बठिंडा. केंद्र सरकार की तरफ से एतिहासिक फैसला लेते खाद पर सब्सिडी बढाने का फैसला किसानों को राहत देने का काम करेगा।
यह खुलासा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सुनील सिंगला व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट अशोक भारती ने किया। उन्होंने कहा कि किसानों को डीएपी का एक बैग 2400 रुपये के बजाय अब 1200 रुपये में मिलेगा जिससे किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ कम होगा।
इसमें हर किसानों को हर साल हजारों रुपए का फायदा मिलेगा। वर्तमान में केंद्र सरकार इस सब्सिडी पर 14,775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय कर रही है जो अब किसानों की बचत होगी।
मोदी सरकार ने यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मूल्य वृद्धि के बावजूद लिया है जिसमें किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की बढ़ती कीमतों के कारण खाद की कीमतों में वृद्धि हो रही है।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद देने का फैसला लिया। यह काफी सराहनीय कदम है। सुनील सिंगला ने बताया कि पिछले साल खाद की वास्तविक कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी। जिसमें केंद्र सरकार 500 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी। इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थीं। वर्तमान में खाद की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपये है, जिसे खाद कंपनियों की तरफ से 500 रुपये की सब्सिडी घटा कर 1900 रुपये में बेचा जाता है। नए फैसले से किसानों को 1200 रुपये में ही खाद का बैग मिलता रहेगा।
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