बठिडा: नगर निगम चुनाव के नतीजों के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पराजित उम्मीदवारों सहित विजेता पार्षदों ने भी ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए। पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला ने कहा कि चुनाव 14 फरवरी को संपन्न हुए थे, लेकिन ईवीएम पर इसकी क्लोजिंग डेट 16 फरवरी दिखाई दे रही थी। ऐसे में स्पष्ट है कि मशीनों को चुनाव के बाद छेड़ा गया है।
शिकायत के बावजूद नहीं की गई कार्रवाई: गोबिंद
शिअद वर्कर गोबिद मसीह ने बताया कि उनकी मां शीला रानी वार्ड 19 में से चुनाव लड़ी हैं। हालांकि उनकी मां की चुनाव में जीत हुई है, लेकिन उन्होंने देखा कि जब कांउटिग हो रही थी तो मशीनों के ऊपर 14 फरवरी के बजाये 16 फरवरी का सुबह दस बजे का समय आ रहा था। हमने मौके पर तैनात अमले से इसके बारे में पूछा भी लेकिन किसी ने भी कोई तस्ल्लीबख्श जबाव नहीं दिया।
कांग्रेस ने चुनाव जीता नहीं, लूटा: सिद्धू
शिअद के शहरी प्रधान राजबिदर सिंह सिद्धू ने कहा कि चुनाव को कांग्रेस ने जीता नहीं बल्कि लूटा है। हमने चुनाव आयोग को लिखित शिकायत की है। सरेआम धांधली हुई है। इस संबंध में वीरवार को शिअद, बीजेपी, आप व आजाद प्रत्याशियों द्वारा मिल कर रोष प्रदर्शन भी किया गया।
हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे: सिंगला
सरूप चंद सिगला ने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों को चुनाव से पहले डराया धमकाया भी गया। बूथ कैप्चरिग भी की गई। इसके बावजूद सात उम्मीदवार जीते हैं। उन्होंने कहा कि हमने बठिडा के डीसी के अलावा चुनाव आयोग को भी शिकायत की है। इसके बाद हाइ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। नगर निगम चुनाव के बाद पराजित उम्मीदवारों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।
गौरतलब है कि गत दिवस नगर निगम चुनावों में मतगणना के दिन बड़ी धांधली के आरोप लगा सभी पार्टियों ने प्रेसवार्ता करने के साथ धरना लगाकर फिर से मतदान करने की मांग की थी। आजाद उम्मीदवारों द्वारा सांझे रूप से चुनाव कमीशन व कांग्रेस सरकार का पुतला दहन किया गया 200 से करीब पार्टियों में आजाद उम्मीदवारों द्वारा इस मतगणना के खिलाफ माननीय उच्च अदालत में पिटीशन भी दायर की गई है। सभी ने एक स्वर में कहा कि पहले तो चुनावों के दिन मौजूदा सरकार द्वारा जमकर गुंडागर्दी की गई और फिर मतगणना के समय सरेआम अबजर्वरो द्वारा व मौजूदा सरकार की तरफ से लोकतंत्र की हत्या की गई। किसी भी उम्मीदवार या काउंटिंग एजेंट को मशीनों की सीले चेक नहीं करवाई गई और मशीन में चुनाव की तारीख के बदले 16 फरवरी क्लोजिंग दिन दिखाया जा रहा था। जिसका एतराज करने पर मौजूदा अफसरों द्वारा कोई कार्रवाई करने की बजाय कैंडिडेट व उनके काउंटिंग एजेंट को वहां से बाहर निकलने के लिए कहा गया। जिसके खिलाफ उन्होंने तुरंत एतराज भी दर्ज कराया लेकिन मौजूदा प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां ने कहा के प्रदेश प्रदेश सरकार बेनकाब हो चुकी है और गुंडागर्दी व सरकारी बल पर निगम में कब्जा जमाने के लिए तैयारी कर रही है जो की सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुखपाल सरां ने कहा कि धांधली का इस बात से स्पष्ट होता है कि स्ट्रांग रूम में कोई सीसीटीवी कैमरों से निगरानी नही की गई, और न ही मतगणना की कोई वीडियोग्राफी हुई। जबकि उम्मीदवार बार बार एतराज जता रहे थे, उन्होंने मांग की की सभी मशीनों को केंद्र सरकार कब्जे में लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाएं। सरां ने कहा उन्होंने पहले ही शंका जाहिर की थी कि इस तरह पंजाब पुलिस साफ सुथरे चुनाव नही करवा सकेगी। इसलिए केंद्रीय सुरक्षा बल लगाए जाएं लेकिन कांग्रेस के दबाब में ऐसा नही हुआ। अब इसके खिलाफ माननीय उच्च अदालत में केस दर्ज किया जाएगा और इसे लेकर आजाद उम्मीदवारों सहित सभी पार्टियों के कैंडिडेट ओं द्वारा पिटीशन दायर कर चुके हैं और इस पर सख्त नोटिस लिया जाएगा। अकाली दल के राकेश काका ने कहा कि चुनावो के समय जो गुंडागर्दी की गई व नतीजों में जो गड़बड़ की गई वो असहनीय है जिसने समाज को शर्मसार किया है। बठिण्डा सोशल ग्रुप के डॉक्टर तरसेम गर्ग ने कहा कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है अगर ऐसे ही चुनाव धांधली करके जीतने थे तो चुनाव की जरूरत ही क्या थी। आजाद उम्मीदवार अलका चावला ने कहा कि उनकी आवाज दबाई गई बार बार शोर मचाने पर भी किसी ने कोई सुनवाई की गई।
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