बठिडा: पंजाब सरकार की तरफ से अपना वादा पूरा नहीं किए जाने के रोष में नए साल के पहले ही दिन शिक्षकों ने खाली बर्तन लेकर अनोखे ढंग से अपना गुस्सा जाहिर किया। शुक्रवार को सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील व दफ्तरी कर्मचारियों द्वारा संयुक्त रूप से शहर में रोष मार्च करते हुए बठिडा-गोनियाना रोड पर स्थित वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर का घेराव किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के दफ्तर के बाहर खाली बर्तन लेकर रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी नेताओं द्वारा कुकर, बर्तन, परात, जग व थाली बजाकर कांग्रेस सरकार के चार सालों के किए जा रहे वादों पर रोष जाहिर किया।
कर्मचारियों ने हाथ में तख्तियां लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान नेताओं ने कहा कि चार वर्षों से कर्मचारी सरकार से हर अपनी मांग रखते हैं, इसके अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री कई बार मीटिग भी कर चुकी है। इसके बावजूद अभी तक उन्हें रेगुलर नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि मौजूदा शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला की तरफ से दो साल तक मीटिग में कर्मचारी को लारे लगाए जा रहे हैं। वहीं अगली केबिनेट मीटिग में दफ्तरी कर्मचारियों को पक्का कर दिया जाएगा, लेकिन जब इस संबंध में शिक्षा मंत्री से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से अनाकानी की जा रही है। सरकार द्वारा किए वादे मुताबिक युवाओं के भविष्य सुरिक्षत करने का वादा भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव के दौरान किया गया था।
वहीं सर्व शिक्षा अभियान के 8886 अध्यापकों द्वार कांग्रेस सरकार की तरफ से पक्का किया गया है। उस दौरान पंजाब सरकार की तरफ से लिखती सहमति दी गई है, लेकिन जब दस हजार दफ्तरी कर्मचारियों को पक्का करने की बात आई तो शिक्षा मंत्री व शिक्षा अधिकारी को कहने मुताबिक ऐसा पंजाब का बन रहा है। शिक्षा का भी निजीकरण किया जा रहा है। वहीं नेता राजिदर सिंह संधा, दीपक बांसल, शेर सिंह, दलजिदर सिंह, सुखविदर कौर ने कहा कि अध्यापकों को रेगुलर करने के बाद करीब ढाई वर्ष के दौरान सरकार को हर बार अपील कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती। इस कारण कर्मचारियों को संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नेताओं ने घोषणा की है कि अगर जल्दी से कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज किया जाएगा।
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