गुरदासपुर. पंजाब के सीमांत जिले गुरदासपुर में श्मशानघाट पर विकास कार्य को लेकर पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच के बीच हुए खूनी संघर्ष में दोनों की जान चली गई। दोनों कांग्रेस के नेता और चचेरे भाई थे। जिस श्मशान घाट पर काम कराने के लिए दोनों में विवाद हुआ, अब वहीं पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
मामला डेरा बाबा नानक इलाके के गांव मछराला का है। गांव के 40 साल के सरपंच मनजीत सिंह और 42 साल के पूर्व सरपंच हरदयाल सिंह आपस में चचेरे भाई है। सरपंच मनजीत सिंह द्वारा श्मशानघाट में निर्माण कार्य करवाया जा रहा था। गुरुवार सुबह उनकी चचेरे भाई हरदयाल सिंह के साथ श्मशानघाट में घंटे लगाने को लेकर नोकझोंक हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि पहले आपस में लात-घूसे चले और फिर नौबत गोलीबारी तक आ गई। इस घटना में गांव के सरपंच मनजीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हरदयाल सिंह ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। हरदयाल सिंह के बेटे साबी को भी गोली लगी है। उसे अमृतसर रेफर कर दिया गया है।
सूचना के बाद थाना डेरा बाबा नानक की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सरपंच मनजीत सिंह के शव को सिविल अस्पताल गुरदासपुर में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पूर्व सरपंच हरदयाल सिंह के शव को भी गुरदासपुर में लाया गया है।
अकाली छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की थी
हरदयाल सिंह पहले अकाली दल का समर्थक था। वह सरपंच भी रह चुका है। कुछ वक्त पहले उसने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की तरफ से पंचायत प्रबंधक की जिम्मेदारी दे दी गई। उधर, भाई पहले से कांग्रेस में था। दोनों में पहले विपक्षी पार्टी के साथ संबंध होने के कारण खींचतान चली आ रही थी। यही खींचतान अब भी जारी थी।
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