-पहले भी पक्का करने की बन चुकी योजना
-लाखों का हुआ था मामले में घपला
बठिंडा। जून-जुलाई में संभावित मानसून के चलते जिला प्रशासन बरसाती पानी से निपटने के लिए बैठकों का सिलसिला शुरूञ् कर रहा है। दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर बरसाती पानी की निकासी को लेकर नगर निगम, कौंसिले व नगर पंचायते चुप्पी साधकर बैठे हैं। यही नहीं सरकार की तरफ से करोड़ों रुपया नहरों, रजवाहों व सीवरेज सफाई के लिए जारी किया जाता है लेकिन इस फंड का समुचित इस्तेमाल नहीं होने से बरसातों में लोगों के लिए आफत बनी रहती है। प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जिले की सरहिंद कनाल की खस्ता हालत को सुधारने के लिए डेढ़ दशक से कोई काम नहीं किया जा सका है। इसके लिए करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने वाले नहरी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते इसकी सफलता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। इससे पहले कैञ्प्टन सरकार के कार्यकाल में नहरों की दशा सुधारने के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया था। इसमें जिले में 25 करोड़ रुपये खर्च कर नहरों को पक्का करने और खस्ता हालत को सुधारने की योजना भी शुरू कर दी गई, लेकिन बरसात में विभिन्न स्थानों में नहरों के साथ पक्के किए रजबाहों के टूटने के सिलसिले ने उक्त योजना में व्याप्त खामियों को उजागर करके रख दिया। मामले की जांच भी की गई लेकिन राजनीतिक प्रभाव में दबा दिया गया। इसमें जिले भर में छह नहरी विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी और उनका तबादला कर इतिश्री कर दिया गया। गौरतलब है कि जिले की सरहिंद नहर को पक्का करने और इसकी सफाई कर पानी के बहाव को तेज करने की योजना पिछले डेढ़ दशक से कागजों में सिमटी पड़ी है। कागजों में तो हर साल पक्का करने के साथ उनकी सफाई करवाई जाती है। इसमें लाखों रुपया खर्च भी दिखा दिया जाता है लेकिन जमीनी स्तर पर ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कोई भी काम नहीं हो पाता। विभाग नहरों के आसपास बनने वाली दीवार को पांच ड्डुञ्ट तक बनाता है। इसमें नियमानुसार टूटे हिस्से की बरसात से पहले मरम्मत करवाई जाती है। लेकिन बठिंडा सरहिंद नहर में ही पिछले 15 साल से टूटी दीवारों को पूर्व की तरह छोड़ दिया गया है। दरार पडऩे की स्थिति में स्थानीय लोग ही इसमें मिट्टी डालने का काम करते हैं। इसी तरह की स्थिति नगर निगम व कौंसिल क्षेत्रों की है जहां अभी तक सीवरेज सफाई का काम शुरू नहीं किया जा सका है। महानगर में बिना बरसात के ही कई क्षेत्रों में सीवरेज का गंदा पानी सड़कों में इकट्ठा होकर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता है। इसमें प्रताप नगर मुチय सड़क, अमरपुरा बस्ती, लाल सिंह बस्ती, संगुआना बस्ती, सिरकी बाजार, माल रोड़ का मध्य हिस्सा, हाजीरत्न चौक, पावर हाऊस रोड, गुरु नानकपुरा क्षेत्र ऐसे हैं जहां बरसात के दौरान चार से पांच फुट तक पानी भर जाता है। नगर निगम कमिश्नर रवि भगत का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज सफाई का काम शुरूञ् करने की हिदायते जारी कर दी गई है, इसमें बरसात शुरू होने से पहले काम पूरा कर लिया जाएगा। जिलाधीश गुरकिरत कृपाल सिंह ने बताया कि बठिंडा शहर को बरसातों व बाढ़ से बचाने के लिए 12 सेंटरों में बांटा गया है जिसके तहत प्रत्येक क्षेत्र का इंचार्ज एक सेंटर अफसर लगाया गया है ताकि सेंटरों में आने वाली समस्याओं का पहले से ही प्रबंध किया जा सके। संबंधित क्षेत्र में संबंधित सेंटर अफसर व ड्यूटी अधिकारी से संपर्कञ् करके उन्हें क्षेत्र से संबंधित समस्याओं बारे अवगत करवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नहरी विभाग के अधिकारियों को टूटी नहरों की मरम्मत करने के साथ संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध पहले से करने की हिदायतें जारी की गई है।