बठिंडा . बठिंडा शहर के भागू रोड पर स्थित एक कान्वेंट स्कूल में बेरिकेटिंग के चलते आम लोगों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। पिछले तीन दशक से स्कूल लगने व बच्चों की छुट्टी होने के समय मुख्य सड़क के दोनों तरफ का रास्ता बंद कर दिया जाता है। वही बच्चों को स्कूल से लेकर आने व छोड़ने वाले अभिभावकों व स्कूल बसों के कारण सैकड़ों वाहन सड़क पर खड़े कर दिए जाते हैं जिससे घंटो ट्रैफिक जाम रहता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाए बैरिकेट के कारण लगने वाली वाहनों की लंबी कतार व जाम बड़े हादसों का कारण बन सकते हैं। इस दौरान स्कूली बच्चे जाम ट्रैफिक में खुद को सुरक्षित करने के लिए भाग दौड़ करते आसानी से देखे जा सकते हैं।
इस संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव गोयल की तरफ से पंजाब पुलिस को सूचना अधिकार कानून के तहत उक्त बेरिकेटिंग के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। इसमें पूछा गया था कि आखिर किसके आदेश पर पब्लिक सड़क को प्रतिदिन घंटो बंद रखा जाता है। इस मामले में पहले तो सूचना देने में आनाकानी की गई लेकिन जब मामला राज्य सूचना आयोग के पास पहुंचा तो पुलिस विभाग ने उक्त सूचना के लिए प्राइवेट कान्वेंट स्कूल को पत्र जारी कर दिया। नियमानुसार प्राइवेट संस्थान किसी तरह की सूचना देने के लिए पाबंद नहीं है लेकिन इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने जबाव में कहा कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल लगने व छुट्टी होने के समय सड़क के दोनों तरफ बेरिकेट लगाए जाते हैं।
इस बाबत जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें निर्देश हुए है व पिछले 30 साल से स्कूल उक्त बेरिगेटिक कर रहा है। जब इस बाबत लिखित आदेश की कापी मांगी गई तो वह स्कूल देने में असमर्थ रहा। फिलहाल आरटीआई एक्टिविस्ट गोयल ने सवाल किया है कि शहर में सड़कों के किनारे दर्जनों स्कूल है व किसी भी स्कूल में इस तरह की बेरिगेटिक कर रास्ता बंद नहीं किया जाता है। इस स्कूल के लिए प्रशासन व पुलिस विभाग ने विशेष छूट क्यों प्रदान की है। वही बेरिगेटिग के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिशचित नहीं हो रही है क्योंकि रास्ता बंद होने से स्कूली बच्चों के अभिभावक व स्कूल वैनों की लंबी कतारे लग जाती है व बच्चों को वैन तक पहुंचने के लिए भारी भरकम ट्रैफिक जाम से गुजरना पड़ता है जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा इन मासूम बच्चों के साथ हो सकता है।
यही नहीं उक्त रोड से सैनिक छावनी के वाहन भी निकलते हैं जिन्हें रास्ता बंद होने के कारण घटों जाम में खड़ा रहना पड़ता है। इस संबंध में स्कूल के प्रिंसिपल की तरफ से जारी पत्र में भी साफ-साफ लिखा है कि स्कूल की तरफ से स्कूल खुलने और बंद होने के समय बेरिकेटिंग की जाती है। जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश अनुसार और ये सब पिछले 30 वर्षों से चल रहा है। पत्र में ये भी लिखा है कि बैरिकेटिंग स्कूल के ही चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों द्वारा की जाती है। आज तक जिला प्रशासन और प्राइवेट नामी स्कूल प्रशासन बेरिकेटिंग करने और ट्रैफिक को डाइवर्ट करने सम्बन्धी कोई पत्र या मंजूरी जो जिला प्रशासन की तरफ से दी गयी हो उसको पेश नहीं कर सका है।
वही संजीव गोयल ने प्रशासन व पुलिस विभाग से मांग रखी है कि स्कूल की तरफ से की जा रही बेरिकेटिंग को तुरंत बंद करवाया जाये और ट्रैफिक को भी बिना डाइवर्ट किए निर्वघ्न चलने दिया जाये ताकि उस सड़क से आने-जाने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो।
फोटो -बठिंडा में भागू रोड स्थित कान्वेंट स्कूल में बेरिकेट लगा बंद की गई सड़क व बेरिगेट के कारण जाम सड़क से गुजरते बच्चे।
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