प्रशासन ने कहा अधिकारी कर रहे हैं विभिन्न इलाकों का दौरा
बठिंडा। मौसम विभाग ने इस माह के अंत तक मानसून के आने की भविष्यवाणी कर दी है, वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन की मानसून से निपटने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी है। इससे इस बार की बरसात में लोगों को समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है। शहर में पानी निकासी के प्रबंधों को नाक चिढ़ाते गंदगी के ढेर हर गली मुहल्ले में देखे जा सकते हैं। नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि बरसात से निपटने के लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर रखी है। जिला प्रशासन ने पिछले सप्ताह बैठक कर जिले को विभिन्न सेंटरों में बांटकर अधिकारियों की जिम्मेवारी तय की है। इसमें सीवरेज की सफाई करवाने के साथ सीवरेज लाइन की मरम्मत करने का काम चल रहा है। दूसरी तरफ इन दावों का अवलोकन किया जाए तो शहर के पावर हाऊस रोड, वीर कालोनी, सिरकी बाजार, माल रोड, गणेशा बस्ती, गुरू नानकपुरा, परसराम नगर व अमरीक सिंह रोड ऐसे क्षेत्र हैं जहां रह रहे हजारों लोगों को पिछले तीन दशक से बरसाती पानी की मार झेलनी पड़ रही है, इन क्षेत्रों में निगम हर साल करोड़ों रुपया खर्च कर सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा जताता है, लेकिन इसके बावजूद हालत सुधरने की बजाय बिगड़ रहे है। निगम अधिकारियों पर सीवरेज पाइपें डालने में बडे़ पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं। कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां सीवरेज व्यवस्था तो दुरुस्त हो जाती है, लेकिन बरसात के दिनों में शहर के पानी को डिस्पोजल में डंप करने वाली मोटरें नहीं चलने से पानी की निकासी नहीं हो पाती। निगम हर साल लाखों रुपये खर्च कर डिस्पोजल को ठीक करने का अभियान शुरू करता है। पर पुरानी मशीनों व मोटरें समय पर जवाब दे देती हैं। यही नहीं जिन स्थानों में मोटर ठीक है वहां जेनरेटर न चलने से बिजली गुल होने पर डिस्पोजल काम करना बंद कर देता है। बरसात के दिनों में पानी कई दिनों तक सडक़ों व गलियों में भरा कई बीमारियों को जन्म देता है। बरसात के बाद शहर में मलेरिया, डायरिया व आंख संबंधी बीमारियों की भरमार हर साल देखने को मिलती है। मामले में सेहत विभाग के अधिकारी भी उस समय जागते हैं जब पानी सिर से ऊपर चढऩे लगता है। राज्य सरकार सभी जिला प्रशासन को बरसात से पहले पानी की निकासी व बरसात के बाद होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश जारी करती है, लेकिन इसके लिए समुचित फंड उपलब्ध नहीं होने से उक्त आदेश लागू न होकर फाइलों का श्रृंगार बनकर रह जाते हैं।इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर गुरुकृत कृपाल सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन मानसून के मद्देनजर हर क्षेत्र का सर्वे कर रहा है वही जिले भर में सेंटर बनाकर अधिकारियों की जिम्मेवारी तय कर दी गई है। जिन स्थानों में सीवरेज संबंधी समस्या आ रही है वहां जल्द ही नगर निगम तथा सीवरेज विभाग को समुचित कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा।