Monday, January 4, 2021

सर्दियों में सैर बुजुर्ग व बीमार लोगों पर पड़ रही भारी, सेहत माहिरों ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने की दी सलाह



-विभिन्न शमशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए आने वाले मृतकों में 60 साल से ऊपर की उम्र के लोग ज्यादा

बठिंडा. जिले में पहली बार ठंड ने सात दशक के ठंड का रिकार्ड दिसंबर माह के अंत व जनवरी माह के शुरू में तोड़ा है। इस स्थिति में जरूरी हो गया है कि शरीर में अकड़न पैदा करने वाली इस ठंड में बीमार व बुजुर्ग लोग अपना ध्यान रखे व सुबह की सैर करने व एकाएक घरों से सुबह व सांय बार निकलने से गुरेज करे। सर्दियों का सबसे ज्यादा असर 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग लोगों पर पड़ रहा है। इसमें धमनियों में सुकड़न होने व एकाएक घरों से बाहर निकलते तापमान में विभिन्नता के कारण हार्ट एटैक पड़ने, ब्रेन हेमरेज होने या फिर शरीर के किसी हिस्से में धमनियों में रुकावट आने से मौत तक हो रही है। वर्तमान में विभिन्न अस्पतालों में 90 फीसदी मरीज दिल की गति रुकने या फिर ब्रेन हेमरेज के शिकार आ रहे हैं। वही कई लोगों की तो घरों में सोते हुए ही मौत हो रही है। इसकी पुष्टी शहर के विभिन्न शमशान घाटों में पिछले 20 दिनों से पहुंच रहे मृतकों की तादाद बढ़ी है व इसमें अधिकतर लोग 60 साल से ऊपर के हैं। श्री सनातन धर्म की तरफ से संचालित रामबागों में नवंबर माह से पहले जहां प्रतिदिन दो से चार लोगों का संस्कार किया जा रहा था वही इन दिनों यह औसत 15 से 20 व्यक्ति तक पहुंच गया है।

फिलहाल डाक्टरों की मानने तो जिस तरह सर्दी पड़ रही है, वह सेहत के लिए बेहद खतरनाक भी है। तापमान कम होने पर दिल के रोग की आशंका बढ़ जाती है, खासतौर पर बुजुर्गो व मधुमेह के मरीजों के लिए। इसके अलावा अस्थमा मरीजों के लिए भी सर्दी खतरनाक साबित हो सकती है। डाक्टरों के मुताबिक ठंढ के कारण फेफड़े में परेशानी होने से सांस के मरीजों को अस्थमा का अटैक बढ़ जाता है। डाक्टरों के मुताबिक ठिठुरन वाली ठंड पड़ रही है। इसके अलावा शीतलहर और कोहरे के कारण सूरज की रोशनी देर से दिखाई रही है। ठंड के चक्कर में लोग पानी कम पीते हैं, लेकिन सैर करने वाले लोगों को पानी खूब पीना चाहिए। इसके अलावा शरीर को फिट रखने के लिए लहसून खाएं, ब्लैक काफी पीएं। कोहरे के समय सैर करना चाहिए। इस दौरान ओस के बूंदों से आक्सीजन मिलती है।

 

सिविल अस्पताल के एमडी मेडिसन डा. हरविंदर सिंह के मुताबिक लोग सर्दियों में खाना ज्यादा खाते हैं। जिसमें वसा युक्त चीजें अधिक होती है। इससे खून में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और विटामिन-डी की कमी होती है। सर्दियों में खाना अधिक खाने व पसीना नहीं आने से नमक अंदर रह जाने से शरीर में साल्ट भी अधिक बनता है। इसलिए खाने-पीने में मीठा, अत्याधिक वसा युक्त चीजों व वाइन से परहेज करना चाहिए। सैर करने के अलावा पानी खूब पीएं।

आयुवैद्विक डा.रशिमी का कहना है कि इस समय सर्द हवा चल रही है और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। चौबीसों घंटे लोग ठिठुरने पर मजबूर हैं। ऐसे में सुबह की सैर करते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है, चूकिं हर मौसम में कसरत और सैर करने का नियम बदल जाता है। ऐसे मौसम में सैर करने में सावधानी बरतनी चाहिए। वहीं कोहरे में घर से निकलने से बचना चाहिए।

होम्योपैथिक डा. केसी बाघा का कहना है कि सर्दी में सुबह की सैर अच्छी होती है, लेकिन कुछ सावधानियों की भी जरूरत है। सैर पर निकलने से पहले अपने शरीर को कपड़े से अच्छी तरह से ढक ले। सिर लेकर पैरों तक गर्म कपड़े पहनकर ही ठंड में सैर के लिए निकले और अपने इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत रखे और विटामिन बी व सी की कमी ना होने दे। नहीं इसका असर हड्डियों पर पड़ेगा।

रोजगार्डन के लाफटिंग ग्रुप के सदस्य रमेश्वर कालिया के मुताबिक सैर के लिए जाते समय जूते पहनें, ना कि चप्पल। इससे किसी प्रकार की मोच या असंतुलन की स्थिति नहीं बनेगी। पहने गए जूते आरामदायक हों ताकि चलते समय तकलीफ न हो। सैर शुरू करते समय और समाप्त करते समय हमेशा चलने की गति धीमी रखें। इसके साथ ही सुबह की सैर के पश्चात संतुलित आहार की ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

रोजगार्डन मार्निग क्लब के प्रधान देसराज के मुताबिक सैर करने के लिए शांत वातावरण वाली जगह को चुनें जहां चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य हो। इसके लिए कोई बाग या बगीचा चुन सकते हैं या फिर किसी हरियाली वाली सड़क पर निकलकर सैर कर सकते हैं। ऐसे स्थान आपके तनाव को कम करते हैं। टहलते समय हल्की गहरी सांस लेने की आदत डालें और मन में शुद्ध विचार लाएं। इससे आप स्वच्छ और शुद्ध ऑक्सीजन अपने शरीर में लेंगे और सकारात्मकता महसूस करेंगे। यह दोनों ही चीजें आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।

संदीप सिंह का कहना शरीर का तापमान सामान्य रखने हेतु शरीर को अतिरिक्त पानी चाहिए।अत सैर पर जाने से पहले और पश्चात एक गिलास पानी अवश्य पीएं। इससे तापमान सामान्य रहेगा और आप बीमार नहीं पड़ेंगे। टहलते समय अपने हाथों को नीचे की ओर रखें और हाथ हिलाते हुए चलें। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होगा और स्फूर्ति बनी रहेगी। टहलते समय किसी प्रकार का मानसिक तनाव न रखें।यदिआप हृदय रोग, रक्तचाप या कोई अन्य गंभीर समस्या से पीड़ित हैं, तो टहलना प्रारंभ करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

फोटो सहित-6-बठिंडा में पड़ रही ठंड के कारण आवागमन करने वाले लोगों को दिक्कत हो रही है।


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