प्रशोत्तम मन्नू
रामपुरा फूल, 11 जुलाई : जिला प्रशासन की तरफ से जमीनों के कलैक्टर रेट बढ़ाने का लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में सोमवार को रामपुरा फूल तहसील के समूह प्रापर्टी डीलरों व लोगों ने मिलकर विरोध प्रदर्शन किया व तहसील दफ्तर का घेराव कर दिया। इस दौरान उन्होंने तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ को एक मांग भी सौंपा व चेतावनी दी कि अगर बढ़ाएं गए कलेक्टर रेट में पूर्व की स्थिति बरकरार नहीं रखा गई तो समूह शहर के व्यापारी सड़कों में उतरकर प्रदर्शन करेंगे व मंडी को बंद रखने का फैसला लेंगे। प्रापर्टी डीलर एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह गौरा का कहना है कि डीसी बठिंडा की तरफ से जारी नए क्लेक्टर रेट वर्तमान तय कीमत से करीब तीन से चार गुणा तक अधिक हो गए है। इससे मंदी की मार झेल रहे लोगों को घर बनाने के लिए अधिक राशि खर्च करनी पड़ेगी। बठिंडा में जमीन का कलैक्टर रेट रिवाइज किया गया है। प्रशासन का कहना है कि जमीनों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है जिससे सरकारी रेट बढ़ाना जरूरी हो गया है लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि व्यापार में मंदी के चलते व्यापार पूरी तरह से ठप पड़े हैं। पहले कोरोना काल के चलते हुए नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो रही है वही अब तहसील दफ्तरों में घर बनाने के लिए खरीदी जमीन पर अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ेगी जबकि सरकार ने एनओसी जैसे दूसरे कई नियम बनाकर पहले ही व्यापारियों पर लाखों रुपए का अतिरिक्त बोझ डाल रखा है।
रामपुरा में इसको लेकर प्रॉपर्टी डीलरों में आक्रोश है, जिसके चलते यहां जमीनी व्यवसाय से जुड़े लोगों ने धमकी दी है कि अगर इन रेटों को वापस नहीं लिया गया तो रामपुरा फूल में कोई भी व्यक्ति रजिस्ट्री नहीं करवाएगा। इसके अलावा क्रमवार भूख हड़ताल भी की जाएगी। वही सोमवार को प्रदर्शन के चलते तहसील में किसी तरह का कामकाज नहीं हो सका है।
प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह गोरा, प्रमोद कुमार एमसी, टोनी चूचा आदि ने बढ़े रेट को लेकर नारेबाजी करते तहसीलदार को मांग पत्र सौंपा। प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह गोरा, प्रमोद कुमार एमसी, टोनी चूचा, विनोद कुमार, अमित कुमार, जस पिपली, संजीव कुमार नत्थू खैराती राम, रमेश मेशा, धरमिंदर गोयल, जगपाल सिंह, कूका, रिंकू, दाता राम, प्रीतम सिंह, लक्ष्मण सिंह ज्ञानी, बिंदरी, राजीव गर्ग, कृष्ण कुमार, राज कुमार, मनी बांसल आदि ने सरकार को जम कर कोसा। बता दें कि जमीनों के कलैक्टर रेट रिवाइज करने की प्रशासन की यह जद्दोजहद पिछले काफी समय से चल रही थी।
हालांकि कलैक्टर रेट को सामान्य 15 से 20 फीसदी तक बढ़ाने के विपरीत दो से पांच गुणा तक करने को सरकार के रैवेन्यू बढ़ाने के उद्देश्य से जोड़ा जा रहा है। इससे आम व मध्यम वर्ग की जेब पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा। वर्तमान में जहां बठिंडा जिला में प्रतिमाह अनुमानित 3000 से 3500 तक रजिस्ट्रियां होती हैं, से प्रशासन 15 से 20 करोड़ तक रैवेन्यू हासिल करता है, वहीं अब इसे बढ़ाकर 30 करोड़ करने का है।
इंद्रजीत सिंह गोरा ने कहा कि यह आम आदमी की जेब काटने के बराबर है व इसे किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। वही तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ का कहना है कि पिछले तीन साल में कोरोना के चलते जमीनों के रेट रिवाइज नहीं किए जा सके थे जबकि इन तीन सालों में जमीनों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। सरकारी रेट जहां चार से पांच लाख रुपए प्रति एकड़ है जबकि असल बाजार कीमत 20 से 25 लाख रुपए प्रति एकड़ है इस स्थिति में सरकारी रैवन्यू को बैलेस करने के लिए रेट बढ़ाना जरुरी हो गया था।