 आदेश में 18 लोगों को वैक्सीनेशन की गई। इससे पहले सोमवार को एम्स अस्पताल समेत 4 सरकारी और 3 प्राइवेट सेशन सेंटरों पर 216 सेहत कर्मचारियों की वैक्सीनेशन की गई थी। इस तरह से पिछले 9 दिन में जिले में 1639 लोगों को इस मुहिम में शामिल किया गया है। इसमें सबसे बड़ी राहत वाली बात यह है कि जिन लोगों को भी वैक्सीन लगाई गई वह सभी सेहतमंद है व उन्हें किसी तरह की समस्या टीकाकरण के बाद नहीं आई है। जिले में अब तक 1639 हेल्थ वर्करों को टीके लगाए है, अभी 9118 हेल्थ वर्कर शेष है। कोरोना वैक्सीन इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि जिले में कोरोना ने पिछले 9 माह में अपना असर दिखाया है यहां 219 लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में अब तक 12 हजार 156 से अधिक हेल्थ वर्करों ने वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्टर्ड करवाया है। बठिंडा में अभी डॉक्टर ही सबसे ज्यादा टीका लगवा रहे हैं। वैक्सीनेशन प्रक्रिया में प्राइवेट अस्पताल के डाक्टर वैक्सीन लगवा रहे हैं। जबकि सरकारी अस्पताल के हेल्थ वर्कर अभी भी पीछे हैं। विभाग के लिए बड़ी समस्या है कि आशा वर्कर, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर व पैरामेडिकल स्टाफ है। यह पक्का करने की मांग रख रहे हैं। जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने अपील की कि वैक्सीनेशन के लिए मैसेज मिलते ही हेल्थ वर्कर बिना किसी डर के सेशन सेंटर में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक पहुंचकर टीकाकरण करवाएं। यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है तथा काफी संख्या में डाक्टर व हेल्थ वर्कर इसे लगवा चुके हैं। 

फोटो सहित-कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद सेहत कर्मी विजय का चिन्ह बनाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए आगे आने की अपील करते। 


Red Fort Violence: पंजाबी फिल्‍मों के हीरो दीप सिद्धू को NIA का नोटिस, सोशल मीडिया पर दी सफाई; समर्थकों ने किया खारिज


 चंडीगढ़/गुरदासपुर। दिल्‍ली में किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के दौरान हिंसा और लाल किले पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज की जगह केसरिया झंडा फहराए जाने की घटना के बाद पंजाबी फिल्‍मों के जाने माने कलाकार दीप सिद्धू विवादों में हैं। पंजाबी फिल्‍मों में अधिकतर नायक की भूमिका निभाने वाले दीप सिद्धू  इस घटना के बाद लोगों के निशाने पर आ गए हैं। किसान नेताओं ने भी इस घटना के लिए दीप सिद्धू पर निशाना साधा है। दूसरी ओर, दीप ने पूरे मामले पर सफाई दी है और लोगों को भड़काने के आरोप को गलत बताया है। सिद्धू ने इंटरनेट मीडिया पर लाइव होकर कहा कि इस घटना के लिए उन्हें विलेन बनाना गलत है। दूसरी ओर एनआइए ने दीप सिद्धू को समन जारी कर पेश होने को कहा है। जानकारी के अनुसार उन्हें पहले भी एनआइए का नोटिस मिल चुका है।

सिद्धू के पिछले लोकसभा चुनाव में सनी देओल के लिए सक्रिय होने की बात सामने आई। दीप सिद्धू लोकसभा चुनाव के दौरान गुरदासपुर से सनी देओल के प्रचार से भी जुड़े रहे थे। सांसद सनी देओल पिछले कई दिनों से लगातार कह रहे हैं, कि उनका या उनके परिवार का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है। सनी ने दिसंबर में भी साफ कर दिया था कि उनका सिद्धू से कोई लेना देना नहीं है। दीप सिद्धू ने कहा था कि वह सनी देओल से लंबे समय से नहीं मिले हैं। दिल्‍ली के घटनाक्रम के बाद दीप सिद्धू पंजाब में भी निशाने पर आ गए हैं। इस घटना की निंदा करते हुए किसानों ने भी दीप सिद्धू से किनारा कर लिया है। सिद्धू के किसान आंदोलन के शुरू होने के दौरान इंटरनेट मीडिया पर काफी सक्रिय रहने की बात सामने आई है।

दीप सिद्धू ने यह दी सफाई

पूरे मामले में निशाने पर आने के बाद दीप सिद्धू ने इंटरनेट मीडिया पर लाइव हाेकर अपनी सफाई दी। फेसबुक पर लाइव होकर दीप सिद्धू ने कहा कि उस पर लोगों को भड़काने का आरोप गलत है। दीप ने कहा, क्‍या इसने लोगों को काेई एक व्‍यक्ति भड़का सकता है। दीप के अनुसार, दरअसल किसान खासकर युवा दिल्‍ली में रिंग रोड से जाना चाहते थे और किसान नेताओं को बैठक में साफ-साफ यह बात कह रहे थे। जब किसान नेताओं ने दिल्‍ली पुलिस के साथ समझाैते में तय रूटाें पर ट्रैक्‍टर परेड करने की बात कही तो युवा किसानों ने इसका विरोध किया और कहा कि वे रिंग रोड होकर ही जाएंगे। लेकिन, किसान नेताओं ने उनकी भावना नहीं समझी और इस कारण ऐसा हुआ।

दीप सिद्धू ने क‍हा, लाल किले के पास भारी तादाद में लोग पहुंचे तो क्‍या सभी काे मैंने ही भड़काया। अन्‍य बार्डर से निकाले गए ट्रैक्‍टर परेड में भी तय रूटों का उल्‍लंघन किया गया। लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने पर भी उसने सफाई दी है। उसका कहना है कि वहां से राष्‍ट्रीय ध्‍वज को नहीं हटाया गया। किसान आंदोलन में निशान साहिब के ध्‍वज का इस्‍तेमाल हो रहा है, इसलिए वहां निशान साहिब और किसान संगठन के ध्‍वज को लगाया गया। फेसबुक लाइव के दौरान काफी संख्‍या में लोगों ने उसके खिलाफ टिप्‍पणी की।

कैसे जुड़ा सनी देओल से सिद्धू का नाम

2019 के लोक सभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से फिल्म स्टार सनी देओल को लोकसभा हल्का गुरदासपुर से चुनाव मैदान में उतारा गया। सनी देओल के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों में से दीप सिद्धू भी एक थे। जोरा दस नंबरी और उसका रीमेक बनाकर मशहूर हुए दीप सिद्धू लोक सभा चुनाव से पहले या बाद कभी भी गुरदासपुर नहीं आए। लेकिन, चुनाव प्रचार में अहम भूमिका होने के चलते ही दीप सिद्धू का नाम अब विरोधियों द्वारा लगातार सनी देओल के साथ जोड़ा जा रहा है।

सनी देओल तोड़ चुके हैं नाता

पंजाब में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध होना शुरू हुआ तो दीप सिद्धू भी इसका हिस्सा बन गए। इसके चलते सनी देओल के नाम को लेकर भी चर्चा होनी शुरू हो गई। इसके बाद सांसद सनी देओल ने 6 दिसंबर को ट्वीट करके घोषणा कर दी कि उनका या उनके परिवार का अब दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नहीं है।

इसके बाद दीप सिद्धू ने खुद भी मीडिया के समक्ष इस बात को माना कि वह पिछले लंबे समय से सनी देओल से नहीं मिले हैं। अब उनका सनी देओल से कोई संबंध नहीं है और किसान आंदोलन का समर्थन करना उनका निजी फैसला है।

सनी देओल ने फिर किया ट्वीट

भाजपा सांसद सनी दिओल ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले में घटित घटना के बाद फिर से ट्वीट कर कहा इस घटना को देख उनका मन बहुत दुखी हुआ है। उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू का उनसे तथा उनके परिवार से कोई संबंध नहीं है। इसे वह 6 दिसंबर को ही स्पष्ट कर चुके हैं।

पुराने फोटो किए जा रहे वायरल

भले ही सांसद सनी देओल ये बार बार स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका या उनके परिवार का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा दीप सिद्धू के सांसद सनी देओल के साथ पुराने फोटो वायरल किए जा रहे हैं। जिसकी भाजपा नेताओं ने कड़ी निंदा की है।

दीप सिद्धू का जन्‍म मुक्‍तसर साहिब जिले में हुआ था और बाद में परिवार बठिंडा जिले के गांव बहमन दीवाना से शिफ्ट हो गया। बहमन दीवाना के सरकारी स्कूल में आठवीं तक शिक्षा प्राप्त की और नौंवी व दसवीं बठिंडा के गुरु नानक स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद ग्यारहवीं व बारहवीं लुधियाना से की और पूणे से वकालत की डिग्री की। इसके बाद मुंबई में वकालत शुरु की। बताया जाता है कि दीप सिद्धू की इसी दौरान सनी से पहचान बनी।

- पहली फिल्म रमता जोगी आई और इसके बाद बठिंडा के अमरदीप सिंह गिल के संपर्क में आने के बाद जोरा- दस नंबरिया,जोरा- द सेकंड चैप्टर फिल्म आई। लेकिन कोरोना के कारण पंजाबी फिल्‍म उद्योग व सिनेमाघर बंद हो जाने से फिल्म भी बंद हो गई। इसके बाद चले किसानी संघर्ष के दौरान दीप ने शंभू बार्डर पर मोर्चा लगाया।

इस दौरान उसका साथ लक्खा सिधाना व गायक कंवर ग्रेवाल ने दिया। बाद में लक्खा व कंवर ग्रेवाल दोनों ही पीछे हट गए। दिल्ली में संघर्ष के दौरान लक्खा व दीप एक बार फिर एक दूसरे के नजदीक आ गए। कंवर ग्रेवाल ने दूरी बनाए रखी।  दीप सिद्धू के पिता लुधियाना में एडवोकेट थे। उनका एक भाई लुधियाना में एडवोकेट है और  दूसरा कनाडा में रहता है।

किसान आंदोलन: वीएम सिंह और भानु प्रताप सिंह ने अपना आंदोलन खत्म करने का एलान किया, हिंसा की घटना से हैं आहत

 


  • भारतीय किसान यूनियन भानु के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना आंदोलन खत्म करने का एलान किया.

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 63 दिनों से जारी है. इस बीच किसान नेता वीएम सिंह और भानु प्रताप सिंह ने अपना आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया है. ये किसान नेता तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे हालांकि उन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा की घटना के बाद आंदोलन से हटने का फैसला लिया है.


भारतीय किसान यूनियन भानु के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में हुई हिंसा की घटना की निंदा की. भानु गुट चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था. भानु प्रताप सिंह ने कहा कि कल दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उससे मैं बेहद आहत हूं और 58 दिनों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त कर रहा हूं.


वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि जिसने भी आंदोलनकारी किसानों को मंगलवार को उकसाया उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ने सरकार की एक भी मीटिंग में गन्ना किसानों के मुद्दों को क्यों नहीं उठाया?


वीएम सिंह ने साफ किया कि आंदोलन खत्म करने का फैसला राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का है न की ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (AIKSCC) का.


बता दें कि मंगलवार को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई थी. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए थे, वे पुलिस से भिड़ गए थे, गाड़ियों को पलट दिया था और लाल किले पर धार्मिक झंडा लगा दिया था.


अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दिल्ली ने हिंसा के संबंध में अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं. हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिस कर्मी जख्मी हुए हैं. एफआईआर में 37 किसान नेताओं का नाम है. इनमें वीएम सिंह का भी नाम शामिल है.


एफआईआर में दावा किया गया है कि आईटीओ इलाके में 600 ट्रैक्टरों के जरिए 10,000 से ज्यादा किसानों के दाखिल होने के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और लोहे के 70 अवरोधकों को तोड़ दिया गया.

किसी समय कबड्डी में नाम कमाने वाली एमए पास लक्खा सिधाना लंबे समय तक रहा अपराध की दुनिया में


-अपराध की दुनिया से बाहर निकल राजनीति पैठ बनाने के लिए समाज सेवा के साथ ज्वलंत मुद्दों पर पैदा करता रहा कंटरवर्सी 

-पंजाबी सम्मान को लेकर साइन बोर्ड में कालिख पोतने से आया था सुर्खियों में, अब किसान आंदोलन में हिंसा फैलाने के लग रहे आरोप 

बठिंडा. किसी समय गैंग बनाकर लोगों में दहश्त फैलाने वाला लक्खा सिधाना दिल्ली में गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी के दिन किसानों की प्रायोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में एक बड़ा नाम सामने आया है। अपराध की दुनिया को छोड़कर समाज सेवा करते राजनीति में नाम चमकाने की ठानकर चले लक्खा सिधाना ने मीडिया व सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए समय-समय पर नए विवाद को जन्म दिया। कभी पंजाबी भाषा को उत्साहित करने के लिए हिंदी व अंग्रेजी में लिखे साइन बोर्ड में कालिफ पोथकर विरोध जताया तो कभी सभ्याचार के नाम पर गलत शब्दावली का विरोध किया। पंजाब के बठिंडा जिले के रहने वाला पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिंह सिधाना कभी अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह हुआ करता था, जो बाद में राजनीति में आया और फिर समाजसेवा करने में लग गया। हाल ही में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा में वो भी एक्टिव था और उसकी बड़ी भूमिका भी सामने आई है जिसमें दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। 


पंजाब के बठिंडा का रहने वाले लक्खा सिधाना का असली नाम लखबीर सिंह है। वह कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी भी रह चुका है। बचपन से खेल में नाम कमाने वाला फिर खेल से अपराध की दुनिया में आने के बाद  वह फिर राजनीति में चला आया। लक्खा सिधाना शिक्षा में डबल एमए है। उसने किसान आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। लक्खा पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई आरोप लगे हैं। 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल किले के प्राचीर में पीला झंडा फहराये जाने की घटना में सिधाना का नाम आ रहा है।

लक्खा कैसे राजनीति में पहुंचा. इस बारे में कहा जाता है कि पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने पहले अपनी पार्टी पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बनाई थी और इसी पार्टी की तरफ से सिधाना ने सबसे पहले रामपुरा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी। इस विधानसभा चुनाव के दौरान लक्खा सिंह पर गांव भगता भाई में फायरिंग भी हुई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद सिधाना ने तत्कालीन अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका पर गंभीर आरोप लगाए थे। राजनीति के बाद लक्खा सिंह सिधाना पिछले कुछ साल से पंजाबी सत्कार कमेटी के साथ जुड़कर पंजाबी भाषा को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसके साथ ही गैंगस्टर लक्खा सिंह सिधाना पंजाब के नौजवानों को बड़े स्तर पर अपने साथ जोड़ भी रहा था।

कुछ समय पहले लक्खा ने नेशनल हाईवे के साइन बोर्ड पर पंजाबी भाषा को तीसरे नंबर पर होने की वजह से उस पर कालिख पोत दी थी। सिधाना के पास दो-दो महंगी लग्जरी गाड़ियां हैं वही किलानुमा मकान इलाके में चर्चा का कारण बनता है। 25 जनवरी को सिधाना ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में स्टेज पर चढ़कर युवाओं को कहा था कि जैसे युवा चाहते है, वैसी ही परेड होगी। लक्खा सिधाना ने कुछ दिनों पहले अपने सोशल मीडिया पेज पर वीडियो डालकर मीडियाकर्मियों को धमकाया भी था और अपने खिलाफ खबरें लिखने का विरोध भी किया था। फिलहाल गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद जो नाम सुर्खियों में है जिसमें दीप सिद्धू पर आरोप लग रहे हैं कि इसी शख्स ने किसानों की भीड़ को लाल किला की तरफ मोड़ा, जिसके बाद हिंसा फैल गई। सिद्धू के बाद दूसरा एक और नाम सामने आ रहा है, लक्खा सिधाना जिसने आंदोलन में शामिल नौजवानों को भड़काया। जानकारी के मुताबिक दीप सिद्धू और लाखा सिधाना ने ही किसानों को लाल किला पर जाने के लिए भड़काया। लाल किले पर पहुंचने के बाद दीप सिद्धू ने ही प्रचार पर निशान साहिब फहराने के लिए भी कहा। इस बात को सिद्धू ने एक फेसबुक वीडयो में कुबूल भी किया है।

लक्खा पर पंजाब में दो दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे अपराध शामिल हैं। साथ ही लक्खा पर आर्म्स एक्ट के मामले भी दर्ज है। अपराध की दुनिया में पैर रखने के बाद उसने कबड्डी व शिक्षा को छोड़ दिया। लाखा सिधाना अभी युवाओं को सरकार और सिस्टम के खिलाफ भड़काने का काम करता है। सिधाना चुनाव भी लड़ना चाहता है इसी के लिए वह अपनी जमीन विभिन्न आंदोलनों में शामिल होकर व उनकी अगुवाई करता रहा है ताकि वह सुर्खियों में बना रहे। 

फोटो सहित--लक्खा सिधाना की फोटो 



गोनियाना मंडी में खालिस्तान बनाने व लोगों को धमकी दे डराने वाले 10 लोगों के खिलाफ केस


बठिंडा.
गोनियाना मंडी में दस के करीब लोगों ने ट्रैक्टर रैली के नाम पर खालिस्तान बनाने की धमकिया देने व लोगों के अंदर दहश्त फैलाने वाले 10 लोगों के खिलाफ नहियावाला पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें अश्वनी कुमार वासी गोनियाना मंडी ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई कि गत दिनों जहां किसानों के समर्थन में रैली निकालने के लिए इलाके के हरजिंदर सिंह मान वासी भौखड़ा, जसपाल सिंह वासी गोनियाना मंडी, सुखवंत सिंह वासी सिविया, कुलदीप सिंह वासी दियोण व करीब 6 अन्य लोगों ने मंडी में घूमकर उन्हें धमकियां दी व खालिस्तान बनने के बाद एक वर्ग विशेष की जमीन-जायदाद पर कब्जा करने व उन्हें अभद्र भाषा बोलकर अपमानित किया। उक्त लोगों ने इलाके में एक वर्ग विशेष को धमकियां देने के साथ उनके अंदर दहश्त फैलाने का काम किया। मामले की शिकायत पुलिस के पास की गई जिसमें पुलिस ने सभी आरोपियों पर केस दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए छापामारी शुरू कर दी है।        

भगता भाईका में गणतंत्र दिवस पर सड़क जाम कर धरना देने वाले 35 लोगों को किया नामजद

बठिंडा. गणतंत्र दिवस पर 35 के करीब लोगों ने भगता भाईका में सड़के जामकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जिस पर दियालपुरा पुलिस ने धरना-प्रदर्शन कर रहे 35 लोगों को नामजद किया है इसमें किसी कि गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। दियालपुरा पुलिस के सहायक थानेदार कश्मीर सिंह ने बताया कि गणतंत्र दिवस वले दिन भगता भाईका के मेन चौक में करीब 35 लोगों ने धरना दे रखा था व रास्ता पूरी तरह से जाम कर रखा था। यही नहीं उक्त धरनाकारी लोगों को सरकार के खिलाफ उकसा रहे थे व सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसमें प्रमुख तौर पर पवन कुमारस सर्वजीत सिंह, करना सिंह वासी भागता भाई, केशव गोयल वासी भाईरूपा, जसबीर सिंह वासी हमीरगढञ, बलवीर चंद वासी सुखानंद मोगा व 30 अन्य अज्ञात लोग शामिल थे। मामले में आम लोगों को हो रहे परेशानी के मद्देनजर सभी आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया गया है।

  

पुरानी रंजिश में दादा पोती पार्क के पास एक व्यक्ति पर किया छह लोगों ने जानलेवा हमला

बठिंडा. बठिंडा में माडल टाउन के नजदीक स्थित दादा पोती पार्क के पास पुरानी रंजिश को लेकर छह लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।  मामले में सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में सागरजीत सिंह वासी परसराम नगर नजदीक मनोड बिस्कुट बेकरी बठिंडा ने बताया कि दविंदर सिंह वासी बठिंडा, दीपइंदर सिंह व उसके चार साथियों के साथ उसका किसी बात को लेकर पुराना झगड़ा चल रहा था। इसी रंजिश में उक्त लोगों ने गत दिवस उसे दादा पोती पार्क के पास रोक लिया व तेजधार हथियारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

9 हजार नशीली गोलियों की तस्करी करने जा रहे दो लोगों को किया गिरफ्तार

बठिंडा. जिला पुलिस ने दो स्थानों में भारी मात्रा में नशीली गोलियों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बालियावाली पुलिस के सहायक थानेदार गुरदीप सिंह ने बताया कि मनप्रीत सिंह वासी ढड्डे को बालियावाली गांव में पांच हजार नशीली गोलियों की तस्करी करते गिरफ्तार किया गया। वही दूसरे मामले में संगत पुलिस क सहायक थानेदार राजबीर सिंह ने बताया कि बलविंदर सिंह वासी पथराला को गांव में चार हजार नशीली गोलिय़ों की तस्करी करते गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ नशा निरोधक एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

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