Monday, January 18, 2021

पटियाला में एक बाइक पर जा रहे चार युवक हुए हादसे का शिकार, तीन की मौत


समाना (पटियाला) ।
पंजाब के पटियाला के समाना के पास एक सड़क हादसे में तीन बाइक सवारों की मौत हो गई। एक ही बाइक पर चार युवक सवार होकर जा रहे थे। इसी दौरान बाइक की एक वाहन से टक्‍कर हो गई। इससे बाइक में आग भी लग गई। हादसे में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।

हादसा थाना सदर समाना इलाके में सोमवार शाम करीब छह बजे हुई। बाइक व महिंदरा पिकअप में टक्कर हो गई। इस हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई और एक जख्मी हुआ है। जानकारी के अनुसार चारों युवक एक ही बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में इनकी टक्कर हो गई। हादसे के बाद बाइक को आग भी लग गई। अभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। इन तीनों युवकों के शव सिविल अस्पताल समाना में रखवाए गए हैं। पुलिस इनकी पहचान में जुट गई है।

देखे लूट की विडियो-बठिंडा में कमला नेहरु कालोनी में रात के समय हथियार की नोक पर छीनी स्कूटी


बठिंडा।
जिले में लुटेरों के हौसले आए दिन बुलंद हो रहे हैं। हालात यह है कि रात के समय आए दिन लूटपाट की वारदाते हो रही है व घटना के बाद पुलिस जाग रही है। गत शनिवार देर रात्रि बठिंडा-बरनाला रोड नेशनल हाइवे के ओवरब्रिज नजदीक कमला नेहरू कालोनी के पास दो अज्ञात युवकों ने हथियार की नोक पर सब्जी व्यापारी से स्कूटी छीनकर मौके से फरार हो गए। 


पूरी घटना के एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, लेकिन घटना के 60 घंटे बाद भी पुलिस को लुटेरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस को शिकायत देकर कमला नेहरू कालोनी निवासी विजय कुसला ने बताया कि वह सब्जी विक्रेता है। गत शनिवार रात को वह अपनी स्कूटी नंबर पीबी-10एफयू-9011 पर सवार होकर बाजार से अपने घर वापस आ रहा था। जब कमला नेहरू के पास ओवरब्रिज के पास पहुंचा, तो सड़क पर खड़े दो अज्ञात युवकों ने उसे पिस्तौल दिखाकर उसे रोक लिया और उसकी स्कूटी छीनकर मौके से फरार हो गए। विजय ने बताया कि उसने उक्त आरोपितों को विरोध भी किया, लेकिन आरोपितों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद उसने मामले की जानकारी पुलिस व अपने परिजनों को दी। मामले की जांच कर रहे थाना कैंट के प्रभारी एसआइ गुरमीत सिंह ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है, जबकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से आरोपितों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है, ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।


दूसरे दिन सिविल अस्पताल बठिंडा के 38 डाक्टरों ने लगवाई कोरोना वैक्सीन, ग्रामीण सेंटर अभी भी पीछे


-मंगलवार से जिले में प्राइवेट अस्पतालों के सेहच कर्मियों को लगाई जाएगी तीन सेंटरों में वैक्सीन

-सरकार ने सेहत विभागके साथ अब दूसरे विभागों में तैनात फ्रंट कर्मियों की मांगी लिस्ट   

बठिंडा. रविवार को अवकाश होने के कारण सेशन सेंटर पर किसी को कोरोना का टीका नहीं लगाया गया। महाअभियान के तौर पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का सोमवार को जिले के तीनों सेशन सेंटरों पर दूसरा राउंड शुरू किया गया। इसमें बठिंडा सिविल अस्पताल के अधिकतर डाक्टरों ने वैक्सीनेशन करवाई। सिविल अस्पताल बठिंडा में जहां शनिवार को मात्र 16 डाक्टरों ने टीका लगवाया वही सोमवार को 38 डाक्टर आए आए लेकिन जिले के दो अन्य सेंटर जिसमें तलवंडी साबों व गोनियाना में मात्र तीन डाक्टर वैक्सीन लगाने के लिए पहुंचे। इसमें तलवंडी साबों सिविल अस्पताल में एक तो गोनियाना मंडी सिविल अस्पताल में दो डाक्टर शामिल है। कोरोना वैक्सीन को लेकर आ रही पोजटिव रिपोर्ट के बाद लोगों में इस बाबत फैला डर तो निकल रहा है लेकिन अभी ग्रामीण इलाकों में तैनात सेहत कर्मी अभी भी भयभीत दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल राज्य सेहत विभाग ने वैकसीनेशन मुहिम में तेजी लाने के लिए अब दूसरे विभागों को फ्रंट लाइन कर्मियों की लिस्ट मांगी है। इसमें मंगलवार को जिले में प्राइवेट अस्पतालों में तैनात डाक्टरों, स्टाफ नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ को टीकाकरण मुहिम के साथ जोड़ा जा रहा है। इसके लिए दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट, आदेश अस्पताल और सिविल अस्पताल को सेंटर बनाया गया है।

दूसरी तरफ सेहत विभाग में काम कर रहे मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर व पैरामेडिकल स्टाफ ने सरकार की तरफ से उनकी मांगे नहीं मानने के विरोध में वैकसीनेशन मुहिम का बायकाट कर रखा है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानेगी वह इस मुहिम में हिस्सा नहीं लेंगे। यही कारण है कि विभाग की तरफ से तय लक्ष्य हासिल करने में दिक्कत आ रही है। वही सेहत विभाग अब पहले मिले सकारात्मक परिणाम के बाद रहते कर्मचारियों को जागरुक भी कर रहा है लेकिन इसमें किसी को भी फोर्स नहीं किया जाएगा। सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो पहले ही कह चुके हैं कि यह मुहिम स्वइच्छा पर निर्भर है। अगर कोई वैक्सीन नहीं लगवाना चाहता है तो उसे जबरदस्ती नहीं की जाएगी। उनका मूल काम स्टाफ व लोगों को जागरुक करना है।     

रविवार को वैक्सीनेशन के लिए 100 लाभपात्रियों की सूची तैयार कर पिन कोड सभी मोबाइल फोन पर मैसेज कर दिए गए थे। इसमें वैक्सीनेशन प्रक्रिया सुबह 9 बजे शुरू की गई थी। उधर, शनिवार को जिले के तीन सेशन सेंटरों पर 36 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए थे उनको किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने बताया कि सेशन सेंटर में सिविल अस्पताल बठिंडा, सरकारी अस्पताल गोनियाना मंडी और सरकारी अस्पताल तलवंडी साबो शामिल किए थे वही अब दो प्राइवेट सेंटर आदेश व दिल्ली हार्ट मंगलवार से एक्टिव होंगे। यहां जिले भर के सभी प्राइवेट अस्पतालों के सेहत कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी।

आने वाले दिनों में स्वास्थ्य कर्मियों के बाद पुलिस कर्मचारी और सरकारी अधिकारियों को टीके लगाए जाएंगे। पहले चरण में 12,156 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन प्रक्रिया में शामिल किया गया है। सेहत विभाग की तरफ से सेंटरों के मुताबिक कोविड पोर्टल में दर्ज लाग इन आईडी दे दी गई है। कोई लाभपात्री वैक्सीन लगवाने के मैसेज को दो बार इग्नोर करता है और सेंटर पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवाता तो उसकी पोर्टल से एंट्री रद हो जाएगी। वैक्सीन लगवाने से पहले घर से कुछ खाकर आएं। फोटो आईडी प्रूफ साथ लेकर आएं। मोबाइल फोन पर आया मैसेज डिलीट न करें। कोरोना का टीका लगने के बाद हर मरीज को 30 मिनट आब्जर्वेशन हाल में रहना रखा जाएगा। किसी तरह के साइड इफेक्ट का पता इतने समय में चल जाएगा। इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस भी रहेगी। फिलहाल जिन लोगों ने भी वैकसीन लगवाई सभी स्वस्थ हैं। हां एक दो लोगों को बाजू पर हल्का दर्द हुआ। लेकिन बाद में सब नॉर्मल हो गया।

किसान आंदोलन के नेता चढूनी पर पैसे लेने, कांग्रेस टिकट के बदले हरियाणा सरकार गिराने की डील का आरोप


चंडीगढ़। 
किसान आंदोलन के दौरान पहली बार संयुक्त मोर्चा की बैठक में किसानों में फूट नजर आई। रविवार को मीटिंग में हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर आंदोलन को राजनीति का अड्डा बनाने, कांग्रेस समेत राज नेताओं को बुलाने व दिल्ली में सक्रिय हरियाणा के एक कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपए लेने के गंभीर आरोप लगे।

आरोप था कि वह कांग्रेसी टिकट के बदले हरियाणा सरकार को गिराने की डील भी कर रहे हैं। चढू़नी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि बैठक में मोर्चा के सदस्य उन्हें तुरंत मोर्चे से निकालना चाहते थे। लेकिन आरोपों की जांच को 5 सदस्यों की कमेटी बनाई गई जो 20 जनवरी को रिपोर्ट देगी। उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

Q. क्या आप पर कोई दबाव था?
-नहीं। न तो विदेशी संगठनों या संस्थाओं का और न ही सत्ता पक्ष का दबाव था। न ही मुझे किसी से धमकी मिली है, जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
Q. कमेटी से इस्तीफा देने का फैसला क्यों किया?
-जब किसान कमेटी से बात नहीं करना चाहते, मैं इनकी आवाज रिपोर्ट में शामिल नहीं कर सकता तो सदस्य बने रहने का हक नहीं।
Q. फैसला लेने में कोई दिक्कत?
-मैंने 48 घंटे तक लगातार विचार किया कि क्या मैं किसानों की आवाज उठा पाऊंगा, तो अंतर्मन से आवाज आई यह संभव नहीं। मैंने चीफ जस्टिस से बात की और 15 मिनट में ही इस्तीफा दे दिया।
Q. किसान आंदोलन को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है?
-निजी हितों के लिए किसान सड़कों पर नहीं उतरता। किसानों की मांगें जायज हैं। केंद्र को संजीदगी से मांगों का हल निकालना चाहिए। मैं कानूनों के पक्ष में नहीं हूं।
Q. किसानों की बड़ी दिक्कतें क्या?
-किसानों की आमदन पर टैक्स की मार है। मौसम की मार भी झेलते हैं। फसलों के दाम जैसी समस्याओं पर केंद्र को काम करने की जरूरत है। मौजूदा नीतियों में एेसा दिखता नहीं।

Q. क्या आप पर कोई दबाव था?
-नहीं। न तो विदेशी संगठनों या संस्थाओं का और न ही सत्ता पक्ष का दबाव था। न ही मुझे किसी से धमकी मिली है, जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
Q. कमेटी से इस्तीफा देने का फैसला क्यों किया?
-जब किसान कमेटी से बात नहीं करना चाहते, मैं इनकी आवाज रिपोर्ट में शामिल नहीं कर सकता तो सदस्य बने रहने का हक नहीं।
Q. फैसला लेने में कोई दिक्कत?
-मैंने 48 घंटे तक लगातार विचार किया कि क्या मैं किसानों की आवाज उठा पाऊंगा, तो अंतर्मन से आवाज आई यह संभव नहीं। मैंने चीफ जस्टिस से बात की और 15 मिनट में ही इस्तीफा दे दिया।
Q. किसान आंदोलन को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है?
-निजी हितों के लिए किसान सड़कों पर नहीं उतरता। किसानों की मांगें जायज हैं। केंद्र को संजीदगी से मांगों का हल निकालना चाहिए। मैं कानूनों के पक्ष में नहीं हूं।
Q. किसानों की बड़ी दिक्कतें क्या?
-किसानों की आमदन पर टैक्स की मार है। मौसम की मार भी झेलते हैं। फसलों के दाम जैसी समस्याओं पर केंद्र को काम करने की जरूरत है। मौजूदा नीतियों में एेसा दिखता नहीं।

Q. क्या आप पर कोई दबाव था?
-नहीं। न तो विदेशी संगठनों या संस्थाओं का और न ही सत्ता पक्ष का दबाव था। न ही मुझे किसी से धमकी मिली है, जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
Q. कमेटी से इस्तीफा देने का फैसला क्यों किया?
-जब किसान कमेटी से बात नहीं करना चाहते, मैं इनकी आवाज रिपोर्ट में शामिल नहीं कर सकता तो सदस्य बने रहने का हक नहीं।
Q. फैसला लेने में कोई दिक्कत?
-मैंने 48 घंटे तक लगातार विचार किया कि क्या मैं किसानों की आवाज उठा पाऊंगा, तो अंतर्मन से आवाज आई यह संभव नहीं। मैंने चीफ जस्टिस से बात की और 15 मिनट में ही इस्तीफा दे दिया।
Q. किसान आंदोलन को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है?
-निजी हितों के लिए किसान सड़कों पर नहीं उतरता। किसानों की मांगें जायज हैं। केंद्र को संजीदगी से मांगों का हल निकालना चाहिए। मैं कानूनों के पक्ष में नहीं हूं।
Q. किसानों की बड़ी दिक्कतें क्या?
-किसानों की आमदन पर टैक्स की मार है। मौसम की मार भी झेलते हैं। फसलों के दाम जैसी समस्याओं पर केंद्र को काम करने की जरूरत है। मौजूदा नीतियों में एेसा दिखता नहीं।

जब मैं किसानों की बात ही नहीं रख सकता तो कमेटी में बने रहने का हक नहीं

सुखबीर सिंह बाजवा | चंडीगढ़. कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके भूपिंदर सिंह मान ने जिस तरह कमेटी छोड़ी, उनके इस्तीफे को लेकर धमकियां मिलने समेत कई कयास लगाए जाने लगें। दैनिक भास्कर ने इस्तीफे की वजहों व किसान आंदोलन को लेकर उनके विचारों को जाना

इधर, किसान संगठन बोले- आंदाेलन से जुड़े लाेग एनआईईए के सामने पेश नहीं हाेंगे

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा टेरर फंडिंग की जांच में आंदोलन समर्थकों को जारी समन से खफा किसान संगठनाें ने एलान किया कि उनसे जुड़ा काेई नेता या कार्यकर्ता एनआईए के सामने पेश नहीं हाेगा। मंगलवार काे केंद्र के बीच 11वें दाैर की बातचीत से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने मई-2024 तक आंदाेलन में डटे रहने का एलान किया तो वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी पुराना स्टैंड दोहराते हुए कहा, “कानून वापसी के अलावा क्या विकल्प हो सकते हैं।’ उधर किसानाें ने कहा ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर रिंग राेड पर ही निकाला जाएगा।

उधर, सुप्रीम कोर्ट किसान आंदाेलन पर साेमवार काे फिर सुनवाई करेगी। ट्रैक्टर मार्च रुकवाने के लिए भी केंद्र ने याचिका दायर की है। सीजेआई एसए बाेबडे इस पर सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने किसान संगठनाें सहित संबंधित पक्षाें काे नोटिस भी जारी किया है।

होशियारपुर में :पैसे दोगुने करने का लालच देकर साढ़े 14 करोड़ ठगे, एक ही कंपनी के 14 लोगों पर मामला दर्ज

 


होशियारपुर।
 जिले में हजारों-लाखों रुपए की ठगी तो अकसर सुनने को मिली है, लेकिन इस बार थाना सिटी में एक कंपनी जिसने साल 2012 में फगवाड़ा रोड पर अपना दफ्तर खोला और लोगों को पैसे दोगुने करने का लालच देकर करीब साढ़े 14 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया। इसके चलते 14 लोगों के खिलाफ थाना सिटी में मामला दर्ज किया गया। थाना सिटी के एएसआई सतनाम सिंह ने बताया कि इस मामले में पीड़ित लोगों ने

हाईकोर्ट में अपने साथ हुई ठगी को लेकर एक पटीशन फाइल की थी, जिसकी जांच करने के बाद जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पूरी ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए एसएसपी होशियारपुर को आदेश जारी किए। इसके चलते 14 लोगों के खिलाफ धारा 406, 420 और 120-बी के तहत थाना सिटी में मामला दर्ज कर कार्रवाई की है।

जिले में 14,57,59720 रुपए की अब तक की सबसे बड़ी ठगी -साल 2020 में उक्त लोगों ने हाईकोर्ट में पटीशन फाइल की थी, जिसमें गांव सरूपवाल (कपूरथला) के जगविंदर सिंह ने बताया कि वह खेतीबाड़ी का काम करते हैं और साल 2012 में किम इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी और नैकटर कमर्शियल अस्टेट लिमिटेड कंपनी के लोगों ने उनको 6 साल में पैसे दोगुने करने के बारे में बताया, जिसके चलते उन्होंने और उनके बहुत से रिश्तेदारों ने इस कंपनी में 54 लाख 1500 रुपए और कुछ रिश्तेदारों ने 3 करोड़ 38 लाख 81 हज़ार 430 रुपए किश्तों में जमा करवा दिए।

इसी तरह गुरप्रीत कौर और उसके परिवार के साथ 4 लाख 70 हजार और उनके अन्य रिश्तेदारों ने 3 करोड़ 54 लाख 38 हज़ार 800 रुपए की ठगी। गांव कामराय के हरजिंदर सिंह जो कंप्यूटर का काम करता है, जिसके साथ 3 लाख 20 हजार रुपए और उनके जानकारों ने 47 लाख 62 हज़ार 300 रुपए की ठगी। गांव कामराय के ही रणजीत सिंह जो मेहनत मजदूरी करता है उसके व उनके परिवार के साथ 3 लाख 51 हजर और उसके जानकारों के साथ 35 लाख 68 हजार 400 रुपए की ठगी।

बेगोवाल की कमला पवार जो घरेलू औरत है उसके साथ 1 लाख 40 हजार रुपए और उसके जानकारों के साथ 2 करोड़ 48 लाख 750 रुपए की ठगी, गांव कामराय के ही कुलदीप सिंह को पूर्व सैनिक है उनके व उनके परिवार के साथ 4 लाख 44 हजार और उनके जानकारों के साथ 30 लाख 90 हजार की ठगी, बेगोवाल के सुखविंदर सिंह जो खेतीबाड़ी का काम करते हैं, उसके व उसके रिश्तेदारों के साथ 40 लाख 2 हजार और उनके जानकारों के साथ 2 करोड़ 79 लाख 50 हजार रुपए की ठगी और फैक्ट्री एरिया कपूरथला की बलविंदर कौर जो घरेलू औरत है, उससे और उसके रिश्तेदारों से 5 लाख 41 हजार 700 रुपए और उनके जानकारी के साथ 58 लाख 42 हज़ार 840 रुपए की ठगी की, ये सब कुल मिलाकर 14 करोड़ 57 लाख 59 हज़ार 720 रुपए बनते हैं, जिसको उक्त आरोपियों ने अंजाम दिया।

इन 14 आरोपियाें ने की करोड़ों रुपए की ठगी
आरोपी नंबर वन कंपनी मालिक रविंदर सिंह सिद्धू निवासी अमृतसर और एसएएस नगर, कंपनी एमडी संजीव सिकन्दर निवासी अमृतसर, डायरेक्टर जगमोहन निवासी जनकपुरी न्यू दिल्ली, डायरेक्टर पलविंदर सिंह निवासी अमृतसर, डायरेक्टर गगनदीप सिंह निवासी अमृतसर, डायरेक्टर मुख्तियार सिंह निवासी अमृतसर, डायरेक्टर खजान सिंह निवासी अमृतसर, डायरेक्टर उमेश्वर निवासी राजिंदरा पैलेस न्यू दिल्ली, लेखराज निवासी राजिंदरा पैलेस न्यू दिल्ली, डायरेक्टर केके दत्ता निवासी राजिंदरा पैलेस न्यू दिल्ली, डायरेक्टर गुरदीप सिंह निवासी अमृतसर, केजेएस बल निवासी एसएएस नगर, क्लर्क अरुण कुमार निवासी राजिंदरा पैलेस न्यू दिल्ली और प्रोमोटिंग डायरेक्टर रतन पाल निवासी गुरदासपुर के खिलाफ धारा 406, 420 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया। इतना ही नहीं, आरोपियों के खिलाफ पंजाब में अन्य भी कुछ थानों में इन्ही धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

पंजाब में मुठभेड़:तरनतारन के घर में 5 हथियारबंद संदिग्ध छिपे थे; एनकाउंटर के दौरान 2 ने जहर खाया, एक मारा गया

 


अमृतसर।
 पंजाब के सीमांत जिले तरनतारन में सोमवार सुबह अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस ने एक अपराधी को मार गिराया जबकि दो को पकड़ लिया। पकड़े जाने के थोड़ी देर बाद दोनों अपराधियों के मुंह से झाग निकलने लगा और उनकी मौत हो गई। आशंका है कि पकड़े जाने के डर से दोनों ने जहर खा लिया होगा। उधर, अन्य दो अपराधी कस्बा पट्‌टी स्थित माही पैलेस के पीछे बने एक घर में छिपे हुए हैं। रुक-रुककर अपराधियों की ओर से फायरिंग की जा रही है। पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की जा रही है।

फिलहाल, अपराधियों के संबंध में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। पांचों कहां से आए थे, कौन हैं और कहां के रहनेवाले हैं, किस तरह की वारदात को अंजाम देने के लिए हथियार लेकर पहुंचे थे। पुलिस मामले को आतंकी हमले की साजिश से भी जोड़कर जांच पड़ताल कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, सुबह 11 बजे हथियार से लैस पांच अपराधी कस्बा पट्‌टी के माही पैलेस के पास देखे गए। इसकी सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के पहुंचने पर अपराधियों ने फायरिंग कर दी। इस दौरान पुलिस की फायरिंग में एक अपराधी मारा गया जबकि पुलिस ने दो को पकड़ लिया। वहीं दो अन्य अपराधी पैलेस के पीछे बने एक घर में घुस गए। इसके बाद वे अंदर से फायरिंग कर रहे हैं।

बीते दिनों पहले एक स्विफ्ट कार में सवार 3 लोगों ने एक और स्विफ्ट कार को लूटा। इसके बाद कभी बिना नंबर की तो कभी फर्जी नंबर प्लेट वाली स्विफ्ट कार सवार 5-5 लोगों ने 4 पेट्रोल पंप लूटे हैं। हो सकता है कि इन वारदातों को इन्होंने ही अंजाम दिया हो।

माही पैलेस में घुसे संदिग्धों पर फायरिंग के दौरान फोटो-वीडियो बनाते लोग।
माही पैलेस में घुसे संदिग्धों पर फायरिंग के दौरान फोटो-वीडियो बनाते लोग।

इसलिए है आतंकी होने की आशंका
गौरतलब है कि 16 अक्टूबर 2020 को पट्‌टी में शौर्य चक्र अवार्डी बलविंदर सिंह संधू की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दो मुख्य आरोपी गुरजीत और सुखजीत सिंह को आतंकी गतिविधियों में संलिप्त जम्मू-कश्मीर के तीन लोगों के साथ दिल्ली पुलिस ने 9 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इन सभी को तरनतारन जिले की पुलिस कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है। बीते दिनों पट्‌टी कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया गया था। इसके बाद इन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया जाना था।

उधर, माही पैलेस में आज जो मुठभेड़ की घटना सामने आई है, वह कोर्ट से सिर्फ डेढ़ किलोमीटर के करीब ही दूर है। ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये जरूर साथी आतंकियों को छुड़वाने के लिए आए होंगे। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

जज्बे को कीजिए सलाम:जीरो विजिबिलिटी; फिर भी 125 किमी का सफर 100 मिनट में तय किया और कोरोना संक्रमित की जान बचाई


लुधियाना। 
खाकी वर्दी वालों के जज्बे को सलाम कीजिए, जिन्होंने जीरो विजिबिलिटी होने पर भी सड़क के रास्ते कोरोना संक्रमित को मोहाली पहुंचाया और उसकी जिंदगी बचाई। पंजाब के लुधियाना जिले में यह वाकया सामने आया, जिसके बाद जिला पुलिस की जमकर तारीफ हो रही है।

33 साल के मनप्रीत सिंह को लुधियाना पुलिस ने घनी धुंध के बावजूद सड़के के रास्ते लुधियाना से मोहाली सिर्फ 100 मिनट में पहुंचाया गया, जहां से मनप्रीत को एयर एंबुलेंस के जरिए मुंबई ले जाया गया। वहां मनप्रीत के फेफड़ों का ट्रांसप्लांट हुआ और उनकी जिंदगी बच गई। मनप्रीत कोरोना संक्रमित थे।

                                 लुधियाना पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल 

80 प्रतिशत डैमेज हो चुका था फेफड़ा

पेशे से इंजीनियर मनप्रीत का फेफड़ा कोरोना के कारण 80 प्रतिशत डैमेज हो चुका था। वे वेंटीलेटर पर थे और डॉक्टरों ने जान बचाने के लिए ट्रांसप्लांट ही एक तरीका बताया था। लुधियाना में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी, इसलिए परिजनों ने मुंबई के अस्पताल से संपर्क किया। सारी बात होने के बाद मुंबई जाना था।

इसके लिए मनप्रीत के परिवार ने एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की, लेकिन खराब मौसम और घनी धुंध के कारण एयर एंबुलेंस को हलवारा एयरबेस पर उतारना जोखिम भरा था। इसलिए एयर एंबुलेंस को मोहाली में उतारने का फैसला लिया गया। लेकिन बड़ा जोखिम था, वेंटीलेटर पर मनप्रीत को मोहाली तक पहुंचाने का।

एंबुलेंस को पुलिस पायलेट ने मोहाली तक किया एस्कार्ट

पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस ने आइसीयू लैस एंबुलेंस के आगे पुलिस फोर्स समेत पायलेट जिप्सी लगाने के आदेश दिए। जिसके बाद 125 किलोमीटर का सफर महज 100 मिनट में तय किया। विभाग ने इंसानियत का धर्म निभायाइस संबंध में पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने कहा कि इंसानियत का धर्म निभाते हुए विभाग की ओर से पीडि़त परिवार की मदद के लिए कदम उठाए गए।

इसके लिए खन्ना, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला व मोहाली जिले की पुलिस को अलर्ट करके रास्ता साफ कराने के लिए मदद ली गई, ताकि मरीज को समय पर मोहाली एयरबेस तक पहुंचाया जा सके। अपनी तरह के पहले आपरेशन में उनकी फोर्स ने जीरो बिजिबिलिटी में सफलता पूर्वक अपने कार्य को अंजाम तक पहुंचाया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

धुंध के चलते लुधियाना से मोहाली पहुंचने में लगता तीन घंटे का समय

लुधियाना से मोहाली पहुंचने में तीन घंटे का समय लगता, क्योंकि घनी धुंध भी थी। इतने समय में मनप्रीत की हालत बिगड़ सकती थी। इसलिए मनप्रीत के परिवार वाले पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल से मिले और उनसे मदद मांगी। मामला जानने के बाद पुलिस कमिश्नर एक्शन में आए।

उन्होंने ICU की सुविधाओं से लैस एंबुलेंस के आगे पुलिस फोर्स की और पायलट जिप्सी लगाने के आदेश दिए। इसके बाद 125 किलोमीटर का सफर महज 100 मिनट में तय किया गया। इसके लिए खन्ना, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला व मोहाली जिले की पुलिस को अलर्ट करके रास्ता साफ कराने में मदद ली गई।

इस तरह मनप्रीत को समय पर मोहाली एयरबेस पहुंचाया गया। जहां से उसे मुंबई ले जाकर उसका ट्रांसप्लांट कराया गया। इस मदद के लिए मनप्रीत के परिजन लुधियाना पुलिस के शुक्रगुजार हैं। वहीं कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने भी अपनी पूरी टीम को पीठ थपथपाकर बधाई दी, उनका हौंसला बढ़ाया।

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