-एक हजार एकड़ जमीन में फैला तीन से चार फुट का पानी
-किसानों की कई एकड़ खड़ी फसल हुई खराब, दरार भरने में नहीं मिली सफलता
बठिंडा। जिले में वीरवार की रात हुई तेज बरसात से भुच्चो मंडी के नजदीक स्थित दौलतपुरा पुल के नजदीक नहर में दरार पड़ गई जिससे एक हजार एकड़ में चार ड्डुञ्ट तक पानी भर गया। इसमें लगभग चार सौ एकड़ में खड़ी धान व नरमे की फसल खराब हो गई। जिला प्रशासन और नहरी विभाग के अधिकारी नहर में पड़ी दरार को भरने के लिए प्रयास कर रहे थे लेकिन इसमें सात घंटे बाद भी सफलता नहीं मिल सकी थी। जानकारी अनुसार वीरवार की रात दस बजे के करीब तेज बरसात और आंधी चली, जो लगभग तीन घंटे तक जारी रही। इस दौरान रात के करीब 12 बजे दौलतपुरा के नजदीक नहर पर बनी पुली पर आसपास के पेड़ गिर गए। जिससे नहर का पानी रुक गया।
देखते ही देखते कुछ समय बाद नहर में 80 फुट की दरार पड़ गई व पानी आसपास के क्षेत्र में फैलना शुरू हो गया। इसकी जानकारी गांव के किसानों को सुबह चार बजे के करीब उस समय मिली जब प्रतिदिन की तरह खेतों में फसल देखने के लिए गए। इन चार घंटों के दौरान गांव गिल गोशल, चक्क बख्तू और दौलतपुरा के खेतों में साढे़ तीन से चार फुट तक पानी भर गया जबकि नहर से पानी का तेज बहाव जारी था। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचित किया गया वही नहर में दरार पड़ने की सूचना गांव के किसानों को गुरुद्वारा साहिब के लाऊड स्पीकर से दी गई। इसके बाज किसानों ने दरार को भरने का काम शुरू कर दिया। पानी का तेज बहाव होने के साथ किसानों के पास समुचित साधनों के अभाव में दरार भरने में सफलता नहीं मिल सकी। शुक्रवार की दोपहर बाद नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन गांववासी ही नहरी पानी को रोकने का प्रयास करते रहे। गांव दौलतपुरा के किसान बलवंत सिंह ने बताया कि उसके 15 एकड़ खेती वाली जमीन की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। वही प्रीतम सिंह की 15 एकड़, नछत्तर सिंह की पांच एकड़, बहादर सिंह की 15 एकड़, जसवंत सिंह की 12 एकड़ धान व नरमा की फसल पानी में डूबने से खराब हो गई है।
नहरी विभाग के जेई हरभजन सिंह का कहना है कि नहर में पड़ी दरार को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें अभी 24 घंटे तक का समय ओर लग सकता है। दूसरी तरफ गांववासियों ने बताया कि नहरी विभाग की लापरवाही के चलते पिछले साल भी इसी नहर में दरार पड़ी थी। किसान बहादुर सिंह का कहना है कि नहरी पानी के साथ खेतों में रेत वाली मिट्टी दो फुट तक भर जाती है जिसे साफ करने के बाद ही अगली फसल लगाई जा सकती है। इसमें एक एकड़ में 25 हजार रुपये तक का अतिरिक्त खर्च उन्हें वहन करना पडे़गा। उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार से दरार के कारण हुए नुकसान की एवज में किसानों को कम से कम 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दे।
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