हरिदत्त जोशी
बठिंडा, 13 जुलाई :मेन परिंदा रोड बठिंडा वासी एक व्यक्ति ने राज्य के मुख्यमंत्री, डीजीपी व जिले के एसएसपी बठिंडा को शिकायत भेजकर जुझार सिंह नगर में पुस्तैनी जमीन में अवैध तौर पर कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने की मांग की थी।
मामले में पुलिस की तरफ से पुख्ता कारर्वाई नहीं करने के बाद मामला जिला अदालत में पहुंच गया जहां अदालत ने पुलिस को नोटिस जारी कर स्टे आर्डर जारी कर यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है। इसमें दूसरे पक्ष की तरफ से प्लाट में किसी भी तरह के निर्माण पर भी रोक लगाने के लिए कहा गया है। इस मामले में आरोप लगाया है कि थाना कैंट पुलिस की तरफ से मामले में कब्जा करने वाले लोगों के बयान पर झूठा मामला दर्ज किया है व इसमें एसएसपी बठिंडा की तरफ से जांच के आदेश देने के बावजूद किसी तरह की कानूनी कारर्वाई नहीं की जा रही है।
जिला अदालत में जज हरजोत सिंह गिल की अदालत में शिकायतकर्ता गुरसेवक सिंह वासी मेन परिंदा रोड बठिंडा की तरफ से एडवोकेट विक्कर सिंह अहलुवालिया ने शिकायत दी थी कि एक साजिश के तहत थाना कैट पुलिस को गुमराह कर झूठी शिकायत देकर जगसीर सिंह व परिजनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जगसीर सिंह व गुरसेवक सिंह का प्लाट 395 मरबा गज गली नंबर तीन जुझार सिंह नगर पति महिणा बठिंडा में स्थित है। यह प्लाट उनका पुस्तैनी है व इसमें परिवारिक कब्जा है। इसका बकायदा रैवन्यू रिकार्ड में भी लिखित है। इसमें गत 22 जून 2022 को प्लाट की दीवार पर लगा घर के पत्ते का बोर्ड किसी अज्ञात व्यक्तियों की तरफ से तोड़कर खुर्दबुर्द कर दिया गया।
व इसमें अपनी फ्लैक्स लगा दी जिसमें कहा गया है कि इस प्लाट पर बैंक का लोन है व इसे खरीद विक्री नहीं कर सकते हैं। इसके नीचे एक मोबाइल नंबर भी लिखा गया है। मोबाइल फोन पर संपर्क करने पर उन्हें धमकिया दी जा रही है। प्लाट में करीब पांच लोगों ने दीवार गिरा दी है व कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। इस संबंध में गुरसेवक सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना भी दी है।
वही उसके पिता जगसीर सिंह व छोटे भाई के नाम पर उक्त प्लाट है। उक्त दोनों जब प्लाट में पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामले की जानकारी वकील बिक्कर सिंह अहलुवालिया के माध्यम से एसएसपी बठिंडा को संपर्क किया व लिखित शिकायत देकर मामले की निष्पक्ष जांच करवाने व उनके जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने की मांग की थी। इस मामले में एसएसपी की तरफ से जांच के आदेश जारी करने के बावजूद प्लाट में निर्माण व कब्जा करने का काम जारी रहा व थाना कैंट पुलिस की तरफ से इसमें जांच करने व कब्जाधारकों को हटाने की कोशिश नहीं की जा रही थी। इसके बाद मामला अदालत में दायर कर इंसाफ की गुहार लगाई गई। जिला अदालत ने एडवोकट विक्कर सिंह अहलुवालिया की दलील सुनने के बाद मामले में स्टे आर्ड जारी कर यथा स्थिति बनाने के निर्देश दिए व अगली सुनवाई के लिए पुलिस को दूसरे पक्ष को नोटिस जारी किया गया है।