-पुलिस ने मामले की जांच व कानूनी सलाह के बाद दो आरोपियों पर किया केस दर्ज
बठिंडा. जिले के गांव में पूर्व सरपंच व तत्कालीन पंचायत सचिव ने मिलीभगत कर लाखों रुपए का घपला किया वही नियमों को ताक पर रखकर प्रस्ताव पारित कर करोड़ों की जमीन पर अवैध तौर पर कब्जा करवाया। मामले में मोहाली स्थित डायरेक्टर पंचायत विभाग को लिखित शिकायत के बाद जांच शुरू की गई जिसमें लगाए गए आरोपों को सही पाए जाने पर पूर्व सरपंच व पूर्व पंचायत सचिव के खिलाफ सदर बठिंडा पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें दोनों आरोपी फरार बताए जा रहे हैं जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जानकारी अनुसार डायरेक्टर पंचायत विभाग पंजाब की तरफ से करवाई गई जांच पड़ताल व मामले में पुलिस की तरफ से ली गई कानूनी सलाह के बाद सामने आया कि बलुआना गांव के पूर्व सरपंच ने सभी नियमों व कायदों को ताक पर रखकर काम किया व सरकारी खजाने को जमकर चपत लगाई।
वही अपने चेहतों को पंचायती व वक्फबोर्ड की जमीन नियमों के विपरित बांटी। डायरेक्टर के निर्देश पर जांच जिला ब्लाक पंचायत अफसर की तरफ से की गई। शिकायतकर्ता जरनैल सिंह वासी बलुआना की शिकायत व अधिकारियों की तरफ से की जांच में खुलासा हुआ कि गांव के सार्वजनिक छप्पर जहां पानी इकट्ठा किया जा रहा था उसे तत्कालीन पंचायत सचिव बलबीर सिंह व पूर्व सरपंच गुरमेल सिंह ने मिट्टी डालकर भर दिया व उस पर अवैध कब्जा करवा दिया। वही गांव की 6 एकड़ जमीन जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है में बिना सरकारी आदेश के लोगों को रुडी लगाने के लिए प्रदान कर दी व इसमें मिलने वाली राशि अपनी जेब में डालते रहे। वही गांव में स्टेट बैंक आफ पटियाला की तरफ से मेन बाजार में खाली की गई इमारत को बिना किसी मुनियादी व अखबारी विज्ञापन के गैरकानूनी ढंग से इस्तेमाल की जा रही थी जहां पूर्व सरपंच ने सिमेंट की दुकान खोल रखी थी व इसका कोआ किराया पंचायत के पास जमा नहीं करवाया जा रहा था।
वही गुरुद्वारा साहिब ग्राम पंचायत की 10 दुकाने जो मेन बाजार में थी उसमें 9 दुकाने किराये पर दे रखी है जिसमें पांच दुकानों को नियमानुसार बोली नहीं की गई व न ही सरकारी खजाने में इन दुकानों का किराया जमा करवाया गया। घपलों का सिलसिला यही नहीं थमा बल्कि पंचायती जमीन में चेहतों को अवैध कब्जा दिया जबकि गांव में गरीब लोगों के लिए शौचालय बनाने की आई राशि में भी बड़े स्तर पर घपला किया गया। इसमें कई स्थानों में तो कागजों में शौचालय बने लेकिन जमीनी स्तर पर कही भी काम न कर मिला पैसा अपनी जेबों में डाल लिया गया। गांव के छप्पर की जमीन में मिट्टी भर गुरुद्वारा साहिब को कब्जा दिया गया वही रेलवे क्रांसिग पर पड़ी जमीन पर भी अवैध तौर पर निर्माण कर कब्जा करवा दिया गया।
गांव के रजवाहा के साथ चुघे खुर्द रोड पर जमीन की बोली न लगाकर उसे अपने चेहतों को बाट दी गई। जांच में गांव में लगे वाटर वर्कर व उसके बिलों में भी लाखों का घपला सामने आया इसमें जाली बिल बनाकर लोगों से वसूली की गई व राशि सरकारी खजाने में देने की बजाय अपनी जेबों में डाल ली गई। इस तरह से जांच में सामने आया कि वाटर वर्कस के जाली बिलों में 10 लाख 93 हजार 609 रुपए, दुकानों के किराये में 1 लाख 88 हजार 436 रुपए व 6 एकड़ जमीन की लीज के दो लाख 17 हजार 637 रुपए का घपला किया गया। मामले में शिकायतकर्ता की तरफ से साल 2016 से लगातार शिकायत की जा रही थी लेकिन इसमें पांच साल तक किसी तरह की कारर्वाई नहीं की जा रही थी। अब पंजाब पंचायत विभाग की पहल पर मामले की जांच करवाकर व कानूनी सलाह लेकर दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की हिदायत की गई।
पुलिस का कहना है कि जमीनों को गलत ढंग से लीज में देने, बिलों की अवैध वसूली, दुकानों के किराये में घपला व जमीन पर अवैध कब्जा करवाकर उसमें वसूली करने के गैरकानूनी काम अब तक सामने आ चुके हैं व इसमें पुलिस ने आरंभिक जांच पूरी कर ली है। पूर्व सरपंच व पूर्व पंचायत सचिव ने मिलीभगत कर पंचायत में गलत प्रस्ताव पारित करवाए व इसमें अंतिम फैसला लेने का अधिकार गैरकानूनी ढंग से अपने पास रखा व मनमाने ढंग से सरकारी खजाने को चपत लगाई है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापामारी कर रही है।
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