नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 50वां दिन है। और, आज ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने अपना नाम वापस ले लिया है। उन्होंने कहा है कि वह किसानों के साथ हैं। इस घटना के बाद किसानों और केंद्र के बीच बातचीत को लेकर भी सस्पेंस था। लेकिन, सरकार ने कहा है कि हम शुक्रवार को किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले कि हमें उम्मीद है कि किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत सकारात्मक होगी।
कानून वापसी तक प्रदर्शन जारी रहेगा : टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकारें 5 साल तक काम कर सकती हैं, तो किसान इतने वक्त तक प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन कमेटी से खुश नहीं हैं। हमारा प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार कानून वापस नहीं ले लेती।
15 जनवरी को यानी कल सरकार और किसानों के बीच बातचीत होनी है। किसानों ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं। लेकिन, किसान जत्थेबंदियों ने साफ किया कि वे किसी भी सूरत में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से बात नहीं करेंगे। क्योंकि, कमेटी सरकार के लिए ही काम करेगी। वहीं, एक्सपर्ट कमेटी को अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नियुक्ति संबंधी कोई पत्र नहीं मिला है।
18 जनवरी को महिलाएं प्रदर्शन करेंगी
बुधवार को दिल्ली बॉर्डर पर किसान जत्थेबंदियों की दिनभर बैठकों का दौर चला। किसान संगठनों ने दावा किया कि लोहड़ी पर पंजाब समेत पूरे देश में 20 हजार से ज्यादा जगहों पर कृषि कानूनों की कॉपी जलाई गईं। किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने बताया कि बैठक में फैसला लिया गया है कि 18 जनवरी को महिलाएं देशभर में हर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगी।
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की तैयारियां तेज
परेड को लेकर पंजाब में किसान जत्थेबंदियों के सदस्य और ग्रामीण बड़े स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं। सुबह-शाम घर-घर जाकर किसान परिवारों को जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश भर में वॉलंटियर्स की भर्ती की जा रही है। महिलाएं ट्रैक्टर चलाकर प्रैक्टिस कर रहीं हैं। दोआबा में जहां हर गांव से 10-20 ट्रैक्टर ले जाने की तैयारी है। वहीं, संगरूर के गांव भल्लरहेड़ी में फैसला लिया है कि गांव के हर परिवार का एक सदस्य दिल्ली जाएगा।