Tuesday, December 1, 2020

पूरे देश को वैक्सीन नहीं लगेगी:ICMR ने कहा- कुछ लोगों को टीका लगाकर कोरोना रोक लिया तो पूरी आबादी के लिए वैक्सीनेशन जरूरी नहीं



ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीनेशन की सफलता वैक्सीन की इफेक्टिवनेस पर निर्भर करती है। हमारा मकसद कोरोना की ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है। अगर हम कुछ लोगों को वैक्सीन लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में सफल रहे तो शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत न पड़े।

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भी इस पर टिप्पणी की। कहा, ”मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है। यह जरूरी है कि ऐसी वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए।

भारत में कोरोना संक्रमण के मामले कम
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव (Secretary Health Ministry) राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज भी विश्व के बड़े देशों के मुकाबले भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मामले सबसे कम हैं. अनेक ऐसे देश हैं जहां पर भारत से प्रति दस लाख लोगों पर आठ गुना तक ज़्यादा मामले हैं. हमारी मृत्यु प्रति मिलियन दुनिया में सबसे कम है.’ राजेश भूषण ने कहा, ‘नवंबर महीने में प्रतिदिन औसतन 43,152 कोविड -19 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, प्रतिदिन कोरोना से ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 47,159 थी.’

पंजाब और हरियाणा में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना केस
इनमें सबसे बड़ी बात यह कही गई कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में एक बार दोबारा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर लगाएं. साथ ही दूरी का खयाल रखें और बार-बार हाथ धोएं. राजेश भूषण ने कहा, ‘क्लीनिकल ट्रायल मल्टी-सेंट्रिक और बहु-केंद्रित हैं. प्रत्येक साइट पर एक संस्थागत आचार समिति है, जो निर्माता या सरकार से स्वतंत्र है. किसी भी प्रतिकूल घटना के मामले में यह समिति भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल को अपनी रिपोर्ट देती है.

वैक्सीन के विपरीत प्रभाव की जांच DCGI करती है

सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन ”कोवीशील्ड” पर उठे विवाद पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपना रुख साफ कर दिया है। मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि इस तरह के मामलों की जांच ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) करती है। भूषण ने कहा, ”किसी भी वैक्सीन के ट्रायल से पहले वॉलंटियर की मंजूरी ली जाती है। उनसे फॉर्म भरवाया जाता है। जिसमें यह साफ लिखा होता है कि ट्रायल के दौरान कुछ विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। कैसे-कैसे प्रभाव पड़ेंगे, यह भी लिखा होता है। इसे देखने के बाद ही लोग ट्रायल की मंजूरी देते हैं।”

उन्होंने बताया कि ट्रायल के दौरान अस्पताल में एक एथिक्स कमेटी होती है, जो वैक्सीन के विपरीत प्रभाव पर नजर रखती है। अगर ऐसे किसी प्रभाव की जानकारी उसे होती है तो वह 30 दिनों के अंदर इसकी सूचना ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) को देती है। आगे DCGI ऐसे मामले की जांच करती है।

क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है?
वहीं, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि दवाई या वैक्सीन से बुरा प्रभाव पड़ता है. यह रेग्युलेटर की जिम्मेदारी है कि डाटा जुटा कर पता लगाए कि क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है.

 

वैक्सीन विवाद पर आगे क्या कहा मंत्रालय ने?
  • क्लीनिकल ट्रायल बहु केंद्रित होता है। मतलब इसके ट्रायल केवल एक जगह पर नहीं होते, बल्कि कई जगहों पर होते हैं।
  • ट्रायल के दौरान वैक्सीन के एडवर्स प्रभाव पर नजर रखने वाली एथिक्स टीम सरकार या किसी कंपनी की नहीं होती। ये उस अस्पताल की टीम होती है जहां ये ट्रायल चल रहा होता है।
  • ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीन के बुरे प्रभाव की जिम्मेदारी रेगुलेटर की होती है। वह इसका डाटा जुटा कर पता लगाए कि क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है। मतलब वैक्सीन और वॉलंटियर पर पड़ने वाले प्रभाव का कोई लिंक है?

बाल सुरक्षा आयोग के समक्ष पेश हुए बठिंडा पुलिस के प्रतिनिधि, कहा-सीएमओ रिपोर्ट दे तो आरोपी लोगों पर होगी पुलिस कारर्वाई



-आयोग ने पहले मामले में दो ब्लड बैंक कर्मियों पर कारर्वाई नहीं करने व 600 कीट गायब होने की जांच पूरी नहीं करने पर जताई है आपत्ति 

बठिंडा. बठिंडा के सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों व एक महिला को बिना जांच एचआईवी संक्रमित खून लगने के मामले में मंगलवार को पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग ने बठिंडा पुलिस के अधिकारियों को तलब किया था जिसमें थाना कोतवाली पुलिस के इंस्पेक्टर व प्रभारी दविंदर सिंह व सिविल अस्पताल चौकी इंचार्ज रमन कौर ने आयोग के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाएं। इसमें आयोग ने जिला पुलिस से पूछा कि उन्होंने अक्तूबर माह में 8 साल के बच्चे व महिला का संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में विभाग की तरफ से आरोपी बनाए गए तीन लोगों में से दो के खिलाफ आज तक किसी तरहकी कारर्वाई क्यों नहीं की है वही सिविल अस्पताल में पूर्व बीटीओ बलदेव सिंह रोमाणा की तरफ से जांच के दौरान 600 कीटों को बाहर से मंगवाकर स्टाक में रखने के मामले में आज तक जांच का दायरा क्यों नहीं बढाया गया व इसमें दोषियों की तलाश कर उनके खिलाफ कारर्वाई क्यों नहीं की गई। इन तमाम सवालों के जबाब में पुलिस ने तर्क दिया कि सिविल अस्पताल में अब तक चार थेलेसीमिया पीड़ित बच्चों व एक महिला को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला सामने आया है इसमें सिविल सर्जन व एसएमओ की तरफ से जिन मामलों में कारर्वाई रिपोर्ट पुलिस के पास पेश की गई व जिन लोगों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने के लिए कहा गया उसमें पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। ब्लड बैंक में तैनात बलदेव सिंह रोमाणा के अलावा अन्य दो अधिकारियों पर कानूनी कारर्वाई करने की रिपोर्ट सिविल अस्पताल प्रबंध उन्हें देगा तो पुलिस इसमें मामला जरूर दर्ज करेगी। वही पुलिस सिविल अस्पताल प्रबंधन ने दोनों मामलों की जांच रिपोर्ट मांगेगी व इसमें जांच कर बनती कारर्वाई की जाएगी। 26 नवंबर 2020 को पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग के चेयरमैन रजिंदर सिंह ने अपनी पड़तालियां रिपोर्ट में सिविल अस्पताल के अधिकारियों व ब्ल़ड बैंक में तैनात कर्मियों की लापरवाही को उजागर किया था व इसमें अधिकारियों को ताड़ना कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट 20 दिनों में देने के लिए कहा था। इसमें आयोग के समक्ष सिविल अस्पताल प्रबंधन ने 17 दिसंबर तक दोनों पक्षों में रिपोर्ट तैयार करने के साथ इसमें दोषी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कारर्वाई करनी है। इसी कड़ी में गत दिनों सिविल सर्जन अमरिंक सिंह सिद्धू ने भी सिविल अस्पताल ब्लड बैंक का दौरा कर वहां रिकार्ड की जांच की थी। वही ब्लड बैंक में अतिरिक्त कर्मी की तैनाती करने के साथ सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए है। इससे पहले लगातार आ रहे लापरवाही के मामलों को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरों को भी ब्लड बैंक की लुकेशन में लगाया जा चुका है। 

इसी तरह विश्व एड्स दिवस पर पंजाब एड़स कंट्रोल सोसायटी के अधीन काम कर रहे कर्मियों ने मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन कर जहां वेतन बढ़ोतरी की मांग रखी वही बठिंडा में चार टेक्निसियनों पर विभागीय कारर्वाई करने का मुद्दा उठाया। इसमें टैक्नीसियनों ने 7 नवंबर को सिविल अस्पताल में एक 14 साल के बच्चे को संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में निष्पक्ष जांच करवाने व उनका पक्ष रखने की मांग भी रखी। सेहत मंत्री ने कर्मियों को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में रिपोर्ट तलब कर जरूरत पड़ने पर मामले की फिर से जांच करवाने की हिदायत देंगे। 

बठिंडा के एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क ने कहा कि बाल सुरक्षा आयोग ने पुलिस से सिविल अस्पताल में संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले की रिपोर्ट मांगी थी इसमें उनके दो अधिकारी आयोग के समक्ष पेश हुओ है व उन्होंने आयोग की तरफ से जताई आपत्ति पर अपना जबाव दायर किया है। इसमें ब्लड बैंक कर्मियों पर कारर्वाई व ब्लड टेस्टिंग कीट बाहर से मांगवाने सहित कुछ सवालों के जबाव में पुलिस ने सिविल अस्पताल प्रबंधन से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है ताकि अगली बनती कारर्वाई को अमल में लाया जा सके। 


Bathinda-ऑनलाइन बुकिंग:31 दिसंबर के बाद बिना हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे वाहनों के होंगे चालान इधर, ऑनलाइन बुकिंग कराने पर आवेदकों को मिल रही जनवरी की तारीख

 


बठिंडा। पंजाब भर में ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से सभी तरह के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना 31 दिसंबर तक अनिवार्य कर दिया गया है। पहली जनवरी से जिन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी होगी उनके चालान किए जाएंगे। परंतु आवेदकों की ओर से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करने पर जनवरी की तारीख आ रही है। इससे आवेदकों में भी डर का माहौल है कि अगर

जनवरी में हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाई जाएंगी तो 31 दिसंबर के बाद चालान का सिस्टम शुरू हो जाएगा तथा ऐसे में नंबर प्लेट की बुकिंग रसीद भी काम नहीं आएगी। बतां दे कि स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अमरपाल सिंह की ओर से दो महीने पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि तय किए गए समय के बाद समय नहीं बढ़ाया जाएगा और चालान के दौरान नंबर प्लेट की बुकिंग रसीद भी नहीं मानी जाएगी।

जिले में 10 सेंटरों पर लगती है प्लेट

जानकारी के मुताबिक जिले भर में 13 लाख से अधिक पुराने वाहन हैं। 24 मई से 30 नवंबर तक एचएसआरपी की ओर से पौने दो लाख हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जा चुकी हैं। जिले भर में 10 के करीब सेंटर हैं जहां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जाती हैं। इसमें चार लुधियाना में और बाकि जगराओं, समराला, खन्ना व रायकोट में है।

समय से पहले बनाई जा रही प्लेट्स
एचएसआरपी के स्टेट हेड अर्जुन ने बताया कि उनकी ओर से इंप्लाइज की कमी नहीं है। 50 से अधिक होम फिटमेंट के लिए मुलाजिम और 70 से अधिक इंप्लाइज सेंटरों में काम कर रहे हैं। आवेदक को जो समय नंबर प्लेट लगाने के लिए दिया जाता है उससे पहले ही प्लेट तैयार कर दी जाती है। परंतु आवेदक समय पर नहीं आ रहे हैं।


LIVE: सरकार की ओर से राजनाथ करेंगे बातचीत की अगुवाई, तीन बजे होगी किसान भवन में बैठक वही किसान नेता ने न्योते पर उठाए सवाल

 केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। सरकार ने किसानों को आज 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। इस न्योते पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग चल रही है।

सरकार से बातचीत से पहले दिल्ली-UP बॉर्डर पर किसानों का गुस्सा देखा गया। गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड हटाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया।

किसानों से मुलाकात से पहले मंत्री करेंगे मंथन
किसानों से बातचीत से पहले सरकार के मंत्री एक अलग मीटिंग करेंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर थोड़ी देर में यह मीटिंग शुरू होगी। बताया जा रहा है इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। शाह ने आज BSF राइजिंग डे इवेंट में जाने का शेड्यूल भी टाल दिया है। इसकी वजह एक अहम ऑफिशियल काम होना बताई गई है।

हरियाणा से लगे दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर को पुलिस ने आज लगातार दूसरे दिन बंद कर रखा है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि दिल्ली से हरियाणा आवाजाही के लिए झारोदा, धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी NH-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर से मूवमेंट कर सकते हैं। ये बॉर्डर खुले हुए हैं। बदोसराय और झटीकरा बॉर्डर से सिर्फ टू-व्हीलर की आवाजाही की इजाजत है।

सरकार ने 32 किसान संगठनों के नेताओं को बुलाया
किसानों से 3 दिसंबर को बातचीत करने पर अड़ी सरकार ने सोमवार को जिद छोड़ दी और 1 दिसंबर यानी आज दोपहर 3 बजे 32 किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें वार्ता में शामिल होने का न्योता दिया गया है।

केंद्र के तीनों नए कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब में तो प्रदर्शन पहले से चल रहा था, लेकिन 6 दिन पहले पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया। पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया। सरकार ने किसानों से कहा कि वे प्रदर्शन खत्म कर बुराड़ी आ जाएं तो बातचीत पहले भी हो सकती है।

गृह मंत्री-कृषि मंत्री ने 24 घंटे में 2 बार मीटिंग की
किसानों ने सरकार की शर्त नहीं मानी, बल्कि रविवार को कहा कि अब दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करेंगे। किसानों ने कहा कि वे 4 महीने का राशन-पानी साथ लेकर आए हैं। इसके बाद सरकार में बैठकों का दौर शुरू हुआ। रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। सोमवार को फिर मीटिंग हुई। गृह मंत्री के घर हुई बैठक में कृषि मंत्री और भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।

सरकार ने कहा- कोरोना, सर्दी की वजह से जल्द बातचीत
सोमवार की बैठक के बीच ऐसे संकेत मिल रहे थे कि सरकार किसानों को बिना शर्त बातचीत का न्योता भेज सकती है। हुआ भी वही, देर रात सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया। हालांकि, कृषि मंत्री ने जल्द वार्ता के लिए तैयार होने की वजह बढ़ता कोरोना संक्रमण और सर्दी को बताया।

अपडेट्स

  • पंजाब किसान संघर्ष समिति के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से ज्यादा संगठन हैं। सरकार ने सिर्फ 32 समूहों को बुलाया है। जब तक सभी संगठनों को नहीं बुलाया जाता, हम बातचीत में शामिल नहीं होंगे।
  • हरियाणा की 130 खाप पंचायतें आज किसान आंदोलन में शामिल होंगी। उधर, पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है।
  • दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी सोमवार को किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर 2 दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।
  • 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर हुए हंगामे को लेकर अलीपुर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर तंज कसा है कि अन्नदाता सड़कों पर धरना दे रहे हैं और झूठ टीवी पर भाषण। किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है।

32 साल बाद दिल्ली के दरवाजे पर ऐसा संघर्ष
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां पर जुटे थे।

सोमवार की फोटो सिंघु बॉर्डर पर जमा किसानों की है।
सोमवार की फोटो सिंघु बॉर्डर पर जमा किसानों की है।

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