कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए टेस्ट, ट्रैक व ट्रीटमेंट जरूरी : डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों
बठिंडा। सिविल अस्पताल बठिंडा में साल 2020 में कई विवादों ने जन्म लिया। ब्लड बैंक विवाद से लेकर कर्मचारियों व सविधाओं को लेकर उठे विवाद ने लोगों के विश्वास पर ठेस पहुंचाई। इस स्थिति में सिविल अस्पताल को नया सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों के तौर पर मिला। नए साल में नई उम्मीदों व नए संकल्प के साथ डा. ढिल्लों ने सिविल सर्जन जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी संभाली। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती मरीजों का डाक्टरों के साथ स्टाफ के प्रति उठे विश्वास को फिर से कायम करने की थी। अस्पताल की अव्यवस्था को सुधारकर उसे फिर से लोगों की पसंद का मेडिकल संस्थान बनाने का काम उन्होंने पहले दिन से ही शुरू कर दिया। बठिंडा सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में आए दिन लोगों व बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के केस आ रहे थे, जिसे रोकने के लिए डा. तेजवंत सिंह ने सख्ती के साथ व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए दूरदर्शी के तौर पर काम शुरू किया। हर रोज ब्लड बैंक की जांच करने से लेकर संबंधित अफसरों से रिपोर्ट लेने की योजना ने कमी में सुधार लाने का काम किया। डा. तेजवंत सिंह की दूसरी बड़ी खासियत सहकर्मियों व स्टाफ के बीच तालमेल को मजबूत करने की है। सिविल अस्पताल में आए दिन कर्मियों में होने वाले विवादों को खत्म करने का काम उनकी पहलकदमी में एक था। आज अस्पताल का डाक्टर हो या फिर दर्जा चार कर्मी वह अपनी समस्या को लेकर बेझिझक उनके पास जाता है। यही नहीं डा. ढिल्लों उसे राज्य स्तर के अफसरों तक लेकर जाते हैं व उसका हल निकालते हैं।
एमआरआई व सिटी स्कैन जैसी महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध करवाना उनका सपना
डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों का कहना है कि जब उन्होंने सिविल अस्पताल का चार्ज संभाला तो कोरोना ने अपना असर दिखाना शुरू किया था। इस महामारी से निपटने के लिए सिविल अस्पताल को सुविधाओं से लैस करने का काम उन्होंने शुरू किया। अस्पताल में डायग्नोसिस्ट सेंटर बनाने के लिए योजना पर काम शुरू किया है। यहां मरीजों को एमआरआई व सिटी स्कैन की सुविधा संस्ते दाम में मिल सकेंगी। सिविल अस्पताल में भव्य इमारत है लेकिन मशीनरी की कमी आए दिन देखने को मिलती है। ऐसे में सिटी स्कैन व एमआरआई की सुविधा देने के लिए वह वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से भी बात कर चुके है व इसका जल्द हल निकाल कर सुविधा अस्पताल में इंस्टाल हो जाएगी। यह काम पूरा करना उनके लक्ष्य व सपनों में एक है ताकि सिविल अस्पताल में आने वाली गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को कही बाहर न जाने पड़े व उन्हें अतिरिक्त खर्च वहन न करना पड़े। इसी तरह दूसरा काम सिविल अस्पताल घुद्दा में बने आर्थो आपरेशन की सुविधा शुरू करना है। इसके लिए जल्द ही सीआरएम मशीन की भी खरीद की जाएगी ताकि टैक्नोलाजी के साथ आर्थों के महंगे आपरेशन संस्ते दामों में किए जा सके। मालवा में गोड़े से संबंधित बीमारी काफी विकराल रुप ले रही है व इसमें मरीजों को बाहर महंगे इलाज करवाने पर मजबूर होना पड़ता है।
मल्टीस्टोरी पार्किग बनाना भी उनकी प्राथमिकता
सिविल अस्पताल में प्रतिदिन एक हजार से 1200 लोग इलाज के लिए आते हैं इस दौरान उन्हें वाहन पार्किंग करने की काफी समस्या रहती है व कई बार तो वाहन चोरी होने के मामले भी सामने आते हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए वह सिविल अस्पताल में मल्टीपर्पज पर्किंग बनवाना चाहते हैं ताकि वहनों की सही ढंग से पार्किंग हो सके।
इस साल मिलेगी सिविल अस्पताल को यह नई सुविधाएं-
-सिविल अस्पताल बठिंडा में आधुनिक आपरेशन थियेटर आगामी दो माह में शुरू होगा, आपरेशन थियेटर का काम पूरा हो चुका है व मरीजों के लिए लिफ्ट की सुविधा भी इसमें शुरू की जाएगी।
-वूमेन व चिल्ड्रन अस्पताल में बैड की क्षमता बढ़ाई जाएगी। सरकार की तरफ से 30 बैड बढ़ाने की योजना है व इस बारे में प्रस्ताव बनाकर संबंधित विभाग को भेजा जा चुका है व जल्द इसमें काम शुरू हो जाएगा।
-गोनियाना सिविल अस्पताल में मदर व चाइल्ड विंग की नई इमारत तैयार हो रही है। इस इमारत का काम भी दो माह में पूरा हो जाएगा व यहां 20 बैड की सुविधा मिलेगी।
-सिविल अस्पताल बठिंडा में आधुनिक वर्न वार्ड की इमारत भी बनकर तैयार हो चुकी है। इस वार्ड के लिए प्लास्टिक सर्जन व स्टाफ की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जा चुका है। इसमें जल्द नियुक्ति होने की उम्मीद है।
सीएचसी मौड़ मंडी बनेगी सब डिविजन अस्पताल
बठिंडा में मौड़ मंडी में पहले से स्थापित सीएचसी सेंटर को सब डिविजन अस्पताल बनाने की योजना है। इससे जहां बठिंडा सिविल अस्पताल में बड़े उपचार करवाने वाले मरीजों की भीड़ कम होगी वही मौड़ व आसपास के इलाके में रहती डेढ़ लाख की आबादी को घर के पास उपचार मिल सकेगा। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजकर का भी शुरू कर दिया गया है। अब इसमें अलग इमारत का काम पूरा होने के बाद नई भर्ती का काम शुरू होगा।
कोरोना को रोकने के लिए उठाए अहम कदम
सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों क बड़े चैलेजों में एक कोविड-19 महमारी रही। इससे लड़ने के लिए जागरुता पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। वही कोरोना से संक्रमित लोगों को समय पर उपचार व बेहतर सुविधा मिले इसके लिए वह दिन रात काम कर रहे हैं। जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार से तालमेल करना व जारी निर्देशों को नीचले स्तर पर कर्मियों तक पहुंचाने के काम में वह 24 घंटे लगे रहते हैं। उनका कहना है कि कोरोना महामारी को रोकना लोगों की भी सामाजिक जिम्मेवारी है। इसमें सरकार की गाइडलाइनों का सख्ती से पालन हो वही मास्क पहनना व सामाजिक दूरी बनाकर रखने जैसे कदमोंको अपनी दैनिक जीवन का हिस्सा बनाए। वही इस बीमारी में स्वंय को मजबूत करने के लिए सिविल अस्पताल व तय सेंटरों में फ्री वैक्सीनेशन का लाभ ले। कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए वह तीन सूत्रों टेस्ट, ट्रैक व ट्रिटमेंट पर काम कर रहे हैं व इसी पर जोर दिया जा रहा है
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