Saturday, September 26, 2020

पंजाब में कोर्ट का फैसला:आय से अधिक संपत्ति के मामले में लुधियाना कोर्ट का फैसला, सीएम और उनके बेटे के खिलाफ इंस्पेक्शन एप्लीकेशन पर रोक

लुधियाना कोर्ट में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व रणइंदर सिंह के खिलाफ चल रही इनकम टैक्स विभाग की शिकायत के मामले में एडिशनल सेशन जज अतुल कसाना ने इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की इंस्पेक्शन एप्लीकेशन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ईडी को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 1 अक्टूबर को कहा है।

बता दें कि सीजेएम पीएस कलेखा की कोर्ट में कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग ने तीन कंप्लेंट्स आय के स्त्रोत से अधिक होने के मामले में अलग-अलग धाराओं में दायर की हुई है। इन कंप्लेट्स में इनकम टैक्स विभाग ने सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज भी लगाए गए थे। जिनकी इंस्पेक्शन करने और उनकी प्रतियां देने की दरख्वास्त ईडी ने लगाई थी।

जिसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट जसबीर सिंह ने 18 सिंतबर को परमीशन दे दी और ट्रायल कोर्ट के अहलमद को आर्डर किया कि वो ईडी को 28 सितंबर को अपने रूम में अपनी सुपरवीजन में फाइल इंस्पेक्शन करने दें। इस आर्डर के खिलाफ रणइंदर सिंह ने अपने वकील के जरिए रीविजन पटिशन डाली। सुनवाई के दौरान रणइंदर के वकील ने कहा कि जो लोअर कोर्ट फाइल इंस्पेक्शन के आर्डर किया है, वो कानून ठीक नहीं। क्योंकि जो केस इनकम टैक्स विभाग द्वारा उनके खिलाफ दायर किये है। उनमें ईडी पार्टी नहीं और ईडी की एप्लीकेशन मंजूर करते वक्त उन्हें (अमरिंदर सिंह-रणइंदर) को नोटिस भी नहीं दिया। जज अतुल कसाना ने निचली कोर्ट के आर्डर पर रोक लगाई।

लक्खी ज्वैलर्स डकैती:लुटेरे सीसीटीवी में कैद, फिर भी नहीं पकड़ पाई पुलिस



गोनियाना मंडी में माल रोड पर स्थित लक्खी ज्वैलर्स में डकैती के मामले में 24 घंटे बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है। यह घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है, जिनकी फुटेज में देखा जा कसता है कि किस तरह बदमाश शोरूम में घुसकर पिस्तौल के बल पर सवा करोड़ के करीब का माल लूट ले गए।

एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क ने इस डकैती को ट्रेस करने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें बना दी हैं। पुलिस की टीमें शुक्रवार को भी दिन भर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लुटेरों की तलाश करती रहीं। लेकिन पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।नहियांवाला थाना के एसएचओ बूटा सिंह ने बताया कि एसएसपी बठिंडा के निर्देश पर पुलिस की अलग-अलग टीमें इस केस को ट्रेस करने में लगी हुई हैं।

ट्रैफिक थानेदार की तरफ से सोनू महेश्वरी के साथ दु‌र्व्यहार से समाजसेवी संस्थाएं नाराज


 

बठिडा : कोरोना संक्रमण के दौरान प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महत्वपूर्ण सेवा निभाने वाली संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सोनू महेश्वरी के साथ विगत दिनों ट्रैफिक थानेदार द्वारा किये गए दु‌र्व्यवहार को लेकर संस्थाओं, व्यपारियों, वकीलों में रोष है। इसे लेकर सभी सक्रिय संस्थाओं के सांझे मंच एसोसिएशन ऑफ एक्टिव एनजीओज 'आन' द्वारा कड़ी निदा प्रस्ताव पास किया गया। 


आन के चीफ कोऑर्डिनेटर जीवा राम गोयल ने कहा कि समाज के लिए चौबीस घंटे समर्पित रहने वाली संस्था के प्रधान के साथ पुलिस का अमानवीय व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। जबकि उक्त घटना के समय 10 महीने से लापता व्यक्ति की तलाश में पीड़ित परिवार गाजियाबाद से संस्था के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचा था। लेकिन बाजार में जगह न मिलने के चलते नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को विवश हुआ और जिसे ट्रैफिफ पुलिस नो पार्किंग के चालान की बजाय जबरदस्ती उठाने लगी। इसे लेकर गाड़ी को टो की बजाय नो पार्किंग के चालान काटने को लेकर संस्था प्रधान द्वारा पुलिस से अपील की गई। लेकिन उक्त थानेदार द्वारा अपनी वर्दी की धौंस दिखाते हुए नौजवान सोसायटी के प्रधान के साथ बदतमीजी की। 



आन के कोऑर्डिनेटर संदीप अग्रवाल व गोबिद महेश्वरी ने कहा कि पुलिस कर्मी का रवैया शर्मसार करने वाला है। सभी संस्थायों जीवन ज्योति वेल्फेयर क्लब, श्री हनुमान सेवा समिति, वृद्ध आश्रम, ट्रस्ट मन्दिर श्री राम चन्द्र, श्री साई सेवा दल, श्री गणेश वेल्फेयर सोसायटी, श्री हिंदू तख्त, आस वेल्फेयर सोसायटी, अखिल अग्रवाल परिवार सभा, श्री बाला जी नवयुवक सोसायटी, महिला पतंजलि योग समिति, लोक सेवा समिति रामा मंडी, यूनाइटेड वेल्फेयर सोसायटी, पीरखाना कमेटी, एनिमल केयर मिशन, परिवार वेल्फेयर सोसायटी, नौजवान सोसायटी मौड़मंडी, अलायंस क्लब, शिव शक्ति योग मिशन, श्री साई प्रचार मंडल ने एक सुर में कहा कि अगर पुलिस प्रशासन ने उक्त थानेदार पर कार्रवाई नहीं की तो मजबूरन सोमवार को संघर्ष की राह अपनानी होगी। पूर्ण तौर पर पुलिस का सामाजिक बहिष्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, पुलिस के इस रवैये पर श्री गोशाला सचिव साधु राम कुशला, एडवोकेट सुरजीत ढिल्लों, मुकेश कुमार सहित समाजहितैषी लोगों ने अपना विरोध जताया।

कोरोना वायरस से संक्रमित एक फौजी की मौत, 18 सैनिक सहित 60 केस पोजटिव


 

बठिंडा. जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को जहां सैनिक छावनी में 18 सैनिक व कर्मी कोरोना पोजटिव मिले वही एक सैनिक की मौत हो गई। वही 60 नए कोरोना पोजटिव केस सामने आए है। 47 साल के सैनिक का बठिंडा में नौजवान वैलफेयर सोसायटी की रहनुमाई में अंतिम संस्कार किया गया जिसमें सैनिक की पत्नी ने शव को मुख्ग्नि दी। मृतक जवान की पहचान ध्यानी गुप्ता के तौर पर हुई है जो डायबीटिज टाइप टू से ग्रस्त थे व पिछले कुछ दिनों से सास लेने की दिक्कत का सामना कर रहे थे। 

इसके चलते उन्हें जांच के लिए सिविल अस्पताल लाया गया जहां कोरोना की पुष्टी के बाद सैनिक अस्पताल में उपचाराधीन थे जहां शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गई। सैनिक की मृत्यु के बाद प्रशासन द्वारा सूचना मिलने पर समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा की टीम मौके पर मिल्ट्री अस्पताल पहुंची तथा मृतक देह को शमशान भूमि पहुंचाया। जहां संस्था के सदस्यों राकेश जिंदल, जसकरन रॉयल, निर्भय सिंह सोनू माहेश्वरी ने तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ की अगुवाई में मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स डालकर कर दिया। इस मौके पर मृतक की पत्नी में मृतक फौजी जवान की चिता को अग्नि भेंट की। उन्होंने बताया कि मृतक डायबिटीज से भी पीड़ित था। वही दूसरी तरफ जिले में 114 लोगों की कोरोना से मौत हुई है जबकि अकेले सितंबर माह में ही 71 लोग कोरोना का शिकार होकर मौत के मुंह में जा चुके हैं।

वर्तमान में जिला व आर्मी प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण सैनिक छावनी में निरंतर बढ़ रहे कोरोना पोजटिव केस है। गत शुक्रवार को जहां कैंट क्षेत्र में 27 के करीब केस सामने आए वही शनिवार को बी 18 कोरोना पोजटिव केस इसी क्षेत्र से मिले हैं। पिछले तीन माह में सैनिक चावनी व भिसियाना एयरफोर्स क्षेत्र में डेढ़ सौ के करीब लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। इसके आलावा सेंट्रल जेल में सात, कोटफत्ता में एक, आदेश में एक, रामपुरा टाउन में एक, भुच्चों मंडी में क, माडल टाउन फेस तीन में क, आवा बस्ती में एक, शहीद भगत सिंह नगर गली नंबर 9 में एक, शक्ति नगर में एक, गुरु गोबिंद सिंह नगर गली नंबर 9 में एक, जुझार सिंह नगर गली नंबर 4 में एक, बसंत बिहार गली नंबर 5 में एक, खोवाली मुक्तसर में एक, सुच्चा सिंह नगर में दो, बठिंडा शहरी में एक, गोनियाना मंडी में दो, ग्रीन सिटी फेस तीन में एक, नथाना में एक, दियालपुरा में एक, जीतमल रोड रामपुरा में एक, दाना मंडी में दो, हंस नगर गली नंबर दो में दो, जवाहर मेडिकल हाल में एक, बठिंडा शहरी क्षेत्र में एक, एनसीसी कंपनी एम्स में एक, संगत में एक, अजीत रोड गली नंबर 13 में एक, दीपगढ़ बरनाला में एक, जनता नगर में एक, घुम्मन कला में एक, कोटकपूरा में एक व तपा मंडी में एक कोरोना पोजटिव केस सामने आया है।

डीडीआरसी सेंटर में आक्सोमीटर व थर्मामीटर को लेकर समस्या

कोविड मरीजों को लिए जिला प्रशासन की तरफ से बनाए गए डीडीआरसी सेंटर में मरीजों को फिलहाल आक्सोमीटर व थर्मामीटर नहीं मिलने से परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रशासन की तरफ से रेडक्रास सोसायटी की तरफ से दी जाने वाली कीट उक्त मरीजों के साथ घरों में आइसोलेट होने वाले लोगों के लिए उपलब्ध करवाई गई है लेकिन उक्त कीट के संबंध में समुचित जानकारी नहीं होने के चलते मरीज बाजार से 2200 से 2500 रुपए खर्च कर इनकी खरीद कर रहे हैं। वही रेडक्रास सोसायटी की तरफ से दी जाने वाली कीट की कीमत केवल 1100 रुपए रखी गई है इसमें आक्सोमीटर, थर्मामीटर, इम्यूनिटी बूस्टर के लिए वीटामीन सी, जिंक सल्फेट व मल्टीविटामन के साथ बुखार के लिए पेरासिटामोल दवा का 15 दिन का कोर्स दिया जाता है। इसके विपरित बाजार में आक्सोमीटर व थर्मामीटर के ही 2200 रुपए वसूल किए जा रहे हैं जबकि विटामीन सी का 15 गोलियों का पैकेट 35 रुपए तो जिंक का 10 गोलियों का पैकेट 45 रुपए में दिया जा रहा है। इस तरह से दवा साथ में लेने पर मरीज 2500 से ऊपर की राशि अपनी जेब से खर्च करने पर मजबूर होता है। फिलहाल डीडीआरसी सेंटर में तैनात कर्मी भी मरीज व उनके परिजनों को इस बाबत जानकारी नहीं दे रहे हैं व कहा जा रहा है कि वह कही से भी इसकी खरीद कर ले। इसी तरह सेंटर में दाखिल होने वाले 60 साल से ऊपर के मरीज व अधिक बीमार लोगों की देखरेख के लिए सेंटर में उनके परिजनों को भी मौखिक अनुमति दी जा रही है जिससे मरीज के परिजन मात्र मास्क के सहारे ही सेंटर में मरीज के साथ रह रहे हैं व कई बार घरेलु काम से वह घर भी जा रहे हैं जिससे दूसरे व्यक्ति को इफेक्शन फैलने व वायरस का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।     

 

 

Wednesday, September 23, 2020

MSP पर घमासान के बीच मोदी सरकार ने किसानों को भेजा मैसेज, जानिए इसमें क्या है?



 नई दिल्ली. नए कृषि कानून पर हो रहे हंगामे के बीच मोदी सरकार (Modi Government) ने देश के करीब 11 करोड़ किसानों को एक खास संदेश भेजा है. यह संदेश न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से जुड़ा हुआ है. इस संदेश में रबी सीजन 2020-21 के लिए घोषित एमएसपी का पूरा ब्योरा दिया गया है. बताया गया है कि पहले किस उपज का कितना दाम था और अब कितना हो गया है. कृषि मंत्रालय के कुछ अधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को सीधे उनके मोबाइल पर मैसेज भेजने से शायद आम किसान (Farmers) थोड़ा नरम पड़ेगा और विपक्ष की कोशिश के बावजूद पीएम मोदी की इमेज एंटी फार्मर नहीं बनने पाएगी.

दरअसल, इस समय कुछ विपक्षी दल और किसान संगठन कह रहे हैं कि कृषि कानून की वजह से किसानों को एमएसपी नहीं मिल पाएगा. इसे लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 25 सितंबर को भारत बंद बुलाया है. सारा झगड़ा एमएसपी को लेकर हो रहा है. पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM kisan samman nidhi scheme) के तहत देश में करीब 11 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं. इसलिए सरकार को इन किसानों के पास अपना कोई भी संदेश भेजना काफी आसान हो गया है.

केंद्रीय कृषि मंत्री का संदेश

  • किसानों को भेजे गए एसएमएस में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि सरकार ने रबी 2020-21 के लिए MSP घोषित कर दी है.
  • गेहूं का समर्थन मूल्य 50 रुपए बढ़ाकर 1975, जौ का 75 रुपए बढ़ाकर 1600, चने का 225 रुपए बढ़ाकर 5100 प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
  • इसी तरह मसूर का एमएसपी 300 रुपए बढ़ाकर 5100, सरसों का 225 रुपए बढ़ाकर 4650 तथा कुसुम्भ (Safflower) में 112 की वृद्धि करके 5327 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

सरकार ने 2021-22 में किस फसल की कितनी बताई लागत

केंद्र सरकार ने बताया है कि प्रति क्विंटल गेहूं पैदा करने में किसान की लागत 960 रुपये, जौ में 971, चना में 2866, मसूर में 2864, सरसों में 2415 और कुसुम्भ में 3551 रुपये की लागत आती है. लागत के मुताबिक सबसे अधिक 106 फीसदी की वृद्धि गेहूं के रेट में की गई है. इस लागम में सभी भुगतान शामिल हैं. जैसे किराया, मानव श्रम, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टा भूमि के लिए दिया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई व्यय, उपकरणों और फार्म भवनों का मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सैटों आदि को चलाने के लिए डीजल/बिजली एवं पारिवारिक श्रम का मूल्य.

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कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एकजुट हुए



  • संसद में हाल ही में पास हुए तीन कृषि विधेयकों (Three Farm Bills) के लिए केंद्र सरकार को पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) के किसानों की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ा है. 
  • इतना ही नहीं NDA के सबसे पुराने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सांसद और मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए मंत्रिमंडल (Ministry) से इस्तीफा भी दे दिया था.


 चंडीगढ़. कृषि विधेयकों (Farm Bills) के विरोध में 25 सितंबर को पंजाब बंद (Punjab Bandh) का आयोजन किसान संगठनों (Farmer Organisations) की ओर से किया गया है. इसके लिए 31 किसान संगठन एक साथ आने के लिए तैयार हुए हैं. 25 तारीख के बंद का आह्वान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (All India Kisan Sangrash Coordination Committee) की ओर से किया गया है. इस संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों (representatives) ने शनिवार को ही मोगा में एक बैठक की थी. किसान मजदूर संघर्ष समिति (Kisan Mazdoor Sangharsh Samiti) ने पहले ही 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन (Stop the Rail movement) का आह्वान किया हुआ है.

क्रांतिकारी किसान यूनियन (Revolutionary Farmers Union) के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब बंद (Punjab Bandh) को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हैं. बता दें कि संसद में हाल ही में पास हुए तीन कृषि विधेयकों (Three Farm Bills) के लिए केंद्र सरकार को पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) के किसानों की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ा है. इतना ही नहीं NDA के सबसे पुराने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सांसद और मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए मंत्रिमंडल (Ministry) से इस्तीफा भी दे दिया था.

किसानों के 25 सितंबर के पंजाब बंद के आह्वान को समर्थन देगा आम आदमी पार्टी
वहीं पंजाब में मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 25 सितंबर के किसानों के राज्यव्यापी बंद का समर्थन करने की घोषणा की है. कृषि संबंधी तीन विधेयकों के खिलाफ किसानों के बुलाये बंद के बारे में आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने कृषि विरोधी कानून के खिलाफ किसानों के 25 सितंबर के राज्य व्यापी बंद के आह्वान का पूर्ण समर्थन करने की घोषणा की है.' देश के कई हिस्सों उठ रहीं बिल के विरोधों के आवाज के बीच भी केंद्र सरकार इस मसले पर अडिग बनी हुई है.

 
 

बठिंडा में एक माह में आक्सीजन की मांग पांच गुणा बढ़ी, सप्लाई हुई दुरुस्त पर कोविड मरीजों के लिए रखा वेंल्टीनेंटर चलाने वाले डाक्टर व माहिर नहीं

 


सरकारी अस्पताल में पांच से बढ़कर मांग हुई 25 तो प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 200 सिलेंडरों की खपत

-गोबिंदगढ़ में लगे प्लाट से होगा मांग के अनुरुप सप्लाई, सरकार ने किया समझौता 

बठिंडा. कोरोना पोजटिव केसों की बढ़ती संख्या के बाद सेहत सुविधाओं को लेकर भी सेहत विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है। वर्तमान में सबसे ज्यादा समस्या आक्सीजन सिलेंडरों को लेकर आ रही है। 20 अगस्त से लेकर सितंबर में अब तक कोरोना मरीजों की तादाद पांच हजार के नजदीक पहुंचने वाली है। इस स्थिति में जहां पहले प्रतिदिन सिविल अस्पताल में पांच बड़े सिलेंडरों की खपत थी वही अब यह बढ़कर प्रतिदिन 25 पहुंच गई है। यही स्थिति प्राइवेट अस्पतालों की है जिसमें 50 से बढ़कर सिलेंडरों की तादाद 200 सिलेंडर प्रतिदिन पहुंच गई है। वही छोटे सिलेंडरों की खपत में अभी किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है। फिलहाल राज्य सरकार ने इस बाबत निरंतर बढ़ रही आक्सीजन सिलेंडरों की मांग के मद्देनजर गोबिंदगढ़ में हाल ही में शुरू हुए गैस प्लाट से समजौता कर सप्लाई को दुरुस्त करने का दावा किया है जहां से प्रतिदिन 200 सिलेंडरों की सप्लाई मिलने की उम्मीद है। इसमें राहत वाली बात यह है कि उक्त सिलेंडरों की कीमत बाजार में वर्तमान मूल्य पर ही मिलेगी। इससे आक्सीजन को लेकर काला बाजारी पर भी पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है। 

जिले में वर्तमान समय में कोरोना मरीजों के पहले तीन लेबल में उपचार व देखरेख की समुचित व्यवस्था है लेकिन चौथे लेबल जिसमें मरीज को सास लेने में सर्वाधिक दिक्कत का सामना करना पड़ता है व फेफड़ों को आक्सीजन के साथ वेंटीलेंटर की जरूरत पड़ती है की स्थिति में परिजनों को प्राइवेट अस्पताल या फिर शहर से बाहर की तरफ रुख करना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल में एक वेंलटीलेंटर की व्यवस्था कर रखी है लेकिन इसे चलाने के लिए सिविल प्रशासन के पास स्टाफ की कमी है। इस तरह से लाखों रुपए की मशीन सिर्फ सफेद हाथी बनकर रह गई है। साल 2005 में भी अस्पताल में वेंल्टीलेटर की व्यवस्था थी लेकिन इसे चलाने के लिए डाक्टर व स्टाफ नहीं होने से वह कुछ साल बाद कबाड़ में तबदील हो गया था व अब फिर से वही स्थिति फिर से पैदा हो रही है। कोविड काल में मरीजो के लिए संजीवनी का काम करने वाली उक्त मशीन को संचालित करने की तरफ न तो जिला व न ही सेहत प्रशासन ने आज तक दिलचस्पी दिखाई है बल्कि कागजी कारर्वाई के तहत समय-समय पर सेहत निगम को पत्र व्यवहार कर कर्मी देने की बात जरूर की जा रही है। 

वही दूसरी तरफ सरकार एक तरफ राज्य में आक्सीजन की प्रार्याप्त मात्रा होने का दावा कर रही है वही दूसरी तरफ सरकार ने इसकी मांग बढ़ने व काला बाजारी को रोकने के लिए सख्त हिदायते जारी कर आक्सीजन बचाने के लिए टिप्स पर गौर करने व इसे सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में सख्ती से लागू करने के आदेश पिछले दिनों दिए थे। सरकार का ध्यान गैस की बर्बादी को रोकने पर है। आम तौर पर रिपोर्ट मिल रही थी कि सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लाटों व सप्लाई लाइनों में आए दिन फाल्ट व लीकेज के कारण भारी तादाद में आक्सीजन की बर्बादी हो रही है वही कई डाक्टरों को व उनके साथ जुड़े सहायकों को आक्सीजन देने संबंधी स्पष्ट हिदायते नहीं थी जिससे एक मरीज को जरूरत से ज्यादा आक्सीजन दी जा रही थी। ज्यादा आक्सीजन देने का नुकसान तो कई नहीं है लेकिन इसमें बर्बादी ज्यादा हो रही थी। सरकार का मानना है कि अगर गाइडलाइन को सख्ती से लागू करे जहां एक जिले में प्रतिदिन 300 सिलेंडर की खप्त है वह कम होकर दो सौ तक पहुंच सकती है व आक्सीजन की कमी के साथ काला बाजारी को रोका जा सकता है। फिलहाल राज्य सरकार ने विभिन्न स्थानों में आए दिन बढ़ रहे कोरोना पोजटिव केसों के चलते आक्सीजन की सप्लाई को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें जहां आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए हिदायते दी गई है वही दावा किया गया है कि राज्य में आक्सीजन सिलेंडरों की किसी तरह की कमी नहीं है बल्कि जिन स्थानों में बढ़ते मरीजों की ताताद के अनुसार जरूरत बढ़ती है तो तीन सदस्यों की कमेटी इस बाबत सप्लाई को दुरुस्त करने का काम करेगी। इस कमेटी में सरकारी मेडिकल कालेज पटियाला के डा. हरदीप बराड़, सरकारी मेडिकल कालेज फरीदकोट के डा. गुरकिरण कौर, सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर के गगनदीप कौर को शामिल किया गया है। इस कमेटी की तरफ से सबी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों को आक्सीजन के इस्तेमाल को लेकर भी हिदायतें जारी की गई है। इन हिदायतों के तहत कोविड-19 के ऐसे मरीज जो कमरे की हवा पर 94 फीसदी से अधिक आक्सीजन हासिल कर रहा है तो उन्हें चिकित्सक की सलाह पर आक्सीजन देने की जरूरत नहीं बल्कि एंटीवाय़रल उपचार ही दिया जाए। वही जिन मरीजों का लेबल 90 से 94 के बीच कम व बढ़ रहा है तो उन्हें केवल पांच मिनट तक नाक से आक्सीजन दे तो आक्सीजन की 40 फीसदी एफआई02 की बचत की जा सकती है। आक्सीजन के प्रेसर में पांच एल प्रति मिनट के दौरान बढ़ोतरी नही करे। 90 फीसदी से कम वाले केस में नाक से आक्सीजन देते एफआईएल-2 को 60 फीसदी तक प्राप्त करने के लिए 6एल प्रति मिनट और प्रवाह दर 10 एल प्रति मिनट तक बढ़ाया जा सकता है। इस तरह  प्रवाह दर में वृद्धि 10एल प्रति मिनट तक न करे।  वेंचुरी मास्क का उपयोग न करें क्योंकि इसके लिए अधिक ऑक्सीजन प्रवाह दर की आवश्यकता होती है। फिलहाल कमेटी ने आक्सीजन की बर्बादी को रोकने के लिए इस्तेमाल नहीं करने पर रेगुलेटर से पूरी तरह बंद कर लाक करने, समय-समय पर आक्सीजन की पाइपों की जांच करवाने ताकि आक्सीजन की बर्बादी न हो सके जैसी हिदायतों की सख्ती से पालना करने के लिए कहा गया है.

इसके पीछे बड़ा कारण यह भी है कि विभिन्न शहर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर में रोजाना औसतन 120 से 150 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। वर्तमान में जिले के अंदर 4820 पॉजिटिव केस आ चुके हैं। इसमें 1115 एक्टिव केस है। इसमें 40 से 50 मरीज 65 साल से अधिक उम्र वाले मरीज आ रहे है, जिन्हें आक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ रही हैं। ऐसे में कोरोना के मरीज बढ़ने से शहर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में 50 फीसदी आक्सीजन सिलेंडरों की मांग बढ़ गई है। कोरोना काल में पॉजिटिव मिल रहे हैं और इस वायरस का असर फेफड़ों पर ही सबसे ज्यादा पड़ता है। लिहाजा सांस की तकलीफ होने पर ऑक्सीजन की जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है। अब हालात ये हैं कि पहले जिले के विभिन्न अस्पतालों में हर रोज आक्सीजन की 100 सिलेंडर की खपत थी, जोकि अब बढ़कर 300 तक पहुंच गई है। यह डिमांड पिछले दो माह में से बढ़ी है, चूकिं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ रही है। एक दम आक्सीजन की डिमांड बढ़ने से इसकी बिक्री करने वाले व्यापारियों के पास आर्डर की डिमांड बढ़ गई हैं, वहीं डिमांड अनुसार इसकी सप्लाई नहीं मिलने के कारण इसके रेटों में दोगुणा इजाफा हो गया हैं।


कांग्रेस के प्रदेश प्रधान जाखड़ ने अकाली दल को कुर्बानी वाली पार्टी कहां तो सुखबीर बादल पर जमकर बरसे



-सुखबीर बादल ने संसद में किसानों की आवाज को दबाकर उनके पक्ष को किया कमजोर-सुनील जाखड़

-बठिंडा में हादसे में एक किसान की मौत व 50 लोगों के घायल होने पर हालचाल पूछने पहुंचे थे जाखड़ व मनप्रीत 

बठिंडा. पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील कुमार जाखड़ ने बठिंडा में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व सांसद सुखबीर सिंह बादल पर हमला बोलते कहा कि उन्होंने केंद्र के सामने किसानों के मुद्दे को कमजोर किया व उनकी जायज मांगों से मुंह मोड़ा। वर्तमान में वह सांसद हरसिमरत कौर बादल को केबिनेट से त्यागपत्र देने की बात कर फिर से किसानों को गुमराह करने में लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सुखबीर बादल ने 15 सितंबर को कृषि आर्डिनेस बिल को राज्य सभा में पेश करते समय सोची समझी चाल के तहत सियासी ड्रामा किया। इसमें मिल के मसौदे से लेकर उसे सदन में रखने तक उशका समर्थन किया व जब बिल पास होने की बात आई तो विरोध कर किसानों को कहने लगे कि उन्होंने सदन व सरकार के सामने उनकी बात रखी। इस चाल को किसान व पंजाब के लोग अच्छी तरह से समझते हैं। सुनील जाखड़ बुधवार को बठिंडा में गत दिवस रात के समय हुए हादसे में मरे एक किसान के परिजनों को मेलने के साथ अस्पताल में उपचार करा रहे किसानों का हालचाल पूछने के लिए पहुंचे थे व इस दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। सुनील जाखड़ के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी हाजिर रहे। 



सुनील जाखड़ ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का इतिहास संघर्ष व कुर्बानी से भरा रहा है लेकिन वर्तमान में संगठन के अग्रणी कहलवाने वाले सुखबीर बादल इसके सिद्धांतों को भूलकर लोगों को गुमराह कर पंजाब के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं। पूरा पंजाब एक होकर केंद्र के खेती बिल का विरोध कर रहे हैं लेकिन सुखबीर बादल कह रहे हैं कि वह अभी इस मामले में विचार करेंगे कि वह बिल का विरोध करने वालों के साथ संघर्ष करेंगे या फिर अकेले ही लड़ेगे। इससे उनकी दोगुली नीति का भी पर्दाफाश होता है। अकाल तख्त साहिब में माथा टेककर आंदोलन की शुरूआत करने के मामले में सुनील जाखड़ ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा से ही अकाल तख्त की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। पहले मंत्री बनने पर अकाल तख्त में माथा टेकने की बात हरसिमरत कौर बादल ने की लेकिन वह अकाल तख्त से पहले मोदी के यहां माथा टेकने लगे वही बरगाड़ी काड में श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी पर माफी मांगने अकाल तख्त पर गए वहां भी गुप्त माफी मांगकर आ गए। उन्होंने कहा कि किसान बिल के विरोध को लेकर कांग्रेस का स्टेंड क्लीयर है व उनकी पार्टी पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है व उनके हर संघर्ष में साथ देगी।  

गौरतलब है कि गत मंगलवार को रात बादल रोड पर गांव बादल से किसानों को लेकर मानसा के गांव किशनगढ़ जा रही एक बस रोड पर खड़े ट्राले से पीछे से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में बस में सवार एक किसान की मौत हो गई व 50 के करीब किसान घायल हो गए इसमें 15 गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हादसे में घायल किसानों को आसपास से गुजर रही गाड़ियों ने बठिंडा के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया। जहां से गंभीर हालत में किसानों को प्राइवेट अस्पताल में रैफर कर दिया गया। मृतक किसान की पहचान 60 साल के मुख्तियार सिंह वासी किशनगढ़ बरेटा जिला मानसा के तौर पर हुई है। कृषि ऑर्डिनेंस के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल में पिछले आठ दिनों से धरने पर बैठे किसानों का मंगलवार देर शाम धरना समाप्त कर दिया गया था और सभी किसान अपने-अपने संसाधनों के जरिए वापस लौट रहे थे। 50 किसानों से भरी एक प्राइवेट बस बादल रोड पर खड़े ट्राले से पीछे से टकरा गई। घटना में बस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई जबकि बस में आगे सवार 15 के करीब किसान जख्मी हो गए जिनको तुरंत सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। डीएसपी (ग्रामीण) दविंदर सिंह ने बताया बादल रोड पर दो ट्राले सड़क के बीच खड़े थे, वही गांव बादल से आ रही किसानों से भरी बस अचानक एक ट्राले से पीछे से टकरा गई जिससे यह हादसा हुआ।

पुलिस मामले की जांच कर रही है। घायल किसानों की पहचान काका सिंह निवासी किशनगढ़ मानसा, निर्मल सिंह निवासी गांव किशनगढ़, वजीर सिंह निवासी किशनगढ़, मौजा सिंह निवासी किशनगढ़, जेठू दास वासी किशनगढ़, मौदा सिंह बांसी किशनगढ़, धर्म सिंह बांसी किशनगढ़, निर्मल सिंह वासी किशनगढ़, अमरजीत सिंह निवासी किशनगढ़, बलविंदर सिंह निवासी किशनगढ़ बूटा सिंह वासी किशनगढ़ जगजीत सिंह वासी किशनगढ़ बलकार सिंह वासी किशनगढ़ जिला मानसा के तौर पर हुई है।

 घायल किसानों का वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील कुमार जाखड़ ने हालचाल पूछा वही सेहत विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारियों को हिदायते दी कि वह घायल किसानों को हर तरह की मेडिकल सुविदा प्रदान करे। इस मौके पर डीसी बी श्रीनिवासन, एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क भी हाजिर रहे। 



बठिंडा क्राइम डायरी-पंचवटी नगर वासी तीन लोगों ने जमीन अधिग्रहण की राशि एसडीएम दफ्तर से धोखाधड़ी कर जाली खाता बनाकर हड़पी



बठिंडा. जमीन संबंधी खरीद परोख्त को लेकर एसडीएम दफ्तर में आई राशि को हासिल करने के लिए तीन लोगों ने जाली दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता खुलवाकर एक व्यक्ति के हिस्से की करीब दो लाख 73 हजार 740 रुपए की राशि धोखे से अपने नाम करवा ली। इस मामले में सिविल लाइन पुलिस थाने में माडल टाउन वासी अलका सूद ने लिखित शिकायत दी थी। मामले में ईओ विंग की तरफ से करवाई जांच में लगाए गए आरोप सही पाए जाने पर एक ही परिवार के तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अलका सूद ने शिकायत में बताया कि एक जमीन अधिग्रहण को लेकर करीब दो लाख 73 हजार 740 रुपए की राशि एसडीएम दफ्तर की तरफ से उनके नाम चैक जारी कर दी जानी थी। इसमें पंचवटी नगर नजदीक मित्तल माल में रहने वाले यशपाल, उसकी पत्नी रेखा रानी व पुत्री छवि सिंगला ने साजिश के तहत एसडीएम दफ्तर से धोखा कर चैक हासिल कर लिया वही चैक में उसका नाम था जिसके चलते उक्त लोगों ने चैक को क्लियर करवाने के लिए कैनरा बैक में उसके नाम का जाली खाता खुलवाकर व जाली हस्ताक्षर कर उसके खाते में लगाए चैंक की राशि धोखे से हासिल कर ली। मामले की जानकारी उन्हें उस समय मिली जब उक्त राशि के संबंध में उन्होंने एसडीएम दफ्तर से संपर्क किया। वहं बताया गया कि उनका चैक जारी कर दिया गया है व इसमें राशि भी निकाल ली गई है। मामले की जांच करने के बाद पूरी धोखाधड़ी सामने आई व इसमें तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करवाया गया है। मामले में पुलिस ने अबी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।

पुरानी रंजिश में दो स्थानों में हुए झगड़े में 17 लोगों के खिलाफ दर्ज किया केस

बठिंडा. पुलिस ने पुरानी रंजिश में मारपीट कर घायल करने वाले दो मामलों में 17 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पहले मामले में नंदगढ़ पुलिस के पास लखविंदर सिंह वासी गांव रायके कला ने शिकायत दर्ज करवाई कि गांव रायके कलां में उनका जगदीश सिंह, नवदीप सिंह, दग्गू सिंह, दिपू सिंह, पाली सिंह, खुशदीप सिंह के साथ पुराना झगड़ा चल रहा था। इसी रंजिश में उक्त लोगों ने तीन अन्य साथियों के साथ गत दिवस उनके घर में दाखिल होकर उसके साथ मारपीट की व गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। मामले में पुलिस ने घायल व्यक्ति के बयान दर्ज कर केस दर्ज कर लिया है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। दूसरे मामले में सिविल लाइन पुलिस के पास विजय कुमार वासी गणेशा बस्ती ने लिखित शिकायत दर्ज करवाई कि करण ठाकुर, राम लाल वासी गणेशा बस्ती ने पुरानी रंजिश में छह अन्य साथियों को साथ लेकर उसके घर में दाखिल हो उसके साथ मारपीट की व गंभीर रूप से जख्मी कर फरार हो गए। पुलिस ने उक्त सभी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
केंद्रीय जेल में बंद हवालाती से फिर मिला मोबाइल फोन, केस दर्ज
बठिंडा, 23 सितंबर(जोशी). केंद्रीय जेल बठिंडा में पिछले कुछ दिनों से लगातार कैदियों से मोबाइल फोन मिलने का सिलसिला जारी है। बुधवार को भी कैट पुलिस थाना के पास जेल प्रबंधन की तरफ से लिखित शिकायत दी गई है। इसमें सहायक जेल सुपरिटेंडेंट बिंदर सिंह ने कहा गया है कि जेल में बंद हवालाती अकाशप्रीत सिंह वासी भिखी मानसा के बैरक की गत दिवस जांच की गई तो उसके पास एक मोबाइल फोन, रिचार्ज व सिमकार्ड बरामद किया गया। आरोपी हवालाती के खिलाफ जेल मैनुयल के नियमों की अवहेलना करने के मामले में केस दर्ज कर लिया गया है वही जांच की जा रही है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद जेल में हवालाती तक मोबाइल फोन कैसे पहुंच रहे हैं।

जिले में भुक्की, अवैध शराब व नशीली गोलियों की तस्करी करने वाले 15 लोगों पर केस, 13 गिरफ्तार

बठिंडा. जिला पुलिस ने नशा, अवैध शराब व नशीली दवाईयों की तस्करी करने वाले 15 लोगों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज कर 13 लोगों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। जानकारी अनुसार थाना सदर पुलिस के सहायक थानेदार लाभ सिंह ने बताया कि संदीप सिंह वासी हरीनो जिला फरीदकोट, राजदीप कौर वासी कोटकपूरा से 20 किलोग्राम भुक्की चूरा पोस्त उस समय जब्त की गई जब दोनों एक मोटरसाइकिल में सवार होकर गांव जोधपुर रोमाणा के पास से आ रहे थे। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सदर बठिंडा पुलिस के सहायक थानेदार जरनैल सिंह ने बताया कि बलजिंदर सिंह वासी बरनाला, बलविंदर सिंह वासी गिल कलां, मंगल सिंह वासी राजस्थान एक ट्रक में साजों सामान लेकर आ रहे थे। शक के आधार पर जांच करने पर उक्त लोगों के पास से 5500 नशीली गोलियां गांव जोधपुर रोमाणा के पास से बरामद की गई। आरोपी बलजिंदर सिंह व बलविंदर सिंह को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया है। नथाना पुलिस के एसआई कृष्ण सिंह ने बताया कि बादल सिंह वासी चक्क राम सिंह वाला को चक्क फतेह सिंह वाला के पास शक के आधार पर रोककर तलाशी ली गई तो उसके पास एक किलो डोडा पोस्त मिला जिसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। इसी तरह फूल पुलिस के सहायक थानेदार सुखमंदर सिंह ने बताया कि भुपिंदर सिंह वासी भाईरूपा से सात बोतल अवैध शराब बरामद की गई जिसे गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। सदर रामपुरा पुलिस के सहायक थानेदार गुरमेल सिंह ने बताया कि अक्षित डावर, अभिषेक ग्रोवर वासी श्री मुक्तसर साहिब को गांव जिओद के पास ब्रिजा गाड़ी में तलाशी के लिए रोका गया तो उक्त लोगों के पास से 24 बोतल ठेका शराब अंग्रेजी मार्का बरामद की गई। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जमानत दे दी गई। रामा पुलिस थाना के सहायक थानेदार गुरप्रीत सिंह ने बताया कि गुरजंट सिंह वासी कोटकपूरा, पप्पू ठेकेदार, सतपाल ठेकेदार वासी जगमालवाली जिला सिरसा, सुखविंदर सिंह वासी कोटकपूरा को ओपटरा कार जिसमें जाली नंबर प्लेट लगा रखी थी को रोककर जांच की गई तो उनके पास 540 बोतल हरियाणा मार्का शराब बरामद की गई। इसमें गुरजंच सिंह को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अन्य लोग फरार हो गए। संगत पुलिस के सहायक थानेदार हरिंदर सिंह ने बताया कि सुरजीत सिंह, बलबीर सिंह वासी सुखपुरा जिला बरनाला को एक कैंटर में गुरुसर सैनेवाला के पास रोककर तलाशी ली गई तो उनके पास 20 किलो भुक्की चूरा पोस्त बरामद की गई जिसे वह आगे तस्करी करने के लिए लाए थे। आरोपियों को पुलिस ने मौके पर गिरफ्तार कर लिया है।

दहेज के लिए प्रताड़ित कर साजों सामान कब्जाने वाले तीन लोगों पर केस

बठिंडा. दहेज प्रताड़ना व स्त्री धन खुर्दबुर्द करने के मामले में महिला थाना पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। बरनाला जिला की 28 साल की महिला मनप्रीत कौर ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी शादी फूल टाउन में रिति रिवाज के तहत हुई थी व उसके परिजनों ने अपनी समर्थता अनुसार शादी में खर्च किया व गहनों के साथ साजों सामान भी दिया था। पिछले कुछ समय से चमकौर सिंह, ससुर बिक्कर सिंह वासी फूल टाउन व किरणपाल कौर ने उसे मानसिक तौर पर परेशान करना शुरू कर दिया। उक्त लोग उसके साथ जहां मारपीट करते थे वही दहेज लाने के लिए जबाव बनाते थे। ऐसा करने से मना करने पर उक्त लोगों ने उसे घर से निकाल दिया वही शादी में दिया साजों सामान भी अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है जबकि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

बठिंडा जिले में एक ही दिन में कोरोना संक्रमण के बाद सात लोगों की मौत, मृतकों की तादाद 104 पहुंची



 -फरीदकोट मेडिकल कालेज की रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित 31 केस आए सामने,

बठिंडा. बुधवार को बठिंडा में कोरोना से संक्रमित सात लोगों की मौत हो गई। इस तरह से जिले में कोरोना पोजटिव केस के बाद मृतकों की तादाद 100 का आकड़ा पार कर 104 पहुंच गई है। वही जिले में बुधवार को 31 नए पोजटिव केस आते ही संक्रमितों की संख्या 5176  हो चुकी हैं जिसमें से 3408 लोग कोरोना को मात देकर घर जा चुके हैं। इसके अलावा गत मंगलवार को 100 कोरोना मरीजों को छुट्टी मिल गई। नए केसों को मिलाकर अब जिले में 1008 एक्टिव केस हो गए हैं। गत मंगलवार को 3 लोगों की कोरोना की चपेट में आने से दम तोड़ दिया था। वहीं 577 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई थी वही आज फरीदकोट मेडिकल कालेज के कोविड टेस्ट सेंटर की रिपोर्ट में 43 रिपोर्ट नेगटिव मिली है जबकि 5 लोगों के फिर से टेस्ट करवाए गए। वही रेपिड टेस्ट में प्रतिदिन एक सौ के करीब लोग कोरोना से संक्रमित आ रहे थे जो पिछले दो दिनों से कम होकर 50 से 70 के बीच रह गए है।

बुधवार को कोरोना संक्रमण से पहली मौत परमजीत सिंह आयु 50 साल वासी बुर्ज सिधाना मलोट की हुई है। वह दो दिन से बठिंडा के सत्यम अस्पताल में दाखिल थे व उन्हें खासी, बुखार व सांस दी दिक्कत के बाद टेस्ट करवाया था जो पोजटिव मिलने के बाद सत्यम अस्पताल में उपचार शुरू किया गया था जहां बुधवार की सुबह उनकी मौत हो गई। दूसरी मौत जगदेव सिंह उम्र 65 साल वासी भगता भाईका की हुई है। उन्हें भी गत दिवस सास की दिक्कत के बाद बठिंडा के प्राइवेट प्रैगमा अस्पताल में दाखिल करवाया गया था जहां 23 सितंबर की सुबह उनकी मौत हो गई। तीसरी मौत 55 साल के पवन कुमार वासी दिगड़ नगर मानसा की हुई है। फेफड़ों में फेक्शन के साथ तेज बुखार व सास की दिक्कत का सामना कर रहे पवन कुमार को दो दिन पहले कोरोना टेस्ट पोजटिव मिलने के बाद आईवीवाई अस्पताल मोहाली में दाखिल करवाया गया था जहां 22 सितंबर की देर रात उनकी मौत हो गई। नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वर्करों ने एबुलेंस से मृतक की देह को बठिंडा के मौड़ मंडी में पहुंचाया व प्रशासकीय अधिकारियों व परिवारिक सदस्यों की हाजरी में अंतिम संस्कार करवाया गया। चौथी मौत प्रेमलत्ता उम्र 68 साल वासी 205 गली नंबर सात पुखराज कालोनी बठिंडा की हुई है। बुखार की शिकायत के बाद उनका दो दिन पहले कोरोना टेस्ट करवाया गया जो पोजटिव आने के बाद बठिंडा के डीडीआरसी सेंटर में दाखिल करवाया गया था जहां मंगलवार की देर रात उनकी मौत हो गई। इसी तरह पांचवी मौत 75 साल के बंतराम वासी गांव सेमा कला बठिंडा की हुई है। उन्हें गत दिवस सास लेने में दिक्कत के बाद फेफड़ों में इफेक्शन के चलते फरीदकोट मेडिकल कालेज में दाखिल करवाया गया था जहां बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई। छेंवी मौत 43 साल की महिला लखबीर कौर वासी जौधपुर पाखर की हुई है। उन्हें कोरोना रिपोर्ट पोजटिव आने के बाद निवारण अस्पताल बठिंडा में दाखिल करवाया गया जहां 23 सितंबर की सुबह उनकी मौत हो गई। सातवीं मौत 40 साल से गुरसेवक सिंह वासी बरान मानसा की हुई है। उन्हें मानसा में कोरोना पोजटिव रिपोर्ट के बाद गत दिवस बठिंडा के सत्यम अस्पताल में दाखिल करवाया गया था जहां बुधवार की सुबह उनकी मौत हो गई। इस तरह से बठिंडा में एक ही दिन में सात से 8 लोगों की मौत का दूसरा दिन है। इससे पहले एक दिन में 8 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।

वही कोरोना से पोजटिव मामलों में सेहत विभाग के लिए चिंता की बात यह है कि पुलिस लाइन में सर्वाधिक 8 मामले सामने आए है वही कैंट क्षेत्र में चार केस मिले हैं। रामा मंडी में विभिन्न स्थानों में दो, माडल टाउन एमआईजी फ्लैट में एक, तपा मंडी में एक, गिल कला में एक, गांव बल्लों में एक, भैणी जस्सी सिंह में एक, गांव भूदड़ में एक, बालियावाली में एक, गांव मजूके में एक, एम्स बठिंडा में एक, अमरपुरा बस्ती गली नंबर 2-5 में एक, हरि नगर लाल सिंह नगर में एक, एसएसपी दफ्तर से संबंधित ईओ विंग में एक, थाना फूल में एक, लहरा स्थित एलट्रा सिमेट में एक, पट्टी सूलपिंड में एक, खट्टी बाजार रामपुरा में एक, पक्का कला में एक कोरोना पोजटिव केस सामने आया है। यह सभी मामले फरीदकोट मेडिकल कालेज में भेजे गए सैंपलों से संबंधित है जबकि रेपिड टेस्ट की रिपोर्ट में 60 मामले सामने आए है।   

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Coronavirus India: देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में एकाएक कमी क्या खुशी की बात है?


 

नई दिल्ली. भारत में कोरोना संक्रमण (Coronavirus In India) के मामले बुधवार को 56 लाख पार कर गए हैं. Worldometer के अनुसार 16 सिंतबर को देश में 97,859 मामले सामने आए थे. रोजाना पाए जाने वाले संक्रमण के मामले में यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था. उसके बाद अगले 7 दिनों में यह संख्या घटकर 83,000 तक आ गई है. वेबसाइट के अनुसार 17 सितंबर को 96,793, 18 सिंतबर को 92,789, 19 सितंबर को 92, 755, 20 सितंबर को 87,382, 21 सितंबर को 74,493, 22 सितंबर को 80,391 मामले आए. 23 सिंतबर को यह संख्या  83,347 हो गई. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना के मामलों में दर्ज की जा रही कमी क्या खुशी की बात है?


बता दें इसी समयवाधि में देश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों का आंकड़ा अमेरिका से भी आगे हो गया. फिलहाल देश में कोविड-19 से अब तक 45,87,614 लोग ठीक हो चुके हैं. वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के अनुसार अमेरिका में यह संख्या फिलहाल 4,346,110 है.

12 लाख जांच करने की हुई हमारी क्षमता- स्वास्थ्य मंत्री
इस दौरान एक हफ्ते के भीतर कोरोना के बढ़ने की रफ्तार के दरम्यान देश में जांच की स्थिति देखेंगे तो स्थिति और साफ होगी. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि 'देश में एक दिन में कोविड की 12 लाख जांच करने की क्षमता हो गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत की प्रतिदिन की टेस्टिंग क्षमता 12 लाख टेस्ट हो गई है. अब तक देश में 6.5 करोड़ से ज्यादा लोगों की जांच हो चुकी है.ज्यादा टेस्टिंग के जरिए हम पॉजिटिव केसों की पहचान पहले कर पाते हैं.'

बात बुधवार की करें तो लगातार 5 वें दिन एक्टिव मामलों में संख्या में गिरावट दर्ज की गई. भारत में अब तक 90 हजार 20 मौते हो चुकी हैं और लगातार 22 वें दिन 1 हजार से अधिक मौतें रिपोर्ट की गई. प्रति मिलियन जनसंख्या पर भारत में कोरोना के मामले वैश्विक औसत से अधिक हो गया है . भारत में यह संख्या 4082 / मिलियन जबकि दुनिया में 4078 / मिलियन आंकड़ा है. 
 

दिल्ली: अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, सत्येंद्र जैन बोले- राजस्थान को पहले सप्लाई से समस्या


 

दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन कुछ सप्लायर को कहा गया है कि राजस्थान में पहले सप्लाई करेंगे. इस समस्या को बातचीत करके सुलझाया जा रहा है. दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई उत्तरप्रदेश और राजस्थान से आती है.

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि फिलहाल दिल्ली में ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 6 से 7 दिन की ऑक्सीजन का स्टॉक है. हालांकि 7 दिन का स्टॉक होना ही चाहिए और कुछ अस्पतालों में 7 दिन से कम का स्टॉक है.

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 56 लाख 43 हजार 481 हो गई है। उधर, अच्छी खबर यह है कि पिछले पांच दिनों से नए मरीज की तुलना में लोग ज्यादा स्वस्थ हो रहे हैं। मंगलवार को 80 हजार 321 मरीज मिले, जबकि 87 हजार 7 लोग ठीक हो गए। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

मंगलवार को 1056 लोगों ने दम तोड़ा। इस तरह मरने वालों की संख्या 90 हजार 22 हो चुकी है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि हमारे देश में आबादी के अनुपात में कम मौतें हो रही हैं। प्रति 10 लाख की आबादी में भारत में 62 मरीज दम तोड़ रहे हैं, जबकि ब्राजील में सबसे ज्यादा 642 और अमेरिका में 615 हैं।

5 दिनों से नए मरीज की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या ज्यादा

तारीखनए मरीजठीक हुए लोग
18 सितंबर92,96995,512
19 सितंबर92,57494,384
20 सितंबर87,39292,926
21 सितंबर74,4931,02,070
22 सितंबर80,32187,007

कोरोना अपडेट्स

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार सुबह 9 बजे अपने आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, 22 सितंबर को 83 हजार 347 मरीज बढ़े। वहीं, 1085 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ कुल संक्रमितों की संख्या 56 लाख 46 हजार 11 हो गई। वहीं, एक्टिव केस 9 लाख 68 हजार 377 हैं और ठीक हुए मरीजों की संख्या 45 लाख 87 हजार 614 पर पहुंच गई। उधर, अब तक 90 हजार 20 लोगों की जान जा चुकी है।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बताया कि 22 सितंबर को 9 लाख 53 हजार 683 सैंपल की जांच की गई। इसके साथ देश में अब तक 6 करोड़ 62 लाख 79 हजार 462 कोरोना सैंपल की जांच की जा चुकी है।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में मंगलवार को 2544 नए संक्रमित मिले, जबकि 28 मरीजों ने दम तोड़ दिया। नए संक्रमितों में मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया, हरदीप सिंह डंग और भीकनगांव से कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी भी शामिल हैं। इन्हें मिलाकर अब तक सरकार के 13 मंत्री और पक्ष-विपक्ष के 44 विधायक संक्रमित हो चुके हैं।

सितंबर के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि सितंबर में हर दिन औसतन 29 मौतें हुईं। कुल मौतों (2035) में से 31.5% सिर्फ बीते 22 दिन में हुई हैं। यह किसी एक महीने में अब तक की सर्वाधिक कोरोना मौतें हैं।

चिंता की बात यह है कि मंगलवार को संक्रमण दर में फिर बढ़ोतरी हुई। पिछले 24 घंटे में 17 हजार 698 सैंपल की जांच हुई। संक्रमण की दर 14.3% रही। जबकि सोमवार को यह 11.5% थी। पिछले चार दिनों में 10 हजार 253 नए मरीज मिले।

2. राजस्थान
राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 27 जिले ऐसे हैं, जिनमें एक हजार से ज्यादा रोगी मिल चुके हैं। बाकी छह जिले- हनुमानगढ़ में 693, प्रतापगढ़ में 731, करौली में 777, सवाई माधोपुर में 799 और दौसा में 846 केस हैं। जयपुर में सबसे ज्यादा 18 हजार 242 पॉजिटिव मिल चुके हैं। जोधपुर में 17 हजार 623 हैं। राज्य में 1.18 से ज्यादा केस हैं। अच्छी खबर यह है कि इनमें 98 हजार 812 मरीज ठीक हो चुके हैं। आज यह संख्या एक लाख के पार हो सकती है।

3. बिहार.
राज्य में 28 सितंबर से 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए पैरेंट्स की अनुमति जरूरी है। इस दौरान प्रार्थना सत्र, खेलकूद और अन्य गतिविधि नहीं होगी। स्कूल स्टाफ की संख्या 50% से ज्यादा नहीं होगी। उधर, राज्य में 24 घंटे में 1,609 नए केस बढ़े, जबकि 1,232 लोग ठीक हो गए। 3 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया।

4. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को संक्रमितों से ज्यादा लोग ठीक हुए। 24 घंटे में जहां 18 हजार 390 नए मामले सामने आए, वहीं रिकॉर्ड 20 हजार 206 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। राज्य में अब तक 12 लाख 42 हजार 770 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 9 लाख 36 हजार 554 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 72 हजार 410 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में मंगलवार को 5650 नए केस सामने आए। वहीं, 6589 मरीज रिकवर हुए। प्रदेश में अब तक 3 लाख 64 हजार 543 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 96 हजार 183 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 63 हजार 148 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। संक्रमण के चलते अब तक 5,212 मरीजों की मौत हो चुकी है।

बठिंडा में कोविड-19:कोरोना से तीन की मौत, डेढ़ माह से रोज जान ले रहा संक्रमण, 74 पॉजिटिव मिले

 


  1. जिले में 977 हुए एक्टिव केस, अब तक 3408 लोग ठीक हाे चुके

    कोरोना से लगातार मौतें हो रही हैं। पिछले डेढ़ महीने से रोजाना दो से चार लोगों की जान काेरोना से जा रही है। मरने वालों के अधिकतर मरीज सांस, शुगर, किडनी आदि बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं। मंगलवार को भी जिले में चार कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत हो गई।

    हालांकि जिला प्रशासन ने सिर्फ तीन लोगाें की कोरोना से मौत की पुष्टि की है जबकि समाजसेवी नौजवान सोसायटी ने प्रशासन के अधिकारियों के सहयोग से चार कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार किया। वहीं मंगलवार को कोरोना के 74 केस सामने आए।

    डीसी बठिंडा बी श्रीनिवासन के अनुसार अब तक जिले में 5145 केस पॉजीटिव आ चुके हैं जिसमें से 3408 लोग कोरोना को मात देकर घर जा चुके हैं। इसके अलावा मंगलवार को 100 कोरोना मरीजों को छुट्टी मिल गई। नए केसों को मिलाकर अब जिले में 977 एक्टिव केस हाे गए हैं। मंगलवार को 3 लोगों की कोरोना की चपेट में आने से दम तोड़ दिया। वहीं 577 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई है।

    मृतकों की आयु 39 से 67 के बीच, संस्था ने किया संस्कार

    मंगलवार को 67 साल की गांव कल्याण सुखा बठिंडा वासी सुरजीत कौर कोरोना से मौत हो गई। महिला को दो दिन पहले खासी के साथ छाती जाम होने व सास लेने में दिक्कत के चलते सिविल अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था जहां कोरोना टेस्ट करवाने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसमें हालत गंभीर होने के बाद महिला को फरीदकोट मेडिकल कालेज स्थित कोविड सेंटर में दाखिल करवाया गया जहां मंगलवार को उनकी मौत हो गई।

    वही दूसरी मौत गांव कोठा गुरु का बठिंडा वासी राजकुमार की हुई है। करीब 39 साल के राज कुमार को कुछ दिन पहले कोरोना की पुष्टि के बाद निवारण अस्पताल बठिंडा में दाखिल करवाया गया था जहां मंगलवार की सुबह उनकी मौत हो गई। इसी तरह कोरोना संक्रमण से तीसरी मौत अशोक कुमार उम्र 63 साल वासी बसंत बिहार गली नंबर 5-1 की हुई है। उन्हें कोरोना पॉजीटिव आने के बाद एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। जहां उनकी मौत हो गई।

    चौथी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत गांव बल्लो रामपुरा वासी मलकीत सिंह की हुई है। 57 साल के मलकीत सिंह को सास में दिक्कत व तेज बुखार की शिकायत के बाद बठिंडा के निवारण अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। इन सभी मृतकों का समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के सदस्यों जनेश जैन, राकेश जिंदल, सोनू माहेश्वरी, रोहित गर्ग, जसकरन रॉयल, निर्भय सिंह, मनिक गर्ग, अमित गर्ग द्वारा दाना मंडी स्थित श्मशान भूमि में तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ की अगुवाई में कर दिया गया।

    मानसा में 2 की मौत 15 नए पॉजिटिव मामले आए सामने

    मंगलवार को मानसा में कोरोना के 15 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिनमें मानसा में 10, सरदूलगढ़ में 1, बुढलाडा में 1, ख्याला कलां में 3 मरीज शामिल हैं वही 21 मरीजों को ठीक होने के बाद आज छुट्टी देकर घर भेजा गया है। सेहत विभाग की ओर से अब तक 28818 व्यक्तियों के नमूने लिए जा चुके हैं। मानसा जिले में अब तक 139 केसा सामने आ चुके है जिसमे से 961 लोग तंदरुस्त होने के बाद अपने घरों को लौट गए है।

    मंगलवार को 400 व्यक्तियों के कोरोना के सैंपल लिए जा चुके हैं। मानसा में इस समय 404 कोरोना एक्टिव केस हो चुके हैं। मंगलवार को बुढलाडा व मानसा में दो व्यक्तियों की कोरोना से मौत हो जाने के बाद मरने वालों की संख्या 25 हो चुकी है, जो बाहरी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे थे।


पंजाब में किसान प्रदर्शन जारी:किसानों ने कहा, अभी तो हम सिर्फ अपने घरों से निकले हैं और दिल्ली कांपने लगी है, ये कानून वापस नहीं हुए तो दिल्ली कूच होगी


 

  • रमनदीप कहते हैं, 'सरकार हमें बिहार के किसानों की तरह कर देना चाहती है, ताकि हम भी खेती छोड़ मजदूरी करने पर मजबूर हो जाएं'जगजीत सिंह कहते हैं, 'जहां तक बात प्रधानमंत्री के बोलने की है तो उनके ऐसे वादों की लिस्ट बहुत लंबी है, कैसे विश्वास करें, काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती'



  • पटियाला शहर की सड़कों में आस-पास के दर्जनों गांवों से आए किसानों की धमक लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के मिनी सचिवालय के पास इन किसानों का जमावड़ा विकराल होता जा रहा है और करीब दो किलोमीटर की सड़क किसानों से भरी बसों और ट्रैक्टरों से पट चुकी है।

    65 साल के दरबारा सिंह भी तेजी से मिनी सचिवालय की तरफ बढ़ रहे हैं। वे मूल रूप से हमझेड़ी गांव के रहने वाले हैं, जो पटियाला से करीब 70 किलोमीटर दूर है। आज वे खासतौर से किसान आंदोलन में शामिल होने पटियाला पहुंचे हैं। यहां आने का कारण बताते हुए वे कहते हैं, ‘आज अगर हमने विरोध नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। ये कानून अगर लागू हो गए तो पंजाब के किसान बर्बाद हो जाएंगे।’

    कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन करते पंजाब के किसान। हाल ही में केंद्र सरकार किसानों से जुड़े तीन बिल लाई है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं।
    कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन करते पंजाब के किसान। हाल ही में केंद्र सरकार किसानों से जुड़े तीन बिल लाई है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं।

    दरबारा सिंह की ही तरह चिंताएं लेकर आज मालवा क्षेत्र के हजारों किसान पटियाला पहुंचे हैं। इनमें हर उम्र और हर वर्ग के किसान शामिल हैं। अनुभव की झुर्रियों भी हैं और जोशीली युवा आंखें भी, झुकी हुई कमर भी हैं और चौड़े सीने वाले जवान भी, शिकन भरे माथे भी हैं और आत्मविश्वास से लबरेज ललाट भी, लेकिन विविधताओं से भरी इस भीड़ में भी जो एक चीज समान है वो है इन किसानों की मुट्ठियां, मजबूती से तनी हुई और लगातार ऊपर उठती हुई।

    दोपहर के दो बजते-बजते मिनी सचिवालय के पास लगा पंडाल पूरी तरह से भर चुका है। किसानों की संख्या इतनी ज्यादा है कि हजारों किसान अब बसों की छत पर चढ़कर अपने नेताओं की बात सुन रहे हैं। मंच से लगातार यह बताया जा रहा है कि हाल ही में पारित हुए तीनों कानून किसानों के हित में नहीं, बल्कि किसान विरोधी हैं।

    भारतीय किसान यूनियन के पटियाला जिला अध्यक्ष मनजीत सिंह दयाल अभी-अभी अपना भाषण खत्म करके मंच से उतरे हैं। उन्होंने यह कहने पर सबसे ज्यादा तालियां बटोरी थीं कि ये कानून किसानों की मौत के वारंट के समान हैं। इस बारे में वे कहते हैं, ‘पूरे देश में अगर पंजाब का किसान सबसे समृद्ध है तो इसका सबसे बड़ा कारण यहां की मंडी व्यवस्था और एमएसपी का मिलना ही है। इस पर चोट करके सरकार हमारी मौत का फरमान निकाल रही है।’

    किसानों का कहना है, ‘आज अगर हमने विरोध नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। ये कानून अगर लागू हो गए तो पंजाब के किसान बर्बाद हो जाएंगे।’
    किसानों का कहना है, ‘आज अगर हमने विरोध नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। ये कानून अगर लागू हो गए तो पंजाब के किसान बर्बाद हो जाएंगे।’

    मनजीत सिंह की इस बात पर यहां आए सभी किसान सहमति जताते हैं। संगरूर से आए युवा किसान रमनदीप कहते हैं, ‘आज के तमाम अखबारों में मोदी जी का विज्ञापन छपा है कि कॉरपोरेट के शामिल होने से फसल के अच्छे दाम मिलेंगे। यह बात कोरा झूठ है। कॉरपोरेट के शामिल होने से अगर अच्छे दाम मिल रहे होते तो बिहार और कई अन्य जगहों का किसान ऐसे बदहाल नहीं होता।’

    रमनदीप मानते हैं कि किसानों की बदहाली का मुख्य कारण एमएसपी का न मिलना ही है। वे कहते हैं, ‘सरकार अगर सच में किसानों का भला चाहती है तो उसे पूरे देश में एमएसपी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि बिहार का किसान भी पंजाब जैसा हो सके, लेकिन सरकार तो हमें भी बिहार के किसानों की तरह कर देना चाहती है। हमें खेती छोड़कर मजदूरी करने को मजबूर कर देना चाहती है।’

    पंजाब और हरियाणा में भी सिर्फ गेहूं, धान और गन्ने जैसी तीन ही फसल हैं जिन्हें किसान एमएसपी पर बेच पाते हैं। इनके अलावा जिन 22 अन्य फसलों पर सरकार ने एमएसपी तय की हुई है, वे सभी फसलें पंजाब और हरियाणा में भी एमएसपी से कम दामों पर ही बिकती हैं।

    क्रांतिकारी किसान यूनियन के पंजाब अध्यक्ष डॉक्टर दर्शन पाल बताते हैं, ‘मकई का ही उदाहरण लीजिए। इस पर 1850 रुपए एमएसपी तय है, लेकिन किसान को बाजार से मकई के सात-आठ रुपए से ज्यादा नहीं मिल रहे। इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि जो फसलें बाजार के हवाले हैं उनसे किसानों का भला हो रहा है या बुरा।’

    इस बिल के विरोध में 24 सितंबर को किसान रेल रोकने जा रहे हैं और 25 सितंबर को पूरा पंजाब बंद है।
    इस बिल के विरोध में 24 सितंबर को किसान रेल रोकने जा रहे हैं और 25 सितंबर को पूरा पंजाब बंद है।

    मौजूदा समय में कुल 25 फसलों पर सरकार ने एमएसपी तय की हुई है। इनमें से 14 खरीफ की फसल हैं, सात रबी की और चार अन्य, लेकिन तीन फसलों को छोड़कर बाकी सभी फसलें किसान एमएसपी से कम पर बेचने को मजबूर हैं। ऐसे में अगर इन तीन फसलों की खरीद भी मंडियों से बाहर होने लगी तो इन पर भी उन्हें एमएसपी नहीं मिल सकेगी और यह उनके लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।

    किसान आंदोलन जैसे-जैसे तेज हो रहा है वैसे-वैसे केंद्र सरकार भी लगातार किसानों को समझाने के प्रयास तेज कर रही है। अखबारों के विज्ञापन से लेकर प्रधानमंत्री खुद कई बार इससे जुड़े बयान दे चुके हैं और कई बार दोहरा चुके हैं कि नए कानून बनने के बाद भी एमएसपी जारी रहेगी, लेकिन आंदोलन में शामिल किसान इस बात पर प्रधानमंत्री का यकीन करने को बिलकुल भी तैयार नहीं हैं।’

    जगजीत सिंह युवा किसान हैं और एक बीटेक ग्रेजुएट भी। वे कहते हैं, ‘एमएसपी अगर नहीं हट रही तो सरकार इसे कानून में लिख क्यों नहीं देती। यही बात हम कितनी बार दोहराएं कि सरकार सुन और समझ ले? बाकी जहां तक बात प्रधानमंत्री के बोलने की है तो उन्होंने तो यह भी कहा था कि कालाधन वापस आएगा, आया क्या? बोला था कि सबको 15 लाख रुपए मिलेंगे, मिले? दो करोड़ नौकरियां हर साल मिलेंगी, मिलीं? उनके ऐसे झूठे वादों की लिस्ट बहुत लंबी है। हम कैसे उनका विश्वास करें। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।’

    जगजीत जैसा ही गुस्सा आंदोलन में शामिल महिलाओं में भी देखा जा सकता है। ब्रास गांव से इस प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचीं 35 साल की गुरप्रीत कौर कहती हैं, ‘ये कानून हमें खुदकुशी की राह पर धकेलने वाले हैं। मैं एक किसान की बेटी हूं और एक किसान की बहू हूं। मैंने बचपन से देखा है कि किसान कैसे खेतों में खप जाता है, ताकि देश का पेट भर सके, लेकिन सरकार हमारे ही पेट पर लात मारकर बड़े-बड़े व्यापारियों के हाथों हमें बेच देना चाहती है।’

    गुरप्रीत कहती हैं, ‘खेती-किसानी को सरकार के संरक्षण की जरूरत है। मंडी की व्यवस्था में जो कमियां हैं उन्हें दूर करने का काम सरकार को करना चाहिए, लेकिन सरकार तो मंडियां ही उजाड़ देने का काम कर रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। सरकार हमें घरों में रोटियां बेलने वाली समझने की भूल न करे। हम झांसी की रानी बनकर इस लड़ाई को अपने भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे और जीतेंगे।’

    प्रदर्शन करने वाली महिलाएं कहती हैं कि सरकार हमें घरों में रोटियां बेलने वाली समझने की भूल न करे। हम झांसी की रानी बनकर इस लड़ाई को अपने भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
    प्रदर्शन करने वाली महिलाएं कहती हैं कि सरकार हमें घरों में रोटियां बेलने वाली समझने की भूल न करे। हम झांसी की रानी बनकर इस लड़ाई को अपने भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे और जीतेंगे।

    इस लड़ाई को जीत लेने का ऐसा ही आत्मविश्वास युवा किसान वीरेंद्र सिंह में भी दिखता है। वे कहते हैं, ‘अभी तो किसान सिर्फ घरों से निकला है और दिल्ली कांपने लगी है। प्रधानमंत्री ने अब रोज बोलना शुरू कर दिया है। 24 सितंबर को किसान रेल रोकने जा रहे हैं और 25 सितंबर को पूरा पंजाब बंद है। सरकार को अपने फैसले वापस लेने ही होंगे।’

    भारतीय किसान यूनियन के नेता मनजीत सिंह दयाल बताते हैं कि किसानों का जितना बड़ा प्रदर्शन यहां पटियाला में हो रहा है, उतना ही बड़ा प्रदर्शन बठिंडा के बादल गांव में भी जारी है। यानी एक तरफ ये प्रदर्शन मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के गृह क्षेत्र पटियाला में हो रहे हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गृह क्षेत्र में भी।

    यह दिलचस्प है कि आंदोलन में शामिल किसानों का जितना आक्रोश सत्ताधारी भाजपा पर फूट रहा है, वे उतना ही कांग्रेस से भी नाराज हैं। पटियाला में चल रहे इस प्रदर्शन के मंच से केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ जितने नारे उछल रहे हैं, उतने ही नारे प्रदेश सरकार और कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी उछल रहे हैं।

    सरकारों के खिलाफ लग रहे इन नारों में अब पंजाबी गायक गिप्पी ग्रेवाल के एक गाने ने भी विशेष जगह बना ली है। हरियाणा से लेकर पंजाब तक किसानों की लगभग हर रैली में इन दिनों इसी गाने की गूंज सुनाई दे रही है। ट्रैक्टरों की कतारें जब किसानों का आक्रोश दर्ज करते हुए आगे बढ़ती हैं तो धूल के गुबार के साथ ही इस गाने की गूंज भी पीछे छूट जाती हैं। इस गाने के बोल हैं...

    ‘हल छड के पा लेयां जे, असी हथ हथियारा नू, वक्त पा देयांगे, जालम सरकारा नू।’

    इस पंजाबी गाने का मतलब समझाते हुए 24 साल के जगजीत पूरे उत्साह के साथ मुट्ठी भींचते हुए कहते हैं, ‘किसानों ने अपना हल छोड़ कर अगर हथियार उठा लिए, तो इस जालिम सरकार को उसकी हैसियत याद दिला देंगे।'


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