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Monday, January 4, 2021

अब सेवा केंद्रों में हीं मिलेंगी आरसी व डीएल की सभी सेवाएं


 

बठिडा : परिवहन विभाग में एजेंटों के मक्कड़जाल को खत्म करने के लिए पंजाब सरकार ने अब विभाग की सेवाओं को जिले के सेवा केंद्रों में शुरू कर दिया गया है। इस संबंध में सेवा केंद्र के अधिकारियों को पत्र जारी हो चुका है। इसके बाद स्टाफ को ट्रेनिग भी दी जा चुकी है। सेवा केंद्रों में अब ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल)और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) से संबंधी सेवाएं मिलेंगी।

अगर बठिडा के आरटीए दफ्तर की बात करें तो यहां पर बिना एजेंटों के कोई काम नहीं होता है। यहां तक कि दफ्तर का स्टाफ भी लोगों को अपने पास फटकने नहीं देता। एक एजेंट के पास कई फाइलें होती थीं। मगर अब सेवा केंद्रों में यह सेवाएं शुरू हो जाने से एजेंटों का काम खत्म हो जाएगा। यहां पर सिर्फ उसी व्यक्ति की फाइल को लिया जाएगा, जिसका मालिक वह खुद होगा या उसके रिश्तेदार होंगे। इसकी एक खासियत यह भी है कि एक व्यक्ति से सिर्फ एक ही फाइल को लिया जाएगा। हालांकि लोगों को अपने काम करवाने के लिए सेवा केंद्रों के नियमों के अनुसार टोकन लेना होगा, जिसके बाद मात्र 50 रुपये लेकर वह अपनी सेवाओं को ले सकेंगे।

इससे पहले सेवा केंद्रों में एफआइआर दर्ज करने, मोबाइल चोरी की शिकायत करने जैसी 15 सेवाओं को भी शुरू किया जा चुका है। सेवा केंद्रों में अब तक 292 तरह की विभिन्न प्रकार की सेवाओं का लाभ मिल रहा है। अब इन सेवाओं की संख्या 347 हो जाएगी। इस समय जिले में टाइप एक व टाइप 3 के 32 सेवा केंद्र चल रहे हैं। इससे पहले जिले में 223 सेवा केंद्र थे, जिनको पंजाब सरकार ने बंद कर दिया था। सेवा केंद्रों के डीएम संजीव कुमार का कहना है कि उनको पंजाब सरकार की तरफ से जारी किया गया पत्र मिल गया है, जिसके बाद स्टाफ को ट्रेनिग दे दी गई है। अब इन सेवाओं को लोगों की सुविधा के लिए शुरू कर दिया गया है।

यह सेवाएं होंगी शुरू

आरसी से संबंधित सेवाएं: राज्य में रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्ट एंड नए ट्रांसपोर्ट वाहन का आनलाइन टैक्स, वाहनों की आरसी को ट्रांसफर करना, डुप्लीकेट आरसी, आरसी में एड्रेस का बदलाव, एडिशन, टर्मिनेशन, कंटीन्यूशन, राज्य के लिए एनओसी, डुप्टलीकेट फिटनेस सर्टिफिकेट, विदड्रा यूअर एप्लीकेशन, एप्लीकेशन स्टेट्स जांचने, ई-पेमेंट स्टेट्स चेक, बुक अप्वाइंटमेंट, न्यू एप्लीकेशन रिन्युअल का ट्रेड सर्टिफिकेट, आरसी की आनलाइन सेल्फ बैकलाग, आनलाइन नेशनल एंड पंजाब परमिट कांट्रेक्ट कैरिएज, मोबाइल नंबर अपडेट, डीएमएस एट डीलर प्वाइंट, डीएमएस प्रोसेस फार आल सर्विस, फिटनेस एप्लीकेशन अपलोड, दूसरे राज्यों के वाहनों की इंस्पेक्शन रिपोर्ट, अल्ट्रेशन आफ व्हीकल्स, कंवर्सन आफ व्हीकल्स, पीयूसी रिन्युअल एंड न्यू एप्लीकेशन जैसी वाहनों की आरसी से संबंधित सेवाओं को शुरू किया गया है।

डीएल से संबंधित सेवाएं: डुप्लीकेट डीएल की सुविधा, डीएल में एड्रेस बदलाव, डीएल रिन्यू, डीएल रिप्लेसमेंट, इंडोर्समेंट टू ड्राइव, एनओसी जारी करने, डीएल एक्सट्रेक्ट, इंडोर्समेंट टू ड्राइव इन हिल रिजन, डीएल में नाम बदलवाने, एनओसी कैंसिल करने, सरेंडर आफ काव्स इन डीएल, रिन्युअल आफ पीएसवी बैडेज फार डीएल, मोबाइल अपडेट, लर्नर लाइसेंस में जन्म तारीख ठीक करने, कंडक्टर लाइसेंस रिन्युअल, कंडक्टर लाइसेंस चेंज एड्रेस, कंडक्टर लाइसेंस चेज नेम, एस्टेंशन आफ लर्नर लाइसेंस, डुप्लीकेट लर्नर लाइसेंस, करेक्शन आफ लर्नर लाइसेंस, डुप्लीकेट लर्नर लाइसेंस, करेक्शन आफ लर्नर लाइसेंस नेम एड्रेस, नया ड्राइविग लाइसेंस जारी करने, डीएल में बायोमेट्रिक का बदलाव करने, एडिशनल एंडोर्समेंट टू डीएल, इंटरनेशनल डीएल जारी करने, डीएल में जन्म तारीख बदलने सहित अन्य सेवाओं को शुरू किया गया है।


पंजाब में भाजपा और आरएसएस नेताओं को मिलेगी अतिरिक्त सुरक्षा, लगातार हो रहे हैं हमले



चंडीगढ़। कृषि सुधार कानूनों को लेकर पंजाब में भाजपा नेताओं पर हो रहे हमले और विरोध को देखते हुए पंजाब पुलिस ने भाजपा व आरएसएस नेताओं की सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला किया है। इस संबंध में डीजीपी दिनकर गुप्ता की अगुआई में बैठक हो चुकी है। संभव है कि आज या कल भाजपा व आरएसएस नेताओं की सुरक्षा को बढ़ा दिया जाए। पंजाब पुलिस ने यह फैसला तब लिया, जब पहली जनवरी को भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद के होशियारपुर स्थित घर पर कुछ विरोधियों ने गोबर फेंक दिया था। वहीं, भाजपा लगातार राज्य में कानून व्यवस्था बिगडऩे को लेकर आरोप लगा रही है।

नए कृषि कानूनों के विरोध में 1600 से ज्यादा मोबाइल टावरों के कनेक्शन काटने व उन्हें क्षति पहुंचाने की घटनाओं के दौरान राज्य में भाजपा नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले अक्टूबर में भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा की कार पर टांडा के पास टोल प्लाजा पर हमला कर दिया गया था। भाजपा नेताओं पर हो रहे हमले के बीच में भाजपा के शिष्टमंडल ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को एक मांगपत्र भी दिया था। इसके उपरांत राज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन और डीजीपी दिनकर गुप्ता को तलब किया था।

बता दें, रविवार को भी भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा की संगरूर यात्रा के दौरान किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है। भारतीय जनता पार्टी लगातार राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रही है। वर्तमान हालातों को देखते हुए पंजाब पुलिस ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस क्रम में प्रदेश प्रधान की भी सुरक्षा को बढ़ाया जाएगा।

हालांकि, अश्वनी शर्मा को पहले ही केंद्र सरकार की तरफ से वाई सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। इसी क्रम में पंजाब पुलिस ने आरएसएस के नेताओं को भी सुरक्षा देने का फैसला किया है। पूर्व में भी आरएसएस नेताओं की हत्या की गई थी, जिसमें लुधियाना में आरएसएस के नेता रवींद्र गोसाईं और जालंधर में पंजाब के प्रमुख जगदीश गगनेजा की टारगेट किङ्क्षलग की गई थी। पंजाब पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि भाजपा व आरएसएस नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर फैसला लिया जा चुका है। एक-दो दिनों में ही उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी।


बठिंडा नगर निगम चुनावों में हर दल चिंतित- कांग्रेस को सत्ता के विरोध का डर तो अकाली दल शहरी वोट खिसकने से चिंतित

-आप के हौसले बुलंद वही भाजपा शहरी वोटरों में सेधमारी के लिए लगा रही ऐड़ी चोटी का जोर 

-सोशल मीडिया व सामाजिक संगठनों के गुट ने भी की निगम चुनावों में इंट्री, बदल सकते हैं समीकरण 


बठिडा.
नगर निगम चुनावों की तिथि जनवरी माह के मध्य में किसी भी समय घोषित हो सकती है इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है। चुनाव आचार संहिता 15 दिन तक ही रहने की उम्मीद है, भाव चुनाव तिथि घोषित होने के बाद उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा समय मिलने की उम्मीद नहीं है। इस स्थिति में प्रमुख सियासी दल 10 जनवरी से पहले अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है जबकि कांग्रेस व अकाली दल के साथ सामाजिक संगठनों के ग्रुप ने अपने उम्मीदवारों की घोषमा करने का सिलिसला शुरू कर दिया है। इन तमाम हलचल के बीच चुनावों में जहां सामाजिक संगठनों व सोशल मीडिया ग्रुप राज्य में प्रमुख राजनीतिक दलों के खिलाफ चल रही लहर का फायदा उठाने की फिराक में है वही भारतीय जनता पार्टी किसान आंदोलन के बीच उत्पन हुई स्थिति में शहरी अग्रवाल समाज व दलित वोट बैंक को अपने खेमे में लाने की भरसक कोशिश में जुटी है। इस बीच सबसे पेंचिदा स्थिति अकाली दल के लिए बनी हुई है। अकाली दल के प्रधान व सुप्रीमों सुखबीर सिंह बादल व बठिंडा लोकसभा क्षेत्र की सांसद हरिसमरत कौर बादल की तरफ से चुनाव से पहले अपने वर्करों को किसानी के मुद्दे में मुखर होने व मीडिया में दिखने की नसीहत दी है इससे स्पष्ट हो रहा है कि अकाली दल किसान आंदोलन में जिस गति से विरोध में उतरा व मंत्रीपद से इिस्तफा देने व एनडीए से नाता तोड़ सुर्खियों में आया वह गति धीरे-धीरे धीमी हो गई। इसमें आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस ने राजनीतिक तौर पर किसान आंदोलन में स्वयं को दिखाने की कोशिश की व कई मामलों में दोनों दल दिखाई भी दिए जिसका उन्हें सियासी फायदा मिलने की संभावना भी जताई जा रही है लेकिन इस बीच अकाली दल पिछले डेढ़ माह में खासकर दिल्ली आंदोलन में सुर्खियां बटोरने में नाकाम रही। इसकी कसर पिछले दिनों पार्टी प्रधान के समागम में विरोध प्रदर्शन से भी देखने को मिला। इसके बाद अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने पहले बठिंडा में वर्करों की बैठक व बाद में तख्त श्री दमदमा साहिब में आयोजित धार्मिक समागम में अपने वर्करों को सीधे तौर पर हिदायत दी कि वह किसानों को सहयोग करने के साथ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर गतिविधियों में हिस्सा ले। इस दौरान अकाली दल कुछ करता है तो वह लोगों को दिखाई भी देना चाहिए। फिलहाल इस चिंता का एक बड़ा कारण यह भी है कि फरवरी में राज्य भर में निकाय चुनाव होने हैं व इन चुनावों में ग्रामीण व शहरी वोटर हार-जीत का फैसला बराबर करता है। शहरों में हिंदु बहुल वोट है तो ग्रामीण इलाकों में जाट वोट की अधिकता है। वर्तमान स्थिति में अकाली दल का भाजपा के साथ गठजोड़ नहीं है। वही भाजपा शहरी वोटरों को अपने खेमे में करने के लिए पूरा जोर लगा रही है व कई स्थानों में वह उन्हें अपने पक्ष में करने में सफल भी रही है। अब अकाली दल को वोट बैंक किसान व जाट माना जाता रहा है। इस स्थिति में अकाली दल के लिए चिंता करना लाजमी भी है कि किसान आंदोलन में जिस तरह से कांग्रेस व आप किसानों के समर्थन में प्रत्यक्ष तौर पर आए व उन्होंने अखबारों व मीडिया में समर्थन भी हासिल किया तो अकाली दल को अपने वोट बैंक में सेधमारी दिखाई देने लगी है।  

तिथि घोषित होने का सभी को इंतजार  

फिलहाल नगर निगम चुनाव में पहली बार कुछ चीजें अलग होती दिख रही हैं। शिअद व भाजपा गठबंधन से बाहर अलग-अलग चुनाव लड रहे हैं तथा पार्टियों वार्डों में सर्वे करवा टिकटें वितरण का दावा कर रहीं हैं, लेकिन पहली बार सामाजिक सेवा कार्य करते लोग एक बैनर तले इकट्?ठा होकर निगम चुनाव में उतर रहे हैं तथा बाकायदा शनिवार को बठिंडा सोशल ग्रुप ने शहर के 8 वार्डों में उम्मीदवारों को उतार दिया है तथा इससे राजनीतिक हलचल जरूर तेज होगी।

ग्रुप के अनुसार शहर के 50 वार्डों में ग्रुप उम्मीदवार उतारेगा तथा अधिकतर लोगों की बैकग्राउंड समाजसेवा की है तथा ग्रुप का मकसद शहर में साफ छवि के लोगों को सामने लाना है। हालांकि ग्रुप के पास राजनीतिक अनुभव नहीं है, लेकिन ग्रुप ने वार्ड नंबर 37 में कांग्रेस नेता इंदरजीत सिंह भाऊ को उतारकर सभी को चौका दिया है। अगले कुछ दिनों में ग्रुप बाकी रहते 42 उम्मीदवारों का एलान करेगा। पहले ही सत्तापक्ष में अंदरखाते वर्कर व नेताओं में नाराजगी के भाव के मध्य दावेदारों के बागी होने के खतरे के बीच एनजीओ का सदस्यों को उतारना राजनीतिक दलों की चिंता बढा सकता है।

बठिंडा सोशल ग्रुप का गठन कुछ माह पहले ही किया गया है। काफी बढी संख्या में एनजीओ चलाते व काम करते लोगों ने एक मंच पर आकर निगम चुनाव लडने का एलान किया, लेकिन सत्ता के दबाव में काफी लोग पीछे भी हटे, लेकिन बठिंडा सोशल ग्रुप ने शनिवार को पहले 8 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर इरादे साफ कर दिए हैं यानी की ग्रुप चुनाव लडने से कतई पीछे नहीं हटेगा तथा शहर के सभी 50 वार्डों में उम्मीदवार उतारे जाएंगे।

सत्तापक्ष में बैठी कांग्रेस के विरोध में राजनीतिक दल, बागी व अब ग्रुप के लोग मैदान में आ गए हैं। कांग्रेस के विपक्ष में खडा ग्रुप काफी बंटा हुआ नजर आ रहा है। शिअद व भाजपा अलग-अलग चुनाव मैदान में हैं, ऐसे में गठबंधन की ताकत कहीं न कहीं कमजोर हुई है। वोट बंटने से विपक्ष को नुकसान हो सकता है, लेकिन दूसरी तरफ सत्ता के बागी हो रहे लोग नाराज लोगों को उनके साथ ला सकते हैं। वहीं एनजीओ बैकग्राउंड के लोग भी कहीं न कहीं वोटों में सेंधमारी कर सकते हैं।


बठिडा में होने वाले नगर निगम के 50 वार्डों के चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 26 व शिअद ने 23 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस के 24 व शिअद के 27 उम्मीदवारों की घोषणा होनी अभी बाकी है। वहीं आम आदमी पार्टी, भाजपा व समाजसेवी संगठनों के ग्रुप बठिडा सोशल ग्रुप ने अभी तक किसी भी वार्ड से अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस व अकाली दल ने भले ही करीब आधे उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है लेकिन अभी तक मेयर पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 


आप ने 10 को उम्मीदवारों की घोषणा करने का किया है एलान

आम आदमी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी अभी तक 50 वार्डों में से एक के लिए भी अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं कर पाई है। आम आदमी पार्टी ने गत दिवस आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान 10 जनवरी को उम्मीदवारों की घोषणा करने का एलान किया था। भाजपा के जिला प्रधान विनोद कुमार बिटा का कहना है कि बहुत जल्द उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे।



पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह बोले- राज्यपाल के उच्च पद की मर्यादा को गिरा रही भाजपा



चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा कि पंजाब भाजपा के नेता संवैधानिक पद को बेवजह विवाद में खींचकर राज्यपाल के उच्च पद की मर्यादा को घटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा विरोधी सरकार में हैं वहां भाजपा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकारों को गिराने में तत्पर है। 

पंजाब में भाजपा विरोधी घटनाओं के पीछे कांग्रेस तो हरियाणा व उत्तर प्रदेश में जिम्मेदार कौन

प्रदेश भाजपा द्वारा कैप्‍टन पर पंजाब को एक और पश्चिम बंगाल बनाने के लगाए गए आरोप पर

कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि भाजपा सत्ता की भूखी है और अपने संकुचित हितों के लिए राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग कर रही है। ऐसा ही पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र में हुआ और अब पंजाब में करने की कोशिश की जा रही है। कैप्टन ने कहा कि यह निंदनीय है।

उन्‍होंने कहा कि भाजपा ऐसे राज्यों में सत्ता में आने के लिए हथकंडे अपना रही है जहां वह सत्ता में नहीं हैं। उन्होंने भाजपा पर योजनाबद्ध ढंग से लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को कुचलने के आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी कोशिश उस पार्टी को शोभा नहीं देती जो केंद्र में सत्ता में हो और इन संस्थाओं की संरक्षक हो।

कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि संवैधानिक परंपराओं के अनुसार राज्यपाल राज्य का संरक्षक होता है और सभी प्रशासकीय अधिकार मुख्यमंत्री के पास होते हैं, परंतु लगता है कि भाजपा इस तथ्य से अनजान है। क्या भाजपा नेता नहीं जानते कि पंजाब में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के साथ ही गृह मंत्री होने के नाते उनकी (कैप्टन) की है। भाजपा नेता संवैधानिक मामले पर अपना मुंह खोलने से पहले भारतीय संविधान की एबीसी पढ़ लिया करें।

कैप्टन ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों हरियाणा व उत्तर प्रदेश में भी भाजपा नेताओं को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा रहा है। कैप्टन ने कहा कि आरोप लगाए जा रहे हैं कि पंजाब में किसानों के गुस्से को भड़काने की घटनाएं सत्ताधारी कांग्रेस के इशारे पर हो रही हैं तो क्या हरियाणा व उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा को वहां घटी घटनाओं के लिए जिम्मेदारी ठहराना चाहिए।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिं‍ह ने कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लेकर बिट्टू के घर के घेराव को हास्यापद बताया। उन्‍होंने कहा कि भाजपा की यह मांग बेतुकी है क्योंकि दिल्ली पुलिस पहले ही बिट्टू के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है।

वेरीफिकेशन:5 दिन पहले रखे नौकर ने दो दोस्तों की मदद से अलमारी तोड़ 14 तोले सोना, 6 लाख चुराए


 

लुधियाना। बीआरएस नगर इलाके में एक हाेजरी कारोबारी के घर से पांच दिन पहले बिना वेरीफिकेशन रखे नौकर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर लाखों की नकदी व ज्वैलरी पर हाथ साफ कर दिया। परिवार के लोग वापस घर लौटे तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। थाना सराभा नगर की पुलिस ने घर व इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को जुटाया है। जांच अफसर एएसआई सुलखन सिंह ने बताया कि कारोबारी सुरेश राणा ने बयान में बताया कि एक हफ्ता पहले उनके मोहल्ले में 25 साल से माली का काम करने वाले ललित कुमार को उन्होंने घरेलू काम के लिए नौकर रखने को कहा था।

जिसने एक 13-14 साल के लड़के को भेज दिया और कहा कि वो इसका काम देख लें। दो दिन उससे काम करवाने के बाद उन्हें काम पसंद नहीं आया। लिहाजा, परिवार ने उक्त नौकर से ही कहा कि वो उसे कोई और नौकर दें, उन्हें उसका काम पसंद नहीं आया। जिसपर उसने कहा कि उसका एक बड़ा भाई राहुल है, वो उसे लेकर आएगा। अगले दिन वो उसे ले आया, जोकि काम करने लगा।

1 जनवरी को सुरेश अपनी फैक्टरी चले गए, उनकी पत्नी दिल्ली किसी रिश्तेदार के पास गई थी और बेटा-बेटी गाड़ी लेकर घूमने चले गए। इस दौरान आरोपी राहुल अकेला था। शाम को करीब 7 बजे सुरेश घर आए और गाड़ी का हार्न देने लगे, लेकिन कोई अंदर से बाहर नहीं आया। लिहाजा जब वो खुद अंदर गए तो घर में कोई नहीं था, लाॅक खुले थे और गैस चल रही थी। जब वो कमरे में गए तो देखा कि कपड़ों की अलमारी के बीच में फिट किया लोहे का सेफ(तिजोरी) ही गायब था। उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। जिसके बाद फाॅरेंसिक टीम और थाने की पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

सीसीटीवी में दिखे तीन चोर -पुलिस ने जब घर के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो उसमें आरोपी अलमारी में फिट सेफ निकालने के बाद उसे कंधे पर रखकर बाहर की तरफ जाता हुआ नजर आया है। इसके अलावा उसके साथ दो और साथी थे। घर से करीब 200 गज दूर तक वो पैदल ही जाते हुए नजर आए। इसके बाद वो किसी वाहन पर बैठकर निकल जाते है।

पहले भाई को रेकी के लिए भेजा, फिर की वारदात
साजिश के तहत 10 दिन पहले आरोपी राहुल माली ललित को पास की एक चाय की दुकान पर मिला था, जहां उसने कहा था कि उसे किसी काम पर रखवा दे, क्योंकि लाॅक डाउन में उनका काम छूट गया था। उसे या उसके भाई दोनों में किसी एक को रखवा दे। लिहाजा कारोबारी के कहने पर सबसे पहले ललित के दिमाग में आरोपी की बात आई, जिसके बाद उसके भाई को काम पर रखवा दिया। प्लानिंग के तहत भाई ने दो दिन में पूरे घर का माहौल समझाया और फिर आरोपी को बताया। जिसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दे दिया।

लोग नहीं करवा रहे वेरीफिकेशन
सीपी राकेश अग्रवाल द्वारा कुछ दिन पहले भी नौकरों की वेरीफिकेशन के संबंध में धारा 144 के आॅर्डर जारी किए थे। लेकिन, बावजूद इसके लोग वेरीफिकेशन नहीं करवा रहे। उक्त मामले में भी नौकर की वेरीफिकेशन नहीं हुई थी, जिसकी वजह से उन्हें पकड़ने में परेशानी होगी।

चोरी के ये प्रमुख मामले अभी भी अनसुलझे

दुगरी में कारोबारी के घर से 16 तोले सोना और 4 लाख चोरी का मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। मोती नगर में फैक्ट्री मालिक के घर से 60 तोले सोना और 2 लाख कैश चोरी के मामले में हाथ नहीं लगी महिला चोर। सात महीने पहले सराभा नगर में होजरी कारोबारी के घर से 55 तोले सोना और 3 लाख कैश चुराया था। आरोपी नेपाल पहुंचे लेक॑न पकड़ से बाहर। गुरदेव नगर में डेढ़ साल पहले कारोबारी के परिवार को बेहोश कर नौकर ने 100 तोले सोना और 9 लाख कैश चुराया था। अब तक आरोपियों की लोकेशन का पता नहीं चल पाया।


Sunday, January 3, 2021

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ गुस्सा:भाजपा वर्कर्स की बैठक लेने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा को मोगा में दिखाए काले झंडे, संगरूर में बैरिकेड तोड़े



मोगा/संगरूर। कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ किसान संगठनों और विरोधी राजनैतिक दलों का प्रदर्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा। रविवार को पंजाब के दो बड़े शहरों मोगा और संगरूर में किसान भाजपा नेताओं को घेरने के लिए पहुंच गए। हालांकि मोगा में हल्का हो-हल्ला हुआ, लेकिन संगरूर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। यहां प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को भी तोड़ दिया है। यह अलग बात है कि पुलिस ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की। दूसरी ओर भाजपा के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इसके पीछे कांग्रेस की साजिश को जिम्मेदार बताया है।

दरअसल, रविवार को अश्वनी शर्मा संगरूर में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे थे। हालांकि शर्मा के पहुंचने से पहले ही पुलिस ने जिला प्रधान के आवास की तरफ जाते मुख्य रास्ते को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया और GGS स्कूल के पास काफी फोर्स तैनात कर दी, लेकिन ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर पहुंचे किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़ फेंके। इस बीच पुलिस बल और किसानों के बीच हल्की सी धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन पुलिस ने किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया।

मोगा में भाजपा के जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर के बाहर पार्टी विरोधी नारे लगाते किसान।
मोगा में भाजपा के जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर के बाहर पार्टी विरोधी नारे लगाते किसान।

दूसरी ओर इससे पहले मोगा में भी पंजाब भाजपा अध्यक्ष को विरोध का सामना करना पड़ा। सुबह लगभग पौने 11 बजे उस वक्त अश्वनी शर्मा पार्टी के जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर पहुंचे, जब किसान वहां धरना शुरू कर रहे थे। अश्वनी शर्मा के तेवर को देखते हुए विनय शर्मा के घर को जाने वाले उस रास्ते को पुलिस ने खोल दिया, जो 90 दिन से रोज सुबह 11 बजे के बाद बंद कर देती थी। धरना दे रहे किसानों को लोहे की बाड़ लगाकर उन्हें एक दायरे में सीमित कर दिया, वहां से ही वो भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाकर नारेबाजी करते रहे। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। कुछ समय बाद प्रदर्शनकारी भी लौट गए।

भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस की साजिश: शर्मा

इन दोनों घटनाओं को लेकर अश्वनी शर्मा ने कहा है कि किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस जो साजिश का खेल कर रही है, भाजपा अब उसे और बर्दाश्त नहीं करेगी। वह पंजाब में भविष्य की भाजपा का संकेत भी दे गए। एक सवाल के जबाव में अश्वनी शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान पारिवारिक परिस्थितियों के चलते 92 भाजपा नेता पार्टी से अलग हो गए हैं। हालांकि वो किसी दूसरे दल में शामिल नहीं हुए हैं। साथ ही सूबे में 3200 सेवानिवृत्त IAS, IPS जज भाजपा से जुड़े भी हैं।

हैवानियत की हदें पार:6 साल की बच्ची को चीज दिलाने के बहाने ले गया पड़ोसी युवक, रेप के बाद की गला घोंटकर हत्या, गन्ने के खेत में मिला शव

 


  • जालंधर जिले के होशियारपुर रोड पर स्थित गांव हजारा का है मामला, पड़ोस के 25 वर्षीय संतोष पर है आरोप

जालंधर में रविवार को 6 साल की एक बच्ची के साथ रेप करने और उसके बाद उसकी हत्या कर दिए जाने की घटना सामने आई है। बच्ची का शव खेत से मिला है, जिसकी गला घोंटकर जान ली गई है। पता चला है कि बच्ची को पड़ोस का ही एक युवक चीज दिलाने के बहाने लेकर गया था। मृतक बच्ची के माता-पिता के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज किया है, जो अभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है।

मामला जालंधर जिले के होशियारपुर रोड पर स्थित गांव हजारा का है। यहां खेत में एक बच्ची का शव मिलने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे DSP आदमपुर हरेंद्र सिंह मान और SHO पतारा रछपाल सिंह सिद्धू ने बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाते हुए आगे की जांच-पड़ताल शुरू की। प्राथमिक जांच के मुताबिक 6 साल की इस बच्ची के साथ की रेप के बाद हत्या की गई है।

पुलिस को दी शिकायत में प्रवासी मजदूर ने बताया कि बच्ची शनिवार देर शाम को अचानक लापता हो गई थी। तलाशने की कोशिशों के बीच आज रामा मंडी के निकट गांव जौहल-बोलीना में गन्ने के खेत में वह मृत पड़ी मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोस में रहने वाला करीब 25 वर्षीय संतोष उसकी 6 साल की बच्ची को चीज दिलाने का लालच देकर ले गया था। बाद में बच्ची के साथ रेप किया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

पुलिस के मुताबिक बच्ची के माता-पिता ने शिकायत में कहा है कि पड़ोस में रहने वाला संतोष उसकी 6 साल की बच्ची को चीज दिलाने का लालच देकर ले गया था। बाद में बच्ची के साथ रेप किया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

DSP हरेंद्र सिंह मान का कहना है कि गन्ने के खेत से मृत मिली बच्ची की पड़ोस के ही संतोष नामक युवक पर रेप के बाद हत्या का मामला सामने आया है। बच्ची के माता-पिता के बयान पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके उसकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस की अलग-अलग टीमें रेड कर रही हैं। साथ ही मृतक बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया है।

56.58 लाख लागत से तैयार नई मोर्चरी उद्घाटन से पहले ही होने लगी जर्जर, घटिया समाग्री लगाने से बैठने लगा फर्श

 


-दो माह पहले ही तैयार की गई थी इमारत, मंत्री का समय मिलने के इंतजार में नहीं हो रहा था उद्घाटन 

बठिंडा. सेहत विभाग की तरफ से 56.58 लाख रुपए खर्च कर सिविल अस्पताल में नई मोर्चरी को बने अभी दो माह का समय भी नहीं हुआ था कि इसकी इमारत जर्जर होना शुरू हो गई है। घटिया समाग्री का इस्तेमाल कर बनाई गई इमारत का फर्श नीचे बैठने लगा है लगी पत्थर भी टूटने लगा है। तीन करोड़ से अधिक की लागत से सिविल अस्पताल के नवीनीकरण की योजना एक साल पहले शुरू की गई ती व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने तीस साल से लंबित योजना को शुरू करवाया था। हालांकि अस्पताल में 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है लेकिन इमारतों को बनाने के लिए लगाया गया मेट्रियल घटिया लगाने की शिकायत लंबे समय से की जा रही थी। मामले मं तत्कालीन सिविल सर्जन व अधिकारियों ने शिकायतों को नजरअंदाज करके रखा जिसका खामियजा अब देखने को मिल रही है। इससे पहले करीब एक दशक पहले भी सिविल अस्पताल में नए वार्डों का निर्माण किया गयाथा जो घटिया समाग्री के कारण कुछ माह में खस्ता खालत में चले गए। इसमें वार्ड में लगी टाइले अब टूटकर गायब हो चुकी है तो छत्तों में रेता व बजरी गिरना शुरू हो गया था। यही स्थिति अब फिर से पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।

ठेकेदार की तरफ से नई मोर्चरी का निर्माण कर सेहत विभाग के अधिकारियों को हैंडओवर कर दी है, लेकिन विभाग के अधिकारी अभी इसे शुरू करवाने की योजना बना रहे थे कि इमारत का फर्श जिसमें पत्थर लगाया गया था लेबल सही नहीं होने व घटिया सामान के कारण टूटना शुरू हो गया है। फर्श डालने से पहले प्रयाप्त मात्रा में लेबल बनाने के लिए बजरी नहीं डाली गई जिससे जमीन नीचे की तरफ धसनी शुरू हो गई व लगाए फर्श के पत्थर डगमगाने लगे हैं व थोड़ा से दबाव पड़ते ही टूटने लगे हैं। फिलहाल अस्पताल के डाक्टर पुरानी मोर्चरी में लाशों को पोस्टमार्टम कर रहे है, जबकि इमारत पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है, जोकि कभी किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। शायद अस्पताल प्रबंधक उसी हादसे का इंतजार कर रहे है।वर्तमान में सिविल अस्पताल की पुरानी मोर्चरी को बने हुए तीस साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। मोर्चरी की इमारत की हालत पूरी तरह खस्ता हो चुकी है। लंबे समय से रिपेयर नहीं होने के कारण मोर्चरी अंदर से ही नहीं बल्कि बाहर से भी पूरी तरह से असुरक्षित है और दीवारें गिरने की कगार पर है और डाक्टरों को भी पोस्टमार्टम करने में परेशानी होती हैं। करीब तीन साल स्थानीय अधिकारियों ने पुरानी मोर्चरी को तोड़कर नई इमारत बन चुकी है। सेहत विभाग की ओर से करीब मार्चरी के लिए नए फ्रिजर भेजे दिए गए, जिनकी कीमत लाखों में है। परंतु मार्चरी की खस्ताहालत की ओर सेहत विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा।

फिलहाल सेहत विभाग के अधिकारी नई मर्चरी में तबदील होने के बारे में अभी सोच रहे थे कि इमारत में खस्ता साजों सामान को लेकर उठे विवाद के बाद योजना फिर से अधर में लटग गई है। सेहत विभाग नई बनी सभी इमारतों का उद्घाटन एक ही समय में करवाने को प्राथमिकता दे रहा है जिसके लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं जबकि पूरे अस्पताल का काम पूरा होने में अभी दो माह तक का समय लगेगा जिसके चलते नई मर्चरी में काम करने में समय लग सकता है।


बठिंडा में रविवार को महिला समेत दो कोरोना पाजिटिव मरीजों की मौत, तीन दिन में चार कोरोना मरीजों की मौत





बठिंडा। जनवरी माह में बेशक कोरोना पाजिटिव मरीज कम मिल रहे है, लेकिन कोरोना के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रहा है। पूर्व दो दिनों में लगातार दो मरीज कोरोना के कारण दम तोड़ चुके है, वहीं रविवार को भी एक साथ दो काेरोना पाजिटिव मरीजों की मौत हो गई। पूर्व तीन दिनों में चार कोरोना मरीजों की मौत होना सेहत विभाग के लिए चिंता का कारण है। वहीं रविवार को जिन कोरोना मरीजों की मौत हुई है। उनमें एक महिला की उत्र 75 साल है, तो दूसरे व्यक्ति की उम्र 70 साल है। 60 साल से अधिक उम्र वाले ही कोरोना के कारण मरीज दम तोड़ रहे है।


आदेश अस्पताल में दाखिल गिदड़बाहा निवासी कोरोना पाजिटिव 75 वर्षीय महिला की रविवार को मौत हो गई। वह गत 24 दिसंबर को कोरोना पाजिटिव हुई थी। इसके बाद अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, लेकिन 3 जनवरी को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इसी तरह मौड़ मंडी के गांव कोटली खुर्द के रहने वाले 70 वर्षीय व्यक्ति की भी कोरोना के कारण मौत हो गई। मृतक की गत 24 दिसंबर को कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद गुरू गोविंद सिंह मेडिकल कालेज फरीदकोट में दाखिल करवाया था, लेकिन 3 जनवरी को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर सहारा जन सेवा की लाइफ सेविंग ब्रिगेड टीम के सदस्य राजिंदर कुमार, गौतम गोयल, संदीप गिल ने परिजनों की उपस्थिति में दोनों मृतकों के शव का अंतिम संस्कार किया।

Bathinda-शहर में दो जगहों पर झपटमारों ने एक महिला से पर्स, तो एक युवती से मोबाइल फोन छीना





बठिंडा. शहर में झपटमार का कहर बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को शहर के विभिन्न दो जगहों पर झपटमारों ने एक महिला से पर्स, तो एक युवती से मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। दिनदिहाड़े हुई दोनों वारदातों के बाद शहरवासियों में खौफ है, जबकि पुलिस का दावा है कि उनके पास उक्त वारदातों के बारे में कोई जानकारी नहीं पहुंची, जबकि पीड़ित लोगों द्वारा उक्त वारदातों की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम पर दी है। पहली वारदात शहर के कीकर बाजार में हुई। मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात युवक एक महिला का पर्स झपटकर फरार हो गए। हालांकि, महिला व उसके परिजन झपटमार के पीछे भागे भी, लेकिन वह फरार होने में सफल रहे, जबकि बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरे में झपटमारों की फुटेज भी चेक की गई। इसी तरह दूसरी वारदात अजीत रोड की गली नंबर 17 में स्थित पार्क के पास हुई। सड़क किनारे खड़ी एक युवती अपने मोबाइल फोन पर बात कर रही थी। इस दौरान पीछे से मोटरसाइकिल पर सवार होकर आएं दो अज्ञात झपटमार युवती का मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। युवती ने शोर भी मचाया, लेकिन झपटमार भगाने में सफल रहे। जिसके बाद मामले की जानकारी एक राहगीर द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम में दी गई, लेकिन काफी देर तक पुलिस का कोई भी कर्मी मौके पर नहीं पहुंचाया था। 


Bathinda नगर निगम चुनाव- कांग्रेस पार्टी ने चुनावी मैदान में 10 और उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट जारी की


-सभी दलों को मात दे अब तक 36 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे

-सीनियर कांग्रेसी नेता और डायरेक्टर कोआपरेटिव बैंक टहल सिंह संधू की पत्नी मनजीत कौर को वार्ड नंबर एक से दी टिकट

बठिंडा . बठिंडा नगर निगम चुनाव के लिए बेशक अभी चुनाव आयोग ने किसी तरह की तिथि की घोषणा नहीं की है लेकिन इससे पहले कांग्रेस ने सभी दलों को मात देते चुनाव मैदान में अब तक 36 उम्मीदवारों को उतार दिया है। 50 वार्डों वाली नगर निगम में अब सिर्फ 14 वार्डों में कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा करनी है जबकि दूसरे नंबर पर अकाली दल चल रहा है जिसने अब तक 23 उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाजपा व आम आदमी पार्टी ने अभी तक कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है। मतदान के लिए कांग्रेस पार्टी ने वीरवार को अपने उम्मीदवारों की पाँचवी सूची जारी कर दी है। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ़्तर की तरफ से जारी की इस सूची अनुसार कांग्रेस पार्टी की तरफ से सीनियर कांग्रेसी नेता और डायरेक्टर कोआपरेटिव बैंक  बठिंडा स. टहल सिंह संधू की पत्नी मनजीत कौर संधू को वार्ड नं. 1 से चुनाव मैदान में उतारा है। वही वार्ड नं. 5 से सोनीं बांसल पत्नी सुनील बांसल, वार्ड नं. 11 से गुरिन्दर कौर पत्नी कंवलजीत सिंह भंगू,  वार्ड नं. 13 से दीपा शर्मा पत्नी अजय शर्मा,  वार्ड नं. 15 से मनजीत कौर पत्नी टहल सिंह बुट्टर, वार्ड नं. 18 से बिक्रम क्रांति,  वार्ड नं.27 से पूर्व काऊंसलर राज गोयल की पत्नी उषा गोयल, वार्ड नं. 45 से साधु सिंह की बहन और राम फूल की पत्नी राज रानी, वार्ड नं. 44 से इन्द्रजीत सिंह पुत्र जगजीत सिंह और वार्ड नं. 43 से पूर्व काऊंसलर प्रदीप गोयल(गोला) की पत्नी अनीता गोयल को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 



अब तक बठिंडा नगर निगम के 50 वार्डों में से कांग्रेस पार्टी 36 उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है। ज़िक्रयोग्य है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पिछले कई दिनों से शहर के अलग -अलग वार्डों में मीटिंगें कर रहे हैं और चुनाव के लिए कांग्रेसी उम्मीदवारों को लोगों की स्वीकृति मिल रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बाकी रहते वार्डों के उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के वर्करों में इन मतदान को ले कर भारी उत्साह पाया रहा है जिससे साफ़ है कि कांग्रेस पार्टी नगर निगम मतदान में शानदार जीत दर्ज करके बठिंडा में अपना मेयर बनाएगी।











फोटो - बठिंडा में विभिन्न वार्डों में उम्मीदवारों की घोषणा करने से पहले जनतक बैठकों को संबोधित करते मनप्रीत सिंह बादल। वही कांग्रेस की तरफ से घोषित किए गए उम्मीदवार। 


रखनी होगी सावधानी क्योंकि मौसम के बदलाव में स्वाइन फ्लू का संक्रमण बढ़ने की आशंका बढ़ी, सेहत विभाग ने भी किया सचेत



बठिडा : मौसम में हो रहे बदलाव के कारण स्वाइन फ्लू का संक्रमण बढ़ने की भी आशंका है। ऐसे में स्वाइन फ्लू व कोरोना का एक साथ संक्रमण हो सकता है। वैसे भी फ्लू व कोरोना के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं। डेंगू के साथ कोरोना के संक्रमण के कुछ मामले पहले ही आ चुके हैं। इसके मद्देनजर सेहत विभाग पंजाब ने लोगों को सचेत किया है कि कोरोना के साथ इन दिनों फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्क्रब टाइफस सहित कई तरह की बीमारियों का संक्रमण हो सकता है। लिहाजा, बचाव, जांच व इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है।

दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के साथ दूसरी बीमारियों के संक्रमण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जिन पर अमल कराने के लिए सेहत विभाग ने सभी अस्पतालों व जिला प्रशासन को कहा है। सर्दी के मौसम में फ्लू का संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। अस्पतालों में फ्लू के मामले आ भी रहे हैं। फ्लू से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है। इसलिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों व जोखिम वाले लोगों को फ्लू का टीका लगवाने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा बुजुर्गो, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह, अस्थमा सहित पुरानी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी गई है। क्योंकि, फ्लू के साथ कोरोना का संक्रमण होने पर बीमारी गंभीर हो सकती है। फ्लू का टीका हर साल लेना होता है।

ये दोनों ही घातक बीमारियां हैं जो तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं। खासकर, इस ठंड के मौसम में वायरस और एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग को एच1-एन1 वायरस के अटैक का अंदेशा है। सेहत विभाग को अब कोरोना और डेंगू महामारी के साथ-साथ स्वाइन फ्लू को लेकर भी विभाग सतर्क हो गया है। विभाग की तरफ से इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए टीमों का गठन किया गया है। कोरोना और स्वाइन फ्लू के एक तरह से लक्षण हैं, इसलिए विभाग की तरफ से दोनों महामारी की जांच को लेकर सैंपलिग से लेकर जांच आदि का प्रबंध किया गया हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षणों को लेकर लैब में अलग से रिपोर्ट बनाई जाती है।

खांसी, जुकाम, गले में दर्द के मरीज बढे़

एमडी मेडिसिन डा. हरिदर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू दोनों ही फ्लू की बीमारी से संबंधित है इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसलिए कोरोना मरीजों में एच1-एन1 वायरस भी फैल सकता है। पर, अच्छी बात यह कि स्वाइन फ्लू से बचाव की दवा उपलब्ध है। अभी कोरोना से बचाव की वैक्सीन का इंतजार है। दोनों ही संक्रमण से बचाने में मास्क, भीड़ एवं संक्रमित से दूरी और हाथों को धोते रहना बचा सकता है। अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों करीब 700 से अधिक मरीज इलाज व चेकअप करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें से 30 प्रतिशत लोग खांसी, बुखार, जुकाम, गले में दर्द व चमड़ी के रोग से ग्रस्त हैं। इससे यह साबित होता है कि बढ़ती ठंड ने लोगों की समस्या को भी बढ़ा दिया है। यह हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

सर्दी-खांसी, बुखार, नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, थकान, पेटदर्द, कभी-कभी दस्त उल्टी आना। कोरोना महामारी से जारी लड़ाई में स्वाइन फ्लू को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। कोरोना ग्रस्त गंभीर मरीजों को स्वाइन फ्लू टेस्ट भी करवाना चाहिए। आमजन से अपील है कि जिस तरह कोरोना से बचाव के उपाय अपना रहे हैं, वहीं सबकुछ स्वाइन फ्लू से बचाएगा। इसलिए सतर्क रहें। भीड़ वाले इलाकों में न जाएं लोग

विभाग पूरी तरह से सतर्क है : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन तेजवंत सिंह ढिल्लों ने बताया कि कोरोना महामारी के साथ-साथ स्वाइन फ्लू को लेकर विभाग पूरी तरह से सतर्क है। कोरोना और स्वाइन फ्लू के एक जैसे लक्षण हैं, इसलिए विभाग पहले से ही महामारी को लेकर सतर्क है। आइसोलेशन वार्ड अस्पताल में बनाया गया है। मास्क लगाने और हाथों की अच्छी तरह से सफाई रखने, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचने को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।


नौ माह से बंद हं बीकानेर की ट्रेन, बठिडा में कैंसर मरीजों की दोगुना हुई ओपीडी


 

बठिडा : कोरोना वायरस के कारण मार्च महीने में लगाए गए लाकडाउन के बाद देश के कैंसर अस्पतालों में चेकअप करवाने के लिए जाने वाले बठिडा के मरीज अब एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट में अपना चेकअप करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसका सबसे मुख्य कारण है कि लाकडाउन के बाद से अभी तक बठिडा से बीकानेर के लिए कैंसर ट्रेन के नाम से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन भी बंद है।

यह ट्रेन रात को बठिडा से बीकानेर के लिए रवाना होती थी। इस ट्रेन में तीस फीसद के करीब तो अकेले कैंसर मरीज ही सफर करते थे, जो बीकानेर के आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर में ओपीडी व चेकअप के लिए जाते थे। मगर अब ट्रेन न चल पाने के कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है। जिसके चलते अब लोग बठिडा के अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। हालात तो यह हैं कि बठिडा के अस्पताल में बठिडा, मानसा, मुक्तसर, फिरोजपुर, फरीदकोट, फाजिल्का, संगरूर, बरनाला आदि जिलों के अलावा हरियाणा से भी कैंसर के मरीज दवा लेने के लिए आते हैं। अगर कैंसर अस्पताल के आंकड़ों की बात की जाए तो यहां पर 2020 में अभी तक 30 हजार के करीब मरीजों ने अपना इलाज करवाया है। जबकि इससे पहले 2018 में 15 हजार तो 2019 में 18 हजार मरीजों की ओपीडी हुई थी। वहीं रेडियालाजी की बात की जाए तो 2020 में यहां पर 12 हजार के करीब लोगों का इलाज किया गया है। इससे पहले 2018 में मात्र 506 व 2019 में मात्र 481 लोगों की रेडियोलाजी हुई थी। इसके अलावा अस्पताल में 2020 में 9600 लोगों की कीमोथेरेपी व 750 लोगों की सर्जरी हुई है।

200 मरीजों की रोजाना हो रही है ओपीडी

बठिडा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट में इस समय 200 मरीजों की रोजाना ओपीडी हो रही है। हालांकि पहले भी यहां पर इतने मरीजों की ही ओपीडी थी, मगर अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस समय सिर्फ उन्हीं मरीजों को यहां पर बुलाया जा रहा है, जिनको ज्यादा जरूरत है। जबकि जिन मरीजों की इतनी जरूरत नहीं है, उनको एक महीने की एडवांस में दवाई दे दी गई है। इसके अलावा अस्पताल में इस समय 35 से 40 मरीजों की ओपीडी भी हो रही है। जहां पर 11 डाक्टर इस समय मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वहीं 35 के करीब ऐसे मरीज चेकअप करवाने के लिए आ रहे हैं, जिनको सुबह के समय अस्पताल में दाखिल किया जाता है और शाम के समय छुट्टी दे दी जाती है। इन मरीजों की अस्पताल प्रबंधन की ओर से रेडियोथेरेपी की जा रही है। दूसरी तरफ हरियाणा से आने वाले मरीजों की भी फाइल को अस्पताल प्रबंधन की ओर से हरियाणा सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को लेकर तैयार किया जा रहा है।

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मरीजों को नहीं आने दी जाएगी कोई परेशानी- डा. दीपक अरोड़ा

बठिडा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट के डायरेक्टर डा. दीपक अरोड़ा ने बताया कि अस्पताल में 200 मरीजों की ओपीडी रोजाना हो रही है। जबकि यहां पर उन मरीजों को ही बुलाया जा रहा है, जिनको दवाओं की ज्यादा जरूरत है। बाकी के मरीजों को एक महीने की दवा एडवांस में दे दी गई है। अस्पताल में इस समय 35 के करीब मरीजों को रोजाना दाखिल किया जा रहा है। मगर ओपीडी 200 रहने का कारण ही यही है कि अन्य शहरों में इलाज करवाने वाले मरीज अब बठिडा में आ रहे हैं। यहां पर उनको इलाज से संबंधित हर प्रकार की दवा भी मिल रही है। जिसके लिए उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है।


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