Wednesday, September 23, 2020

बठिंडा में कोविड-19:कोरोना से तीन की मौत, डेढ़ माह से रोज जान ले रहा संक्रमण, 74 पॉजिटिव मिले

 


  1. जिले में 977 हुए एक्टिव केस, अब तक 3408 लोग ठीक हाे चुके

    कोरोना से लगातार मौतें हो रही हैं। पिछले डेढ़ महीने से रोजाना दो से चार लोगों की जान काेरोना से जा रही है। मरने वालों के अधिकतर मरीज सांस, शुगर, किडनी आदि बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं। मंगलवार को भी जिले में चार कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत हो गई।

    हालांकि जिला प्रशासन ने सिर्फ तीन लोगाें की कोरोना से मौत की पुष्टि की है जबकि समाजसेवी नौजवान सोसायटी ने प्रशासन के अधिकारियों के सहयोग से चार कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार किया। वहीं मंगलवार को कोरोना के 74 केस सामने आए।

    डीसी बठिंडा बी श्रीनिवासन के अनुसार अब तक जिले में 5145 केस पॉजीटिव आ चुके हैं जिसमें से 3408 लोग कोरोना को मात देकर घर जा चुके हैं। इसके अलावा मंगलवार को 100 कोरोना मरीजों को छुट्टी मिल गई। नए केसों को मिलाकर अब जिले में 977 एक्टिव केस हाे गए हैं। मंगलवार को 3 लोगों की कोरोना की चपेट में आने से दम तोड़ दिया। वहीं 577 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई है।

    मृतकों की आयु 39 से 67 के बीच, संस्था ने किया संस्कार

    मंगलवार को 67 साल की गांव कल्याण सुखा बठिंडा वासी सुरजीत कौर कोरोना से मौत हो गई। महिला को दो दिन पहले खासी के साथ छाती जाम होने व सास लेने में दिक्कत के चलते सिविल अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था जहां कोरोना टेस्ट करवाने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसमें हालत गंभीर होने के बाद महिला को फरीदकोट मेडिकल कालेज स्थित कोविड सेंटर में दाखिल करवाया गया जहां मंगलवार को उनकी मौत हो गई।

    वही दूसरी मौत गांव कोठा गुरु का बठिंडा वासी राजकुमार की हुई है। करीब 39 साल के राज कुमार को कुछ दिन पहले कोरोना की पुष्टि के बाद निवारण अस्पताल बठिंडा में दाखिल करवाया गया था जहां मंगलवार की सुबह उनकी मौत हो गई। इसी तरह कोरोना संक्रमण से तीसरी मौत अशोक कुमार उम्र 63 साल वासी बसंत बिहार गली नंबर 5-1 की हुई है। उन्हें कोरोना पॉजीटिव आने के बाद एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। जहां उनकी मौत हो गई।

    चौथी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत गांव बल्लो रामपुरा वासी मलकीत सिंह की हुई है। 57 साल के मलकीत सिंह को सास में दिक्कत व तेज बुखार की शिकायत के बाद बठिंडा के निवारण अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। इन सभी मृतकों का समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के सदस्यों जनेश जैन, राकेश जिंदल, सोनू माहेश्वरी, रोहित गर्ग, जसकरन रॉयल, निर्भय सिंह, मनिक गर्ग, अमित गर्ग द्वारा दाना मंडी स्थित श्मशान भूमि में तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ की अगुवाई में कर दिया गया।

    मानसा में 2 की मौत 15 नए पॉजिटिव मामले आए सामने

    मंगलवार को मानसा में कोरोना के 15 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिनमें मानसा में 10, सरदूलगढ़ में 1, बुढलाडा में 1, ख्याला कलां में 3 मरीज शामिल हैं वही 21 मरीजों को ठीक होने के बाद आज छुट्टी देकर घर भेजा गया है। सेहत विभाग की ओर से अब तक 28818 व्यक्तियों के नमूने लिए जा चुके हैं। मानसा जिले में अब तक 139 केसा सामने आ चुके है जिसमे से 961 लोग तंदरुस्त होने के बाद अपने घरों को लौट गए है।

    मंगलवार को 400 व्यक्तियों के कोरोना के सैंपल लिए जा चुके हैं। मानसा में इस समय 404 कोरोना एक्टिव केस हो चुके हैं। मंगलवार को बुढलाडा व मानसा में दो व्यक्तियों की कोरोना से मौत हो जाने के बाद मरने वालों की संख्या 25 हो चुकी है, जो बाहरी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे थे।


पंजाब में किसान प्रदर्शन जारी:किसानों ने कहा, अभी तो हम सिर्फ अपने घरों से निकले हैं और दिल्ली कांपने लगी है, ये कानून वापस नहीं हुए तो दिल्ली कूच होगी


 

  • रमनदीप कहते हैं, 'सरकार हमें बिहार के किसानों की तरह कर देना चाहती है, ताकि हम भी खेती छोड़ मजदूरी करने पर मजबूर हो जाएं'जगजीत सिंह कहते हैं, 'जहां तक बात प्रधानमंत्री के बोलने की है तो उनके ऐसे वादों की लिस्ट बहुत लंबी है, कैसे विश्वास करें, काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती'



  • पटियाला शहर की सड़कों में आस-पास के दर्जनों गांवों से आए किसानों की धमक लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के मिनी सचिवालय के पास इन किसानों का जमावड़ा विकराल होता जा रहा है और करीब दो किलोमीटर की सड़क किसानों से भरी बसों और ट्रैक्टरों से पट चुकी है।

    65 साल के दरबारा सिंह भी तेजी से मिनी सचिवालय की तरफ बढ़ रहे हैं। वे मूल रूप से हमझेड़ी गांव के रहने वाले हैं, जो पटियाला से करीब 70 किलोमीटर दूर है। आज वे खासतौर से किसान आंदोलन में शामिल होने पटियाला पहुंचे हैं। यहां आने का कारण बताते हुए वे कहते हैं, ‘आज अगर हमने विरोध नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। ये कानून अगर लागू हो गए तो पंजाब के किसान बर्बाद हो जाएंगे।’

    कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन करते पंजाब के किसान। हाल ही में केंद्र सरकार किसानों से जुड़े तीन बिल लाई है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं।
    कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन करते पंजाब के किसान। हाल ही में केंद्र सरकार किसानों से जुड़े तीन बिल लाई है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं।

    दरबारा सिंह की ही तरह चिंताएं लेकर आज मालवा क्षेत्र के हजारों किसान पटियाला पहुंचे हैं। इनमें हर उम्र और हर वर्ग के किसान शामिल हैं। अनुभव की झुर्रियों भी हैं और जोशीली युवा आंखें भी, झुकी हुई कमर भी हैं और चौड़े सीने वाले जवान भी, शिकन भरे माथे भी हैं और आत्मविश्वास से लबरेज ललाट भी, लेकिन विविधताओं से भरी इस भीड़ में भी जो एक चीज समान है वो है इन किसानों की मुट्ठियां, मजबूती से तनी हुई और लगातार ऊपर उठती हुई।

    दोपहर के दो बजते-बजते मिनी सचिवालय के पास लगा पंडाल पूरी तरह से भर चुका है। किसानों की संख्या इतनी ज्यादा है कि हजारों किसान अब बसों की छत पर चढ़कर अपने नेताओं की बात सुन रहे हैं। मंच से लगातार यह बताया जा रहा है कि हाल ही में पारित हुए तीनों कानून किसानों के हित में नहीं, बल्कि किसान विरोधी हैं।

    भारतीय किसान यूनियन के पटियाला जिला अध्यक्ष मनजीत सिंह दयाल अभी-अभी अपना भाषण खत्म करके मंच से उतरे हैं। उन्होंने यह कहने पर सबसे ज्यादा तालियां बटोरी थीं कि ये कानून किसानों की मौत के वारंट के समान हैं। इस बारे में वे कहते हैं, ‘पूरे देश में अगर पंजाब का किसान सबसे समृद्ध है तो इसका सबसे बड़ा कारण यहां की मंडी व्यवस्था और एमएसपी का मिलना ही है। इस पर चोट करके सरकार हमारी मौत का फरमान निकाल रही है।’

    किसानों का कहना है, ‘आज अगर हमने विरोध नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। ये कानून अगर लागू हो गए तो पंजाब के किसान बर्बाद हो जाएंगे।’
    किसानों का कहना है, ‘आज अगर हमने विरोध नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। ये कानून अगर लागू हो गए तो पंजाब के किसान बर्बाद हो जाएंगे।’

    मनजीत सिंह की इस बात पर यहां आए सभी किसान सहमति जताते हैं। संगरूर से आए युवा किसान रमनदीप कहते हैं, ‘आज के तमाम अखबारों में मोदी जी का विज्ञापन छपा है कि कॉरपोरेट के शामिल होने से फसल के अच्छे दाम मिलेंगे। यह बात कोरा झूठ है। कॉरपोरेट के शामिल होने से अगर अच्छे दाम मिल रहे होते तो बिहार और कई अन्य जगहों का किसान ऐसे बदहाल नहीं होता।’

    रमनदीप मानते हैं कि किसानों की बदहाली का मुख्य कारण एमएसपी का न मिलना ही है। वे कहते हैं, ‘सरकार अगर सच में किसानों का भला चाहती है तो उसे पूरे देश में एमएसपी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि बिहार का किसान भी पंजाब जैसा हो सके, लेकिन सरकार तो हमें भी बिहार के किसानों की तरह कर देना चाहती है। हमें खेती छोड़कर मजदूरी करने को मजबूर कर देना चाहती है।’

    पंजाब और हरियाणा में भी सिर्फ गेहूं, धान और गन्ने जैसी तीन ही फसल हैं जिन्हें किसान एमएसपी पर बेच पाते हैं। इनके अलावा जिन 22 अन्य फसलों पर सरकार ने एमएसपी तय की हुई है, वे सभी फसलें पंजाब और हरियाणा में भी एमएसपी से कम दामों पर ही बिकती हैं।

    क्रांतिकारी किसान यूनियन के पंजाब अध्यक्ष डॉक्टर दर्शन पाल बताते हैं, ‘मकई का ही उदाहरण लीजिए। इस पर 1850 रुपए एमएसपी तय है, लेकिन किसान को बाजार से मकई के सात-आठ रुपए से ज्यादा नहीं मिल रहे। इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि जो फसलें बाजार के हवाले हैं उनसे किसानों का भला हो रहा है या बुरा।’

    इस बिल के विरोध में 24 सितंबर को किसान रेल रोकने जा रहे हैं और 25 सितंबर को पूरा पंजाब बंद है।
    इस बिल के विरोध में 24 सितंबर को किसान रेल रोकने जा रहे हैं और 25 सितंबर को पूरा पंजाब बंद है।

    मौजूदा समय में कुल 25 फसलों पर सरकार ने एमएसपी तय की हुई है। इनमें से 14 खरीफ की फसल हैं, सात रबी की और चार अन्य, लेकिन तीन फसलों को छोड़कर बाकी सभी फसलें किसान एमएसपी से कम पर बेचने को मजबूर हैं। ऐसे में अगर इन तीन फसलों की खरीद भी मंडियों से बाहर होने लगी तो इन पर भी उन्हें एमएसपी नहीं मिल सकेगी और यह उनके लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।

    किसान आंदोलन जैसे-जैसे तेज हो रहा है वैसे-वैसे केंद्र सरकार भी लगातार किसानों को समझाने के प्रयास तेज कर रही है। अखबारों के विज्ञापन से लेकर प्रधानमंत्री खुद कई बार इससे जुड़े बयान दे चुके हैं और कई बार दोहरा चुके हैं कि नए कानून बनने के बाद भी एमएसपी जारी रहेगी, लेकिन आंदोलन में शामिल किसान इस बात पर प्रधानमंत्री का यकीन करने को बिलकुल भी तैयार नहीं हैं।’

    जगजीत सिंह युवा किसान हैं और एक बीटेक ग्रेजुएट भी। वे कहते हैं, ‘एमएसपी अगर नहीं हट रही तो सरकार इसे कानून में लिख क्यों नहीं देती। यही बात हम कितनी बार दोहराएं कि सरकार सुन और समझ ले? बाकी जहां तक बात प्रधानमंत्री के बोलने की है तो उन्होंने तो यह भी कहा था कि कालाधन वापस आएगा, आया क्या? बोला था कि सबको 15 लाख रुपए मिलेंगे, मिले? दो करोड़ नौकरियां हर साल मिलेंगी, मिलीं? उनके ऐसे झूठे वादों की लिस्ट बहुत लंबी है। हम कैसे उनका विश्वास करें। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।’

    जगजीत जैसा ही गुस्सा आंदोलन में शामिल महिलाओं में भी देखा जा सकता है। ब्रास गांव से इस प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचीं 35 साल की गुरप्रीत कौर कहती हैं, ‘ये कानून हमें खुदकुशी की राह पर धकेलने वाले हैं। मैं एक किसान की बेटी हूं और एक किसान की बहू हूं। मैंने बचपन से देखा है कि किसान कैसे खेतों में खप जाता है, ताकि देश का पेट भर सके, लेकिन सरकार हमारे ही पेट पर लात मारकर बड़े-बड़े व्यापारियों के हाथों हमें बेच देना चाहती है।’

    गुरप्रीत कहती हैं, ‘खेती-किसानी को सरकार के संरक्षण की जरूरत है। मंडी की व्यवस्था में जो कमियां हैं उन्हें दूर करने का काम सरकार को करना चाहिए, लेकिन सरकार तो मंडियां ही उजाड़ देने का काम कर रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। सरकार हमें घरों में रोटियां बेलने वाली समझने की भूल न करे। हम झांसी की रानी बनकर इस लड़ाई को अपने भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे और जीतेंगे।’

    प्रदर्शन करने वाली महिलाएं कहती हैं कि सरकार हमें घरों में रोटियां बेलने वाली समझने की भूल न करे। हम झांसी की रानी बनकर इस लड़ाई को अपने भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
    प्रदर्शन करने वाली महिलाएं कहती हैं कि सरकार हमें घरों में रोटियां बेलने वाली समझने की भूल न करे। हम झांसी की रानी बनकर इस लड़ाई को अपने भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे और जीतेंगे।

    इस लड़ाई को जीत लेने का ऐसा ही आत्मविश्वास युवा किसान वीरेंद्र सिंह में भी दिखता है। वे कहते हैं, ‘अभी तो किसान सिर्फ घरों से निकला है और दिल्ली कांपने लगी है। प्रधानमंत्री ने अब रोज बोलना शुरू कर दिया है। 24 सितंबर को किसान रेल रोकने जा रहे हैं और 25 सितंबर को पूरा पंजाब बंद है। सरकार को अपने फैसले वापस लेने ही होंगे।’

    भारतीय किसान यूनियन के नेता मनजीत सिंह दयाल बताते हैं कि किसानों का जितना बड़ा प्रदर्शन यहां पटियाला में हो रहा है, उतना ही बड़ा प्रदर्शन बठिंडा के बादल गांव में भी जारी है। यानी एक तरफ ये प्रदर्शन मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के गृह क्षेत्र पटियाला में हो रहे हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गृह क्षेत्र में भी।

    यह दिलचस्प है कि आंदोलन में शामिल किसानों का जितना आक्रोश सत्ताधारी भाजपा पर फूट रहा है, वे उतना ही कांग्रेस से भी नाराज हैं। पटियाला में चल रहे इस प्रदर्शन के मंच से केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ जितने नारे उछल रहे हैं, उतने ही नारे प्रदेश सरकार और कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी उछल रहे हैं।

    सरकारों के खिलाफ लग रहे इन नारों में अब पंजाबी गायक गिप्पी ग्रेवाल के एक गाने ने भी विशेष जगह बना ली है। हरियाणा से लेकर पंजाब तक किसानों की लगभग हर रैली में इन दिनों इसी गाने की गूंज सुनाई दे रही है। ट्रैक्टरों की कतारें जब किसानों का आक्रोश दर्ज करते हुए आगे बढ़ती हैं तो धूल के गुबार के साथ ही इस गाने की गूंज भी पीछे छूट जाती हैं। इस गाने के बोल हैं...

    ‘हल छड के पा लेयां जे, असी हथ हथियारा नू, वक्त पा देयांगे, जालम सरकारा नू।’

    इस पंजाबी गाने का मतलब समझाते हुए 24 साल के जगजीत पूरे उत्साह के साथ मुट्ठी भींचते हुए कहते हैं, ‘किसानों ने अपना हल छोड़ कर अगर हथियार उठा लिए, तो इस जालिम सरकार को उसकी हैसियत याद दिला देंगे।'


Monday, September 21, 2020

जालंधर में पुरानी रंजिश में हत्या:गुरुद्वारे जाने के लिए घर से निकला था पूर्व पंचायत मेंबर, पहले गुत्थमगुत्था हुए बाइक सवार, फिर तीन गोली मारकर फरार हो गए

 

  1. मरने वाले की पहचान जिले के गांव जमशेर खास के निवासी मान सिंह राणा (65) के रूप में हुई है
  2. सोमवार सुबह घर से गुरुद्वारे माथा टेकने के लिए निकला था, थोड़ी दूरी पर ही 3 गोलियां मारी गईं

सुशांत मामले में ड्रग्स की जांच:श्रद्धा कपूर और सारा अली खान को नारकोटिक्स ब्यूरो समन भेज सकता है; रिपोर्ट्स में दावा- रिया ने पूछताछ में दोनों के नाम लिए थे

 

  • रिया को नारकोटिक्स ब्यूरो ने 2 दिन की पूछताछ के बाद 8 सितंबर को गिरफ्तार किया था
  • रिया मुंबई की भायखला जेल में हैं, उनकी जमानत अर्जी 2 बार खारिज हो चुकी


  • सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले से जुड़े ड्रग्स केस में एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर और सारा अली खान को इसी हफ्ते पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) दोनों को समन भेज सकता है। बताया जा रहा है कि सुशांत की गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती ने पूछताछ में श्रद्धा और सारा के नाम लिए हैं। एनसीबी ने रिया को 2 दिन की पूछताछ के बाद 8 सितंबर को गिरफ्तार किया था। वे मुंबई की भायखला जेल में हैं।

    ड्रग्स केस में रिया समेत 20 लोग गिरफ्तार
    रिया की जमानत अर्जी 2 बार खारिज हो चुकी है। उन पर आरोप हैं कि वे सुशांत के लिए ड्रग्स अरेंज करती थीं। ड्रग्स केस में एनसीबी ने रिया और उनके भाई शोविक समेत अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें सुशांत के स्टाफ के लोग और कुछ ड्रग्स पैडलर भी शामिल हैं। सुशांत केस में ड्रग्स कनेक्शन का खुलासा रिया के वॉट्सऐप चैट सामने आने के बाद हुआ था। चैट में ड्रग्स खरीदने की बातचीत पता चली थी।

    रिपोर्ट्स में दावा- रिया ने एनसीबी को 25 सेलेब्रिटीज के नाम बताए
    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिया ने श्रद्धा और सारा समेत बॉलीवुड के 25 सेलेब्रिटीज के नाम एनसीबी को बताए हैं। इन पर ड्रग्स लेने या ड्रग्स के नेटवर्क से जुड़े होने के आरोप हैं।

    सुशांत की पूर्व मैनेजर से आज पूछताछ
    एक्टर की मैनेजर रहीं श्रुति मोदी और टैलेंट मैनेजर जया साहा को एनसीबी ने आज सवाल-जवाब के लिए बुलाया है। पिछले हफ्ते एनसीबी की टीम का एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव आने की वजह से श्रुति और जया से पूछताछ पूरी नहीं हो पाई थी।


Wednesday, September 16, 2020

लद्दाख में तनाव चरम पर:रिपोर्ट्स में दावा- भारत-चीन के बीच पिछले हफ्ते पैंगॉन्ग झील इलाके में 100-200 राउंड गोलियां चलीं, दोनों देशों के बीच मॉस्को समझौते से पहले यह घटना हुई

  • सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच 10 सितंबर को मॉस्को में 5 पॉइंट पर सहमति बनी थी
  • 29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग सो झील इलाके में एक पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी



  • भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की 10 सितंबर को मॉस्को में हुई मीटिंग से पहले लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच फायरिंग हुई थी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले यह रिपोर्ट दी है। इसके मुताबिक पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी छोर पर दोनों तरफ से 100 से 200 राउंड हवाई फायर हुए थे। यह घटना रिजलाइन पर हुई थी, जहां फिंगर-3 और फिंगर-4 के इलाके मिलते हैं।

कई इलाकों में भारत-चीन के सैनिकों में सिर्फ 300 मीटर का फासला
रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर के पहले हफ्ते में पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर काफी मूवमेंट हुए थे। कई बार फायरिंग भी हुई। तनाव अभी बरकरार है। चुशूल सेक्टर में कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर तैनात हैं। इस बीच दोनों देशों के आर्मी अफसरों के बीच फिर से बातचीत होनी है।

इससे पहले 7 सितंबर को भारत-चीन ने मुकपारी हाइट्स इलाके में फायरिंग की घटना पर बयान जारी किए थे। बताया गया कि एलएसी पर 45 साल बाद गोलियां चली हैं। दोनों ने इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन, पैंगॉन्ग इलाके में फायरिंग को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

चीन ने 5 दिन में 3 बार घुसपैठ की कोशिश की थी
29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीयों जवानों ने नाकाम कर दी। उसके बाद आर्मी अफसरों की बातचीत का दौर शुरू हुआ, लेकिन चीन ने अगले 4 दिन में 2 बार फिर घुसपैठ की कोशिश की।

शांति से सीमा विवाद सुलझाने के लिए 10 सितंबर को मॉस्को में भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें डिस-एंगेजमेंट समेत 5 पॉइंट्स पर सहमति बनी थी। लेकिन, चीन बार-बार अपनी बात से पीछे हट रहा है और विवादित इलाकों में लगातार मूवमेंट कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को संसद में कहा कि चीन ने एलएसी पर सैनिक और गोला-बारूद जमा कर रखे हैं, लेकिन भारत भी तैयार है।


किलर कोरोना:कोराेना से 92 की मौत, 2709 नए मरीज 15 दिन में 1028 मौतें, 30 हजार संक्रमित, मृतकों का आंकड़ा 2500 पार

पंजाब में मंगलवार काे 92 मरीजाें की माैत हुई व 2709 नए मरीज मिले। दिन में 1815 मरीज डिस्चार्ज भी हुए। लुधियाना में 19 नई मौतों के बाद मृतकाें की संख्या 608 हाे गई है। जालंधर में 268 नए मरीज मिलने के बाद अब तक 10,121 संक्रमित हो चुके हैं। लुधियाना के बाद जालंधर दूसरा ऐसा जिला है जहां मरीज 10 हजार से ज्यादा हो गए हैं। सूबे में संक्रमित अब 85,622 हो गए हैं। इनमें 62,381 मरीज ठीक हो चुके है। 20,713 का इलाज चल रहा है। इनमें 481 मरीज ऑक्सीजन सपाेर्ट व 88 वेंटिलेटर पर हैं।


मृतकों का आंकड़ा 2528 पहुंच गया है।

कहां कितनी मौतें:

लुधियाना 19, जालंधर 12, अमृतसर 7, पटियाला 4 मोहाली 3, बठिंडा 2, संगरूर 5, गुरदासपुर 7, फिरोजपुर 7, होशियारपुर 7, कपूरथला 5, पठानकोट 1, फतेहगढ़ 4, बरनाला 1, रोपड़ 2, मुक्तसर 2, नवांशहर 2, तरनतारन 1, फरीदकोट 1।

सितंबर में हर दिन औसतन 68 की माैत व 2000 लोग संक्रमित हो रहे

हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सितंबर के 15 दिन में ही 1026 लोगों की मौत और 30,155 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 31 अगस्त को सूबे में कुल मरीज 55162 थे जबकि 1502 लोगों की मौत हुई थी। 15 सिंतबर को संक्रमितों का आंकड़ा 85,622 और मृतकों की संख्या 2528 पहुंच चुकी है। यानी पिछले 15 दिनों में हर रोज 68 लोगों की मौत और औसतन 2000 की मौत हो रही है। यहीं स्पीड रही तो 25 सितंबर तक एक लाख मरीज हाे जाएंगे।

इधर, देश में 90,417 नए मरीज, 1282 की मौत

देश में कोराेना मरीज 50 लाख पार हो गए हैं। मंगलवार को 90,417 नए मरीज मिले। कुल संक्रमित 50,05,963 हो गए। वहीं, 1282 नई मौताें के बाद अब तक 81,989 की जान जा चुकी है। मंगलवार को 80,502 मरीज ठीक भी हुए। अब तक 39 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं।


ऑक्सीजन ऑडिट:कोरोना एक्टिव केस 20 हजार, 2100 मरीजों को रुक-रुक कर ऑक्सीजन की जरूरत, 600 को रेगुलर; सिलेंडर डिमांड 5 गुना बढ़ी

 पंजाब में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय सूबे में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हजार पार हो चुकी है। इसमें 2800 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इनमें 2100 ऐसे मरीज हैं, जिन्हें इंटरमिटेंड ऑक्सीजन सपोर्ट यानी रुक-रुक कर ऑक्सीजन की सहायता और 569 को रेगुलर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। प्रदेश के पांच बड़े जिले जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा के सिविल अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन सप्लाई और डिमांड की पड़ताल की तो पता चला कि इन सेंटरों में पहले की तुलना में ऑक्सीजन की डिमांड में 5 गुना का इजाफा हो गया है।





सिलेंडर की सबसे ज्यादा मांग पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में देखी गई। यहां पर पहले प्रतिदिन 100 सिलेंडर की खपत होती थी, जो बढ़कर 800 से 900 सिलेंडरों की हो गई है। वहीं, लुधियाना में पहले 300 सिलेंडर रोज लगते थे अब 1300 तक लग रहे हैं। दूसरी तरफ, ऑक्सीजन सपोर्ट वाले कोविड रोगियों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए पंजाब सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जरूरत पड़ने पर पड़ोसी राज्य हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड से सप्लाई होती है।

रोजाना 4000 सिलेंडरों की डिमांड, हम 1800 ही दे पा रहे: ऑक्सीजन सप्लायर

जालंधर, कपूरथला, नवांशहर आदि में ऑक्सीजन की सप्लाई देने वाले विकास हजूरिया और राजन गुप्ता कहते हैँ कि कोविड से पहले रोज हम 500 से 800 सिलेंडरों सप्लाई करते थे। अब डिमांड 4000 सिलेंडरों तक पहुंच गई है। फिलहाल केवल कोविड-19 का इलाज कर रहे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ही सप्लाई दे रहे है।

पटियाला राजिंदरा हॉस्पिटल: खुद के प्लांट से पूर्ति नहीं, बाहर से ले रहे सप्लाई

पटियाला में राजिंदरा के कोविड केयर सेंटर में 225 मरीज भर्ती है, 144 ऑक्सीजन सपोर्ट व 4 वेंटिलेटर में हैं (14 सितंबर दोपहर 12 बजे तक)। यहां कोविड मरीजों के लिए एक ऑक्सीजन जनरेटर लगा हुआ है, जिसमें करीब रोजाना 60 सिलेंडर ऑक्सीजन जनरेट होती है। बाकी 900 से ज्यादा सिलेंडर की सप्लाई बाहर से हो रही है।

ऑक्सीजन सप्लाई पर सरकार के 3 कदम

1. सीएम ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि ऑक्सीजन की मौजूदा सप्लाई को बढ़ाने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन राज्य के अंदर ही करें। पंजाब ऑक्सीजन की खरीद उत्तराखंड, हिमाचल और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से कर रहा है।

2. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक पंजाब में ऑक्सीजन के निर्माण के लिए एक औद्योगिक ऑक्सीजन सप्लायर को लाइसेंस दिया है, जबकि छह पैकिंग ईकाइयों को मेडिकल प्रयोग के लिए ऑक्सीजन पैक करने की अनुमति दी गई है। राज्य में रोज 800 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडरों के उत्पादन हो रहा है।

3. कोरोना मामलों में वृद्धि के चलते सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन की मांग और सप्लाई पर निगरानी रखने के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य में निर्माण और पैकिंग को और बढ़ाना यकीनी बनाए जाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।


Monday, June 15, 2020

सीएम गहलोत का ऐलान / पड़ोसी राज्यों की मदद करेगा राजस्थान, दिल्ली-मप्र-यूपी-पंजाब-हरियाणा के 5 हजार सैंपल की रोज जांच होगी

  • दिल्ली ने जहां दूसरे राज्यों के मरीजों के इलाज से मना कर दिया था, वहीं राजस्थान आगे आया
  • दिल्ली के बाद कोरोना टेस्ट करने में दूसरे नंबर पर है राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)जयपुर. काेराेना संकट के बीच जहां दिल्ली ने दूसरे राज्यों के मरीजों का इलाज करने से इनकार किया था, वहीं राजस्थान अपने पड़ोसी राज्यों के कोरोना मरीजों की जांच के लिए आगे आया है।
मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने ऐलान किया है कि महामारी के इस विकट समय में आवश्यकता होने पर पड़ोसी राज्य यूपी, दिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात रोज 5 हजार टेस्ट तक राजस्थान में करवा सकेंगे।
जिला अस्पतालों में पाइप लाइन से होगी ऑक्सीजन सप्लाई
सीएम ने यह भी ऐलान किया कि अब प्रदेश के सभी जिला अस्पतालाें में जुलाई अंत तक सिलेंडर के बजाय पाइप लाइन के जरिए मरीजाें काे ऑक्सीजन सप्लाई हाेगी। रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर काेराेना संक्रमण की समीक्षा काे लेकर उच्च स्तरीय बैठक में गहलाेत ने कहा कि कोरोना की शुरुआत में हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी, जो अब बढ़कर रोज 15 हजार से अधिक हो गई है।
ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने, गंभीर बीमारियों से पीड़ित हाई रिस्क वाले लोगों की निरंतर माॅनिटरिंग एवं लगातार स्क्रीनिंग के कारण कोरोना से हमारी रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही।
संक्रमितों की रिकवरी और टेस्टिंग में देश में दूसरे नंबर पर राजस्थान
कोरोना काल के दौरान राजस्थान की ओर से लिए गए कई फैसले देश भर में चर्चित रहे। जिसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं। कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट में राजस्थान पंजाब के बाद देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।
मरीजों की टेस्टिंग के मामलाें में भी दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर बना हुआ है। राजस्थान सोमवार को टेस्टिंग करने में छह लाख का आंकड़ा पार कर जाएगा, जबकि प्रदेश में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट 75% से अधिक पहुंच गई है।
काेराेना के योद्धाओं काे पुरस्कृत करने के लिए 25 कराेड़ रु. का अलग से फंड
काेराेना खत्म हाेने के बाद वॉरियर्स को पुरस्कृत करने के लिए 25 करोड़ रु. का अलग से फंड बनाया गया है। इसके अलावा इस जंग में शामिल हर सरकारी कर्मचारी, अधिकारी का 50 लाख रु. तक का बीमा कराया गया। इनमें संविदा कर्मी सहित अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।
700 माेबाइल एंबुलेंसाें से प्रतिदिन अन्य बीमारियाें के 25 हजार मरीजाें का इलाज
काेराेना के बीच अन्य बीमारियाें के रोगी परेशान न हाें, इसके लिए 700 मोबाइल एंबुलेंस चलाईं। इनसे रोज 25 हजार मरीजों का इलाज हो रहा है। प्रदेश में हर आदमी की तीन से चार बार स्क्रीनिंग हुई। 13 जून को 26 हजार टीमों ने 33 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर रिकाॅर्ड बनाया। सीएम ने कहा- प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। स्क्रीनिंग की व्यवस्था आगे भी जारी रखी जानी चाहिए।
54 लाख लोगों को दो माह तक फ्री में 5-5 किलो गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा
प्रदेश में कोई भूखा न सोए, राज्य सरकार इसके लिए संकल्पबद्ध है। इसी के तहत भारत सरकार की एनएफएसए स्कीम से वंचित रहे 54 लाख लोगों के लिए गहलोत सरकार बाजार दर से 23 रु. में गेहूं खरीदकर 2 माह तक उन्हें 5-5 किलो गेहूं फ्री उपलब्ध करा रही है। लॉकडाउन में सरकार की ओर से सूखे राशन के करीब 38.69 लाख पैकेट प्रदेश भर में वितरित किए गए।
अस्थि विसर्जन के लिए स्पेशल बसें
लॉकडाउन में लोग परिजनों का निधन होने पर अस्थि विसर्जन के लिए नहीं जा पा रहे थे। सीएम की पहल पर मोक्ष कलश निशुल्क बस सेवा शुरू हुई। ताकि वे अस्थियां विसर्जित कर सकें। इस सेवा से लोगों को भावनात्मक संबल मिला।

पाकिस्तान फिर सैन्य शासन की ओर? / पूर्व डिप्लोमैट बोले- महामारी पर इमरान की नाकामी से फौज नाखुश, मार्शल लॉ का ऐलान ही बाकी

  • वाजिद शम्स-उल हसन पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट और वर्तमान में पत्रकार हैं, कई अखबारों में कॉलम लिखते हैं
  • वाजिद के मुताबिक, इमरान सरकार के तमाम बड़े ओहदों पर फिलहाल, फौज के बड़े अफसरों की तैनाती है

पीकेएस न्यूज

Jun 15, 2020, 11:41 AM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में महामारी तेजी से पैर पसार रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 लाख 42 हजार संक्रमित हैं। 2 हजार 663 की मौत हो चुकी है। इमरान खान सरकार महामारी रोकने में नाकाम साबित हुई है। देश के पूर्व डिप्लोमैट वाजिद शम्स उल हसन के मुताबिक, सरकार की नाकामी से फौज सख्त नाखुश है। तमाम बड़े ओहदों पर फौज के बड़े अफसरों की तैनाती की जा चुकी है। देश में मार्शल लॉ यानी सैन्य शासन की औपचारिक घोषणा बाकी है। 
प्रशासन के पदों पर लेफ्टिनेंट जनरल
वाजिद डिप्लोमैसी से पत्रकारिता में आए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “फौज महामारी रोकने में सरकार की नाकामी से सख्त नाखुश है। इसलिए सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के तमाम बड़े ओहदों पर 12 से ज्यादा लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की तैनाती या तो हो चुकी है, या फिर की जा रही है। हालांकि, अब तक औपचारिक तौर पर मार्शल लॉ का ऐलान नहीं किया गया है। सरकारी एयरलाइंस पीआईए, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ जैसे सबसे बड़े महकमों के प्रमुख फौजी अफसर हैं। यह सब दो महीनों में हुआ है।”
इमरान को कुछ नहीं पता
वाजिद के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान को महामारी से निपटने के मामले में कुछ नहीं पता। हसन कहते हैं, “सिंध प्रांत की सरकार ने लॉकडाउन की मांग की। इमरान ने इसका विरोध किया। हालात बिगड़े तो प्रधानमंत्री स्मार्ट लॉकडाउन की बात करने लगे। अब देखिए मुल्क कहां पहुंच गया है। सरकारी आंकड़ों को ही देख लें। मरने वालों का आंकड़ा 3 हजार के करीब है। संक्रमित भी एक लाख 30 हजार के आसपास हो चुके हैं।” 
डब्ल्यूएचओ की भी नहीं सुनते
पाकिस्तान में महामारी के खतरे को लेकर हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी की थी। संगठन ने कहा था- पाकिस्तान में हालात बहुत बदतर हो सकते हैं। वहां सरकार को फौरन सख्त लॉकडाउन घोषित करना चाहिए। वाजिद कहते हैं- इमरान देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब बता रहे हैं। वो कहते हैं कि अगर लॉकडाउन किया तो लोग भूखे मर जाएंगे। मार्च से यही राग अलापा जा रहा है। जबकि, डब्ल्यूएचओ कह रहा है कि पाकिस्तान ऐसी स्थिति में नहीं है कि कोई शर्त थोप सके। देश की डॉक्टरों की बात भी नहीं मानी जा रही। 
ऐसे चल रही है सरकार
वाजिद कहते हैं- इमरान सरकार कई छोटे दलों के भरोसे चल रही है। यह पार्टियां वास्तव में सेना के इशारे पर चलती हैं। पाकिस्तान में अगर कोई ताकतवर है तो वह फौज है। इमरान हर मोर्चे पर नाकाम रहे हैं। वे कहते हैं कि अगर लॉकडाउन लगाया तो मुल्क दिवालिया हो जाएगा। हालांकि, सेना का रोल नया नहीं माना जाना चाहिए। पाकिस्तान में शुरू से ही यह होता रहा है। पहले भी सरकारें ऐसे ही चली हैं।
पाकिस्तान में सैन्य शासकों की तानाशाही
भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही साल 1947 में आजाद हुए। एक ओर जहां भारत में लोकतंत्र फलता-फुलता रहा, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में सैन्य शासकों की तानाशाही बढ़ती रही। पाकिस्तान के 77 साल के इतिहास में आधे से ज्यादा समय तक सैन्य शासन ही रहा है। आजादी के नौ साल के बाद ही पाकिस्तानी जनरल मोहम्मद अयूब खान ने तत्कालिन राष्ट्रपति इसकंदर मिर्जा का तख्ता पलट दिया था।  
सैन्य शासक (जो राष्ट्रपति बन गए)कार्यकाल
अयूब खान1958-69
याह्ना खान1969-71
जिया उल हक1977-88
परवेज मुशर्रफ2001-08

Thursday, March 5, 2020

हादसा / सीमेंट से ओवरलोड ट्रक रेलवे ट्रैक पर फंसा, 2 घंटे रुकी रही डीएमयू व जींद एक्सप्रेस

  • रामपुरा फूल के ट्रक चालक को गिरफ्तार कर रेलवे एक्ट की धारा 160/2 174बी के तहत केस दर्ज किया आरपीएफ ने


मोगा. मोगा में बुधवार को सीमेंट से भरा एक ट्रक रेलवे ट्रैक पर फंस गया। इसके चलते खुले फाटक का पाइप टूट गया। इस दौरान से लुधियाना से फिरोजपुर जाने वाली डीएमयू और फिरोजपुर से लुधियाना जाने वाली जींद एक्सप्रेस गाड़ियों को फाटकों के पास रोक दिया गया, जो दो घंटे वहीं अटकी रहीं। रेलवे कर्मियों ने लोगों की मदद से 2 घंटे के मशक्कत के बाद ट्रक को ट्रैक से हटाया तो रेल मार्ग चालू हो सका। उधर,आरपीएफ ने लापरवाही बरतने के आरोप में ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
आरपीएफ के हवलदार प्रमजीत सिंह ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे उन्हें बरनाला रोड पर स्थित बुग्गीपुरा बाईपास के रेलवे ट्रैक पर सीमेंट से भरा ट्रक फंस जाने की सूचना मिली। विभागीय मुलाजिम घटनास्थल पर पहुंचे तो पता चला कि बरनाला की तरफ से आ रहा सीमेंट से ओवरलोडेड ट्रक ट्रैक में बुरी तरफ फंस गया और ट्रक तिरछा होकर रेलवे फाटकों से टकरा गया। इससे खुले फाटक का पाइप टूट गया।
इस दौरान से लुधियाना से फिरोजपुर जाने वाली डीएमयू और फिरोजपुर से लुधियाना जाने वाली जींद एक्सप्रेस गाड़ियों को फाटकों के पास रोक दिया गया, जो दो घंटे वहीं अटकी रहीं। इस दौरान रेलवे कर्मियों ने लोगों की मदद से 2 घंटे के मशक्कत के बाद ट्रक को ट्रैक से हटाया तो रेल मार्ग चालू हो सका।
 
रेलवे पुलिस ने ट्रक चालक को किया गिरफ्तार
आरपीएफ के हवलदार प्रमजीत सिंह ने बताया कि लापरवाही बरतने वाले आरोपी ट्रक चालक भगवंत सिंह निवासी रामपुरा फूल को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 160/2 174बी के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं, फाटक पर ट्रक के फंसे होने से फाटक के दोनों तरफ ट्रैफिक भी जाम हो गया।

निर्भया के दुष्कर्मियों का चौथा डेथ वॉरंट / चारों दोषियों की मौत की नई तारीख: 20 मार्च, वक्त: सुबह 5:30 बजे, जगह: तिहाड़ जेल

  • इससे पहले तीन बार 22 जनवरी, 1 फरवरी और 3 मार्च के लिए डेथ वॉरंट जारी किया गया था, लेकिन फांसी नहीं हो पाई
  • दोषी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति ने बुधवार को खारिज कर दी, तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय के पास अब कोई विकल्प नहीं


नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों की फांसी की नई तारीख तय हो गई है। दिल्ली कोर्ट ने चारों को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी देने के आदेश दिए हैं। इससे पहले कानूनी पैंतरे चलकर दो महीने से फांसी से बच रहे निर्भया केस के चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प अब खत्म हो चुके हैं। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज की थी। इसके बाद दिल्ली सरकार नया डेथ वारंट जारी करवाने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची थी। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब मांगा था। 
अदालत के फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा- मुझे उम्मीद है कि यह आखिरी तारीख होगी और दोषियों को 20 मार्च को फांसी दे दी जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के तुरंत बाद पवन ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। इसी आधार पर ट्रायल कोर्ट ने दोषियों की फांसी तीसरी बार टाल दी थी।
बेंच ने कहा था कि सजा पर पुनर्विचार का सवाल नहीं उठता
दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज करते हुए जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कहा था कि सजा पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इससे पहले राष्ट्रपति निर्भया मामले में तीन अन्य दोषियों अक्षय, विनय और मुकेश की दया याचिका पहले ही खारिज कर चुके हैं।
तीन बार खारिज हो चुका है डेथ वॉरंट
  • पहली बार- 22 जनवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन टल गई।
  • दूसरी बार- 1 फरवरी को फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी किया गया, लेकिन फांसी नहीं हुई।
  • तीसरी बार- 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन दोषी पवन के पास कानूनी विकल्प बचे होने के चलते फांसी टली।
16 दिसंबर 2012: 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की थी
दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर, 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।

Wednesday, March 4, 2020

कोरोना वायरस को लेकर सेहत विभाग अलर्ट मोड पर, नोडल अधिकारी तीन दिन की छुट्टी पर



  • अतिरिक्त कार्यभार देखने वाले डाक्टर के पास है दूसरी जिम्मेवारी, डीसी ने कहा बीमारी को लेकर सभी प्रबंध पूरे करे
  • प्राइवेट अस्पतालों के साथ एम्स में भी विकल्प के तौर पर विशेष वार्ड बनाकर रखे जाने की हिदायतें 

बठिंडा. कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ काम करने का दावा कर रहा है वही इस दूसरी तरफ स्थिति यह है कि इस बाबत सिविल अस्पताल में नोडल अधिकारी तीन दिन की छुट्टी पर चल रहे हैं। इसमें जिस अधिकारी को विकल्प के तौर पर जिम्मेवारी दी गई है उसके पास भी टीबी की बीमारी को लेकर चार्ज है जिसमें 8 से 23 मार्च तक टीबी निवारण पखवाड़ा मनाना है। इसके चलते टीबी अफसर कोरोना नोडल अफसर की जिम्मेवारी पूरी तरह से निभाने में असमर्थ है।
खासकर इन दिनों देश भर में एक के बाद एक कोरोना से पीड़ित मरीजों की पुष्टी हो रही है। ऐसे में पंजाब खासकर बठिंडा में इससे प्रभावित लोगों की स्कैनिग का जिम्मा नोडल अफसर व उनके अधीन डाक्टरों पर आ पड़ती है। बठिंडा जिले में वैसे भी कनाडा, साउंदी अर्ब व दूसरे देशों में 40 हजार के करीब लोग रहते हैं जिसमें अधिकतर लोग ऐसे हैं जो सर्दियों के दौरान पंजाब में घूमने के लिए पहुंचते हैं। इसमें दिसंबर से जनवरी के पीक दिनों जिसमें कोरोना चाइना में चर्म पर पहुंच रहा था सर्वाधिक लोग बठिंडा पहुंचे हैं। इनकी तादाद पांच हजार के करीब बताई जा रही है लजबकि जिला प्रशासन के पास अभी तक केवल एक लिस्ट ही पहुंची है जिसमें सभी लोगों की स्कैनिंग करने के बाद किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले थे। जानकारी अनुसार सिविल अस्पताल में कोरोना को लेकर नोडल अधिकारी डा. मनु गुप्ता को बनाया गया था जो घरेलु कार्य के चलते तीन दिन की छुट्टी पर चली गई है। वही एक नोडल अधिकारी ऐसे समय में छुट्टी पर गया है जब राज्य सरकार ने एक माह पहले से ही कोरोना से निपटने के चलते सभी डाक्टरों की छुट्टियां अनिश्तकाल के लिए रद्द कर रखी है। फिलहाल डा. मनु गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद अतिरिक्त चार्ज टीबी विभाग की अधिकारी डा. रोजी अग्रवाल को सौंपा गया है। अब इसमें दिक्कत इस बात को लेकर हैं कि केंद्र सरकार का टीबी निवारण पंद्रवाड़ा 8 मार्च से शुरू होने जा रहा है जिसमें विभिन्न स्कूलों, संस्थाओं व सेमिनारों को लेकर तैयारी करनी है। इस स्थिति में डा. रोजी अग्रवाल की तरफ से कोरोना वायरस को लेकर की जा रही तैयारियों पर पूरा ध्यान नहीं दिया जा सकेगा क्योंकि इसे लेकर लगातार जहां विभिन्न एयरपोर्ट में मोनिट्रिंग की जानी है वही आने वाली लिस्टों की स्कैनिंग से लेकर विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों से तालमेल करना जरूरी है। वही कोरोना के उपचार व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी सेहत विभाग की तैयारी भी अधूरी है। इसमें अस्पताल में केवल चार एमडी मेडिसन डाक्टर है जबकि कई अन्य विभागों में भी जरूरत के अनुसार डाक्टर नहीं है जो सिविल अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले एक हजार के करीब मरीजों की ओपीडी देखने का काम कर रहे हैं।
दूसरी तरफ डिप्टी कमिशनर बी.श्रीनिवासन ने कोरोना वायरस की शिनाख़्त और इस बीमारी के साथ संबंधित कोई मरीज़ बठिंडा में पाया जाता है तो उसके इलाज के लिए उचित प्रबंधों को लेकर सिविल अस्पतालो को हिदायत जारी की है। डिप्टी कमिशनर ने कहा कि जिले में अबी कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला है परन्तु सेहत विभाग की टीम इसे लेकर अलर्ट पर है। सहायक सिवल सर्जन डा. अनुपमा शर्मा ने प्राईवेट और विशेष तौर पर एमज़ के डाक्टरों के साथ कोरोना वायरस को लेकर मीटिंग की जिससे कोरोना वायरस बीमारी के साथ लड़ा जा सके। डा. अनुपमा शर्मा ने बताया कि जिले में यदि कोई भी इस बीमारी के साथ पीडित व शकी मरीज की पुष्टि होती है तो सेहत विभाग की तरफ से उसके इलाज के लिए हर तरह के संभव यत्न किए जाएंगे।
डा. अनुपमा शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के शकी मरीज की विशेष तौर पर स्क्रीनिंग भी करवाई जा रही है। सेहत विभाग की तरफ से कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिस का समय प्रातःकाल 9 से शाम 5 बजे तक है। यदि किसी भी व्यक्ति को इस छूत की बीमारी के लक्षण पता लगते हैं तो टोल फ्री नं: 104 पर संपर्क कायम किया जा सकता है। कंट्रोल रूम का डा. सुमित जिन्दल को नोडल अफ़सर के तौर पर नियुक्त किया गया। बठिंडा में आज तक इस बीमारी का कोई भी केस सामने नहीं आया।
डा. कुंदन पाल ने बताया कि जिला हस्पताल बठिंडा में 10 बैड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। जरूरत पड़ने पर कोरोना वायरस वाले शकी मरीज़ों को आइसोलेशन वाले वार्ड में रखा जाएगा। जिला स्तर पर एक रैपिड रिस्पांस टीम भी तैयार की गई है जो जरूरत पड़ने पर इस बीमारी के लक्षण वाले मरीज़ को घर जाकर चैक करेगी और बनती कार्यवाही करेगी।



Tuesday, March 3, 2020

राहत / केजरीवाल की राह पर कैप्टन, पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी में महिलाओं को देना होगा आधा किराया

  • मुख्यमंत्री का आश्वासन-ट्रांसपोर्ट माफिया पर लगाम कसने को 212 परमिट वालों को 15 दिन का शोकाज नोटिस दिया, कमियां पाए जाने पर परमिट रद्द होगा
  • नया बाईपास निकाले जाने के लिए आनंदपुर साहिब डेवलपमेंट ऑथोरिटी को 20 करोड़ दिए जाएंगे, ताकि मेले दौरान शहर चौक न हो।


चंडीगढ़. महिलाओं की तरफ पंजाब सरकार ने भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा दी है। इसी तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी महिलाओं को रियायत देने का ऐलान किया है। हालांकि पंजाब ने महिलाओं का किराया तो माफ नहीं किया है, लेकिन उनका किराया आधा यानी किराये में 50 फीसदी की छूट देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को परिवहन कारोबार में एकाधिकार और अनुचित मुनाफाखोरी रोकने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। सीएम ने सरकारी और पीआरटीसी बसों में यात्रा करने वाली महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी रियायत देने की घोषणा की। साथ ही राज्य के बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित करने के लिए अगले दो वर्षों में 5000 नए मिनी बस मार्ग परमिट देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि ट्रांसपोर्ट माफिया पर लगाम कसने के लिए 212 परमिट वालों को 15 दिन का शोकाज नोटिस दिया गया है। कमियां पाए जाने पर परमिट रद्द होगा। अवैध पाए गए किसी भी परिवहन परमिट को रद्द कर दिया जाएगा। माफिया की मोनोपली तोड़ने के लिए 2000 रूट दिए जाएंगे।

उन्होंने राज्य से खनन माफिया को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जल्द ही एक नई खनन नीति लाने का भी ऐलान किया। इससे पहले सदन में कांग्रेस के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सदन में अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को खरी खरी सुनाई। वड़िंग ने ट्रांसपोर्ट पॉलिसी नहीं आने को लेकर सरकार पर अंगुली उठाई। उन्होंने पंजाब में रेत को फ्री करने की मांग रख दी। बजट पर बहस में हिस्सा लेते हुए वड़िंग ने बहाव में बहते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी पंजाब में रेत से 3 करोड़ रुपए का राजस्व आता है, लेकिन रेत की वजह से सरकार की बदनामी बहुत होती है। रेत फ्री कर दो फिर चाहे घर पर सोए रहो, कोई काम न करो।

इस दौरान वड़िंग ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एक्साइज ड्यूटी में 600 करोड़ कमी आई है। पंजाब में शराब सबसे महंगी फिर राजस्व कैसे कम हो गया। क्या अफसरों की जिम्मेदारी तय होगी। वड़िंग ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि कि डिस्टलरी से 2 ट्रक 1 नंबर में निकलता है तो 8 ट्रक 2 नंबर में निकल जाते हैं। वड़िंग जब सदन में बोल रहे थे तब मुख्यमंत्री सदन में मौजूद थे। वड़िंग ने कहा कि तीन साल हो गए लेकिन सरकार ट्रांसपोर्ट पालिसी नहीं ला सकी। विधायक ने कहा कि लोग पूछते हैं, सरकार कांग्रेस की है लेकिन ट्रांसपोर्ट बादलों का बढ़ रहा है। वड़िंग ने कहा कि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी आनी चाहिए।

सीएम कैप्टन ने ये घोषणाएं भी की
  1. प्रदेश सरकार की तरफ से एक कर्मचारी के रिटायर होने से 3 युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
  2. बाबूगीरी करने वाले डॉक्टरों को भी ओपीडी और ऑपरेशन करनी पड़ेगी।
  3. सरकार के 3 साल पूरे होने पर आयोजित होने पर भी कई नई घोषणाएं की जाएंगी।
  4. अब सूबे में 242 एम्बुलेंस को बढ़ाकर 400 किया जाएगा
  5. सरकार जल्द ही लाएगी नई माइनिंग पालिसी
  6. बिजली पर वाइट पेपर लगभग तैयार लेकिन मानसून सत्र में लाया जाएगा
  7. आनंदपुर साहिब से नया बाईपास निकाला जाएगा, ताकि मेले दौरान शहर चौक न हो। आनंदपुर साहिब डेवलपमेंट ऑथोरिटी को 20 करोड़ दिए जाएंगे।

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