बठिंडा. जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। बठिंडा में सुरखपीर रोड गली नंबर 15 वासी एक महिला इंदिरा रानी पत्नी प्रभु दयाल उम्र 58 साल ने 30 दिसंबर को कोरोना की जांच करवाई जिसमें वह पोजटिव मिली थी। इसके बाद सिविल अस्पताल से उन्हें फरीदकोट मेड़िकल कालेज में रैफर कर दिया जहां 1 जनवरी की सुबह उनकी मौत हो गई। मृतक महिला को पहले शूगर, हाई ब्लडप्रेसर सहित मल्टी डिजिस्ट थे जिसके चलते उन्हें सास लेने में दिक्कत होने लगी व शरीर में कालापन आ गया। इसके बाद डाक्टरों ने उन्हें वैल्टीनेटर पर रखा था जहां 48 घंटे में उनकी मौत हो गई। जिले में अब तक 210 कोरोना पोजटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। वही जिले में सात नए कोरोना पोजटिव केसों की पुष्टी हुई है इसमें सर्वाधिक 4 मामले झुझार सिंह नगर गली नंबर एक में एक ही परिवार के सदस्यों में कोरोना की पुष्टी हुई है। वही बाबा फरीद नगर में एक, एयरफोर्स स्टेशन में एक व कैचिया रोड रामा मंडी में एक पोजटिव केस मिला है। वही 122 लोगों की रिपोर्ट नेगटिव मिली है जबकि पांच लोगों की रिपोर्ट संदिग्ध मिलने के बाद फिर से सैंपल जांच के लिए भेजे गए है।
Saturday, January 2, 2021
*इलैक्ट्रो होम्योपैथी के जन्मदाता काउंट सीज़र मैटी का जन्म दिन 9 जनवरी को इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन (पंजाब) की ओर से बठिंडा में मनाया जाएगा
इलैकट्रो होम्योपैथिक फाउंडेशन के नेशनल प्रेसिडेंट डॉक्टर परमिंदर पाण्डेय खास तौर पर पहुंचेंगे: डाक्टर हरविंदर
बठिंडा में शिक्षकों ने वित्त मंत्री के दफ्तर के सामने खाली बर्तनों के साथ किया प्रदर्शन
बठिडा: पंजाब सरकार की तरफ से अपना वादा पूरा नहीं किए जाने के रोष में नए साल के पहले ही दिन शिक्षकों ने खाली बर्तन लेकर अनोखे ढंग से अपना गुस्सा जाहिर किया। शुक्रवार को सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील व दफ्तरी कर्मचारियों द्वारा संयुक्त रूप से शहर में रोष मार्च करते हुए बठिडा-गोनियाना रोड पर स्थित वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर का घेराव किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के दफ्तर के बाहर खाली बर्तन लेकर रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी नेताओं द्वारा कुकर, बर्तन, परात, जग व थाली बजाकर कांग्रेस सरकार के चार सालों के किए जा रहे वादों पर रोष जाहिर किया।
कर्मचारियों ने हाथ में तख्तियां लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान नेताओं ने कहा कि चार वर्षों से कर्मचारी सरकार से हर अपनी मांग रखते हैं, इसके अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री कई बार मीटिग भी कर चुकी है। इसके बावजूद अभी तक उन्हें रेगुलर नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि मौजूदा शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला की तरफ से दो साल तक मीटिग में कर्मचारी को लारे लगाए जा रहे हैं। वहीं अगली केबिनेट मीटिग में दफ्तरी कर्मचारियों को पक्का कर दिया जाएगा, लेकिन जब इस संबंध में शिक्षा मंत्री से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से अनाकानी की जा रही है। सरकार द्वारा किए वादे मुताबिक युवाओं के भविष्य सुरिक्षत करने का वादा भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव के दौरान किया गया था।
वहीं सर्व शिक्षा अभियान के 8886 अध्यापकों द्वार कांग्रेस सरकार की तरफ से पक्का किया गया है। उस दौरान पंजाब सरकार की तरफ से लिखती सहमति दी गई है, लेकिन जब दस हजार दफ्तरी कर्मचारियों को पक्का करने की बात आई तो शिक्षा मंत्री व शिक्षा अधिकारी को कहने मुताबिक ऐसा पंजाब का बन रहा है। शिक्षा का भी निजीकरण किया जा रहा है। वहीं नेता राजिदर सिंह संधा, दीपक बांसल, शेर सिंह, दलजिदर सिंह, सुखविदर कौर ने कहा कि अध्यापकों को रेगुलर करने के बाद करीब ढाई वर्ष के दौरान सरकार को हर बार अपील कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती। इस कारण कर्मचारियों को संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नेताओं ने घोषणा की है कि अगर जल्दी से कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज किया जाएगा।
एम्स बठिंडा में एमबीबीएस के दूसरे सेशन की शुरुआत, :छात्रों का तिलक लगाकर किया स्वागत
बठिडा: नए साल की शुरुआत बठिडा के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) परिसर में उत्साह से हुई। संस्थान में एमबीबीएस का दूसरा बैच शुरू हो गया है। देशभर से 100 छात्र 2020-21 के शैक्षणिक सत्र के लिए अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में शामिल किए हैं।
नए बैच के स्वागत के लिए कार्यक्रम नवनिर्मित अंडरग्रेजुएट छात्रावास परिसर में आयोजित किया गया। छात्रों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम, पाठ्येतर गतिविधियों, नेतृत्व के सिद्धांतों, टीम निर्माण, लिग संवेदीकरण और तनाव प्रबंधन में उन्हें निपुण करने के लिए अगले दो हफ्तों तक 'ओरिएंटेशन प्रोग्राम' निर्धारित किया है।
एम्स बठिडा के निदेशक, प्रोफेसर डा. दिनेश कुमार सिंह ने छात्रों को चयनित होने पर बधाई दी। उन्होंने एम्स के इतिहास और एम्स की शैक्षणिक उत्कृष्टता और समर्पण और रोगियों की देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता की विरासत पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने छात्रों को 'कर्तव्य की पुकार' से आगे बढ़कर उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और अपने जीवन और कार्य में एम्स ब्रांड को आगे बढ़ाने की सलाह दी।
उन्होंने छात्रों से अपने व्यक्तित्व की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए पाठ्येतर गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। निदेशक ने एक-एक करके छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें संस्था का हिस्सा बनने के बाद उनकी उम्मीदों और भावनाओं को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
संस्थान के डीन, कर्नल डा.सतीश गुप्ता ने छात्रों का स्वागत किया और इस बात पर महत्व दिया कि संस्थान और इसके सहयोगी उनके नए घर और परिवार हैं। उन्होंने संस्थान के लिए अपने त्रुटिहीन आचरण के साथ उन्हें पथप्रदर्शक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों को परिसर में रैगिग और अनुशासनहीनता पर शून्य सहिष्णुता का आश्वासन दिया।
एम्स बठिडा के प्राध्यापक सदस्य फोरेंसिक मेडिसिन के डा.अखिलेश और डा.अजय, एनेस्थीसिया विभाग के डा.ज्योति, स्त्री रोग विभाग से डा.बलप्रीत,पैथोलॉजी से डा.मंजीत, माइक्रोबायोलाजी के डा.सिवानंथम और ऑर्थोपेडिक्स से डा.पंकज ने इस अवसर पर छात्रों के साथ बातचीत की।
बठिंडा-सरकारी ब्लड बैंक बंद होने के बाद मरीजों की परेशानी कम करने के लिए दो ब्लड बैंकों से किया संपर्क
-एक सरकारी व एक प्राइवेट ब्लड बैंक में सरकारी रेट पर मिल सकेगा एमरजेंसी में रक्त, सिविल अस्पताल में भी रखा जाएगा स्टाक
सिविल अस्पताल ब्लड बैंक का लाइसेंस सेस्पेंड होने के बाद मरीजों को खरीदना पड़ रहा था बाहर से मंहगा खून
बठिडा. सिविल अस्पताल बठिडा स्थित ब्लड बैंक का तीन दिन पहले पंजाब ड्रग कंट्रोल आथार्टी की तरफ से लाइसेंस 14 दिनों के लिए सेस्पेंड करने के बाद आम मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसमें सर्वाधिक परेशानी थेलेसीमिया से पीड़ित बच्चों, गर्भवती महिलाओं व हादसों में घायल मरीजों को उठानी पड़ रही थी। वही प्रतिदिन होने वाले आपरेशन के दौरान भी मरीजों को प्राइवेट ब्लड बैंकों से रक्त मोटी राशि देकर लाना पड़ रहा था। इन तमाम परेशानियों को हल करवाने के लिए अब गत दिवस नए सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने ब्लड बैंक बंद होने से पेश आ रही परेशानियों पर बैठक कर इसका सार्थक हल निकालने के लिए अधिकारियों को हिदायतें दी। इसके तहत तय हुआ कि मरीजों को एमरजेंसी ब्लड उपलब्ध करवाने के लिए रामपुरा फूल स्थित सरकारी ब्लड बैंक और शहर में स्थित गोयल ब्लड बैंक से सहयोग लिया जाएगा। इस बाबत ओटी डिपार्टमेंट, जच्चा बच्चा अस्पताल और थेलेसीमिया पीड़ित बच्चों का उपचार कर रहे डाक्टरों की टीम व एमरजेंसी देख रही डाक्टरों व स्टाफ की टीम को कहा गया कि वह प्रतिदिन अस्पताल में ब्लड हासिल करने वाले मरीजों का अपडेट देंगे व उनके लिए उक्त दोनों अस्पतालों से एडवांस में ही ब्लड मंगवाकर सिविल अस्पताल में मरीजों को चढ़ाया जाएगा। वही एमरजेंसी में सिविल अस्पताल की एबुलेंस व टीम इन अस्पतालों से रक्त हासिल कर सकेंगी। फिलहाल सिविल सर्जन की तरफ से की गई व्यवस्था से मरीजों व उनके परिजनों को राहत मिली है। इस दौरान उक्त ब्लड बैंकों में एमरजेंसी रक्तदान भी किया जा सकेगा ताकि इन दोनों सेंटरों में ब्लड की कमी न आए। फिलहाल इन दो ब्लड बैंकों में मरीजों को सरकारी फीस पर ही ब्लड उपलब्ध होगा जबकि दो दिन से मरीजों को प्राइवेट ब्लड बैंकों से 1200 रुपए से 1500 रुपए का भुगतान कर ब्लड लाना पड़ रहा था वही एमरजेंसी खासकर हादसों में मरीजों को समय पर खून नहीं मिल पा रहा था जिससे उनकी जान आफत में पड़ी हुई थी। गौरतलब है कि सर्दियों में धुंध व कोहरे के दौरान सर्वाधिक सड़क हादसे होते हैं व इसमें अधिकतर मरीज ऐसे होते हैं जिनकी हालत गंभीर होती है व उन्हें बिना किसी देरी के रक्त की जरूरत पड़ती है। फिलहाल सेहत विभाग की तरफ से विकल्पिक व्यवस्था करने से जहां दर्जनों लोगों की जान बचाई जा सकेगी वही थेलेसीमिया पीड़ित, गर्भवती महिलाओं व ओटी के मरीजों को भी समय पर रक्त मिल सकेगा।
गौरतलब है कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित खून चढ़ाने के करीब तीन माह बाद उठे विवाद के बाद पंजाब ड्रग कंट्रोल अथार्टी ने सिविल अस्पताल प्रशासन को नोटिस निकालकर ब्लड बैंक में की गई लापरवाही को लेकर जबावतलब किया था। इसमें संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने व व्याप्त कमियों में किसी तरह का सुधार नहीं करने पर सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैक का लाइसेंस 14 दिनों तक सेस्पेंड करने का आदेश दिया गया था। मामले का प्रदेश कानूनी सेवाएं अथारिटी द्वारा स्वत: संज्ञान लेने के बाद सेहत विभाग के ड्रग्स अथारिटी ने 14 दिन के लिए बठिडा के ब्लड बैंक का लाइसेंस सस्पेंड किया है।
अब 14 दिनों में ब्लड बैंक से सिर्फ ब्लड जारी ही किया जा सकेगा। किसी का भी ब्लड लिया नहीं जा सकेगा। इस समय बठिडा के ब्लड बैंक में सिर्फ 10-15 ही यूनिट ब्लड ही बाकी हैं। ऐसे में थैलेसीमिया के अलावा इमरजेंसी वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
35 से ज्यादा यूनिट हर रोज जारी होता था रक्त
बठिडा में कुल 80 थैलेसीमिया के मरीज हैं। इनमें से 40 मरीज प्राइवेट अस्पतालों से तो बाकी के 40 मरीज बठिडा के सिविल अस्पताल से इलाज करा रहे हैं। ऐसे में इन 40 मरीजों के अलावा इमरजेंसी वाले केसों के लिए बठिडा के ब्लड बैंक से हर रोज 35 से ज्यादा ब्लड यूनिट जारी किये जाते थे। अब हर रोज 35 से ज्यादा मरीजों व उनके वारिसों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी।
महंगे दाम में लेना पड़ रहा था ब्लड
बठिडा के सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैंक से खून न मिलने के कारण लोगों को प्राइवेट ब्लड बैंकों से खून लेना पड़ रहा था। सरकारी ब्लड बैंक में सिर्फ तीन सौ रुपये ही एक यूनिट की फीस ली जाती थी जबकि प्राइवेट ब्लड बैंक वाले इसका 1200 रुपये लेते हैं। ऐसे में प्रत्येक यूनिट के पीछे मरीजों को तीन गुना ज्यादा पैसे देने पड़ रहे थे।
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खूनदानियों के शहर में ब्लड बैंक का लाइसेंस रद
बठिडा को खूनदानियों का जिला माना जाता है क्योंकि बठिडा की युनाइटेड वेलफेयर सोसायटी,शहीद जरनैल सिंह वेलफेयर सोसायटी,आसरा वेलफेयर सोसायटी,नौजवान वेलफेयर सोसायटी,साथी वैलफेयर सोसायटी,आस वेलफेयर सोसायटी के अलावा बहुत सी ऐसी संस्थाएं हैं जो खूनदान में काम करती हैं। इसके अलावा लोग स्वेच्छा से भी खूनदान करते हैं। बठिडा को खूनदान करने में प्रदेश भर में से पहला स्थान भी कई बार मिल चुका है। अब ब्लड बैंक के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ब्लड बैंक का लाइसेंस रद हो जाने से खूनदानियों को बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही है।
बठिडा में चार मरीजों को चढ़ा दिया था एचआइवी संक्रमित खून
बठिडा के सिविल अस्पताल में अक्टूबर और नवंबर माह में थैलेसीमिया पीड़ित चार बच्चों सहित कुल पांच लोगों को एचआइवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया था।
हाजीरत्न चौक बठिंडा में लूटपाट की नीयत से किया जानलेवा हमला, छह नामजद
बठिंडा. 31 दिसंबर को तीन मोटरसाइकिल पर सवार 9 लोगों ने एक व्यक्ति से लूटपाट करने की नीयत से उसे बीच रास्ते में घेरकर जानलेवा हमला किया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। थाना कोतवाली पुलिस ने पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर छह नामजद व तीन अज्ञात समेत कुल 9 लोगों पर मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल सभी आरोपित फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस को शिकायत देकर अवतार सिंह निवासी अमरपुरा बस्ती बठिंडा ने बताया कि गत 31 दिसंबर को वह अपनी गाड़ी पर सवार होकर जा रहा था। इस दौरान तीन मोटरसाइकिल पर सवार आरोपित अजय कुमार, मनीश, दिनेश, राजू, सूरज, टिका व तीन अज्ञात निवासी बठिंडा आएं और उसे लूटपाट करने की नीयत से हाजीरत्न चौक नजदीक पेट्रोल पंप के पास रोककर उसके साथ मारपीट की और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपित मौके से फरार हो गए। मामले के जांच अधिकारी एएसआइ राजिंदर कुमार ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति द्वारा दिए गए बयानों के बाद मामले की जांच में केवल मारपीट होना सामने आया है, लेकिन लूटपाट होने की कोई भी बात सामने नहीं आई है, लेकिन पुलिस जांच कर रही है।
120 बोतल हरियाणा मार्का शराब, 150 लीटर लाहन समेत दो काबू
बठिंडा.थाना कैनाल कालोनी व सदर बठिंडा पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर 120 बोतल हरियाणा मार्का शराब, 150 लीटर लाहन, 20 लीटर देसी शराब बरामद की है। इस दाैरान पुलिस ने दो लोगों को मौके पर गिरफ्तार कर एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। थाना कैनाल कालोनी के हवलदार निर्मल सिंह के मुताबिक गत शुक्रवार को पुलिस टीम ने टी प्वाइंट बादल रोड मैहना बस्ती के पास नाकाबंदी कर रखी थी। इस दौरान पुलिस ने शक के आधार पर मोटरसाइकिल सवार आरोपित सुखविंदर सिंह निवासी बीड़ तलाब बस्ती बठिंडा को रोककर उसके सामान की तलाशी ली, तो उसके पास से 120 बोतल हरियाणा मार्का शराब बरामद हुई। पुलिस ने आरोपित काे मौके पर गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया गया। वहीं थाना सदर बठिंडा के एएसआइ कौर सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर दीपक निवासी बीड़ तलाब बस्ती के ठिकाने पर छापेमारी कर 150 लीटर लाहन व 20 लीटर अवैध देसी शराब बरामद की। पुलिस ने मौके पर आरोपित को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया गया।
नहीं रहे दलितों के मसीहा:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह का निधन; 8 बार लोकसभा सदस्य बने थे
जालंधर। दलितों के मसीहा, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता सरदार बूटा सिंह का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और अपने पीछे दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं। 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में जन्मे सरदार बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए।
नेहरू-गांधी परिवार के विश्वासपात्र रहे सरदार बूटा सिंह ने भारत सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और अन्य कार्यभार के अलावा बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण विभागों का कार्य संभाला।
बता दें कि जब 1977 में 'जनता लहर' के चलते कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से हार गई थी और इस कारण पार्टी विभाजित हो गई थी। इसके बाद सरदार बूटा सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी के एकमात्र राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कड़ी मेहनत के बाद पार्टी को 1980 में फिर से सत्ता में लाने के लिए उन्होंने अमूल्य योगदान दिया था।
जांच:मनचले सड़क पर तंग करते थे तो युवती ने फ्लाईओवर से लगाई छलांग, दोनों टांगे टूटीं
जालंधर। शहर के भीड़भाड़ वाले संविधान चौक (बीएमएसी चौक) में शुक्रवार शाम करीब 6 बजे 22 साल की लड़की ने फ्लाईओवर से छलांग लगा दी। ट्रैफिक पुलिस ने लड़की को उठाकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया। लड़की ने कहा कि उसे एक हफ्ते से लड़के तंग कर रहे थे। तंग कर उसने यह कदम उठाया है। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ. हरवीन कौर ने कहा कि लड़की की दोनों टांगें टूट गई हैं। रीढ़ की हड्डी में भी चोट लगी हो सकती है। इसलिए सीटी स्कैन करवाई जा रही है। डीसीपी गुरमीत सिंह ने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
लड़की ने किसी लड़के का नाम फिलहाल नहीं बताया है। लड़की ने बताया कि लड़के रास्ते में उसे छेड़ते थे, गालियां निकालते थे, जिस कारण वह परेशान हो गई थी। शुक्रवार को वह दफ्तर से निकली तो दो युवक उसके पीछे लग गए। एसएचओ ने पूछा कि इस बारे पुलिस या अपने परिवार को क्यों नहीं बताया तो वह फूट-फूटकर रोने लगी।
लड़की चौक में गिरी तो ट्रैफिक कम था, पुलिस ने सिविल अस्पताल पहुंचाया
संविधान चौक में ट्रैफिक विंग के एएसआई राज कुमार ने बताया कि शाम को वे अपनी टीम के साथ चौक में ड्यूटी दे रहे थे तभी देखा कि एक लड़की ने फ्लाईओवर से छलांग लगा दी। जब लड़की गिरी, तब सड़क पर ट्रैफिक नहीं था। लड़की को तुरंत अपने स्टाफ की मदद से उठा कर सिविल अस्पताल में लेकर आए। सूचना मिलने पर थाना नई बारादरी के एसएचओ रविंदर कुमार पहुंच गए। लड़की से एसएचओ ने बात की तो भावुक हो गई। लड़की ने कहा कि वह सोढल एरिया की रहने वाली है। मिलाप चौक के पास एक संस्थान में जॉब करती है।
बाइक पर करते थे पीछा
वह रुटीन में घर से दफ्तर स्कूटी पर आती थी, मगर आज पैदल ही आई थी। शाम पांच बजे छुट्टी के बाद पैदल ही निकली थी। घर जाने की बजाय वह सीधे फ्लाईओवर पर आ गई और यहां से छलांग लगा दी। एसएचओ ने लड़की से पूछा कि बेटा तुम ने ऐसा क्यों किया तो बोली-सर मुझे एक हफ्ते से 4 लड़के तंग करते थे। वे दफ्तर के बाहर से ही उसके पीछे आने लगते थे।
बठिंडा रहा सबसे ठंडा:पंजाब में 50 साल बाद ऐसी ठंड,1970 में 20 दिसंबर से 7 जनवरी तक औसत पारा 2 डिग्री पर था, इस बार भी ऐसा
पंजाब में ठंड ने 50 साल का रिकाॅर्ड ताेड़ दिया है। पिछले 5 दशक के तापमान के रिकॉर्ड के अनुसार 1970 में 20 दिसंबर से 7 जनवरी के बीच पंजाब में रात का औसत पारा 2 डिग्री पर पहुंच गया था। इस बार भी पारा ऐसा ही रहा है, औसतन 2 डिग्री के करीब पहुंच रहा है। तब भी बठिंडा सबसे ठंडा था और इस बार भी बठिंडा सबसे ठंडा है। बठिंडा में वीरवार रात का तापमान गिरकर -0.2 पर आ गया है, जबकि दिन का तापमान रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ 17.4 डिग्री रहा है। इसके अलावा माझा, मालवा और पूरे दोआबा में अगले 3 दिन कड़ाके की सर्दी पड़ने वाली है। दिन में शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा और रात को तापमान औसतन 3 डिग्री पर रहेगा। इन दिनों पंजाब में भयंकर सर्दी पड़ रही है, उसकी तुलना 1970 से की गई है।
उस साल में पंजाब में भयंकर सर्दी पड़ी थी और रात का पारा औसतन 2 डिग्री पर आ गया था, उस समय जीरो डिग्री के साथ जालंधर का कस्बा आदमपुर सबसे ठंडा था। सर्दी के चालू सीजन में भी ऐसे ही हालात बन गए हैं। फर्क केवल इतना है कि उक्त साल में 20 दिसंबर से लेकर 7 जनवरी तक लगातार शीतलहर और रात को कड़ाके की सर्दी थी। इस साल 7 जनवरी के बाद भी भयंकर सर्दी पड़ेगी।
आगे क्या... कल बूंदाबांदी के आसार
मौसम विभाग के अनुसार 2 जनवरी को पंजाब में येलो अलर्ट रहेगा यानी जो मौसम 1 जनवरी को रहा है, उसी प्रकार का माहौल 2 को भी चुनौती पैदा करेगा। मगर 3 जनवरी को पंजाब में कई जगह बूंदाबांदी हो सकती है। ताजा पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा का उच्च दबाव क्षेत्र पाक के भूभाग में बना हुआ है। पंजाब में करीब 10 जनवरी तक इसी तरह से दिन-रात शीतलहर और कड़ाके की सर्दी पड़ेगी।
-पंजाब के कई शहर- अमृतसर, लुधियाना, पटियाला हिमाचल के शिमला, कुफरी, धर्मशाला और डलहाैजी से ज्यादा ठंडे रहे। शिमला में 6.8 डिग्री रहा।
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