चंडीगढ़। कृषि सुधार कानूनों को लेकर पंजाब में भाजपा नेताओं पर हो रहे हमले और विरोध को देखते हुए पंजाब पुलिस ने भाजपा व आरएसएस नेताओं की सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला किया है। इस संबंध में डीजीपी दिनकर गुप्ता की अगुआई में बैठक हो चुकी है। संभव है कि आज या कल भाजपा व आरएसएस नेताओं की सुरक्षा को बढ़ा दिया जाए। पंजाब पुलिस ने यह फैसला तब लिया, जब पहली जनवरी को भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद के होशियारपुर स्थित घर पर कुछ विरोधियों ने गोबर फेंक दिया था। वहीं, भाजपा लगातार राज्य में कानून व्यवस्था बिगडऩे को लेकर आरोप लगा रही है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में 1600 से ज्यादा मोबाइल टावरों के कनेक्शन काटने व उन्हें क्षति पहुंचाने की घटनाओं के दौरान राज्य में भाजपा नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले अक्टूबर में भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा की कार पर टांडा के पास टोल प्लाजा पर हमला कर दिया गया था। भाजपा नेताओं पर हो रहे हमले के बीच में भाजपा के शिष्टमंडल ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को एक मांगपत्र भी दिया था। इसके उपरांत राज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन और डीजीपी दिनकर गुप्ता को तलब किया था।
बता दें, रविवार को भी भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा की संगरूर यात्रा के दौरान किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है। भारतीय जनता पार्टी लगातार राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रही है। वर्तमान हालातों को देखते हुए पंजाब पुलिस ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस क्रम में प्रदेश प्रधान की भी सुरक्षा को बढ़ाया जाएगा।
हालांकि, अश्वनी शर्मा को पहले ही केंद्र सरकार की तरफ से वाई सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। इसी क्रम में पंजाब पुलिस ने आरएसएस के नेताओं को भी सुरक्षा देने का फैसला किया है। पूर्व में भी आरएसएस नेताओं की हत्या की गई थी, जिसमें लुधियाना में आरएसएस के नेता रवींद्र गोसाईं और जालंधर में पंजाब के प्रमुख जगदीश गगनेजा की टारगेट किङ्क्षलग की गई थी। पंजाब पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि भाजपा व आरएसएस नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर फैसला लिया जा चुका है। एक-दो दिनों में ही उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी।
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