Friday, May 21, 2021

बठिंडा जिले में 24 घंटो में 21 लोगों की कोरोना से मौत, वही राहत वाली बात 578 नए केस आए तो 727 ठीक हुए


बठिंडा.
जिले में पिछले 24 घंटों में कोरोना से 21 लोगों की मौत हो गई। वही राहत वाली बात यह रही कि जिले में नए 578 पोजटिव केसों के मुकाबले 727 लोग ठीक होकर घरों को वापिस लौटे हैं। जिला में अ तक कोरोना के 294525 सैंपल लिए गए है। इनमें से 35776 पॉजिटिव केस आए जबकि 28589 करोना पीडित सेहतमंद हो कर घर वापस लौट गए है। इस समय जिले में कुल 6429 केस एक्टिव हैं और अब तक करोना प्रभावित 758 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन बताया कि सुसत में बीते 24 घंटों दौरान कोरोना के 578 नये केस आए और 727 करोना प्रभावित मरीज़ ठीक हुए।

वही सहारा जनसेवा बठिंडा की कोरोना वारियर्स टीम विजय गोयल, पंकज सिंगला, गौरव कुमार, गौतम, हरबंस सिंह, टेक चंद, जग्गा सहारा, विजय कुमार विक्की, राजेंद्र कुमार, सुमीत ढींगरा, संदीप गोयल, कमल गर्ग, अर्जुन कुमार, सिमर गिल, संदीप गिल, मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार, शिवम राजपूत, तिलकराज, सूरजभान गुनी, दीपक गोयल, मोनू कुमार, हरदीप सिंह, नितीश सैन, गुरबिंदर बिंदी, विकास शर्मा ने 21 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार स्थानीय शमशान भूमि दाना मंडी और बठिंडा के आस पास के क्षेत्रों में टीम ने पीपीई किटे पहन कर पूर्ण सम्मान के साथ परिजनों की उपस्थिति में किया।

कोरोना मृतकों की सूचि

1. कर्मजीत कौर पत्नी जसपाल सिंह आयु 42 वर्ष वासी दानसिंह वाला जो फरीदकोट मेडिकल कालेज में दाखिल था

2. सुरजीत कौर पत्नी जरनैल सिंह आयु 90 वर्ष वासी बठिंडा जो सिविल अस्पताल में दाखिल थी

3. सुखराम पुत्र मधू राम 58 वर्ष वासी जोगी नगर बठिंडा  जो आदेश मेडिकल कालेज में दाखिल था

4. प्रमार प्रवीन आयु 37 वर्ष वासी गुजरात जो दिल्ली हार्ट अस्पताल में दाखिल था

5. जोगिंद्र राये पुत्र सुखदेव राये आयु 62 वर्ष वासी गोनियाना जो सिविल अस्पताल में दाखिल था

6. भगवंत सिंह पुत्र चानन सिंह आयु 77 वर्ष वासी बरनाला जो मिल्टरी अस्पताल में दाखिल था

7. सुखपाल सिंह पुत्र गुरवक्श सिंह आयु 60 वर्ष वासी बाजक जो एम्स अस्पताल में दाखिल था

8. गुरमेल सिंह पुत्र जीता सिंह आयु 55 वासी जयसिंह वाला जो फरीदकोट मेडिकल कालेज में दाखिल था

9. भूषण गोयल पुत्र जनकराज आयु 52 वर्ष वासी बठिंडा जो लाईफ लाईन अस्पताल में दाखिल था

10. बलबिंदर सिंह पुत्र लाभ सिंह आयु 61 वर्ष वासी जंडवाला जो मैक्स अस्पताल में दाखिल था

11. सुनिता रानी पत्नी गुरदास सिंह आयु 62 वर्ष वासी नई बस्ती बठिंडा जो इंद्राणी अस्पताल में दाखिल थी

12. अमर सिंह पुत्र रंगा सिंह आयु 65 वर्ष वासी बीड़ तालाब जो आदेश मेडिकल कालेज में दाखिल था

13. करिशन कुमार गुप्ता पुत्र गुरदितामल आयु 80 वर्ष वासी हजूरा कूपरा कालोनी जो घर में ही एंकातवास था

14. शेर सिंह पुत्र मेहर सिंह आयु 70 वर्ष वासी मलकाना जो न्यूरो स्पैन अस्पताल में दाखिल था

15. उषा रानी पत्नी नंद लाल आयु 65 वर्ष वासी बच्चन कालोनी  जो घर में ही एंकातवास था

16. सरोज बाला पत्नी सुरेंद्र गोयल आयु 61 वर्ष वासी बठिंडा जो दिल्ली हार्ट में दाखिल थी

17. धर्म सिंह पुत्र दया सिंह आयु 76 वर्ष वासी मौड़ जो सिविल अस्पताल में दाखिल था

18. गुरवक्श सिंह पुत्र गुरमुख सिंह आयु 76 वर्ष वासी बठिंडा जो आदेश मेडिकल कालेज में दाखिल था

19. कुलवंत कौर पत्नी मुखतियार सिंह आयु 75 वर्ष वासी सुशांत सिटी जो घर में ही एंकातवास थी

20. चंदर प्रकाश पुत्र हरबंस लाल आयु 36 वर्ष वासी बठिंडा जो दिल्ली हार्ट में दाखिल था

21. अतिम गुप्ता पुत्र सोहन लाल आयु 65 वर्ष वासी बठिंडा जो अरूणा मेमोरियल अस्पताल में दाखिल था


पंजाब सरकार की तरफ से गांवों को कोविड फ्री बनाने के लिए मिशन फतेह-2 शुरू किया कम्युनिटी हैल्थ अफसर घरेलू एकांतवास हुए मरीजों की निगरानी यकीनी करे-सिविल सर्जन

बठिंडा. देहाती इलाकों में व्यापक स्तर पर कोविड सैपलिंग और टेस्टिंग करने के मकसद के साथ कैप्टन अमरिन्दर सिंह का सरकार की तरफ से मिशन फतेह-2 कोरोना मुक्त गांव मुहिम शुरू की गई है। सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने बताया fक यह देखा गया है क सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पाजटिव रेट में पिछले दो सप्ताह में काफी विस्तार हुआ है जो कि बहुत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि गांवों को कोरोना मुक्त करने और इस पर नियंत्रण के लिए मिशन फतेह 2 शुरू किया गया है।

 डा. ढिल्लों मे कहा कि देहाती इलाकों में हर व्यक्ति का रैपिड एंटीजन टैस्ट यकीनी करने के लिए सभी अधिकारियों को हिदायतें जारी कर दीं गई हैं। कोरोना वायरस की लड़ी को तोड़ने के लिए यह सर्वेक्षण अगले 15 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। सिविल सर्जन बठिंडा डा. तेजवंत ढिल्लों ने बताया कि इस सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नर बठिंडा बी श्रीनिवसन की अध्यक्षता में जिला प्रसाशन और सेहत विभाग के आधिकारियों की एक मीटिंग दफ्तर डिप्टी कमिश्नर,बठिंडा में हुई है। जिसमें पूर्णता आधिकारियों को सरकार की हिदायतों के बारे में बताया गया और डिप्टी कमिश्नर बठिंडा की तरफ से हिदायत की गई कि सरकार की हिदायतें को लागू किया जाए। डा. ढिल्लों ने बताया कि कम्यूनिटी हैल्थ अफसरों को आदेश दिए गए हैं कि वह अपनी टीम सदस्यों के सहयोग के साथ घरेलू एकांतवास हुए मरीजों की निगरानी करना यकीनी बनाए। सेहत विभाग की तरफ से इन मरीज़ों को कोरोना फतेह किट मुहैया करवाई जाएंगी।

आशा वर्करों की तरफ से हर गांव में बुख़ार/ सास संबंधी गभीर इंफैक्शन से पीडित मरीजों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिस उपरांत शकी मरीजों की जानकारी कम्यूनिटी हैल्थ अफसरों और सीनियर मैडीकल अफसरों को जी जाएगी। डा. ढिल्लों ने जानकारी देते बताया कि ब्लाक स्तर पर एस.डी.एम., एस.एम.ओ. और बी.डी.पी.ओ. की टीम गठित की जाएगी और इस टीम की तरफ से गांवों में कोरोना सैपलिंग करने  के लिए अलग से टीमें बनाईं जाएंगी। इन टीमों में ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी, आंगनवाड़ी वर्कर, स्कूल अध्यापक और स्वइच्छुक नौजवान शामिल होंगे। सेहत विभाग का मांस मीडिया विंग सेहत और तंदुरुस्ती केन्द्रों में टीकारकन सम्बन्धित गलत जानकारी के बारे जागरूक करेगा और टीकाकरण से डर रहे लोगों का भय घटाने के लिए ब्लाक के सभी गांवों का दौरा करेगा। यह ग्रामीण लोगों को सरकार की तरफ से जारी किए कोविड रोकथाम के उपाय और कोविड दिशा निर्देशों बारे जागरूक करेगा। मिशन बारे और ज्यादा जानकारी देते डा. ढिल्लों ने बताया कि आशा वर्कर बुख़ार, खांसी और साँस लेने में मुश्किल जैसे कोविड लक्षणों की जांच करने के लिए हर गांव में घर-घर जाएंगी।

मोदी सरकार की तरफ से खाद सब्सिडी बढ़ाने का फैसला एतिहासिक, किसानों को मिलेगा फायदा-सिंगला

-सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए डीएपी खाद पर दी 140 फीसदी सब्सिडी-भारती

बठिंडा. केंद्र सरकार की तरफ से एतिहासिक फैसला लेते खाद पर सब्सिडी बढाने का फैसला किसानों को राहत देने का काम करेगा। 

यह खुलासा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सुनील सिंगला व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट अशोक भारती ने किया। उन्होंने कहा कि किसानों को डीएपी का एक बैग 2400 रुपये के बजाय अब 1200 रुपये में मिलेगा जिससे किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ कम होगा। 

इसमें हर किसानों को हर साल हजारों रुपए का फायदा मिलेगा। वर्तमान में केंद्र सरकार इस सब्सिडी पर 14,775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय कर रही है जो अब किसानों की बचत होगी। 

मोदी सरकार ने यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मूल्य वृद्धि के बावजूद लिया है जिसमें किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की बढ़ती कीमतों के कारण खाद की कीमतों में वृद्धि हो रही है। 

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद देने का फैसला लिया। यह काफी सराहनीय कदम है। सुनील सिंगला ने बताया कि पिछले साल खाद की वास्तविक कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी। जिसमें केंद्र सरकार 500 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी। इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थीं। वर्तमान में खाद की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपये है, जिसे खाद कंपनियों की तरफ से 500 रुपये की सब्सिडी घटा कर 1900 रुपये में बेचा जाता है। नए फैसले से किसानों को 1200 रुपये में ही खाद का बैग मिलता रहेगा।


आशा वर्करों की हिमायत के लिए सिटू के सभी वर्कर व पदाधिकारी एकजुट, देंगे संघर्ष में साथ: चंद्रशेखर/ एडवोकेट एमएम बहल

बठिंडा: कोविड महामारी की जंग में एकजुट होकर जुटी आशा वर्करों की मांगों को सरकार की तरफ से नहीं मानने पर सिटू ने कड़ा विरोध जताया है। इसमें संगठन के प्रदेश समिति के जनरल सचिव कामरेड चंद्र शेखर और जिला उपप्रधान एडवोकेट एमएम बहल ने सभी पदाधिकारियों व वर्करों के साथ आम लोगों को आशा वर्करों की मांगों को मनवाने के लिए एकजुट हो संघर्ष करने की अपील की है। वही फैसला लिया गया कि आशा वर्करों की मांगे पूरी करवाने के लिए सभी संगठन आशा वर्करों के संघर्ष में साथ देंगे।

एडवोकट एमएम बहल ने बताया कि आशा वर्करों और फैसिलीएटरों की तरफ से 24 मई को की जा रही एक दिवसीय हड़ताल का डटकर समर्थन करेंगे। यह हड़ताल पूरे देश में की जा रही है। सीटू ने पंजाब सरकार से माँग की है कि आशा वर्करों को मरीजों की पलस एकसीमीटर सौंप कर घरों में लोगों की जांच करने के लिए भेजा जा रहा है। इस दौरान उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं जा रही है जिससे वह कोरोना से खुद को बचा सके। इस दौरान अगर यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो आशा वर्कर भी इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। उन्होंने मांग रखी कि सभी गांव वासियों को महामारी के बारे में जागरूक किया जाए। यह काम अगले कुछ निश्चित दिनों में ही पूरा किया जाए। वही पंजाब सरकार से वर्करों को सैनेटाईजर, मास्क दस्ताने व पीपी कीट उपलब्ध करवाई जाए। वही वर्करों के पुराने भत्ते जारी किए जाए। सीटू ने मांग रखी कि सभी आशा वर्करों और फैसिलीटेटरें को परोटैक्टिव किट मुहैया करवाई जाए, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पंचायतों और स्थानीय आधिकारियों को दी जाए। वही प्रति मरीज की जांच करने पर उन्हें उचित मेहनताना रेट तय किए जाएं। मरीजों को अस्पतालों में लेकर जाने, टैस्ट करवाने का खर्चा सरकार आप उठाए और आशा वर्करों को अस्पताल में लेकर जाने, ठहराने और वापिस घरों तक पहुँचाने का इंतज़ाम करे। हर आशा वर्कर और फैसिलीटेटर का 50 लाख रुपए का बीमा सरकार की तरफ से करवाया जाना भी ज़रूरी है।

किशोरी राम अस्पताल और मेरिटोरियस स्कूल में कोविड मरीजों के निशुल्क उपचार का रास्ता साफ, शनिवार से शुरू हो जाएगा इलाज, जिला प्रशासन ने 11 दिन बाद दी मंजूरी, आक्सीजन का कोटा अलाट


बठिंडा.
जिला प्रशासन ने जरूरतमंद व आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों को राहत देने के लिए जिले में बन रहे दो अस्थायी कोविड ट्रिटमेंट सेंटरों को अनुमति प्रदान कर दी है। इसमें शहर की समाज सेवी संस्थाओं ने उक्त अस्पताल को अपने साधनों से चलाने की अनुमति मांगी थी व अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं तैयार कर रखी थी। इसमें आक्सीजन का कोटा नहीं मिलने से मंजूरी में दिक्कत आ रही थी। वही प्रशासन ने शहर के मेरिटोरियस स्कूल और किशोरी राम अस्पताल में बने कोविड उपचार केंद्र को आक्सीजन कोटा जारी कर शुरू करने  अनुमति दे दी। 

इसमें मेरिटोरियस स्कूल में जहां 50 मरीजों व किशोरी राम अस्पताल में 10 मरीजों का उपचार शुरू हो सकेगा। इससे उन मरीजों को काफी राहत मिलेगी जो आर्थिक तंगी के चलते शहर के प्राइवेट अस्पतालों में भारी भरकम राशि खर्च कर उपचार नहीं करवा सकते थे। इन अस्पतालों की खास बात यह है कि इसे शहर की एनजीओ चलाएंगी व इसमें दाखिल होने, उपचार करने के साथ खानपान तक का कोई भी खर्च मरीज व उनके परिजनों ने नहीं लिया जाएगा। 11वें दिन किशोरी राम अस्पताल को चेरिटेबल कोविड अस्पताल के तौर पर चलाने के लिए एनजीओ नौजवान वेलफेयर सोसायटी के आवेदन को प्रशासन ने वीरवार को मंजूरी देते हुए उन्हें अस्पताल के लिए ऑक्सीजन का कोटा अवार्ड कर दिया गया है। ऐसे में अस्पताल में कोविड के लेवल 2 के इलाज के लिए तैयारियां का काम पूरी तेज कर दिया गया है ताकि शुक्रवार यानी की 21 मई दोपहर तक ऑक्सीजन सप्लाई आदि की जांच कर शनिवार को अस्पताल में कोविड वार्ड को शुरू कर दिया जाएगा।

पहली बार में किशोरी राम अस्पताल में 10 बेड के इस अस्पताल में इलाज को एक एमडी मेडिसन डा. वितुल गुप्ता के अलावा 3 एमबीबीएस डाक्टर्स, 12 नर्सिंग स्टाफ, 2 रिसेशनलिस्ट, 4 वार्ड ब्वाय के अलावा स्वीपर आदि स्टाफ की नियुक्ति का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं एनजीओ नौजवान वेलफेयर सोसायटी ने डयूटी का पूरा प्लानिंग रोस्टर तैयार कर डयूटी सौंप दी हैं। इसमें कोविड मरीज को घर से अस्पताल व वापस घर छोड़ने की पूरी जिम्मेदारी नौजवान की टीम निशुल्क पूरा करेगी। मरीजों के ब्लड सैंपल निशुल्क करने को लैब से टाइअप कर लिया गया है। नौजवान अस्पताल को बढ़ाकर जल्द 30 बैड करने की इच्छुक है जिसके लिए अगले एक से दो दिनों में आवेदन किया जाएगा।

10 बेडों से कर रहे हैं अस्पताल की शुरूआत

नौजवान वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सोनू महेश्वरी ने कहा कि जिले में लगातार बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या के चलते गरीब व जरूरतमंद मरीजों को सस्ता इलाज मुहैया करवाने के लिए उनकी संस्था ने यह प्रयास करनेका निर्णय लिया है। यह उनके लिए नया क्षेत्र है इस लिए धीरे धीरे इस अस्पताल में बेडों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। अभी शुरुआत में 10 बैड के इस अस्पताल में लगाए गए हैं। सभी बेडों पर ऑक्सीजन सप्लाई रहेगी। इसमें निशुल्क दवाएं, ब्लड टेस्ट आदि की सुविधा देने को टाइअप हो गया है। वहीं ऑक्सीजन सिवियां रोड स्थित प्लांट से मिलेगी। यहां लेवल 2 तक के मरीजों का इलाज होगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार तक इस अस्पताल के सिस्टम का ट्रायल कर शनिवार से इसे शुरू कर दिया जाएगा।

डॉ. वितुल गुप्ता सहित 3 डॉक्टर्स की टीम देगी सेवाएं

शहर में लगातार कोविड मरीजों की संख्या के लगातार बढ़ने व मौतों की संख्या बढ़ने के कारण जहां सभी तरफ चिंता बढ़ी हुई है, वहीं इलाज के ऊपर प्राइवेट अस्पतालों में अधिक पैसे वसूलने की शिकायतें लगातार मिलने से मरीजों की चिंता व डर बना हुआ है। ऐसे में एनजीओ के लेवल 2 के शुरू होने के बाद लोगों की चिंता व डर कम होगा, वहीं उनका इलाज में एक पैसा भी खर्च नहीं होगा। किशोरी राम अस्पताल में मरीजों की देखभाल डा. वितुल के अलावा 3 एमबीबीएस डाक्टर्स की टीम करेगी। इसमें दवा से लेकर ब्लड सैंपल टेस्ट फ्री होंगे जबकि उन्हें एंबुलेंस सुविधा भी बिल्कुल निशुल्क रहेगी। इसी तरह की सुविधा मेरिटोरियस स्कूल मानसा रोड में प्रदान की है जिसमें 50 मरीजों के उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है।

पंजाब में भाजपा का दलित मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा से कांग्रेस और दूसरी पार्टियों में डर का माहौल, दलित ग्रंथी को राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार करने का भाजपा एस.सी. मोर्चा ने किया विरोध, केस बिना शर्त रद्द करे : अटवाल


बठिंडा.
प्रदेश में दलितों के शारीरिक और मानसिक शोषण पर भाजपा ने विरोध जताया है। इसमें गत दिवस बठिंडा के दलित ग्रंथी पर बिना किसी अपराध के पुलिस की तरफ से मामला दर्ज करने पर भाजपा, भाजपा एससी मोर्चा ने विरोध जताते एसएसपी बठिंडा को मांग पत्र दिया। इसमें पुलिस कारर्वाई का विरोध जता केस बिना शर्त रद्द करने की मांग रखी वहीं चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने ग्रंथी को रिहा कर केस रद्द नहीं किया तो भाजपा प्रदेश भर में आंदोलन शुरू करेगी। प्रदेश भाजपा एस.सी. मोर्चो के प्रधान राज कुमार अटवाल ने कहा कि पंजाब में अलग ही लोकतंत्र है यहां किसी की सेहतमंदी के लिए अरदास करने पर गुरुद्वारा साहब के ग्रंथी सिंह के खिलाफ केस दर्ज करके जेल में डाल दिया जाता है। इस मामले के खिलाफ भाजपा एस.सी. मोर्चो के प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा के सूबा प्रधान राज कुमार अटवाल के नेतृत्व में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते ग्रंथी सिंह के खिलाफ दर्ज केस रद्द करने की मांग की व बठिंडा पुलिस के एस.एस.पी. से मुलकात कर मांगत्र दिया। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा एस.सी. मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव संतोख सिंह गुमटाला, बठिंडा शहरी भाजपा प्रधान विनोद कुमार बिट्टा, एस.सी. मोर्चा के सूबा जनरल सचिव रांझा बख्शी, प्रदीप धनी, एस.सी. मोर्चा बठिंडा के जिला प्रधान बूटा सिंह, एस.सी. मोर्चा फरीदकोट के ज़िला प्रधान अमर सिंह, लखबीर सिंह आदि शामिल थे। इस मौके उक्त नेताओं ने कहा कि यह सारा कुछ दलित भाईचारो के लोगों को दबाने के लिए किया जा रहा है और इसके साथ फिर से कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा नंगा हुआ है। उन्होंने कहा कि दलित समाज के खिलाफ दर्ज किये ऐसे मामलों को ले कर दलित समाज पूरे पंजाब में कांग्रेस के विरुद्ध अरदास करेगा।

राज कुमार अटवाल ने कहा कि बठिंडा के गांव बीड़ तालाब के ग्रंथी सिंह गुरमेल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाने के फैसले का स्वागत करते उनकी सेहतमंदी के लिए ईश्वर के सामने अरदास की है, जिस पर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के इशारे पर एडवोकेट हरपाल सिंह खैहरा की तरफ से दी गई शिकायत के अधार पर दलित समाज के साथ जुड़े ग्रंथी गुरमेल सिंह को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। अटवाल ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि सत्ताधारी कांग्रेस और दूसरी पार्टियां नहीं चाहतीं कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई दलित बने, क्योंकि यह लोग दलितों को आगे नहीं आने देना चाहते हैंI उन्होंने कहा कि भाजपा के दलित मुख्यमंत्री बनाने के ऐलान के बाद सभी पार्टियों में डर की लहर दौड़ गई है। यह सभी पार्टियां दलित समर्थक होने का दावा करती हैं, परन्तु उनको मुख्य मंत्री या उप मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहतीं। उनके दिल काले हैं और उन के दिलों में चोर है। राज कुमार अटवाल ने कहा कि कैप्टन सरकार ने हमेशा दलितों को सताया है और दलित समाज के लोगों को अपने वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। दलित समाज के समर्थन के साथ सत्ता में आने के बाद दलित समाज को नकार कर एक तरफ़ कर दिया जाता है और दलित समाज पर अत्याचार शुरू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में दलित को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला बहुत सोच -समझ कर लिया है और अगर कोई अच्छे काम के लिए अरदास करता है तो यह  कैसे जुर्म बन जाता है? उन्होंने कहा कि दलित समाज प्रधानमंत्री मोदी के फैसले से खुश है और दलित समाज के लोग भाजपा का समर्थन कर रहे हैं और इसमें शामिल हो कर अपने आप को ऊँचा उठाना चाहते हैं। परन्तु भाजपा विरोधी पार्टियां इस सबसे इतनी डरी हुई हैं कि वह किसी भी कीमत पर दलित समाज को दबाना चाहतीं हैं। इसलिए दलित समाज के खिलाफ गलत और झूठे केस दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब सरकार ने दलितों पर अत्याचारों और झूठे केस दर्ज करना बंद नहीं किये तो भाजपा एस.सी. मोर्चा और दलित समाज पंजाब में पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करेंगे।


दिल्ली में सागर पहलवान को हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने बठिंडा के व्यक्ति से थाना सदर में की पूछताछ, आरोपी सुशील के पास जो मोबाइल सिम चला वो बठिंडा निवासी व्यक्ति के नाम पर हुआ जारी


बठिंडा.
कुछ समय पहले दिल्ली में सागर पहलवान की हत्या के मामले में फरार आरोपी सुशील कुमार के तार शुक्रवार को बठिंडा से जुड़े। थाना सदर के सब इंस्पेक्टर बेअंत सिंह ने बताया कि दिल्ली के सागर पहलवान हत्या मामले में दिल्ली पुलिस के लिए वांटेड पहलवान सुशील कुमार के पास जो मोबाइल सिम चल रहा था वो बठिंडा निवासी सुखबीर सिंह नामक व्यक्ति के नाम पर था। उन्होंने बताया दिल्ली के मॉडल टाउन एरिया के तीन एस एच ओ एवं इंस्पेक्टर समेत एक बड़े पुलिस अधिकारी ने थाना सदर में सुखबीर सिंह से पूछताछ की और मोबाइल सिम के बारे में जानकारी हासिल की।

सब इंस्पेक्टर ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने सुखबीर सिंह से पूछताछ करने के बाद पंजाब पुलिस की हाजरी में उसे उसके परिजनों को सौंप दिया। बठिंडा के एसएसपी भूपिंदर सिंह विर्क ने बताया कि दिल्ली पुलिस के एसपी दो इंस्पेक्टर सतारा के करीब दिल्ली पुलिस के मुलाजिम आज सुबह बठिंडा में आए सुनील पहलवान कत्ल मामले की जांच को लेकर सुशील पहलवान को जो मोबाइल सिम ईशु हुआ था वह बठिंडा के एड्रेस का था। बठिंडा के बीड़ रोड के रहने वाले सुखप्रीत सिंह बराड़ के आधार कार्ड के सुशील पहलवान को सिम ईशु हुआ था। परंतु सुखप्रीत सिंह बराड़ के मामा के बेटे अमन ने सुखबीर सिंह बराड़ के आधार कार्ड लेकर आगे मोबाइल सिम सुनील पहलवान को दिया था। फिलहाल दिल्ली पुलिस सुखप्रीत सिंह बराड़ से इस सारे मामले में पूछताछ कर रही है परंतु अमन अभी फरार बताया जा रहा है और बठिंडा पुलिस दिल्ली पुलिस का पूरा सहयोग दे रही है।


पंजाब में पीएम मोदी के लिए अरदास करने वाला महिला सरपंच का पति गिरफ्तार, SC आयोग ने मांगा जवाब


बठिंडा। 
पंजाब के बठिंडा स्थित गांव बीड़ तालाब की महिला सरपंच राजपाल कौर के पति गुरमेल सिंह खालसा द्वारा गुरुद्वारा साहिब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तंदुरुस्ती और डेरा प्रमुख की रिहाई के लिए अरदास की गई। इसके बाद गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया। एडवोकेट हरपाल सिंह खारा की शिकायत पर पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर गुरमेल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) ने मामले में पूरी घटना की जानकारी तलब कर दी है।

आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर सरपंच बनी राजपाल कौर के पति गुरमेल सिंह द्वारा की गई अरदास में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी द्वारा अनुसूचित भाईचारे के किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने के एलान का स्वागत किया। उन्होंने अरदास में एक परिवार द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी कराने व उसका इंसाफ न मिल पाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दो परिवार पंजाब को लूट रहे हैं, इसलिए किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के सिर पर हाथ रखकर उसको मुख्यमंत्री बनाया जाए। साथ ही कहा कि छठे जामे में जैसे 52 राजाओं को रिहा कराया था, ठीक उसी तरह डेरा प्रमुख को भी रिहा कराएं।

उधर, बठिंडा के एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क ने कहा कि एडवोकेट हरपाल सिंह खारा की शिकायत पर आरोपित गुरमेल सिंह खालसा पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

गुरमेल की गिरफ्तारी एससी आयोग ने मांगा जवाब

गुरमेल सिंह की गिरफ्तारी पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने पंजाब के डीजीपी व मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। वहीं, भाजपा नेता सुखपाल सरां ने कहा कि गुरमेल सिंह ने गुरुद्वारा साहिब में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाने के एलान व उनकी तंदरुस्ती के लिए अरदास की है। इसी कारण उन पर केस दर्ज किया गया है, जिसे तुरंत रद किया जाए।

सेहत विभाग की टीम ने दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट में की छापामारी, मरीजों से लिए ओवरचार्जिग का रिकार्ड किया जब्त, इससे पहले मैक्स अस्पताल, ग्लोबल और आईवीवाई अस्पताल का रिकार्ड किया जा चुका है जब्त


बठिंडा.
मरीजों से ट्रिटमेंट के नाम पर ओवरचार्ज वसूली के मामले में सेहत विभाग की टीम ने लगातार चौथे दिन शहर के प्राइवेट अस्पतालों में दबिश दी। इस दौरान गोनियाना रोड पर स्थित दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट में सेहत विभाग की टीम ने दबीश दी। वही अस्पताल का पूरा रिकार्ड खंगाला। अस्पताल में मरीजों से ओवरचार्जिंग के कई मामले सामने आए जिसमें सेहत विभाग टीम ने पूरा रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया है व इसमें जांच पड़ताल की जा रही है।  

इससे पहले गत दिवस मानसा रोड स्थित मैक्स सुपरस्पेसलिटी अस्पताल में छापामारी कर विभाग की टीम ने रिकार्ड अपने कब्जे में लिया था। वही मानसा रोड स्थित आईबीवाई अस्पताल, माल रोड स्थित ग्लोबल हेल्थ केयर सेंटर में भी सेहत विभाग ने मरीजों से एवरचार्जिग वसूली को लेकर छापा मारा था व दोनों अस्पतालों का मरीजों संबंधी रिकार्ड जब्त किया था। शहर में उक्त अस्पतालों के खिलाफ शिकायत मिल रही थी कि वह कोविड मरीजों के उपचार को लेकर सरकार की तरफ से तय किए रेट से अतिरिक्त वसूली की जा रही है। इसमें कई अस्पताल तो प्रतिदिन का 25 से 30 हजार रुपए की वसूली की जा रही थी जबकि सरकार ने अस्पताल के लेबल व मरीज को दी जाने वाली सुविधा के हिसाब से रेट फिक्स किए है। 

वीरवार को सेहत विभाग के सहायक सिविल सर्जन डा. अनुपमा शर्मा, जिला नोडल अफसर डा. मनीष गुप्ता, मेडिकल अफसर डा. सुशांत कुमार ने अस्पताल प्रबंधन से दाखिल मरीजों का रिकार्ड लिया व पिछले एक माह में अस्पताल में दाखिल मरीजों का रिकार्ड, उनकी फाइले, वसूली गई राशि व दी गई रसीद व टेस्ट के रिकार्ड तलब किए। इस दौरान मेडिकल इश्योरेंस स्कीम में दाखिल मरीजों से तय रेट से चार गुणा तक राशि वसूल करने की शिकायते मिली थी जिसकी भी अलग से जांच की जा रही है। सरकार की सख्ती के बावजूद अधिकतर अस्पताल मरीजों को तय रेट की जानकारी नहीं दे रहे हैं व न ही इस बाबत रेट डिस्पले किए जा रहे हैं जिसके चलते मरीजों को आए दिन सेहत विभाग के पास लिखित शिकायते करनी पड़ रही है। इन्हीं शिकायतों के आधार पर सेहत विभाग की टीम अस्पतालों में छापामारी कर रही है।   


पंजाब सरकार की तरफ से प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से कोविड-19 के मरीजों से हो रही लूट को रोकने के लिए जहां सख्ती के आदेश दिए थे वही अब सभी अस्पतालों को इलाज के लिए वसूली जाने वाली तय फीस वसूलने के आदेश दिए है। पंजाब सेहत व परिवार भलाई विभाग ने इस बाबत सभी सिविल सर्जनों को लिखित पत्र जारी कर कोरोना संक्रमित ऐसे मरीजों का तय रेट पर उपचार करने के निर्देश दिए है। वही हिदायत दी है कि अगर कोई अस्पताल तय रेट से अधिक राशि वसूल करता है तो उसके खिलाफ बनती सख्त कारर्वाई की जाए।

राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस के केस बढ़ने के बाद छह तरह की सर्जरी आयुष्मान भारत सर्वत सेहत बीमा योजना के तहत करने की अनुमति प्रदान की


बठिंडा.
राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस के केस बढ़ने के बाद छह तरह की सर्जरी आयुष्मान भारत सर्वत सेहत बीमा योजना के तहत करने की अनुमति प्रदान की है। इस बाबत सभी सिविल सर्जनों को पत्र जारी कर प्राइवेट अस्पतालों में छह तरह की सर्जरी इस योजना के तहत बिना किसी देरी के शुरू करने के लिए कहा है। कोरोना पीड़ित व इससे ठीक हो चुके कई मरीजों में पिछले कुछ समय से ब्लक फंगस के मामले बढ़े हैं जिसमें मरीज की जान बचाने के लिए शरीर के विभिन्न हिस्सों में सर्जरी की जरूरत पड़ रही है। 

पहले जारी हिदायतों में प्राइवेट अस्पताल कई तरह की सर्जरी को सेहत बीमा योजना में शामिल नहीं कर रहे थे। फिलहाल डिपार्टमेट आफ हेल्थ एंड फेमली वेलफेयर पंजाब की तरफ से पत्र संख्या 4826 तिथि 17 मई 2021 के हवाले से कहा गया है कि राज्य सरकार कोरोना महामारी के मद्देनजर हर जरूरी सेहत प्रबंध कर रही है। उसी कड़ी में कोविड के साथ कई अन्य बीमारियों से मरीजों को जूझना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार की हिदायतों के बाद राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत सर्वत सेहत बीमा योजना में जरूरतमंद व गरीब लोगों को बिना किसी देरी के लाभ देने के लिए कदम उठाने का फैसला लिया है। 

इसमें सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में छह तरह की सर्जरी शामिल की है जिसमें एपेंडीक्स सर्जरी दो प्रोसयूडर, गैलबलेडर सर्जरी चार प्रसयूडर, फीसर, फिस्टुला, पायलस सर्जरी चार प्रसयूडर, हर्निया सर्जरी 10 प्रसयूडर, ओर्थोपेडिक प्रैक्चर व सर्जरी 34 प्रसयूडर, गुलोकोमा सर्जरी फार आई एक प्रसयूडर को शामिल किया गया है। इसमें प्राइवेट अस्पतालों को कहा गया है कि वह बिना किसी रैफरल के उक्त योजना में मरीज का उपचार करेंगे व इससे पीड़ित किसी भी मरीज को उपचार के लिए इंकार नहीं कर सकेंगे। इस बाबत उक्त सभी सर्जरी के लिए सरकार की तरफ से तय रेट पर अस्पतालों को सरकार की तरफ से भुगतान किया जाएगा। यह आदेश कोविडके दौरान सरकार की तरफ से इस बाबत जारी होने वाले अगले आदेश तक जारी रहेगे व कोई भी अस्पताल इसमें अपने स्तर पर किसी तरह की तबदीली नहीं करेगा।


गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने दो साल पहले राज्य में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत सेहत बीमा योजना में अपना शेयर कर इसे सर्वत बीमा योजना के नाम पर राज्य में लागू किया था। पिछले डेढ़ साल से बढ़े कोरोना के प्रकोप के दौरान अधिकतर अस्पतालों ने कोविड मरीजों का इस योजना में उपचार करने से इंकार कर दिया था व उक्त कार्ड धारकों से बिलों की वसूली हो रही थी। यहां बताना जरूरी है कि आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना का लाभ मरीजों को सीधे निजी अस्पतालों में नहीं मिल रहा था। 

इसके लिए पहले उन्हें सरकारी अस्पताल में दाखिल होना पड़ रहा था। वहां से रेफर होने पर ही मरीज प्राइवेट अस्‍पताल में जाते थे। केवल इमरजेंसी की स्थिति में सीधे भर्ती किया जा सकता था। यहां भी निजी अस्पताल को पहले सरकार के सरकारी पोर्टल पर मरीज की केस हिस्ट्री फोटो समेत अपलोड करनी होती थी। सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद ही निजी अस्पताल मरीज का आगे इलाज करेगा। जिले में योजना के तहत 13 सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ 19 प्राइवेट अस्पतालों को भी शामिल किया है। सरबत सेहत बीमा योजना में अस्पतालों के लिए अलग-अलग पैकेज हैं। कुल 1396 पैकेज इलाज के तहत हैं, लेकिन इनमें से 124 गवर्नमेंट रिजर्व हैं। पंजाब सरकार की ओर से 20 अगस्त से उक्त योजना को लागू किया गया है। योजना के तहत 2 लाख 30 हजार 234 परिवार शामिल किए गए हैं।

पंजाब में मेडिकल माफिया कर रहा कोविड महामारी में असहाय मरीजों व उनके परिजनों की जमकर लूट, पंजाब सरकार उठाए सख्त कदम-डा. कमलजीत सिंह सोई


बठिंडा।
भारत के अन्य राज्यों की तरह पंजाब भी कोविड-19 के मामलों के कारण चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है। पंजाब में अब तक 67000 से अधिक सक्रिय मामले हैं और लगभग 13000 मौतें हुई हैं। इस कठिन समय में भी मेडिकल माफिया एंटी-वायरल दवाओं की कालाबाजारी, अस्पताल, ऑक्सीजन शुल्क और असहाय COVID-19 रोगियों से पैसे वसूलने का गौरखधंधा कर रहे हैं। शवों पर भी धंधा बना हुआ है, इलाज की तो बात ही क्या। यह टिप्पणी जीएसएचपी, ग्लोबल सोसाइटी ऑफ एचएसई प्रोफेशनल्स के प्रधान डा. कमलजीत सिंह सोई ने की है। उन्होंने राज्य भर में मेडिकल माफिया की तरफ से मरीजों से हो रही लूट को लेकर मुख्य़मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक पत्र लिखा है। इसमें सरकार ने मेडिकल माफिया पर सख्ती से नकेल कसने की मांग की है।

"मेडिकल माफिया" रेमेडिसविर इंजेक्शनऑक्सीमीटर और अन्य संबंधित उपकरणों और दवाओं की कालाबाजारी में लिप्त

डा. सोई ने कहा कि यह एक "अभूतपूर्व महामारी संकट" है जो राज्य को जकड़ रहा है और असहाय कोविड रोगियों और पीड़ितों को निजी अस्पतालों और मेडिकल माफिया द्वारा लूटा जाता है। मामले को बदतर बनाते हुए, "मेडिकल माफिया" रेमेडिसविर इंजेक्शन, ऑक्सीमीटर और अन्य संबंधित उपकरणों और दवाओं की कालाबाजारी में लिप्त है, जिससे जरूरतमंद COVID-19 रोगियों को भारी पैसा खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। मीडिया में यह बताया गया था कि पांच दिवसीय पाठ्यक्रम के लिए उच्च मांग वाली एंटी-वायरल दवा की छह शीशियों के लिए लगभग  2.50 लाख का शुल्क लिया गया था जो वास्तविक निर्धारित मूल्य से कई गुना अधिक है।

पेशे में लोग इतने बेरहम हो गए हैं कि वे एम्बुलेंस के लिए भारी पैसा वसूल कर रहे हैं, यहाँ तक कि शवों को ले जाने के लिए कुछ किलोमीटर के हजारों रुपए की वसूली हो रही है।

एंटी-वायरल दवाएं भी कई गुणा दाम पर दे रहे

कई COVID-19 रोगी अस्पतालों में वायरल-रोधी दवाओं और ऑक्सीजन वाले बिस्तरों के लिए दौड़ रहे हैं, जो बदतर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की विफलता को उजागर करते हैं,” उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि सरकार मेडिकल माफियागतिविधियों पर तुरंत अंकुश लगाए ताकि असहाय COVID-19 रोगियों की पलायन को समाप्त किया जा सके और सभी जरूरतमंद रोगियों को एंटी-वायरल दवाएं और उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। पंजाब के ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के अधिक मामले पाए जाने के साथ, पंजाब अधिक जोखिम में है। हालांकि सकारात्मकता दर में गिरावट आई है लेकिन मृत्यु दर 2.4% के साथ चिंता का विषय बनी हुई है जो देश में सबसे अधिक है। ६७००० से अधिक सक्रिय मामले और लगभग १३००० आधिकारिक मौतें हो चुकी है। फिलहाल पंजाब को कीमती मानव जीवन को बचाने के लिए अपनी चिकित्सा सेवाओं को और भी बेहतर बनाने की आवश्यकता है। 

मैं सुझाव देता हूं कि पंजाब में अनमोल मानव जीवन को बचाने और मेडिकल माफिया द्वारा पलायन को रोकने के लिए तुरंत निम्नलिखित उपाय किए जाएं।

1. निजी अस्पताल कोरोना रोगियों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत कार्ड को मान नहीं रहे हैं, कृपया एक सख्त सलाह जारी करें और स्वास्थ्य, नागरिक और पुलिस प्रशासन को सभी अस्पतालों में आयुष्मान भारत कार्ड के आधार पर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दें।

2. आपने सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण का वादा किया था, जबकि उद्योग को टीकाकरण के लिए प्रति खुराक 430/- रुपये देने के लिए क्यों कहा जा रहा है। कृपया नि:शुल्क टीकाकरण के निर्देश जारी करें। एक तरफ हम संक्रमितों को 1500/- रुपये की फतेह किट दे रहे हैं तो दूसरी तरफ 430 रुपये प्रति डोज की मांग कर रहे हैं। यह किसी भी मायने में जायज नहीं है .

3. कोविड बेड की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

4. निजी अस्पतालों को अपने दैनिक बिस्तर की उपलब्धता को सार्वजनिक करना चाहिए और विशिष्ट उपचारों, प्रक्रियाओं और दवाओं के लिए जारी दर प्रदर्शित करनी चाहिए।

5. कुछ निजी अस्पतालों द्वारा बेड की कालाबाजारी के लिए जीरो टॉलरेंसऔर बेड होने के बावजूद इनकार कर बाद में मरीज के परिजनों की मजबूरी का फायदा उठा अत्यधिक शुल्क ले रहे हैं।

6. कोविड-संक्रमित रोगियों के परिवारों द्वारा अस्पतालों के नीरस रवैये और महंगे बिस्तर शुल्क का आरोप लगाते हुए शिकायतों की बाढ़ आ गई है, जबकि पंजाब में मौतें और नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

7. किसी भी अस्पताल को किसी भी लक्षण वाले रोगी को परीक्षण से इनकार नहीं करना चाहिए ।

8. कोविड टास्क फोर्स की टीमों द्वारा मरीजों से अधिक किराया वसूलने और उन्हें भगाने का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए और अधिक शुल्क वसूलते पाए जाने पर कदाचार करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

9. एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जहां राज्य में अस्पताल के बिलों का ऑडिट प्रभावी एजेंसी व सरकारी तंत्र की तरफ से किया जाए। कुछ डॉक्टर अनावश्यक स्कैन और डायग्नोस्टिक टेस्ट की सलाह दे रहे हैं जो अधिकतर मामलों में नायायज व गैर जरूरी है। सिविल सर्जन के कार्यालय में कोविड रोगियों द्वारा अनुरोध किए जाने पर इन तमाम मामलों की बिना देरी के ऑडिट भी होना चाहिए।

10. महामारी की आड़ में मरीजों को भगाते पाए गए अस्पतालों के लाइसेंस रद्द किए जाए।

11. यह पाया गया है कि निजी अस्पताल उन रोगियों से अत्यधिक राशि वसूल कर रहे हैं जो सरकारी कर्मचारी हैं, विभिन्न बीमा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं और साथ ही जो इन दो श्रेणियों में नहीं आते हैं। कुछ मामलों में यह पाया जाता है कि बीमा कवर वाले या सरकारी क्षेत्र के उन रोगियों को, जिनके बिलों की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाती है, उन्हें "तय राशि से चार गुणा अधिक" बिल दिए जाते हैं। इसमें तो कई अस्पताल यहां तक कहते है कि बीमा कंपनी को भी उन्हें हिस्सा देना है जबकि बीमा कंपनी के कर्मचारियों व अधिकारियों को जब फोन किया जाता है तो वह मामले में यह कहकर पल्लू झाड लेते हैं कि यह राशि कौन सा उनकी जेब से जा रही है। इस पूरे मामले में सभी मेडिकल क्लेम व बीमा कंपनी की सहभागिता की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि पंजाब ही नहीं पूरे देश में बीमा कंपनी व मेडिकल माफिया मिलकर काम कर रहा है जिसमें मोटी चपत लगाई जा रही है। इसमें मरीज का भी नुकसान हो रहा है क्योंकि एक मरीज को करवाए गए बीमा क्लेम में जहां एक लाख का भुगतान करना था व बि राशि उसे अगली बार मिलनी थी उसमें अस्पताल चार से पांच गुणा बिल बनाकर उसके क्लेम को समाप्त कर रहे हैं व अपनी जेबे भरने में जुटे हैं।

12. पंजाब के 12000+ गांवों में टीकाकरण प्रक्रिया को बढ़ाया जाए।

3. इस संबंध में शिकायत मिलने पर जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए ताकि कोरोना पीड़ितों को बचाया जा सके।

हालाँकि यदि कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो उसे राज्य द्वारा गोद में लेने की आवश्यकता होती है जो हमेशा एक कल्याणकारी राज्य होता है और रियायती दरों पर आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान करता है। पंजाब अपनी लड़ाई की भावना और परोपकार की प्रकृति के लिए जाना जाता है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी इस महामारी में भाग न जाए और अगर कोई ऐसा करने की हिम्मत करता है तो उसे तत्काल कानून की गिरफ्त में लिया जाए और एक अभूतपूर्व सबक सिखाया जाए ताकि कोई भी ऐसा करने की हिम्मत न करे।

डा. सोई ने कहा कि कोविड -19 की दूसरी लहर के मद्देनजर पूरे भारत में दयनीय स्थिति को देखते हुए, जीवन के हर सेकंड में पीड़ा और दर्द को महसूस करना स्वाभाविक है। ऐसे कठिन समय में, हमें केवल कुछ सकारात्मकता और आशा की आवश्यकता है, इसलिए कीमती मानव जीवन को बचाने के लिए कृपया मेडिकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। हालांकि अगर कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो उसे राज्य द्वारा हाथ में लेने की जरूरत होती है

उन्होंने कहा सीएम साहब, हम समझते हैं कि हमारी लड़ाई एक अज्ञात, अदृश्य दुश्मन के खिलाफ है। अभी तक कोई ज्ञात इलाज या उपाय नहीं है। इस वायरस से लड़ने के लिए हमारे पास सबसे अच्छा हथियार है आत्म-जागरूकता, सामाजिक दूरी और सबसे महत्वपूर्ण, बाहर निकलते समय डबल मास्किंग।

 

-लेखक-डॉ. कमलजीत एस सोइ

पीएचडी, एमएससी, एमबीए, एलएलबी, एमईपी (आईआईएमए), एमडीपी (आईएसबी), माइट, एमएसीआरएस, एमसीआईएचटी। ASSE (सुरक्षा विशेषज्ञ)

अध्यक्ष - जीएसएचपी, ग्लोबल सोसाइटी ऑफ एचएसई प्रोफेशनल्स

प्रवक्ता भाजपा

पूर्व उपाध्यक्ष-पीएसआरसी, परिवहन विभाग, पंजाब सरकार, सदस्य- एनआरएससी

भारत सरकार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय।

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