मरने से पहले पत्नी को कुछ पता न चल सके इसलिए शराब पिलाकर कर दिया बेहोश
Monday, January 11, 2021
बठिंडा में जन्मदिन मनाने पत्नी संग होटल में आए युवक ने फंदा लगाकर की आत्महत्या
मरने से पहले पत्नी को कुछ पता न चल सके इसलिए शराब पिलाकर कर दिया बेहोश
बठिंडा के सिविल अस्पताल में टला बड़ा हादसा, स्टोर रुम में लगी अचानक से आग
फाइल फोटो-
बठिंडा. सोमवार शाम को सिविल अस्पताल बठिंडा में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब अस्पताल के आप्रेशन थिएटर के समीप बने स्टोर रूम में अचानक आग लग गई। आग का धुंआ निकालता देख अस्पताल के कर्मचारियों ने मामले की जानकारी अस्पताल प्रबधकों व फायर बिग्रेड को दी, जबकि कर्मचारियों ने अस्पताल में लगे आग बुझाओं यंत्र से आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा रहा था। इस दौरान दमकल विभाग की एक गाड़ी भी मौके पर पहुंची और पानी डालकर आग पर काबू पाया गया।
बताया जा रहा है कि आग स्टोर रूम में पड़े खराब सामान में लगी थी, जिसके कारण कोई जानी-माली नुक्सान नहीं हुआ है। राहत वाली बात यह रही है कि आग पर समय रहते काबू पा लिया गया। अगर आग की लपेटे बढ़ जाती, तो पूरे अस्पताल का काफी नुक्सान हो सकता था, चूकिं जिस स्टोर में आग लगी थी, उसके ठीक ऊपर सार्जिकल वार्ड है, जबकि उसके पीछे आप्रेशन थिएटर है। इसके अलावा पीने वाले पानी का आरओ प्लांट के अलावा बिजली सप्लाई वाला कमरा भी बिल्कुल साथ ही था। ऐसे में एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा सन्तान हीन जोड़ों के लिए साबित हो रही है वरदान-डा. दिनेशचंद्र श्रीवास्तव
बांझपन/ सन्तान हीनता (Infertility)
लम्बे समय तक साथ रह कर भी अगर किसी दम्पति को चाह कर भी सन्तान पैदा नही होती ,तो ऐसी स्थिति को बांझपन, सन्तान हीनता या इनफर्टिलिटी कहते है ऐसी परिस्थिति में यदि एक बार भी गर्भ नही ठहरता तो इसे(primary infertility) प्राथमिक बांझपन कहते है। यदि एक बार गर्भधारण या सन्तान पैदा होने के पश्चात यदि यह परिस्थिति हो तो इसे(Relative or secondary infertility) रिलेटिव या सेकेंडरी सन्तान हीनता कहते है ।
कहने का तात्पर्य यह है कि कोई दम्पति बच्चे की चाहत से 1वर्ष तक लगातार सम्भोग के बाद भी पत्नी गर्भ धारण न कर सके तो ऐसी दम्पति को बांझ कहा जाता हैं । अर्थात सामन्यतः80 से 90 प्रतिसत दम्पतियों में एक वर्ष के अंदर गर्भ धारण हो जाता है यदि पति पत्नी बच्चे की चाहत रखते हों और साथ साथ रहते हो ।
बांझपन का कारण
- बांझपन या सन्तान हीनता की समस्या के लिये पुरुष भी जिम्मेदार हैं।
- बांझपन के लगभग 30 % से 35 % रोगी दम्पतियो पत्नियां बांझपन के लिए जिम्मेदार होती है ।
- बांझपन के लगभग 30 से 40 % दम्पतियों में पति पत्नी दोनों जिम्मेदार होते हैं ।
- पुरुषों में बांझपन के कारण(causes of infertility in males)
1 बीर्य में सुक्राणुओ की कमी (oligospermia)
पुरुषों में स्त्रियों की तरह ही संतान हीनता पाई जाती है संतान उत्तपत्ति के लिए बीर्य में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणुओ (sperms) का होना नितांत आवश्यक है करीब 40% सन्तान हीनता का वास्तविक कारण पुरूष में होता है पर दुख की बात है कि पुरूष सुलभ अहंकार के कारण अधिकांश लोग एक सामान्य से बीर्य की जांच के लिए कतराते हैं और औरतों को मंहगे इलाज के लिए प्रेरित करते हैं और सन्तानहीनता का कलंक पत्नी पर लगाया जाता है चाहे दोष पुरूष पर ही क्यों न हो चुकी ऐसी पुरुष संभोग की क्रिया पूरी कुशलता से सम्पन्न कर लेते हैं इसलिए वे समझते है कि उनमें खराबी हो ही नही सकती और गर्भ न ठहरने की स्थिति में सन्तानहीनता के लिए निर्दोष पत्नी को जिम्मेदार ठहराते हैं और स्वंय अपनी जांच के लिए डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली वीर्य परीक्षा की राय को अनदेखा कर देते है ऐसे ब्यक्ति नपुंसकता ओर शुक्राणुविहीनता के फर्क को नही समझते इसीलिए कभी कभी निःसन्तान होने की स्थिति में दूसरी शादी के लिए तैयार हो जाते है इसलिए अनुभवी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सक सन्तानहीनता के हर मामले में पति पत्नी दोनों को ही पुरी जांच करने की सलाह पर जोर देते है ।
सामान्य शुक्राणु उत्पादन और विकास
1. शुक्राणुओ की संख्या 6 करोङ से 12 करोङ प्रति मिली लीटर औसतन 10 करोङ प्रति मिलीलीटर होती हैं
2 शुक्राणुओं की चलनशीलता 80से 90 %
3 शुक्राणुओ की आकारिकी 80% सुक्राणुओ का आकार सामान्य होता हैं ।
जिन पुरुषों में शुक्राणुओ की संख्या 4 करोङ प्रति मिलीलीटर से कम होती हैं एवम चलनसीलता 60% से कम होती हैं तथा अवसमान्य आकारिकी की संख्या 20 %, से अधिक होती है तो इनका वीर्य सन्तानोतपत्ति के योग्य नही समझा जाता है
शुक्राणुओ की संख्या में कमी के कुछ कारण
- लम्बे समय तक गर्म वातारण में निवास करना ।
- कल कारखानो अथवा भट्ठियों के आस पास पुरूष कार्य स्थल होना ।
- Varicocle नामक विकृति का पाया जाना जिसमे शुक्राणु कोष में शिराओ का जाल बनने के कारण वहाँ शुक्राणुओ का उत्पादन कम हो जाता है
- रोगी का मधुमेह, गलसुआ, अथवा मानसिक तनाव से पीड़ित होना ।
- रोगी में विटामिन ई की कमी होना
- शुक्रवाहिनियो का जन्म जात अभाव होना।अथवा इनका विकास न होना ।
- मूत्र मार्ग का अम्लीय रहना जिससे शुक्राणुओ की म्रत्यु हो जाना ।
- पुरुष जननेन्द्रिय अंगों का विकास न होना ।
- पुरुष का सिफलिस, सुजाक अथवा अन्य योन रोगों से पीड़ित होना
- कुपोषण होना
- मूत्र मार्ग का अपूर्ण विकास
- शिश्न का ठीक से विकसित न होना
- नपुंसकता
- चुस्त पैन्ट या लँगोट पहनना
- मदिरा या धूम्रपान का अधिक सेवन करना ।
- उम्र 45 वर्ष से अधिक हो जाना
- कुछ दवाइयों का अधिक सेवन करना ।
इलेक्ट्रोपैथी/इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
पुरुषों में उपरोक्त कारणों की पहचान करके यदि चिकित्सा की जाती है तो सफलता निश्चित प्राप्त होती हैं एवम इलेक्ट्रो पैथी चिकित्सा विज्ञान द्वारा आश्चर्य जनक परिणाम प्राप्त होते है ।
पुरुषों में
(1) Scrofoloso.3
(2)Linfatico one
(3)Angioticos one
(4) Red Electricity का तीब्र मिक्सचर
-Dr. Dinesh Chandra Srivastava
- Senior Member Joint and Modified Joint Proposalist for Recognition of Electro Homeopathy
- IDC ministry and family welfare govt of India
- Executive Managing Editor, International journal of Electro Homeopathy and pharmaceutical Research
- Chairman, EHF Souvenir and Literature Team India.
- Chairman, *Board of Dr. Count Mattie Education Healthcare Council Madhya Pradesh
- Director / Principal, MGS Alternative Paramedical College and Hospital Panna Madhya Pradesh
- (Recognized by the Department of Higher Medical Education and affiliated to Madhya Pradesh Paramedical Council, Bhopal)
संपर्क नंबर-9424670824
पत्रकार बलजीत सिंह की माता गुरनाम कौर की आत्मिक शांति के लिए पाठ का भोग 15 जनवरी को
बठिंडा. गत दिवस दैनिक सवेरा टाइम्स बठिंडा में सर्कुलेशन इंचार्ज के तौर पर कार्यरत बलजीत सिंह की माता गुरनाम कौर पत्नी हरि सिंह का गत दिनों निधन हो गया था। उनकी आत्मिक शांति के लिए अंतिम अरदास व पाठ का भोग 15 जनवरी दिन शुक्रवार को बठिंडा के मुलतानिया रोड स्थित कलगीधर गुरुद्वारा साहिब में दोपहर 12 से 1 बजे तक रखा गया है। बठिंडा के हरि नगर वासी गुरनाम कौर के निधन पर मीडिया कर्मियों, शहर की सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने शोक जताया है। इस दौरान वित्त मंत्री मनप्रीत सिहं बादल, पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला, कांग्रेस के जिला शहरी प्रधान अरुण वधावन जीतमल, मार्किट कमेटी के चेयरमैन मोहन लाल झुंबा ने शोक जताते दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
फोटो -स्वर्गीय गुरनाम कौर
बठिंडा के रामा मंडी में पूर्व फौजी ने गोली मारकर की आत्महत्या
बठिंडा बाजाखाना रोड पर संतुलन बिगड़ने से ट्राला पलटा, 2 लोगों की मौके पर मौत 2 गंभीर घायल
बठिंडा. बठिंडा बाजाखाना रोड पर हररायेपुर के पास एक राख का भरा हुआ ट्राला अचानक संतुलन बिगड़ जाने से उलट गया। ट्राला में सवार चार लोग बुरी तरह से टाले में फस गए। इसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जख्मी लोगों को सहारा जन सेवा के वर्करों ने पहले गोनियाना मंडी सिविल अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने हालत गंभीर होने पर सिविल अस्पताल बठिंडा में रैफर कर दिया। दुर्घटना की सूचना सहारा मुख्यालय में मिलने पर सहारा जनसेवा की लाईफ सेविंग टीम व एम्बुलेंसें मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार व संदीप गोयल मौके पर पहुंचे। थाना नईया वाली पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंची।
गांव वालों की सहायता से एक घंटे की मश्कत के बाद ट्राले में फंसे घायलों को बाहर निकाला। सहारा टीम ने एम्बुलेंस द्वारा चारों घायलां को गोनियाना अस्पताल में पहुंचाया। जहां डयूटी पर तैनात डाक्टरो ने दो घायलों को मृतक घोषित कर दिया व अन्य दो घायलों को बठिंडा अस्पताल में रैफर कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई के बाद दोनो शवों को सहारा टीम ने बठिंडा अस्पताल की मौर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया। ट्राला पीबी 03 ए.जे 9463 बठिंडा से रोपड़ की ओर जा रहा था। मृतकों की शिनाख्त सुखविंदर सिंह पुत्र मंगा सिंह उम्र 45 साल निवासी माडल टाउन फेस वन, राम सिंह पुत्र मेजर सिंह उम्र 35 साल निवासी कोटकपूरा के तौर पर हुई व घायलों की पहचान सुखविंदर कौर पत्नी सुखविंदर सिंह उम्र 40 साल माडल टाउन फेस-वन व करणदीप सिंह पुत्र सुखविंदर सिंह उम्र 18 साल के तौर पर हुई।
बठिंडा में तिकोनी चौक में स्विगी डिलीवरी बॉय पर जानलेवा हमला करके बाइक छीनी
बठिंडा. रविवार की देर रात जीटी रोड पर तिनकोनी के समीप फूड ऑर्डर देने जा रहे स्विगी कंपनी के डिलीवरी ब्वॉय पर हमला कर लूट को अंजाम दिया। इसमें आरोपी हमलावर युवक का वाइक लेकर फरार हो गए। जानकारी अनुसार कोमल मेहता वासी गली नंबर तीन प्रताप नगर स्विगी कंपनी में डिलीवरी ब्याय का काम करता था। गत रविवार की रात वह सामान की डिलीवरी करने के लिए निकला। इसी दौरान जीटी रोड तीनकोनी के पास बाइक सवार दो युवकों ने उसे घेरकर मोबाइल मांगा। जैसे ही स्विगी बॉय बाइक से नीचे उतरने लगा यो बाइक सवार युवकों ने गंडासे से स्विगी बॉय पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने गंडासे से वार किया तो उसका उल्टा हिस्सा उसे लगने के कारण युवक सड़क पर गिर गया। इसके बाद वह जान बचाने के लिए भागने लगा। हमलावर स्विग्गी डिलीवरी ब्वॉय का बाइक लेकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वालंटियर्स ने घायल को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। घायल की पहचान कोमल मेहता पुत्र अशोक मेहता निवासी गली नंबर 3 प्रताप नगर के तौर पर हुई। मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई है जिसमें पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
फोटो सहित-बीटीडी-1-हमलावरों की तरफ से घायल किए व्यक्ति का सिविल अस्पताल में उपचार करते।
पंजाब में बिजली आठ फीसद महंगी करने की तैयारी में पावरकाम, लुधियाना के उद्यमियों ने जताया विराेध
लुधियाना। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन (पीएसपीसीएल) की ओर से बिजली के दामों में आठ प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने के एलान ने इंडस्ट्री की नींद उड़ा दी है। अगर बिजली के दामों में बढ़ोतरी की जाती है, तो इंडस्ट्री के लिए आने वाले समय में पंजाब में उद्योग चलाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। उद्यमियों ने इस बढ़ोतरी का सख्त विरोध करने की घोषणा की है।
उद्यमियों ने कहा कि पहले ही पंजाब में देशभर में सबसे महंगी बिजली मिल रही है। ऐसे में एक बार फिर कोविड के बाद आठ प्रतिशत दाम बढ़ाकर इंडस्ट्री को बड़ा झटका देने की योजना है। इंडस्ट्री ने इसका सख्त विरोध कर सरकार को कारखानों का चाबियां तक देने की बात कही है। वहीं व्यापारियों ने भी पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के बैनर तले इसको लेकर लड़ीवार संघर्ष और दुकानों के बाहर प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी है।
इंडस्ट्री कोविड के चलते इंडस्ट्री काे नुकसान
यूनाइटेड साइकिल एवं पार्टस मैन्यू्फेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक इस समय इंडस्ट्री कोविड के चलते पहले ही भारी नुकसान में है और कच्चे माल की उपलब्धता न होने के चलते प्रोडक्शन प्रभावित हो रही है। ऐसे में लागत मूल्य बढ़ने से इंडस्ट्री को उत्पादों की बिक्री करना मुश्किल हो रहा है। अब अगर बिजली के दामों में आठ प्रतिशत का इजाफा होता है, तो इंडस्ट्री के लिए बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
इंडस्ट्री को राहत दे सरकार
फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल आर्गनाइजेशन (फिको) के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि यह समय इंडस्ट्री को राहत देने का है। ऐसे में पांच रुपए बिजली के वायदे को पूरा करना चाहिए। जबकि सरकार आने के बाद कई बार दामों में इजाफा हो चुका है और अब फिर बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। इंडस्ट्री इसका सख्त विरोध करेगी, सरकार को इस बढ़ोतरी की सिफारिश को रद्द करना चाहिए।
बठिंडा के बाबा दीप सिंह नगर में उधार लिए 15 लाख देने के लिए घर बुला हथियारों की नोक पर अश्लील विडियो बना 8.10 लाख वसूले
-विडियो सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर कर रहे थे पांच लोग सथियों के साथ मिलकर ब्लैकमेल
-पुलिस के पास दर्ज करवई शिकायत के बाद पांच पर केस सभी आरोपी फरार
बठिंडा. एक व्यक्ति ने महिला क 15 लाख रुपए उधार दिए जब उसने
पैसे वापिस मांगे तो उसे घर बुलाकर उसके कपड़े जबरदस्ती उतार विडियों बनाकर वायरल
करने की धमकी दी जिसमें महिला के साथ पांच ज्ञात व कुछ अज्ञात लोग मिले हुए थे।
इसमें 15 लाख देने की बजाय व्यक्ति को ब्लैकमेल करने लगे व उससे 8 लाख 10 हजार
रुपए की अतिरिक्त वसूली कर ली। यही नहीं मामला उस समय बढ़ गया जब उसे विडियो वायरल
करने की धमकी देकर फिर से पैसों की मांग की जाने लगी। मानसिक तौर पर परेशान
व्यक्ति ने मामले की शिकायत कनाल पुलिस के पास की जिसमें पांच आरोपियों व कुछ
अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। कनाल पुलिस के पास सुखविंदर सिंह वासी
माहीनंगल ने शिकायत दर्ज करवाई कि बाबा दीप सिंह नगर में रहने वाली महिला मंदीप
कौर के साथ उसकी जानपहचान थी। इसमें कुछ समय पहले उक्त महिला ने उससे 15 लाख रुपए
उधार लिए थे व कुछ समय में देने का वायदा किया था। इस राशि को वापिस लेने के लिए
उसने संपर्क किया तो उसे कहा गया कि उसके पास पैसे आ गए है वह उसके घर आकर पैसे ले
जाए। वह जब पैसे लेने के लिए बाबा दीप सिंह नगर में गया तो वहां जसविंदर कौर वासी
दीप सिंह नगर बठिंडा, मनदीप कौर, सर्वजीत कौर, पंमी कौर, बलदेव सिंह, संदीप सिंह व
कुछ अज्ञात लोग हाजिर थे। बाबा दीप सिंह नगर में गली नंबर सात में जसविंदर कौर के
घर में दाखिल हआ तो उक्त लोगों ने मिलकर उसे घेर लिया व हथियारों के बल पर उसे
अंदर के कमरे में लेकर चले गए। जहां कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया व दो लोगों ने
उसके कपड़े उतार दिए व विडियो बनाने लगे। इसके बाद उसे धमकी दी गई कि अगर उसने
पैसे मांगे तो वह इस विडियों को सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। वही उक्त लोगों ने
धमकी देकर उससे 8 लाख 10 हजार रुपए इस बात के वसूल कर लिए कि वह विडियो को फोन से
हटा देंगे। पैसे देने के बाद भी उक्त लोग उसे ब्लैकमेल करने लगे व बलात्कार का
झूठा मामला दर्ज करवाने की धमकिया देने लगे। इसके बाद मामले की शिकायत थाना कनाल
कालोनी के पास की गई। इसमें पुलिस ने उक्त सभी आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है
लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
गौरतलब है कि बठिंडा में पिछले छह माह में लोगों को ब्लैकमेल कर वसूली करने का
तीसरा मामला सामने आया है। इसमें पहले एक आरकेस्ट्रा ग्रुप में काम करने वाली महिला
ने अपने साथियों के साथ मिलकर जहां आर्मी में तैनात कर्मी को ब्लैकमेल कर लाखों की
वसूली की वही एक महिला
व उसके कुछ साथियों की तरफ से एक व्यक्ति की अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने से परेशान होकर गांव गुमटी
कलां निवासी एक युवक ने जून 2020 में खुदकुशी कर ली। थाना दयालपुरा पुलिस ने मृतक युवक के पिता के बयान
पर आरोपित दो महिला समेत सात लोगों पर खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने व ब्लैकमेल
करने का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस का मानना
है कि जिले में कई गिरोह
है, जोकि मिलकर काम करते है। थाना दयालपुरा पुलिस को शिकायत देकर
गांव गुमटी कलां निवासी निरधड़क सिंह वासी गुमटीकलां ने बताया था कि गांव ढिलवां की रहने वाली महिला
वीरपाल कौर ने एक गैंग बना रखा है। इस गैंग में आरोपित गुरविदर सिंह निवासी गांव
गुमटी कलां,
गांव ढिलवां वीरपाल कौर, प्रवीण कौर, मंजीत सिंह, अमरजीत सिंह निवासी जलाल व दो अन्य
लोग शामिल हैं। गिरोह पहले युवकों को फोन कर अपने जाल में फंसाते हैं व बाद में
उन्हें लड़कियों से मिलाकर उनकी वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देते हैं। यही
नहीं इसमें लोगों से राशि वसूल कर ब्लैकमेल किया जाता था। इस गैंग ने उसके बेटे
जसबीर सिंह उम्र 30 साल को
अपने चुंगल में फंसा लिया व मिलीभगत कर उससे दोस्ती कर वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना
शुरू कर दिया। इन लोगों से परेशान उसके बेटे जसबीर सिंह ने बीती 28 जून 2020 को कोई जहरीली चीज निगल ली, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर बीती 29 जून को उसकी मौत हो गई।
पटियाला में डीजीपी से पहचान का झांसा देकर भर्ती के नाम पर आठ लाख रुपये ठगे, केस
पटियाला : थाना सिविल लाइन के अंतगर्त आते इलाके में एक दंपती ने अपनी डीजीपी से पहचान होने की बात कहते हुए सब इंस्पेक्टर भर्ती कराने का झांसा देकर आठ लाख रुपये ठग लिए। ठगी दो साल पहले हुई थी लेकिन आरोपितों ने पैसा लौटाने के नाम पर टालमटोल करना शुरू कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को शिकायत की। थाना सिविल लाइन पुलिस ने मामले की पड़ताल के बाद अमरजीत सिंह निवासी खुड्डा रोड सनौर की शिकायत पर आरोपित गुरप्रीत सिंह संधू व उसकी पत्नी प्रीति वालिया निवासी अर्बन एस्टेट फेज वन व बलजीत सिंह सैणीमाजरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल तीनों ही फरार हैं।
अमरजीत सिंह के अनुसार आरोपित गुरप्रीत संधू उनके साथ प्रापर्टी के काम को लेकर अक्सर मिलता रहता था। आरोपित ने उससे कहा कि उसकी जान पहचान डीजीपी के साथ है, ऐसे में वह युवकों को पुलिस में भर्ती करवा सकता है। डीजीपी के कोटे में एएसआइ व सब इंस्पेक्टरों की भर्ती करवा रहा है, इसके लिए युवकों का ग्रुप चाहिए। अमरजीत ने कहा कि उनके साले की मौत के बाद उसके बेटे को उन्होंने खुद पाला था, जिस वजह से वह भांजे के भविष्य को लेकर चितित था। ऐसे में उसने सोचा कि भांजा पुलिस में भर्ती हो जाएगा। उसने साल 2018 में आरोपित को आठ लाख रुपये दे दिए। पैसा लेने के बाद आरोपित ने भांजे को नौकरी नहीं दिलाई। जब पैसा लौटाने को कहा तो आरोपित टालमटोल करने लगा। इसी कारण पुलिस को शिकायत कर दी थी। 15 से अधिक लोगों को ठगा
अमरजीत सिंह ने बताया कि आरोपित गुरप्रीत संधू अपने ससुराल वालों की अर्बन एस्टेट स्थित कोठी में रहता था। उसने 15 से अधिक लोगों को नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगा था। इनमें से कुछ लोगों ने केस भी दर्ज करवा दिया था। केस दर्ज होने के बाद ही उन्हें पता चला कि आरोपितों ने एक नहीं कई लोगों के साथ ठगी की है। मामले में गुरप्रीत की पत्नी प्रीति वालिया को पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है, जो बाद में जमानत पर बाहर आ गई थी।
पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के पाेते बोले- कृषि कानून रद हो तो राजोआणा की रिहाई पर नहीं एतराज
लुधियाना/नई दिल्ली। पंजाब में पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोाआणा की रिहाई को लेकर सियासत के बीच लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और उनके चचेरे भाई विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने बड़ा बयान दिया है। बिट्टू और कोटली का कहना है कि अगर केंद्र सरकार तीनों कृषि सुधार कानून रद कर दे तो उनके परिवार को राजोआणा की रिहाई पर एतराज नहीं है। कोटली ने यह भी कहा कि अगर राजोआणा माफी मांग ले तो उन्हें उसकी रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं है।
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने शनिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि राजोआणा को रिहा किया जाए। इसके बाद रविवार को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर करते हुए बिट्टू ने कहा है कि उनके दादा बेअंत ¨सह ने हमेशा किसान हितों की बात की। राज्य में आतंकवाद खत्म कर किसानों के हितों की रक्षा को ही तरजीह दी।
बिट्टू ने कहा कि यदि केंद्र की सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले तो कोटली परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सीबीआइ को सारे केस वापस लेने के लिए लिखित में देने को तैयार है। बिट्टू ने कहा कि पंजाब, पंजाबियत और हिंदू व सिख भाईचारे के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं।
इसके साथ ही बिट्टू ने आरोप लगाया कि शिअद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बी टीम है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आह्वान पर बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर इस मामले की 26 जनवरी से पहले रोजाना सुनवाई करने की अपील की गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चार दिसंबर, 2020 को केंद्र सरकार से पूछा था कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को लेकर राष्ट्रपति को प्रस्ताव कब भेजा जाएगा।
चंडीगढ़ की एक अदालत ने 27 जुलाई, 2007 को राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी। जिसे 12 अक्टूबर 2010 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था। जिसके बाद राजोआणा ने इस फैसले के खिलाफ न तो अपील दायर की और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की। इस मामले में जगतार सिंह हवारा को भी मौत की सजा सुनाई गई थी।
गुरमीत सिंह, लखविंदर सिंह और शमशेर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह सहित 17 लोग मारे गए थे।
सुखबीर पर बरसे बिट्टू
बिट्टू ने कहा कि सुखबीर बादल कह रहे हैं कि बलवंत सिंह राजोआणा को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाना चाहिए। लेकिन वह (बिट्टू) पूछना चाहते हैं कि अगर पांच बार मुख्यमंत्री रहे आपके (सुखबीर) पिता की हत्या हुई होती तो क्या आपका बेटा उनके हत्यारोपितों को छुड़वाने या रिहा करवाने के लिए जाता। उधर, विधायक कोटली ने भी कहा कि शिअद ने हमेशा हर मुद्दे का राजनीतिकरण किया है और कभी भी शांति का समर्थक नहीं रहा।
पंजाब में कोरोना अपडेट :जनवरी के 10 दिनों में जिले के 335 मरीज रिकवर, अब तक 95 फीसदी मरीज स्वस्थ
चंडीगढ़। जनवरी के 10 दिन बीत चुके हैं। लेकिन इन 10 दिनों के दौरान पॉजिटिव आने वाले लोगों से ज्यादा रिकवर होने वाले रहे हैं जो राहत की खबर है। यही नहीं इन 10 दिनों से 5 दिन ऐसे रहे हैं जिनमें लुधियाना के 30 से भी कम संक्रमित रहे हैं। वहीं, छह दिन ऐसे रहे जिनमें लुधियाना के एक भी मरीज की मौत नहीं हुई। रिकवरी रेट भी अच्छा रहा। जिनमें 4 दिन 40 से ज्यादा स्वस्थ हुए।
जनवरी में अब तक लुधियाना में कुल 391 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इनमें लुधियाना के 329 संक्रमित पाए गए। जबकि इन 10 दिनों के दौरान 335 मरीज स्वस्थ हुए हैं। यानि जनवरी के कुल केसों के मुकाबले रिकवरी रेट 85 फीसदी का रहा है। राहत की ये भी खबर है कि अब हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले मरीजों की गिनती में भी गिरावट हो रही है।
लुधियाना में एक्टिव 317 केेस में से 76 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सिविल हॉस्पिटल में जहां लुधियाना के सिर्फ 5 ही मरीज एडमिट हैं। जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में सिर्फ 39 ही मरीज एडमिट हैं। जबकि लुधियाना का एक भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं है। यानि गंभीर स्थिति में कोई मरीज नहीं है।
रविवार को लुधियाना के 33 संक्रमित, 317 एक्टिव केस
रविवार को लुधियाना में कोविड के 40 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 33 लुधियाना, 7 दूसरे जिलों व राज्यों से संबंधित हैं। वहीं, 1 मरीज की मौत हुई जो जालंधर से संबंधित है। 26 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। लुधियाना के अब तक 25102 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। इनमें से 23808 मरीज रिकवर हो चुके हैं। जोकि कुल केसों का 95 फीसदी हिस्सा है। लुधियाना के अब 1.3(317 केस) फीसदी ही एक्टिव केस हैं। इनमें 242 होम आइसोलेशन में हैं। लुधियाना के अब तक 977 मरीजों की मौत हो चुकी है। अन्य जिलों व राज्यों से अब तक 3760 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। इनमें से 37 एक्टिव केस हैं। 460 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है।
86 मरीजों को किया होम क्वारेंटाइन: रविवार को 2306 सैंपल्स लिए गए। इनमें से सरकारी सेंटर्स में 1783 आरटी-पीसीआर, 2 रैपिड एंटीजैन और 1 ट्रूनेट का सैंपल रहा। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में 393 आरटी-पीसीआर सैंपल, 85 रैपिड एंटीजैन और 42 ट्रूनेट के सैंपल रहे। 1514 सैंपल्स की रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं, रविवार को पॉजिटिव आए केेसेस में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क का केवल 1 मरीज, 1 पुलिस कर्मी, ओपीडी के 11 मरीज, आईएलआई के 14 मरीज और 1 ट्रेवलर की रिपोर्ट पॉजिटिव रही। 18 रैपिड रिस्पांस टीमों ने 105 मरीजों की स्क्रीनिंग की। इनमें से 86 को होम क्वारेंटाइन किया गया। 940 एक्टिव होम क्वारेंटाइन केस हैं। 55466 को अब तक होम क्वारेंटाइन किया जा चुका है।
सिटी में सिविल हॉस्पिटल, डीएमसी में बनेगी वैक्सीनेशन साइट: वैक्सीनेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी की तारीख की घोषणा कर दी है। हर जिले में फिलहाल 5 ही सेशन साइट्स रखने के लिए कहा गया है। लेकिन उन सेशन साइट्स में कितनी टीम लगेंगी इसके बारे में फिलहाल क्लियर नहीं किया गया है। एक टीम द्वारा 100 लोगों की वैक्सीन एक दिन में की जा सकती है। एक टीम में कम-कम से 10 हेल्थ केयर वर्कर्स रहेंगे। लुधियाना में सबसे ज्यादा 30 हजार हेल्थ केयर वर्कर हैं। ऐसे में टीमें भी उसी तरह से बनाई जाएंगी ताकि वैक्सीनेशन के लिए ज्यादा समय भी न लगे। सिविल सर्जन डॉ. सुखजीवन कक्कड़ ने बताया कि लुधियाना में 5 साइट्स बनेंगी। इनमें शहर में दो जिनमें सिविल हॉस्पिटल और डीएमसी हॉस्पिटल होगी। एक-एक साइट जगराओं, खन्ना और रायकोट में बनाई जाएगी।
अगली बैठक में भी समाधान पर सस्पेंस:किसान नेता बोले- हमेें पता है होना कुछ नहीं, सरकार को बेनकाब करने के लिए मीटिंग में जाएंगे
नई दिल्ली। बीते शुक्रवार किसानों की सरकार के साथ बातचीत एक बार फिर से विफल रही। अब 15 जनवरी को किसान नेता 9वीं बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। लेकिन इस बैठक को लेकर भी किसान नेताओं में कोई उत्साह नहीं है और करीब सभी किसान नेता ये मान रहे हैं कि अगली बैठक भी बेनतीजा ही रहने वाली है।
ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब किसान नेताओं को इन बैठकों से समाधान की कोई उम्मीद ही नहीं है तो वे बैठक में शामिल ही क्यों हो रहे हैं? किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां इस सवाल पर कहते हैं, ‘शहीद भगत सिंह से भी ऐसे ही सवाल पूछे जाते थे कि जब आपको न्यायालय से न्याय मिलने को कोई उम्मीद नहीं है तो आप हर तारीख पर अदालत क्यों जा रहे हैं। तब भगत सिंह का जवाब होता था कि हम अदालत इसलिए जा रहे हैं ताकि पूरे देश की अवाम को अपनी आवाज पहुंचा सके। हम भी इन बैठकों में सिर्फ इसीलिए जा रहे हैं।’
इन बैठकों के बेनतीजा रह जाने के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए उग्राहां कहते हैं, ‘बातचीत हमारे कारण नहीं, बल्कि सरकार के कारण विफल हो रही हैं। हमारी मांग तो बहुत सीधी है कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए, उसके बिना हम वापस नहीं लौटेंगे। सरकार को ये बात हम कई बार बता चुके हैं, लेकिन फिर भी वो हर बार हमें बुलाती है और ये मांग नहीं मानती। वो अगली बार भी ऐसा ही करेंगे, लेकिन हम फिर भी बैठक में शामिल होंगे ताकि सरकार को बेनकाब कर सकें।’
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी मानते हैं कि सरकार के साथ हो रही इस बातचीत से समाधान नहीं निकालने वाला है और 15 जनवरी को होने वाली वार्ता भी पूरी तरह से विफल होने जा रही है। इसके बावजूद भी बैठक में शामिल होने के बारे में वे कहते हैं, ‘सरकार ने पहले ही इस आंदोलन को बदनाम करने की बहुत कोशिश की है। कभी हमें खालिस्तानी कहा गया, कभी आतंकवादी कहा गया और कभी कहा कि हम नकली किसान हैं। हम अपनी तरफ से सरकार को ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहते कि वो किसानों को बदनाम करे। इसीलिए हम बैठक में आते हैं। ऐसे में सरकार ये नहीं कह सकती है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, पर किसान ही इससे पीछे हट रहे हैं। इसीलिए हम ये जानते हुए भी अगली बैठक में जाएंगे कि उस दिन भी समाधान तो नहीं होने वाला है।’
किसानों की सरकार से बातचीत इसलिए अटक गई है, क्योंकि किसान कानूनों के रद्द होने से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं और सरकार कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार लगातार ये प्रयास कर रही है कि बातचीत के जरिए कोई बीच का रास्ता निकाला जा सके।
किसान नेता हन्नान मुल्ला कहते हैं, ‘ये कानून किसानों की मौत के वारंट हैं। इस पर कोई समझौता या बीच का रास्ता कैसे हो सकता है। मौत का वारंट तो रद्द ही किया जाता है, उसमें संशोधन नहीं होते। हम ये भी जानते हैं कि सरकार भी मानने वाली नहीं है। सरकार ने ये कानून उन लोगों के लिए बनाए हैं, जिनके पैसे से वो चुनाव जीते हैं, जिनके जहाजों में वो चुनावी रैली करते हैं। कानून वापस लेकर वो पूंजीपतियों को नाराज नहीं कर सकते। अगली बैठक में भी सरकार नहीं मानेगी, ये हम जानते हैं। इसलिए अपने संघर्ष को ऐसे आगे बढ़ा रहे हैं कि सबसे बेहतर नतीजों की उम्मीद करो, लेकिन सबसे बुरे नतीजों के लिए तैयार रहो।’
बीते शुक्रवार को हुई बैठक में सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि किसान चाहें तो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं और वहां इन कानूनों को चुनौती दे सकते हैं। इस प्रस्ताव पर अखिल भारतीय किसान सभा के नेता मेजर सिंह कहते हैं, ‘कोर्ट की भूमिका कानूनों की समीक्षा करते हुए यह तय करने की है कि कोई कानून संविधान के दायरे में है या नहीं। हम तो कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती दे ही नहीं रहे तो कोर्ट जाकर क्या करेंगे। कानून बनाना सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, लेकिन वो कानून किसान हितैषी नहीं हैं इसलिए हमारी लड़ाई सरकार से है और जब तक हम ये लड़ाई जीतेंगे नहीं, तब तक सरकार से लड़ते रहेंगे।’
सरकार से हो रही बातचीत को भी इसी लड़ाई का हिस्सा मानते हुए उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत कहते हैं, ‘सरकार इस आंदोलन को कमजोर करने के लिए ही तारीख पर तारीख दे रही है। इनसे होना कुछ नहीं है। बस लोग बिना मुकदमे की तारीख झेल रहे हैं। अगली बैठक में भी यही होगा। सरकार को लगता है कि ऐसा करने से आंदोलन कमजोर होगा और जनता में ये संदेश जाएगा कि सरकार तो बात कर रही है, लेकिन किसान नहीं मान रहे। हम भी इसलिए बैठक से मना नहीं कर रहे, क्योंकि हम जनता को बताना चाहते हैं कि हम तो अपनी मांगों को लेकर बिलकुल स्पष्ट हैं और वो सरकार है, जो मान नहीं रही।'
गतिरोध की यही स्थिति बनी रही तो बातचीत का औचित्य क्या रहेगा और ऐसा कब तक चलेगा? इस सवाल पर राकेश टिकैत कहते हैं, ‘फिलहाल तो यही समझ लीजिए की हम अगली बैठक के बहाने 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड की रेकी कर लेंगे। उस दिन किसान मार्च निकलेगा। तब भी सरकार नहीं मानी तो आंदोलन चलता रहेगा। हम मई 2024 तक ये आंदोलन चलाएंगे, जब तक इस सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं हो जाता।’
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