Thursday, May 27, 2021

बठिंडा के गांव सिवियां में लूटपाट और चोरी करने वाले युवक को लोगों ने खेता सिंह बस्ती से पकड़ा, पुलिस के हवाले किया


बठिंडा.
 गांव में लगातार हो रही चोरी व लूटपाच की वारदातों के संबंध में पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद किसी तरह की कारर्वाई नहीं हो सकी। आखिरकार गांव के लोगों ने चोरों को पकड़ने के लिए अपने स्तर पर काम शुरू किया व इसमें सफलता भी हासिल कर ली। बठिंडा के गांव सिवियां के लोगों से लूटपाट करने और घरों में चोरी करने वाले इस युवक बब्बू सिंह को वीरवार सुबह खेता सिंह बस्ती से पकड़ लिया। इस युवक के पकड़े जाने का विडियो बनाकर बकायदा सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया। इस विडियों में युवक के  दोनों हाथ रस्सी से बांधकर उसकी पिटाई करते देखा जा सकता है और बस्ती में रहने वाले उसके अन्य साथियों के घर ले जाकर उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन मौके पर उसके दूसरे साथी फरार होने में सफल रहे। इसके बाद  युवक को थाना थर्मल पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने  युवक को  हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने का दावा किया जा रहा है। वही ग्रामीणों ने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर पुलिस प्रशासन ने जल्द ही  चोर के बाकी साथियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया, तो वह पूरा गांव थाने के बाहर रोष धरना देंगे। पकड़ा गया युवक नशेड़ी है, जोकि नशे की पूर्ति के लिए  अपने दूसरे साथियों के साथ लोगों के घरों में सेधमारी कर चोरी करते है। वही मौका मिलने पर राहगिरों से लूटपाट को अंजाम दे रहे थे।

मामले की जानकारी देते हुए गांव सिवियां के रहने वाले किसान गुरचरण सिंह ने बताया कि बीती मंगलवार को वह अपनी ट्राली पर बठिंडा से ट्रांसफार्मर लेकर गांव वापस आ रहा था। जब वह खेता सिंह बस्ती के पास पहुंचा, तो आरोपित युवक बब्बू सिंह पहले से ही सड़क पर खड़ा हुआ था और उसने उसे ट्राली पर लिफ्ट मांगी। वह ट्रैक्टर पर अकेले होने के चलते उसने आरोपित को लिफ्ट दे दी और उसे ट्रैक्टर पर बिठा लिया। कुछ दूरी पर पहुंचने पर आरोपित युवक उसकी कमीज की ऊपर वाली जेब में पड़ी पांच हजार रुपये की नकदी चोरी की और ट्रैक्टर से छलांग लगाकर फरार हो गया। वह दिल का मरीज होने के कारण उसका पीछा नहीं कर सका। इसके बाद उसने घर पर आकर मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी। उसके बेटों ने आरोपित की तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला, लेकिन वीरवार सुबह वह और गांव के कुछ लाेग आरोपित युवक की तलाश करते हुए खेता सिंह बस्ती पहुंचे, तो आरोपित बब्बू सिंह बस्ती में चाय पी रहा था, जिसे गांव के लोगों ने मौके पर पकड़ लिया। जब उसे पूछताछ की गई, तो आरोपित युवक ने बताया कि वह यह काम अकेला नहीं करता है, बल्कि उसके कुछ ओर भी दोस्त है, जोकि सब मिलकर करते है। जिसके बाद गांव के लोगों ने उसके दोनों हाथों को रस्सी बांधकर उसे ट्राली में बिठाकर उसे उसके अन्य साथियों के घर लेकर पहुंचे, लेकिन मौके पर कोई भी नहीं मिला। किसान गुरशरण सिंह ने बताया कि आरोपित ने खुद माना है कि वह कई लोगों को लूट चुके है, जबकि घरों में चोरी करते रहे। वह नशा करने के लिए भी लोगों से पैसे मांगते रहे है। उसने यह भी बताया कि उसके साथी एक कार लेकर आते है, जिसपर वह सवार होकर वारदात देने के लिए निकालते है। जब कोई उन्होंने अकेला राहगीर मिल जाता है, तो उसमें एक युवक लिफ्ट मांगने के बहाने उसके साथ सवार हो जाता है और वारदात को अंजाम देने के बाद कार में सवार होकर फरार हो जाते है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए युवक को थर्मल पुलिस के हवाले कर दिया है। उधर, थाना थर्मल के एसएचओ रविंदर सिंह का कहना है कि बब्बू सिंह नाम के एक युवक को हिरासत में लिया गया है, जिसे पूछताछ की जा रही है। जल्द ही उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

फोटो-गांव के लोगों की तरफ से पकड़े गए युवक को पुलिस के पास सौपने जाते गांव वासी। फोटो-अशोक


बठिंडा जिले में 11 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत वही नए केसों की तादाद में आने लगी कमी , रिकवरी रेट भी बढ़ा


बठिंडा.
जिले में वीरवार को 11 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हो गई। इसके बाद अब तक 849 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिले में इस समय एक्टिव मरीजों की संख्या 4900 है। जिसमें अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में है। सेहत विभाग के आंकड़ों के अनुसार मेडिकल टीम द्वारा अब तक 313721 लोगों के सैंपल लिए गए। वहीं मई माह के 26 दिनों में विभाग की टीम द्वारा 86813 लोगों के सैंपल लिए गए। जिसमें 16344 कोरोना संक्रमित मिले, वहीं 480 संक्रमितों की मौत हुई है। पीड़ितों की जो संख्या सामने आई जिसमें संक्रमण की दर यानी पॉजिटिविटी रेट 12 प्रतिशत रही और रिकवरी रेट 85.84 रही, वहीं मई माह के 26 दिनों में पॉजिटिविटी रेट 18.82 रही है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों में मौत का आंकड़ा कम होते नहीं दिख रहा है। जिले में कोरोना वायरस के 4494 केस एक्टिव बताए जा रहे हैं।

वीरवार को मानवता की सेवा में समर्पित सहारा जन सेवा द्वारा कोरोना महामारी में कोरोना से होने वाले मृतकों का पी.पी.ई. किटस पहनकर पूर्ण सम्मान के साथ सभी धर्मों के अनुसार संस्कार किया जाता है कोरोना वारियर्स टीम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कोरोना पॉजिटिव मृतकों का पूर्ण सम्मान और धार्मिक सामान के साथ संस्कार करते हैं सहारा कोरोना वारियर्स टीम जग्गा सहारा, गुरविंदर बिंदी, हरबंस सिंह, सुमित ढींगरा, टेक चंद, सूरजभान गुनी, राजेंद्र कुमार, हरदीप सिंह, विशाल कुमार, मिश्रा, अर्जुन, तिलक राज, कमल गर्ग, गौतम गोयल, मणिकरण शर्मा, संदीप गिल, संदीप गोयल, सिमर गिल, आशु गोयल, नितिश सेन, शिवम राजपूत, आर्यन मेहरा, शाम मित्तल टीम द्वारा बठिंडा जिला के गांवो और तहसीलों में जाकर संस्कार किया जाता है।

मृतकों की सूची--

1- सुखमेल सिंह पुत्र रूप सिंह उम्र 46 वासी मोगा जो दिल्ली हार्ट अस्पताल में दाखिल था

2- सत्येंद्रा नाथ बसंता पुत्र पूर्ण चंद्रा बसंता उम्र 55 वासी रामा मंडी जो निवारण अस्पताल बठिंडा में दाखिल था

3- निछत्तर सिंह पुत्र भजन सिंह उम्र 60 वासी फुल्लो मिट्ठी जो सिविल अस्पताल बठिंडा में दाखिल था

4- सुखदर्शन सिंह उम्र 63 वासी डूमवाली जो बोम्बे गैस्ट्रो मे दाखिल था

5- मनजीत कौर पत्नी जसविंदर सिंह उम्र 60 वासी वांडी जो सिविल अस्पताल बादल में दाखिल थी

6- मिट्ठू सिंह पुत्र दिलीप सिंह उम्र 65 वासी भोखडा जो सिविल अस्पताल बठिंडा मे दाखिल था 

7- अमृत सिंह पुत्र गंडा सिंह उम्र 75 वासी गुरु सर सहने वाला जो सिविल अस्पताल बठिंडा में दाखिल था

8- सीता सिंह पुत्र कर्मजीत सिंह उम्र 62 साल वासी रामपुरा फूल जो अपेक्स अस्पताल रामपुरा में दाखिल था

9- जीतो कौर पत्नी मिट्ठू सिंह उम्र 65 वासी अली के जो फरीदकोट मेडिकल कॉलेज में दाखिल थी

10- रंजीत सिंह पुत्र इंदर सिंह उम्र 60 साल वासी कलाल वाला जो गोल्ड मेडिका अस्पताल में दाखिल था

11- परसराम नगर गली नंबर 2 में रहने वाली महिला संगीता (43 वर्ष) पुत्र काली दास जो कोरोना पोजटिव थी कि घर पर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के वालंटियर राकेश जिंदल, मोनू शर्मा, राजविंदर धालीवाल, जगदीप सिंह एम्बुलैंसे सहित मौके पर पहुंचे तथा सहित मौके पर पहुंचे शव को श्मशान भूमि में पहुंचा कर प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया।


लगातार तीसरे दिन एकांतवास, नए पाजीविट और एक्टिव मामलों में आई गिरावट: डिप्टी कमिशनर

बठिंडा: डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने बताया कि जिला निवासियों को राहत वाली अहम खबर यह है कि लगातार तीसरे दिन कोरोना प्रभावित मरीज़ों की मौत, घरेलू एकांतवास, नए पाजीविट और एक्टिव मामलों की दर में गिरावट आई है। बीते 24 घंटों दौरान कोरोना के साथ 13 की मौत, 351 नए केस आए और 544 करोना प्रभावित मरीज़ ठीक होने के उपरांत घर वापस लौट गए हैं। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि कोविड -19 के अंतर्गत अब तक कुल 317426 सैंपल लिए गए, जिन में से 38003 पॉजिटिव केस आए, जिस में से 32871 कोरोना प्रभावित मरीज़ करोना वायरस पर फतेह हासिल करके घर वापस लौट गए। इस समय जिले में कुल 4281 केस एक्टिव हैं । इस समय 3866 करोना पॉजिटिव घरेलू एकांतवास में हैं।  



गांव माइसरखाना के तित्तसर गुरुद्वारा साहिब की पार्किंग से कार चोरी करने वाले दो चोर काबू

बठिंडा. गांव माइसरखाना के तित्तसर साहिब की पार्किंग से कार चोरी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया है। पुलिस को शिकायत देकर बलवीर सिंह निवासी गांव ज्ञाना ने बताया कि बीती 26 मई को आरोपित गुलाब सिंह निवासी गांव सूच व कुलवंत सिंह निवासी गांव डिख ने उसकी कार नंबर डीएल-02सीजेड-8443 गुरुद्वारा तित्तसर साहिब की पार्किंग से चाेरी कर ले गए। कार में 96 हजार रुपये की नकदी भी थी। आरोपितों की पहचान गुरुद्वारा की पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हुई। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर चोरी की गई कार व 96 हजार रुपये की नकदी बरामद कर मामला दर्ज किया गया। 

नशीली गोलियां व हेरोइन समेत तीन गिरफ्तार 

बठिंडा. जिला पुलिस ने नशा तस्करी के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से नशीली गोलियां व हेरोइन बरामद की है। जिनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना तलवंडी साबो के एसआइ अवतार सिंह के अनुसार बीती बुधवार को पुलिस टीम ने तलवंडी साबो में नाकाबंदी कर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान शक के आधार पर स्विफ्ट कार नंबर पीबी-03एजे-4600 को रोककर उसमें सवार आरोपित हर्षवीर सिंह निवासी तलवंडी साबो व अमनदीप सिंह निवासी गांव माहीनंगल की तलाशी ली, तो उनके पास से 100 नशीली गोलियां व 10 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। पुलिस ने दोनों आरोपितों को मौके पर गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसी तरह थाना सदर रामपुरा के एएसआइ बलजीत पाल सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर गांव कराड़वाला निवासी बिट्टू सिंह को 750 नशीली गोलियां समेत गिरफ्तार किया गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपित नशा तस्करी का काम करता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।

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बठिंडा में प्रदेश स्तर की बैठक कर दिल्ली किसान आंदोलन को तेज करने के लिए संगठनों नौजवानों से शुरू किया संपर्क अभियान


बठिंडा.
किसान आंदोलन को तेज करने व इसमें नौजवानों की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारतीय किसान यूनियन सिद्धू ने प्रदेश स्तर की बैठक बठिंडा में आयोजित की। इस दौरान विभिन्न जिलों से यूनियन के पदाधिकारियों ने फैसला लिया है कि किसान नेता गांव में संपर्क मुहिम शुरू करेंगे व नौजवानों के समूह को किसान आंदोलन में हिस्सा लेने व अपनी भागीदारी बढ़ाने की अपील करेंगे। किसान यूनियन के प्रधान बलदेव सिंह धनौला ने बताया कि दिल्ली में पिछले छह माह से किसान संगठन तीन खेती कानूनों को वापिस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार इस मसले का हल निकालने की बजाय इसे लटका रही है। अब किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि दिल्ली आंदोलन को तेज किया जाएगा व यह सभी संभव है जब इस आंदोलन में नौजवान वर्ग बड़े स्तर पर हिस्सा ले। इसी कड़ी में अब भाकियू विभिन्न स्थानों में बैठक कर इस बाबत रणनीति बना रही है व नौजवानों को मोदी सरकार की तरफ से पारित तीनों कानूनों को रद्द करवाने के लिए आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील कर रहे हैं। 

फोटो-भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी बैठक कर नौजवानों को आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील करते। 

कोरोना पर फतेह हासिल करने के लिए टीकाकरन और टेस्टिंग जरूरी: डिप्टी कमिश्नर कहा, ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना टेस्टिंग में लाई जाए तेजी, पोजटिव आने पर घबराने की नहीं बल्कि हौसले की जरूरत

 

बठिंडा: डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने कोरोना महामारी के साथ लड़ने और इसके बढ़ रहे प्रभाव को रोकने के मद्देनज़र जिले के उच्चाधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की गई। प्रतिदिन की जाने वाली इस मीटिंग के दौरान उन्होंने जिले में कोविड की भयानक महामारी को रोकने के लिए दिशा -निर्देश देते कहा कि इस मुहिम को निर्विघ्न जारी रखा जाए क्योंकि कोरोना पर फतेह हासिल करने के लिए टीकाकरन और टेस्टिंग ही इसका हल हैं। इस मौके उन्होंने जिले में कोरोना मरीज़ों के इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में स्थापित किए गए लेबल 2 और लेबल 3 की समर्थता वाले बैंडों की स्थिति का जायजा लिया।

बैठक के दौरान उन्होंने कोरोना मुक्त गांव मुहिम के अंतर्गत डी.डी.पी.ओ नीरू गर्ग को आदेश देते कहा कि गांवों में लगाए जा रहे कोरोना कैंपों के द्वारा ग्रामीण स्तरर पर हो रही टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में तेज़ी लाई जाए। इस मौके उन्होंने यह भी हिदायत दी कि प्रतिदिन की वैक्सीनेशन और टेस्टिंग करके निर्धारित किये लक्ष्यों को मुकम्मल किया जाए। इस मौके आधिकारियों को आदेश देते कहा कि अस्पतालों में आक्सीजन गैस के प्रयोग पर निगरानी रखी जाए जिससे कोई भी अस्पताल इसे गैरजरूरी स्टोर न कर सके।

 इस मौके डिप्टी कमिश्नर ने सेहत विभाग के सम्बन्धित आधिकारियों को आदेश देते कहा कि गांवों के लोगों को इस महामारी से बचाव के लिए अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। गांव वासियों को बताया जाए कि वह कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार की तरफ से जारी हिदायतों की पालना करे। यदि उन्हें खांसी, बुख़ार, जुकाम आदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत टेस्ट करवाए। यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आता है तो उसको घबराने की नहीं बल्कि हौसले के साथ इलाज की ज़रूरत है। इसके साथ जहां वह मूलभूत पड़ाव पर ही इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं, वही अपने परिवार और समाज को भी इस भयानक बीमारी से बचा सकेंगे।

इस मौके प्रशिक्षण अधीन आई.ए.एस. निकास कुमार, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर राजदीप सिंह बराड़, सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों, सहायक कमिश्नर गुरबीर सिंह कोहली, सहायक कमिश्नर कंवलजीत सिंह,बबनदीप सिंह, डा. यादविन्दर सिंह, कोरोना सेल के जिला इंचार्ज मनप्रीत सिंह, डाटा सेल के इंचार्ज नवीन गडवाल के इलावा घरेलू एकांतवास के जिला इंचार्ज गुरदीप सिंह मान और अलग -अलग कोरोना सेलों के इंचार्ज विशेष तौर पर उपस्थित थे। 

फोटो -जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करते डीसी बी श्रीनिवासन। 


बठिंडा की शीश महल कालोनी में 13 साल की बच्ची ने फंदा लगाकर की आत्महत्या, घटना के समय घर में अकेली थी

बठिंडा. शहर के शीश महल कालोनी की रहने वाली 13 वर्षीय बच्ची ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी क्यों और किस कारणों के चलते की है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन थाना कैनाल कालोनी पुलिस ने मृतक के पिता के बयानों पर आईपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए लाश का पोस्टमार्टम करवाकर उसे अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सुपुर्द कर दिया है। 

मृतक बच्ची की पहचान अंशिका पुत्री रवि कुमार निवासी शीश महल कालोनी बठिंडा के तौर पर हुई। बताया जा रहा है कि घटना के समय बच्ची घर पर अकेली थी, जबकि उसकी मां व भाई किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश गए हुए थे, जबकि उसके पिता अपनी ड्यूटी पर थे। वहीं मामले के जांच अधिकारी व वर्धमान पुलिस चौकी के इंचार्ज एसआइ गणेश्वर कुमार ने बताया कि बुधवार देर शाम को पुलिस को सूचना मिली थी कि डबवाली रोड स्थित शीश महल कालोनी में एक बच्ची ने खुदकुशी कर ली है। जब वह घर पहुंचे, तो देखा कि बच्ची ने कुत्ते के गले में पहनाएं जाने वाले पट्टे से फंदा लगाकर कर खुदकुशी की हुई थी, जिसके बाद शव को अपने कब्जे में ेलेकर पोस्मार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया। एसआई गणेश्वर कुमार ने बताया कि खुदकुशी के सही कारणों का अभी कुछ पता नहीं चल सका है, लेकिन पुलिस अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रही है। वहीं बच्ची के पिता के बयानों पर कार्रवाई की गई है। 


बठिंडा जिला सिविल अस्पताल में इस साल मिलेंगी लोगों को कई नई सेहत सुविधाएं, योजना पर काम दो माह में होगा पूरा-डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों


कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए टेस्ट, ट्रैक व ट्रीटमेंट जरूरी : डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों

बठिंडा। सिविल अस्पताल बठिंडा में साल 2020 में कई विवादों ने जन्म लिया। ब्लड बैंक विवाद से लेकर कर्मचारियों व सविधाओं को लेकर उठे विवाद ने लोगों के विश्वास पर ठेस पहुंचाई। इस स्थिति में सिविल अस्पताल को नया सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों के तौर पर मिला। नए साल में नई उम्मीदों व नए संकल्प के साथ डा. ढिल्लों ने सिविल सर्जन जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी संभाली। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती मरीजों का डाक्टरों के साथ स्टाफ के प्रति उठे विश्वास को फिर से कायम करने की थी। अस्पताल की अव्यवस्था को सुधारकर उसे फिर से लोगों की पसंद का मेडिकल संस्थान बनाने का काम उन्होंने पहले दिन से ही शुरू कर दिया। बठिंडा सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में आए दिन लोगों व बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के केस आ रहे थे, जिसे रोकने के लिए डा. तेजवंत सिंह ने सख्ती के साथ व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए दूरदर्शी के तौर पर काम शुरू किया। हर रोज ब्लड बैंक की जांच करने से लेकर संबंधित अफसरों से रिपोर्ट लेने की योजना ने कमी में सुधार लाने का काम किया। डा. तेजवंत सिंह की दूसरी बड़ी खासियत सहकर्मियों व स्टाफ के बीच तालमेल को मजबूत करने की है। सिविल अस्पताल में आए दिन कर्मियों में होने वाले विवादों को खत्म करने का काम उनकी पहलकदमी में एक था। आज अस्पताल का डाक्टर हो या फिर दर्जा चार कर्मी वह अपनी समस्या को लेकर बेझिझक उनके पास जाता है। यही नहीं डा. ढिल्लों उसे राज्य स्तर के अफसरों तक लेकर जाते हैं व उसका हल निकालते हैं।

एमआरआई व सिटी स्कैन जैसी महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध करवाना उनका सपना

डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों का कहना है कि जब उन्होंने सिविल अस्पताल का चार्ज संभाला तो कोरोना ने अपना असर दिखाना शुरू किया था। इस महामारी से निपटने के लिए सिविल अस्पताल को सुविधाओं से लैस करने का काम उन्होंने शुरू किया। अस्पताल में डायग्नोसिस्ट सेंटर बनाने के लिए योजना पर काम शुरू किया है। यहां मरीजों को एमआरआई व सिटी स्कैन की सुविधा संस्ते दाम में मिल सकेंगी। सिविल अस्पताल में भव्य इमारत है लेकिन मशीनरी की कमी आए दिन देखने को मिलती है। ऐसे में सिटी स्कैन व एमआरआई की सुविधा देने के लिए वह वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से भी बात कर चुके है व इसका जल्द हल निकाल कर सुविधा अस्पताल में इंस्टाल हो जाएगी। यह काम पूरा करना उनके लक्ष्य व सपनों में एक है ताकि सिविल अस्पताल में आने वाली गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को कही बाहर न जाने पड़े व उन्हें अतिरिक्त खर्च वहन न करना पड़े। इसी तरह दूसरा काम सिविल अस्पताल घुद्दा में बने आर्थो आपरेशन की सुविधा शुरू करना है। इसके लिए जल्द ही सीआरएम मशीन की भी खरीद की जाएगी ताकि टैक्नोलाजी के साथ आर्थों के महंगे आपरेशन संस्ते दामों में किए जा सके। मालवा में गोड़े से संबंधित बीमारी काफी विकराल रुप ले रही है व इसमें मरीजों को बाहर महंगे इलाज करवाने पर मजबूर होना पड़ता है।

मल्टीस्टोरी पार्किग बनाना भी उनकी प्राथमिकता

सिविल अस्पताल में प्रतिदिन एक हजार से 1200 लोग इलाज के लिए आते हैं इस दौरान उन्हें वाहन पार्किंग करने की काफी समस्या रहती है व कई बार तो वाहन चोरी होने के मामले भी सामने आते हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए वह सिविल अस्पताल में मल्टीपर्पज पर्किंग बनवाना चाहते हैं ताकि वहनों की सही ढंग से पार्किंग हो सके।

इस साल मिलेगी सिविल अस्पताल को यह नई सुविधाएं-

-सिविल अस्पताल बठिंडा में आधुनिक आपरेशन थियेटर आगामी दो माह में शुरू होगा, आपरेशन थियेटर का काम पूरा हो चुका है व मरीजों के लिए लिफ्ट की सुविधा भी इसमें शुरू की जाएगी।  

-वूमेन व चिल्ड्रन अस्पताल में बैड की क्षमता बढ़ाई जाएगी। सरकार की तरफ से 30 बैड बढ़ाने की योजना है व इस बारे में प्रस्ताव बनाकर संबंधित विभाग को भेजा जा चुका है व जल्द इसमें काम शुरू हो जाएगा।

-गोनियाना सिविल अस्पताल में मदर व चाइल्ड विंग की नई इमारत तैयार हो रही है। इस इमारत का काम भी दो माह में पूरा हो जाएगा व यहां 20 बैड की सुविधा मिलेगी।

-सिविल अस्पताल बठिंडा में आधुनिक वर्न वार्ड की इमारत भी बनकर तैयार हो चुकी है। इस वार्ड के लिए प्लास्टिक सर्जन व स्टाफ की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जा चुका है। इसमें जल्द नियुक्ति होने की उम्मीद है।

सीएचसी मौड़ मंडी बनेगी सब डिविजन अस्पताल

बठिंडा में मौड़ मंडी में पहले से स्थापित सीएचसी सेंटर को सब डिविजन अस्पताल बनाने की योजना है। इससे जहां बठिंडा सिविल अस्पताल में बड़े उपचार करवाने वाले मरीजों की भीड़ कम होगी वही मौड़ व आसपास के इलाके में रहती डेढ़ लाख की आबादी को घर के पास उपचार मिल सकेगा। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजकर का भी शुरू कर दिया गया है। अब इसमें अलग इमारत का काम पूरा होने के बाद नई भर्ती का काम शुरू होगा।

कोरोना को रोकने के लिए उठाए अहम कदम

सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों क बड़े चैलेजों में एक कोविड-19 महमारी रही। इससे लड़ने के लिए जागरुता पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। वही कोरोना से संक्रमित लोगों को समय पर उपचार व बेहतर सुविधा मिले इसके लिए वह दिन रात काम कर रहे हैं। जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार से तालमेल करना व जारी निर्देशों को नीचले स्तर पर कर्मियों तक पहुंचाने के काम में वह 24 घंटे लगे रहते हैं। उनका कहना है कि कोरोना महामारी को रोकना लोगों की भी सामाजिक जिम्मेवारी है। इसमें सरकार की गाइडलाइनों का सख्ती से पालन हो वही मास्क पहनना व सामाजिक दूरी बनाकर रखने जैसे कदमोंको अपनी दैनिक जीवन का हिस्सा बनाए। वही इस बीमारी में स्वंय को मजबूत करने के लिए सिविल अस्पताल व तय सेंटरों में फ्री वैक्सीनेशन का लाभ ले। कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए वह तीन सूत्रों टेस्ट, ट्रैक व ट्रिटमेंट पर काम कर रहे हैं व इसी पर जोर दिया जा रहा है


सावधान-घर में हर रोज इस्तेमाल होने वाले दूध-पनीर से लेकर देसी घी में हो रही मिलावट, एक साल में की गई सैंपलिग रिपोर्ट में 40 फीसदी चीजें नहीं उतर रही है तय मानकों पर खरी


बठिंडा।
हमारी रोजाना खाने-पीने की बहुत सी चीजों में मिलावट पाई जा रही है, जोकि हमारी सेहत को बहुत हानि पहुंचाती है। यह एक तरह से धीरे-धीरे दी जाने वाले जहर के सामान ही है, जोकि अंत में व्यक्ति की जान ही ले लेता है। इसके इलावा शरीर के अंदरूनी अंगों पर भी इसका बहुत ही बुरा असर पड़ता है। ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में दुकानदार अपने सामान में बहुत ज्यादा मिलावट करते हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ भी करते हैं। 

ऐसी मिलावटी चीजें खाने से पेट से संबंधित गंभीर बीमारियां अल्सर, ट्यूमर आदि होने का बहुत ज्यादा खतरा रहता है। इतना ही नहीं सेहत विभाग की फूड टीम हर माह चेकिग कर विभिन्न खाद्य पदार्थो की सैंपलिग करता है और उन्हें जांच करने के लिए लैब भेजता है। सैंपल फेल होने पर एक्ट के मुताबिक जुर्माना या कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी हर खाने-पीने की चीज में मिलावटखोरी का खेल चल रहा है। हाल यह है कि दूध और दूध से बने उत्पाद के साथ घरों में रोजाना इस्तेमाल होने वाली दालों से लेकर मसालों में और देसी घी से लेकर रिफाइंड समेत अन्य खाद्य पदार्थो में भी जमकर मिलावट की जा रही है। 

विभाग द्वारा पूर्व एक साल में की गई सैंपलिग रिपोर्ट में 40 फीसद चीजें तय मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। हर दसवीं चीज में मिलावट हो रही है, जोकि इंसान के शरीर के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है। इसके चलते आम आदमी खाद्य पदार्थो में हो रही मिलावटखोरी से खासा परेशान है। बाजार में मिलने वाली हर चीज में कुछ न कुछ मिलावट जरूर है, जोकि लोगों के लिए एक चिता का विषय है। आज मिलावट का कहर सबसे ज्यादा हमारी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर ही पड़ रहा है। ऐसे में भारी भरकम जुर्माना व सजा होने के बाद भी सेहत विभाग सौ फीसद मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो रहा है। ऐसे में मिलावटखोर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं हैं।

सेहत विभाग की फूड टीम की ढीली कारगुजारी

मिलावट रोकने के लिए सेहत विभाग की फूड टीम को हर माह कम से कम 100 खाद्य पदार्थों के सैंपल भरने होते हैं, लेकिन पूर्व एक साल माह में बठिडा फूड टीम ने महज 124 की सैंपल भरे, जबकि कम से कम 1200 सैंपल भरने जरूरी थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते 9 माह तक सब कुछ बंद रहने के कारण सैंपल नहीं भरे जा सके है। विभाग की तरफ से पूर्व एक साल में भरे गए 124 सैंपलों में 15 सैंपल फेल पाए है, जबकि 17 की रिपोर्ट आनी बाकी है। फेल हुए ज्यादा तरह सैंपल हररोज प्रयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थो की है। विभाग की यह रिपोर्ट बताती है कि दूध और दूध से बने पदार्थो में सबसे ज्यादा मिलावटखोरी पाई गई है।

अब तक दस केसों में हो चुका है 15.56 लाख रुपए का जुर्माना

सेहत विभाग की मानने तो एक जनवरी 2018 से लेकर मार्च 2021 तक फूड सेफ्टी विभाग की तरफ से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के सैंपल भर गए थे, जिनमें में सैंपल फेल हुए। विभाग ने अब तक करीब 82 केसों में 15 लाख 56 हजार रुपए का जुर्माना करवाया है, जिसमें सबसे बड़ा जुर्माना पांच लाख रुपए वाला है। खाद्य उत्पाद विनियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपये तक का दंड देने का प्रावधान है। एफएसएसएआई ने 2006 के खाद्य सुरक्षा और मानक कानून में संशोधन के बाद किया है। ऐसे में उस व्यक्ति पर कम से कम दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया सकता है।

चार घंटे की ट्रेनिग करनी होगी लाजमी

जिला फूड सेफ्टी अफसर डा. ऊषा गोयल ने बताया कि सेहत विभाग फूड एंड सेफ्टी स्टेंडर्ड एक्ट के तहत सरकार के तरफ से कुछ जरूरी दिशा निर्देश जारी कर रखे हैं। इसके तहत होटल-रेस्टोरेंट, ढाबा, फास्ट फूड बेचने वाले लोगों को किस प्रकार से अपनी दुकान में साफ-सफाई रखने के अलावा उनका बनाने की पूरी ट्रेनिग लेना लाजिमी है। ट्रेनिग हासिल करने वालों को सार्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ रही है

सिविल अस्पताल बठिंडा की एमडी मेडिसन डा. रमनदीप गोयल का कहना है कि मिलावटी खाद्य सामग्री खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी का नतीजा है कि पहले की अपेक्षा अब अधिक लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ रही है। खासकर मिलावटी खाद्य सामग्री इस्तेमाल करने से गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है। मिलावटी मावा किडनी व लीवर को खराब कर सकता है। इससे संक्रमण पैदा हो सकता है। सिर दर्द, पेट दर्द व त्वचा रोग हो सकते हैं। पेट खराब होने व आंतों में संक्रमण होने की भी संभावना है। मावा या खोवा में मिलावट की पहचान रासायनिक व जैविक परीक्षण से की जा सकती है।

ऐसे कर सकते है नकली मावा की पहचान

भौतिक रुप से भी नकली मावा को पहचाना जा सकता है। कुछ बातें ध्यान रखने से नकली मावा की पहचान कर सकते हैं, जैसे मावा सफेद या हलके पीले रंग का है तो वह मिलावटी हो सकता है। सूंघने पर मिलावटी मावे की खुशबू अजीब सी लगती है, जबकि ओरिजिनल मावा की महक अच्छी होती है। मावे को हाथ से रगड़ने पर ओरिजिनल होने पर घी छोड़ता है। चखकर देखने पर असली मावा का स्वाद अच्छा लगता है, नकली होने पर यह कड़वा लग सकता है। नकली मावा आसानी से पानी में नहीं घुलता। मिलावटी मावा बनाने में दूध पाउडर का इस्तेमाल होता है। इसमें रिफाइंड या वेजीटेबल ऑयल मिलाया जाता है। इसके अलावा रसायन, आलू, शकरकंदी का प्रयोग भी किया जाता है। इसमें डिटर्जेंट पाउडर, तरल जैल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड व मोबिल आयल एवं एसेंट पाउडर डाला जाता है। इतना ही नहीं मिलावटखोर कई बार यूरिया के घोल में पाउडर व मोबिल डालकर भी तैयार करते हैं।
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माह          सैंपल भरे       फेल हुए सैंपल
जनवरी 2020     15           4
फरवरी             26            2
मार्च                 35             2
जून                    6             1
जुलाई               14            3
अक्टूबर              9            3
नवंबर                 9            0
जनवरी 21         10            0
फरवरी              25            0  (आठ पास है, जबकि 17 की रिपोर्ट पेडिंग है)

कैसे पहचाने मिलावटी खानपान 

वर्तमान में खाने- पीने की हर चीज शुद्ध हो यह जरूरी नहीं है। व्यापार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण मिलावट हर जगह देखने को मिलती है। कहीं दूध में पानी की मिलावट होती है, तो कहीं मसालों में रंगों की मिलावट...सब्जियां भी रसायनों के प्रयोग से पकाई जाती हैं। ऐसे में खाने की चीजों में यह मिलावट हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इससे बचने के लिए मिलावट का पता लगाना बहुत जरूरी है। हम बता रहे हैं,  खाद्य पदार्थों में मिलावट को परखने के कुछ खास तरीके - 

  • मसालों में बेहद आसानी से और अत्यधिक मिलावट होती है, जो आसानी से पकड़ में नहीं आती। सामान्यत: लोग इन्हें परखने की जहमत नहीं उठाते, जिसके कारण वे मसालों के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी मोल ले लेते हैं। चूंकि यह सभी चीजें हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग है, इसलिए इसके प्रति और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है।
  • लाल मिर्च की ही बात करें तो इसमें मिलावट के तौर पर ईंट या कबेलू का बारीक पिसा हुआ पाउडर प्रयोग किया जाता है, जिसमें कृत्रिम रंग भी मिला हुआ होता है। इसमें मिलावट की जांच के लिए पानी में डालकर देखा जा सकता है। अगर लाल मिर्च पाउडर पानी में तैरता नजर आए तो वह शुद्ध है, लेकिन यदि वह डूब जाए तो आप समझ लिजिए कि वह मिलावटी है।
  •  बाजार में मिलने वाला हल्दी पाउडर भी मिलावटी हो सकता है। इसमें मेटानिल येलो नामक  रसायन मौजूद होता है, जो आपको कैंसर जैसी बीमारी का शिकार बना सकता है। इसे परखने के लिए हल्दी पाउडर में कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और उतनी बूंदे पानी की डालकर देखें। अगर हल्दी का रंग गुलाबी या बैंगनी हो जाए, तो समझ लिजिए कि हल्दी में मिलावट है।
  • चावल में प्लास्ट‍िक और आलू से बने नकली चावलों की मिलावट होती है। यह शरीर में जाकर पाचन संबंधी समस्याओं सहित कई तरह की परेशानियां पैदा करते हैं। इसकी पहचान के लिए इन्हें उबलते वक्त देखें, यह अलग तरह की गंध पैदा करते हैं।
  • फलों में वैसे तो रसायनों की मिलावट होती ही है, लेकिन खासतौर से अगर आप सेब का प्रयोग करते हैं, तो उसपर चढ़ी हुई मोम की परत को पहले जांच लें। यह सेब को चमकदार दिखाने के लिए होती है। लेकिन चाकू की सहायता से खुरचने पर आप इसे देख पाएंगे।
  • सरसों के दानों या राई में भी इसी प्रकार अर्जेमोने के बीज मिलाकर वजन को बढ़ाया जाता है। लेकिन इसकी परख आप आसानी से कर सकते हैं। सरसों के बीजों को दबाकर देखने पर पीला पदार्थ निकलता है जबकि अर्जेमोने के बीजों को दबाने पर सफेद।
  • हरे मटर के दानों को अत्यधिक हरा दिखाने के लिए इसमें मेलाकाइट ग्रीन को मिलाया जाता है। लेकिन यह सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसकी पहचान के लिए मटर के दानों को कुछ समय तक पानी में मिलाकर रखें, अगर यह हरा रंग छोड़ने लगे, तो समझि‍ए इसमें मिलावट है।
  • दूध में पानी की मिलावट को परखने के लिए किसी चिकनी सतह पर दूध की कुछ बूंदें गिराएं। अगर यह बूंदें बगैर निशान छोड़े तेजी से आगे बह जाए, तो इसमें पानी मिला हुआ है। वहीं दूध अगर शुद्ध होगा तो वह धीरे-धीरे बहेगा और सफेद धब्बा छोड़ जाएगा। 
  • इसी प्रकार काली मिर्च में पपीते के बीजों को काले रंग में रंगकर मिला दिया जाता है। ऐसा करने से इनका वजन अधिक हो जाता है और आपको कम मात्रा में देकर ज्यादा पैसे कमाए जा सकते हैं। इसे परखने के लिए पानी या शराब में डालें। अगर यह तैरते दिखाई दें, तो यह नकली हैं और अगर डूब जाए तो असली हैं।
  • गरम मसालों में प्रयोग होने वाली दालचीनी भी कई बार मिलावटी होती है। चूंकि इसमें कोई फर्क नहीं कर पाता, इसे पैकेज में डालकर आसानी से किसी को भी गुमराह किया जा सकता है। दालचीनी में मि‍लावट के तौर पर अमरूद की छाल मिलाई जाती है। इसकी पहचान करने के लि‍ए इसे हाथ पर रगड़कर देखें, अगर आपको इसका रंग नजर आए, तो यह असली है, अन्यथा नकली।
  • दूध और मावे के साथ अन्य डेयरी उत्पादों में भी मिलावट होती है। मावे की जांच के लिए सैंपल लेकर टेस्‍ट ट्यूब में भरें और उसमें 20 एमएल पानी डाल कर उबालें। ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडीन डालें। अगर सैंपल का रंग नीला हो जाए तो इसमें स्‍टार्च मिला हुआ है। 

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