Friday, June 25, 2010

बरसात ने दी जानलेवा गर्मी से राहत

बठिंडा। वीरवार की देर सांय हुई बरसात ने जहां जानलेवा गर्मी से लोगों की राहत पहुंचाई वही शहर के कई हिस्सों में पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रात दस बजे के  करीब तेज आंधी के साथ शुरू हुई बरसात तीन घंटे तक चली जिससे शहर के कई हिस्सों में जलभराव रहा। इसमें प्रमुख तौर पर वीर कालोनी, पावर हाऊस रोड, माल रोड, गुरु नानक पुरा, पुराना थाना में पानी भरने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। बरसात से बेशक धान की खेती को फायदा हुआ लेकिन खेतों में तैयार होकर खड़ी नरमे की फसल को नुकसान झेलना पड़ा। जिले की विभिन्न मंडियों में अधिकतर नरमा तैयार होकर पहुंच चुका है जिसमें बरसात होने से मंडी में खुले आसमान में पडे़ नुकसान को भी नुकसान हुआ है। दूसरी तरफ 47 डिग्री तक पहुंच चुके  दिन का तापमान शुक्रञ्वार को 40 डिग्री तक पहुंच गया है। 

स्वयं-रोजगार सिखलाई कैंप का विधिवत समापन किया


बठिंडा। डायमण्ड वेलफेयर सोसायटी की तरफ से सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित 21 दिवसीय निशुल्क स्वयं रोजगार सिखलाई कैंप का विधिवत समांपन किया गया। इस अवसर पर जीत पैलेस में एक रंगारंग सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न स्कूलों व कालेजों की लड़कियों के इलावा कैंप में शामिल छात्रों ने विभिन्न गीतों पर डांस पेश किया। इस दौरान लड़कियों की तरफ से हाथों से तैयार की गई वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई। संस्था की प्रमुख वीणू गोयल ने बताया कि 21 दिवसीय कैंप के दौरान औरतों व लडकियों को सिलाई, कढाई, हैंड वर्क , गिफ्ट मेकिंग, ब्यूटिशन, पेटिंग, डेकोरेशन मटीरियल, महेंदी, टाई-डाई आदि की विशेष सिखलाई दी गई। कैंप का मुख्य मकसद लड़कियों को अपने पैरों पर खडे़ करने के साथ उन्हें आर्थिक तौर पर सक्षम बनाना है। इस मौके पर महेंदी लगाओ व दुल्हन सजाओं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान मंचन संचालन की जिम्मेदारी एमके मन्ना ने बाखूबी निभाई। शिरोमणि अकाली दल के  हल्का इंचार्ज सरूप सिंगला की अध्यक्षता में आयोजित कैंप को सफल बनाने में सोनू, राकेश नरुला, परमजीत देवता ने योगदान दिया।

तेज आंधी से गिरे पेड़ों ने रोका नहर का बहाव, 80 फुट की दरार


-एक हजार एकड़ जमीन में फैला तीन से चार फुट का पानी
-किसानों की कई एकड़ खड़ी फसल हुई खराब, दरार भरने में नहीं मिली सफलता
बठिंडा। जिले में वीरवार की रात हुई तेज बरसात से भुच्चो मंडी के नजदीक स्थित दौलतपुरा पुल के नजदीक नहर में दरार पड़ गई जिससे एक हजार एकड़ में चार ड्डुञ्ट तक पानी भर गया। इसमें लगभग चार सौ एकड़ में खड़ी धान व नरमे की फसल खराब हो गई। जिला प्रशासन और नहरी विभाग के अधिकारी नहर में पड़ी दरार को भरने के लिए प्रयास कर रहे थे लेकिन इसमें सात घंटे बाद भी सफलता नहीं मिल सकी थी। जानकारी अनुसार वीरवार की रात दस बजे के करीब तेज बरसात और आंधी चली, जो लगभग तीन घंटे तक जारी रही। इस दौरान रात के करीब 12 बजे दौलतपुरा के नजदीक नहर पर बनी पुली पर आसपास के पेड़ गिर गए। जिससे नहर का पानी रुक गया। 

देखते ही देखते कुछ समय बाद नहर में 80 फुट की दरार पड़ गई व पानी आसपास के क्षेत्र में फैलना शुरू हो गया। इसकी जानकारी गांव के किसानों को सुबह चार बजे के करीब उस समय मिली जब प्रतिदिन की तरह खेतों में फसल देखने के लिए गए। इन चार घंटों के दौरान गांव गिल गोशल, चक्क बख्तू और दौलतपुरा के खेतों में साढे़ तीन से चार फुट तक पानी भर गया जबकि नहर से पानी का तेज बहाव जारी था। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचित किया गया वही नहर में दरार पड़ने की सूचना गांव के किसानों को गुरुद्वारा साहिब के लाऊड स्पीकर से दी गई। इसके बाज किसानों ने दरार को भरने का काम शुरू कर दिया। पानी का तेज बहाव होने के साथ किसानों के पास समुचित साधनों के अभाव में दरार भरने में सफलता नहीं मिल सकी। शुक्रवार की दोपहर बाद नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन गांववासी ही नहरी पानी को रोकने का प्रयास करते रहे। गांव दौलतपुरा के किसान बलवंत सिंह ने बताया कि उसके 15 एकड़ खेती वाली जमीन की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। वही प्रीतम सिंह की 15 एकड़, नछत्तर सिंह की पांच एकड़, बहादर सिंह की 15 एकड़, जसवंत सिंह की 12 एकड़ धान व नरमा की फसल पानी में डूबने से खराब हो गई है। 

नहरी विभाग के जेई हरभजन सिंह का कहना है कि नहर में पड़ी दरार को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें अभी 24 घंटे तक का समय ओर लग सकता है। दूसरी तरफ गांववासियों ने बताया कि नहरी विभाग की लापरवाही के चलते पिछले साल भी इसी नहर में दरार पड़ी थी। किसान बहादुर सिंह का कहना है कि नहरी पानी के साथ खेतों में रेत वाली मिट्टी दो फुट तक भर जाती है जिसे साफ करने के बाद ही अगली फसल लगाई जा सकती है। इसमें एक एकड़ में 25 हजार रुपये तक का अतिरिक्त खर्च उन्हें वहन करना पडे़गा। उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार से दरार के कारण हुए नुकसान की एवज में किसानों को कम से कम 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दे।

शराब के ठेके को लेकर महिलाओं का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी

-प्रशासन को पहले दिया था अल्टीमेंट, कार्रवाई न होने पर लगातार चल रहा धरना 
बठिंडा। बुधवार की देर रात बठिंडा के निकटवर्ती गांव चुघ्घे कलां में शराब के  ठेके  को बंद करने की मांग को लेकर सैकड़ों महिलाओं का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। इसमें हैरानी वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता इनके समर्थन में उतर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन इसमें किसी तरह की कार्रवाई करने से कतरा रहा है। इसमें प्रशासन जहां आबकारी विभाग पर जिम्मेवारी डाल रहा है वही आबकारी विभाग इसमें किसी तरह की कार्रवाई करने में असमर्थता जाहिर कर रहा है। महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए ठेकेदार ठेका बंद कर दो दिन पहले ही फरार हो गया था जबकि प्रदर्शनकारी ठेके को स्थायी तौर पर वहां से हटाएं बिना वहां से हटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को इस बाबत वह पहले भी ठेके को हटाने की मांग कर चुके हैं लेकिन इसमें किसी तरह की कार्रवाई न होता देख उन्हें मजबूरी में प्रदर्शन करना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार गांव चुघ्घे कलां में गांव के मध्य बने शराब के ठेके को लेकर गांव की पंचायत ने जिला प्रशासन को एक मांगपत्र डीसी बठिंडा को दिया था। इसमें प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि शराब के ठेके को हटाने के लिए आबकारी विभाग को लिखा जाएगा व लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगी। इसमें एक सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी ठेके को नहीं हटाया गया है। इससे आक्रोशित सौ के करीब गांव की महिलाओं ने बुधवार की देर रात विरोध का बिगुल बजा दिया। गांव वासी रंजीत कौर, कर्मजीत कौर, अमरजीत कौर, स्वर्णजीत कौर, हरदीप कौर का कहना है कि शराब का ठेका गांव के मध्य में बनाया गया हैं जिससे ठेके के आसपास से महिलाओं व बच्चों का गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। शराब के नशे में धुत शराबी आने-जाने वाली महिलाओं से छेड़खानी करते हैं वही विरोध करने पर झगड़ा करने लगते हैं। यही नहीं शराब का ठेका नजदीक होने के कारण उनके घरों के पुरुष व बच्चे भी शराब पीने लगे हैं। उन्होंने अपना धरना तब तक जारी रखने को कहा जब तक प्रशासन ठेके को वहां से हटाने का फरमान जारी नहीं करता है।


देर से ही सही पत्रकारों ने नई पहल तो की


हरिदत्त जोशी
लंबे समय से बठिंडा जिले के पत्रकारों को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे  लेकिन इसमें हर बार असफलता ही हाथ लग रही थी। इसका विपरित प्रभाव यह पड़ रहा था कि पत्रकारों में एकता न होने से उनकी मांगों व समस्याओं को लेकर सरकार के साथ प्रशासन हमेशा से निरसता ही दिखाता रहा। यह बात अलग है कि जिले के पत्रकारों ने किसी भी पत्रकार बंधु पर आई बड़ी समस्या का एकजुटता दिखाकर हल निकाला है व एकता का परिचय दिया लेकिन यह सिलसिला ज्यादा लंबा नहीं चल सका। हाल में एक समाचार काफी सुखद रहा जिसमें जिला बठिंडा के पत्रकारों की एक प्रेस क्लब गठित हो गई है। इस लब के गठन की खास बात यह रही है कि इसका प्रधान एक ऐसे व्यक्ति को बनाया गया है जो काफी सूझवान तो है वही सभी सामाचार पत्रों के प्रतिनिधियों में मान्य व सम्मानिय है। अंग्रेजी अखबार ट्रिब्यून के विशेष प्रतिनिधि एसपी शर्मा को बठिंडा प्रेस क्लब का प्रधान बनाया गया है। उनके नेतृत्व में प्रेस क्लब निरंतर आगे बढे़गा व पत्रकारों के हितों के साथ पत्रकारिता के मूल्य की रक्षा करेगा ऐसा मैं उम्मीद करता हूं। मैं बठिंडा के उन सभी पत्रकार बंधुओं से भी निवेदन करना चाहूंगा जो अब तक अह की झूठी जंग लड़ते रहे हैं व हमेशा प्रेस क्लब को गठन होने में रुकावट पैदा करते रहे हैं व इस सर्वमान्य नेतृत्व को अपना सहयोग देंगे। मैं उन सभी लोगों की भरसक सराहना करता हूं जिन्होंने बठिंडा प्रेस क्लब के गठन में अपना योगदान दिया व सर्वसम्मति बनाने के लिए माहौल तैयार किया है। बठिंडा में प्रेस क्लब बनाने की मांग आज की नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से चल रही थी। ऐसा नहीं है कि यहां प्रेस क्लब का गठन नहीं हुआ बल्कि कई बार प्रेस प्रतिनिधि एक मंच पर इकट्ठा हुए लेकिन सिनियर, जूनियर या फिर नए पुराने के चक्कर में इस क्लब को उसके असल मुकाम तक पहुंचाने में सफल नहीं हो सके। मुझे याद है कि कुछ साल पहले प्रेस क्लब का गठन करने के लिए वरिष्ठ पत्रकार रणधीर सिंह गिलपत्ती के नेतृत्व में प्रयास शुरू हुए थे। इसमें मेरे सभी पुराने सभी अखबार के साथियों ने पूरा सहयोग भी दिया, इसमें क्लब के संविधान से लेकर नए गठन को लेकर सहमति बन गई लेकिन एकाएक अह की जंग ने इस प्रयास को पूरा नहीं होने दिया। इसके बाद भी एक नहीं कई बार इस तरह के प्रयास होते रहे हैं लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगी। इस प्रयास में मैं बठिंडा की फोटोग्राफर एसोसिएशन की सराहना करना चाहूंगा जो पिछले दो साल से अधिक समय से सफलतापूर्वक काम कर रही है। उन्होंने हर कदम पर हर चुनौती का सामना करते हुए फोटोग्राफरों की समस्याओं को हल करवाया है व अपनी नई पहचान बनाई है। इस प्रयास का नतीजा ही है कि पत्रकार समूह के पत्रकारों ने बठिंडा प्रेस क्लब का गठन किया है। एक बार फिर से सभी पत्रकारों और प्रेस क्लब का नेतृत्व करने वाले पदाधिकारियों को मेरी शुभकामनाएं। हम उम्मीद कर सकते हैं कि यह संगठन एक नई किरण और उम्मीद पत्रकारिता के क्षेत्र में जगाने में सफल होगा। 

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