-पहले से दाखिल मरीजों का अस्पताल प्रबंधन की तरफ से पहले की तरह किया जा सकेगा इलाज
बठिंडा: डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने जारी आदेश में शहर के निजी ग्लोबल अस्पताल को कोरोना सम्बन्धित जारी हिदायतों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। इस अस्पताल की तरफ से लेबल 3 के मरीजों सम्बन्धित 7 बैंडों के लिए इंमपैंनलड होने के बावजूद 33 मरीजों को दाख़िल किया गया था। जारी आदेश अनुसार सिविल सर्जन बठिंडा की तरफ से मामले में की गई पड़ताल के दौरान मौके पर मिली कमियों को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल अस्पताल को 1 जून 2021 से 31 जुलाई 2021 तक कोविड -19 के नए मरीजों को दाखिल करने पर मुकम्मल तौर पर रोक लगाई गई है। यहां उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि इस अस्पताल में अब तक दाखिल मरीजों का अस्पताल प्रबंधन की तरफ से पहले की तरह ही इलाज किया जा सकेगा।
सिविल सर्जन की तरफ से प्राईवेट अस्पतालों द्वारा करोना प्रभावित मरीजों के पास से आ रही ओवर चार्जिंग की शिकायतों का रिव्यू करते हुए ग्लोबल हस्पताल में कुछ कमियों होने के बारे में डिप्टी कमिश्नर दफ़्तर को रिपोर्ट दी गई थी। इसके उपरांत सिविल सर्जन की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए दफ़्तर डिप्टी कमिश्नर की तरफ से मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्लोबल हैल्थ केयर अस्पताल, बठिंडा को शो-काज नोटिस जारी किया गया था। जिस उपरांत सिविल सर्जन, बठिंडा को ग्लोबल अस्पताल के आधिकारियों की तरफ से दिए गए जवाब को जांच पड़ताल कर रिपोर्ट करने की हिदायत की गई थी।
इस उपरांत सिविल सर्जन की तरफ से दी गई पड़ताल रिपोर्ट अनुसार ग्लोबल अस्पताल की तरफ से 18 मई 2021 की चैकिंग उपरांत कोविड ऐप्रोप्रीएट बेहेवियर और सोशल डिस्टैसिंग के नियमों की पालना की जा रही है और रेट भी डिस्पले कर दिए गए हैं भाव उनकी तरफ से पहले इन नियमों की पालना नहीं की जा रही थी और रेट भी डिस्पले नहीं किए गए थे। इसके अलावा ग्लोबल अस्पताल की तरफ से उनके हस्पताल को लेबल 3 के मरीजों सम्बन्धित 7 बैंडों के लिए इंमपैंनलड होने के बावजूद 33 मरीजों को दाखिल किया गया था। इस सम्बन्धित सिविल सर्जन की तरफ से उक्त अस्पताल को करोना सम्बन्धित जारी हिदायतों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। हुक्मों का उल्लंघन करने की सूरत में डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 की धारा 51 से 60 और इंडियन पैनल कोड की धारा 188 अधीन कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
यहां बताते चले कि सेहत विभाग की तरफ से पिछले दिनों शहर के चार प्राइवेट अस्पतालों की जांच की गई थी। इन अस्पतालों में ग्लोबल अस्पताल, मैक्स अस्पताल, दिल्ली हार्ट व एमजी अस्पताल शामिल था। इन अस्पतालों के खिलाफ मरीजों से ओवरचार्जिंग करने, सरकार की तरफ से तय रेट की लिस्ट डिस्पले नहीं करने, क्षमता से ज्यादा मरीजों को दाखिल करने जैसे शिकायतों की जांच की गई थी। सेहत विभाग व जिला प्रशासन की तरफ से एमजी अस्पताल में रुटीन जांच की बात कही थी जबकि अन्य दूसरे बड़े अस्पतालों के खिलाफ अभी कारर्वाई पेंडिग पड़ी है।
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