आने वाले दिनों में बठिंडा के समूचे कालेज और
यूनिवर्सिटी अध्यापक वर्ग की तरफ से बड़े स्तर का रोष प्रदर्शन का प्रोगराम
बठिंडा, 15 दिसंबर
(जसप्रीत): पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के खोज और पसार विज्ञानी पिछले तीन
हफ़्तों से अपनी बुनियादी माँगों की पूर्ति के लिए लगातार हड़ताल और रोश मुजाहरे कर
रहे हैं, जिससे पंजाब प्रांत के किसानों को मुहैया करवाया जाता कृषि साहित्य,
भूमि
परख, बीज और खेती ज्ञान -विज्ञान के साथ-साथ पेशे के साथ जुड़े खोज,
पसार
और शिक्षा कार्य बुरी तरह प्रभावित होंगे और इसका सीधा प्रभाव कृषि अर्थचारे पर
पड़ेगा, जिस के लिए ज़िम्मेदार, सिर्फ़ पंजाब सरकार और इसका वित्त विभाग
ही होगा। यह बातें डा अवतार सिंह ने बताते हुए कहा कि पंजाब फेडरेशन आफ
यूनिवर्सिटी एंड कालजिज टीचर्ज आर्गेनाइजेशन के बुलावे पर पंजाब एग्रीकल्चरल
यूनिवर्सिटी टीचर्ज एसोसिएशन के बैनर तले बठिंडा स्थित क्षेत्रीय खोज केंद्र,
कृषि
विज्ञान केंद्र और फार्म सलाहकार सेवा केंद्र के समूह विज्ञानियों की तरफ से
मुकम्मल हड़ताल की जा रही है। यह प्रदर्शन और धरना पंजाब सरकार की तरफ से
यूनिवर्सिटी और कालेज अध्यापकों के लिए तनख़्वाह स्केल यूनिवर्सिटी ग्रांटस कमीशन
की तरफ से निर्धारित तनख़्वाह सकेल से डीलिंक कर, नये भरती हो रहे
विज्ञानियों के लिए सिर्फ़ प्राथमिक तनख़्वाह, नयी पैंशन सकीम
और नव -नियुक्त विज्ञानियों को पिछले एक साल से तनख़्वाह देने से की जा रही टाल
-मटोल के ख़िलाफ़ दिया जा रहा है। धरने को संबोधन करते प्रमुख विज्ञानी डा ए. ऐस.
संधू ने बताया कि यूजीसी की तरफ से दिया पे स्केल पड़ोसी राज्यों में 1.1.2016 से
लागू हो चुका है प्रंत पंजाब सरकार की तरफ से एक अलग तनख़्वाह स्केल, जो
कि राष्ट्र स्तर के सकेलों के मुकाबले बहुत ही कम है, लागू करने की
योजना दी गई है जो कि राज्य कि उच्च शिक्षा के लिए तबाही करने वाला फैसला है। यह
यूनिवर्सिटी और कालेज अध्यापक वर्ग के लिए आगे बढ़ने के बराबर मौकों के संवैधानिक
हक के ऊपर हमला है।
उन्होंने कहा कि अगले दिनों में पंजाब फेडरेशन
आफ यूनिवर्सिटी एंड कालजिज टीचर्ज आर्गेनाइजेशन के बैनर तले बठिंडा में पंजाब
एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी समेत बठिंडा के समूचे कालेज और यूनिवर्सिटी अध्यापक वर्ग
की तरफ से बड़े स्तर का रोष प्रदर्शन का प्रोगराम बनाया जायेगा। इस मौके बठिंडा कैंपस के विज्ञानी डा.
गुरमीत सिंह ढिल्लों, डा.
सुदीप सिंह, डा.रुपेश अरोड़ा और डा विनय की तरफ से धारावाहिक
भूख हड़ताल की गई। धरने को डा गुरजिन्दर सिंह रोमाना, डा करमजीत सिंह
सेखों, डा. गोमती ग्रोवर, डा प्रितपाल सिंह, डा
सर्वपिया सिंह और डा.चेतक बिशनोयी ने संबोधन किया।