Monday, May 31, 2021

देह व्यापार के मामले में रिंग रोड स्थित एक होटल पर छापा-14 गिरफ्तार- पुलिस ने ग्राहक बनकर की पहले रैकी


बठिंडा।
असमाजिक तत्वों के विरुद्ध चलाई मुहिम के तहत जिला पुलिस ने रिंग रोड स्थित एक होटल पर छापामारी कर दूसरे दिन देह व्यापार के एक बड़े अड्डे का पर्दाफाश कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया। 

सीआईए-2 के प्रभारी जसवीर सिंह औलख ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि रिंग रोड स्थित स्टार होटल में देह व्यापार का अड्डा चल रहा है। उन्होंने बताया कि थानेदार गुरमीत सिंह टीम के साथ चैकिंग कर रहे थे तभी उन्हें कुछ लोगों के इस होटल में आने जाने का पता चला। 

गुप्त तौर पर देखा गया कि वहां देह व्यापार का अड्डा चल रहा था, उन्होंने इसकी सूचना सीआईए-2 के प्रभारी को दी। उन्होंने बताया कि आई.जी. व एस.एस.पी. बठिंडा के निर्देश अनुसार पुलिस अपराधिक गतिविधियों पर नजर रखे हुए है जिसके चलते उन्होंने एक पुलिस कर्मी को 1000 रुपए देकर व ग्राहक के तौर पर वहां भेजा तो सभी कमरों में देह व्यापार चल रहा था। पुलिस ने छापामारी कर वहां से 6 जौड़ों को मौके से गिरफ्तार किया जबकि एक अन्य व्यक्ति जो इंतजार में था उसे भी गिरफ्तार कर लिया। होटल मालिक हरदीप सिंह जो स्वयं मैनेजर भी था उसकी जेब से निशान लगे नोट भी बरामद किए गए। पुलिस ने होटल मालिक सहित 14 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर थाना कैनाल में जिस्मफरोशी का मामला दर्ज किया।

बठिंडा गुरुद्वारा साहिब बीड़ तलाब में विवादित अरदास मामले, भाजपा नेता सुखपाल सरां भी नामजद


बठिंडा।
बीती 19 मई को गुरुद्वारा साहिब बीड़ तलाब में डेरा सच्चा सौदा के संत गुरमीत राम रहीम के हक में ग्रंथी गुरमेल सिंह की तरफ से की गई अरदास मामले में सोमवार को भाजपा के प्रदेश महासचिव सुखपाल सिंह सरां को भी बठिंडा पुलिस ने नामजद कर लिया है। पुलिस ने सुखपाल सरां पर 120बी की आईपसी की धारा के तहत नामजद किया है। गौर होकि गंथी गुरमेल सिंह ने यह अरदास की थी। इसके बाद एडवेाकेट हरपाल सिंह खारा की शिकायत पर थाना सदर बठिंडा पुलिस ने आरोपित ग्रंथी पर 20 मई को आईपीसी की धारा 295ए के तहत मामल दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था और उसे जेल भेज दिया था। इसके बाद मामले की जांच पड़ताल करने के बाद डीडीआर नंबर 14 के तहत सोमवार को भाजपा नेता सुखपाल सरां को इस मामले में नामजद कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार एक वीडियो वायरल हुई है, जिसमें भाजपा नेता सुखपाल सरां ने एक साजिश के तहत ग्रंथी गुरमेल सिंह के साथ मिलकर जानबूझ कर यह अरदास की थी। जिसका मकसद लोगों को आपस में धर्म व जातपात के आधार पर लड़वा सके। जिसका सच पुलिस की तरफ से की गई जांच के बाद सामने आया है।

थाना नहियांवाला के अधीन आते एक गांव में युवती को कोल्ड ड्रिंक में नशे वाली चीज मिलाकर किया गैंगरेप


बठिंडा.
थाना नहियांवाला के अधीन आते एक गांव में तीन युवकों ने एक युवती को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ गैंगरेप किया और फरार हो गए। बेसुध लड़की किसी तरह अपने घर पहुंची और परिवार के लोगों को सारी घटना के बारे में बताया। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए पीिड़ता को पहले सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाकर उसका मेडिकल करवाया और मामले में आरोपी तीन युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए रेड शुरू कर दी है। पुलिस को दिए बयान में पीिड़ता ने बताया कि गत दिवस वह अपने गांव को जाने वाली सड़क पर खड़ी थी, इस दौरान उसके गांव का निवासी सोनू जो उसके पहले से जानता था, उसे घर छोड़ने की बात कहकर बाइक पर बिठा ले गया। आरोपी उसे घर छोड़ने की जगह उसे एक एजेंसी में ले गया। जहां पहले से मौजूद सोनू का साथी मंगा और एक अन्य युवक मौजूद थे। यहां आरोपियों ने उसे कोल्ड ड्रिंक में कोई नशीली चीज मिलाकर पिला दी, इसके बाद आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले की जांच कर रही एसआई सुखवीर कौर ने बताया कि अारोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उनकी तलाश शुरू कर दी है।

 

कोरोना से 11 लोगों की मौत, नए मरीजों की तादाद में आने लगी कमी, 194 नए केस मिले को 449 लोग ठीक होकर घरों को लौटे


बठिंडा.
जिले में सोमवार को कोरोना संक्रमित 11 लोगों की मौत हो गई। मानवता की सेवा में समर्पित सहारा जनसेवा बठिंडा की कोरोना वारियर्स टीम ने मृतकों का अंतिम संस्कार किया। वही पिछले एक सप्ताह से जिले में कोरोना के नए मरीजों की तादाद में जहां कमी आई है वही ठीक होने वाले मरीजों की तादाद भी नए मरीजों के मुकाबले दोगुणा हुई है जो लोगों के लिए राहत की बात हो सकती है। जिले में सोमवार को मई माह के आखिरी दिन सबसे कम 194 संक्रमण मरीज मिले है, जबकि 449 मरीज स्वस्थ हुए है। वहीं सोमवार को 11 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इसके  साथ अब तक जिले में 896 मरीजों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। डीसी बी. श्रीनिवासन ने बताया कि जिले में अब तक कोविड-19 के तहत 328939 लोगों के सैंपल लिए जा चुके है, जिसमें 39020 पाजिटिव और 35324 मरीज ठीक हो चुके है। जिले में मौजूदा समय में 2800 मरीज एक्टिव है, जिसमें 2518 मरीज होम आइसोलेट है, जबकि 184 मरीज अनट्रेस है।

कोरोना मृतकों की सूचि

1. गुरशरण सिंह पुत्र भूरा सिंह वासी जजल जो गोल्ड मेडिका अस्पताल मे दाखिल था

2. जंजीर कौर पत्नी बलदेव सिंह 75 साल वासी जस्सी ब बागवाली जो आदेश मेडिकल  अस्पताल मे दाखिल थीं

3. बिंदु सेतिया पुत्री नारायण दास सेतिया 36 साल वासी बठिंडा जो नारायण अस्पताल में दाखिल थ

4. सुखविंदर कौर पत्नी जोगराज उम्र 65 साल वासी तलवंडी साबो जो आदेश मेडिकल कॉलेज में दाखिल थी

5 . शिववंती पत्नी केवल कृष्ण उम्र 61 साल वासी 100 फुटी रोड बठिंडा जो आदेश मेडिकल कॉलेज में दाखिल थी

6. लाभ सिंह पुत्र लिंकन सिंह  उम्र 75 साल वासी हमीरगढ़ जो फरीदकोट मेडिकल कॉलेज में दाखिल था

7. राजकुमार पुत्र प्यारे लाल  वासी बठिंडा जो फरीदकोट मेडिकल कॉलेज मे दाखिल था

8. सस्पेक्टेड सुरेश कुमार पुत्र सूरजनाथ पासी उम्र 50 साल वासी बठिंडा जो घर में ही एकांतवास था

9. दीवान सिंह पुत्र हाकम सिंह उम्र 82 साल  वासी हाजीरतन जो सिविल अस्पताल मे दाखिल था

10. सुरेन्द्र कौर पत्नी सिमरजीत सिंह उम्र 67 साल  वासी मेहराज जो अपेक्स अस्पताल रामपुरा मे दाखिल थी

11. गीता शर्मा पत्नी रूप चंद शर्मा वासी बठिंडा जो  एम एच क्रिटिकल केयर अस्पताल मे दाखिल थी



बठिंडा में हरे चारे का उचित भाव न मिलने पर सोमवार सुबह किसान खरीददारों के खिलाफ भड़के, तीन दिन में 250 रुपये प्रति क्विंटल गिरे चारे के दाम, किसानों ने जताया विरोध


बठिडा: हरे चारे का उचित भाव न मिलने पर सोमवार सुबह किसान खरीददारों के खिलाफ भड़क उठे। अपने हरे चारे की भरी हुई ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ अनाज मंडी में इकट्ठे हुए किसानों ने प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार, जिला प्रशासन और खरीददारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही घोषणा की कि मंगलवार से पांच दिन तक चारा मंडी में हरा चारा (मक्की) नहीं लाएंगे। साथ ही अगर इन पांच दिन में कोई किसान चारा लेकर आया तो उसे 10 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा। बाहरी जिलों से भी चारा नहीं लाने दिया जाएगा।

भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रधान हरप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह नेहियांवाला, गुरदीप सिंह महमा सरजा, गुरप्रीत सिंह कोठे फूला सिंह वाले, जगरूप सिंह, जसवंत सिंह, गुरप्रीत सिंह जस्सी, मलकीत सिंह, गुरप्रीत सिंह जय सिंहवाला आदि किसानों ने कहा कि बीते शनिवार को मंडी में उनका चारा 350 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से बिका था। वहीं रविवार को खरीददारों ने चारा 200 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से खरीदा, जबकि सोमवार को 100 रुपये प्रति क्विटल के रेट पर आ गए।


चारा खरीदने वाले सभी खरीददार एकजुट होकर 100 रुपये प्रति क्विटल से अधिक रेट न देने पर अड़ गए। जिस पर किसानों ने भी इस रेट पर चारा बेचने से साफ मना कर दिया। किसानों ने बताया कि यह चारा टाल वाले और गोशालाओं वाले खरीदते हैं। एक तरफ गोशालाओं और टाल वाले खुद 500 से लेकर 600 रुपये तक के भाव पर चारा बेचते हैं, जबकि उन्हें उचित भाव नहीं दे रहे। एक किसान का पूरा परिवार लगकर फसल की कटाई करता है। इसकी पैदावार पर डीजल व खादों पर खर्च करता है। धर्म कांटे पर तुलाई भी खुद को देनी पड़ती है। चारा मंडी में दो खरीददार मिलकर ट्राली खरीदते हैं और अलग-अलग स्थानों पर उतरवाते हैं। किसानों को खुद ही अलग-अलग स्थानों पर यह चारा उतारना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि गोशालाओं वाले पुण्य के नाम पर उनकी लूट करते हैं, लेकिन यह लूट अब बर्दाश्त नहीं होगी। पांच दिन तक वह हड़ताल रखेंगे। अगर फिर भी उन्हें उचित रेट नहीं मिला तो कड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से खरीददारों की ओर से आगे चारा बेचने के रेट की भी पड़ताल करने की मांग की। किसानों ने हरे चारे (मक्क, मक्की) का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग की।

फोटो सहित-बीटीडी-7, 8-चारे की बोली लगाते किसान वही दाम बढ़ने के चलते विरोध प्रदर्शन करते पशु पालक। फोटो-सुनील 


पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में 'राष्ट्रीय सुरक्षा, मानवाधिकार, महाराणा प्रताप एवं गीता' विषय पर ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन


- इस कार्यक्रम में देश भर के प्रशंसित शिक्षाविदों और विद्वानों ने भाग लिया

बठिंडा: पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) में 30 मई, 2021 को 'राष्ट्रीय सुरक्षा, मानवाधिकार, महाराणा प्रताप एवं गीता' के विषय पर एक ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में दौरान प्रख्यात शिक्षाविदों ने संगोष्ठी के विषय पर प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। इस अवसर पर भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत (बीपीएसएमवी, सोनीपत) की कुलपति प्रो. सुषमा यादव मुख्य अतिथि के रूप में, महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा (एमजीएएचवी, वर्धा) के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल सारस्वत अतिथि के रूप में और डॉ. राजेंद्र पेंसिया (आईएएस) विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम सम्मिलित हुए। वहीँ, भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान, दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष श्री राम कृष्ण गोस्वामी ने इस कार्यक्रम का प्रास्ताविक एवं बीज वक्तव्य दिया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष श्री राम कृष्ण गोस्वामी के बीज वक्तव्य के साथ हुई। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री राम कृष्ण ने 'राष्ट्रीय सुरक्षा' और 'मानवाधिकार' की अवधारणा पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि 'श्रीमद्भगवदगीता' ने हमें धर्म के मार्ग पर चलना, आत्म-साक्षात्कार के लिए ध्यान करना और अनुशासित जीवन जीना सिखाया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पवित्र ग्रंथ गीता की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, महाराणा प्रताप ने अपने राज्य को अकबर के अत्याचारों से बचाया और मानव अधिकारों को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हमें बड़े उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किसी भी नीति को बनाते समय 'सभी के लिए न्याय' सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अपने विचार प्रस्तुत करते हुए उन्होंने विनम्रतापूर्वक कहा कि मानवाधिकार केवल उनके लिए होना चाहिए जो एक दूसरे का सम्मान करते हैं और मानवता के मार्ग पर चलते हैं।


कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि प्रो. रजनीश शुक्ल, कुलपति, एमजीएएचवी, वर्धा ने कहा कि जब भी धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष होता है तो राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों का प्रश्न,  प्रचलित परिदृश्य में चर्चा के लिए बहुत उपयुक्त हो जाता है। इन मुद्दों को हल करने के लिए हमें श्रीमद्भगवदगीता का मार्गदर्शन लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा हमारे प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों जैसे सत्य, स्नेह, दया, बलिदान आदि में निहित है। इन सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करके राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों को सुनिश्चित किया जा सकता है। प्रो. शुक्ल ने कहा कि लोग महाराणा प्रताप को उनके राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए हमेशा याद रखेंगे।


विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेंद्र पेंसिया (आईएएस) ने कहा कि महाराणा प्रताप की बहादुरी की कहानी दुनिया में कई लोगों के लिए अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरणा का एक प्रमुख स्रोत बन गई है। उन्होंने साझा किया कि महाराणा प्रताप ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के जीवन से सबक लेने और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करने की जरूरत है।


कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, प्रो. सुषमा यादव, कुलपति, बीपीएसएमवी, सोनीपत ने अपने व्याख्यान के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संदर्भ में 'धर्म और कर्म' के सिद्धांत, 'मानवाधिकार' और 'देशभक्ति' की व्यापक अवधारणा पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने रेखांकित किया कि गीता, रामायण, ऋग्वेद और अन्य पवित्र शास्त्रों ने हमेँ एक अच्छे इंसान के गुणों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान किया है, जिनका पालन करके सभी के बुनियादी मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चेतना देशभक्ति के आधार के रूप में कार्य करती है। इसी राष्ट्रीय चेतना और देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत होकर महाराणा प्रताप के नेतृत्व में उनकी सेना के प्रत्येक सैनिक ने हल्दीघाटी की लड़ाई (1576) और देवर की लड़ाई (1582) एक योद्धा की तरह लड़ी। उन्होंने कहा कि मातृभूमि और मानवता की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप की नि:स्वार्थ सेवा हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी।


अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि भारत की मूल शक्ति इसकी 'विविधता में एकता' और संतों, दस गुरुओं एवं समाज सुधारकों द्वारा प्रदान की गई 'पारंपरिक ज्ञान प्रणाली' में निहित है जिसने हमें विश्व बंधुत्व, वसुधैव कुटुम्बकम् और सर्वे भवन्तु सुखिनः के सूत्र दिए हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि हमारी सांस्कृतिक परंपराओं, सभ्यता और प्राचीन शास्त्रों ने हमें एक-दूसरे के अधिकारों का गरिमामय ढंग से सम्मान करना और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना सिखाया है। वर्तमान संदर्भ में महाराणा प्रताप के मिशन को पूरा करने के लिए, प्रो. तिवारी ने युवा पीढ़ी से जीवन के विभिन्न पहलुओं में भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपरा के बारे में जागरूक होने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार सुनिश्चित करने के लिए मातृभूमि के लिए प्यार और सम्मान आवश्यक है, और 'भगवत गीता' निस्संदेह राज धर्म और नागरिक धर्म का स्रोत है।


कार्यक्रम का संचालन डॉ. बावा सिंह, विभागाध्यक्ष, दक्षिण और मध्य एशियाई अध्ययन विभाग, द्वारा किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन प्रभारी अकादमिक प्रो. आर.के. वुसिरिका ने स्वागत भाषण दिया। इसके बाद, डॉ. राजेंद्र कुमार सेन ने कार्यक्रम के आमंत्रित वक्ताओं का परिचय कराया। अंत में, डीन छात्र कल्याण प्रो. वी.के. गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया। पंजाब, मध्य प्रदेश, मिजोरम, उड़ीसा और देश के अन्य राज्यों के शिक्षक, छात्र और समाज सुधारक भी आभासी पटल के माध्यम से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

हिदायतों की अवहेलना करने पर ग्लोबल अस्पताल पाया गया आरोपी 1 जून से 31 जुलाई तक कोविड के नए मरीजों को दाखिल करने पर लगी रोक

 

-पहले से दाखिल मरीजों का अस्पताल प्रबंधन की तरफ से पहले की तरह किया जा सकेगा इलाज  

बठिंडा: डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने जारी आदेश में शहर के निजी ग्लोबल अस्पताल को कोरोना सम्बन्धित जारी हिदायतों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। इस अस्पताल की तरफ से लेबल 3 के मरीजों सम्बन्धित 7 बैंडों के लिए इंमपैंनलड होने के बावजूद 33 मरीजों को दाख़िल किया गया था। जारी आदेश अनुसार सिविल सर्जन बठिंडा की तरफ से मामले में की गई पड़ताल के दौरान मौके पर मिली कमियों को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल अस्पताल को 1 जून 2021 से 31 जुलाई 2021 तक कोविड -19 के नए मरीजों को दाखिल करने पर मुकम्मल तौर पर रोक लगाई गई है। यहां उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि इस अस्पताल में अब तक दाखिल मरीजों का अस्पताल प्रबंधन की तरफ से पहले की तरह ही इलाज किया जा सकेगा।

सिविल सर्जन की तरफ से प्राईवेट अस्पतालों द्वारा करोना प्रभावित मरीजों के पास से आ रही ओवर चार्जिंग की शिकायतों का रिव्यू करते हुए ग्लोबल हस्पताल में कुछ कमियों होने के बारे में डिप्टी कमिश्नर दफ़्तर को रिपोर्ट दी गई थी। इसके उपरांत सिविल सर्जन की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए दफ़्तर डिप्टी कमिश्नर की तरफ से मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्लोबल हैल्थ केयर अस्पताल, बठिंडा को शो-काज नोटिस जारी किया गया था। जिस उपरांत सिविल सर्जन, बठिंडा को ग्लोबल अस्पताल के आधिकारियों की तरफ से दिए गए जवाब को जांच पड़ताल कर रिपोर्ट करने की हिदायत की गई थी।

इस उपरांत सिविल सर्जन की तरफ से दी गई पड़ताल रिपोर्ट अनुसार ग्लोबल अस्पताल की तरफ से 18 मई 2021 की चैकिंग उपरांत कोविड ऐप्रोप्रीएट बेहेवियर और सोशल डिस्टैसिंग के नियमों की पालना की जा रही है और रेट भी डिस्पले कर दिए गए हैं भाव उनकी तरफ से पहले इन नियमों की पालना नहीं की जा रही थी और रेट भी डिस्पले नहीं किए गए थे। इसके अलावा ग्लोबल अस्पताल की तरफ से उनके हस्पताल को लेबल 3 के मरीजों सम्बन्धित 7 बैंडों के लिए इंमपैंनलड होने के बावजूद 33 मरीजों को दाखिल किया गया था। इस सम्बन्धित सिविल सर्जन की तरफ से उक्त अस्पताल को करोना सम्बन्धित जारी हिदायतों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। हुक्मों का उल्लंघन करने की सूरत में डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 की धारा 51 से 60 और इंडियन पैनल कोड की धारा 188 अधीन कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।

यहां बताते चले कि सेहत विभाग की तरफ से पिछले दिनों शहर के चार प्राइवेट अस्पतालों की जांच की गई थी। इन अस्पतालों में ग्लोबल अस्पताल, मैक्स अस्पताल, दिल्ली हार्ट व एमजी अस्पताल शामिल था। इन अस्पतालों के खिलाफ मरीजों से ओवरचार्जिंग करने, सरकार की तरफ से तय रेट की लिस्ट डिस्पले नहीं करने, क्षमता से ज्यादा मरीजों को दाखिल करने जैसे शिकायतों की जांच की गई थी। सेहत विभाग व जिला प्रशासन की तरफ से एमजी अस्पताल में रुटीन जांच की बात कही थी जबकि अन्य दूसरे बड़े अस्पतालों के खिलाफ अभी कारर्वाई पेंडिग पड़ी है।


ਹਦਾਇਤਾਂ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕਰਨ ਤੇ ਗਲੋਬਲ ਹਸਪਤਾਲ ਪਾਇਆ ਗਿਆ ਦੋਸ਼ੀ, 1 ਜੂਨ ਤੋਂ 31 ਜੁਲਾਈ ਤੱਕ ਕੋਵਿਡ ਦੇ ਨਵੇਂ ਮਰੀਜਾਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲ ਕਰਨ ਤੇ ਮੁਕੰਮਲ ਰੋਕ : ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ


             ਦਾਖਲ ਮਰੀਜਾਂ ਦਾ ਹਸਪਤਾਲ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਵੱਲੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇਗਾ ਇਲਾਜ
ਬਠਿੰਡਾ : ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਸ਼੍ਰੀ ਬੀ.ਸ਼੍ਰੀਨਿਵਾਸਨ ਨੇ ਜਾਰੀ ਹੁਕਮਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਇਥੋਂ ਦੇ ਨਿੱਜੀ ਗਲੋਬਲ ਹਸਪਤਾਲ ਨੂੰ ਕਰੋਨਾ ਸਬੰਧੀ ਜਾਰੀ ਹਦਾਇਤਾਂ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕਰਨ ਤੇ ਦੋਸ਼ੀ ਪਾਇਆ ਗਿਆ। ਇਸ ਹਸਪਤਾਲ ਵਲੋਂ ਲੈਵਲ 3 ਦੇ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਸਬੰਧੀ 7 ਬੈੱਡਾਂ ਲਈ ਇੰਮਪੈਂਨਲਡ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ 33 ਮਰੀਜਾਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ।    ਜਾਰੀ ਹੁਕਮਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ ਬਠਿੰਡਾ ਵਲੋਂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਪੜ੍ਹਤਾਲ ਦੌਰਾਨ ਪਾਈਆਂ ਗਈਆਂ ਕਮੀਆਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਦੇ ਹੋਏ ਗਲੋਬਲ ਹਸਪਤਾਲ ਨੂੰ 1 ਜੂਨ 2021 ਤੋਂ 31 ਜੁਲਾਈ 2021 ਤੱਕ ਕੋਵਿਡ-19 ਦੇ ਨਵੇਂ ਮਰੀਜਾਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲ ਕਰਨ ਤੇ ਮੁਕੰਮਲ ਰੋਕ ਲਗਾਈ ਗਈ ਹੈ। ਇੱਥੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕੀਤਾ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਹਸਪਤਾਲ ਵਿੱਚ ਹੁਣ ਤੱਕ ਦਾਖਲ ਮਰੀਜਾਂ ਦਾ ਹਸਪਤਾਲ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਵੱਲੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਇਲਾਜ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇਗਾ।

          ਜਾਰੀ ਹੁਕਮਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ ਵਲੋ ਪ੍ਰਾਈਵੇਟ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਦੁਆਰਾ ਕਰੋਨਾ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਮਰੀਜਾਂ ਕੋਲੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਓਵਰ ਚਾਰਜਿੰਗ ਨੂੰ ਰੀਵਿਊ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਗਲੋਬਲ ਹਸਪਤਾਲ ਵਿੱਚ ਕੁਝ ਕਮੀਆਂ ਹੋਣ ਬਾਰੇ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਦਫ਼ਤਰ ਨੂੰ ਰਿਪੋਰਟ ਕੀਤੀ ਸੀ। ਜਿਸ ਉਪਰੰਤ ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ ਦੀ ਰਿਪੋਰਟ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਰੱਖਦੇ ਹੋਏ ਦਫ਼ਤਰ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਵਲੋਂ ਮੈਨੇਜਿੰਗ ਡਾਇਰੈਕਟਰ, ਗਲੋਬਲ ਹੈਲਥ ਕੇਅਰ ਹਸਪਤਾਲ, ਬਠਿੰਡਾ ਨੂੰ ਸ਼ੋ-ਕਾਜ ਨੋਟਿਸ ਜਾਰੀ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ। ਜਿਸ ਉਪਰੰਤ ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ, ਬਠਿੰਡਾ ਨੂੰ ਗਲੋਬਲ ਹਸਪਤਾਲ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਜਵਾਬ ਨੂੰ ਘੋਖ ਕੇ ਰਿਪੋਰਟ ਕਰਨ ਦੀ ਹਦਾਇਤ ਕੀਤੀ ਗਈ।

          ਇਸ ਉਪਰੰਤ ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ ਵਲੋਂ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਪੜ੍ਹਤਾਲ ਰਿਪੋਰਟ ਅਨੁਸਾਰ ਗਲੋਬਲ ਹਸਪਤਾਲ ਵਲੋਂ 18 ਮਈ 2021 ਦੀ ਚੈਕਿੰਗ ਉਪਰੰਤ ਕੋਵਿਡ ਐਪ੍ਰੋਪ੍ਰੀਏਟ ਬਿਹੇਵੀਅਰ ਤੇ ਸੋਸ਼ਲ ਡਿਸਟੈਸਿੰਗ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਤੇ ਰੇਟ ਵੀ ਡਿਸਪਲੇ ਕਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਹਨ ਭਾਵ ਉਹਨਾਂ ਵੱਲੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਸੀ ਤੇ ਰੇਟ ਵੀ ਡਿਸਪਲੇ ਨਹੀਂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਸਨ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਗਲੋਬਲ ਹਸਪਤਾਲ ਵਲੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹਸਪਤਾਲ ਨੂੰ ਲੈਵਲ 3 ਦੇ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਸਬੰਧੀ 7 ਬੈੱਡਾਂ ਲਈ ਇੰਮਪੈਂਨਲਡ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ 33 ਮਰੀਜਾਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ ਵਲੋਂ  ਉਕਤ ਹਸਪਤਾਲ ਕਰੋਨਾ ਸਬੰਧੀ ਜਾਰੀ ਹਦਾਇਤਾਂ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕਰਨ ਤੇ ਦੋਸ਼ੀ ਪਾਇਆ ਗਿਆ।

          ਹੁਕਮਾਂ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸੂਰਤ ਵਿੱਚ ਡਿਜ਼ਾਸਟਰ ਮੈਨੈਜ਼ਮੈਂਟ ਐਕਟ, 2005 ਦੀ ਧਾਰਾ 51 ਤੋਂ 60 ਅਤੇ ਇੰਡੀਅਨ ਪੈਨਲ ਕੋਡ ਦੀ ਧਾਰਾ 188 ਅਧੀਨ ਕਾਰਵਾਈ ਅਮਲ ਵਿੱਚ ਲਿਆਂਦੀ ਜਾਵੇਗੀ।



विश्व तम्बाकू निरोधक दिवस पर बालियावाली सिविल अस्पताल के समागम में माहिर बोले तम्बाकूनोशी के साथ कोविड 19 का प्रभाव हो सकता है गंभीर


बठिंडा:
पंजाब सरकार और सेहत विभाग पंजाब की हिदायतों पर सिविल सर्जन बठिंडा के दिशा निर्देशों पर सीनियर मेडीकल अफ़सर डा. अश्वनी कुमार की रहनुमाई में सिविल अस्पताल बालियावाली में ‘कुमिट टू कुइट ’ सलोगन के अंतर्गत विश्व तम्बाकू निरोधक दिवस मनाया गया। इस मौके डा. कमलजीत सिंह ने मौजूद मरीजों और उनके रिश्तेदारों को तम्बाकूनोशी के बुरे प्रभावों के बारे विस्तार सहित जानकारी दी।

डा. अश्वनी कुमार सीनियर मैडीकल अफसर बालियावाली ने बताया कि तम्बाकूनोशी व्यक्ति के फेफड़ों, दिल और शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाता है, जिसके साथ कोवड 19 का प्रभाव ज़्यादा गंभीर हो सकता है। उन्होंने कहा कि हुक्के की सामुहिक प्रयोग के साथ भी कोविड फैलने का ख़तरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि पंजाब देश का पहला ऐसा सूबा है जिसने ई सिगरेट पर सबसे पहले रोक लगाई है। इसके साथ ही जर्दा, गुटखा, खैनी और पान मसाले के साथ मुंह का कैंसर होने का ख़तरा काफी ज्यादा हो जाता है।  

लखविन्दर सिंह कैंथ और जगतार सिंह बीईओ ने तबाकूनोशी की कानूनी पक्ष से जानकारी देते कहा कि तम्बाकू कंट्रोल एक्ट के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पब्लिक जगह जैसे पार्क, सिनेमा घर, होटल, बस, रेल गाड़ी आदि में खुले आम सिगरेटनोशी नहीं कर सकता क्योंकि इसके साथ बैठे व्यक्ति सिगरेट के धुए के साथ पैसिव समोकर बनते हैं। इसका उलंघण करने पर दो सौ रुपए तक का चालान काटा जा सकता है। इसी तरह शैक्षिक संस्थायों के सौ मीटर के घेरे में तम्बाकू पदार्थ बेचने, 18 साल से कम नाबालिग को और 18 साल से कम नाबालिग की तरफ से तम्बाकू बेचे जाने पर भी जुर्माना और सजा का कानून है। इसी तरह खुली सिगरेट बेचने, इश्तहारबाजी करने, साईन बोर्ड का पालन न करने पर भी जुर्माना और सजा हो सकती है।

पवन कुमार एस.आई. ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने पुरे आत्मविश्वाश के साथ तम्बाकूनोशी छोड़ना चाह तो सहज ही छोड़ सकता है। उन्होंने माँ बाप से अपील करते कहा कि उन्हें अपने किशोर बच्चों का ध्यान व निगरानी रखनी चाहिए जिससे वह तम्बाकू जैसी बुरी बीमारी से बच सकें। साधू राम एस.आई. ने मौके पर मौजूद आम जनता और सेहत स्टाफ सदस्यों को तम्बाकूनोशी न करने और इसको रोकने के उपराले करने की शपथ दिलाई। इस मौके गुरमीत कौर एल.एच.वी., जसविन्दरपाल कौर ए.एन.एम., अवतार सिंह सेहत कर्मी और आशा वर्कर मौजूद थे। 

पंजाब में होटल इंडस्ट्री नहीं खोलने को लेकर होटल एसो. ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जताया रोष, प्रधान सतीश अरोड़ा ने कहा सरकार इंडस्ट्री को बचाने के लिए उठाए सार्थक कदम वर्ना होगा आंदोलन


बठिंडा.
होटल एसोसिएशन ने शुरू किए गए मिशन रोजी रोटी संघर्ष के तहत रविवार को रोष रैली करके केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष जताया। हाथ में अनेक तरह के स्लोगन लिखी तख्तियां उठाकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं एक सप्ताह का अल्टीमेटम पूरा होने पर 1 जून से पूर्ण तौर पर होटल इंडस्ट्री खोलने का एलान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात पर टिप्पणी करते हुए प्रधान सतीश अरोड़ा ने कहा कि वे 7 साल से मन की बात सुन रहे हैं, पिछले टर्न ओवर में 274 बार और आज 77वीं बार मन की बात सुनी, लेकिन अब प्रधानमंत्री को उनके भी मन की बात सुननी चाहिए। फ्रांस दौरे में प्रधानमंत्री ने भारत की टूरिज्म इंडस्ट्री को नंबर वन बनाने का दावा किया था।

उस वक्त देश की टूरिज्म 5वें स्थान पर था, लेकिन अब बंदी की कगार पर है। अकेले होटल इंडस्ट्री ही जीएसटी व सीजीएसटी के रूप में 900 करोड़ हर महीने जमा करवाती है। अगर सरकार सिर्फ 1 महीने की राशि का ही फायदा दे तो दम तोड़ती इंडस्ट्री के लिए बड़ी राहत होती। सतीश अरोड़ा ने कहा कि लॉकडाउन में टूरिज्म व होटल इंडस्ट्रीज के साथ बैठकर टूरिज्म फ्रेंडली पॉलिसी बनानी चाहिए।


कोरोना काल में तंबाकू का सेवन हो सकता है ज्यादा घातक. छोड़ने के लिए सेहत केंद्र में करे संपर्क-सिविल सर्जन तेजवंत सिंह ढिल्लो


बठिंडा.
सेहत विभाग बठिंडा की तरफ से आज सिविल सर्जन बठिंडा डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों की देख रेख में दफ्तर सिविल सर्जन बठिंडा में विश्व तम्बाकू रहित दिवस मनाया गया। इस मौके सहायक सिविल सर्जन बठिंडा डा. अनुपमा शर्मा, जिला परिवार भलाई अफसर डा. गुरदीप सिंह, जिला सेहत अफसर डा. उषा गोयल, जिला मांस मीडिया अफसर जगतार सिंह बराड़, नोडल अफसर अर्बन डा. पामिल बांसल, जिला मलेरिया अफसर डा. सुमित जिन्दल और ए.आर.टी. सैंटर के एस.एम.ओ. डा. एच.एस. हेयर की तरफ से शिरक्त की गई। विश्व तम्बाकू दिवस के मौके पर सिविल सर्जन बठिंडा डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने कहा कि कोविड-19 दौरान तम्बाकू का सेवन हानिकारक है। उन्होंने कहा कि सिगरेटनोशी फेफड़े, दिल और शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाता है, और कोविड बीमारी के समय के दौरान तम्बाकू का प्रयोग ओर भी ज्याद गंभीर हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हुक्के आदि की समूह रूप में प्रयोग के साथ कोविड-19 ज़्यादा फैल सकता है। उन्होंने कहा कि सेहत, तम्बाकू, खैनी और पान मसाला आदि का प्रयोग करने वाले व्यक्ति बार-बार थूकने के आदी होते हैं जिस कारण कोविड 19 के फैलने का ख़तरा ओर भी अधिक जाता है। इसलिए इस महामारी के समय दौरान इन बातों का ध्यान रखा जाए और तम्बाकू का प्रयोग न किया जाए। उन्होंने कहा कि तम्बाकू छोड़ने के लिए अपने नजदीकी सेहत संस्था के साथ संपर्क किया जा सकता है। इस मौके जिला नोडल अफसर डा. अनुपमा शर्मा ने बताया कि इस साल का तम्बाकू का विषय कुमिट टू कूइट है, जिस का मतलब है छोड़ने के लिए वच्चनबद्ध होना। इस लिए जो व्यक्ति तम्बाकू का सेवन करता हैं उनको इस बुरी आदत से जल्दी छुटकारा पाने की ज़रूरत है जिससे हम अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें। यदि कोई भी व्यक्ति सिगरेट बीड़ी जैसी आदत को छोड़ना चाहता है तो दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ सिविल अस्पताल में माहिर डाक्टरों के साथ तालमेल करके सिगरेटनोशी से छुटकारा डाल सकता है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू का इलाज सरकारी अस्पताल में मुफ्त में किया जाता है।

फोटो सहित-बीटीडी-1,2-विश्व तंबाकू निरोधक दिवस पर आयोजित समागम में तंबाकू के खिलाफ मुहिम चलाने का संकल्प लेते सिविल अस्पताल के डाक्टर व कर्मी। 


आबादी के अनुसार गांव में 20 फीसदी कोरोना टेस्टिंग कर बठिंडा जिला रहा प्रदेश भर में अव्वल -डिप्टी कमिश्नर बी श्रीनिवासन

बठिंडा: डिप्टी कमिशनर श्री बी.श्रीनिवासन ने बताया कि सूबा सरकार की तरफ से करोना महामारी के साथ लड़ने के लिए शुरू की गई कोरोना गांव मुक्त अभियान मुहिम को जिले के गांवों में भारी समर्थन मिल रहा है। 30 मई तक जिले के 315 गांवों में से 108 गांवों में कोरोना के ख़ात्मे के लिए कोरोना टेस्टिंग कैंप लगाए जा चुके हैं। इन कैंपों में 19461 लोगों की कोरोना टेस्टिंग की गई जिसमें से 17907 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव और 970 केस पॉजिटिव मिले। इस दौरान गांवों के साथ सम्बन्धित 43 कोरोना प्रभावित व्यक्तियों की मौत हुई है।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि बठिंडा जिले की आबादी के हिसाब से गांवों में सबसे अधिक 20 प्रतिशत कोरोना टेस्टिंग करके प्रदेश भर में आगे रहा है। कोरोना गांव मुक्त अभियान के अंतर्गत सेहत विभाग की अलग-अलग टीमें की तरफ से ग्रामीण क्षेत्र के साथ सम्बन्धित 124062 घरों तक पहुंच कर 654835 लोगों की स्क्रीनिंग भी की गई और इस दौरान सिर्फ़ 5 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव दर पाई गई।

उन्होंने जिला निवासियों से अपील करते कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार की तरफ से जारी हिदायतों की पालना करे, यदि उनको खांसी, बुख़ार, जुकाम आदि लक्षण दिखाई देने तो वह तुरंत अपने टैस्ट करवाना लाजिमी बनाए जिससे महामारी को हराया जा सके। वही यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आता है तो उसको घबराने की नहीं बल्कि हौसलो के साथ इलाज की ज़रूरत है। इसके साथ जहाँ वह मूलभूत पड़ाव पर ही इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं, वहीं अपने परिवार और समाज को भी इस भयानक बीमारी से बचा सकेंगे। डीसी ने नौजवानों से अपील की कि वह कोरोना महामारी के ख़ात्मे के लिए कोरोना टीकाकरन और टेस्टिंग में अपना कीमती योगदान डाले। इस घड़ी में पूरा सहयोग दे जिससे हम मिल कर करोना पर फतेह हासिल कर सकें।



पूर्व केंद्रीय मंत्री के प्रयासों से 2 ऑक्सीजन प्लांट के लिए एमपी कोटे से डेढ़ करोड़ मंजूर, अकाली दल की लीडरशिप ने 2 ऑक्सीजन प्लांट लाने के लिए डिप्टी कमिशनर को सौंपा मंजूरी पत्र


-सिविल अस्पताल तलवंडी साबो और गोनियाना मंडी के अस्पताल में लगेंगे प्लांट: अकाली नेता 

बठिंडा. पूर्व विधायक व अकाली दल के हलका इंचार्ज सरुपचंद सिंगला ने कहा कि कोरोना महामारी के काले दौर में ऑक्सीजन की कमी के कारण कीमती जानें गई, पंजाब सरकार की तरफ से ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए, परंतु पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और शिरोमणी अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने इस संतट की घड़ी में लोगों के साथ खड़े होकर कोविड से लड़ने के लिए हर सुविधा प्रदान की। उन्होंने अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए बड़े यत्न किए और अब पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से जिला बठिंडा के दो सिविल अस्पतालों तलवंडी साबो और गोनियाना मंडी में दो ऑक्सीजन प्लांट लाने के लिए एमपी कोटे से डेढ़ करोड़ रुपए मंज़ूर किए हैं। दो ऑक्सीजन प्लांट लाने का मंजूरी पत्र आज शिरोमणी अकाली दल जिला बठिंडा की लीडरशिप की तरफ से डिप्टी कमिशनर बठिंडा बी श्रीनिवासन को सौंपा गया। शिरोमणी अकाली दल जिला बठिंडा के प्रधान बलकार सिंह बराड़, पूर्व विधायक और पार्टी के महासचिव सरूप चंद सिंगला, दर्शन सिंह कोटफत्ता पूर्व विधायक, जगसीर सिंह जग्गा कल्याण, हरपाल ढिल्लों और अवतार सिंह मैनूआणा की तरफ से आज सांझे तौर पर यह मंजूरी पत्र डिप्टी कमिशनर को सौंपा गया। इस मौके प्रैस बयान जारी करते हुए अकाली नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के प्रयासों की सराहना करते हुए उनका धन्यवाद किया और बताया कि सिविल अस्पताल तलवंडी साबो और गोनियाना मंडी के सिविल अस्पतालों में दो ऑक्सीजन के पक्के प्लांट मंजूर किए गए हैं। जिसके लिए 75 -75 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इन प्लांटों के स्थापित होने से ऑक्सीजन की समस्या दूर होगी।

फोटो - अकाली दल की लीडरशिप ने 2 ऑक्सीजन प्लांट लाने के लिए डिप्टी कमिशनर को सौंपा मंजूरी पत्र 


मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर भाजयुमो बठिंडा ने ब्लड बैंक में रक्तदान मुहिम की शुरूआत की, शहर के विभिन्न मंडलों में चलाए सेवा प्रोजेक्ट


बठिंडा.
देशहित के लिए कड़े फैसले लेने वाली केंद्र सरकार के 7 साल पूरे होने पर भाजपा की और से मनाए जा रहे सेवा ही संगठन मुहिम के तहत प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा व भानू प्रताप राणा के दिशा निर्देशों के तहत युवा मोर्चा की और से विभिन्न सेवा प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिलाध्यक्ष सन्दीप अग्रवाल की अगुवाई में युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव अशुतोष तिवाडी ने सोमवार को ब्लड बैंक में रक्तदान मुहिम शुरू की। इसमें युवा मोर्चा के सभी वर्करों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। युवा मोर्चा के महामंत्री गगन गोपालिया ने बताया कि भाजयुमो द्वारा रविवार को कांग्रेस के दबाव में पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद सोमवार को कार्यकर्ताओं ने ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान किया। सेवा ही संगठन के क्रम को आगे बढ़ाते हुए जिला सचिव सरीना गोयल द्वारा उड़िया कालोनी के घरों को सेनेटाइज किया गया। वही महामंत्री संजीव डगर ने बताया कि युवा मोर्चा की पूरी टीम द्वारा पूरे दिन सेवा करते हुए पूर्वी मण्डल प्रधान तुलसी कुमार की तरफ से 7 साल पूरे होने पर धोबियाना बस्ती में लड्डू बांटे गए।

 सेवा को समर्पित कार्यकर्ताओ का आभार जताते हुए सन्दीप अग्रवाल ने कहा कि युवा मोर्चा हमेशा संघर्षों व विरोध के बावजूद आगे बढ़ता रहा है व केंद्र की जन कल्याण नीतियों को  लोगों तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को विश्व स्तर पर आगे  बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मेहनत व लग्न से कार्य किए गए व सबका साथ सबका विकास नीति को लेकर देश हित मे बड़े फैंसले लिए। वही हर स्थिति से निपटने के लिए भारत को आंतरिक रूप से मजबूत किया। अग्रवाल ने कहा कि गरीब, किसान, व्यापारी हितैषी केंद्र सरकार द्वारा हर जन कल्याण की योजनाएं लागू की गई, और हर प्रदेश के लोगो की सेवा बिना भेदभाव की। कोरोना जैसी भयंकर बीमारी में अपने परिवारों को खो चुके बच्चो की आर्थिक सहायता के लिए केंद्र द्वारा पहलकदमी की गई, नौजवानों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्किल डिवेलपमेंट के कोर्सों से अनेक रोजगार पैदा हुए, जिसके चलते लोगो का  केन्द्र की सरकार में विश्वास बढ़ा। युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव आशुतोष तिवाडी ने कहा कि कांग्रेस की गुंडागर्दी के आगे भाजपा कभी नहीं झुकेगी व लोग आगामी विधानसभा में ऐसे गुंडों को मुंहतोड़ जबाब देगी। तिवाडी ने कहा  केंद्र सरकार द्वारा लिए गए जन हितैषी फैसलो से हर देश वासी खुश है । इस मौके पर भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गुलशन वधवा, कार्यकारिणी सदस्य प्रदीप कुमार, समाजसेवी परमवीर गोयल, भूषण जिंदल, हरबंस सिंह, गौरीश वधवा, अरमान व अन्य कार्यकर्ताओं ने सहयोग दिया।

फोटो सहित-बीटीडी-3,4-बठिंडा में ब्लड बैंक में रक्तदान करते भाजयुमों के वर्कर व पदाधिकारी। फोटो-सुनील 



बठिंडा एम्स ने ब्लैक फंगस के इलाज को बनाई टास्क फोर्स, चार मरीजों का इलाज शुरू किया


बठिंडा.
जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या जहां पहले से कम होने लगी है, वहीं ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या ने सरकार व सिस्टम की चिंता जरूर बढ़ा दी है। बठिंडा में ब्लैक फंगस के कुल 45 मरीजों में 25 मरीज जहां बठिंडा जिले से संबंधित हैं, वहीं 20 मरीज नजदीकी जिलों मानसा व मुक्तसर जिले से संबंधित हैं।

जिनमें अधिकांश का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है तथा इसमें 8 मरीजों की सर्जरी व इलाज हो चुका है, लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि इनके इलाज को सिविल अस्पताल सिस्टम को कोई विशेष गाइडलाइन जारी नहीं हुई हैं जिससे आगे क्या होग, कहना संभव नहीं है, लेकिन मरीजों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि एम्स ने ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर टॉस्क फोर्स का गठन कर दिया है जिसमें सीनियर डाक्टर्स के अलावा ईएनटी व अन्य टीम सदस्य शामिल हैं तथा अभी तक चार मरीजों को एम्स में इलाज शुरू किया गया है।

रविवार को जिले में हालांकि ब्लैक फंगस का कोई नया केस सामने नहीं आया है, लेकिन निजी अस्पताल के पोस्ट कोविड ओपीडी में ब्लैक फंगस के प्रतिदिन 1 से 2 नए मरीज चेकअप करवाने आ रहे हैं। पिछले दिनों ओपीडी में ब्लैक फंगस का संदिग्ध एक 4 वर्षीय बच्चा भी इलाज के लिए आया था। माहिर टीम द्वारा बच्चे के सैंपल लिए गए, जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर नार्मल ट्रीटमेंट देकर घर भेज दिया गया। फिलहाल बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।

दो मरीजों का दूरबीन के साथ किया आपरेशन, कोरोना संक्रमित भी थे मरीज

ब्लैक फंगस के उपचार एम्स अस्पताल के डायरेक्टर प्रो. डीके सिंह व मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. सतीश गुप्ता की देखरेख में इलाज संबंधी विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है। जिसमें ईएनटी विभाग के डा. वैभव सैनी की टीम शामिल है। डा. वैभव सैनी के अनुसार एम्स में ब्लैक फंगस के 4 मरीज दाखिल है। जिसमें एक मरीज पीजीआई चंडीगढ़ से रैफर होकर आया है। जबकि तीन मरीजों का इलाज जारी है। टीम द्वारा दो फंगस मरीजों का दूरबीन द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया, दोनों मरीजों का आंख व नाक पूरी तरह सुरक्षित है। दोनों मरीज ब्लैक फंगस के साथ कोरोना पॉजिटिव भी थे। वहीं एक मरीज का ऑपरेशन अभी पेंडिंग है। फिलहाल टास्क फोर्स टीम द्वारा मरीजों के इलाज में पूरा प्रयास किया जा रहा है।

डा. वैभव सैनी ने बताया कि ब्लैक फंगस ऐसा रोग है, जो कि कोरोना संक्रमितों को अत्यधिक स्टेरायड लेने के बाद पनप रहा है। कोरोना मरीजों के फेफड़ों में इंफ्लामेशन यानी सूजन को कम करने के लिए स्टेरायड दिया जाता है। स्टेरायड से ब्लैक फंगस की संभावना बढ़ जाती है। कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले स्टेरायड के कारण मरीज का शुगर लेवल बढ़ जाता है। ऐसे हालात में मरीज को आसानी से यह फंगस इंफेक्शन हो जाती है। ये संक्रमित व्यक्ति के दिमाग तक पहुंच जाता है जिससे मरीज की मौत हो जाती है।

ब्लैक फंगस के इलाज को दवाओं की कमी

ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग होने वाला (एम्फोटेरिसिन-बी) एम्फो-बी इंजेक्शन उपलब्ध न होने की वजह से मरीजों के परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ब्लैक फंगस मरीजों के इलाज में उपयोग होने वाली प्रमुख दवाइयों की कमी है, जिसके चलते समस्या आ रही है। इस संबंध में टीम अस्पताल प्रबंधन को अवगत करवा चुकी है। वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज में उपयोग होने वाली की डिमांड केंद्र सरकार, राज्य सरकार व जिला प्रशासन को भेजी गई है। पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध होने पर संपूर्ण इलाज संभव है।

इलाज को पहले 9 दिन बेहद महत्वपूर्ण

कोरोना संक्रमण के पहले 9 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते काले फंगस की चपेट में आ सकते हैं। माहिर डॉक्टर के अनुसार आंखों के साथ फंगस का उपचार नाक से फेफड़ों और मस्तिष्क के लिए बहुत खतरनाक होता है। कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक और एंटी फंगल दवाई दी जाती है। इनके लंबे समय तक इस्तेमाल से ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आने की संभावना बढ़ जाती है। अगर संक्रमण नाक के रास्ते से फेफड़ों और मस्तिष्क तक पहुंच जाता है तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।

25 हजार का इंजेक्शन, सरकार 6 हजार में दे रही

डाक्टर डा. ग्रेस ने बताया कि नाक, कान व गले के रोगों से पीड़ित होकर आने वाले मरीजों में प्राइमरी स्टेज पर ही म्यूकरमाइकोसिस ब्लैक फंगस के मरीज चिह्नित कर तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। अधिकतर मरीज मई माह में ब्लैक फंगस की पहचान करके सर्जरी की गई है। एंटी फंगल मेडिसिन के जरिए इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। ब्लैक फंगस के इलाज में जिला प्रशासन पूरा सहयोग रहा है, इलाज में उपयोग होने वाले कई इंजेक्शन 25 हजार रुपए का है, बाजार में उपलब्ध नहीं था, लेकिन प्रशासन द्वारा कंट्रोल रेट मात्र 6 हजार रुपए में इंजेक्शन उपलब्ध करवाया जा रहा है। वह एक माह में ब्लैक फंगस के प्राइमरी व गंभीर स्टेज के करीब 20 से 22 मरीजों का इलाज व ऑपरेशन कर चुकी हैं। 

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