- दिल्ली ने जहां दूसरे राज्यों के मरीजों के इलाज से मना कर दिया था, वहीं राजस्थान आगे आया
- दिल्ली के बाद कोरोना टेस्ट करने में दूसरे नंबर पर है राजस्थान
जयपुर. काेराेना संकट के बीच जहां दिल्ली ने दूसरे राज्यों के मरीजों का इलाज करने से इनकार किया था, वहीं राजस्थान अपने पड़ोसी राज्यों के कोरोना मरीजों की जांच के लिए आगे आया है।
मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने ऐलान किया है कि महामारी के इस विकट समय में आवश्यकता होने पर पड़ोसी राज्य यूपी, दिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात रोज 5 हजार टेस्ट तक राजस्थान में करवा सकेंगे।
जिला अस्पतालों में पाइप लाइन से होगी ऑक्सीजन सप्लाई
सीएम ने यह भी ऐलान किया कि अब प्रदेश के सभी जिला अस्पतालाें में जुलाई अंत तक सिलेंडर के बजाय पाइप लाइन के जरिए मरीजाें काे ऑक्सीजन सप्लाई हाेगी। रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर काेराेना संक्रमण की समीक्षा काे लेकर उच्च स्तरीय बैठक में गहलाेत ने कहा कि कोरोना की शुरुआत में हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी, जो अब बढ़कर रोज 15 हजार से अधिक हो गई है।
ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने, गंभीर बीमारियों से पीड़ित हाई रिस्क वाले लोगों की निरंतर माॅनिटरिंग एवं लगातार स्क्रीनिंग के कारण कोरोना से हमारी रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही।
संक्रमितों की रिकवरी और टेस्टिंग में देश में दूसरे नंबर पर राजस्थान
कोरोना काल के दौरान राजस्थान की ओर से लिए गए कई फैसले देश भर में चर्चित रहे। जिसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं। कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट में राजस्थान पंजाब के बाद देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।
मरीजों की टेस्टिंग के मामलाें में भी दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर बना हुआ है। राजस्थान सोमवार को टेस्टिंग करने में छह लाख का आंकड़ा पार कर जाएगा, जबकि प्रदेश में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट 75% से अधिक पहुंच गई है।
काेराेना के योद्धाओं काे पुरस्कृत करने के लिए 25 कराेड़ रु. का अलग से फंड
काेराेना खत्म हाेने के बाद वॉरियर्स को पुरस्कृत करने के लिए 25 करोड़ रु. का अलग से फंड बनाया गया है। इसके अलावा इस जंग में शामिल हर सरकारी कर्मचारी, अधिकारी का 50 लाख रु. तक का बीमा कराया गया। इनमें संविदा कर्मी सहित अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।
700 माेबाइल एंबुलेंसाें से प्रतिदिन अन्य बीमारियाें के 25 हजार मरीजाें का इलाज
काेराेना के बीच अन्य बीमारियाें के रोगी परेशान न हाें, इसके लिए 700 मोबाइल एंबुलेंस चलाईं। इनसे रोज 25 हजार मरीजों का इलाज हो रहा है। प्रदेश में हर आदमी की तीन से चार बार स्क्रीनिंग हुई। 13 जून को 26 हजार टीमों ने 33 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर रिकाॅर्ड बनाया। सीएम ने कहा- प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। स्क्रीनिंग की व्यवस्था आगे भी जारी रखी जानी चाहिए।
54 लाख लोगों को दो माह तक फ्री में 5-5 किलो गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा
प्रदेश में कोई भूखा न सोए, राज्य सरकार इसके लिए संकल्पबद्ध है। इसी के तहत भारत सरकार की एनएफएसए स्कीम से वंचित रहे 54 लाख लोगों के लिए गहलोत सरकार बाजार दर से 23 रु. में गेहूं खरीदकर 2 माह तक उन्हें 5-5 किलो गेहूं फ्री उपलब्ध करा रही है। लॉकडाउन में सरकार की ओर से सूखे राशन के करीब 38.69 लाख पैकेट प्रदेश भर में वितरित किए गए।
अस्थि विसर्जन के लिए स्पेशल बसें
लॉकडाउन में लोग परिजनों का निधन होने पर अस्थि विसर्जन के लिए नहीं जा पा रहे थे। सीएम की पहल पर मोक्ष कलश निशुल्क बस सेवा शुरू हुई। ताकि वे अस्थियां विसर्जित कर सकें। इस सेवा से लोगों को भावनात्मक संबल मिला।
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