चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा कि पंजाब भाजपा के नेता संवैधानिक पद को बेवजह विवाद में खींचकर राज्यपाल के उच्च पद की मर्यादा को घटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा विरोधी सरकार में हैं वहां भाजपा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकारों को गिराने में तत्पर है।
पंजाब में भाजपा विरोधी घटनाओं के पीछे कांग्रेस तो हरियाणा व उत्तर प्रदेश में जिम्मेदार कौन
प्रदेश भाजपा द्वारा कैप्टन पर पंजाब को एक और पश्चिम बंगाल बनाने के लगाए गए आरोप पर
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि भाजपा सत्ता की भूखी है और अपने संकुचित हितों के लिए राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग कर रही है। ऐसा ही पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र में हुआ और अब पंजाब में करने की कोशिश की जा रही है। कैप्टन ने कहा कि यह निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसे राज्यों में सत्ता में आने के लिए हथकंडे अपना रही है जहां वह सत्ता में नहीं हैं। उन्होंने भाजपा पर योजनाबद्ध ढंग से लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को कुचलने के आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी कोशिश उस पार्टी को शोभा नहीं देती जो केंद्र में सत्ता में हो और इन संस्थाओं की संरक्षक हो।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि संवैधानिक परंपराओं के अनुसार राज्यपाल राज्य का संरक्षक होता है और सभी प्रशासकीय अधिकार मुख्यमंत्री के पास होते हैं, परंतु लगता है कि भाजपा इस तथ्य से अनजान है। क्या भाजपा नेता नहीं जानते कि पंजाब में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के साथ ही गृह मंत्री होने के नाते उनकी (कैप्टन) की है। भाजपा नेता संवैधानिक मामले पर अपना मुंह खोलने से पहले भारतीय संविधान की एबीसी पढ़ लिया करें।
कैप्टन ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों हरियाणा व उत्तर प्रदेश में भी भाजपा नेताओं को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा रहा है। कैप्टन ने कहा कि आरोप लगाए जा रहे हैं कि पंजाब में किसानों के गुस्से को भड़काने की घटनाएं सत्ताधारी कांग्रेस के इशारे पर हो रही हैं तो क्या हरियाणा व उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा को वहां घटी घटनाओं के लिए जिम्मेदारी ठहराना चाहिए।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लेकर बिट्टू के घर के घेराव को हास्यापद बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह मांग बेतुकी है क्योंकि दिल्ली पुलिस पहले ही बिट्टू के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है।
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