चंडीगढ़। पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर कांग्रेस हाईकमान एक बार फिर से पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू को मुख्यधारा में लाना चाहती है। इसके लिए सिद्धू और कैप्टन के बीच के मतभेद खत्म कराने की कोशिश की जा रही है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए लंच डिप्लोमेसी का दांव खेला गया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू को बुधवार को लंच पर बुलाया है।
कैप्टन के सिसवां फार्म हाउस में यह लंच होगा। इस मुलाकात में पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू के भविष्य पर फैसला हो सकता है। पार्टी में सिद्धू की सक्रियता और उनकी भूमिका को लेकर बातचीत हो सकती है। बता दें कि कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद और पिछले चार महीने में कैप्टन और सिद्धू की यह दूसरी मुलाकात होगी। इससे पहले 25 नवंबर को भी दोनों ने लंच पर मुलाकात की थी।
हरीश रावत में तैयार की मुलाकात की रूपरेखा
इस दूसरी मुलाकात की रूपरेखा पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने तैयार की है। हरीश रावत हाल ही में पंजाब दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने राज्य में कांग्रेस नेताओं की नब्ज टटोली थी। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नेताओं के आपसी मतभेद खत्म करने के लिए योजना बनाई।
इसके लिए हरीश रावत ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उस मुलाकात में हरीश रावत और अमरिंदर सिंह के बीच नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। लेकिन हरीश रावत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू के साथ चाय पर चर्चा की थी और इन दोनों चर्चाओं का नतीजा है कैप्टन और सिद्धू की होने जा रही दूसरी मुलाकात।
नाराजगी के चलते दिया था सिद्धू ने इस्तीफा
दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से कड़वाहट चल रही है। नवजोत सिंह सिद्धू ने जुलाई 2019 में कैप्टन सरकार पर विभाग सही से न संभाल पाने का आरोप लगाया था। इस कारण कैप्टन उनसे नाराज हो गए थे। फिर कैप्टन ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान सिद्धू से अहम विभाग ले लिए थे। इसके बाद सिद्धू ने पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और वह कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूर हो गए थे।
इसके बाद सिद्धू राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ नजर आए। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू ने पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उनके फिर से मुख्यधारा में लौटने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू एक बार फिर से राज्य मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।