-प्रशासन को पहले दिया था अल्टीमेंट, कार्रवाई न होने पर लगातार चल रहा धरना
बठिंडा। बुधवार की देर रात बठिंडा के निकटवर्ती गांव चुघ्घे कलां में शराब के ठेके को बंद करने की मांग को लेकर सैकड़ों महिलाओं का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। इसमें हैरानी वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता इनके समर्थन में उतर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन इसमें किसी तरह की कार्रवाई करने से कतरा रहा है। इसमें प्रशासन जहां आबकारी विभाग पर जिम्मेवारी डाल रहा है वही आबकारी विभाग इसमें किसी तरह की कार्रवाई करने में असमर्थता जाहिर कर रहा है। महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए ठेकेदार ठेका बंद कर दो दिन पहले ही फरार हो गया था जबकि प्रदर्शनकारी ठेके को स्थायी तौर पर वहां से हटाएं बिना वहां से हटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को इस बाबत वह पहले भी ठेके को हटाने की मांग कर चुके हैं लेकिन इसमें किसी तरह की कार्रवाई न होता देख उन्हें मजबूरी में प्रदर्शन करना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार गांव चुघ्घे कलां में गांव के मध्य बने शराब के ठेके को लेकर गांव की पंचायत ने जिला प्रशासन को एक मांगपत्र डीसी बठिंडा को दिया था। इसमें प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि शराब के ठेके को हटाने के लिए आबकारी विभाग को लिखा जाएगा व लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगी। इसमें एक सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी ठेके को नहीं हटाया गया है। इससे आक्रोशित सौ के करीब गांव की महिलाओं ने बुधवार की देर रात विरोध का बिगुल बजा दिया। गांव वासी रंजीत कौर, कर्मजीत कौर, अमरजीत कौर, स्वर्णजीत कौर, हरदीप कौर का कहना है कि शराब का ठेका गांव के मध्य में बनाया गया हैं जिससे ठेके के आसपास से महिलाओं व बच्चों का गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। शराब के नशे में धुत शराबी आने-जाने वाली महिलाओं से छेड़खानी करते हैं वही विरोध करने पर झगड़ा करने लगते हैं। यही नहीं शराब का ठेका नजदीक होने के कारण उनके घरों के पुरुष व बच्चे भी शराब पीने लगे हैं। उन्होंने अपना धरना तब तक जारी रखने को कहा जब तक प्रशासन ठेके को वहां से हटाने का फरमान जारी नहीं करता है।
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