Punjab Ka Sach Newsporten/ NewsPaper

Saturday, July 10, 2010

आज सफल है, मंथली गुरूमंत्र

सुबह सुबह आम आदमी एनपी अपने दूध वाले पर रौब झाड़ते हुए कहता है कि आजकल दूध काफी पतला आ रहा है और कुछ मिले होने का भी शक है। एनपी की बात को ठेंगा दिखाते हुए दूध वाला कहता है, आपको दूध लेना है तो लो, वरना किसी ओर से लगवा लो, दूध तो ऐसा ही मिलेगा। एनपी सिंह कहां कम था उसने दूध वाले के पैर निकाले के लिए कहा, तुमको पता नहीं, मैं सेहत विभाग में हूँ, तेरे दूध का सैंपल भरवा दूंगा। सेर को सवा सेर मिल गया, दूध वाला बोला...तेरे सेहत विभाग को हर महीने पैसे भेजता हूँ, मंथली देते हूँ, किसकी हिम्मत है, जो मेरे दूध का सैंपल भरे। दूध वाले के पैरों तले से तो जमीं नहीं सरकी, लेकिन एनपी के होश छू मंत्र हो गए। आज मंथली का जमाना है, आज के युग में सही काम करने वाले को भी मंथली भेजनी पड़ती है। मंथली लेने में सेहत विभाग ही नहीं, अन्य विभाग भी कम नहीं। जैसे मोबाइल के बिन आज व्यक्ति खुद को अधूरा समझता है, वैसे ही ज्यादातर सरकारी उच्च पदों पर बैठे अधिकारी खुद को मंथली बिना अधूरा सा महूसस करते हैं। बुरा काम करने वाले तो मंथली देते ही हैं, लेकिन यहां तो अच्छा उत्पाद बनाने वालों को भी मंथली देनी पड़ती है। शहर के एक व्यस्त बाजार में बेहद प्रसिद्ध मिठाई की दुकान के मालिक को केवल इस लिए मंथली देनी पड़ती है, क्योंकि वो सरकारी पचड़े में पड़ना नहीं चाहता, जबकि उसके उत्पाद अच्छे है, सर्वोत्तम हैं। मगर वो एक बात अच्छी तरह जानता है कि अगर पैसा घटिया माल को अच्छा साबित कर सकता है तो कोई भी सरकारी अधिकारी अच्छे माल को बुरा साबित कर सकता है। शहर में जाली रजिस्ट्रियों के तमाम मामले आए दिन सुर्खियों में आते हैं, वो भी तो मंथलियों के नतीजे हैं, वरना किसी की रजिस्ट्री किसी ओर के नाम कैसे चढ़ सकती है। गलती एक बार होती है, बार बार नहीं, मगर मंथली एक ऐसा गुरमंत्र है, जो गलत वस्तु को सही सिद्ध कर देगा, जिसकी लाठी उसकी भैंस साबित कर देगा। मंथली की मोह जाल से तो पत्रकारिता जगत के लोग भी अछूते नहीं, सुनने में तो यहां तक आया है कि सेहत विभाग से लेकर तहसील तक से पत्रकारिता की दुनिया के कुछ लोगों को मंथली आती है, शायद बुराई पर पर्दा डाले रखने के लिए। पैसे की दौड़ ने मानव को किसी भट्ठी में झोंक दिया, वो आज खुद भी नहीं समझ पा रहा, आखिर उनकी दौड़ कहां तक है? जबकि वो भली भांति जानता है कि अंतिम समय मिलने वाले कफन के जेब भी नहीं होती। जब एक आम आदमी ने कारोबारी रूप में मोटरसाईकल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले वर्ग के एक व्यक्ति से पूछा कि तुम्हारे वाहनों की हालत इतनी खास्ता होने के बावजूद भी क्या ट्रैफिक पुलिस तुम्हारा चालान नहीं भरती, तो वो बड़े खुशनुमा मिजाज में कहता है, आप से क्या चोरी, एसोसिएशन हर महीने तीस साल रुपए का माथा टेकती है, तब जाकर हरी झंडी मिलती है सड़कों पर। ज्यादातर सरकारी विभागों का आलम तो ऐसा है कि पैसा फेंको...मैं कुछ भी करूंगा। एक किस्सा याद आ रहा है, जो पासपोर्ट विभाग से जुड़ा हुआ है। पासपोर्ट बनाने के लिए कॉमन मैन कतार में खड़ा अपनी बारी का इंतजार कर रहा था, एजेंट आते थे, और काम करवा कर चले जाते थे, लेकिन वो बाहर कतार में खड़ा इंतजार करता रहा। जब उसकी बारी आई तो उसने अपने कागजात मैडम के आगे किए, मैडम ने कागजातों को टोटलने के बाद कहा..बच्चे का पता पहचान पत्र कहां है, कॉमन मैन कहता है, मैं उसका पिता हूँ, मेरा पता ही तो उसका पता है। लेकिन हम कैसे मानें कि यह तुम्हारा सही पता है। तो कॉमन मैन कहता है कि मेरा पता इस विभाग की ओर से पहले चैक किया गया है, और पासपोर्ट भी यहां से ही जारी हुआ है। मगर वो मैडम एक बात पर ही अटकी रही, बच्चे का पता पहचान पत्र लेकर आओ। कॉमन मैन चिंता में डूब वहां से उलटे कदम निकल लिया, यह सोचते हुए आखिर कौन सा पता। सरकारी दफ्तरों में एजेंटों की घुसपैठ भी तो मंथली के गुरुमंत्र की ताजा मिसाल है। मंथली के गुरुमंत्र ने आम आदमी के हितों को पैरों तले कुचलकर रख दिया।

कुलवंत हैप्पी
76967-13601  

गर्मी से एक की मौत, दो बीमार

बठिंडा : बारिश न होने के कारण शहर में तापमान कम होने का नाम नहीं ले रहा। इस गर्मी के कारण गत रात्रि एक व्यक्ति की गर्मी लगने से मौत हो गई जबकि एक बच्ची समेत दो बीमार लोगों को सहारा जन सेवा ने अस्पताल में भर्ती करवाया। मिली जानकारी के अनुसार गत रात्रि उक्त संस्था को सूचना मिली कि स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर एक वृद्ध गंभीर हालत में पड़ा हुआ है। सूचित मिलते ही संस्था ने उस वृद्ध को स्थानीय सिविल अस्पताल के संकटकालीन वार्ड में दाखिल करवाया, लेकिन उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। संस्था सूत्रों ने बताया कि एक पांच वर्षीय बच्ची गीता को सूचना मिलने पर इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उसका इलाज चल रहा है, और उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त बच्ची गर्मी लगने के कारण बुरी तरह बीमार हो गई थी, लेकिन उसकी मां के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपनी बच्ची का इलाज करवा सके। किसी ने उसकी स्थिति के बारे में संस्था को सूचित किया। जिसके बाद उसको इलाज हेतु अस्पताल में दाखिल करवाया गया। इसके अलावा स्थानीय नहर के समीप एक युवक के बेहोश अवस्था में पड़े होने की सूचना संस्था को मिली। संस्था के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे, और बेहोशी की हालत में पड़े युवक को उठाकर स्थानीय सिविल अस्पताल में ले आए। अब उसकी स्थिति आगे से बेहतर है, जिसकी शिनाख्त अनिल कुमार पुत्र महादेव निवासी थर्मल कालोनी हुई है।

जनसंख्या दिवस पर आयोजित किया सेमिनार

बठिंडा : स्थानीय टीचर्स होम में सेहत व परिवार भलाई विभाग की ओर से आज विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहर की प्रमुख संस्थाओं के अलावा शहर के प्रमुख डॉक्टरों व अन्य लोगों विशेष तौर पर न्यौता दिया गया। इस सेमिनार में मुख्यातिथि के तौर पर सिविल सर्जन डा.इंद्र दयाल गोयल पहुंचे। सेमिनार को संबोधित करते हुए डा. जगजीत सिंह ने कहा कि अगर जनसंख्या पॉलिसी को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए तो लोगों की जरूरतें पूरी होने के साथ साथ जनसंख्या पर भी काबू पाया जा सकता है। औरत को बच्चे पैदा करने की मशीन समझने की मानसिकता से ऊपर उठना होगा, नहीं तो बढ़ती जनसंख्या किसी भयानक विस्फोट से कम न होगी। सेमिनार में विभिन्न वक्ताओं ने जनसंख्या से होने वाले विनाशों पर खुलकर प्रकाश डाला। इस मौके पर बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने जैसे मुद्दों को बड़े जोर शोर से उठाया गया। वक्ताओं ने कहा कि निरंतर बढ़ रही जनसंख्या के कारण बेरोजगारी, भुखमारी व लूट मार जैसी समस्याओं में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण समाज में अशांति का माहौल बनता जा रहा है। बढ़ती महंगाई को मद्देनजर रखते हुए आज छोटे परिवार सुखी परिवार जैसे विचारों पर चलने वाले लोग ही सुखी जीवन जी सकेंगे। इस दौरान आने वाले लोगों को प्रेरित करने के लिए संदेशवाहक चित्रों की एक प्रदर्शनी लगाई गई। सेहत विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार में पुरुषों के मुकाबले युवतियों व महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा थी।
इस मौके अन्य शख्सियतों के अलावा डा. रघुवीर सिंह रंधावा, डा. जगजीत सिंह, डा.राकेश गुप्ता, समाज सेवी श्रीमति राज गुप्ता, नरेंद्र बस्सी, राकेश नरूला, सुनील सिंगला, रमणीक वालिया आदि उपस्थित थे। इस मौके पर महंत गुरबंता दास नर्सिंग कालेज की छात्राओं की ओर से छोटे व बड़े परिवार की तुलना करते हुए एक लघु व्यंग पेश किया गया। इसके साथ ही एएनएम ट्रेनिंग स्कूल बठिंडा की छात्राओं ने जनसंख्या के संबंध में अपने विचार रखे। ज्ञात रहे कि जुलाई 1987 में विश्व की जनसंख्या पांच अरब थी, जो 2009 में पांच अरब 50 करोड़ तक पहुंची और अब 6 अरब 82 करोड़ 53 लाख के आंकड़े को छू रही है।


हेमकुंड दर्शनों के लिए गए दो संगतों की दर्दनाक मौत

-बठिंडा में बाद दोपहर किया गया अंतिम संस्कार 
बठिंडा। तीन दिन पहले हेमकुंड साहिब में दर्शनों के लिए गए बठिंडा के दो श्रद्धालुओं की चमोली के पास हुए हादसे में मौत हो गई। दोनों मृतकों के शवों को आज बठिंडा लाया गया जिनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। जानकारी अनुसार बठिंडा के घुंदे गाँव से एक ही परिवार के तीन व्यक्ति श्री हेमकुंड साहिब के दर्शनों के लिए सात जुलाई को रेलमार्ग से निकले थे। ऋषिकेश में मेयर सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह, जसवंत सिंह पुत्र कर्म सिंह व दर्शनसिंह ने हेमकुंड साहिब के लिए नौ जुलाई की सांय बस पकड़ी। इस दौरान जब उक्त लोग चमोली के पास पहुंचे तो मेयर सिंह  को उल्टीयां होने लगी। इस दौरान जसवंत सिंह ने उसे संभालने के लिए बस की खिडक़ी से अपना सिर बाहर निकाला तो एक मोड पर पहाड़ी से दोनों टकरा गए। इसमें मेयर सिंह की मौके पर मौत हो गई जबकि जसवंत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्हें स्थानीय चमोली अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां जसवंत को मृत घोषित कर दिया गया। दोनों मृतकों की देह को दर्शन सिंह बठिंडा लेकर आया। मेयर सिंह की आयु ४५ साल केञ् करीब है जबकि घर में पत्नी सहित दो लड़केञ् व एक लड़की है। इसी तरह जसवंत सिंह की आयु ४२ साल के करीब है जबकि उसका १७ साल का एक लड़का है। दोनों मृतक गांव घुंदे में आरएमपी डाक्टर है। दोनों मृतकों को बाद दोपहर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान गांव के सभी गणमान्य लोग उपस्थित रहे।  

Friday, July 9, 2010

तहसील परिसर में सरेआम खेला जा रहा है कि गुंडागर्दी का खेल

-खबर प्रकाशित होने केञ् बाद प्रतिनिधियों को धमकाने का सिलसिला
-पुलिस मामले में बरत रही है ढिलापन, आरोपी गिरफ्त से बाहर 
बठिंडा। भ्रष्टाचार के दलदल में धसी बठिंडा तहसील परिसर का कोई बालो बारिस नजर नहीं आ रहा है। वर्तमान में तहसील परिसर के अंदर गुंडागर्दी का नंगा नाच सरेआम खेला जा रहा है लेकिन इसे रोकने के लिए किसी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है। तहसील परिसर में दलाली का धंधा करने वाले कुञ्छ असामाजिक तत्वों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि गत दिवस उन्होंने तहसील परिसर में भ्रष्टाचार संबंधी सामाचार प्रकाशित होने के बाद वहां बनाए गए पंजाब का सच के अस्थायी उपकार्यालय में तोड़फोड़ की व वहां रखे सामान को चोरी कर लिया। यही नहीं इसमें बैठने वाले प्रतिनिधियों को जान से मारने की धमकी दी गई। इस बाबत तहसील चौकी में मामला दर्ज करवाया गया जिसमें पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए मुहिम चलाने की बात कर रही है लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। 
जानकारी अनुसार तहसील परिसर में प्रशासकीय अधिकारियों की मिलीभगत से रजिस्ट्री करवाने के नाम पर गौरखधंधा चल रहा है। इसमें सरकार को लाखों रुपये की चपत लगाई जा रही है जबकि मामले में सब कुछ जानकर भी किसी के खिलाफ कानूनी व विभागीय कार्रवाई नहीं की जा रही है। पंजाब का सच अखबार की तरफ से पिछले दो दिनों से तहसील परिसर में होने वाले घौटाले व भ्रष्टाचार को लेकर सामाचार प्रकाशित किया जा रहा है। इसके बाद परिसर में गौरखधंधा करने वाले लोगों में हड़कंप का माहौल बना हुआ है। तहसील में बिना जांच के नक्शा बनाने वाले कई लोग अपनी सीट से गायब है जबकि तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी इस गंभीर मामले में किसी तरह की जुबान खोलने को तैयार नहीं है। तहसील दफ्तर में कुछ लोगों ने लोगों की जेब काटने के लिए बकायदा एक गिरोह का निर्माण कर रखा है। इस गिरोह में शामिल लोग जहां बिना जांच पड़ताल के नक्शा पास करवाते है वही तहसील में पडे़ एक खाली प्लांट के सामने ही सभी रजिस्टरी करवाने वालों की फोटो खीचकर सरकारी दस्तावेज में लगा दिये जाते हैं। उक्त पूरा गौरखधंधा तहसीलदार व नायब तहसीलदार के सामने होता है लेकिन इसमें अभी तक किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की हिमायत नहीं की गई है। फिलहाल इस गौरखधंधे का खुलासा होने के बाद वहां तैनात कुछ तत्वों ने पंजाब का सच अखबार के अस्थायी दफ्तर को निशाना बनाया व वहां लगे बोर्ड को हटाने के साथ दफ्तर में तोड़फोड़ की गई। वही वहां काम करने वाले प्रतिनिधि को जान से मारने की धमकी दी गई है। इसमें तहसील परिसर केञ् एक दो वकील, नक्शा नवीस व रजिस्टरी लिखने वाला एक व्यक्ति प्रत्यक्ष तौर पर शामिल है। मामले में संबंधित थाना केञ् अधिकारी दावा कर रहे हैं कि दफ्तर में बोर्ड हटाने  व तोड़फोड करने वाले आरोपियों की तलाश के लिए जांच चल रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर मामले में किसी तरह की कानूनी कार्रवाई आज तक नहीं की गई है।        

बठिंडा इकाई ने दिया सुखबीर को अनूठा तोहफा

रक्तदान शिविर में सैंकड़ों ने किया रक्तदान
बठिंडा : स्थानीय बरनाला रोड़ पर स्थित एक पैलेस में आज शिअद की ओर से उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के जन्मदिन पर एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन कर अपने तेज तर्रार युवा नेता को एक अनूठा तोहफा दिया। इस मौके पर शिअद के शीर्ष पदस्थ नेताओं ने अपना रक्तदान कर शिविर का शुभारंभ किया। पैलेस के एसी हाल में, जहां रक्तदान करने लिए कई बिस्तर लगाए गए थे, रक्तदान को लेकर युवाओं से अधेड़ उम्र के व्यक्तियों में गर्मजोशी देखने लायक थी। ज्ञात रहे कि आज बठिंडा के अलावा भी कुछ अन्य जिलों में सुखबीर सिंह बादल को जन्मदिन का अनूठा तोहफा देने के लिए शिअद कार्यकर्ताओं की ओर से रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया है। पार्टी वर्करों की इस पहल से रक्तदान अंदोलन को बहुत बड़ा फायदा पहुंचेगा।
इस शिविर में बाद दोपहर एक बजे तक लगभग 700 वर्करों ने स्वेच्छा से रक्तदान के लिए अपना नाम दर्ज करवाया दिया था। इस मौके पर रक्तदानियों में उत्साह देखने लायक था। रक्त एकत्र करने के लिए सिविल सर्जन डा. इंद्रदयाल गोयल की अगुवाई में पहुंची अलग अलग टीमों ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई जबकि जिला रेड क्रास बठिंडा की ओर से रक्तदानियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस मौके पर जानकारी देते हुए जिला प्रेस सचिव ओपी शर्मा ने बताया कि बठिंडा के अलावा मानसा व मुक्तसर में भी रक्तदान शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि रक्तदान शिविर कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर पर आयोजित किए हैं, इसके लिए पार्टी हाईकमान की ओर से कोई विशेष हिदायतें नहीं थी।
इस मौके पर जिला प्रधान सिकंदर सिंह मलूका, अमरजीत सिंह सिद्धू, गुरा सिंह तुंगवाली, दर्शन सिंह कोटफत्ता, सरूप सिंगला, जगदीप सिंह नकई, बलजीत सिंह बीड़ बह्मण, तरसेम गोयल आदि ने विशेष तौर से उपस्थित हो रक्तदानी कार्यकर्ताओं का हौसला अफजाई की।

शिअद ने किया रक्तदान संस्थाएं बनाने का एलान 
बठिंडा : रक्तदान की जरूरत को मद्देनजर रखते हुए शिरोमणि अकाली दल की ओर से जिले के हर गांव में संकटकालीन रक्तदानी संस्था की स्थापना की जाए। यह घोषणा आज स्थानीय एक पैलेस में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के जन्मदिवस पर आयोजित एक रक्तदान शिविर को संबोधित करते हुए शिअद के जिला प्रधान सिकंदर सिंह मलूका ने की।
इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल जिला इकाई व यूथ विंग शिअद की ओर से जिले के हर गांव में एक संकटकालीन रक्तदानी संस्था की स्थापना की जाए, जो जरूरतमंद गरीब लोगों को जरूरत पड़ने पर रक्त मुहैया करवाएगी। श्री मलूका ने कहा कि यह फैसला आज के रक्तदान शिविर में पार्टी वर्करों के उत्साह को देखते हुए उनकी सलाह के बाद किया गया है।
इस मौके पर मास्टर हरमंदर सिंह सिद्धू, गुरप्रीत सिंह मलूका, सुखदेव सिंह बाहिया, दलजीत सिंह बराड़, भुपेंद्र सिंह भुल्लर, राजेंद्र कुमार राजू, टेक सिंह खालसा, बलजीत सिंह सरां, राजेंद्र सिंह सिद्धू, मनजीत सिंह, निर्मल सिंह संधू आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।

महानगरों में तेजी से फैल रहा है चोर गिरोह का आतंक

-वाहन चोरी करने वाले गिरोह पर पुलसिया शिकंजा भी नहीं दिला सका राहत
-घरों में सेधमारी कर लूट लिया जाता है नगदी व सोना  
बठिंडा। पिछले दो माह में राज्य भर में वाहन चोर गिरोह के ३६ के करीब लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, इसमें बठिंडा जिले में ही १६ के करीब गिरोह  सदस्यों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इस बावजूद राज्य में प्रतिदिन एक सौ के करीब विभिन्न स्थानों से चोरी हो रहे हैं। चोरों के निशाने पर सार्वजनिक स्थानों के इलावा लोगों के घर होते हैं। आखिर पुलिस की संतर्कता के बावजूद गिरोह लोगों की नाक में दम कर रहा है। इससे यही साबित होता है कि पुलिस या तो फर्जी गिरोह पकड़ रही है या फिर जो लोग पकडे़ जा रहे हैं वह मात्र गिरोह के गुर्गे है व इनके आका अभी भी पीछे से गिरोह का संचालन कर रहे हैं। वर्तमान में चोरी रूपी रावण के जितने सिर पुलिस काटने का दावा कर रही है उसके मुकाबले उतने ही सिर फिर से निकल आते हैं। कुल मिलाकर राज्य में व्यापारियों के साथ आम लोगों की नाक में चोर गिरोह ने दम कर रखा है। इसमें लोग स्वंय को किसी भी स्थान पर सुरक्षित महूसस नहीं कर रहे हैं। 
पुलिस के आला अधिकारियों व राज्य के गृह विभाग को इस गंभीर मसले पर सोचने की जरूरत है। अगर पुलिस रिकार्ड पर ही गौर करे तो राज्य में  जितने भी अपराधिक मामले दर्ज हुए है उसमें चोरी के सर्वाधिक मामले हैं। कोई भी व्यक्ति अपना वाहन लेकर घर से बाहर निकलता है तो उसकी सबसे बड़ी चिंता उसे सुरक्षित स्थान में खड़ा करने की रहती है। कार, जीप, मोटरसाइकिल से लेकर सामान्य साइकिल मालिक के आंख झपकते ही चोरी हो जाती है। देखने वाला देखता रह जाता है। गिरोह के शातीर सदस्य इतने एक्सपर्ट है कि वह पलक झपकते ही किसी भी गाड़ी का ताला खोलने के साथ उसे स्टार्ट कर भागने में कुछ मिनट से भी कम का समय लगाते हैं। यही नहीं वाहनों को पलक झपकते ही शहर की सीमाओं से बाहर धकेल दिया जाता है व कुछ घंटों में ही गाडि़यों के नंबर व रंग तबदील कर गुप्त स्टोरों में भेज दिया जाता है। इसके बाद इन वाहनों को उसका मालिक भी नहीं पहचान सकता है। इसके बाद इन वाहनों को औने पौने दाम में खरीदने वाले लोगों की तलाश शुरू होती है। जिसमें दिल्ली, फरीदाबाद जैसे महानगरों में इनके खरीदार भी मिल जाते हैं।
पंजाब में पिछले दिनों पुलिस ने पांच स्थानों पर वाहन चोरी करने वाले गिरोह को दबोचा। इस गिरोह में शामिल ज्यादातर लोग नौजवान वर्ग से संबंधित थे। उक्त लोग अपने शौक पूरे करने के लिए इस तरह के गिरोह बनाते हैं। इसमें गिरोह का एक सरगना बनाया जाता है जो वाहन चोरी का पूरा हिसाब रखने के साथ इन्हे बेचने के लिए बाजार की तलाश करता है। बाजार में मंहगे वाहनों को ५० प्रतिशत से भी कम मूल्य में बेचकर मिलने वाले पैसे को आपस में बांट लिया जाता है।  गिरोह के सदस्यों के बारे में पुलिस के पास किसी तरह की पुख्ता जानकारी न होने व प्रमुख बाजारों में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों के पास इस बाबत किसी तरह का रिकार्ड न होने के कारण उक्त लोग सुगमता से अपनी कारगुजारी को अंजाम देते हैं। 
यही नहीं अगर वाहन चोरी होने वाले व्यक्ति की तरफ से पुलिस थानों में तत्काल रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी जाए तो पुलिस एक्शन लेने में ही कई घंटे लगा देती है जिससे चोरी का वाहन आसानी से शहर की सीमा से बाहर निकल जाता है। बाजारों में सरेआम घूमने वाले इन गिरोह के सदस्यों का पहरावा किसी जेंटलमैन से कम नहीं होता है चोरी करने वाली जगह पर ग्रुप में घूमते हैं। इसमें एक व्यक्ति वाहन के मालिक पर पूरी नजर रखता है तो दूसरा वाहन का ताला खोलने का काम करता है। इस दौरान थोड़ा से संदेह होने पर उक्त लोग सुगमता से गायब हो जाते हैं। फिलहाल राज्य में वाहन चोर गिरोह के साथ दुकानों व घरों में सेधमारी कर सामान चोरी करने वाले गिरोह ने भी लोगों को बेचैन कर रखा है। सूने घरों की जानकारी हासिल होते ही गिरोह के सदस्य वहां सेधमारी कर लेते हैं। उक्त लोगों के पास इससे पहले घर में रखे सामान न नगदी की भी पूरी जानकारी पहुंच जाती है। 
इस काम में घर के किसी नजदीकी व जानकार के साथ गिरोह के सदस्य दोस्ती करने के साथ पूरी जानकारी हासिल कर लेते हैं व मौका मिलते ही घर में रखी नगदी, गहने व अन्य कीमती सामान को चोरी कर लिया जाता है। घरों व दुकानों में चोरी की घटनाओं के पीछे अकेला गिरोह काम नहीं करता है बल्कि कई मामले तो ऐसे भी है जो इंश्योरेंस हासिल करने या फिर घर के किसी सदस्य की तरफ से सहयोगी से पैसे एठने के लिए अंजाम तक पहुंचाए गए है। पुलिस के आला अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि नशे की लत पूरी करने के साथ आलीशान गाडि़यों में घूमने व मंहगे शौक पूरा करने की लालसा नौजवानों को आपराधिक घटनाओं की तरफ खीच रही है।

चोर गिरोह ने साफ किया चार स्थानों से हाथ 

बठिंडा। जिले में चोर गिरोह ने अपना आतंक जारी रखते हुए चार स्थानों में हाथ साफ कर दिया। इसमें  घर के बाहर खड़ी एक महिंदरा गाड़ी के साथ एक मोटरसाइकिल चोरी कर लिया गया। इसी तरह खेत में खड़ी मोटरों में से ताबा चोरी करने का मामला भी सामने आया है, इसमें पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। जिले में भगता गांव में एक दुकान की दीवार तोड़कर ही साढे़ तीन लाख रुपये का सामान व नगदी उड़ा दी गई। इन मामलों में पुलिस जांच में जुटी है लेकिन अभी तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
जानकारी अनुसार मान पैट्रोल पंप के पास स्थित घुमियारा वाली गली में प्रमोद कुमार ने अपनी महिंदरा पिकअप गाड़ी रात के समय खड़ी की जिसकी कीमत ढांई लाख रुपये के करीब थी। सुबह जब उन्होंने देखा तो गाड़ी घर के बाहर से चोरी हो चुकी थी। होटल बाहिया फोर्ट के पास स्थित माता रानी वाली गली के पास अनील कुमार ने अपना मोटरसाइकिल बजाज-१०० खड़ा किया, कुछ समय बाद उक्त वाहन को कोई चोरी करके ले गया। भगता गांव की निर्मला देवी की कोठा गुरुका रोड पर जरनल स्टोर खोल रखा था। इस दुकान की दीवार को रात के समय चोरों ने तोड़ दिया व दुकान के अंदर रखे एक लाख ५७ हजार रुपये के सामान के साथ गुलक में रखे  एक लाख ८० रुपये की नगदी चोरी कर ली। शुक्रवार की सुबह उक्त लोगों को इस चोरी का पता चला तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया।

लाठियों से पीटकर लूटा

बठिंडा। भगताभाईका गांव में रहने वाले जसविंदर सिंह अपने साथियों के साथ जब दुकान की तरफ जा रहा था तो दाना मंडी गांव गिदड़ के पास १६ के करीब लोगों ने लाठियों से लेस होकर जानलेवा हमला कर दिया। लूट की नियत से किए हमले में जसविंदर सिंह के साथ उसके साथी हरजिंदर सिंह व कमलजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उक्त लोगों को घायल कर दो मोबाइल, एक सोने की चैन छीनकर फरार हो गए। उक्त सामान की कीमत  ३६ हजार ५०० रुपये के करीब है। पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान पर नूरदीप, जसविंदर सिंह, सिकंदर सिंह, अमनदीप सिंह, कुञ्लदीप सिंह, जगतार सिंह, हरवंश सिंह, भिंदर सिंह, हैपी, हरजीत सिंह वीरा व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दायर कर जांच शुरू कर दी है। मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

मोटरों से ताबा चोरी करने वाले दो गिरफ्तार 

बठिंडा। पुलिस ने ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के खेत में लगी मोटरों से ताबा चोरी कर बेचने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए लोगों के पास से २४ किलो ताबा मौके से बरामद किया गया है। जानकारी अनुसार कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि कोठा गुरु वासी  हरप्रीत सिंह व बल्लू सिंह गांव में किसानों की मोटर में लगे ताबा चोरी करने का धंधा कर रहे हैं। इसमें अब तक उक्त लोग सौ के करीब किसानों को निशाना बना चुके थे। पुलिस के एसआई अजैब सिंह ने सूचना के आधार पर  दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर घर में रखे २४ किलोग्राम ताबा बरामद किया है।  

Wednesday, July 7, 2010

तहसील दफ्तर में मचा हडकंप, घपलेबाजों ने बनाई जुडली

-फोटोग्राफर को धमकियां दी जान से मारने को कहा   
-जिला प्रशासन अभी भी सो रहा है कुंभकरणी नींद, घपलेबाजों की पौ बहार 
बठिंडा। पंजाब की तहसील परिसरों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पंजाब का सच अखबार की तरफ से सामाचार प्रकाशित करने के बाद घपलेबाजों में हडकंप का माहौल बन गया है। बुधवार को पूरा दिन घपलेबाजों की जुड़ली सामाचार को लेकर अपनी चमड़ी बचाने में जुटे रहे। तहसील में फर्जीवाडा चलाने वाले एक व्यक्ति ने तो यहां तक कह दिया कि जब कैप्टन और बादल को भ्रष्ट्राचार करने से नहीं रोक सके तो हमे क्या रोक लेंगे। इसके बाद अखबार के फोटोग्राफर सतपाल शर्मा को भी तहसील परिसर में एक नक्शा बनाने वाले व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी व खबर प्रकाशित करने के परिणाम भुगतने की धमकी दी। इस मामले की शिकायत स्थानीय थाना को लिखित तौर पर की गई। फिलहाल बुधवार को तहसील परिसर में पूरा दिन भ्रष्ट्राचार को संरक्षण देने वाले लोग अपने आकाओं के पास जाकर अपनी चमड़ी बचाने की गुहार लगाते रहे। फिलहाल मामले में प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
गौरतलब है कि पंजाब का सच अखबार ने मंगलवार को तहसील परिसर में व्याप्त भ्रष्ट्राचार को लेकर सामाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसमें कहा गया था कि किसी भी सरकार ने ईमानदारी से इस गौरखधंधे को रोकने का प्रयास नहीं किया है। वतर्मान में हालात यह है कि तहसील दफ्तरों में नीचले स्तर से लेकर ऊपरी स्तर तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इसमें जहां अधिकारी और कर्मचारी अपनी जेबें भरने में लगे हैं वही सरकार को हर साल करोड़ों की चपत लगती है। दो नंबर में होने वाली कमाई का ही नतीजा है कि इस विभाग में एक अर्जी नवीस से लेकर सामान्य क्लर्क  भी लाखों की कमाई कर आलीशान बंगलों के  मालिक बने हुए है। इसमें एक नक्शा बनाने वाला व्यक्ति को ऐसा है जिसने लाइसेंस तो किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ले रखा है लेकिन काम वह दूसरे से करवा रहा है। इस तरह के एक नहीं कई मामले हैं जिसमें लोगों ने पैसे कमाने के लिए नए-नए धंधे कानून को छीके पर टांगकर शुरू कर रखे हैं।  
तहसील दफ्तर में तो प्राइवेट स्तर पर रजिस्ट्री लिखने वाले ही लाखों में खेलते हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार को उच्च अधिकारी से लेकर नीचले स्तर पर राजनेता जमकर प्रोत्साहन देते हैं। यही कारण है कि अगर जिला इकाई में सत्ता पक्ष से जुड़ा कोई भी समारोह हो या फिर सरकारी समागम किया जाए सबसे अधिक बगार (अवैध वसूली के  पैसे से समागम का खर्च) पूरा करने का जिम्मा इसी विभाग पर होता है। तहसील दफ्तर में प्रतिदिन डेढ़ सौ के करीब रजिस्ट्री, इंतकाल और बयाने किए जाते हैं। सामान्य तौर पर जिला प्रशासन की तरफ से हर क्षेत्र में जमीनों की खरीद और बिक्री करने के लिए सरकारी मूल्य निर्धारित कर रखे हैं। दूसरी तरफ जिले में क्षेत्र में मिलने वाली सुविधा के  अनुसार व्यापारी व प्रार्पटी डीलर जमीन को मोटे दाम में बेच देता है। इसमें एक जमीन जो दस से १५ हजार रुपये प्रतिगज बेची गई उसमें स्टाप ड्यूटी व आयकर बचाने के लिए मिलीभगत कर जमीन को मात्र एक हजार रुपये प्रति गज बिका दिखा दिया जाता है।

पुलिस कांस्टेबल को लगी दो गोलियां, मामला संदिग्ध

कांस्टेबल की हालत गंभीर, जांच जारी
बठिंडा। दाना मंडी के पास स्थित पुरानी कोतवाली वाली जगह पर बने माल खाने में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस मुलाजिम गंभीर हालत में मिला है। उसके शरीर में दो गोलियां लगी हुई है जिससे उसकी हालत काफी गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरंभिक जांच में जहां मामला आत्महत्या की कोशिश का जान पड़ता है वही पुलिस उस पर किसी तरह के हमले की संभावना से भी इंकार नहीं कर रही है। घायल पुलिस कमर्चारी कोर्ट परिसर में संमन लेकर जाने का काम करता था। फिलहाल पुलिस मामले को लेकर सकते में है और इस बाबत किसी तरह का खुलासा करने से कतरा रही है। अभी तक पुलिस तय नहीं कर पाई कि उक्त  मामला इरादन हत्या का है या आत्महत्या की कोशिश का है। फिलहाल घायल कांस्टेबल अजायब सिंह की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। उधर, सिविल अस्पताल में अजायब सिंह को शुरुआती दौर में संभालने वाले डॉक्टरों का कहना है कि व्यकत्ति की हालत काफी गंभीर है जिससे उसका बचना मुश्किल है, क्योंकि एक गोली उसके सिर पर लगी है। 
जानकारी अनुसार बुधवार सुबह लगभग सात सात बजे के करीब आसपास के लोगों ने सूचना दी कि मालखाने में कांस्टेबल अजायब सिंह निवासी लाल सिंह बस्ती खून से लथपथ पड़ा है। उसके सिर व पेट के पास दो गोलियां लगी है। सहारा जन सेवा केञ् कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर गंभीर रूप से पडे़ कांस्टेबल को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया। यहां पर एक घंटे तक प्राथमिक उपचार देने के बाद उसकी स्थिति को देखते हुए उसको आदेश अस्पताल रैफर कर दिया गया है।
इस मामले पुलिस का कहना है कि मामले की फिलहाल जांच की जा रही है और अजायब सिंह की स्थिति सुधरने का इंतजार कर रहे है। उसकी तरफ से किसी तरह का बयान देने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। सूत्रों की माने तो मामला हत्या करने की साजिश का भी हो सकता है, क्योंकि उसके  एक गोली पेट के  समीप लगी है, और दूसरी गोली उसके  सिर में लगी है। सूत्र बताते हैं कि व्यक्ति  खुद को दो बार गोली नहीं मार सकता जबकि पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। दफ्तर में तैनात अन्य कर्मचारियों का कहना है कि अजायब सिंह सुबह अपनी ड्यूटी पर रोजमर्रा की तरह आया था, लेकिन उसके  बाद क्या हुआ इस बारे में कोई बोलने को तैयार नहीं। 

शायद उलझन में इंद्रदेव

जब वो मल्हार राग में शिव स्तुति गाती है तो इंद्रदेव इतने खुश होते हैं कि पूरे क्षेत्र को जलमग्न कर देते हैं। उसका जन्म गजियाबाद के एक अमीर परिवार में हुआ था और उसका ब्याह भी एक अमीर घर में, लेकिन वो सादगी भरा जीवन जीने में विश्वास करती थी, वो आज जिन्दा है या नहीं पता नहीं, लेकिन जब इंद्रदेव को खुश करना होता तो लोग उसके द्वार जाते थे। कुछ ऐसा ही किस्सा बता रहा था संकट मोचन मंदिर के निकट एक बिजली की दुकान पर एक भद्र पुरुष। आज से पहले तानसेन के बारे में तो सुना था कि वो दीपक राग गाकर दीए जला देते थे, लेकिन उक्त किस्सा पहली दफा सुनने में आया, हो सकता है सच भी हो और काल्पनिक भी। मगर हम इंद्रदेव को मनाने के लिए तरह तरह के ढंग तो अपनाते ही हैं। मुझे याद है जब हम गांव में रहते थे, सावन का महीना बीतते वाला होता, और गांव में एक बूंद पानी तक न टपकता, तब लोग इंद्र देव को खुश करने के लिए डेरा बाबा भगवान दास में पहुंचकर चावलों का यज्ञ करते, और इंद्रदेव खुश हो भी जाता था। इस डेरे का इतिहास भी तो बारिश से जुड़ा हुआ है। एक बार की बात है कि गांव में बारिश नहीं हो रही थी, और लोग इंद्र देव को मनाने के लिए तरह तरह के पैंतरे अजमा रहे थे। इन दिनों गांव के खेतों में एक साधु आया हुआ था, गांवों ने उनसे बिनती बगैरह किया, उन्होंने संतों के कहने अनुसार सब कुछ किया। जब गांव वासी डेरे में पहुंचे तो संत बोले 'तुम लोग छत्रियां क्यों नहीं लेकर आए, लोग चकित रह गए, धूप चढ़ी हुई है, बादलों का नामोनिशान नहीं, संत कहीं पागल तो नहीं हो गया। जैसे यज्ञ खत्म होने के किनारे पहुंचा तो बादल ऐसे बरसे कि गांव वासी संत के चरणों में जा गिरे। यह तो बस एक विश्वास की बात है, अगर विश्वास है तो धन्ने भगत जैसे पत्थरों से भगवान के दीदार कर लेते हैं। पिछले दो दिनों से इंद्रदेव बठिंडा में बरसने के लिए उतावला है, लेकिन न जाने क्या सोच कर खुद को रोके हुए है। हो सकता है कि बठिंडा नगर निगम व नहरी विभाग की खामियों से इंद्रदेव अच्छी तरह अवगत हैं। पिछले हफ्ते इंद्रदेव ने बठिंडा वासियों को खुश करने की छोटी सी कोशिश की थी, लेकिन नतीजा शहर में अधिकतर क्षेत्रों में बारिश का पानी जमा हो गया। लोगों को आने जाने में दिक्कतें पेश आने लगी। इतना ही नहीं, कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में तो बारिश के पानी के कारण रजबाहे टूट गए, किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई। इंद्रदेव तो पिछले दो दिन से निरंतर बरसने के मूड में है, लेकिन नहरी विभाग व नगर निगम की कार्यगुजारी के चलते इंद्रदेव का बरसना भी लोगों पर भारी पड़ सकता है। वैसे इंद्रदेव ने लोगों को थोड़ी सी राहत देने के लिए हवाओं में नमी भर दी है। पंजाब में अब तक इंद्रदेव जहां जहां अभी तक बरसा है, वहां से फसलों के बर्बाद होने की ख़बर आ रही हैं, चाहे वो पटिआला हो या दोआबे का क्षेत्र। सरकारों व निगमों की कार्यगुजारी के बाद इंद्रदेव को एक कुम्हार की कहानी याद आ रही होगी, या तो बर्तन वाली या फिर फसल वाली। एक कुम्हार के दो बेटियां होती हैं, दोनों की शादी एक ही गांव में हुई होती है, एक बार उन से मिलने के लिए कुम्हार उस गांव जाता है। पहली बेटी से मिलता है जो एक कुम्हार के साथ ही ब्याही होती है, वो खुश है कि उसके बर्तन सूखने वाले हैं, और इंद्रदेव नहीं बरसे। वो यहां अपनी दूसरी बेटी के घर जाता जो एक किसान को ब्याही होती है। वो दुखी है, क्योंकि इंद्रदेव अभी तक बरसा नहीं था। वो अपने पिता से कहती है कि दुआ करो रब्ब से बारिश हो जाए। कुम्हार असमंजस में पड़ जाता है कि आखिर किस को बचा लूं और किसको डुबो दूं। कुछ ऐसी ही स्थिति में शायद इंद्रदेव उलझा हुआ है।

कुलवंत हैप्पी
76967-13601

Tuesday, July 6, 2010

भैसों के साथ वाहन चोरी का भी करने लगे थे धंधा

-पुलिस ने आठ लोगों के साथ वाहन पकडे़, तीन मौके से फरार 
बठिंडा। पिछले कुछ साल से दूध की कीमतों में हो रही बेहताश बढ़ोतरी ने भैसों के दाम में भी उछाल ला दिया। मात्र दस हजार रुपये में मिलने वाले भैस का मूल्य २५ हजार क्या पहुंचा, चोरों ने घरों में सेध मारने की बजाय भैसों को चोरी करना शुरू कर दिया। इसमें भी तसल्ली नहीं हुई तो उक्त लोगों ने वाहनों को चोरी कर बेचने का धंधा भी शुरू कर दिया। पुलिस के अनुसार उक्त लोग पंजाब सहित आसपास के क्षेत्र से कई वाहन चोरी कर आगे बेच चुके हैं।  चोरों ने जिले में एक नहीं बल्कि दर्जनों भैसे व वाहन चोरी कर आगे बेचकर मोटी कमाई की लेकिन हो रही भैसे व वाहन चोरी की घटनाओं ने पुलिस की नाक में दम कर दिया। इसके चलते अब तक सो रही पुलिस ने गिरोह की तलाश शुरू कर दी व गत दिवस इस गिरोह के कई  सदस्यों को धर दबोचा। इन लोगों के पास कई वाहन व हथियार भी बरामद किए गए है। गिरोह का पर्दाफाश करने में नथाना पुलिस ने सफलता हासिल की। नथाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है,जबकि तीन सदस्य मौके पर फरार होने में सफल रहे। पुलिस ने गिरोह के ११ सदस्यों पर मामला दर्ज कर फरार तीनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार उक्त गिरोह किसी घर में डाका मारने की योजना तैयार कर रहा था। इस गिरोह के सदस्य बठिंडा के अलावा जिले के समीप क्षेत्रों के रहने वाले हैं। पुलिस ने उक्त गिरोह से चार मोटरसाईकिल, एक कार व दो १२ बोर देसी पिस्तौल व छह जिंदा कारतूस बरामद किए है। जानकारी अनुसार नथाना थाना के एसआई हरजीत सिंह ने बताया कि महानगर में पिछले लंबे समय से विभिन्न क्षेत्रों से वाहन चोरी होने की घटनाएं घटित हो रही थी। इन घटनाएं घटित होने से जिला पुलिस काफी समय से इस वाहन चोर गिरोह की तलाश में जुटी हुई थी। जिला पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति पर केस दायर कर कार्रवाई शुरु की हुई थी। पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई में खुलासा हुआ कि कुछ  लोगों ने एक गिरोह बना रखा है जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे  हैं। एसआई हरजीत सिंह ने बताया कि आरोपी रेमश सिंह पुत्र बहादुर सिंह, हरदीप सिंह पुत्र जीत सिंह, गगनदीप सिंह पुत्र बचितर सिंह, सुखेदव सिंह पुत्र हरनाम सिंह, बलजीत सिंह पुत्र मेजर सिंह, बलविंद्र सिंह पुत्र सीता सिंह, तेजू सिंह पुत्र  जंगीर सिंह, जसवंत सिंह पुत्र  ताना सिंह, लक्ष्मण सिंह पुत्र नछतर सिंह, कुलविंद्र सिंह पुत्र रेमश सिंह व सलीम खां पुत्र नवाब खां ने मिलकर एक गिरोह का गठन कर रखा था, जोकि पिछले लंबे समय से महानगर में  वाहन चोरी घटनाओ को अंजाम दे रहा है। पुलिस द्वारा की जा रही जांच पड़ताल में  यह भी पता चला है कि उक्त गिरोह सबसे पहले जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र से भैसे चोरी करता था और उन्हें आगे बेच देता था, अब तक उक्त गिरोह सैकड़ो भैसें चोरी कर चुके हैं। उन्होने बताया कि भैसे चोरी करते हुए इस गिरोह के हौसले इतने बुलंद हो गए कि उन्हें ने शहर से वाहन चोरी करना शुरु कर दिये। उन्होने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली की उक्त गिरोह विगत दिवस हथियारों से लेंस होकर किसी घर में डाका मारने की योजना बना रहे थे। पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर गिरोह के आठ सदस्यों को मौके पर काबू कर लिया, जबकि तीन सदस्य मौके पर फरार होने में सफल रहे। गिरोह सदस्यों से पूछताछ करने पर  एक कार, चार मोटरसाईकिल व दो देसी पिस्तौल व छह जिंदा कारतूस बरामद किए है। नथाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गिरोह के सभी सदस्यों पर आईपीसी की धारा ३९९,४०२,४११ केञ् तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

राष्ट्रीय स्तर के शिविर में भाग लेंगी सेंट जेवियर की छात्राएं

मन में पूरा विश्वास लेकर चल रही है,  लक्ष्य है अंतिम 16 सदस्यीय टीम में पहुंचना
पूरे पंजाब से तीन लडकियों का हुआ चुनाव,  वो भी बठिंडा की लड़कियां
बठिंडा : शहर का नाम खेल जगत में समय समय पर अलग अलग खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर अपनी प्रतिभा लोहा मनवाने वाले खिलाड़ियों ने विश्व स्तर पर रोशन किया है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय सेंट जेवियर कान्वेंट स्कूल की तीन छात्राओं ने हैंडबाल के राष्ट्रीय स्तर के कैंप में अपना स्थान बनाया है, जो आज से हरियाणा के जिला सिरसा में शुरू होने जा रहा है। यह कैंप करीबन 42 दिन तक चलेगा, जिसमें देश भर से 25 महिला खिलाड़ी भाग लेंगी, और अपने हुनर का लोहा मनवाते हुए अंतिम 16 में अपनी जगह बनाएंगी। बहरहाल, बठिंडा वासियों व खेल प्रेमियों के लिए दिलचस्प बात तो यह है कि इस शिविर में भाग लेने वाली 25 महिला खिलाड़ियों में से तीन तो केवल बठिंडा स्थित सेंट जेवियर स्कूल की हैं, अगर वो इस शिविर में सफल होती हैं तो वो भारतीय टीम के साथ कैमरून की धरती पर अपने हुनर का लोहा मनवाने पहुंचेगी, जिस से देश का ही नहीं बल्कि राज्य व जिले का भी नाम रोशन होगा।

इस बाबत जानकारी देते हुए कोच दविंद्र पाल सिंह ने बताया कि इससे पहले अनमोल कौर ढिल्लों, अजशनजोत चीमा व नवप्रीत कौर मान सिरसा में 27 मई से 24 जून तक आयोजित किया गया, राष्ट्रीय स्तरीय शिविर में भाग ले चुकी हैं, और आज से सिरसा में शुरू होने वाले एक और शिविर में भाग लेने जा रही हैं, जो 42 दिन तक चलेगा। जिसके बाद कैमरून में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए एक सोलह सदस्यीय टीम चुनी जाएगी। उन्होंने बताया कि इन्होंने शिविर के लिए कड़ी तैयारी की है, और इनको खुद पर पूरा भरोसा है कि अंतिम 16 में वो अपनी जगह बनाकर बठिंडा लौटेंगी।

औरतों के हक से खिलवाड़

एक मजबूत जनतंत्र में महिलाओं के मुद्दे को कितनी आसानी से समुदाय के कर्णधारों के हवाले छोड़ दिया गया। उन्हें आज तक बराबरी का पूर्ण नागरिक अधिकार क्यों नहीं मिल पाया, जिसमें वे अपने मसले संविधान प्रदत्त कानूनों के मातहत निपटाएं। आजादी के 62 साल बाद भी यह स्थिति क्यों बनी हुई है। समुदाय विशेष के धर्मगुरुओं, मौलवियों या कर्णधारों के हाथों उसके सदस्यों के भविष्य का फैसला करने का अधिकार होना चाहिए, यह मांग तो खाप पंचायतों की भी है कि वे अपनी परंपरानुसार कानून का इस्तेमाल कर सकें। ये खाप पंचायतें और समुदाय आधारित संस्थाएं- जो धार्मिक वैधता भी हासिल होने का दावा करती हैं, पहले से ही महिलाओं पर नियंत्रण की ढेरों नीतियां और नियम बनाए हुए हैं। सरकार और प्रशासन के लोग ऐसे मामलों में आसानी से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं, यह कह कर कि यह धार्मिक मामला है। हाशिए के सभी लोगों के लिए जिसमें महिलाएं भी हैं, मुक्तिदायी कानूनों की जरूरत है। ये मुक्तिदायी कानून सभी को बराबर का हक दें और समुदायों की मनमानी नहीं चलने पाए। महिलाएं सर्वप्रथम एक व्यक्ति, एक नागरिक हों न कि एक समुदाय या धर्मविशेष की सदस्य। ध्यान देने लायक बात है कि भारत जैसे बहुधर्मीय मुल्क में ही नहीं सऊदी अरब जैसे मुस्लिम बहुल मुल्क में भी मुस्लिम महिलाओं के बीच नई जागृति आने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले दिनों खबर आई थी कि किस तरह सऊदी में धार्मिक पुलिस के खिलाफ बढ़ते गुस्से का असर उजागर हो रहा है। पता चला कि एक महिला ने तो एक धार्मिक पुलिस पर गोली चलाई थी।
दरअसल, जबरन लोगों को काबू में रखने की एक सीमा होती है और देर-सवेर इसका प्रतिरोध होता ही है। वह प्रतिरोध कितना सुनियोजित, मजबूत और प्रभावी होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि लोग कितने संगठित होंगे।

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