बठिंडा : स्थानीय टीचर्स होम में सेहत व परिवार भलाई विभाग की ओर से आज विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहर की प्रमुख संस्थाओं के अलावा शहर के प्रमुख डॉक्टरों व अन्य लोगों विशेष तौर पर न्यौता दिया गया। इस सेमिनार में मुख्यातिथि के तौर पर सिविल सर्जन डा.इंद्र दयाल गोयल पहुंचे। सेमिनार को संबोधित करते हुए डा. जगजीत सिंह ने कहा कि अगर जनसंख्या पॉलिसी को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए तो लोगों की जरूरतें पूरी होने के साथ साथ जनसंख्या पर भी काबू पाया जा सकता है। औरत को बच्चे पैदा करने की मशीन समझने की मानसिकता से ऊपर उठना होगा, नहीं तो बढ़ती जनसंख्या किसी भयानक विस्फोट से कम न होगी। सेमिनार में विभिन्न वक्ताओं ने जनसंख्या से होने वाले विनाशों पर खुलकर प्रकाश डाला। इस मौके पर बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने जैसे मुद्दों को बड़े जोर शोर से उठाया गया। वक्ताओं ने कहा कि निरंतर बढ़ रही जनसंख्या के कारण बेरोजगारी, भुखमारी व लूट मार जैसी समस्याओं में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण समाज में अशांति का माहौल बनता जा रहा है। बढ़ती महंगाई को मद्देनजर रखते हुए आज छोटे परिवार सुखी परिवार जैसे विचारों पर चलने वाले लोग ही सुखी जीवन जी सकेंगे। इस दौरान आने वाले लोगों को प्रेरित करने के लिए संदेशवाहक चित्रों की एक प्रदर्शनी लगाई गई। सेहत विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार में पुरुषों के मुकाबले युवतियों व महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा थी।
इस मौके अन्य शख्सियतों के अलावा डा. रघुवीर सिंह रंधावा, डा. जगजीत सिंह, डा.राकेश गुप्ता, समाज सेवी श्रीमति राज गुप्ता, नरेंद्र बस्सी, राकेश नरूला, सुनील सिंगला, रमणीक वालिया आदि उपस्थित थे। इस मौके पर महंत गुरबंता दास नर्सिंग कालेज की छात्राओं की ओर से छोटे व बड़े परिवार की तुलना करते हुए एक लघु व्यंग पेश किया गया। इसके साथ ही एएनएम ट्रेनिंग स्कूल बठिंडा की छात्राओं ने जनसंख्या के संबंध में अपने विचार रखे। ज्ञात रहे कि जुलाई 1987 में विश्व की जनसंख्या पांच अरब थी, जो 2009 में पांच अरब 50 करोड़ तक पहुंची और अब 6 अरब 82 करोड़ 53 लाख के आंकड़े को छू रही है।
इस मौके अन्य शख्सियतों के अलावा डा. रघुवीर सिंह रंधावा, डा. जगजीत सिंह, डा.राकेश गुप्ता, समाज सेवी श्रीमति राज गुप्ता, नरेंद्र बस्सी, राकेश नरूला, सुनील सिंगला, रमणीक वालिया आदि उपस्थित थे। इस मौके पर महंत गुरबंता दास नर्सिंग कालेज की छात्राओं की ओर से छोटे व बड़े परिवार की तुलना करते हुए एक लघु व्यंग पेश किया गया। इसके साथ ही एएनएम ट्रेनिंग स्कूल बठिंडा की छात्राओं ने जनसंख्या के संबंध में अपने विचार रखे। ज्ञात रहे कि जुलाई 1987 में विश्व की जनसंख्या पांच अरब थी, जो 2009 में पांच अरब 50 करोड़ तक पहुंची और अब 6 अरब 82 करोड़ 53 लाख के आंकड़े को छू रही है।
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